Vkmagzine
Online
Welcome to Vk Magzine.

हेल्थ & ब्यूटी

 All the Contents Posted here is from Social media sites and public channel like telegram and other websites. before taking or Using any tips from here Please check one more time from another sources for its nobility


हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

🔰गुलाब जल :-
रोजाना रात को सोने से पहले गुलाब जल को कॉटन बॉल की सहायता से पूरे चेहरे पर लगाएं और रात भर रहने दें, और सुबह नॉर्मल पानीसे धो दें, रिजल्ट आपके सामने होगा

🔰विटामिन सी सीरम या क्रीम :-
रोजाना रात को सोने से पहले विटामिन सी सीरम या क्रीम लगाने से चेहरे पर ग्लो आता है, आप कोई अच्छे ब्रांड का क्रीम या सीरम 0 लें, और अप्लाई करना शुरू करें

11 May 2022
07:02
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


1. रोज खूब सारा पानी पिएं और कैलोरी फ्री चीजें खाएं। 

2. सुबह-सुबह ब्रेकफास्ट जरूर करें। ब्रेकफास्ट न करने से कई बीमारियां होती हैं। 

3. रात के स्नैक्स को लेते समय थोड़ा चूजी बनें। 

4. दिन भर में कुछ कुछ खाते रहें, खाने के बीच लंबा गेप नहीं होना चाहिए। 

5. कोशिश करें कि खाने में प्रोटीन जरूर हो

6. खाने में मसालेदार चीजों को कम करें।

7. खाने के दौरान लाल, हरे संतरी रंग की चीज जरूर लें। इस तीन नंबर के नियम को जरूर मानें और खाने में इन रंगों की खाने की चीजें जैसे गाजर, संतरा और हरी सब्जियों को शामिल करें। 

8. वजन कम करना चाहते हैं तो खाने में नमक की मात्रा को कम करें।

9. वजन कम करना है तो रोज खाना खाने से पहले कम कैलोरी वाला वेजिटेबल सूप लेना चाहिए, इससे 20 फीसदी कम कैलोरी कम कंज्यूम होंगी और आपका पेट भरा-भरा रहेगा। 

10. कैलोरी काउंट को छोड़कर सिर्फ पोषक तत्वों के बैलेंस वाली डाइट लेनी चाहिए। 


19:31
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine



⏳खून की उल्टी....

लाख के पानी में शहद मिलाकर पीने से खून की उल्टी होना रुक जाती है।

⏳मुंह के छाले.....

नीलाथोथा लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग को भुन पीसकर 10 ग्राम शहद में मिलालें। इस मिश्रण को रूई से छालों पर लगायें तथा लार बाहर निकलने दें। मुंह की गंदगी लार के रूप में मुंह से बाहर निकाल कर छालों को ठीक करती है।

⏳गर्भावस्था का भोजन.....

गर्भावस्था में महिलाओं के शरीर में रक्त की कमी आ जाती है। गर्भावस्था के समय रक्त बढ़ाने वाली चीजों का अधिक सेवन करना चाहिए। महिलाओं को दो चम्मच शहद प्रतिदिन सेवन करने से रक्त की कमी नहीं होती है। इससे शारीरिक शक्ति बढ़ती है और बच्चा मोटा और ताजा होता है। गर्भवती महिला को गर्भधारण के शुरू से ही या अंतिम तीन महीनों में दूध और शहद पिलाने से बच्चा स्वस्थ और मोटा ताजा होता है।

⏳हिचकी का रोग.....

• शहद में उंगली डूबोकर दिन में 3 बार चाटने से हिचकी से आराम मिलता है।
• शहद और काला नमक में नींबू का रस मिलाकर सेवन करने से हिचकी से आराम मिलता है।
• प्याज के रस में शहद मिलाकर चाटने से हिचकी बंद हो जाती है।

⏳कान का दर्द.....

• लगभग 3 ग्राम शहद, 6 मिलीलीटर अदरक का रस, 3 मिलीलीटर तिल का तेल और लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग सेंधानमक को एक साथ मिलाकर इसकी थोड़ी सी बूंदे कान में डालकर उसके ऊपर से रूई लगा देने से कान से कम सुनाई देना, कान का दर्द, कान में अजीब-अजीब सी आवाजे सुनाई देना आदि रोग दूर हो जाते हैं।
• 5 मिलीलीटर सूरजमुखी के फूलों का रस, 5 ग्राम शहद, 5 मिलीलीटर तिल का तेल और 3 ग्राम नमक को मिलाकर कान में बूंद-बूंद करके कान में डालने से कान का दर्द ठीक हो जाता है।

⏳बहरापन.....

शहद में समुद्रफेन को घिसकर कान में डालने से बहरेपन का रोग ठीक हो जाता है।

⏳नपुंसकता.....

शहद और दूध मिलाकर पीने से धातु (वीर्य) की कमी दूर होती है। और शरीर बलवान होता है।

⏳कान का बहना....

शहद और नीम की गोंद को बराबर मात्रा में एक साथ मिलाकर कान में 2-2 बूंद डालने से कान मे से मवाद का बहना बंद हो जाता है।

⏳कान के रोग.....

• शहद की 3-4 बूंदे कान में डालने से कान का दर्द पूरी तरह से ठीक हो जाता है।
• कान को अच्छी तरह से साफ करके उसमे रसौत, शहद और और औरत के दूध को एक साथ मिलाकर 2-3 बूंदे रोजाना 3 बार कान में डालने से कान में से मवाद का बहना बंद हो जाता है।

⏳कान में कुछ पड़ जाना.....

रूई की एक बत्ती बनाकर शहद में भिगो लें और कान में धीरे-धीरे से घुमायें। ऐसा करने से कान में जितने भी छोटे-मोटे कीड़े-मकोड़े होगें वो बत्ती के साथ चिपककर बाहर आ जायेंगे।

⏳घाव....

• पुराने से पुराने घाव में हरीतकी को पानी में पीसकर शहद के साथ मिलाकर लेप करने से घाव शीघ्र ही ठीक हो जाता है।
• शहद लगाने से घाव जल्द भरते है।

⏳कौआ गिरना....

4 से 6 ग्राम शहद को कालक का चूर्ण 1 से 3 ग्राम मिलाकर दिन में 2 बार लेने से रोग में लाभ होता है।

⏳पक्षाघात-लकवा-फालिस फेसियल, परालिसिस.....

• लगभग 20 से 25 दिन तक रोजाना लगभग 150 ग्राम शहद शुद्ध पानी में मिलाकर रोगी को देने से शरीर का लकवा ठीक हो जाता है।
• लगभग 28 मिलीलीटर पानी को उबालें और इस पानी के ठंडा होने पर उसमें दो चम्मच शहद डालकर पीड़ित व्यक्ति को पिलाने से कैल्शियम की मात्रा शरीर में उचित रूप में आ जाती है जोकि लकवे से पीड़ित भाग को ठीक करने में मददगार होती है।

⏳आंव रक्त (पेचिश)......

शहद में एक चुटकी अफीम मिलाकर और उसमें घिसकर चाटने से पेचिश के रोगी का रोग दूर हो जाता है।

⏳भगन्दर.....

शहद और सेंधा नमक को मिलाकर बत्ती बनायें। बत्ती को नासूर में रखने से भगन्दर रोग में आराम मिलता है।

health_beautys_tips@vkmagzine

⏳मोच.....

मोच के स्थान पर शहद और चूना मिलाकर हल्की मालिश करने से आराम होता है।

⏳प्रसव में देरी.....

स्त्री को गुनगुने गर्म पानी के टब में बैठायें तथा शहद में भिगोये हुए कपडे़ को योनि में रखे। इससे सर्दी का असर दूर हो जाता है और प्रसव हो जाता है।

⏳प्यास अधिक लगना......

• शहद को मुंह में भरकर कुछ देर तक रखकर कुल्ला करें। इससे तेज प्यास शांत हो जाती है।
• पानी में शहद या चीनी मिलाकर पीने से गले की जलन व प्यास मिट जाती है।
• 20 ग्राम शहद को मुंह में 10 मिनट तक रखें फिर कुल्ला कर दें। इससे अधिक तेज प्यास भी शांत हो जाती है।

⏳ 6 June 2022
06:58
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

स्ट्रेच मार्क्स से छुटकारा पाने के लिए अपनाएं ये घरेलू उपाय, चंद दिनों में दूर होगी समस्या 👑
👇👇👇👇👇👇👇👇

चीनी-
एक चम्मच शक्कर को बादाम तेल की कुछ बूंदों में डालें और नींबू के रस की 3-4 बूंदे डालकर मिश्रण बना लें। इस मिश्रण को नहाने से पहले 2 से 3 मिनट तक रखें और फिर धो लें। ऐसा एक माह तक करने से स्ट्रेच मार्क्स दूर हो जाते हैं।

आलू-
आलू में विटामिन तथा खनिज पाए जाते हैं। एक आलू का रस निकाल लें और उसे स्ट्रेच मार्क्स पर लगाएं। 1-2 हफ्ते तक निरन्तर लगाने से स्ट्रेच मार्क्स, निशान, दाग-धब्बे आदि से छुटकारा मिलने में लाभ होता है।

एलोवेरा-
एलोवेरा आपकी स्किन को होने वाले नुकसान की मरम्मत के लिए काफी प्रभावी है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो इन मार्क्स से निजात दिलाने में मदद करते हैं। इसके लिए प्रभावित जगह पर एलोवेरा जेल लगा लें। करीब 10 मिनट लगा रहने के बाद साफ पानी से धो लें। अच्छे रिजल्ट के लिए इसका इस्तेमाल रोजाना करें।
2 July 2022
08:49
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

यदि आप स्किन की एलर्जी से घर पर ही तुरंत राहत पाना चाहते हैं, तो इन 3 टिप्स को आजमाएं -

नीम की पत्तियों को 6 से 8 घंटे के लिए पानी में भिगो कर पीस रखें। ...

त्वचा पर हल्का गर्म नारियल तेल लगाएं और रातभर लगा रहने दें। ...

जब भी आपको त्वचा पर कोई एलर्जी महसूस हो, तो आप ठंडे पानी से नहा लिजीए।


हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

🔰चॉकलेट खाने के फायदे:-

👉अगर आपका मूड ऑफ है तो आप चाकलेट खा कर देखिए आपका
मूड रिफ्रेश हो जायेगा।

👉चॉकलेट खाना का सबसे अच्छा परिणाम ये होता है की आपकी त्वचा हेल्दी और ग्लोइंग हो जाती है।

👉चॉकलेट में आयरन मैग्नीशियम फास्फोरस जैसे तत्व पाए जाते है जो आपके हेयर फॉल को रोकते है।

👉अगर आप डाइटिंग पर है तो चॉकलेट खाने से आपको भरपूर मात्रा में एनर्जी मिलेगी साथ ही वजन भी नही बढ़ेगा।

👉लेकिन हर चीज लिमिट में रखनी चाहिए,ये नही की पूरा दिन चॉकलेट ही खाते रहे🤣🤣😆



30 September 2022
06:08
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

🔖 "पान के पत्तों का इस्तेमाल" 🔖
-------------------------------------------
🪵🍃🪵🍃🪵🍃🪵

पान का प्रयोग भारतवर्ष में सिर्फ़ खाने के लिए ही नहीं अपितु पूजन , यज्ञ तथा अतिथियों के स्वागत इत्यादि में भी किया जाता है , पान को औषधि के रूप में भी प्रयोग किया जाता है , जिससे आज हम आपका परिचय करने जा रहे हैं….

🟡 मुँह के छालों के लिए पान के पत्तों के रस में शहद मिलाकर लगाने से लाभ होता है , यह प्रयोग दिन में दो -तीन बार किया जा सकता है….

🟢 घाव के ऊपर पान के पत्ते को गर्म करके बांधें तो सूजन और दर्द शीघ्र ही ठीक होकर घाव भी ठीक हो जाता है….

🔵 शरीर में होने वाली पित्ती होने पर , एक चम्मच फिटकरी को थोड़े से पानी में डालें , तीन खाने वाले पान के पत्ते लें | फिटकरी वाले पानी में मिलाकर इन पत्तों को पीस लें | इस मिश्रण को पित्ती के चिकत्तों पर लेप करें , लाभ होगा…..

🔴 मोच आने पर पान के पत्ते पर सरसों का तेल लगाकर गर्म करें , फिर इसे मोच पर बांधें शीघ्र लाभ होगा….
________
10 October 2022
07:46
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
कितने परेशान हैं। स्त्री-पुरुष यहाँ तक कि नई पीढ़ी के बच्चे तक सुन्दर दिखने के लिए मेकअप के नए-नए तरीक़े आज़माने में लगे हैं। सुन्दरता के प्रति इतनी जागरूकता शायद पहले कभी नहीं रही। यदि इतनी ही जागरूकता समूचे स्वास्थ्य को लेकर लोगों में होती तो चिन्ता की विशेष बात नहीं थी। लेकिन दुर्भाग्य से लोग स्वास्थ्य के प्रति पूरी मनमानी करते हुए भी कृत्रिम प्रसाधनों के सहारे अपना सौन्दर्य निखारना चाहते हैं। अब कौन समझाए कि हँसना और गाल फुलाना, दोनों एक साथ नहीं हो सकते। अगर कुछ लोग यह सोचते हों कि वे स्वास्थ्य के प्रति पूरे लापरवाह रहकर भी अपने सौन्दर्य की हिफ़ाज़त कर लेंगे तो वे निरा भ्रम के ही शिकार हैं। बाज़ारू सौन्दर्य प्रसाधनों का नकली आवरण असलियत को कितनी देर छुपाएगा? वास्तव में सच्चे सौन्दर्य का रहस्य तो अच्छे स्वास्थ्य में ही छुपा है। स्वास्थ्य निखरेगा तो सौन्दर्य में अपने आप निखार आ जाएगा, यह तय है।

क्रमशः___

11 October 2022
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

11:03
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
पड़ेगा। अब सवाल यह हो सकता है कि स्वास्थ्य ठीक रखने के लिए किया क्या जाए? तो इसका सीधा सा उत्तर है कि दिनचर्या सुधार ली जाए, तो बहुत कुछ ठीक हो जाएगा। दिनचर्या में आहार, निद्रा और व्यायाम पर ध्यान देना सबसे महत्त्वपूर्ण बातें हैं। आहार के विषय में आयुर्वेद का प्राचीन आदर्श है-हितभुक् मितभुक् ऋतभुक्। भाव यह है कि भोजन शरीर की अवस्था के अनुकूल हितकारी, उचित मात्रा में और प्रकृति सम्मत होना चाहिए। जिन्हें अपने सौन्दर्य-रक्षा की चिन्ता है उन्हें शुद्ध सात्विक शाकाहार अपनाना चाहिए। दाल, चावल, गेहूँ, जौ, बाजरा आदि विविध अन्नों के साथ हरी साग-सब्ज़ी, फल व सलाद की समुचित मात्रा अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। यह ज़रूरी नहीं है कि स्वास्थ्य सुधारने के लिए आप महँगे फल-मेवे की तरफ़ ही भागें। मौसम के अनुसार मिलने वाले ढेरों सस्ते फल, सब्जियां आदि हैं जिनका उपयोग अपनी शारीरिक प्रकृति को देखते हुए किया जाय तो स्वास्थ-रक्षा का काम बखूबी हो सकता है।
आहार के विषय में यह ध्यान देने वाली बात है कि वर्तमान में जो लोगों की दिन भर कुछ न कुछ खाते रहने की आदत बढ़ रही है, यह ग़लत है। इसके अलावा ‘फास्ट फूड’ संस्कृति ने आहार के मामले में और भी ज़्यादा भ्रष्टाचार फैला दिया है। अगर अपने स्वास्थ्य व सौन्दर्य की हिफ़ाज़त करनी है तो इन आदतों को भी सुधारना ही पड़ेगा। दिन भर में मुख्य भोजन सिर्फ दो बार करना ही सेहत की दृष्टि से उचित है। यदि दोपहर 12 बजे तथा शाम 8 बजे के आस-पास भोजन करने की आदत हो तो सबेरे 8 बजे और तीसरे पहर 4 बजे के आस- पास हल्का सुपाच्य नाश्ता लिया जा सकता है। वैसे शाम का भोजन सूर्यास्त तक कर लेना श्रेयस्कर है। जो लोग दोपहर का भोजन जल्दी करते हैं, वे सबेरे नाश्ते की आदत न बनायें तो अच्छा है। भोजन के साथ ढेर सारा पानी पीने की भी लोगों की अक्सर ग़लत आदत देखने को मिलती है। यह आदत एक न एक दिन पाचन संबंधी विकारों का कारण अवश्य बनती है। भोजन में यदि रोटी आदि सूखी चीजे़ें ज़्यादा मात्रा में हों, तो ही बीच-बीच में यदा-कदा एकाध घूँट पानी लिया जा सकता है, अन्यथा भोजन के कम से कम डेढ़ दो घंटे बाद ही पर्याप्त मात्रा में पानी पीना उचित है। स्वास्थ्य की दृष्टि से दिन भर में कम से कम 7-8 गिलास पानी अवश्य पीना चाहिए। दोपहर के भोजन के बाद आधा घंटा विश्राम तथा रात के भोजन के बाद लगभग आधा घंटा टहलने की आदत स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है। आहार के बाद निद्रा पर भी विशेष ध्यान देने की ज़रूरत है। रात देर तक जगने तथा सबेरे देर तक सोने की आदत आजकल आम बात हो गई है। यदि कोई विशेष विवशता न हो तो रात 10 बजे तक सो जाना तथा सबेरे 4-5 बजे तक जग जाना आदर्श स्थिति है। अलबत्ता, कुछ लोगों की शारीरिक प्रकृति ऐसी भी हो सकती है, जिन्हें नींद का समय कुछ कम या ज़्यादा भी करना पड़ सकता है। सामान्य नियम यह है कि जितनी नींद से मन और शरीर में प्रफुल्लता और ताज़गी बनी रहे, उतनी नींद पर्याप्त है।

क्रमशः___

08:13
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
व्यायाम वास्तव में अनिवार्य है। जो लोग व्यायाम या शरीर श्रम पर पर्याप्त ध्यान नहीं देते वे पौष्टिक आहार का भी उचित लाभ नहीं ले सकते। खाया पिया शरीर में अच्छी तरह जज़्ब हो, इसके लिए व्यायाम या श्रम ज़रूरी है। स्वास्थ्य और सौन्दर्य रक्षा के लिए प्रतिदिन एकाध घंटे का समय व्यायाम के लिए अवश्य दिया जाना चाहिए। योगासन-व्यायाम की किसी अच्छी पुस्तक से इस विषय में जानकारी ली जा सकती है। बेहतर है कि किसी योगासन-व्यायाम केन्द्र या विशेषज्ञ व्यक्ति से उचित विधि से प्रशिक्षण लेने के बाद ही इसे दिनचर्या में शामिल किया जाय।
अन्त में, स्वास्थ्य और सौन्दर्य की दृष्टि से ब्रह्मचर्य पालन पर भी किंचित संकेत कर देना आवश्यक है। वैसे बह्मचर्य के व्यापक अर्थों में आहार, निद्रा, व्यायाम जैसी चीज़ें भी शामिल हैं; परन्तु यहाँ ब्रह्मचर्य का उल्लेख वीर्य-रक्षा के विशेष अर्थ में किया जा रहा है। विवाहित लोगों के लिए सिर्फ इतना संकेत पर्याप्त है कि अगर उन्हें स्वास्थ्य और सौन्दर्य को बरक़रार रखना है तो वे स्त्री-संसर्ग के मामले में ऋतुगामी बनें, अर्थात् अति करने से बचें और संयम से काम लें। सांस्कृतिक मूल्यों के अनुसार जो ऋतुगामी है वह समझिए कि ब्रह्मचारी ही है। अविवाहित युवाओं के लिए तो खैर हर प्रकार से ब्रह्मचर्य पालन अनिवार्य है । भारतीय संस्कृति में यदि 25 वर्ष की आयु तक ब्रह्मचर्यपूर्वक विद्या प्राप्ति का संदेश दिया गया है तो इसका वास्तव में बहुत व्यापक उद्देश्य है। जिसने युवावस्था में ब्रह्मचर्य का मन, वचन, कर्म से समुचित पालन किया, उसका पूरा जीवन ही सौन्दर्यता से परिपूर्ण, आनन्दमय और तेजस्वी हो जाता है; महापुरुषों के जीवन-चरित्र पढ़ने से इसके ढेरों प्रमाण मिल जाते हैं। आज अगर उपभोक्तावादी संस्कृति के प्रवाह के चलते ब्रह्मचर्य विनाश की परिस्थितियाँ दिख रही हैं तो यह हम सबके लिए ही चिन्ता का विषय होना चाहिए। यहाँ पृष्ठ सीमा के नाते ब्रह्मचर्य पालन की विस्तार से चर्चा न करके सिर्फ कुछ सांकेतिक बातें ही कही गई हैं। वैसे जिनको ब्रह्मचर्य पालन का वैज्ञानिक तरीक़े से महत्त्व जानना हो, उन्हें डॉ. सत्यव्रत सिद्धान्तालंकार लिखित ‘ब्रह्मचर्य-संदेश’ नामक पुस्तक एक बार अवश्य पढ़नी चाहिए।
इतनी चर्चा के बाद यह समझ में आ जाना चाहिए कि सौन्दर्य के लिए स्वास्थ्य-रक्षा कितनी ज़रूरी है। यह बात ज़रूर है कि यहाँ आहार, निद्रा, व्यायाम आदि के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी जा रही है। (इन सबकी जानकारी के लिए आप हमारे एक अन्य channel jivanadarshpustakaalay से जुड़ सकते हैं) ऐसा इसलिए है कि स्वास्थ्य-रक्षा के विविध पहलुओं पर लेखक की ‘स्वदेशी चिकित्सा’ नामक पुस्तक में पर्याप्त चर्चा की गई है। कुल मिलाकर उपरोक्त सभी बातों का संक्षेप में यही उद्देश्य है कि इस पुस्तक में सुझाए गए सौन्दर्यवर्धक उपायों को आज़माते हुए स्वास्थ्य-रक्षा के लिए आहार-विहार भी पर अवश्य ध्यान देना चाहिए।  

क्रमशः___

हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


तमाम लोग अपने चेहरे के मूल ढाँचे को लेकर ही दुखी रहते हैं और सुडौलता लाने के चक्कर में प्लास्टिक सर्जरी तक की सहायता लेते हैं। परंतु मेरे विचार से चेहरे की प्राकृतिक बनावट के प्रति चिंता बेमानी है और कई अर्थों में यह हमारे विकृत सौन्दर्यबोध को ही दर्शाता है। परमात्मा ने स्वस्थ माँ-बाप द्वारा एक स्वस्थ व्यक्ति के रूप में जैसे चेहरे-मोहरे के साथ हमें इस संसार में भेजा है, उस पर संतुष्ट रहने में ही असली सुख है। सुन्दरता के तथाकथित मानदण्डों पर खरा उतरने के लिए कृत्रिम साधनों की सहायता लेने से आपके मन की मुराद पूरी तरह से पूरी तो खै़र नहीं ही हो सकती, उल्टे कई बार नुकसानदेह नतीजों का भी सामना करना पड़ सकता है। विशेष अपरिहार्य परिस्थितियों में कृत्रिम साधन प्रयोग किए जाएं तो ही उचित कहा जा सकता है।
दरअसल चेहरे के सौन्दर्य का असली अर्थ यह है कि चेहरा स्वस्थ हो तथा ओज और ताज़गी से परिपूर्ण रहे। चेहरे के स्वास्थ्य और सौन्दर्य सुधारने का यह भी अर्थ नहीं है कि यह कोई एकदम से अलग विषय है। सही बात यह है कि अगर आपका शरीर स्वस्थ है तो स्वास्थ्य की झलक चेहरे पर भी दिखाई ही देगी। हाँ, थोड़ी अतिरिक्त देखभाल करके चेहरे की चमक, दमक और रौनक अवश्य बढ़ायी जा सकती है।
इस प्रकरण में इसी उद्देश्य से कुछ ऐसे देशी और हानिरहित नुस्खे़ प्रस्तुत किए जा रहे हैं, जिन्हें आप अपना आहार-विहार दुरुस्त रखते हुए आज़माएंगे तो कील-मुहाँसे, दाग़-धब्बे, झाँई-झुर्री जैसी तमाम समस्याओं से मुक्ति मिलेगी और आप सुहाने मुखड़े के मालिक बन जाएंगे।
नुनुस्खों का इस्तमाल करते समय ध्यान रखने वाली एक विशेष बात यह है कि जिन नुस्ख़ों में तेल या चिकनाई की चीज़ें मिली हों, उनका प्रयोग ठण्ड के मौसम में विशेष लाभप्रद रहता है।

**********
1- चेहरे पर काली मिट्टी का लेप लगाएं। यह ऊपरी चिकनाहट दूरकर मृत त्वचा को हटाती है।
**********




"दाद, खाज, खुजली की समस्या को करें बाय-बाय इन घरेलू नुस्खों को आजमाकर"
------------------------------------------
🪵🍃🪵🍃🪵🍃🪵

📒 हल्दी

एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होती है हल्दी। जो इस संक्रमण को बढ़ने से रोकती है। तो हल्दी में पानी मिलाकर गाढ़ा सा पेस्ट तैयार कर दाद वाली जगह पर लगाकर छोड़ दें, सूखने पर धो लें। बहुत जल्द इसका असर नजर आता है…


📕 टमाटर और नींबू

खूबसूरती बढ़ाने के अलावा दाद से छुटकारा दिलाने में भी टमाटर और नींबू का रस है बेहद कारगर, क्योंकि इसमें विटामिन सी पाया जाता है। जो स्किन से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है और बचाता भी है। तो टमाटर के जूस का सेवन करें। और नींबू के रस के साथ इमली के बीज को पीस कर दाद पर लगाएं…


📗 नारियल तेल

नारियल के तेल में माइक्रोबियल और एंटीफंगल तत्व होते है। बरसों से नारियल तेल का इस्तेमाल स्किन से जुड़ी समस्याओं में ही नहीं बल्कि दाद के इलाज में भी किया जाता रहा है। तो इस्तेमाल से पहले इसे हल्का गर्म कर लें और फिर प्रभावित जगह पर लगाएं। दिन में दो से तीन बार यूज करें…


📘 नीम

नीम का तेल हो या इसकी पत्तियां का पेस्ट, दोनों ही दाद खत्म करने का सटीक इलाज हैं। आधे चम्मच नीम के पत्ते के पाउडर में एक चम्मच गर्म पानी मिलाकर पेस्ट बना लीजिए और इसे दाद पर लगाएं….


📙 लहसुन

लहसुन में एंटीफंगल गुण मौजूद होता है जो फंगल इंफेक्शन दूर करने में मदद करता है। लहसुन की दो से तीन कलियों का पेस्ट बनाएं। इसमें थोड़ा शहद और ऑलिव ऑयल भी मिला लें और दाद पर लगाएं। बेहद असरदार है ये नुस्खा...
________

हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


दुनिया का शायद ही कोई कोना ऐसा होगा, जहाँ साबुन का साम्राज्य न फैला हुआ हो। आज की पीढ़ी को नहाने के समय साबुन की ज़रूरत कुछ वैसे ही महसूस होती है जैसे कि भूख के समय भोजन की। शायद ही इने-गिने लोग हों जो साबुन के गुलाम न होंगे। आदत तो कुछ ऐसी हो गई है कि अगर एक-दो दिन भी बग़ैर साबुन के नहाना पड़ जाय तो लगता है कि जैसे कई दिनों से शरीर पर पानी ही न पड़ा हो।
वास्तव में विज्ञापनी मायाजाल ने साबुन को हमारी अनिवार्यताओं में शामिल कर दिया है। अन्यथा, त्वचा के स्वास्थ्य की दृष्टि से साबुन एकदम गै़रज़रूरी और नुकसानदेह चीज़ है। साबुन में इस्तेमाल किए जाने वाले रसायन तमाम चर्मरोगों के कारण बनते हैं। हालाँकि जैसे-जैसे लोगों की स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ रही है वैसे-वैसे त्वचा के प्रति अहानिकर होने का दावा करने वाले साबुनों की संख्या भी बढ़ने लगी है। कई साबुन निर्माता दावा करते हैं कि उनका साबुन रसायन मुक्त है या जड़ी-बूटियों के मिश्रण से बनाया गया है, परंतु यह अच्छी तरह याद रखना चाहिए कि उच्च से उच्च कोटि के साबुन में भी झाग पैदा करने के लिए कम से कम एक नुकसानदेह रसायन एस.एल.एस. (सोडियम लॉरेल सल्फेट) तो प्राय: मिलाया ही जाता है। अलबत्ता, कुछ निर्माता साबुन या शैम्पू के रैपर पर जड़ी-बूटियों की लंबी फेहरिस्त तो लिखते हैं पर हानिप्रद रसायन मिलाने के बावजूद इनका नाम नहीं देते। भक्त क़िस्म के जो लोग साबुन मल-मलकर नहाने के बाद पवित्र (?) होकर घंटों भजन-पूजन करते हैं, उन्हें यह अच्छी तरह याद रखना चाहिए कि ज़्यादातर साबुनों में बूचड़ख़्ाानों से भारी मात्र में निकली चर्बी धड़ल्ले से मिलाई जाती है।
जो लोग यह सोचकर शरीर पर साबुन मलते हैं कि इससे मैल साफ़ होती है या सौन्दर्य में निखार आता है, वे बहुत हद तक भ्रम में जीते हैं। याद रखें कि साबुन से अगर कुछ ऊपरी गंदगी साफ़ होती है तो रसायनों की कहीं ज़्यादा ख़्ातरनाक गंदगी त्वचा के रोम छिद्रों से शरीर के भीतर भी प्रवेश कर जाती है।(और अगर साबुन और फेररलवली लगाने से शरिर गोरा ही होता तो आज तक हमारी भैंस काली ही क्यो है🤪 हम तो उसे अक्सर साबुन से नहलवाते है 🙂) दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि आजकल की अपने को सभ्य और आधुनिक समझने वाली कई माँएं अपने नन्हे-मुन्ने शिशुओं तक को भाँति-भाँति के साबुनों से ख़्ाूब रगड़-रगड़कर इसलिए नहलाती हैं कि इससे धीरे-धीरे उनके वर्ण में कुछ निखार आ जाएगा। अब इन सभ्य क़िस्म की मूर्ख माताओं को कौन समझाए कि अपने बच्चों का हित साधने की कोशिश में वे उनका अहित ही कर रही हैं। साबुन रगड़ने से रंग सुधरने के बजाय त्वचा कुछ बदरंग ही होगी, यह तय है। भाँति-भाँति के ‘बेबी-सोप’ भी अंतत: निरापद नहीं हैं।
ग़ौर करने वाली बात यह भी है कि जो फ़िल्मी हिरोइनें साबुनों के लुभावने विज्ञापनों में नज़र आती हैं वे ही अपनी असली ज़िन्दगी में उन साबुनों को इस्तेमाल करने लायक़ नहीं समझतीं। साबुन के बजाय अपनी सौन्दर्य-रक्षा के लिए वे प्राकृतिक और घरेलू तरीक़े ही ज़्यादा अपनाती हैं।
साबुन विरोधी इतनी बातों के बाद सवाल यह है कि अब अगर साबुन न लगाएँ तो कैसे नहाएं ? साबुन लगाने की जिनकी रोज़ की आदत है, उनके लिए बगै़र साबुन के स्नान की कल्पना तो और भी कष्टदायी है। पर यह वास्तव में एकदम से मुश्किल नहीं है। मन को थोड़ा दृढ़ कर लीजिए तो साबुन की ज़रूरत बड़ी आसानी से समाप्त हो जाएगी। त्वचा प्रकरण में वर्णित नुस्ख़ों में साबुन के कई बेहतर घरेलू विकल्प मिल जाएँगे। उन्हें इस्तेमाल करके त्वचा के सौन्दर्य की ज़्यादा अच्छी देखभाल की जा सकती है। यूँ शरीर पर कुछ भी न लगाएं तो भी नहाते समय गीले तौलिये से रगड़-रगड़कर त्वचा की सफ़ाई कर लेना पर्याप्त है। अगर तेल मालिश करते हों तो एक छोटी तौलिया अलग से रखें। स्नान के बाद इसी सूखी तौलिया से शरीर को रगड़-रगड़कर पोंछ लें, तो आपकी त्वचा स्निग्ध और स्वस्थ तो बनेगी ही और साबुन की ज़रूरत भी नहीं पड़ेगी। इसके अलावा सुविधा हो तो बेसन, मुलतानी मिट्टी और कई तरह के उबटन बेहतर विकल्प हैं। दूध से दाढ़ी बनाने और नहाने का नुस्ख़ा भी आज़मा सकते हैं। अब यदि इतने पर भी साबुन को अलविदा कह पाना मुश्किल ही लग रहा हो तो नीम, रीठा, शिकाकाई आदि जड़ी-बूटियों के योग से बने कुछ अच्छे क़िस्म के साबुन यदा-कदा इस्तेमाल किए जा सकते हैं। बच्चों के लिए साबुन के बजाय स्नान कराने से पहले उबटन लगाना सबसे अच्छा उपाय है।
 और एक अन्तिम बात आप लोग comment बाँक्स में Natural beauty से संबंधित प्रश्न पूछा करें। उसी पर आधारित अगली पोस्ट मिलेगी।


16:17
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


सर्दी के मौसम में सर्दी के असर से बचने के लिए लोग गर्म कपड़ों का इस्तेमाल करते हैं , लेकिन शरीर को चाहे कितने ही गर्म कपड़ों से ढक लिया जाए ठंड से लड़ने के लिए बॉडी में अंदरूनी गर्मी होनी चाहिए । शरीर में यदि अंदर से खुद को मौसम के हिसाब से ढालने की क्षमता हो तो ठंड कम लगेगी और कई बिमारियां भी नहीं होंगी ।

यही कारण है कि ठंड में खान पान पर विशेष रूप से ध्यान देने को आयुर्वेद में बहुत महत्त्व दिया गया है ।

सर्दियों में यदि खानपान पर विशेष ध्यान दिया जाए तो शरीर संतुलित रहता है और सर्दी कम लगती है ।

आज हम आपको कुछ ऐसी ही आहारों के बारे में बाताने जा रहे हैं जिनका उपयोग सर्दी से आपको राहत जरूर देगा ।👇

सर्दीयों में जरूर खाएं ये चीजें , इनसे मिलती है शरीर को शक्ति और गर्मी

1 - हल्दी : हल्दी के गुणों के बारे में कौन नहीं जानता है । इसमें ऐसे गुण हैं जो छोटे - छोटे से लेकर बड़ी बिमारियों को भी ठीक कर सकता है । अगर आप भी सर्दियों से बचना चाहते है तो एक गिलास गर्म दूध में थोड़ी हल्दी डालकर रोज पीएं । इससे आपको अपनी ठंड भगाने और इससे आराम भी मिलेगा ।


2 - शकरकंदी : यह एक तरह का फल है जिसमें विटामिन - ए , विटामिन बी , आयरन और कैल्शियम पाया जाता है । सर्दी के मौसम में शकरकंदी खाना आपके लिए फायदेमंद रहेगा ।

3 - आंवला : सर्दी के मौसम में अपने खाने में आंवले को शामिल करें । सीधे नहीं खा सकते हैं तो या तो । मुरब्बे के तौर पर या फिर किसी और तरह से हर दिन के खान - पान में इसे इस्तेमाल करें । यदि आप डाइट चार्ट का पालन कर रहे हैं तो फिर आंवला मुरब्बा लेने की बजाय किसी और रूप में लें ।

4 - हरी मिर्च : कड़कड़ाती ठंड से छुटकारना पाना है तो मिर्ची असरकारक साबित हो सकती हैं , मिर्ची खाने से शरीर का तापमान बढ़ता है ।

विटामिन सी , ई और फाइबर होने के साथसाथ इसमें एंटीऑक्सीडेंट होता है जो कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है । इसे खाने से कैंसर जैसे रोगों से बचाव होता है इसे खाने से हमारे शरीर में गर्मी उत्पन्न होती है ।

इसका तीखापन हमारे शरीर का तापमान बढ़ाने का काम करता है । जिससे हमारा शरीर अंदर से गर्म रहता है । इसी कारण सर्दियों में यह ठंड से बचाती है । इसलिए मिर्च का सेवन जरूर करें।

5 - अदरक : क्या आप जानते हैं कि रोजाना के खाने में अदरक शामिल कर बहुत सी छोटी - बड़ी बिमारियों से बचा जा सकता है । सर्दियों में इसका किसी भी तरह से सेवन करने पर बहुत लाभ मिलता है । इससे शरीर को गर्मी मिलती है और डाइजेशन भी सही रहता है।

6 - देसी घी :सर्दियों में देशी घी का उपयोग किया जाना चाहिए । यदि आप किसी डाइट चार्ट को फालो नहीं कर रहे हैं तो घी इस मौसम में अच्छा रोग प्रतिरोधक माना जाता है । यदि आप शक्कर और घी से परहेज करते हैं तो मौसमी फलों का सेवन करें ।

7 - मेवे का सेवन : तिल्ल और गुड़ के लड्डू सर्दी से बचाव के लिए बेहतरीन उपाय माना जाता है । ठण्ड के मौसम में सूखे मेवे , बादाम आदि का सेवन भी लाभदायक होता है । या तो इन्हें भिगोकर खाएं या दूध में मिलाकर या फिर सूखे मेवों का दरदरा पॉउडर - सा बना लें और इसे दूध में मिलाकर प्रोटीन शेक सा बना लें ।

आप इस प्रकार भी सर्दियो में अपनी health के साथ साथ skin का ख्याल रख सकते हैं। इसकी दूसरी पोस्ट जल्द ही भेजने की कोशिश रहेगी।।

हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


बचपन में सर्दियों में नानी-दादी घर के बच्चों को सर्दी के मौसम में रोज हल्दी वाला दूध पीने के लिए देती थी। हल्दी वाला दूध जुकाम में काफी फायदेमंद होता है क्योंकि हल्दी में एंटीआॅक्सीडेंट्स होते हैं जो कीटाणुओं से हमारी रक्षा करते हैं। रात को सोने से एक दो घंटे पहले इसे पीने से तेजी से आराम पहुचता है. हल्दी में एंटी बैक्टीरियल और एंटी वायरल प्रॉपर्टीज मौजूद रहती है जो की इन्फेक्शन से लडती है. इसकी एंटी इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज सर्दी, खांसी और जुकाम के लक्षणों में आराम पहुंचाती है.

हल्दी में अमिनो एसिड अनिद्रा को दूर करता है.।

हल्दी का दूध पीरियड्स के दर्द को कम करता है।

हल्दी दूध कैंसर मरीज़ को भी पिलाया जाता है।

हल्दी दूध एक एंटी-माइक्रोबायल है, जो बैक्टीरियल इंफेक्शन और वायरल इंफेक्शन के साथ लड़ता है. ये दूध सांस संबंधी समस्याओं से निपटने में मदद करता है, क्योंकि इसे पीने से शरीर का तापमान बढ़ता है जिसकी वजह से लंग कंजेशन और साइनस में आराम पहुंचता है. ये अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी समस्याओं में भी राहत पहुंचाता हैं।

एक कप दूध लें और इसे उबाल लें. एक चुटकी हल्दी(एक capsule जितनी) और स्वाद के लिए थोड़ी चीनी / गुड़ मिलाएं.सुबह भी ले सकतें हैं, शाम को भी ले सकते हैं।

Note:- श्रृखंला को गति देने के लिए Natural Beauty से संबंधित प्रश्न comment बाँक्स में पूछते रहे ।।


क्रमशः_⬇️⬇️

 😎  😍
20:13
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


शरीर की बनावट कितनी ही सुंदर हो, नैन-नक्श कितने ही आकर्षक हों, पर अगर त्वचा रोगग्रस्त हो तो सारी सुंदरता पर ग्रहण सा लग जाता है। हमारे देश में त्वचा को स्वस्थ, सुंदर बनाए रखने के लिए उबटन आदि की प्राचीन परंपरा रही है। कृत्रिम सौन्दर्य प्रसाधनों के बजाय प्राकृतिक और आयुर्वेदिक स्वदेशी उपायों को अपनाना ही ज़्यादा बेहतर है। इस प्रकरण में त्वचा को स्निग्ध, सुंदर, मुलायम और स्वस्थ बनाये रखने के लिए कुछ घरेलू नुस्ख़े प्रस्तुत किए जा रहे हैं। इन्हें आज़माकर लाभ उठाया जा सकता है-
**********
आँवले के चूर्ण का उबटन शरीर पर लगाने से त्वचा साफ़, स्वच्छ तथा मुलायम होती है।
**********
स्नान से पूर्व एक गिलास पानी में दो चम्मच शहद तथा एक नींबू का रस घोलकर चेहरे और शरीर पर लगाकर कुछ देर के लिए छोड़ दें; इसके बाद स्नान करें। इससे त्वचा की स्निग्धता और चमक बढ़ती है तथा चर्मरोग भी दूर होते हैं।
**********
जौ, बाजरा तथा चने का आटा, सब 1-1 चम्मच लेकर इसमें 1 चम्मच नींबू का रस तथा 1 चम्मच हल्दी चूर्ण मिलाएं। अब जैतून का तेल इतना लें कि सब गाढ़ा उबटन बन जाए।
इस उबटन को चेहरे पर लगाएं या शरीर में, इससे त्वचा साफ़ और सुंदर बनती है। पूरे शरीर पर लगाना हो तो सभी चीज़ों की मात्रा बढ़ा लेनी चाहिए।
**********
त्वचा को निरोगी रखने के लिए पानी में नींबू का रस मिलाकर स्नान करना चाहिए।
**********
पानी में नींबू का रस तथा शहद मिलाकर नियमित पीने से रक्त साफ़ होता है तथा त्वचा रोग नहीं होते।
हालाँकि साँवली त्वचा को एकदम से गोरा बनाने के लिए अभी तक ऐसा कोई नुस्ख़्ाा नहीं बना है, परंतु जो लोग अपनी त्वचा का रंग साफ़ और कांतिमान बनाना चाहते हैं, उन्हें कोई भी उपचार अपनाने से पहले अपना आहार-विहार ठीक करना चाहिए। किसी भी हालत में क़ब्ज़ न होने दें। स्त्रियाँ अनियमित मासिक धर्म और प्रदर आदि की बीमारियों से बचें।
इतने उपाय के बाद 25 ग्राम सौंफ तथा 25 ग्राम कच्चा नारियल दिन में एक बार सबेरे या भोजन के बाद ख़्ाूब चबा-चबाकर नियमित 6 माह तक खाएं। इससे त्वचा में निखार आता है और त्वचा का रंग उजला होता है। गर्भवती महिलाएं पूरे गर्भकाल में यह प्रयोग करें तो संतान गोरी पैदा होती है।
इस आंतरिक प्रयोग के साथ अपने अनुकूल कोई बाह्य प्रयोग भी अपना सकते हैं।
********** 
नींबू और संतरे का रस मिलाकर शरीर और चेहरे पर लगाने से मैल साफ़ होता है तथा रंगत सुधरती है।

Note:- श्रृखंला को गति देने के लिए Natural Beauty से संबंधित प्रश्न comment बाँक्स में पूछते रहे ।। आप लोग प्रश्न beauty से ही संबंधित पूछिए। अगर आपको रोगों से संबंधित प्रश्न पूछने है तो हमारे अन्य टेलीग्राम चैनल से जुड़े। वहां पर आयुर्वेद की ओर लौटो श्रृखंला चल रही है वहां पर आप लोग रोगो से संबंधित प्रश्न पूछ सकते हैं।।



26 October 2022
10:21
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

सौन्दर्यरक्षक पाक
जो स्त्रियाँ किसी बीमारी के बाद कमजो़री की शिकार हो गई हों और सौन्दर्य नष्ट हो गया हो, उन्हें यह पाक निम्न अनुसार बनाकर सेवन करने से लाभ मिल जाता है-
सोंठ-डेढ़ तोला, काला जीरा-1 तोला, विधारा-डेढ़ तोला, चव्य- 1 तोला, अकरकरा- डेढ़ तोला, तेज़पात-1 तोला, धनिया-डेढ़ तोला, सफे़द जीरा-डेढ़ तोला, बरियारी की जड़-2 तोला, इलायची-2 तोला, चित्रक-2 तोला, पीपल-1 तोला, जावित्री-1 तोला, त्रिफला-2 तोला, नागकेसर-डेढ़ तोला, गोदुग्ध 5-सेर, चीनी-ढाई सेर तथा गाय का घी तीन-पाव।
निर्माणविधि- पहले दूध को इतना पकाइए कि आधा रह जाए। इसके बाद इसमें सोंठ पीसकर मिला दें। मावा बन जाने पर सभी औषधियों को कपड़छन चूर्ण करके इसमें मिला दें तथा एक पाव घी में सेंकें, बाद में शेष घी मिला दें। औषधियाँ अच्छी तरह एकसार हो जाएं तो चीनी की चाशनी बनाकर इसमें डालें तथा पिश्ता, बादाम, नारियल, चिरौंजी आदि मेवे मिलाकर जमा दें।
इसे 1 तोला से लेकर 5 तोला तक पाचनशक्ति के अनुसार सबेरे-शाम दूध से सेवन करना चाहिए। इसके सेवन से चुस्ती-फुर्ती, प्रसन्नता तथा पूरे शरीर में सुंदरता का संचार होता है। यह योग भूख की कमी, क्षय, पांडु, कमरदर्द, नेत्रों की कमज़ोरी, प्रदर आदि अन्यान्य रोगों को भी ठीक करने में समर्थ है। इसे पुरुष भी सेवन कर सकते हैं।
**
एक पाव दूध में असली केसर की चार-पाँच पंखुडियाँ तथा एक छोटी इलाइची डालकर उबालें तथा नियमित सर्दियों में दो-तीन माह पिएं। इससे त्वचा की रंगत निखरती है।
**
आँवले का मुरब्बा 25 ग्राम नित्य तीन-चार माह खाने से वर्ण सुधरता है।
**
गाजर व चुकन्दर का रस एक गिलास एक माह तक पीने से रक्त शुद्ध होता है तथा वर्ण निखरता है।
**
अंगूर, किशमिश व मुनक्के के सेवन से रंग साफ़ होता है।
**
टमाटर, मूली, गाजर, चुकन्दर, प्याज, पत्तागोभी आदि को सलाद के रूप में सेवन करने से त्वचा स्वस्थ बनती है।
** 
त्रिफला चूर्ण तीन ग्राम की मात्रा में गर्म पानी के साथ सोते समय सेवन करते रहने से पेट साफ़ रहता है और त्वचा रोगी नहीं होते।
**
1 तोला मुनक्का साफ़ करके 5 तोला पानी में शाम को भिगो दें। सबेरे बीज अलग करके मुनक्का खा लें और बचे पानी में मिश्री मिलाकर या वैसे ही पी लें। एक माह में मुहाँसे निकलने कम हो जाएंगे।
**
यदि आँखें अंदर धँस रही हों और उनके चारों ओर कालापन हो तो 5-6 बादाम की गिरियाँ रात भर पानी में भिगोकर सबेरे पीसकर एक पाव गर्म मिश्री युक्त दूध के साथ 21 दिनों तक पिएं। इस दौरान रोज़ सायंकाल देशी गुलाब का गुलकंद भी एक छोटी चम्मच भर सेवन करते रहें। इसके अलावा शहद और बादाम का तेल समान मात्रा में मिलाकर आँखों के चारों ओर हल्के-हल्के मालिश करें तथा आधे घण्टे बाद धो दें।

Note:- श्रृखंला को गति देने के लिए Natural Beauty से संबंधित प्रश्न comment बाँक्स में पूछते रहे ।। आप लोग प्रश्न beauty से ही संबंधित पूछिए। अगर आपको रोगों से संबंधित प्रश्न पूछने है तो हमारे अन्य टेलीग्राम चैनल से जुड़े। वहां पर आयुर्वेद की ओर लौटो श्रृखंला चल रही है वहां पर आप लोग रोगो से संबंधित प्रश्न पूछ सकते हैं।।


क्रमशः_⬇️⬇️



शहद :- शहद सिर्फ स्वाद में ही मीठा नहीं होता अपितु अपने अन्य गुणों में भी यह अतुलनीय है। इसमें अनेक महत्त्वपूर्ण विटामिन, खनिज, हार्मोन्स, अमीनो एसिड और एन्जाइम मौजूद रहते हैं। इसका एक प्राकृतिक गुण यह भी है कि इसके तत्व सीधे हमारे रक्त में पहुंच सकते हैं, इसलिए यह न केवल हमें तत्काल शक्ति प्रदान करता है, बल्कि अनेक बीमारियों से भी हमें बचाता है, साथ ही इससे हमारी पाचन शक्ति भी मजबूत होती है। चिकित्सा की दृष्टि से भी यह हमारे लिये बहुत उपयोगी है। हमारे मस्तिष्क और भावनाओं पर भी इसका चमत्कारी प्रभाव पड़ता है, जिससे मन को शांति मिलती है। तंत्रिका प्रणाली को विश्राम देकर तनाव को कम करता है। गुनगुने पानी में थोड़ा शहद डालकर पीने से अनिद्रा की बीमारी में लाभ होता है। इतना ही नहीं शहद शरीर की प्रतिरोध क्षमता को मजबूत करता है, जिससे यह हमें अनेक बीमारियों से बचाता हैं

दही :- दही भी ऐसा एक प्राकृतिक भोज्य पदार्थ है, जो हमें बढ़ती उम्र में भी युवा और आकर्षक बनाए रखने में सहायक है। विटामिन ’ए’ और ’बी’, कैल्शियम, लौह, पोटेशियम, फास्फोरस आदि से युक्त दूध से बना होने से यह बिना कोई नुकसान पहुंचाए हमारे प्रोटीन की जरूरतों को भी पूरा करता है। इस तरह यह अधिक उम्र के ऐसे लोगों के लिए एक आदर्श भोजन है, जो मांस खाने से बचना चाहते हैं। दही एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक भी है। यह पाचन प्रणाली में हानिकारक बैक्टीरिया को खत्म करता है और पाचन शक्ति को ठीक रखता है। बीमार लोगों के लिए भी दही बहुत उपयोगी है, क्योंकि यह अत्यंत सुपाच्य है और इससे शरीर बलवान होता है। दूध की अपेक्षा यह ज्यादा सुपाच्य है और इसमें भरपूर पोषक तत्व होते हैं।

Note:- श्रृखंला को गति देने के लिए Natural Beauty से संबंधित प्रश्न comment बाँक्स में पूछते रहे ।। आप लोग प्रश्न beauty से ही संबंधित पूछिए। अगर आपको रोगों से संबंधित प्रश्न पूछने है तो हमारे अन्य टेलीग्राम चैनल से जुड़े। वहां पर आयुर्वेद की ओर लौटो श्रृखंला चल रही है वहां पर आप लोग रोगो से संबंधित प्रश्न पूछ सकते हैं।।


21:07
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

अपनी त्वचा की अच्छी देखभाल करें. त्वचा को धोने के लिए हर्बल साबुन का उपयोग करें जो आपकी त्वचा को मुलायम रखे. केमिकल्स वाले विभिन्न प्रकार के सौंदर्य कास्मेटिक का उपयोग नहीं करें. यह लंबे समय में आपके चेहरे को नुकसान पहुंचा सकते हैं. इसके अलावा धूल और गंदगी से अपने चेहरे की रक्षा करें. अपने चेहरे पर अपने हाथों को ना रखें क्योंकि हाथ के संपर्क से हाथों के बैक्टीरिया आपके चेहरे पर जा सकते हैं. सूरज की रोशनी में जाना अच्छा है लेकिन सुनिश्चित करें कि आप सूरज की रोशनी में बहुत समय तक नहीं रहें। अत्यधिक देर सूरज की रोशनी में रहने से मुंहासे हो सकते हैं. सूरज की रोशनी में निकलते समय आप को अपना चेहरा ठीक से ढकना चाहिए.

मुंहासे के उपचार के लिए अच्छी नींद लें – मुंहासे के उपचार के लिए एक बहुत ही सरल उपाय है आप अच्छी नींद लें. एक स्वस्थ और कुशल चयापचय प्रणाली को बनाए रखने के लिए प्रतिदिन कम से कम 7-8 घंटे के लिए सोना बहुत महत्वपूर्ण है. यदि आप ठीक से सोते नहीं हैं, तो आपका मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ सकता है जिसके परिणामस्वरूप आपका मेटाबोलिज्म प्रभावित हो सकता है. इसलिए आप अच्छे से आराम करें जिससे आप सुबह उठने पर ताज़ा और खुश महसूस करें.

व्यायाम है मुंहासे दूर करने का उपाय – व्यायाम करने से तनाव कम होता है और शरीर से पसीना भी निकलता है. पसीना शरीर से विषाक्त पदार्थों से छुटकारा दिलाने में मदद करता है, इस प्रकार यह मुंहासे को रोकने में भी फायदेमंद है. व्यायाम करने के बाद स्नान जरूर करें.

Note:- श्रृखंला को गति देने के लिए Natural Beauty से संबंधित प्रश्न comment बाँक्स में पूछते रहे ।। आप लोग प्रश्न beauty से ही संबंधित पूछिए। अगर आपको रोगों से संबंधित प्रश्न पूछने है तो हमारे अन्य टेलीग्राम चैनल से जुड़े। वहां पर आयुर्वेद की ओर लौटो श्रृखंला चल रही है वहां पर आप लोग रोगो से संबंधित प्रश्न पूछ सकते हैं।।


4 November 2022
Voice chat
17:07
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
रौनक बढ़ेगी।
**
दो चम्मच दही में एक चम्मच मसूर की दाल भिगोएं। दाल फूल जाए तो पीसकर इसमें थोड़ा सा मक्खन और चुटकी भर हल्दी मिलाकर चेहरे व गर्दन पर लगाएं। लगभग आधे घण्टे बाद गुनगुने पानी से चेहरा धो दें। नियमित यह प्रयोग करने से शनै:शनै: चेहरे की स्निग्धता और चमक बढ़ेगी।
**
मलाई में नींबू का रस मिलाकर 10-15 मिनट तक चेहरे की मालिश करें। कुछ देर रुककर चेहरा धो दें। कुछ दिनों के प्रयोग से चेहरा दमकने लगेगा।
**
आँखों के नीचे काले गड्ढे पड़ जाएं तो एक भाग नींबू के रस में चार भाग पानी मिलाकर मालिश करते हुए धोएं। थोड़े दिनों में स्याहपन मिटने लगता है।
**
एक भाग नमक में चार भाग कच्चा दूध मिलाकर सोने से पूर्व रात में चेहरे की मालिश करें। सबेरे चेहरा धो डालें।
**
एक-दो चम्मच बेसन में तिल का तेल मिलाकर चेहरे पर लगाएं तथा मलकर छुड़ा दें। चेहरे की आभा बढ़ेगी।
**
एक चम्मच नींबू के सूखे छिलकों के महीन चूर्ण में एक चम्मच बेसन मिलाकर ठण्डे कच्चे दूध में फेंटकर गाढ़ा लेप तैयार करें। प्रतिदिन यह लेप चेहरे पर लगाकर कुछ देर बाद पानी से धो दें। यह प्रयोग चेहरे को आकर्षक बनाता है। 
**
मसूर की पिसी हुई दाल में थोड़ी हल्दी और जैतून का तेल मिलाकर उबटन बनाएं तथा चेहरे और शरीर पर मलें। कुछ देर बाद स्नान करें। त्वचा साफ़ और स्निग्ध होती है।
**
एक चम्मच बेसन, एक चुटकी आटा, 5-6 बूँद नींबू रस तथा 5-6 बँूद गुलाबजल एक में मिलाकर गाढ़ा लेप बनाएं। अगर त्वचा रूखी या कठोर दिखती हो तो इसमें आधा चम्मच मलाई मिला लें। इस लेप को चेहरे पर मलें तथा कुछ देर बाद ताज़े पानी से धो दें। कुछ दिनों के प्रयोग से चेहरे की चमक बढ़ जाएगी।
**
चेहरे पर चेचक के दाग़ हों तो मुरदार-श्वंग में नींबू का रस मिलाकर लगाना चाहिए। इस प्रयोग से गहरे दाग़ होंगे तो हल्के हो जाएंगे और हल्के दाग़ होंगे तो समाप्त हो जाएंगे।
**
नींबू के एक चम्मच रस में एक पके टमाटर का रस मिलाकर चेहरे पर मलें तथा एक घण्टे बाद ठण्डे पानी से धो दें। धीरे-धीरे चेहरे की लाली बढ़ने लगेगी।
**
चेहरे की रौनक बढ़ाने के लिए संतरे के सूखे छिलकों के साथ दो-तीन बादाम की गिरी दूध की मलाई के साथ सिल पर महीन घोंट-पीसकर चेहरे पर मलें। सूख जाने पर मसलकर छुड़ा दें तथा चेहरा धो डालें।
**
एक चम्मच नींबू के रस में कुछ बूँद जैतून का तेल मिलाकर रात में सोने से पूर्व चेहरे पर लगाएं। इससे रंग में निखार आएगा तथा त्वचा की कठोरता, रूखापन दूर होंगे।


 😎  😍
6 November 2022
17:27
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
ऐसी हो गई है कि अगर एक-दो दिन भी बग़ैर साबुन के नहाना पड़ जाय तो लगता है कि जैसे कई दिनों से शरीर पर पानी ही न पड़ा हो।
वास्तव में विज्ञापनी मायाजाल ने साबुन को हमारी अनिवार्यताओं में शामिल कर दिया है। अन्यथा, त्वचा के स्वास्थ्य की दृष्टि से साबुन एकदम गै़रज़रूरी और नुकसानदेह चीज़ है। साबुन में इस्तेमाल किए जाने वाले रसायन तमाम चर्मरोगों के कारण बनते हैं। हालाँकि जैसे-जैसे लोगों की स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ रही है वैसे-वैसे त्वचा के प्रति अहानिकर होने का दावा करने वाले साबुनों की संख्या भी बढ़ने लगी है। कई साबुन निर्माता दावा करते हैं कि उनका साबुन रसायन मुक्त है या जड़ी-बूटियों के मिश्रण से बनाया गया है, परंतु यह अच्छी तरह याद रखना चाहिए कि उच्च से उच्च कोटि के साबुन में भी झाग पैदा करने के लिए कम से कम एक नुकसानदेह रसायन एस.एल.एस. (सोडियम लॉरेल सल्फेट) तो प्राय: मिलाया ही जाता है। अलबत्ता, कुछ निर्माता साबुन या शैम्पू के रैपर पर जड़ी-बूटियों की लंबी फेहरिस्त तो लिखते हैं पर हानिप्रद रसायन मिलाने के बावजूद इनका नाम नहीं देते। भक्त क़िस्म के जो लोग साबुन मल-मलकर नहाने के बाद पवित्र (?) होकर घंटों भजन-पूजन करते हैं, उन्हें यह अच्छी तरह याद रखना चाहिए कि ज़्यादातर साबुनों में बूचड़ख़्ाानों से भारी मात्र में निकली चर्बी धड़ल्ले से मिलाई जाती है।
जो लोग यह सोचकर शरीर पर साबुन मलते हैं कि इससे मैल साफ़ होती है या सौन्दर्य में निखार आता है, वे बहुत हद तक भ्रम में जीते हैं। याद रखें कि साबुन से अगर कुछ ऊपरी गंदगी साफ़ होती है तो रसायनों की कहीं ज़्यादा ख़्ातरनाक गंदगी त्वचा के रोम छिद्रों से शरीर के भीतर भी प्रवेश कर जाती है। दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि आजकल की अपने को सभ्य और आधुनिक समझने वाली कई माँएं अपने नन्हे-मुन्ने शिशुओं तक को भाँति-भाँति के साबुनों से ख़्ाूब रगड़-रगड़कर इसलिए नहलाती हैं कि इससे धीरे-धीरे उनके वर्ण में कुछ निखार आ जाएगा। अब इन सभ्य क़िस्म की मूर्ख माताओं को कौन समझाए कि अपने बच्चों का हित साधने की कोशिश में वे उनका अहित ही कर रही हैं। साबुन रगड़ने से रंग सुधरने के बजाय त्वचा कुछ बदरंग ही होगी, यह तय है। भाँति-भाँति के ‘बेबी-सोप’ भी अंतत: निरापद नहीं हैं।
ग़ौर करने वाली बात यह भी है कि जो फ़िल्मी हिरोइनें साबुनों के लुभावने विज्ञापनों में नज़र आती हैं वे ही अपनी असली ज़िन्दगी में उन साबुनों को इस्तेमाल करने लायक़ नहीं समझतीं। साबुन के बजाय अपनी सौन्दर्य-रक्षा के लिए वे प्राकृतिक और घरेलू तरीक़े ही ज़्यादा अपनाती हैं।
साबुन विरोधी इतनी बातों के बाद सवाल यह है कि अब अगर साबुन न लगाएँ तो कैसे नहाएं ? साबुन लगाने की जिनकी रोज़ की आदत है, उनके लिए बगै़र साबुन के स्नान की कल्पना तो और भी कष्टदायी है। पर यह वास्तव में एकदम से मुश्किल नहीं है। मन को थोड़ा दृढ़ कर लीजिए तो साबुन की ज़रूरत बड़ी आसानी से समाप्त हो जाएगी। त्वचा प्रकरण में वर्णित नुस्ख़ों में साबुन के कई बेहतर घरेलू विकल्प मिल जाएँगे। उन्हें इस्तेमाल करके त्वचा के सौन्दर्य की ज़्यादा अच्छी देखभाल की जा सकती है। यूँ शरीर पर कुछ भी न लगाएं तो भी नहाते समय गीले तौलिये से रगड़-रगड़कर त्वचा की सफ़ाई कर लेना पर्याप्त है। अगर तेल मालिश करते हों तो एक छोटी तौलिया अलग से रखें। स्नान के बाद इसी सूखी तौलिया से शरीर को रगड़-रगड़कर पोंछ लें, तो आपकी त्वचा स्निग्ध और स्वस्थ तो बनेगी ही और साबुन की ज़रूरत भी नहीं पड़ेगी। इसके अलावा सुविधा हो तो बेसन, मुलतानी मिट्टी और कई तरह के उबटन बेहतर विकल्प हैं। इनकी विधियाँ इसी पुस्तक के ‘त्वचा प्रकरण’ और ‘स्वदेशी चिकित्सा’ नामक पुस्तक में वर्णित हैं। आगे के पृष्ठों पर वर्णित दूध से दाढ़ी बनाने और नहाने का नुस्ख़ा भी आज़मा सकते हैं। अब यदि इतने पर भी साबुन को अलविदा कह पाना मुश्किल ही लग रहा हो तो नीम, रीठा, शिकाकाई आदि जड़ी-बूटियों के योग से बने कुछ अच्छे क़िस्म के साबुन यदा-कदा इस्तेमाल किए जा सकते हैं। बच्चों के लिए साबुन के बजाय स्नान कराने से पहले उबटन लगाना सबसे अच्छा उपाय है।
 



health_beautys_tipS@vkmagzine
 😎  😍
18:31
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
हो तो शरीर को सुडौल बनाए रखती है, कम हो तो आदमी बेडौल दिखता है और ज़्यादा हो जाए तो बेडौल ही क्या पूरा शरीर डाँवाँडोल हो जाता है। अर्थात् एक सीमा तक चर्बी ज़रूरी है, इसके बाद गैरज़रूरी। जिनके शरीर में चर्बी संतुलित मात्रा में है, उनके लिए तो चिंता की कोई बात नहीं है पर जिनके शरीर में चर्बी की कमी है, वे चर्बी बढ़ाने के लिए और जिनके शरीर में चर्बी ज़्यादा है, वे इसे घटाने के लिए परेशान दिखते हैं। इस अध्याय में हम चर्बी बढ़ने अर्थात् मोटापे की समस्या से निजात पाने की ही चर्चा करेंगे।
मोटापे की समस्या के जैविक कारणों पर तमाम वैज्ञानिक विश्लेषण उपलब्ध हैं, पर यहाँ उनकी गंभीर चर्चा बहुत ज़रूरी नहीं दिखती क्योंकि यह पुस्तक जनसामान्य को ध्यान में रखकर लिखी जा रही है। अलबत्ता, मोटापे की समस्या के कुछ मोटे-मोटे पहलू जान लेना तो उपयोगी है ही।
दरअसल मोटापे की समस्या मुख्य रूप से दो तरह से पैदा होती है। कुछ लोगों में मोटापा वंशगत प्रभाव से आता है या शरीर की अन्दरूनी मशीनरी ऐसी होती है कि वे जो कुछ खाते हैं उसका ज़्यादा हिस्सा चर्बी में तब्दील हो जाता है। यानी एक वर्ग ऐसा है जिनके शरीर में चर्बी जमा करने की ख़्ाास प्रवृत्ति होती है। ऐसे लोगों को अपने स्वास्थ्य के प्रति हमेशा चौकन्ना रहने की ज़रूरत होती है। मोटापे का दूसरा और सबसे व्यापक कारण है लापरवाही भरी दिनचर्या। ज़रूरत से ज़्यादा और सारे दिन कुछ न कुछ खाते रहने, आलस्य भरा और श्रमहीन जीवन बिताने, भोजन के बाद दिन में सोने, तली-भुनी, वसायुक्त चीजों़ का ज़्यादा सेवन करने जैसी आहार-विहार की लापरवाहियों की वजह से ज़्यादातर लोग मोटापे के शिकार बनते हैं। एक सवाल यह है कि आख़्िार किस स्थिति को हम मोटापा कहेंगे ? तो इसका सामान्य सा उत्तर यह है कि जब तक शरीर की चुस्ती-फुर्ती क़ायम है और मन में उत्साह-उमंग बना हुआ है, तब तक मोटापे या दुबलेपन जैसी कोई समस्या नहीं है। यूँ सामान्यत: जितने इंच शरीर की लंबाई हो लगभग उतने ही किलो शरीर का वज़न हो तो इसे संतुलित स्थिति मानी जाती है। इसमें उन्नीस-बीस के फ़कऱ् से कोई ख़्ाास अन्तर नहीं पड़ता। लेकिन जब फ़कऱ् ज़्यादा बढ़ने लगे तो समझिए कि सावधान होने का समय आ गया है। जिन बुज़ुर्गों का वज़न, 30-35 वर्ष की उनकी स्वस्थ अवस्था जितना आज भी बना हुआ है, वे अपने को अच्छी स्थिति में मान सकते हैं।
मोटापे का आक्रमण सबसे पहले अक्सर पेट, कमर, कूल्हों और जाँघों पर होता है। इसके बाद गर्दन, चेहरा, हाथ-पैर व शरीर के शेष अंग इसकी गिरफ़्त में आते हैं। ध्यान रखने वाली बात है कि शुरूआती दौर में, या जब तक मोटापा पेट, कमर, कूल्हों और जाँघों तक ही सीमित है तब तक इसे दूर करना ज़्यादा आसान है। लेकिन जब पूरे शरीर पर मोटापा अपना मज़बूत क़ब्ज़ा जमा लेता है तो इसे हटा पाना तकलीफ़देह और मशक्कत भरा काम हो जाता है। 
खैर, स्थिति जो भी हो, अगर मोटापे से ग्रस्त लोग अपना स्वास्थ्य और सौन्दर्य वापस लाना चाहते हैं तो उन्हें अविलम्ब संकल्प की मज़बूती के साथ कमर कसकर कुछ उपायों पर अमल करने की तैयारी कर ही लेनी चाहिए, अन्यथा भविष्य की देहरी पर मधुमेह, हाई ब्लडपे्रशर, क़ब्ज़, गैस, हृदय रोग, दमा, गठिया आदि अन्यान्य रोग उनका स्वागत करने को तैयार मिलेंगे, यह तय जान लें।

Note:- श्रृखंला को गति देने के लिए Natural Beauty से संबंधित प्रश्न comment बाँक्स में पूछते रहे ।। आप लोग प्रश्न beauty से ही संबंधित पूछिए। अगर आपको रोगों से संबंधित प्रश्न पूछने  है तो हमारे अन्य टेलीग्राम चैनल से जुड़े। वहां पर आयुर्वेद की ओर लौटो  श्रृखंला चल रही है वहां पर आप लोग रोगो से संबंधित प्रश्न पूछ सकते हैं।।


शेयर और support करें।

health_beautys_tips@vkmagzine

21:27
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
होता है कि मोटापा अन्तिम दम तक साथ नहीं छोड़ता। यह भी गौ़रतलब है कि मोटापे के इलाज के चक्कर में अक्सर लोग ज़्यादा ख़्ातरनाक बीमारियों के शिकार बन जाते हैं। ऐसे में सीधी सी बात यह है कि मोटापा दूर करने का कार्यक्रम बहुत सोच-समझकर बनाएं और मुस्तैदी से उसका पालन करें। दवाओं का सहारा लेने का इरादा हो तो इतना याद रखें कि एलोपैथी में मोटापा घटाने की अब तक जो भी दवाएं हैं, वे निरापद क़तई नहीं हैं। इन दवाओं से आप ज़्यादा बड़ी मुसीबत में फँस सकते हैं।
प्राकृतिक चिकित्सा से अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। आयुर्वेद के तमाम नुस्खों निरापद और कारगर हो सकते हैं, पर इनमें भी हर किसी नुस्खों को सिर्फ जड़ी-बूटियों के नाम पर ही आँख मूंदकर नहीं आज़माया जा सकता। पथ्य-अपथ्य का ध्यान रखते हुए होम्योपैथी और बायोकैमी दवाओं से वज़न घटाना पूरी तरह सुरक्षित माना जा सकता है। कई लोग सोच सकते हैं कि स्वदेशी चिकित्सा की बात करते-करते होम्योपैथी का ज़िक्र कैसे ? तो यहाँ अति संक्षेप में यह बता देना उचित है कि होम्योपैथी के सिद्धांत और आयुर्वेद की मूल मान्यताओं में कहीं कोई विरोधाभास नहीं है, बल्कि कई मायनों में होम्योपैथी कहीं ज़्यादा ‘आयुर्वेदिक पद्धति’ है। यह रहस्य वे लोग आसानी से समझ सकते हैं जिन्हें होम्योपैथी के सैद्धांतिक पक्ष की गहरी समझ है। यह भी आश्चर्यजनक बात है कि जर्मनी में खोजी गई यह पद्धति भारतीय समाज और सांस्कृतिक मूल्यों के सर्वथा अनुकूल है। ऐसी पद्धति की खोज संभवत: इसलिए भी आसान हुई,क्योंकि इसके आविष्कर्ता महात्मा हनीमेन का जीवन भारतीय ऋषियों-महात्माओं जैसा अध्यात्म प्रेरित नैतिकतावादी रहा।
बहरहाल, मोटापा घटाने के लिए आप कुछ भी करें, अंतत: आहार-विहार संयमित करने से ही बेहतर परिणाम मिल सकते हैं। इसमें से पहले आहार की बात की जाए तो इसका सीधा सा अर्थ यह है कि आपको अपना खान-पान ऐसा संयोजित करना होगा कि शरीर को बाहर से वसा और ऊर्जामान (कैलोरी) की आपूर्ति कम से कम हो। चूँकि वसा शरीर के लिए ऊर्जा का स्रोत है, इसलिए बाहर से कम वसा और कम कैलोरी पहुँचेगी तो शरीर में ऊर्जा की आवश्यकता पूरी करने के लिए अन्दर जमा चर्बी अपघटित होकर शरीर के काम आने लगेगी और इस तरह मोटापा कम होना शुरू हो जाएगा। कैलोरी कम करने के चक्कर में अक्सर लोग भोजन एकदम कम कर देते हैं। आजकल प्रचलित ‘डायटिंग’ का यह तरीक़ा काफ़ी नुकसानदेह हो सकता है और इससे आप शक्तिहीनता और कई दूसरी बीमारियों के शिकार हो सकते हैं।  
दरअसल आहार को कम करने के बजाय उसे संतुलित करने की ज़रूरत है। भोजन में ऐसी चीजें़ शामिल करनी चाहिए जो कम वसायुक्त हों और जिनका ऊर्जामान (कैलोरी) कम हो, परंतु वे शरीर के लिए ज़रूरी पोषकता की पूर्ति करने वाली हों।
आहार संतुलन के बाद विहार में भी संतुलन ज़रूरी है। अर्थात् पूरे दिन में से कुछ समय आपको शारीरिक श्रम के लिए अवश्य ही निकालना चाहिए। जितनी ऊर्जा शरीर को भोजन से मिलती है अगर उससे ज़्यादा श्रम में ख़्ार्च होती है तो समझिए कि मोटे लोगों के लिए सार्थक परिणाम निकल सकते हैं। 
आहार-विहार को संतुलित करते हुए मोटापा घटाने का फिलहाल एक कार्यक्रम दिया जा रहा है, मोटे लोग इसे अपनाएं और लाभ उठाएं-
1. 6-7 घण्टे की पर्याप्त नींद लेने के बाद सबेरे जल्दी उठने की आदत बनाएं। उठने के बाद सबसे पहले 1 गिलास गुनगुने गरम पानी में 2 चम्मच नींबू का रस और दो चम्मच शुद्ध शहद मिलाकर गटागट पी जाएं। अब कुछ देर टहलने के बाद शौच के लिए जाएं।
2. शौचादि से निवृत्त होकर कम से कम 3-4 किलोमीटर तेज़ क़दमों से टहलने निकलें, हो सके तो थोड़ी दौड़ भी लगाएं। याद रखें धीरे-धीरे चहलक़दमी करने से मोटापे पर कोई असर नहीं पड़ने वाला। टहलने के बाद समय हो तो कुछ योगासन व्यायाम करें। टहलने के बजाय चाहें तो केवल आसन व्यायाम से भी काम चला सकते हैं। आसनों में सूर्यनमस्कार, उत्तान पादासन, हलासन, धनुरासन, जानुशिरासन, वक्रासन, ताड़ासन, पश्चिमोत्तान आसन, भुजंगासन, पवनमुक्तासन में से पहले आसान आसनों से शुरूआत करके धीरे-धीरे जितने आसन कर सकें, करें। उड्डियान बंध तथा भस्त्रिका प्राणायाम भी करें। आसन-व्यायाम फ़़ुरसत हो तो सबेरे शाम दोनों समय खाली पेट कर सकते हैं; और बेहतर परिणाम मिलेगा। इतना अवश्य समझ लें कि आसन-व्यायाम योग्य व्यक्ति से सीख-समझकर ही शुरू करना चाहिए।




9 November 2022
05:45
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
और शुगर की मात्रा कम हो जाती है। फिर धीरे-धीरे शुगर रोग भी खत्म हो जाता है।*

*सेवन की विधि*
अगर आप जल्द से जल्द मधुमेह को खत्म करना चाहते है तो सुबह खाली पेट चार दाने मखाने खाएं। इनका सेवन कुछ दिनों तक लगातार करें। इससे मधुमेह का रोग तेजी से खत्म होगा।

*दिल के लिए फायदेमंद*
मखाना केवल शुगर के मरीज के लिए ही नहीं बल्कि हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियों में भी फायदेमंद है। इनके सेवन से दिल स्वस्थ रहता है और पाचन क्रिया भी दुरूस्त रहती है।

*तनाव कम*
मखाने के सेवन से तनाव दूर होता है और अनिद्रा की समस्या भी दूर रहती है। रात को सोने से पहले दूध के साथ मखानों का सेवन करें।

*जोड़ों का दर्द दूर*
मखाने में कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है। इनका सेवन जोड़ों के दर्द, गठिया जैसे मरीजों के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है।

*पाचन में सुधार*
मखाना एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होता है जो सभी आयु वर्ग के लोगों को आसानी से पच जाता है। इसके अलावा फूल मखाने में एस्‍ट्रीजन गुण भी होते हैं जिससे यह दस्त से राहत देता है और भूख में सुधार करने के लिए मददगार है।

*किडनी को मजबूत*
फूल मखाने में मीठा बहुत कम होने के कारण यह स्प्लीन को डिटॉक्‍सीफाइ करता है। किडनी को मजबूत बनाने और ब्‍लड को बेहतर रखने के लिए खानों का नियमित सेवन करें।

_*तालाब, झील, दलदली क्षेत्र के शांत पानी में उगने वाला मखाना पोषक तत्वों से भरपुर एक जलीय उत्पाद है।*_

🇫 🇴 🇽 🇳 🇺 🇹 * *( मखाना )*


 😎  😍
14:27
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
ज़्यादा प्रोटीन व कार्बोज युक्त चीज़ों का सेवन हर हाल में सीमित कर देना चाहिए। भोजन से पहले पर्याप्त मात्रा में सलाद खाएं। हरी सब्जियों की मात्रा भरपूर रखें और गेहूँ की रोटी कम खाएं। अगर मोटापे की समस्या ज़्यादा हो 
तो कम से कम एक माह के लिए गेहूँ की रोटी खाना एकदम बंद कर दें। इस दौरान जौ के आटे से बनी रोटी भोजन में लें या साबुत चने में जौ मिलाकर पिसवा लें। इस आटे की रोटी स्वादिष्ट भी लगेगी। 10 किलो चना हो तो दो किलो जौ मिलाएं तो अच्छा लाभ मिलेगा। दालों में छिलकायुक्त मूँग, मसूर का सेवन बेहतर रहेगा।
चिकित्सा के शुरू में यदि एकाध हफ्ते तक सिर्फ मौसमी फल, फलों के रस, सलाद और हरी सब्जियों व दाल पर ही निर्वाह करें तो अच्छा है। इसके बाद धीरे-धीरे जौ की रोटी सेवन करना शुरू करें। एक डेढ़ माह बाद गेहूँ की रोटी खाना शुरू कर सकते हैं। दोनों समय का भोजन इसी तरह का करें। शाम को सोने से दो-तीन घण्टे पूर्व भोजन कर लेना हितकर है। क़िब्ज़यत दूर करने के लिए एनिमा ले सकते हैं या सोने से पूर्व एक गिलास गुनगुने पानी के साथ एक चम्मच त्रिफला में दो चम्मच ईसबगोल मिलाकर सेवन करें। त्रिफला के स्थान पर आँवले का चूर्ण भी ले सकते हैं। वैसे भी भोजन आदि के साथ ताज़ा या सूखे आँवले का चूर्ण, जो भी मिले, अवश्य सेवन करें।
४:- दोपहर के भोजन के साथ मलाई रहित दूध से जमाई दही या छाछ भी ले सकते हैं। इससे मोटापा घटाने में मदद मिलेगी। भोजन में यह पूरा सुधार अपनाते हुए इतना याद रखें कि शुरू में एक हफ्ते तक फल-सब्जियों पर निर्वाह करने के बाद अचानक ही ढेर सारी रोटियाँ न खाना शुरू कर दें। एक-दो रोटी से शुरू करके धीरे-धीरे रोटियों की संख्या यथोचित मात्रा तक बढ़ाएं।
मोटापा, खासतौर से पेट और कमर का, घटाने के लिए एक अच्छा प्रयोग यह है कि दोनों समय भोजन करने के तुंरत बाद आधा गिलास उबला हुआ गर्म पानी चाय की तरह जितना गर्म पी सकें पी जाएं। यह प्रयोग डेढ़-दो माह तक कर सकते हैं। इसे बहुत लंबे समय तक नहीं चलाना चाहिए। यह प्रयोग प्रसव के बाद महिलाओं के पेट बढ़ने की समस्या में विशेष लाभप्रद है। गठिया, क़ब्ज़, गैस, यकृत रोग, मासिक धर्म की अनियमितता, आँखों के नीचे के कालेपन आदि में भी गर्म पानी का प्रयोग काफ़ी हितकर है।
5. दोपहर और शाम के भोजन में 8-9 घण्टे का अंतराल हो तो बीच में 3 या 4 बजे तक कोई हल्का पेय या फल लें। थोड़े भुने चनों के साथ आयुर्वेदिक चाय लेकर भी काम चला सकते हैं।
इतने उपायों पर अमल करते हुए आप कुछ दिनों में मोटापे की समस्या पर तो विजय पा ही जाएंगे, आपके पोर-पोर में स्फूर्ति का भी संचार होगा। इन उपायों के साथ चाहें तो बायोकैमी की कल्केरिया फास 3ग् या 6ग्, काली फास 3ग्, काली म्यूर 6ग्, नेट्रम म्यूर 3ग् तथा साइलीशिया 12ग् नामक दवाओं की एक-एक टिकिया मिलाकर एक घूँट गरम पानी के साथ दिन में तीन-चार बार जब तक मोटापा न कम हो जाए तब तक सेवन कर सकते हैं। याद रखें कि बायोकैमिक दवा की टिकिया निगलने के बजाय जीभ पर रखकर चूसनी होती है। यह उपाय सोने पर सुहागा का काम करेगा। इसके अलावा चरित्रगत विशेषताओं के आधार पर चुनी गई कई होम्योपैथी औषधियाँ भी मोटापा घटाने में अच्छा प्रभाव दिखा सकती हैं।

ममोटापा घटाने में सहायक कुछ अन्य नुस्खे⬇️⬇️

1 गिलास पानी में 4 बड़े चम्मच भर सिरका खाली पेट सेवन करते रहने से कमर का मोटापा दूर होता है।
**
कुलथों को पकाकर खाने से शरीर की चर्बी छँटती है।
**
सायंकाल के समय 6 माशा त्रिफला कोरे मिट्टी के पात्रा में लगभग छटाँक भर जल में भिगो दें। प्रात: मसल-छानकर तथा एक तोला शहद मिलाकर नियमित पिएं।
**
पेट, कमर व कूल्हों की चर्बी कम करने के लिए भाप सेंक करना चाहिए। यदि प्राकृतिक चिकित्सालय आदि में व्यवस्था न हो तो यह उपाय आप घर में भी कर सकते हैं। इसके लिए एक बड़े भगोने या पतीली में एक चम्मच नमक तथा तीन-चार चम्मच अजवायन डालकर पानी भर दें। बरतन पर जाली या चलनी आदि रखकर पानी को उबालें। जब भाप उठने लगे तो दो छोटे तौलिए ठण्डे पानी में भिगोकर निचोड़ लें तथा बारी-बारी से जाली पर रखकर भाप से गर्म करके पेट, कमर तथा कूल्हों की सेंक करें। इस उपाय से धीेरे-धीरे चर्बी छँटने लगेगी।
**
प्रात: शौच जाने से पूर्व एक गिलास ठण्डे पानी में दो चम्मच शहद मिलाकर नियमित कुछ दिनों तक पीने से चर्बी कम होने लगती है।
**
तुलसी के पत्तों के रस में शहद मिलाकर नियमित चाटते रहने से चर्बी कम होती है।


13:07
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
आसानी से सहन नहीं कर पाता. ऐसे में घर से बाहर निकलते ही बॉडी की नमी में कमी आ जाती है और त्वचा पर खुश्की बनी रहती है. आपने आज तक नारियल के बालों के लिए अनेकों फायदे पढ़े या सुने होगे.
लेकिन क्या आप जानते हैं कि नारियल का तेल त्वचा पर इस्तेमाल करना बेहद फायदेमंद साबित होता है? जी हाँ, सर्दियों में नहाने के बाद त्वचा पर खुश्की छा जाती है ऐसे में यदि नारियल का तेल शरीर पर लगाया जाए तो हमारी स्किन कोमल एवं साफ़ दिखाई देने लगती है. नारियल को सर्दियों में त्वचा पर एक मॉइश्चराइजर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है. आईये जानते हैं नारियल के तेल के त्वचा पर क्या फायदे हो सकते हैं…

सर्दी में त्वचा पर नारियल तेल लगाने के फायदे⬇️

1. हम में से अधिकतर लोग सर्दियों में त्वचा पर नमी बनाने के लिए महंगे से महंगे क्रीम्स, लोशन और मॉइश्चराइजर इस्तेमाल करते हैं. लेकिन यदि नहाने के तुरंत बाद बॉडी पर लोशन की जगह नारियल का तेल लगाया जाए तो हमारी स्किन को सही चिकनाई मिल सकती है.🔱
2. यदि आपकी त्वचा पर किसी प्रकार की कोई इन्फेक्शन या फिर खुजली आदि जैसी समस्या उत्पन हो रही है तो आप नहाने के बाद नारियल के तेल में थोडा कपूर मिला कर पीड़ित अंग पर लगा सकते हैं. इससे आपको बेहतर रिजल्ट अनुभव होंगे.🔱
3. कईं बार हमारे गर्म कपडे हमारी त्वचा को और भी अधिक रूखी और बेजान बना देते हैं. ऐसे में ना चाहते हुए भी हमारी स्किन पर जलन, खुजली या फिर निशाँ पड़ जाते हैं. यदि आप इस जलन एवं खुजली से छुटकारा पाने की सोच रहे हैं तो नारियल के तेल से बढ़ कर आपके लिए कुछ भी नहीं है. नारियल और कपूर से बना मिश्रण आपकी त्वचा के लिए रामबाण साबित हो सकता है.🔱
4. औरतें अपने चेहरे पर कईं प्रकार के मेकअप प्रोडक्ट्स इस्तेमाल करती रहती हैं. ऐसे में चेहरे की सफाई, खास तौर से मेकअप साफ करने के लिए नारियल का तेल किसी भी क्लिंजिंग मिल्क से ज्यादा बेहतर साबित हो सकता है. इसके लिए आप थोड़ी रुई के फाहे में थोड़ा नारियल तेल लेकर चेहरे की सफाई करें या फिर पहले चेहरे पर तेल लगा लें फिर रुई से साफ कर लें.🔱
5. हमारी बॉडी पर अनचाहे बाल आना आम बात है. ऐसे में इन अनचाहे बालों को मिटाना भी एक प्रकार की दिक्कत बन जाती है. ऐसे में हेयर रिमूविंग के लिए नारियल का तेल एक बढ़ि‍या विकल्प साबित हो सकता है. हेयर रिमूव करने से पहले नारियल तेल से मसाज करने पर आपकी त्वचा नर्म, मुलायम और चिकनी हो सकती है. लेकिन वैक्स‍िंग पर यह प्रयोग कारगर नहीं होगा.🔱



 😎  😍
14:19
Lifestyle disease post 1
●आयरन की कमी के लक्षण और स्रोत●
● मानव शरीर के लिये आयरन अत्यंत जरूरी है जिसे लौह तत्व कहा जाता है।
● आयरन इसलिये जरूरी है क्योंकि यह जीवन के लिये जरूरी ऑक्सीजन को फेफड़ों से शरीर के अन्य अंगों तक पहुँचाती है
● शरीर में कभी-कभार रक्त की कमी हो जाती है जिसे चिकित्सीय भाषा में अनीमिया कहते हैं।
इतना ही नहीं आयरन हमारी माँसपेशियों में ऑक्सीजन का प्रयोग और उसे शरीर में सहेज कर रखने में भी मदद भी करता है।
यह भी जरूरी है कि शरीर के लिये जरूरी आयरन को संतुलित मात्रा में लेनी चाहिये।
● ऐसा इसलिये क्योंकि शरीर में इसकी कमी और अधिकता दोनों ही नुकसान पहँचा सकती है।
● आयरन महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हेमोग्लोबिन बनाने के लिए ज़रूरी है।
● आहार से पर्याप्त आयरन न मिलने से एनीमिया हो सकता है। इसे आयरन की कमी वाला एनीमिया कहा जाता है। इसलिये शरीर में आयरन की कमी का पूर्वानुमान व निदान आवश्यक होता है।

*●आयरन की कमी के लक्षण व संकेत●*
आयरन की कमी के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि व्यक्ति इससे किस हद तक प्रभावित है।
अगर यह कमी गंभीर नहीं है, तो यह कम परेशान करती है, लेकिन शरीर में आयरन की मात्रा अधिक घट जाने से परेशानियाँ बढ़ जाती है।
● आयरन की कमी की वजह से आंखों के सामने बैठे बैठे अंधेरा छा जाता है और चक्कर आ जाता है।
दिनभर बिना काम किये थकान महसूस होती है।
● 6 से 8 घंटे की नींद पूरी करने के बाद भी अगर आपको थकान का एहसास हो तो समझिये कि आयरन की कमी के संकेत हो सकते हैं।
● आयरन की कमी सीधे चेहरे पर दिखती है क्यों कि खून की कमी से त्वचा में पीलापन आ जाता है।
● जब शरीर में आयरन की कमी हो जाती है तब दिमाग में खून की पूर्ति नहीं हो पाती जिससे हमेशा सिरदर्द होता रहता है।
● सबसे पहले नाखून पीले दिखने लगेंगे।
● उसके बाद कमजोर हो कर यह टूटने लगते हैं।

*●कैसे निपटे इस कमी से●*
● शरीर में आयरन की कमी का निदान करने के लिए खून बढ़ाने वाले आहार लेने चाहिये।
● पौष्टिक आहार खाकर आयरन की कमी से बचा जा सकता है।
● इसके अलावा आप डॉक्टर से सलाह लेकर आयरन टैबलेट भी ले सकते हैं।
● भोजन में आटा, काबुली चना, राजमा, सोयाबीन, मेथी और सरसों का साग, बादाम, सूखे मेवे, मसूर की दाल, पालक, अंगूर, अमरूद, संतरे आदि का सेवन करना चाहिये।
● इसके साथ ही अंकुरित दाल का सेवन खून की मात्रा बढ़ाने में सहायक होती है।

●●गर्भवती महिलाओं के लिए●●
गर्भवती महिलाओं और उसके अजन्मे बच्चे के लिए आयरन एक महत्वपूर्ण खनिज है। आयरन हीमोग्लोबिन का एक घटक है।
अगर शरीर में आयरन और हीमोग्लोबिन की कमी हो तो गर्भवती महिलाओं में एनीमिया होने का खतरा बढ़ जाता है।

health_beautys_tipS@vkmagzine

 😎  😍
10:58
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

जानिये उन 5 जड़ी बूटियों के बारे में..
(1).●●●हल्दी●●●करक्यूमिन
हल्दी का इस्तेमाल कैंसर के इलाज में अचूक औषधि है। कैलीफोर्निया यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध में पाया है की हल्दी में कुरकुमीन नामक एक रसायन पाया जाता है। जो की हमारे दिमाग को सवस्थ रखता है। और दिमाग की मृत यूपीpet निष्क्रिय कोशिकाओं को सक्रीय कर दिमाग को तेज बनता है।

(2). ●●●शंख पुष्पी●●●
शंख पुष्पी दिमाग की शक्ति बढ़ाने के लिए बढ़िया औषधि है। अगर आप चाहते की आपका दिमाग तेज हो जाये तो आधा चम्मच शंख पुष्पी को एक कप गर्म पानी में मिला कर लें। इसका सेवन करने से रक्त का सही संचार होता है। जिससे याद करने और सिखने की क्षमता बढ़ती है।

(3). ●●●दालचीनी●●●
दालचीनी को हम एक मसाले के रूप में जानते है। लेकिन ये एक जड़ी बूटी भी है। शहद में एक चुटकी दालचीनी का पाउडर डालकर रात को सोने से पहले नियमित रूप से सेवन करें। इससे मानसिक तनाव में राहत मिलती है और दिमाग तेज होता है।

(4). ●●●ब्राह्मी●●●
ब्राह्मी दिमाग को स्वस्थ रखने और तेज करने के उत्तम औषधि में से एक है। इस औषधि का नियमित प्रयोग करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है। आधा ब्राह्मी और एक चम्मच शहद को गर्म पानी में मिलाकर पीने से दिमाग तेज होता है।

(5). ●●●तुलसी●●●
तुलसी के बारे में तो सभी लोग जानते है की ये एक एंटीबॉयोटिक जड़ी बूटी है। तुलसी में मौजूद शक्तिशाली एंटी ऑक्सीडेंट तत्व जो मस्तिष्क और ह्रदय में रक्त के प्रवाह को सही करता है जिससे दिमाग अच्छी तरह कार्य करता है।



 😎  😍
17 November 2022
13:44
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


मोटापे की तरह दुबलापन भी एक समस्या है। हालाँकि दुबलेपन की समस्या उतनी बड़ी नहीं है जितनी कि मोटापे की। मोटे लोगों की तुलना में दुबले लोग प्राय: कम ही बीमार पड़ते हैं और उनके ज़्यादा दिनों तक ज़िन्दा रहने की भी संभावना रहती है। फिर भी, अगर देह हड्डियों का कंकाल सा नज़र आए तो समझिए कि कुछ मांसलता लाने की ज़रूरत है। ठीक अनुपात में मांसल शरीर स्वास्थ्य व सौन्दर्य की दृष्टि से उचित है। (मोटापा कम करने की ३ पोस्टे भेजी जा चुकी है)

आहार-विहार में उचित सुधार करके देह का दुबलापन दूर किया जा सकता है। कुछ लोग वंशगत प्रभाव से दुबले-पतले होते हैं। उनके शरीर की आंतरिक संरचना कुछ ऐसी होती है कि वे कितना भी पौष्टिक खाएं-पिएं पर शरीर में चर्बी इकट्ठा ही नहीं हो पाती और चाहकर भी वे मांसल नहीं दिखते। ऐसे लोगों का दुबलापन दूर होना थोड़ा मुश्किल तो है पर असंभव नहीं है।
दुबलापन दूर करने का कार्यक्रम बनाने से पहले यह देख लेना चाहिए कि कहीं किसी रोग की वजह से तो ऐसा नहीं है। यदि कोई रोग हो तो पहले उसे ठीक करने का उपाय करें। ज़्यादा संभव है कि आरोग्य होते ही दुबलापन भी खुद बखुद दूर हो जाएगा। यदि बीमारी ठीक होने के बाद भी दुबलापन बना रहे तो इस अध्याय में दिए उपायों को आज़माकर लाभ उठाएं। बिना किसी ख़्ाास बीमारी के होते हुए भी दुबलापन है तो इसके पीछे-कम भोजन करना या भूखे रहना, पौष्टिकता रहित भोजन करना, रात में देर तक जागना, कम विश्राम करना या क्षमता से ज्यादा श्रम करना, ज़्यादा उपवास करना, तनाव-चिंता-शोक में जीवन बिताना, पाचनशक्ति कमज़ोर होना आदि कारण हो सकते हैं। इसका अर्थ यह है कि यदि उक्त कारण ज़िम्मेदार हों तो दुबलापन दूर करने की कोशिश करने के साथ-साथ इन गड़बड़ियों को भी दूर करना चाहिए और ईष्र्या, द्वेष, चिंता, शोक, क्रोध से मुक्त होकर प्रसन्नचित्त, उमंग भरा जीवन बिताते हुए निम्न उपाय करने चाहिए-⬇️
1➡️ दुबलापन दूर करने की पहली शर्त यह है कि आप अपनी पाचनशक्ति मज़बूत करें ताकि खाया-पिया शरीर में अच्छी तरह जज़्ब हो और खुलकर भूख लगे। इसके लिए हफ्ते भर विधिपूर्वक उपवास कर सकते हैं। तरीक़ा यह है कि जब उपवास करना हो तो एक दिन पहले मूँग की खिचड़ी आदि हल्का भोजन लें। रात में दूध या पानी के साथ 2 चम्मच ईसबगोल, एरण्ड तेल अथवा त्रिफला सेवन करके उदर की सफ़ाई करें। दूसरे दिन रोटी बंद कर दें और मौसमी फलों व उबली हरी साग-सिब्ज़यों पर निर्वाह करें। तीसरे दिन 2-3 घण्टे के अंतराल पर थोड़ा-थोड़ा करके सिर्फ फलों का रस पिएं। चौथे दिन सिर्फ पानी पीकर रहें। साथ में नींबू और शहद ले सकते हैं। पाँचवें दिन पुन: फलों का रस लें। छठे दिन फल व उबली साग-सब्ज़ी पर रहें। सातवें दिन एक-दो चपाती से शुरू करके धीरे-धीरे खुराक बढ़ाएं। इस उपवास काल में दो-तीन दिन एनिमा द्वारा पेट की सफ़ाई कर लें तो बेहतर परिणाम मिलेगा।  
उपवास करने के बाद प्राय: भूख खूब लगने लगती है और खुराक बढ़ जाती है। इस तरह से बढ़ी हुई खुराक दुबलापन दूर करने में अत्यन्त सहायक है।
2➡️ दुबले लोग सबेरे पौष्टिक नाश्ता लें, पर इसका समय भोजन से 3-4 घण्टा पहले और सोकर उठने के 2-3 घण्टे बाद रखें। एक पौष्टिक नाश्ता यह है कि थोड़े चनों में गेहूँ, मूँगफली, मूँग मिलाकर अंकुरित कर लें। इस अंकुरित अन्न में नींबू और थोड़ा नमक निचोड़कर नाश्ते के रूप में सेवन कर सकते हैं। नमक, नींबू न मिलाना चाहें तो इसे गुड़ के साथ या इसमें थोड़ी भिगोई किशमिश व खजूर मिलाकर भी सेवन कर सकते हैं। ऊपर से चाहें तो थोड़ा दूध पिएं। नमक, नींबू मिलाएं तो दूध न पिएं।
इसके अलावा आगे वर्णित खजूर और दूध वाला नाश्ता भी कर सकते हैं या अनुकूल पड़े तो केला-दूध लें। जाड़े के दिनों में उड़द का आटा, बबूल का गोंद, देशी घी, अश्वगंधा तथा मेवे मिलाकर बनाया गया लड्डू भी पाचनशक्ति के अनुसार सेवन कर सकते हैं। पौष्टिक नाश्ते और भी कई हैं, उन्हें सोच-समझकर सेवन करके लाभ उठाया जा सकता है।
3➡️ दोपहर और शाम के भोजन में पर्याप्त पौष्टिक पदार्थों का सेवन खूब चबा-चबाकर करें। उपलब्धता के हिसाब से गाजर, पालक, चौलाई, टिण्डा, परवल व विभिन्न हरी सब्जियां, मौसमी फल, घी का तड़का लगी दाल, आँवले का मुरब्बा, दूध, घी, मक्खन, चावल की खीर आदि सेवन करें। रोटियाँ गेहूँ की खाएं।

क्रमशः.................... ०००



☆☞ @ji01

( याद आप तब हमे भी करेगें, जब हम पोस्ट कम करेगें।🤭 ☆☞✍️)

क्रमशः_⬇️⬇️

स्वास्थ्य के साथ सौंदर्य,श्रृखंला@vkmagzine
Post संख्या:- १८=18

health_beautys_tipS@vkmagzine

19 November 2022
07:38
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


4- दोनों भोजनों के बीच 8 घण्टे का अंतर रखते हुए मध्यकाल में किसी मौसमी फल या जूस का हल्का पाचक पौष्टिक अल्पाहार ले सकते हैं।
5- पानी भोजन के डेढ़-दो घण्टे बाद पीने की आदत बनाएं। इसके अलावा दिन भर में डेढ़-दो घण्टे के अंतराल पर 6-8 गिलास तक खुब पानी पीते रहें।
6- रात में भोजन से दो-तीन घण्टे बाद और सोने से पूर्व गुनगुने दूध में एक चम्मच घी के साथ मिश्री या दो-तीन चम्मच शहद मिलाकर पिएं। चाहें तो दूध-खजूर वाला आगे लिखा प्रयोग भी कर सकते हैं। सिर्फ इतना ध्यान रखें कि रात में यह नुस्ख़्ाा सेवन करें तो इसमें खजूर की मात्रा सिर्फ आठ-दस ही रखें और सबेरे इसे न सेवन करें।
7- इतना उपाय करते हुए सबेरे अपने अनुकूल व्यायाम, योगासन, प्राणायाम अवश्य करें। इस संबंध में किसी पुस्तक या योग्य व्यक्ति से जानकारी प्राप्त की जा सकती है। याद रखें, पौष्टिक आहार के साथ बिना उचित मात्रा में श्रम, व्यायाम किए स्वस्थ सुडौल बनना नामुमकिन है।  
उपर्युक्त सुझावों पर अमल करने के बाद दो-तीन माह में आप अपनी सेहत में क्रांतिकारी परिवर्तन देखेंगे। इन उपायों के साथ अपनी प्रकृति को देखते हुए औषधीय प्रयोग के तौर पर निम्न नुस्ख़्ाों से भी लाभ उठाया जा सकता है-
**********
1 भाग विशुद्ध कासीस भस्म को 16 भाग सुदर्शन चूर्ण के साथ तीन घण्टे तक सूखा मर्दन करके चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को 2 ग्राम की मात्रा में प्रात: सायं जल के साथ सेवन करें। फिर भोजनोपरांत 2-2 ग्राम की 3 मात्रा 10-10 मिनट पर सितोपलादि चूर्ण फाँक लें। इसके बाद आधे घण्टे तक पानी न पिएं।
इस योग के सेवन से सातवें दिन से ही रक्तवृद्धि होने लगती है। इस कल्प के सेवन से शुक्र की कमज़ोरी, दुबलापन, आलस्य समाप्त होकर रोगी स्वस्थ, सबल और उत्साहपूर्ण हो जाता है। इस योग का प्रयोग जीर्ण-ज्वर, विषम-ज्वर के उपरांत होने वाली दुर्बलता में विशेष लाभप्रद है।
जनरल टॉनिक
अर्जुनारिष्ट, बलारिष्ट, अंगूरासव, अश्वगंधारिष्ट तथा दशमूलारिष्ट- प्रत्येक 500-500 मि.ली.; लौह भस्म, अभ्रक भस्म तथा शुद्ध शिलाजीत -10-10 ग्राम।
सभी आसव अरिष्ट एक में मिलाकर उसमें दोनों भस्म व शिलाजीत अच्छी तरह घोल दें। इसे 2 से 4 चम्मच दिन में दो बार बराबर पानी मिलाकर लेना चाहिए।
यह बढ़िया जनरल टॉनिक है। इससे शारीरिक और मानसिक शक्ति बढ़ती है। थकावट, आलस्य, कमज़ोरी दूर होकर चुस्ती-फुर्ती व अच्छी नींद आती है।
**********
सफ़ेद मूसली और असगंध समान मात्रा में लेकर कपड़छन चूर्ण बनाएं तथा एक छोटी चम्मच की मात्रा में दूध के साथ सेवन करें। इससे मांस और बल दोनों की वृद्धि होती है।
**********
असगंध का चूर्ण सबेरे-शाम 1-1 चम्मच की मात्रा में शहद में मिलाकर चाटने तथा साथ में एक पाव मिश्री मिला गर्म दूध पीते रहने से शरीर का दुबलापन मिटता है।
**********
शतावरी, छिलका रहित कौंच के बीज, सफ़ेद मूसली, असगंध, गोखरू- सभी 100-100 ग्राम।
सभी चीज़ों को अलग-अलग कूट-पीसकर कपड़छन चूर्ण करके मिलाकर रख लें। यह चूर्ण सबेरे-शाम खाली पेट थोड़े देशी घी में 5-5 ग्राम मिलाकर सेवन करें। चाहें तो एक पाव मिश्री मिला गुनगुना दूध पी सकते हैं। शाम वाली ख़्ाुराक चाहें तो रात में सोने से आधा घण्टे पूर्व भी सेवन कर सकते हैं। अलबत्ता, भोजन किये हुए कम-से-कम दो घण्टे अवश्य बीत गए हों।
इस प्रयोग से दुबलापन दूर होता है, पौरुषशक्ति बढ़ती है। यह काफ़ी पौष्टिक, धातुवर्द्धक और श्रेष्ठ बाजीकारक नुस्ख़्ाा है। इसे ब्रह्मचर्य के साथ लगभग तीन माह तक प्रयोग करना चाहिए।  
**********
शरीर दुबला हो और ऐसा किसी विशेष रोग की वजह से न हो तो प्रतिदिन दो पके केले खाकर ऊपर से गर्म मिश्री मिला 1 पाव दूध पिएं। दूध उबालते समय इसमें एक-दो इलायची भी पीसकर मिला दें। तीन चार माह में शरीर मांसल होने लगेगा।
**********
50 ग्राम कच्ची मूँगफली के दानों को तीन-चार घण्टे पानी में भिगोकर छिलका उतारकर पीस लें। अब कढ़ाई में 25 ग्राम देशी घी डालकर धीमी आँच पर सेंकें। जब लालिमा आने लगे तो इसमें 25 ग्राम शक्कर मिलाकर 2 नग छोटी इलाइची पीसकर डाल दें।
इस तरह हलवा बनाकर कुछ दिनों तक नियमित खाने से शरीर का दुबलापन दूर होता है।

क्रमशः.................... ०००





 😎  😍
21:26
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

1--केंसर होने का भय लगता हो तो रोज़ाना कढ़ीपत्ते का रस पीते रहें.
2-- हार्टअटेक का भय लगता हो तो रोज़ना अर्जुनासव या अर्जुनारिष्ट पीते रहिए.
3-- बबासीर होने की सम्भावना लगती हो तो पथरचटे के हरे पत्ते रोजाना सबेरे चबा कर खाएँ .
4-- किडनी फेल होने का डर हो तो हरे धनिये का रस प्रात: खाली  पेट पिएँ.
5-- पित्त की शिकायत का भय हो तो रोज़ाना सुबह शाम आंवले का रस पिएँ.
6-- सर्दी - जुकाम की सम्भावना हो तो नियमित कुछ दिन गुनगुने पानी में थोड़ा सा हल्दी चूर्ण डालकर पिएँ.
7-- गंजा होने का भय हो तो बड़ की जटाएँ कुचल कर नारियल के तेल में उबाल कर छान कर,रोज़ाना स्नान के पहले उस तेल की मालिश करें.
8-- दाँत गिरने से बचाने हों तो फ्रिज और कूलर का पानी पीना बंद कर दें .
9-- डायबिटीज से बचाव के लिए तनावमुक्त रहें, व्यायाम करें, रात को जल्दी सो जाएँ, चीनी नहीं खाएँ , गुड़ खाएँ.
10--किसी चिन्ता या डर के कारण नींद नहीं आती हो तो रोज़ाना भोजन के दो घन्टे पूर्व 20 या 25 मि. ली. अश्वगन्धारिष्ट ,200 मि. ली. पानी में मिला कर पिएँ .
          किसी बीमारी का भय नहीं हो तो भी -- 15 मिनिट अनुलोम - विलोम,  15 मिनिट कपालभाती, 12 बार सूर्य नमस्कार करें.
          स्वयं के स्वास्थ्य के लिए इतना तो करें .




 😎  😍
20 November 2022
08:45
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
से लाभ मिलता है।

क्रमशः.................... ०००



क्रमशः_⬇️⬇️

स्वास्थ्य के साथ सौंदर्य,श्रृखंला@vkmagzine
Post संख्या:- २०

health_beautys_tipS@vkmagzine

21 November 2022
12:59
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


 😎  😍
15:47
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

- अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस
- विश्व डाउन सिंड्रोम दिवस
- उपयुक्त सभी
829 votes
 😎  😍
22 November 2022
16:20
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

जिस समय जो स्वर चलता है उस समय तुम्हारे शरीर में उसी स्वर का प्रभाव होता है। हमारे ऋषियों ने इस विषय बहुत सुंदर खोज की है।

दायें नथुने से चलने वाला श्वास दायाँ स्वर एवं बायें नथुने से चलने वाला श्वास बायाँ स्वर कहलाता है, जिसका ज्ञान नथुने पर हाथ रखकर सहजता से प्राप्त किया जा सकता है। जिस समय जिस नथुने से श्वासोच्छ्वास अधिक गति से चल रहा हो, उस समय वह या नथुना चालू है ऐसा कहा जाता है।

जब सूर्य नाड़ी अर्थात् दायाँ स्वर (नथुना) चलता हो तब भोजन करने से जल्दी पच जाता है लेकिन पेय पदार्थ पीना हो तब चन्द्र नाड़ी अर्थात् बायाँ स्वर चलना चाहिए। यदि पेय पदार्थ पीते समय बायाँ स्वर न चलता हो तो दायें नथुने को उँगली से दबा दें ताकि बायाँ स्वर चलने लगे। भोजन या कोई भी खाद्य पदार्थ सेवन करते समय पिंगला नाड़ी अर्थात् सूर्य स्वर चालू न हो तो थोड़ी देर बायीं करवट लेटकर या कपड़े की छोटी पोटली बायीं काँख में दबाकर यह स्वर चालू किया जा सकता है। इससे स्वास्थ्य की रक्षा होती है तथा बीमारी जल्दी नहीं आती।

सुबह उठते समय ध्यान रखें कि जो स्वर चलता हो उसी ओर का हाथ मुँह पर घुमाना चाहिए तथा उसी ओर का पैर पहले पृथ्वी पर रखना चाहिए। ऐसा करने से अपने कार्यों में सफलता मिलती है ऐसा कहा गया है।

दायाँ स्वर चलते समय मलत्याग करने से एवं बायाँ स्वर चलते समय मूत्रत्याग करने से स्वास्थ्य की रक्षा होती है। वैज्ञानिकों ने प्रयोग करके देखा कि इससे विपरीत करने पर विकृतियाँ उत्पन्न होती हैं।

प्रकृति ने एक साल तक के शिशु के स्वर पर अपना नियंत्रण रखा है। शिशु जब पेशाब करता है तब उसका बायाँ स्वर चलता है और मलत्याग करता है तब उसका दायाँ स्वर चलता है।

लघुशंका बैठकर ही करनी चाहिए क्योंकि खड़े-खड़े पेशाब करने से धातु क्षीण होती है और बच्चे भी कमजोर पैदा होते हैं।

कुछ लोग मुँह से श्वास लेते हैं। इससे श्वासनली और फेफड़ों में बीमारी के कीटाणु घुस जाते हैं एवं तकलीफ सहनी पड़ती है। अतः श्वास सदैव नाक से ही लेना चाहिए।

कोई खास काम करने जायें उस वक्त जो भी स्वर चलता हो वही पैर आगे रखकर जाने से विघ्न दूर होने में मदद मिलती है। इस प्रकार स्वर का भी एक अपना विज्ञान है जिसे जानकर एवं छोटी-छोटी सावधानियाँ अपना कर मनुष्य अपने स्वास्थ्य की रक्षा एवं व्यावहारिक जीवन में भी सफलता प्राप्त कर सकता है।



23 November 2022
14:32
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

*

जो व्यक्ति एक घुटना मोड़ता है उसका वही घुटना दर्द करता है और दूसरा ठीक रहता है. इसके अलावा दैनिक जीवन में चलने-फिरने, चढ़ाव चढ़ने, सैर करने, व्यायाम करने, व्यायाम करने से घुटनों के जोड़ों में स्थित कारटीलेज का क्षय होता है इसकी क्षतिपूर्ति रात्रि को घुटनों के सीधे रखने एवं रक्तसंचार सुचारू रूप से संभव है कारटीलेज में द्रव या कोलोजन रक्त प्रवाह के अभाव में आपस में जुड़ने लगती है. रोगी को खडे होने पर अपना वजन ढोना और चलते समय संतुलन बनाना मुश्किल लगता है. हड्डियां आपस में टकराकर टेढ़ी होने लगती हैं. रोगियों को घुटनों पर नीकैप या क्रेप बैंडेज बांधकर रात्रि सोने की सलाह दी जाती है. घुटनों के अधिक दर्द में वज्रासन या पद्मासन वर्जित माना जाता है |

कारण
-------

* घुटने के दर्द की मुख्य वजह, खून में युरिक एसिड के लेविल का बढना है| इसे शरीर से बाहर निकालने के लिये रोगी को दो बातों का अनुसरण करना हितकर होता है -

1- मौसम के मुताबिक तीन से छ: लिटर पानी पीने की आदत बनानी चाहिये |

2- हरी सब्जी और फल या इनका जूस का सेवन |

दर्द के अन्य कारण
-------------------

* घुटने पर बार-बार दबाव से सूजन (जैसे लंबे समय के लिए घुटने के बल बैठना, घुटने का अधिक उपयोग करना अथवा घुटने में चोट) बरसाइटिस कहते हैं |

* आपके घुटने में सामने की ओर दर्द जो सीढ़ियों अथवा चढ़ाव पर चढ़ते और उतरते समय बढ़ जाता है. यह धावकों, और साइकिल चलाने वालों को होता है | टेन्टीनाइटिस घुटने के पीछे पानी के भरने से सूजन, साथ आथर्राइटिस जैसे अन्य कारणों से सूजन भी हो सकती है | यदि सिस्ट फट जाती है तो आपके घुटने के पीछे का दर्द नीचे आपकी पिंडली तक पहुंच सकता है |

* घिसा हुआ काटिर्लेज घुटने के जोड़ के अंदर की ओर अथवा बाहर की ओर दर्द पैदा कर सकता है |

* झटका लगना अथवा मोच- अचानक अथवा अप्राकृतिक ढंग से मुड़ जाने के कारण लिगमेंट में मामूली चोट |

* जोड़ में संक्रमण (इंनफेक्शन)

* घुटने की चोट- आपके घुटने में रक्त स्राव हो सकता है जिससे दर्द अधिक होता है |

घरेलू देखभाल
----------------

1- आराम करें और ऐसे कार्यों से बचे जो दर्द बढ़ा देते हैं, विशेष रूप से वजन उठाने वाले कर्यों से बचें |

2- किसी भी प्रकार की सूजन को कम करने के लिए अपने घुटने को जहां तक संभव हो ऊपर उठा कर रखें |

3- कोई ऐसा बैंडेज अथवा एलास्टिक स्लीव पहनकर घुटने को धीरे धीरे दबाएं | (ये दोनों वस्तुएं लगभग सभी दवाइयों की दुकानों पर मिलती है) यह सूजन को कम कर सकता है और सहारा भी देता है (नी कैप की तरह)

4- अपने घुटनों के नीचे अथवा बीच में एक तकिया रखकर सोयें |

घुटनों के व्यायाम
------------------

1- घुटनों का संचालन जंघा से पैर को दोनों हाथों से ऊपर उठाकर घुटने से पैर को आगे-पीछे दस पंद्रह बार चलाना |

2- वहीं पकडे़ हुए घुटने के निचले हिस्से से गोल घुमाना 10-10 बार सीधे-उलटे |

3- पैर लंबे करके बैठें और टखनों को आगे-पीछे दस बार चलाना और सीधे-उलटे घुमाना |

4- घुटनों की कटोरियां की मांसपेशियों को खींचना और ढीला छोड़ना - 100 बार |

5- अधिक दर्द न हो तो गद्दे पर 5 मिनट पद्मासन या वज्रासन करें |

6- पेट के बल लेटकर मकरासन की स्थिति बनाकर एक पैर का घुटना मोड़कर ऊपर हिस्से को गोल 10-10 बार सीधे-उलटे घुमाएं |

7- पीठ के बल लेटकर एक-एक पैर बिना घुटने से मोड़े 90 डिग्री पर उठाने का प्रयत्न करें पांच-पांच बार एक-एक पैर उठाएं |

यौगिक साइकिलिंग-
---------------------

1- पीठ के बल लेटकर एक-एक पैर को साइकिल जैसे चलाएं. अभ्यस्त हो जाने पर दोनों पैरों से लेटे-लेटे साइकिलिंग सीधे-उलटे 25 से 50 बार करें, उपरांत शवासन करें |

2- सवेरे भूखे पेट तीन चार अखरोट की गिरियां निकालकर कुछ दिन खाने मात्र से घुटन का दर्द समाप्त हो जाता है |




 😎  😍
18:55
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

गंजा होने से बचना है, तो आजमाएं 5 रुपए से कम के ये आसान उपाय⬇️⬇️

बालों की ग्रोथ, हेयर फॉल और डैंड्रफ की प्रॉब्लम दूर करने के लिए हम कई तरह के प्रोडक्ट्स का यूज करते हैं. हर महीने इनका खर्चा भी काफी ज्यादा आता है. लेकिन अगर हम बालों के लिए रेग्युलर होममेड ट्रीटमेंट लेते हैं तो यह हमें 5 रुपए से भी कम में पड़ेगा. ऐसे ही 15 घरेलू उपायों के बारे में जिन्हें आजमाकर कम पैसों में बालों को हेल्दी बनाया जा सकता है.

- २१

health_beautys_tipS@vkmagzine

24 November 2022
10:57
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

गंजा होने से बचना है, तो आजमाएं 5 रुपए से कम के ये आसान उपाय⬇️⬇️

बालों की ग्रोथ, हेयर फॉल और डैंड्रफ की प्रॉब्लम दूर करने के लिए हम कई तरह के प्रोडक्ट्स का यूज करते हैं. हर महीने इनका खर्चा भी काफी ज्यादा आता है. लेकिन अगर हम बालों के लिए रेग्युलर होममेड ट्रीटमेंट लेते हैं तो यह हमें 5 रुपए से भी कम में पड़ेगा. ऐसे ही 15 घरेलू उपायों के बारे में जिन्हें आजमाकर कम पैसों में बालों को हेल्दी बनाया जा सकता है.



health_beautys_tipS@vkmagzine

17:35
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

गंजा होने से बचना है, तो आजमाएं 5 रुपए से कम के ये आसान उपाय⬇️⬇️

बालों की ग्रोथ, हेयर फॉल और डैंड्रफ की प्रॉब्लम दूर करने के लिए हम कई तरह के प्रोडक्ट्स का यूज करते हैं. हर महीने इनका खर्चा भी काफी ज्यादा आता है. लेकिन अगर हम बालों के लिए रेग्युलर होममेड ट्रीटमेंट लेते हैं तो यह हमें 5 रुपए से भी कम में पड़ेगा. ऐसे ही 15 घरेलू उपायों के बारे में जिन्हें आजमाकर कम पैसों में बालों को हेल्दी बनाया जा सकता है.


health_beautys_tipS@vkmagzine

25 November 2022
08:37
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

गंजा होने से बचना है, तो आजमाएं 5 रुपए से कम के ये आसान उपाय⬇️⬇️

बालों की ग्रोथ, हेयर फॉल और डैंड्रफ की प्रॉब्लम दूर करने के लिए हम कई तरह के प्रोडक्ट्स का यूज करते हैं. हर महीने इनका खर्चा भी काफी ज्यादा आता है. लेकिन अगर हम बालों के लिए रेग्युलर होममेड ट्रीटमेंट लेते हैं तो यह हमें 5 रुपए से भी कम में पड़ेगा. ऐसे ही 15 घरेलू उपायों के बारे में जिन्हें आजमाकर कम पैसों में बालों को हेल्दी बनाया जा सकता है.


health_beautys_tipS@vkmagzine

11:57
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

गंजा होने से बचना है, तो आजमाएं 5 रुपए से कम के ये आसान उपाय⬇️⬇️

बालों की ग्रोथ, हेयर फॉल और डैंड्रफ की प्रॉब्लम दूर करने के लिए हम कई तरह के प्रोडक्ट्स का यूज करते हैं. हर महीने इनका खर्चा भी काफी ज्यादा आता है. लेकिन अगर हम बालों के लिए रेग्युलर होममेड ट्रीटमेंट लेते हैं तो यह हमें 5 रुपए से भी कम में पड़ेगा. ऐसे ही 15 घरेलू उपायों के बारे में जिन्हें आजमाकर कम पैसों में बालों को हेल्दी बनाया जा सकता है.


 😎  😍
26 November 2022
09:37
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

गंजा होने से बचना है, तो आजमाएं 5 रुपए से कम के ये आसान उपाय⬇️⬇️

बालों की ग्रोथ, हेयर फॉल और डैंड्रफ की प्रॉब्लम दूर करने के लिए हम कई तरह के प्रोडक्ट्स का यूज करते हैं. हर महीने इनका खर्चा भी काफी ज्यादा आता है. लेकिन अगर हम बालों के लिए रेग्युलर होममेड ट्रीटमेंट लेते हैं तो यह हमें 5 रुपए से भी कम में पड़ेगा. ऐसे ही 15 घरेलू उपायों के बारे में जिन्हें आजमाकर कम पैसों में बालों को हेल्दी बनाया जा सकता है.


शरीर और साँसों में बदबू आने के आंतरिक और बाह्य दोनों तरह के कारण हो सकते हैं। एक तो खान-पान की गड़बड़ी या किसी रोग की वजह से बदबू आ सकती है, दूसरे शरीर और दाँतों व मुँह की साफ़-सफ़ाई में की जा रही लापरवाही से भी बदबू की समस्या पैदा हो सकती है। बदबू की समस्या के यदि शारीरिक विकार, जैसे कि -दाँतों, मसूड़ों की ख़्ाराबी, पेट की गड़बड़ी, टॉन्सिल की सूजन-पस, नाक व साइनस विकार, श्वासनली व फेफड़ों के विकार, मुँह के छाले, रक्त की कमी, मधुमेह, यकृत-गुर्दों की बीमारी, पीनस आदि कारण हों तो आहार-विहार ठीक रखते हुए आवश्यक उपचार करना चाहिए और यदि बाह्य कारण हों, तो साफ़-सफ़ाई का ध्यान रखते हुए निम्न उपाय अपनाए जा सकते हैं-
**
बेलपत्र, आँवला, हरड़ चूर्ण मिलाकर शरीर में लेप करके कुछ देर बाद धो दें। इससे शरीर और पसीने की दुर्गंध से छुटकारा मिलता है।
**
सुपारी, जायफल, शीतलचीनी, कपूर, लौंग तथा लता कस्तूरी को पान में रखकर ज़रा सा चूना लगाकर चबाने से मुख शुद्धि होती है तथा दुर्गंध ख़त्म होती है। यह पान मसूड़े, दाँत तथा जीभ के लिए भी हितकारी है। ध्यान रखने योग्य इतना सा है कि रक्त-पित्त के रोगियों, बहुत दुर्बल, भूखे, प्यासे तथा मूच्र्छा से पीड़ित लोगों के लिये पान सेवन वर्जित है।
**
साँस में बदबू आती हो तो ऐसे लोगों को नीम की दातून नियमित करनी चाहिए। इसके अलावा खाने के बाद मुँह अच्छी तरह साफ़ रखें।
**
दो चम्मच शहद को 1 गिलास पानी में घोलकर गरारा करने से हफ्ते भर में मुँह की दुर्गन्ध से आसानी से छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ दाँत की सफ़ाई और खान-पान पर भी ध्यान दें तो उत्तम है।
**
मुँह की दुर्गंध दूर करने के लिए दोनों समय भोजन के बाद अथवा यदा-कदा सौंफ़ चबाना चाहिए। इससे हाज़मा भी दुरुस्त होता है।
**
चंदन, मुक्ता, हरड़, नागरमोथा, उशीर व लोध्र का लेप बनाकर शरीर में लगाने से दुर्गंध की समस्या से निजात मिलती है।
**  
कूठ, हरड़ और नागरपान समान मात्रा में पीसकर पानी के साथ लेप बनाकर शरीर में लगाने से दुर्गंध आनी बंद होती है।
**
वच, कूठ, तज, छोटी इलायची, कमल की जड़, नागकेसर सभी सममात्रा में लेकर कपड़छन चूर्ण बनाएं और शहद में मिलाकर 250 मि. ग्रा. की गोलियाँ बना लें।
इन गोलियों को चूसने से मुँह की दुर्गंध दूर होकर सुगंध आने लगती है।
**
लोध्र, अनार का छिलका, रीठे के पत्ते, धाय के फूल एक में मिलाकर पीसकर लेप करने से शरीर की दुर्गंध मिटती है
***


30 November 2022
12:41
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


●●●जहर है फ्रिज का पानी●●●
● अगर आप भी फ्रीज का पानी पीते है तो ये समस्या आपको भी जरुर होगी।
● कितनी भी गर्मी पड़े फ्रिज का ठंडा पानी या बर्फ मिलाया हुआ पानी कभी मत पियो।

पहले ये जान लें...
● आयुर्वेद के अनुसार ठंडे पानी की परिभाषा.??
● शरीर का तापमान होता है
●● 37°सेल्सियस या
●● 98.6°फारेनहाइट।

●● 27℃ से नीचे पानी ठंडा है।
●● 27℃ तक का पानी शरीर सहन कर सकता है।
● जब भी आप फ्रिज का ठंडा पानी पीते है तो गर्म पेट मे ठंडा पानी जाता है।
● अब पेट आपका गर्म है और पानी ठंडा, तो अंदर जाकर झगड़ा होता है या तो पेट पानी को गर्म करता है या पानी पेट को ठंडा करता है।

● एक मिनट के लिए मान लें कि आपने बहुत ठंडा पानी पिया है और पानी ने पेट को ठंडा कर दिया।
● पेट ठंडा होते ही हार्ट (Heart) ठंडा हो जाएगा क्योंकि पेट और हार्ट का आपस मे कनेक्शन है।

● हार्ट के ठंडा होते ही मस्तिष्क (Brain) ठंडा हो जाएगा क्योंकि इन दोनों का भी आपस मे कनेक्शन है और मस्तिष्क के ठंडा होते ही शरीर ठंडा हो जाएगा और शरीर के ठंडा होते ही आपको घर के बाहर निकालकर फेंक दिया जाएगा।
● वो सब लोग जो आपको लिपट कर प्रेम करते है वो आपको छूना भी पसंद नहीं करेंगे क्योंकि शरीर ठंडा हो गया और वो एक ही बात बोलेंगे जल्दी लेकर जाओ क्यों रखा हुआ है ??
● अंतिम संस्कार कब है क्योंकि शरीर के ठंडा होते ही सिर्फ राम नाम सत्य होता है।

तो मित्रो ये ठंडा पानी पीने की गलती मत करिए।
●●अब इस सारी बात का दूसरा पार्ट भी समझिए●●
● जब बहुत ठंडा पानी आप पीएंगे तो पेट उस पानी को गर्म करेगा क्योंकि उसे आपको जिंदा रखना है तो ये भगवान की व्यवस्था बनाई हुई है लेकिन गर्म करने के लिए उसको ऊर्जा (energy) चाहिए।
● अब ऊर्जा कहाँ से आएगी ??
● ऊर्जा आएगी रक्त (blood) मे से तो सारे शरीर का खून पेट मे आएगा।
● अब आप थोड़ी देर के लिए कल्पना करिए सारे मस्तिष्क का खून पेट मे चला गया और हार्ट (Heart) का खून पेट मे चला गया, आंतों का खून पेट मे आ गया तो हरेक अंग को खून की कमी आएगी।
● मस्तिष्क को 3 मिनट अगर ब्लड सप्लाई रुक गई या कम हो गई तो ब्रेन डेड हो जायेगा और इस तरह हार्ट को एक से डेढ़ मिनट ब्लड सप्लाई रुक गई तो हार्ट डेड हो जाएगा।
● बाकी सभी अंग तो ऐसे ही खत्म हो जाएंगे, इसलिए कहा गया है ठंडा पानी पीना बहुत बड़ा रिस्क लेने के बराबर है।
●●अब इस सारी बात का तीसरा पार्ट भी समझ लीजिये.!●●
● हमारे शरीर मे दो आंत होती है छोटी आंत और बड़ी आंत।
● बड़ी आंत का काम है हमारे शरीर मे से मल को बाहर निकालना है अर्थात जो भी हम खाते है पचने के बाद जो बेकार बचता है वो मल के रूप मे बड़ी आंत द्वारा बाहर निकलता है।
● बड़ी आंत देखने मे बिलकुल एक खुले पाइप की तरह होती है। अब जैसे ही एक दम से आप ठंडा पानी पीते है तो ये बड़ी आंत एक दम से सिकुड़ के बंद हो जाती है और बार-बार आपने ठंडा पानी पी पी कर इसे पूरा बंद कर दिया तो सुबह आपको स्टूल पास नहीं होगा टॉयलेट नहीं आएगी।
● आप जोर लगा लगा कर पागल हो जायेंगे लेकिन पेट साफ फिर भी नहीं होगा।
● अर्थात आपको कब्जियत का रोग हो जाएगा और आयुर्वेद मे कब्जियत को सब बीमारियों की जड़ या mother of disease कहते है।
● अगर आपको कब्जियत का रोग हो गया और कुछ लंबे समय तक रहा तो एक एक करके आपको सभी बीमारियाँ आएंगी।
● यूरिक एसिड, कोलोस्ट्रोल, हार्ट ब्लोकेज, शुगर वगैरह वगैरह।
इस लिए ये फ्रिज का ठंडा पानी आपके शरीर के लिए बहुत ही ज्यादा खतरनाक है।
● पश्चिमी देशों के लोग बहुत अधिक ठंडा पानी पीते हैँ।
● 5-6 दिन फ्रिज मे रखकर फिर उसमे आइस क्यूब डाल-डाल कर पीते है और परिणाम क्या होता है.?
● सुबह 1-1 घंटा टॉयलेट मे बिताते है क्योंकि पेट साफ ही नहीं होता और कभी आप उनसे पूछिये की भाई आपने अपनी टॉयलेट सीट ये बैठने वाली कमोड सीट क्यों बनवाई है.?
● तो जवाब आएगा कि भारतीय वाली सीट पर आप 5 मिनट से ज्यादा बैठ नहीं सकते क्योंकि बैठने की जो पोजीशन है वो आपको 5 मिनट मे ही थका देती है और हमको घंटो घंटो बैठना पड़ता है क्योंकि पेट साफ ही नहीं होता।
● इसलिए कुर्सी जैसा बना लेते है और बैठे रहते है !
● और तो और उनके toilet मे आपको लाइब्रेरी मिलेगी, किताबे, न्यूज़ पेपर, मैगजीन सब कुछ मिलेगा क्योंकि घंटो घंटो बैठना है तो बिना इसके टाइम कैसा पास होगा??
● अभी टॉयलेट तो किताब पढ़ने के लिए नहीं बना है ??
● लेकिन उनकी मजबूरी है।
● अब हमारे देश के कुछ पढे लिखे नकलचियों ने उनकी नकल कर टॉयलेट मे अखबार लेकर जाना, किताबे लेकर जाना शुरू कर दिया है और साथ मे छोटी सी लाइब्रेरी भी बनाना शुरू कर दिया है और ऐसा करके अपने आप को आधुनिक समझने लगे है।
● बिना सोचे समझे जब नकल की जाती है तो ऐसा ही होता है।
● उनकी मजबूरी को हम अपना फैशन बना रहे



 😎  😍
1 December 2022
14:39
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

शेष
● उनकी मजबूरी को हम अपना फैशन बना रहे है !
● मतलब ये सारी समस्या का मूल कारण है वो ठंडा पानी।
● आपको अगर पीना है तो आप मिट्टी के घड़े का पानी पिये क्योंकि मिट्टी के घड़े मे रखे पानी को आप जब भी चैक करेंगे उसका तापमान 36℃, 35℃ या 33℃ के आस पास ही होगा और जैसा हमने ऊपर बताया हमारे शरीर का तापमान है 37℃, तो घड़े के पानी का तापमान और आपके शरीर का तापमान लगभग बराबर बैठता है।
● इसलिए सदियो पहले हमारे आयुर्वेद मे कहा गया घड़े का पानी पीने के लिये अच्छा है इसलिए हमारे देश मे सदियो से लोग मिट्टी के घड़े का पानी पीते आए है।

● चलिये छोड़िए इन सब बातों को, मूल बात ये है मिट्टी का घड़ा इस देश मे करोड़ो गरीब कुम्हारों द्वारा बनाया जाता है लेकिन जबसे प्रेशर कुकर, प्लास्टिक की बोतले, थर्मोकोल के गिलास आदि आने शुरू हुये है और परिणाम देश के करोड़ो गरीब कुम्हारों का रोजगार छिन गया है।
● बेचारा गरीब कुम्हार मिट्टी के दीपक भी नहीं बेच पता क्योंकि हम सब दीवाली के त्योहारो पर चीनी लाईट खरीदकर, पहले लक्ष्मी चीन को दे देते है और दीवाली की रात पूजा करते है कि लक्ष्मी जी हमारे घर पधारें।
● हम सब अगर दुबारा से घड़े का पानी पीना शुरू करेंगे तो गरीब कुम्हारों का घड़ा बिकेगा और अगर फ्रिज का ठंडा पानी नहीं पिएंगे तो आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।
 😎  😍
16:04
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine






 😎  😍
20:18
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine




 😎  😍
2 December 2022
13:28
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


एक फोटो स्टूडियो वाले ने एक ही साइज़ के फोटो खिंचवाने के तीन रेट लिख रखे थे-10 रु., 20 रु. और 30 रु.। एक ग्राहक ने उत्सुकता जताते हुए पूछा - क्यों जनाब ! एक ही साइज़ के फोटो उताररने के तीन तरह के रेट क्यों लिख रखे हैं? क्या लोग इतने मूर्ख हैं, कि जो फोटो 10 रु. में उतर सकता है, उसके 30 रु. दें? फोटोग्राफर बोला-देखिए महाशय, लोग मूर्ख हैं या बुद्धिमान, इस पर तो मैं कोई टिप्पणी नहीं कर सकता, पर इतना सत्य जानें कि जब से मैंने स्टूडियो खोला है तब से जितने भी ग्राहक आ रहे हैं, सब खिंचवाते 30 रु. रेट वाला ही फोटो हैं। आज तक कोई 10 रु. या 20 रु. वाला फोटो खिंचवाने को तैयार नहीं हुआ। ग्राहक चकित होकर बोला-क्यों भई ऐसा क्यों? तो फोटोग्राफर ने समझाते हुए कहा- इसकी वजह यह है कि 10 रु. वाला फोटो वैसा उतारा जाता है जैसे कि आप वास्तव में हैं, 20 रु. वाला वैसा उतारा जाता है जैसे कि आप दिखाई देते हैं; और 30 रु. वाला वैसा उतारा जाता है जैसे कि आप दिखाई देना पसन्द करते हैं। दरअसल कोई भी वैसा दिखना नहीं चाहता जैसा वास्तव में होता है या जैसा दिखता है और इसलिए सब 30 रु. देकर वैसा ही फोटो उतरवाते हैं जैसे कि वे दिखाई देना पसन्द करते हैं।
यह बोधकथा जिस मानसिकता को उजागर करती है, यह वास्तव में वही मानसिकता है जिसके चलते भाँति-भाँति के कृत्रिम सौन्दर्य प्रसाधनों की बाढ़ सी आ गई है। लोग दरअसल जैसा दिखना पसन्द करते हैं, वैसा दिखने के लिए ही तरह-तरह के बाज़ारू सौन्दर्य प्रसाधनों को आज़माने में लगे हुए हैं। गली-गली में कुकुरमुत्ते की तरह ब्यूटी पार्लर खुलने लगे हैं तो इसकी भी वजह वही है। यूँ सुन्दर दिखना कोई बुरी बात नहीं है, पर सुन्दरता में इतनी कृत्रिमता आ जाए, सौन्दर्यबोध विकृत हो जाए और दो पल की चमक-दमक के पीछे लोग प्रकृति, स्वास्थ्य और अपनी संस्कृति तक भूल जाएं, तो बात चिन्ताजनक हो जाती है। महिलाएं जिस तरह से इस बाज़ारू सौन्दर्य के मायाजाल में फँस रही है वह ज़्यादा गंभीर स्थिति है, इसलिए कि महिलाएं ही वास्तव में सांस्कृतिक परम्पराओं के निर्वहन का सबसे अहम दायित्व निभाती रही हैं।
लेखक देश की नारियों को इस बात के लिए सचेत करना अपना कर्तव्य मानता है कि अगर वे बाज़ारू सौन्दर्य प्रसाधनों के पीछे की पागल दौड़ में शामिल हो रही हैं तो निश्चित जान लें कि वर्तमान और भावी पीढ़ियों के चारित्रिक पतन की आधारभूमि भी तैयार कर रही हैं। इसके अलावा बनावटी सौन्दर्य के इस पश्चिमी तौर-तरीक़े के चलते सौन्दर्य प्रसाधनों के निर्माण के लिए जिस तरह से जीव-जन्तुओं की बड़े पैमाने पर क्रूर हत्याएं की जा रही हैं ,वह भी निश्चित रूप से भारतीय संस्कृति और परम्पराओं के खिलाफ है । होठों को लिपिस्टिक से लाल करते समय यह बात एक बार ज़रूर याद कर लेना चाहिए कि इसे बनाने के लिए जाने कितने पशु-पक्षियों का ख़्ाून निचोड़ा गया होगा। संवेदनशील व्यक्ति के लिए कितना हृदय विदारक दृश्य होता होगा जबकि ‘स्लेण्डलोरिस’ नामक बन्दर की आँखें और दिल निकालकर बेस पाउडर जैसी चीज़ें बनाने में इस्तेमाल की जाती होंगी। भाँति-भाँति के इत्रों की खुशबुओं में तर रहने वाले लोगों को शायद ही मालूम होगा कि बिज्जू को बेंतों से पीटा जाता है और उसकी ग्रन्थियों को चाकू से खरोंचा जाता है तो वह व्यग्र होकर एक प्रकार का स्राव छोड़ता है। इसी स्राव को इकट्ठा करके तरह-तरह के सेण्ट (इत्र) बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। तालाबों से कछुए पकड़कर मारना और उनका तेल निकालकर सौन्दर्य प्रसाधन निर्माताओं को बेचना तो जैसे कुछ जातियों का पेशा ही बनता जा रहा है। स्थिति यह है सौन्दर्य प्रसाधनों के अंधाधुंध व्यापार के चलते जीव-जन्तुओं की तमाम प्रजातियाँ विलुप्ति के कगार पर पहुँच गई हैं।
इस तरह के बाक़ी सारे मुद्दों को किनारे रखते हुए सिर्फ स्वास्थ्य की दृष्टि से देखें तो भी कृत्रिम सौन्दर्य प्रसाधनों से यथासंभव दूरी बनाये रखने में ही भलाई है। भाँति-भाँति के शैम्पू, साबुन, क्रीम, फेस पाउडर, टेल्कम पाउडर, नेल पालिश, पालिश रिमूवर, हेअर डाई, हैंड व बाडी लोशन, आई लाइनर, हेअर रिमूवर, हेअर स्प्रे, आई शैडो, लिपिस्टिक, परफ्यूम आदि जितनी भी सौन्दर्य प्रसाधन की चीज़ें हैं, ज़्यादातर में हानिकारक क़िस्म के रसायन होते हैं। लिपिस्टिक में इस्तेमाल किये जाने वाले रसायन इतने नुकसानदेह होते हैं कि अक्सर इनके प्रभाव से होठों का प्राकृतिक रंग तक समाप्त हो जाता है और उन पर सफ़ेद धब्बे उभर आते हैं।(1)



👉 ब्लड सर्कुलेशन का रुक जाना ही हार्ट अटैक का मुख्य कारण होता है

⚡बचाव के लिए अपनाएं ये उपाय👇

👉  तनाव कम लें, कोलेस्ट्रॉल कम करें, खाने में तेल और घी का कम इस्तेमाल करें, वजन कंट्रोल में रखें।

  ⚡दिल 5 सर्वश्रेष्ठ पेय:
👉 लौकी का जूस या सूप
अनार का रस
करेले का रस
अदरक की चाय, नींबू की चाय, और हरी चाय
टमाटर का रस या सूप




कल हर्ट अटैक व हृदय रोग के बारे में विस्तृत पोस्ट किया जाएगा आप लोग चैनल को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और जिन लोगों ने नोटिफिकेशन को म्यूट कर के रखा है वह उसे अन म्यूट कर दें ग्रुप से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ने की कृपा करें जय हिंद
 😎  😍
7 December 2022
10:45
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


महिलाओं के होठों के काले पड़ जाने के पीछे भी सबसे बड़ा कारण रसायन मिश्रित लिपिस्टिक ही है। लिपिस्टिक में कई तरह के अघुलनशील एवं अखाद्य रंग आदि पदार्थ मिले होते हैं। इनमें मिलाए जाने वाले मोम, सीसा और कैडमियम जैसे पदार्थ भी शरीर के लिए नुकसानदेह ही होते हैं। ये पदार्थ होठों के सहारे पेट में पहुँचते हैं तो शारीरिक विकृतियों, एलर्जी तथा कैंसर जैसे रोगों के कारण बनते हैं। एओसिन, एमरेन्थ, बिस्मथ, रोडोगाइन-बी, टारटूजीन, लैनोनिन सरीखे तत्त्व भी हर तरह से हानिकारक ही हैं। एमरेन्थ तो प्रजजन प्रणाली तक में विकृतियाँ पैदा कर देता है।
यह भी एक भ्रम है कि सख़्त नाखुनो के ऊपर लगे होने के कारण नेल पालिश से कोई नुकसान नहीं हो पाता। वास्तव में नेल पालिश में कई तरह के जटिल रसायन मिले होते हैं। ऐसे में इसके नियमित इस्तेमाल से नाख़ून रोगग्रस्त हो सकते हैं। नेल पालिश नाखुनो की प्राकृतिक चमक को तो नष्ट करता ही है, वे कमज़ोर होकर टूटने लगते हैं और खुरदुरेपन के शिकार भी हो सकते हैं। इसी तरह नेल पालिश रिमूवर के इस्तेमाल से भी नाख़ून और समीप की त्वचा पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
सुहाग के प्रतीक के तौर पर प्रयोग किया जाने वाला सिन्दूर आज जिस तरह से बनाया जाता है वह भी कम घातक नहीं है। सिन्दूर में प्राय: बेहद ख़तरनाक क़िस्म का रसायन लेड आक्साइड मिला होता है। इसका विषैला प्रभाव कैंसरकारक तो है ही, यह रक्त में पहुँचकर हीमोग्लोबिन के निर्माण को प्रभावित करके रक्ताल्पता भी पैदा कर सकता है। गर्भस्थ शिशु भी इससे प्रभावित हो सकता है। इसलिए एक तो महिलाएं रसायन मिश्रित सिन्दूर की जगह माँग में प्राकृतिक लालिमा लगाएं तो अति उत्तम; अन्यथा, सिन्दूर लगाएं भी तो कम से कम मात्रा में लगाएं और जिस हाथ से लगाएं उस हाथ को अच्छी तरह से अवश्य धो लें। सिन्दूर की ही भाँति आजकल बाज़ारों में बिकने वाला सुरमा भी अक्सर अपमिश्रित होता है। आजकल के सुरमा निर्माता कम लागत में ज़्यादा मुनाफ़ा बटोरने के लोभ में प्राकृतिक उपादानों के बजाय लेड सल्फाइड जैसे ज़हरीले रसायन इस्तेमाल करने लगे हैं। लगभग ऐसा ही हाल काजल का भी है। आँखें कजरारी करने के चक्कर में कई बार आँखों की रोशनी तक चली जा सकती है। बेहतर है कि काजल या सुरमा घर में ही शुद्धता से बना लिया जाय। बाज़ार से ख़्ारीदना पड़े तो विश्वसनीय आयुर्वेदिक सुरमा या काजल ही लेना चाहिए। माथे पर लगाई जाने वाली छोटी सी बिन्दी के पीछे चिपकाने के लिए लगा गोंद अगर अच्छे दजऱ्ें का न हो तो वह भी नुकसानदेह हो सकता है। जहाँ बिन्दी चिपकाई जाती है वहाँ की खाल उधड़ सकती है, खुजली हो सकती है और दूसरे क़िस्म के चर्मरोग भी हो सकते हैं। इसलिए बिन्दी लगाने में भी सावधानी बरतने की ज़रूरत है।
तमाम तरह के सुगन्धित सौन्दर्य प्रसाधन शरीर के लिए हानिकारक होते हैं। इस तरह के प्रसाधनों के निर्माण में लगभग 5000 प्रकार के घटक द्रव्य इस्तेमाल किए जाते हैं। इनमें से कोई भी घटक त्वचा में एलर्जी, जलन या विकार पैदा कर सकता है। आजकल पसीना निरोधक प्रसाधनों का व्यापक उपयोग होने लगा है। ऐसे प्रसाधनों को लगाने से त्वचा के रोमछिद्र बन्द हो जाते हैं और पसीने के जरिए शरीर के विजातीय तत्त्व बाहर नहीं निकल पाते। नतीजन ,त्वचा पर बुरा असर तो होता ही है, गुर्दों पर भी अतिरिक्त बोझ पड़ता है और वे विकारग्रस्त हो सकते हैं। ऐसे प्रसाधनों में प्राय: आक्सीक्विनोलिन सल्फा नामक रसायन मिला रहता है जो केन्द्रीय नाड़ी संस्थान पर बुरा प्रभाव डालता है। इसके अलावा इस तरह के प्रसाधनों में जिंक सल्फोकार्बोनेट, प्रोपेलिन ग्लाइकोल, कास्टिक, बेंजोइक अम्ल, फ्लोरल हाइड्रेट तथा फार्मेल्डिहाइड जैसे हानिकारक रसायन भी मिले होते हैं, जो त्वचा में जलन, एलर्जी या दूसरी समस्याएं पैदा कर सकते हैं। इनमें से फार्मेल्डिहाइड शैम्पू, एण्टिसेप्टिक क्रीम, प्रिजर्वेटिव, नाखुनो को सख़्त बनाने वाले घोलों, स्नानघर में प्रयुक्त होने वाले पदार्थों आदि में भी मिलाया जाता है। इसका विषैला प्रभाव कैंसर रोगियों की संख्या में बढ़ोत्तरी कर रहा है।(२)


(ना सम्मान का मोह, ना अपमान का भय, राम जी के भक्त, अपनी धुन मे लय☆ )

क्रमशः_⬇️⬇️

स्वास्थ्य के साथ सौंदर्य,श्रृखंला@vkmagzine
Post संख्या:-29

health_beautys_tipS@vkmagzine

22:04
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
जाती है। इस क्लॉटिंग की वजह से खून हृदय तक पहुँचने में असमर्थ होता है। इसी के साथ हृदय को ऑक्सीजन मिलनी बंद हो जाती है। यह स्थिति हार्ट अटैक की होती है।
हार्ट अटैक को मायोकार्डियल इन्फ़्रैक्शन भी कहते हैं। एक हार्ड अटैक की स्थिति किसी भी व्यक्ति के लिए जानलेवा हो सकती है लेकिन यदि तुरंत उपचार मिल जाए तो व्यक्ति को बचाया जा सकता है।
 
हार्ट अटैक के सामान्य लक्षण
 
1.) कोल्ड स्वैट (शरीर से पसीना आता है लेकिन ठंड भी लगती है।)
2.) थकान महसूस होती है 
3.) साँस लेने में परेशानी होती है
4.) शरीर का भार कम महसूस होता है 
5.) चक्कर आते हैं
6.) बाएँ हाथ में दर्द होता है 
7.) उल्टी महसूस होती है 
8.) अपच की समस्या भी हो सकती है
9.) सीने में जलन होती है
 
हर व्यक्ति में हार्ट अटैक के लक्षण अलग अलग हो सकते हैं। कुछ लोगों में हार्ट अटैक के समय काफ़ी तेज़ दर्द होता है तो वहीं कुछ लोगों को हार्ट अटैक के दौरान दर्द कम होता है। कुछ मामलों में यह भी देखा गया है कि हार्ट अटैक से पहले किसी व्यक्ति के बाएँ हाथ में दर्द शुरू हो जाता है।
कुछ लोगों को हार्ट अटैक बिना किसी चेतावनी के आता है तो वहीं कुछ लोगों को हार्ट अटैक से पूर्व कुछ लक्षण देखने को मिल जाते हैं। 
ऐसा भी देखा गया है कि कुछ लोगों को हार्ट अटैक से पहले अचानक से सीने में दर्द उठता है जो आराम करने पर ख़त्म हो जाता है। इसी तरह कुछ लोगों को कुछ घंटे, कुछ दिन पहले या कुछ हफ़्ते पहले से ही हार्ट अटैक के लक्षण दिखाई देते हैं। सीने में दर्द का कारण रक्त के प्रवाह में आयी कमी होती है। हार्ट अटैक के कुछ कारण होते हैं जिन्हें जानना बेहद ज़रूरी है। आइए देखते हैं कि वे क्या हैं।
 
हार्ट अटैक का प्रमुख कारण नसों में रक्त का ज़मना होता है। ब्लड क्लॉटिंग एक ख़तरनाक समस्या है जो हार्ट अटैक को जन्म दे सकती है। इसके साथ साथ हार्ट अटैक की कुछ निम्न कारण हो सकते हैं जिनसे हार्ट अटैक की संभावना काफ़ी बढ़ जाती है।
 
1.) अधिक उम्र
हार्ट अटैक का एक कारण अधिक उम्र भी हो सकती है। पुरुषों में 45 साल से अधिक तथा महिलाओं में 55 साल से अधिक की उम्र में हार्ट अटैक या ह्रदयाघात की संभावना बढ़ जाती है।
 
2.) मानसिक स्थिति
जी हाँ, ये बात भले ही सुनने में थोड़ी सी अजीब लगे लेकिन मानसिक स्थिति के कारण भी हृदय को नुक़सान पहुँच सकता है। कई मामलों में डिप्रेशन या तनाव के चलते भी हार्ट अटैक की समस्या देखने को मिलती है। 
 
3.) तम्बाकू या धूम्रपान
जो लोग तंबाकू का सेवन करते हैं या फिर वे सिगरेट के द्वारा धूम्रपान करते हैं तो ऐसे में उन्हें हार्ट अटैक की संभावना काफ़ी बढ़ जाती है। इसी के साथ साथ ऐसे लोग जो सिगरेट पीने वालों के साथ रहते हैं उन्हें भी हार्ट अटैक की संभावना रहती है। लंबे समय तक सेकेंड हैंड स्मोक अर्थात सिगरेट पीने वाले के द्वारा छोड़े गए धुएं के संपर्क में रहने से हार्ट अटैक की संभावना काफ़ी बढ़ जाती है।
 
4.) मोटापा
मोटापा ना सिर्फ़ हार्ट अटैक को ही जन्म देता है बल्कि इसके साथ ही ये व्यक्ति को अवसाद और अन्य बीमारियां भी देता है। दरअसल हमारे शरीर में फ़ैट या वसा की एक उचित मात्रा होना ही ज़रूरी है। जब हम कोई चीज़ खाते हैं तो उसमें से फ़ैट हमारे शरीर में आता है। कई बार ये फ़ैट अधिक होने के कारण शरीर में जमा होने लगता है। 
वैसे तो वसा शरीर को ऊर्जा देता है लेकिन अधिक मात्रा में लिया गया फ़ैट या वसा नसों के किनारों पर जमने लगता है। इस तरह नसें संकरी होने लगती है। इससे नसों में रक्त का प्रवाह सुचारु रूप से नहीं होता और वह बाधित होने लगता है। ऐसी स्थिति में कभी कभी नसों में क्लॉटिंग भी हो सकती है। अब हम कह सकते हैं कि यह स्थिति हार्ट अटैक को जन्म दे सकती है।
 
5.) उच्च रक्तचाप
हमारे शरीर में होने वाली समस्त प्रक्रियाएं सामान्य ही होनी चाहिए। उदाहरण के तौर पर हमारी नसों में रक्त का प्रवाह एक निश्चित गति से होता है और यह निश्चित ही होना चाहिए। यदि नसों में रक्त का प्रवाह धीमा या ज़्यादा हो जाता है तो ऐसे में हृदय रोग की संभावना काफ़ी बढ़ जाती है। 
ऐसे लोग जो काफ़ी समय से उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे हैं उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ज़्यादा लंबे समय तक रहने वाला उच्च रक्तचाप हार्ट अटैक जैसी ख़तरनाक बीमारी को जन्म दे सकता है।
Next part - tomorrow

health_beautys_tipS@vkmagzine
 😎  😍
8 December 2022
22:49
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


6.) मेटाबॉलिक सिंड्रोम

जब  कोई व्यक्ति मोटापे, हाई ब्लडप्रेशर और हाई ब्लड शुगर (उच्च रक्त वसा) की समस्या से लगातार जूझ रहा होता है तो इस स्थिति को मेटाबोलिक सिंड्रोम के नाम से जानते हैं। यह स्थिति भी हार्ट अटैक के ख़तरे को बढ़ाती है।
 
7.) पारिवारिक इतिहास
यदि परिवार के किसी सदस्य को पहले कभी हार्ट अटैक आया हो तो ऐसे में अगली पीढ़ी में के लोगों में हार्ट अटैक की संभावना काफ़ी बढ़ जाती है। यदि पहले कभी आपके परिवार में किसी पुरुष को 55 की उम्र में तथा महिला को 65 साल की उम्र में हार्ट अटैक आया हो तो ऐसे में आप पर भी हार्ट अटैक का ख़तरा बढ़ जाता है। यह एक रिसर्च की पुष्टि है लेकिन ज़रूरी नहीं कि ये बात हर बार हर व्यक्ति पर लागू हो। वैसे तो पारिवारिक इतिहास के चलते हार्ट अटैक के ख़तरे की संभावना को व्यक्त किया जाता है लेकिन यदि व्यक्ति अपना ख़याल रखें तो ऐसे में वो इस ख़तरे से बच सकता है।
 
8.) फ़िटनेस की कमी
जैसा कि हम ने बताया कि शरीर में वसा के जमाव के कारण हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है। यदि आप अपने आहार में कैलोरी की अधिक मात्रा लेते हैं और इसके बावजूद फ़िटनेस या कोई अन्य शारीरिक गतिविधि नहीं करते हैं तो ऐसे में हार्ट अटैक का ख़तरा काफ़ी बढ़ जाता है।
 
9.) अन्य कारण
इसके अलावा ज़्यादा मात्रा में शराब का सेवन, किसी प्रकार की दवाई का सेवन, नशे की लत इत्यादि से भी हार्ट अटैक का ख़तरा बढ़ सकता है।
 health_beautys_tips@vkmagzine
हार्ट अटैक से बचने के लिए ध्यान दें निम्नलिखित बिंदुओं पर-
 
1.) शरीर में दिख रहे किसी भी प्रकार के कोई भी लक्षण को अनदेखा न करें। 
2.) यदि आपके शरीर में किसी भी जगह पर कोई दर्द या सूजन हो तो ऐसे में तुरंत इसका उपचार करवायें। सीने में दर्द या जलन तथा बाएँ हाथ में लगातार दर्द होने पर डॉक्टर के पास जाएं।
3.) अपने आहार में अच्छी चीज़ों को शामिल करें। आहार को संतुलित रखें। ज़्यादा कैलोरीयुक्त भोजन न करें। प्रतिदिन फल तथा जूस का भी सेवन करते रहें।
4.) फ़िटनेस पर ध्यान दे। शरीर पर अतिरिक्त वसा को जमने ना दें। जितना हो सके पैदल चलने की कोशिश करें।
5.) नकारात्मक विचारों को स्वयं से दूर रखें। यदि आपको किसी प्रकार का डिप्रेशन या तनाव है तो उससे छुटकारा पाने की कोशिश करें।
6.) किसी भी प्रकार की समस्या होने पर सिर्फ़ डॉक्टर के परामर्श को ही अपनाएं। इधर उधर से जानकारी एकत्र करके उसे स्वयं पर लागू ना करें। यह ख़तरे से ख़ाली नहीं है।
 health_beautys_tips@vkmagzine
निष्कर्ष
अपनी सेहत का ख़याल रखना बहुत ज़रूरी है। यह जीवन हर व्यक्ति को एक बार ही मिलता है और इसलिए यह ज़रूरी है कि इस जीवन की क़द्र की जाए। बीमारियों के प्रति कभी भी लापरवाही न रखें। जितना हो सके इनके बारे में जानने की कोशिश करें। इसी के साथ यह ख़याल रखें कि आप जिन जगहों से ज्ञान हासिल कर रहे हैं वे सही हैं। 

health_beautys_tips@vkmagzine
 😎  😍
9 December 2022
22:30
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


 😎  😍
10 December 2022
22:29
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


 😎  😍
11 December 2022
18:00
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
बाजार में उपलब्ध नहीं है. और ना ही आने वाली पीढ़ियों को इसके गुण पता हैं. health_beautys_tipS@vkmagzine

🔹 क्योंकि नई पीढ़ी तो टी वी के इश्तिहार देख कर ही सारा सामान ख़रीदती है.
और तिल के तेल का प्रचार कंपनियाँ इसलिए नहीं करती क्योंकि इसके गुण जान लेने के बाद आप उन द्वारा बेचा जाने वाला तरल चिकना पदार्थ जिसे वह तेल कहते हैं लेना बंद कर देंगे.

🔹तिल के तेल में इतनी ताकत होती है कि यह पत्थर को भी चीर देता है. प्रयोग करके देखें....
🔹आप पर्वत का पत्थर लिजिए और उसमे कटोरी के जैसा खडडा बना लिजिए, उसमे पानी, दुध, धी या तेजाब संसार में कोई सा भी कैमिकल, ऐसिड डाल दीजिए, पत्थर में वैसा की वैसा ही रहेगा, कही नहीं जायेगा...
🔹लेकिन... अगर आप ने उस कटोरी नुमा पत्थर में तिल का तेल डाल दीजिए, उस खड्डे में भर दिजिये.. 2 दिन बाद आप देखेंगे कि, तिल का तेल... पत्थर के अन्दर भी प्रवेश करके, पत्थर के नीचे आ जायेगा. यह होती है तेल की ताकत, इस तेल की मालिश करने से हड्डियों को पार करता हुआ, हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है.

🔹 तिल के तेल के अन्दर फास्फोरस होता है जो कि हड्डियों की मजबूती का अहम भूमिका अदा करता है.
health_beautys_tipS@vkmagzine
🔹और तिल का तेल ऐसी वस्तु है जो अगर कोई भी भारतीय चाहे तो थोड़ी सी मेहनत के बाद आसानी से प्राप्त कर सकता है. तब उसे किसी भी कंपनी का तेल खरीदने की आवश्यकता ही नही होगी.

🔹तिल खरीद लीजिए और किसी भी तेल निकालने वाले से उनका तेल निकलवा लीजिए. लेकिन सावधान तिल का तेल सिर्फ कच्ची घाणी (लकडी की बनी हुई) का ही प्रयोग करना चाहिए.
🔷तैल शब्द की व्युत्पत्ति तिल शब्द से ही हुई है। जो तिल से निकलता वह है तैल। अर्थात तेल का असली अर्थ ही है "तिल का तेल" health_beautys_tipS@vkmagzine
🔹तिल के तेल का सबसे बड़ा गुण यह है की यह शरीर के लिए आयुषधि का काम करता है.. चाहे आपको कोई भी रोग हो यह उससे लड़ने की क्षमता शरीर में विकसित करना आरंभ कर देता है. यह गुण इस पृथ्वी के अन्य किसी खाद्य पदार्थ में नहीं पाया जाता.
🔹सौ ग्राम सफेद तिल 1000 मिलीग्राम कैल्शियम प्राप्त होता हैं। बादाम की अपेक्षा तिल में छः गुना से भी अधिक कैल्शियम है।
काले और लाल तिल में लौह तत्वों की भरपूर मात्रा होती है जो रक्तअल्पता के इलाज़ में कारगर साबित होती है।
🔷तिल में उपस्थित लेसिथिन नामक रसायन कोलेस्ट्रोल के बहाव को रक्त नलिकाओं में बनाए रखने में मददगार होता है। health_beautys_tipS@vkmagzine
तिल के तेल में प्राकृतिक रूप में उपस्थित सिस्मोल एक ऐसा एंटी-ऑक्सीडेंट है जो इसे ऊँचे तापमान पर भी बहुत जल्दी खराब नहीं होने देता। आयुर्वेद चरक संहित में इसे पकाने के लिए सबसे अच्छा तेल माना गया है।
health_beautys_tipS@vkmagzine
🔷तिल में विटामिन  सी छोड़कर वे सभी आवश्यक पौष्टिक पदार्थ होते हैं जो अच्छे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं। तिल विटामिन बी और आवश्यक फैटी एसिड्स से भरपूर है।
इसमें मीथोनाइन और ट्रायप्टोफन नामक दो बहुत महत्त्वपूर्ण एमिनो एसिड्स होते हैं जो चना, मूँगफली, राजमा, चौला और सोयाबीन जैसे अधिकांश शाकाहारी खाद्य पदार्थों में नहीं होते।
health_beautys_tipS@vkmagzine
🔹ट्रायोप्टोफन को शांति प्रदान करने वाला तत्व भी कहा जाता है जो गहरी नींद लाने में सक्षम है। यही त्वचा और बालों को भी स्वस्थ रखता है। मीथोनाइन लीवर को दुरुस्त रखता है और कॉलेस्ट्रोल को भी नियंत्रित रखता है।

🔷तिलबीज स्वास्थ्यवर्द्धक वसा का बड़ा स्त्रोत है जो चयापचय को बढ़ाता है।
यह कब्ज भी नहीं होने देता।
तिलबीजों में उपस्थित पौष्टिक तत्व,जैसे-कैल्शियम और आयरन त्वचा को कांतिमय बनाए रखते हैं।
health_beautys_tipS@vkmagzine
🔷तिल में न्यूनतम सैचुरेटेड फैट होते हैं इसलिए इससे बने खाद्य पदार्थ उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है।
सीधा अर्थ यह है की यदि आप नियमित रूप से स्वयं द्वारा निकलवाए हुए शुद्ध तिल के तेल का सेवन करते हैं तो आप के बीमार होने की संभावना ही ना के बराबर रह जाएगी.
health_beautys_tipS@vkmagzine
🔹 जब शरीर बीमार ही नही होगा तो उपचार की भी आवश्यकता नही होगी. यही तो आयुर्वेद है.. आयुर्वेद का मूल सीधांत यही है की उचित आहार विहार से ही शरीर को स्वस्थ रखिए ताकि शरीर को आयुषधि की आवश्यकता ही ना पड़े.

🔹एक बात का ध्यान अवश्य रखिएगा की बाजार में कुछ लोग तिल के तेल के नाम पर अन्य कोई तेल बेच रहे हैं.. जिसकी पहचान करना मुश्किल होगा. ऐसे में अपने सामने निकाले हुए तेल का ही भरोसा करें. यह काम थोड़ा सा मुश्किल ज़रूर है किंतु पहली बार की मेहनत के प्रयास स्वरूप यह शुद्ध तेल आपकी पहुँच में हो जाएगा. जब चाहें जाएँ और तेल निकलवा कर ले आएँ.
health_beautys_tipS@vkmagzine
 😎  😍
20:33
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


ाठिन्य (atherosclerosis) के संभावना को कम करता है।
कैंसर से सुरक्षा प्रदान करता है-
तिल में सेसमीन (sesamin) नाम का एन्टीऑक्सिडेंट (antioxidant) होता है जो कैंसर के कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने के साथ-साथ है और उसके जीवित रहने वाले रसायन के उत्पादन को भी रोकने में मदद करता है।

🔹 यह फेफड़ों का कैंसर, पेट के कैंसर, ल्यूकेमिया, प्रोस्टेट कैंसर, स्तन कैंसर और अग्नाशय के कैंसर के प्रभाव को कम करने में बहुत मदद करता है।
तनाव को कम करता है-

🔹इसमें नियासिन (niacin) नाम का विटामिन होता है जो तनाव और अवसाद को कम करने में मदद करता है।
हृदय के मांसपेशियों को स्वस्थ रखने में मदद करता है-

🔹तिल में ज़रूरी मिनरल जैसे कैल्सियम, आयरन, मैग्नेशियम, जिन्क, और सेलेनियम होता है जो हृदय के मांसपेशियों को सुचारू रूप से काम करने में मदद करता है और हृदय को नियमित अंतराल में धड़कने में मदद करता है।

🔹शिशु के हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है-
तिल में डायटरी प्रोटीन और एमिनो एसिड होता है जो बच्चों के हड्डियों के विकसित होने में और मजबूती प्रदान करने में मदद करता है। health_beautys_tipS@vkmagzine

🔹उदाहरणस्वरूप 100ग्राम तिल में लगभग 18 ग्राम प्रोटीन होता है, जो बच्चों के विकास के लिए बहुत ज़रूरी होता है।
गर्भवती महिला और भ्रूण (foetus) को स्वस्थ रखने में मदद करता है-

🔹तिल में फोलिक एसिड होता है जो गर्भवती महिला और भ्रूण के विकास और स्वस्थ रखने में मदद करता है।
health_beautys_tipS@vkmagzine
🔹शिशुओं के लिए तेल मालिश के रूप में काम करता है-

🔹अध्ययन के अनुसार तिल के तेल से शिशुओं को मालिश करने पर उनकी मांसपेशियाँ सख्त होती है साथ ही उनका अच्छा विकास होता है।

🔹 आयुर्वेद के अनुसार इस तेल से मालिश करने पर शिशु आराम से सोते हैं।
अस्थि-सुषिरता (osteoporosis) से लड़ने में मदद करता है-

🔹तिल में जिन्क और कैल्सियम होता है जो अस्थि-सुषिरता से संभावना को कम करने में मदद करता है।

🔹मधुमेह के दवाईयों को प्रभावकारी बनाता है-

🔹डिपार्टमेंट ऑफ बायोथेक्सनॉलॉजी विनायक मिशन यूनवर्सिटी, तमिलनाडु (Department of Biothechnology at the Vinayaka Missions University, Tamil Nadu) के अध्ययन के अनुसार यह उच्च रक्तचाप को कम करने के साथ-साथ इसका एन्टी ग्लिसेमिक प्रभाव रक्त में ग्लूकोज़ के स्तर को 36% कम करने में मदद करता है जब यह मधुमेह विरोधी दवा ग्लिबेक्लेमाइड (glibenclamide) से मिलकर काम करता है। इसलिए टाइप-2 मधुमेह (type 2 diabetic) रोगी के लिए यह मददगार साबित होता है।

🔹दूध के तुलना में तिल में तीन गुना कैल्शियम रहता है। इसमें कैल्शियम, विटामिन बी और ई, आयरन और ज़िंक, प्रोटीन की भरपूर मात्रा रहती है और कोलेस्टरोल बिल्कुल नहीं रहता है।
health_beautys_tipS@vkmagzine
🔹तिल का तेल ऐसा तेल है, जो सालों तक खराब नहीं होता है, यहाँ तक कि गर्मी के दिनों में भी वैसा की वैसा ही रहता है.
तिल का तेल कोई साधारण तेल नहीं है। इसकी मालिश से शरीर काफी आराम मिलता है। यहां तक कि लकवा जैसे रोगों तक को ठीक करने की क्षमता रखता है।

🔹इससे अगर  महिलाएं अपने स्तन के नीचे से ऊपर की ओर मालिश करें, तो स्तन पुष्ट होते हैं। सर्दी के मौसम में इस तेल से शरीर की मालिश करें, तो  ठंड का एहसास नहीं होता।
🔹 इससे चेहरे की मालिश भी कर सकते हैं। चेहरे की सुंदरता एवं कोमलता बनाये रखेगा। यह सूखी त्वचा के लिए उपयोगी है। health_beautys_tipS@vkmagzine

🔹तिल का तेल- तिल विटामिन ए व ई से भरपूर होता है। इस कारण इसका तेल भी इतना ही महत्व रखता है। इसे हल्का गरम कर त्वचा पर मालिश करने से निखार आता है। अगर बालों में लगाते हैं, तो बालों में निखार आता है, लंबे होते हैं।
health_beautys_tipS@vkmagzine
🔹जोड़ों का दर्द हो, तो तिल के तेल में थोड़ी सी सोंठ पावडर, एक चुटकी हींग पावडर डाल कर गर्म कर मालिश करें। तिल का तेल खाने में भी उतना ही पौष्टिक है विशेषकर पुरुषों के लिए।इससे मर्दानगी की ताकत मिलती है!

🔹धार्मिक कार्यो में भी तिल के बिना कोई कार्य सिद्ध नहीं होता है, जन्म, मरण, परण, यज्ञ, जप, तप, पित्र, पूजन आदि में तिल और तिल का तेल के बिना संभव नहीं है अतः इस पृथ्वी के अमृत को अपनावे और जीवन निरोग बनावे।




health_beautys_tipS@vkmagzine
 😎  😍
इस पर जल्दी से 20 इमोजी कीजिए उसके बाद में कब्ज संबंधित पोस्ट किया जाएगा



दूध में सूखे अंजीर को उबाल कर खाएं, और दूध को पी लें।

रात में सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को गर्म पानी के साथ लें।

विस्तृत पोस्ट के लिए हमारे इस पोस्ट पर ज्यादा से ज्यादा जल्दी से जल्दी इमोजी देने की कृपा करें
 😎  😍
14 December 2022
01:26
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

हर किसी की चाहत होती है कि उसके बाल सुंदर और घने हों, लेकिन बढ़ते प्रदूषण, स्ट्रेस और अन्य शारीरिक स्थितियों के कारण बाल जल्दी झड़ना शुरू हो जाते हैं. कुछ लोगों के बाल तो इतने झड़ते हैं कि सिर पर गंजेपन के धब्बे दिखने लगते हैं. बालों को दोबारा लंबे और हेल्दी बनाने के लिए आयुर्वेदिक उपचार का प्रयोग करना अच्छा विकल्प है.
आयुर्वेद के अनुसार मनुष्य शरीर में वात, पित्त और कफ जैसे दोष होते हैं. जब इन दोषों में असंतुलन होता है, तब ही बीमारियां उत्पन्न होती हैं, जिसमें से एक है बाल झड़ना. ग्रीन टी, गुलाब की पत्तियां या नीम का प्रयोग झड़ते बालों का एक कारगर आयुर्वेदिक इलाज है.
आज लेख में जानिए झड़ते बालों का कारगर आयुर्वेदिक इलाज -

बाल झड़ने से बचाते हैं ये आयुर्वेदिक उपचार-

A. शिकाकाई
B. रीठा
C. आंवला
D. गुलाब का तेल
E. नीम
F. ग्रीन टी
E. तुलसी


A. शिकाकाई👉
शिकाकाई से बालों की अधिकतर समस्याओं को सुलझाया जा सकता है. बाल झड़ने में शिकाकाई को हल्के गर्म पानी में मिला कर एक शैंपू की तरह प्रयोग किया जाता है. शिकाकाई का करने से बालों की ग्रोथ होती है और किसी भी तरह का इंफेक्शन है, तो वह भी खत्म होता है. शिकाकाई से बालों में नमी बनी रहती है और बाल ड्राई होने से भी बचते हैं

रीठा👉
रीठा में एंटी-फंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जिनसे बालों में होने वाले इंफेक्शन से बचा जा सकता है. इंफेक्शन के कारण झड़ने वाले बालों से रीठा निजात दिला सकता है. रीठा बालों में चमक लाता है. रीठा का प्रयोग भी गर्म पानी में मिला कर एक शैंपू की तरह ही किया जाता है. इससे डैंड्रफ की समस्या भी कम होती है.
health_beautys_tipS@vkmagzine

आंवला👉
आंवला बालों के लिए काफी अच्छा होता है. आंवले के तेल का प्रयोग बाल झड़ने की समस्या को रोकने के लिए किया जाता है. अगर बाल कमजोर हो रहे हैं या पतले होते जा रहे हैं, तो भी आंवला उन्हें मजबूत करने में सहायक है. आंवला में विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो बालों को मजबूती और चमक वापस पाने में मदद करते हैं. आंवला से बनने वाले हेयर-केयर प्रोडक्ट्स बालों में प्रयोग करने से बाल जल्दी सफेद भी नहीं होते.
health_beautys_tipS@vkmagzine

गुलाब का तेल👉
आयुर्वेद के मुताबिक गुलाब के तेल का बालों में प्रयोग करने से सारे दोष संतुलित हो सकते हैं. नहाते समय गुलाब का एसेंशियल ऑयल गर्म पानी में मिलाकर प्रयोग किया जा सकता है. अगर गुलाब का तेल नहीं है, तो गुलाब की पत्तियों के पानी से बाल धोये जा सकते हैं. इससे बाल झड़ने की समस्या कम हो सकती है.

नीम👉
नीम में एंटी-माइक्रोबियल व एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं. यही नहीं इसमें कूलिंग प्रॉपर्टी भी होती हैं, जो बालों को झड़ने से रोक सकती हैं. नीम की पत्तियों से न केवल हेयर रिंस बनाया जा सकता है, बल्कि नीम के पाउडर को पानी में मिलाकर पेस्ट भी बनाया जा सकता है. इस पेस्ट को बालों में लगाने से स्कैल्प इंफेक्शन से भी राहत मिलती है. नीम के प्रयोग से बाल हेल्दी और मजबूत बनते हैं

ग्रीन टी👉 health_beautys_tipS@vkmagzine
ग्रीन टी के माध्यम से कफ दोष को कम किया जाता है. यही नहीं चमकदार बाल पाने के लिए भी ग्रीन टी हेयर रिंस का प्रयोग किया जा सकता है. जब ग्रीन टी पाउडर को गुलाब जल में मिलाकर सिर पर मास्क की तरह लगाया जाता है, तो इससे बालों की जड़ें काफी मजबूत बनती हैं और बालों का घनत्व भी बेहतर होता है. कुछ रिसर्च के मुताबिक ग्रीन टी का प्रयोग करने से नए बाल भी जल्दी बढ़ते हैं. 
health_beautys_tipS@vkmagzine

तुलसी👉
तुलसी के पत्तों को ग्रीन टी के साथ पानी में मिलाने से बालों के लिए काफी प्रभावी रिंस बनाया जा सकता है. इस रिंस से ड्राई बाल और कमजोर बालों की समस्या हल होती है. अगर गर्मियों का मौसम है, तो इस में एलोवेरा जेल का भी प्रयोग किया जा सकता है. इससे बालों में एक कूलिंग इफेक्ट मिलता है.


सारांश👉
झड़ते बालों के लिए आयुर्वेद बेहतरीन उपचार है. इसके साथ ही बालों के लिए अरोमा थेरेपी और कुछ खास हेयर मास्क का प्रयोग करना भी झड़ते बालों की समस्या को कम कर सकता है. आयुर्वेद के मुताबिक बालों को नियमित रूप से शैंपू करना और उनमें तेल लगाना भी काफी जरूरी है. दरअसल, बालों को भी हमारे शरीर की तरह ही पोषण की आवश्यकता होती है. अगर घरेलू उपचार ट्राई करने के बाद भी बाल झड़ने की समस्या ठीक नहीं होती है, तो डॉक्टर से संपर्क करें.

health_beautys_tipS@vkmagzine
..®

Health_Beautys_Tips@vkmagzine
 😎  😍
21:55
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine



हमेशा स्वास्थ्यप्रद आहार-विहार का पालन करने वाले भी अगर अचानक बीमार पड़ जाएं तो हो सकता है कि उन्हें उनकी बीमारी रोज़मर्रा इस्तेमाल होने वाले उन्हीं के टूथब्रश से उपहार में मिल गई हो। जी हाँ, दाँतों, मसूडों को स्वस्थ,सुंदर रखने की मंशा से अपनाया जाने वाला स्वास्थ्य का यह साधन कभी भी बीमारियों की सौग़ात ला सकता है।
यह ताज्जुब की बात ज़रूर लग सकती है, पर है एकदम सच। और, यह आश्यर्चजनक खोज की है स्वानंद अनुसंधान पीठम, पुणे के डॉक्टरों और वैज्ञानिकों की एक टीम ने। आज़ादी बचाओ आन्दोलन के यवतमाल (महाराष्ट्र) जिले के वरिष्ठ कार्यकर्त्ता जितेन्द्र लोड़या और उनके चिकित्सा विशेषज्ञ साथियों की टीम फिलहाल टूथब्रश के नुकसानदेह पहलुओं को काफ़ी गम्भीरता से आमजन के बीच उजागर करने में लग गए हैं। शुरूआती दौर में ही टूथब्रश में पनपने वाली कई बीमारियों के जीवाणु ढूँढ़ निकाले गये हैं। इनमें हैजा जैसे संक्रामक रोगों तक के भी जीवाणु शामिल हैं। सेहत बरक़रार रखने के नाम पर पूरी दुनिया में इस्तेमाल हो रहे टूथब्रश के कई दूसरे नुकसान तो ख़ैर पूरी रिपोर्ट आ जाने के बाद ही पता चलेंगे, पर शुरूआती सूचनाओं से ही ख़तरे का संकेत तो मिल ही जाता हैै।
टूथब्रश और टूथपेस्ट जैसी चीज़ों के परीक्षण में लगे चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार मुँह से निकली गन्दगी की एक परत दरअसल टूथब्रश में नीचे की ओर ब्रश की जड़ों में धुलने के बाद भी अक्सर जमी ही रहती है। अब ऐसा तो होता नहीं कि ब्रश करने के बाद आप पानी गरम करें और उसमें टूथब्रश अच्छी तरह धुलकर रखें। यूँ गरम पानी से भी कोई गारण्टी नहीं है कि ब्रश की जडें़ ठीक से धुल ही जाएँ। वैसे भी काफ़ी साफ़-सुथरी चिकनी चीज़ों को लगातार पानी से साफ़ करते रहने पर भी हफ्ते दो हफ्ते में जब साबुन वग़ैरह से अच्छी तरह रगड़ने की ज़रूरत महसूस होने लगती है, तो फिर साल-छ: महीने लगातार इस्तेमाल होने वाले टूथब्रश को साफ़ रख पाना कितना कठिन होगा, यह समझा जा सकता है।

(ना सम्मान का मोह, ना अपमान का भय, राम जी के भक्त, अपनी धुन मे लय☆ @ji01✍️)

For Any personal problem massage me:- @ji01

क्रमशः_⬇️⬇️

स्वास्थ्य के साथ सौंदर्य,श्रृखंला@vkmagzine

18 December 2022
19:00
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
लाइफ डिस्टर्ब करती है। पेट साफ न होने से शारीरिक परेशानियों के साथ कई स्किन प्रॉब्लम्स भी हो जाती हैं। ऐसे में आपको अपना ख्याल रखने के लिए अपनी कुछ आदतों में सुधार करना चाहिए। कुछ ऐसी आदतें होती हैं, जिसकी वजह से आपको कब्ज की परेशानी होती रहती है। कब्ज की बात करें, तो आम कब्ज से लेकर गंभीर तरह की कब्ज की बीमारी इसमें शामिल है. जैसे कभी-कभार होने वाला कब्ज, क्रॉनिक कॉन्स्टिपेशन (कब्ज बहुत ज्यादा बढ़ जाने पर), यात्रा या उम्र से संबंधित कब्ज। कब्ज में हमारी आंतें मल को छोड़ नहीं पातीं। 
नींबू पानी health_beautys_tipS@vkmagzine
नींबू हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। अगर कभी कब्ज हो जाए तो एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू का रस और शहद मिलाएं और पी लें।

दूध और दही
कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए पेट में अच्छे बैक्टीरिया का भी होना जरूरी है। सादे दही से आपको प्रोबायोटिक मिलेगा, इसलिए आप दिन में एक से दो कप दही जरूर खाएं। इसके अलावा यदि बहुत परेशान हैं तो एक गिलास दूध में एक से दो चम्मच घी मिलाकर रात को सोते समय पिएं, लाभ होगा।
health_beautys_tipS@vkmagzine
आयुर्वेदिक दवा
सोने से पहले दो या तीन त्रिफला टैबलेट गर्म पानी के साथ लें। त्रिफला हरड़, बहेड़ा और आंवले से बना होता है। ये तीनों पेट के लिए लाभकारी हैं। त्रिफला रात में अपना काम शुरू कर देता है।
 health_beautys_tipS@vkmagzine
खाने में फाइबर
एक दिन में एक महिला को औसतन 25 ग्राम फाइबर की जरूरत होती है, वहीं एक पुरुष को 30 से 35 ग्राम फाइबर की आवश्यकता होती है। अपने पाचन तंत्र को दोबारा ट्रैक पर लाने के लिए आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप हर दिन अपनी जरूरत के अनुसार फाइबर की खुराक ले रहे हैं।

Emoji:- हमारी इस पोस्ट को आप इमोजी अवश्य प्रदान करें अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई है! Health_Beautys_Tips@vkmagzine



हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


एक्सरसाइज करना

धूम्रपान छोड़ना

योगा करना

तनाव ना लेना

ताजे फल व सब्जियां खाना
⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡
health_beautys_tipS@vkmagzine
करी पत्ते के इस्तेमाल से बालों को काला बनाया जा सकता है. ऐसे में आप करी पत्ते के साथ आंवले का पाउडर और ब्राह्मी पाउडर को अच्छे से मिलाएं और बनें मिश्रण को तकरीबन आधे घंटे के लिए अपने बालों पर लगाएं. ऐसा करने से सफेद बालों की समस्या से राहत मिल सकते हैं. आंवला पाउडर के इस्तेमाल से भी बालों को काला किया जा सकता है!
health_beautys_tipS@vkmagzine
अगली पोस्ट किस प्रकार के रोग पर हो कमेंट करके बताएं, और पोस्ट पसंद आई हो तो अपना एक इमोजी अवश्य प्रदान करें🙏
health_beautys_tipS@vkmagzine
 😎  😍
22 December 2022
19:47
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

महिलाओं में अक्सर सफेद पानी आने की समस्या आम हो चुकी है और इससे लगभग हर महिला परेशान है। इस व्हाइट डिस्चार्ज के नाम से भी जाना जाता है। महिलाओं के पीरियड आने के पहले और पीरियड के बाद अक्सर इस तरह की परेशानी देखने को मिलती है तो इसे सामान्य प्रक्रिया माना जाता है। परंतु अगर अधिक मात्रा में सफेद पानी योनि से निकलता है तो यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है।
सफेद पानी आने के समस्या शरीर के किसी विकार के कारण हो सकती है। आयुर्वेद के व्हाइट डिस्चार्ज की समस्या को श्वेद प्रदर कहा जाता है। श्वेत प्रदर का आयुर्वेद में सबसे अच्छा उपचार उपलब्ध है। श्वेत प्रदर होने का सबसे बड़ा कारण गलत खानपान माना गया है और जीवनशैली भी इसकी बड़ी वजह मानी जाती है।
सफेद पानी आने के कारण शारीरिक कमजोरी, जोड़ों में पीड़ा, अल्प आयु में विवाह, जल्दी गर्भवती होना, पेचिश, अनियमित माहवारी, गर्म औषधियों का प्रयोग गर्भाशय में करना, ओवरी कैंसर, ओवरी में बवासीर, ओवरी में सूजन इत्यादि की वजह से सफेद पानी आता है।
सफेद पानी आने के अन्य कारण –
गुप्तांगों की ठीक से सफाई न करना।
अधिक घबराहट होना।
बार-बार गर्भपात होने ही स्थिति बनना।
योनि संक्रमण या फिर किसी प्रकार की सर्जरी Health_Beautys_Tips@vkmagzine
संतुलित भोजन एवं पौष्टिक आहार का अभाव ।
महिलाओं की योनि में चर्म रोग की समस्या होती है तो ऐसे में बहुत तेजी खुजली महसूस होती है और खुजली करने पर योनि में गर्म सुरसुराहट होती है और फिर योनि से कफ के जैसा सफेद गीला द्रव्य निकलना शुरू हो जाता है।
जिन महिलाओं को व्हाइट डिस्चार्ज आने की समस्या है उन्हें कुछ इस तरह के लक्षण महसूस होते है जिसके आधार पर आकलन कर सकती है कि उन्हें की लिकोरिया की समस्या है और जल्दी से इसका उपचार करवा कर समाधान प्राप्त कर सकती है।
श्वेत प्रदर की समस्या होने पर 24 घंटे महिला की योनि से पानी के जैसा सफेद पदार्थ निकलता रहता है जिससे सदैव योनि और उसके आसपास गीलापन बन रहता है। योनि से निकलने वाला सफेद पानी कभी सफेद तो कभी मटमैला रहता है। कभी इसका बहाव कम तो कभी ज्यादा भी हो सकता है।
इस कारण के महिला तथा युवतियों के वस्त्र भी गीले हो जाते है और उन्हें शर्मिंदगी का भी सामना करना पड़ता है। इस कारण से योनि में गंध भी आ सकती है। Health_Beautys_Tips@vkmagzine
सफेद पानी आने के अन्य लक्षण –
पेट के निचले हिस्से में भारीपन बना रहना ।
उठने बैठने में जांघों में दिक्कत होना और दर्द ।
भूख में कमी आना तथा चक्कर आना।
बार-बार पेशाब लगना।
जैसा मासिक धर्म के दौरान दर्द रहता है उसी प्रकार का दर्द बना रहना।
चिड़चिड़ापन होना ।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
ल्यूकोरिया को दूर करने के आयुर्वेदिक उपाय –
श्वेत प्रदर की समस्या का जड़ से खत्म करने के लिए आयुर्वेदिक औषधियां सबसे प्रभावी होती है। आयुर्वेदिक औषधि रोगों की जड़ में असर करती है और उसे हमेशा के लिए समाप्त कर देती है।
आयुर्वेद में औषधि के अलावा खानपान, जीवनशैली एवं प्राणायाम पर अधिक जोर दिया जाता है जिससे शरीर में होेने वाले दोषों से मुक्ति होती है और शरीर निरोगी बनता है।
सफेद पानी को दूर करने वाली आयुर्वेदिक दवाएं –
गोखरू छोटा
समुद्र शोख
सफेद मूसली
गोंद
पिस्ता
नाग भस्म
बंग भस्म
यशद भस्म
लौह भस्म
प्रवाल पिष्टी
गुरुची सत्व
लोध्र
नोट – बिना किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक के औषधि का सेवन न करें
⚡ Note - कल घरेलू नुक्से बताए जाएंगे यदि आप इमोजी 20+ कर देते हैं !

आप  सभी से उम्मीद की जाती है कोई गलत कमेंट नहीं करेगा🙏


 😎  😍
23 December 2022
22:28
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


तीन चम्‍मच मेथीदाना को आधे घंटे तक एक लीटर पानी में उबालें। इसके बाद पानी को छानकर पानी को ठंडा होने के लिए रख दें और फिर इस पानी को पीएं। लिकोरिया में मेथीदान योनि के माइक्रोफ्लोरा और पीएच के स्‍तर को संतुलित रखने में मदद करता है।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
केले से सफेद पानी का इलाज 👇
रोज सुबह एक पका केला खाएं और बेहतर परिणाम के लिए केले के साथ घी लें। चीनी या गुड़ के साथ केला लेना भी फायदेमंद रहता है। केला योनि से हानिकारक सूक्ष्‍मजीवों को बाहर निकालता है।

धनिए के बीज👇
10 ग्राम धनिया के बीजों को रातभर के लिए 100 मि.ली पानी में भिगो दें। सुबह खाली पेट इस पानी को छानकर पी लें। धनिये के बीजों का पानी पीने से शरीर से विषाक्‍त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं और शरीर स्‍वस्‍थ रहता है। आप एक हफ्ते तक ये नुस्‍खा आजमा कर देख सकती हैं।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
​ चावल और पानी का काढ़ा👇
सदियों से योनि से सफेद पानी आने के घरेलू उपाय के रूप में चावल और पानी के काढ़े का इस्‍तेमाल किया जाता रहा है। एक लीटर पानी में चावल उबाल लें और फिर इसे ठंडा होने के लिए रख दें। अब इस पानी को पी लें। बेहतर और जल्‍दी परिणाम पाने के लिए चावल के पानी में जंबुल ( जामुन) के बीजों का पाउडर भी मिला सकती हैं। Health_Beautys_Tips@vkmagzine

​ आंवला👇
एक से दो चम्‍मच आंवले पाउडर को शहद में मिलाकर एक गाढ़ा पेस्‍ट बना लें। आपको इसे दिन में दो बार खाना है। इसके अलावा एक कप पानी में एक चम्‍मच आंवले का पाउडर डालकर आधा होने तब उबाल लें। स्‍वाद के लिए इस काढ़े में शहद या चीनी भी मिला सकते हैं। रोज सुबह खाली पेट कच्‍चा आंवला खाना भी लाभकारी होता है।

​लिकोरिया बीमारी का घरेलू नुस्खा
पानी पीना👇
ज्‍यादा पानी पीने से संक्रमित बैक्‍टीरिया शरीर से बाहर निकल जाता है। दिनभर में कम से कम 2 से 3 लीटर पानी पीएं। जब भी जरूरत लगे पेशाब करने जरूर जाएं। ज्‍यादा देर तक पेशाब करने रोकने से बैक्‍टीरिया जमने लगते हैं। नींबू मूत्रवर्द्धक होता है इसलिए आप नींबू पानी भी पी सकती हैं।
👇 Health_Beautys_Tips@vkmagzine
अगर आपको वजाइना में इंफेक्‍शन के कारण योनि से अधिक डिस्‍चार्ज हो रहा है तो इस स्थिति में आपको तुरंत स्‍त्री रोग विशेषज्ञ को दिखाना 🙏
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
अगर पोस्ट पसंद आई है तो एक प्यारा सा इमोजी अवश्य प्रदान करें!
🇮🇳🇮🇳 जय हिंद 🇮🇳🇮🇳



सफेद पानी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें आपको बताई जाएंगी next post -: पोस्ट पर 30+ इमोजी 🙏
 😎  😍
25 December 2022
11:20
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

और आप लोग ऐसा बार-बार करते रहते हैं तो ऐसा करने से भी आपको सफेद पानी की समस्या बन सकती है!
👉 अगर आप हस्तमैथुन एक हद से ज्यादा करती हैं तो भी आप को सफेद पानी की समस्या हो सकती है!
धीरे-धीरे यह समस्या एक गंभीर रूप धारण कर लेगी इसलिए आपको फिजिकल रिलेशन के बारे में ज्यादा नहीं सोचना चाहिए और ना ही हद से ज्यादा हस्तमैथुन करना चाहिए!
👉 अगर आप गलत वीडियो देखते हैं तो वह भी आपको नहीं देखनी चाहिए!
-- अगर आपके अंदर यह तीनों☝ आदतें हैं तो उन्हें अभी छोड़ दीजिए यदि आप इन तीन habit को नहीं छोड़ते हैं तो सफेद पानी की कोई भी दवाई कारगर साबित नहीं होगी! Health_Beautys_Tips@vkmagzine
⚡Note -: आप से उम्मीद की जाती है कि आप पोस्ट पर कोई गलत कमेंट नहीं करेंगे यदि आपको इन सभी पोस्ट से लाभ हो रहा है तो अपने मित्रों को ज्यादा से ज्यादा इस चैनल से जोड़ें!
और हमारी पोस्ट को अच्छे-अच्छे इमोजी दें जिससे कि हमें भी पोस्ट करना अच्छा लगे हम आपके लिए इतनी सारी पोस्ट लेकर आते हैं उसके बावजूद आप लोग एक इमोजी देने में भी संकोच करते हैं!
हमें प्रोत्साहित करने के लिए आपका एक इमोजी ही काफी है !
आपको अगली पोस्ट किस बारे में चाहिए कमेंट करके बताएं !
🇮🇳जय हिंद🇮🇳
Join our free study channel👇


हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine 

माहवारी को मासिक धर्म, पीरियड या पीरियड साइकल भी कहते हैं। माहवारी या मासिक धर्मचक्र यह एक ऐसी प्रक्रिया होती है, जिसमें गर्भ बनने वाले अंडे निषेचन न होने के कारण योनि मार्ग से बाहर आते हैं। इस समय शरीर में कमजोरी और माहवारी के दौरान पेट में दर्द होता है। ये प्रक्रिया औसतन हर महीने होती है, कुछ महिलाओं के लिए यह समय मुश्किल भरा होता है। कुछ लड़कियों के पीरियड्स समय से आते हैं, तो कुछ में अनियमित होते हैं। Health_Beautys_Tips@vkmagzine

माहवारी के दौरान दर्द से बचने के उपाय :-
माहवारी के दौरान किसी भी प्रकार के संक्रमण और दर्द से बचने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना ज़रूरी होता है। इसके अलावा जीवनशैली और आहार में थोड़ा बदलाव लाने से माहवारी के कष्ट से कुछ हद तक बचा जा सकता है।

सावधानियां - Health_Beautys_Tips@vkmagzine
-मासिक धर्म के समय किसी भी प्रकार के इंफेक्शन से बचने के लिए साफ-सफाई का खास खयाल रखना चाहिए। क्योंकि पीरियड्स के समय इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए डॉक्टर्स सलाह देते हैं, हर 6 घण्टे पर पैड (नैपकिन) बदल देना चाहिए।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
-टैम्पोन या सैनिटरी पैड का इस्तेमाल एक साथ नहीं करें।

-खान-पान का खास ख्याल रखें।

-अपनी क्षमता के अनुसार हर दिन काम करें।

-अपनी परेशनियों को गुप्त न रखें।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
-डॉक्टर या अपने परिजनों को अपनी परेशानियां बताएं।

आहार-

जंक फूड से परहेज- मासिक धर्म के दौरान जंकफूड, सोड़ा, ड्रिंक, फास्ट फूड, तले-भुने पकवान, बैंगन विकार वाली चीजें, मासिक धर्म पीड़ा विकार को बढ़ा सकती है। जो महिलाएं कॉफी, चॉकलेट, कैंडी, सोड़ा पेय ड्रिंक आदि पसंद करती हैं, उनको पीरियड्स के दौरान कुछ वक्त के लिए परहेज करना फायदेमंद है।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
नशीली चीजों से परहेज- नशीली चीजें पसंद करने वाली महिलाओं के लिए पीरियड्स वक्त काफी घातक हो सकता है। जो कि रक्त की कमी, तेज रक्त स्राव, ट्यूमर, कैंसर गांठ का कारण बनने का भय बना रहता है। शराब, बीयर आदि नशीली चीजे पीरियड्स के दौरान डीहाइड्रेशन का कारण बन सकती है। इसलिए नशीली चीजों से परहेज जरूरी होता है।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
गर्म खाद्य चीजों से परहेज- पीरियड्स के दौरान गर्म खाने की चीजें, बैंगन, अण्डा, कद्दू, मांस, आलू, गर्म मसाले और भारी वजन उठाने से बचना चाहिए।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
सी-फूड्स- मासिक धर्म में मछली, छींगा, खासकर सालमन मछली खाना फायदेमंद होता है, लेकिन मछली का सेवन सीमित मात्रा में करें।

जीवनशैली –
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
सिंकाई करें- माहवारी का दर्द कम करने के लिए गर्म तौलिए या हीट पैक से 5 से 10 मिनट तक पेट के निचले भाग की सिंकाई करनी चाहिए। इससे शरीर से निकलने वाली गंदगी आसानी से बाहर निकल जाती है, जिससे दर्द कम हो जाता है। पेन किलर दवाओं के प्रयोग से बचना चाहिए।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
खाने-पीने पर ध्यान दें- मासिक धर्म के समय शरीर में आयरन और वाइटामिंस की खपत बढ़ जाती है। अगर समय पर इन तत्वों की पूर्ति नहीं की जाए तो अगली बार माहवारी होने पर दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए बॉडी में न्यूट्रिशन की कमी को पूरा करने के लिए हरी सब्जियाँ, दूध, दही और फलाहार करना चाहिए।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
गर्म पानी से नहाएँ- गर्म पानी से स्नान करने से शरीर का तापमान बढ़ता है, जिससे गर्भाशय से रक्त आसानी से निकल जाता है। पीरियड्स में होने वाली समस्याओं से बचने के लिए दिन में दो से तीन बार गर्म पानी से नहाना चाहिए।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
मालिश करें- पेट पर 5–10 मिनट तक हल्के हाथों से मालिश करें। इससे सूजन कम होने लगती है। आप लेटकर, बैठकर या फिर खड़े होकर भी मालिश कर सकते हैं। मसाज करने से पहले तेल को हल्का गरम कर लेना चाहिए। मालिश के लिए नारियल तेल या ऑलिव ऑयल प्रयोग करना चाहिए।

पानी अधिक पिएँ-माहवारी में पानी अधिक पीना चाहिए। अच्छे परिणाम के लिए गुनगुना पानी पीना चाहिए। इसके अलावा ग्रीन-टी का सेवन भी लाभदायक होता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को लाभ पहुंचाते हैं।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
व्यायाम –अधिक वजन वाली लड़कियों को माहवारी के समय ज्यादा परेशानी होती है। इसलिए योग और व्यायाम को लाइफस्टाइल का हिस्सा बना लीजिए। जो महिलाएं अपनी फिटनेस का ध्यान रखती हैं, उनको पीरियड्स में कम परेशानी होती है। पीरियड्स में व्यायाम करना सुरक्षित है। इससे बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन अच्छा रहता है, जिससे दर्द कम होता है। ज्यादा तकलीफ हो तो व्यायाम करने की जगह आराम करना अधिक फायदेमंद होता है। माहवारी के समय हल्का फुल्का एक्सरसाइज करना चाहिए। हैवी वेट और एक्सरसाइज से बचना चाहिए।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
माहवारी दर्द का घरेलू उपचार 👇


28 December 2022
11:16
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


21:09
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine




आम तौर पर मासिक धर्मचक्र के दौरान होने वाले दर्द के परेशानी से निजात पाने के लिए सबसे पहले घरेलू नुस्ख़ों को ही अपनाया जाता है। यहां हम पतंजली के विशेषज्ञों द्वारा पारित कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बात करेंगे जिनके प्रयोग से दर्द को कम किया जा सकता है।

जीरा, शहद, हल्दी का मिश्रण माहवारी के दर्द से दिलाये आराम :-
माहवारी का दर्द कम करने के लिए एक बर्तन में 1 ग्लास पानी उबालकर उसमें 2 चम्मच जीरा, 1 चम्मच शहद और 1 चम्मच हल्दी मिलाएँ और गाढ़ा होने तक उबालें। इस काढ़े को बिना छाने 1 कप पीजिए। इसे दिन में दो बार पीने से दर्द कम हो जाता है

दालचीनी माहवारी के दर्द से दिलाये आराम:-
दालचीनी में कैल्शियम, आयरन और फाइबर काफी मात्रा में पाए जाते हैं। इनके साथ इसमें कई ऐसे गुण होते हैं जो पीरियड्स के समय सूजन और दर्द में राहत पहुंचाते हैं, मासिक धर्म में होने वाले दर्द से निजात पाने के लिए एक गिलास गरम पानी में एक चम्मच दालचीनी और एक चम्मच शहद मिलाकर माहवारी के पहले दिन दो से तीन बार पीना लाभकारी होता है।

हल्दी दूध माहवारी के दर्द से दिलाये राहत:-
मासिक धर्म में होने वाले दर्द को कम करने के लिए 1 चम्मच हल्दी का पाउडर एक गिलास हल्के गरम दूध में मिलाकर पिएं। हल्दी से शरीर में गर्मी बढ़ती है। जिससे पीरियड्स में होने वाली समस्याएं और दर्द से आराम मिलता है। पीरियड्स के दौरान जो महिलाएं आम दिनों की तरह रहना चाहती है हल्दी वाला दूध उनके लिए बहुत फायदेमंद है। 
पपीते का सेवन माहवारी के दर्द से दिलाये आराम
पीरियड्स में पेट दर्द से छुटकारा पाने के लिए पपीता फल बहुत असरदार है। इस फल में आयरन, विटामिन-ए, कैरोटीन और कैल्शियम भरपूर होता है। मासिक धर्म में होने वाले दर्द से छुटकारा पाने के लिए आप इसका सेवन कर सकती हैं। कई बार ब्लड का फ्लो ठीक तरह से नहीं हो पाने के कारण भी पेट में दर्द होने लगता है। पपीता इस फ्लो को ठीक करने में मदद करता है। जिससे दर्द में राहत मिलती है।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
गाजर माहवारी के दर्द से दिलाये आराम
हलवा बनाने के लिए ही नहीं अपितु यह सब्जी आपके दर्द को ठीक करने में भी आपकी मदद कर सकती है। स्त्री रोग विशेषज्ञ का कहना है, पीरियड्स के दिनों में गाजर का रस पीने से ब्लड का फ्लो अच्छे से होता है जिससे दर्द में भी आराम मिलता है। सर्दियों में पालक, चुकंदर और गाजर शरीर को स्वस्थ रखते हैं।

लैवंडर तेल की मालिश माहवारी के दर्द से दिलाये आराम
पीरियड्स के समय में लैवेंडर के तेल से पेट की मालिश करने में बहुत आराम मिलता है। इसके लिए थोड़ा सा लैवेंडर एसेंशियल ऑयल लें और उससे 10 से 15 मिनट के लिए पेट की मालिश करें।

तुलसी माहवारी के दर्द से दिलाये आराम
चम्मच तुलसी के पत्ते उबलते पानी में डाले और उसे अच्छी तरह ढक के रख दे, ठंडा होने पर इसे पिए। दिन में 3–4 बार इसका सेवन करें। तुलसी एक आयुर्वेदिक औषधि के रूप में काम करती है जो दर्द कम करने में मदद करती है। इन पत्तों को मिलाकर बनाई गई चाय, दर्द से आराम देने में मदद करती है। इसमें मौजूद तत्व दुःख रही मांसपेशियों को आराम देने का काम करते हैं।

अदरक और शहद माहवारी के दर्द से दिलाये आराम
मासिक धर्म के दौरान होने  वाले दर्द से राहत पाने के लिए कटी हुई अदरक को एक कप पानी में डालकर उबाल लें। आप चाहे तो इसमें शहद भी मिला सकती हैं। अच्छे से उबलने के बाद छान कर पी लें। दिन में तीन बार भोजन के बाद इसका सेवन करने से दर्द में राहत मिलेगी।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
सौंफ का सेवन माहवारी के दर्द से दिलाये आराम
सौंफ गर्भाशय में होने वाले ऐंठन को शांत करके बेचैनी और दर्द को कम करती है जिससे ब्लड फ्लो में प्रॉब्लम नहीं आती। एक कप उबलते पानी में एक चम्मच सौंफ को डाले, अब धीमी आंच पर 5 मिनट तक इस मिश्रण को रहने दें।अब थोड़ा ठंडा करके एक चम्मच शहद की मिला लें, इस हर्बल चाय का दिन में 2 बार पीरियड्स के शुरूआती दो-तीन दिन तक सेवन करें। इसके सेवन से कुछ ही देर में दर्द से आराम मिल जाएगा।

डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए ?

यदि स्व-उपचार या घरेलू उपचार से लगातार तीन महीने में दर्द ठीक न हो या रक्त के बड़े-बड़े थक्के निकलते हों तो डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। यदि माहवारी होने के पांच से अधिक दिन पहले से दर्द होने लगे और माहवारी के बाद भी होती रहे तब भी डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
29 December 2022
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine 
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


1 January 2023
01:56
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
बढ़ाने के घरेलू नुस्‍खे क्‍या हैं...
आयुर्वेद में शतावरी का बहुत महत्‍व है। रोज रात को सोने से पहले एक कप गर्म दूध में शतावरी के पाउडर की 3 ग्राम मात्रा मिलाकर पिएं। आपको कम से कम 2 महीने तक ऐसा करना है। महिलाओं के लिए शतावरी एक चमत्‍कारिक जड़ी बूटी है। शतावरी में महिलाओं की कई तरह की समस्‍याओं को दूर करने की शक्‍ति है। नियमित रूप से शतावरी का सेवन करने से ब्रेस्‍ट के साइज में वृद्धि हो सकती है।


​​ब्रेस्‍ट मसाज तेल है व्‍हीट जर्म ऑयल
व्‍हीट जर्म ऑयल स्‍तनों के आसपास के ऊतकों में रक्‍तप्रवाह में सुधार लाता है। इससे स्‍तनों को पोषण भी मिलता है और उनमें ऑक्‍सीजन का प्रवाह ठीक तरह से हो पाता है। इसके अलावा व्‍हीट जर्म ऑयल में विटामिन ई उच्‍च मात्रा में मौजूद होता है। रोज 10 मिनट के लिए इस तेल से सर्कुलर मोशन में स्‍तनों की मालिश करें। दिन में तीन बार ऐसा करने से चार हफ्तों के अंदर आपको असर दिखना शुरू हो जाएगा।

ब्रेस्ट को बढ़ाने का तरीका है जैतून का तेल Health_Beautys_Tips@vkmagzine

दिन में एक से दो बार जैतून के तेल से 20 मिनट तक मालिश करें। अपने दोनों हाथों पर जैतून के तेल की कुछ बूंदें डालें और फिर हाथों को स्‍तनों पर रखकर अंदर की ओर सर्कुलर मोशन में मसाज करें। सुबह और रात को सोने से पहले लगभग 100 से 300 बार आपको ऐसा करना है। इस उपाय को आपको एक से दो महीने तक करना

​Health_Beautys_Tips@vkmagzine
ब्रेस्ट साइज बढ़ाने के लिए क्या खाना चाहिए

इसके अलावा स्‍तनों का आकार बढ़ाने के लिए अपने आहार में केला, स्‍ट्रॉबेरी, पपीता, सोयाबीन, सूखे मेवे, हरी सब्जियां और दूध को जरूर शामिल करें। आपको बता दें कि ब्रेस्‍ट फैट यानी वसा से बनी होती हैं और बड़े एवं सुडौल स्‍तन पाने के लिए ब्रेस्‍ट पर फैट की जरूरत होती है। अपने आहार में कुछ चीजों को शामिल कर आप ऐसा कर सकती हैं।
    
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
ब्रेस्ट साइज बढ़ाने का आसान तरीका मसूर दाल

एक कप पानी लें और उसमें एक कटोरी लाल दाल 2 घंटे के लिए भीगने को रख दें। इसके बाद दाल को पीस लें और पेस्‍ट तैयार कर लें। अब आपको दाल को पीसकर बने इस पेस्‍ट को अपने स्‍तनों पर लगाना है। ब्रेस्‍ट पर इस पेसट को आधे से एक घंटे तक लगा रहने दें। इसके बाद गुनगुने पानी से ब्रेस्‍ट को साफ कर लें। जब तक आपको मनचाहा परिणाम न मिल जाए तब तक इस नुस्‍खे का इस्‍तेमाल जारी रखें।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
स्‍तन बढ़ाने के घरेलू उपचार में है प्‍याज का रस

ब्रेस्‍ट बढ़ाने की दवा प्‍याज का रस भी है। दो प्‍याज लें और उन्‍हें पीसकर रस निकाल लें। इस रस में शहद और हल्‍दी मिलाकर रोज रात को सोने से पहले स्‍तनों की मालिश करें। रातभर इसे ब्रेस्‍ट पर ही लगा रहने दें और फिर सुबह गुनगुने पानी से ब्रेस्‍ट को धो लें। बेहतर परिणाम पाने के लिए रोज इस उपाय को करें।

ब्रेस्‍ट बढ़ाने का तरीका है मूली
ब्रेस्‍ट साइज बढ़ाने के लिए आपको अपने आहार में मूली को शामिल करना है। इससे स्‍तनों में रक्‍तप्रवाह बढ़ता है। रोज मूली खाने से ब्रेस्‍ट साइज बढ़ने में मदद मिलेगी।
​ब्रेस्‍ट साइज बढ़ाने के लिए घरेलू उपाय है मेथीदाना
स्‍तनों का साइज बढ़ाने के लिए आप मेथीदाने का इस्‍तेमाल भी कर सकते हैं। मेथीदाने में फाइटोस्‍टेग्रंस होते हैं जो कि प्रोजेस्‍टेरोन और एस्‍ट्रोजन की मात्रा में इजाफा कर ब्रेस्‍ट के आकार को बढ़ाने का काम करते हैं। मेथीदाने को दो घंटे तक पानी में भिगोकर रखें और फिर इसे पीसकर पेस्‍ट तैयार कर लें। आपको रोज 15 मिनट तक इस पेस्‍ट को अपने स्‍तनों पर लगाना है।
अगली पोस्ट जब ही करेंगे हम जब आप इस पर 20+ इमोजी दोगे
More 👇

5 January 2023
19:06
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine



हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
(Immunity) की ओर संकेत करती है. आज हम आपको ऐसा आयुर्वेदिक इलाज बता रहे हैं जिससे वजन बढ़ाने में मदद मिलेगी. आइये जानते हैं

वजन बढ़ाने का आयुर्वेदिक इलाज👇

1- अश्वागंधा चूर्ण और दूध- वजन बढ़ाने के लिए आप दूध का सेवन जरूर करें. दूध में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं. वहीं, अश्वागंधा चूर्ण का उपयोग आयुर्वेद में काफी किया जाता है. रोज दूध और अश्वागंधा साथ में लेने से वजन बढ़ाने में मदद मिलती है.

Health_Beautys_Tips@vkmagzine
2- दही और केला- वजन बढ़ाने के लिए दूध केला बहुत ही फायदेमंद होता है, लेकिन जिन लोगों को सुबह के वक्त केला और दूध पचाने में परेशानी होती है वो सुबह के वक्त दही के साथ केले का सेवन कर सकते हैं. इससे वजन बढ़ जाएगा.


3- दूध और शतावर चूर्ण- आयुर्वेद में शतावर चूर्ण को बहुत कारगर माना जाता है. इस औषधि को अगर आप दूध के साथ मिलाकर लेते हैं तो इससे वजन बढ़ाने में आसानी होगी. इसके सेवन के वक्त आपको हाई प्रोटीन डाइट लेना जरूरी है. आप इसके साथ दूध, दही, छाछ और सोयाबीन ले सकते हैं.


4- खजूर- वजन बढ़ाने में खजूर बहुत कारगर साबित होता है. जो लोग मोटा होना चाहते हैं, उन्हें डेली 5 खजूर खाने चाहिए. आप खजूर को दूध के साथ भी खा सकते हैं. इससे आपका वजन तेजी से बढ़ने लगेगा.

वजन बढ़ाने के लिए डाइट में बदलाव👇
1- हाई कैलोरी- वजन बढ़ाने के लिए आपको हाई कैलोरी डाइट लेना जरूरी है. इसके लिए आप बिना चोकर वाला आटा, ब्रेड, चावल, आलू, शकरकंद, फुल क्रीम मिल्क अपनी डाइट में शामिल करें. दही, पनीर, सूजी, गुड़, चॉकलेट खाएं. इसके अलावा फलों में केला, आम, चीकू, लीची, खजूर जैसे फल खाएं. आप शहद घर पर बनी घी रोटी, मक्खन, दूध शहद या रोज सिरप या चॉकलेट डालकर पीएं. इनसे शरीर को हाई कैलोरी मिलेगी.

2- जल्दी जल्दी मील लें- आप अपने दो मील के बीच कुछ न कुछ खाते रहें जैसे आप घर पर बने लड्डू, मिल्कशेक, उबले चने, पनीर सैंडविच, साबूदाना खीर खा सकते हैं. इसके अलावा कॉर्न सलाद, खजूर, गुड़-चना, बादाम-किशमिश भी खा सकते हैं. इससे एनर्जी मिलेगी और वजन भी बढ़ेगा.
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
3- हेल्दी फैट है जरूरी- वजन बढ़ाने के लिए आपको खाने में फैट वाली चीजें भी शामिल करनी होंगी. इससे आपको वजन बढ़ाने में मदद मिलेगी. आप इसके लिए मूंगफली, तिल, बादाम, अखरोट, पिस्ता, सूरजमुखी के बीज, अलसी के बीज, खरबूजे के बीज खा सकते हैं. ऑयल के लिए आप सरसो, जैतून, सूरजमुखी, तिल, घी या नारियल का तेल इस्तेमाल कर सकते हैं.

4- वजन बढ़ाने के लिए फल-सब्जियों-  मोटा होने के लिए आप फलों में केला, आम, चीकू, लीची, अंगूर, शरीफा, खजूर खा सकते हैं. वहीं सब्जियों में जमीन में उगने वाली चीजें जैसे आलू, अरबी, शकरकंद और गाजर खा सकते हैं.

5- हाई प्रोटीन डाइट लें- वजन घटने से मांसपेशियां भी कमजोर हो जाती हैं ऐसे में आपको मसल्स को मजबूत बनाने के लिए हाई प्रोटीन वाली चीजें खानी चाहिए. आप दालें, राजमा, छोले, लोबिया, मछली, मीट, दही और अंडा जरूर खाएं.

Health_Beautys_Tips@vkmagzine
6- अधिक ऊर्जा का सेवन करें-  वजन बढ़ाने के लिए अपनी दैनिक ऊर्जा के आहार से ज्यादा खाएं. कोशिश करें की अपनी डेली जरूरत से 300 से 400 ज्यादा कैलोरी लें. जिससे वजन बढ़ाने में मदद मिल सके.


7- छोटे छोटे आहार लें- वजन बढ़ाने के लिए आप एक बार में ज्यादा खाने की बजाय छोटे-छोटे मील लें. एक साथ ज्यादा खाने से आपको अपच या ब्लोटिंग की भी समस्या हो सकती है. 


8- एक्सरसाइज के बाद प्रोटीन- वजन बढ़ाने के लिए एक्सरसाइज के बाद आपको फुल ऑफ प्रोटीन डाइट लेनी चाहिए. इससे मांसपेशियां बढ़ाने में मदद मिलती है. आप लो फैट पनीर, उबले अंडे या बॉयल्ड चिकेन खा सकते हैं.

वजन बढ़ाने के लिए आयुर्वेद में कई कारगर उपाय बताए गए हैं. आप हेल्दी लाइफस्टाइल, कुछ घरेलू आयुर्वेदिक दवाओं और एक्सरसाइज से आसानी से वजन बढ़ा सकते हैं.
वजन बढ़ाने का रामबाण इलाज 👇





20:24
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


वजन बढ़ाने का रामबाण इलाज, जीवनशैली में करें ये बदलाव


वजन बढ़ाने का आयुर्वेदिक इलाज
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
1- अश्वागंधा चूर्ण और दूध- वजन बढ़ाने के लिए आप दूध का सेवन जरूर करें. दूध में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं. वहीं, अश्वागंधा चूर्ण का उपयोग आयुर्वेद में काफी किया जाता है. रोज दूध और अश्वागंधा साथ में लेने से वजन बढ़ाने में मदद मिलती है.


2- दही और केला- वजन बढ़ाने के लिए दूध केला बहुत ही फायदेमंद होता है, लेकिन जिन लोगों को सुबह के वक्त केला और दूध पचाने में परेशानी होती है वो सुबह के वक्त दही के साथ केले का सेवन कर सकते हैं. इससे वजन बढ़ जाएगा.

Health_Beautys_Tips@vkmagzine
3- दूध और शतावर चूर्ण- आयुर्वेद में शतावर चूर्ण को बहुत कारगर माना जाता है. इस औषधि को अगर आप दूध के साथ मिलाकर लेते हैं तो इससे वजन बढ़ाने में आसानी होगी. इसके सेवन के वक्त आपको हाई प्रोटीन डाइट लेना जरूरी है. आप इसके साथ दूध, दही, छाछ और सोयाबीन ले सकते हैं.
Health_Beautys_Tips@vkmagzine

4- खजूर- वजन बढ़ाने में खजूर बहुत कारगर साबित होता है. जो लोग मोटा होना चाहते हैं, उन्हें डेली 5 खजूर खाने चाहिए. आप खजूर को दूध के साथ भी खा सकते हैं. इससे आपका वजन तेजी से बढ़ने लगेगा.
वजन बढ़ाने का रामबाण इलाज, जीवनशैली में करें ये बदलाव

वजन बढ़ाने के लिए डाइट में बदलाव (Weight Gain Diet Plan)

Health_Beautys_Tips@vkmagzine
1- हाई कैलोरी- वजन बढ़ाने के लिए आपको हाई कैलोरी डाइट लेना जरूरी है. इसके लिए आप बिना चोकर वाला आटा, ब्रेड, चावल, आलू, शकरकंद, फुल क्रीम मिल्क अपनी डाइट में शामिल करें. दही, पनीर, सूजी, गुड़, चॉकलेट खाएं. इसके अलावा फलों में केला, आम, चीकू, लीची, खजूर जैसे फल खाएं. आप शहद घर पर बनी घी रोटी, मक्खन, दूध शहद या रोज सिरप या चॉकलेट डालकर पीएं. इनसे शरीर को हाई कैलोरी मिलेगी.

2- जल्दी जल्दी मील लें- आप अपने दो मील के बीच कुछ न कुछ खाते रहें जैसे आप घर पर बने लड्डू, मिल्कशेक, उबले चने, पनीर सैंडविच, साबूदाना खीर खा सकते हैं. इसके अलावा कॉर्न सलाद, खजूर, गुड़-चना, बादाम-किशमिश भी खा सकते हैं. इससे एनर्जी मिलेगी और वजन भी बढ़ेगा.
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
3- हेल्दी फैट है जरूरी- वजन बढ़ाने के लिए आपको खाने में फैट वाली चीजें भी शामिल करनी होंगी. इससे आपको वजन बढ़ाने में मदद मिलेगी. आप इसके लिए मूंगफली, तिल, बादाम, अखरोट, पिस्ता, सूरजमुखी के बीज, अलसी के बीज, खरबूजे के बीज खा सकते हैं. ऑयल के लिए आप सरसो, जैतून, सूरजमुखी, तिल, घी या नारियल का तेल इस्तेमाल कर सकते हैं.

Health_Beautys_Tips@vkmagzine
4- वजन बढ़ाने के लिए फल-सब्जियों-  मोटा होने के लिए आप फलों में केला, आम, चीकू, लीची, अंगूर, शरीफा, खजूर खा सकते हैं. वहीं सब्जियों में जमीन में उगने वाली चीजें जैसे आलू, अरबी, शकरकंद और गाजर खा सकते हैं.

5- हाई प्रोटीन डाइट लें- वजन घटने से मांसपेशियां भी कमजोर हो जाती हैं ऐसे में आपको मसल्स को मजबूत बनाने के लिए हाई प्रोटीन वाली चीजें खानी चाहिए. आप दालें, राजमा, छोले, लोबिया, मछली, मीट, दही और अंडा जरूर खाएं.


6- अधिक ऊर्जा का सेवन करें-  वजन बढ़ाने के लिए अपनी दैनिक ऊर्जा के आहार से ज्यादा खाएं. कोशिश करें की अपनी डेली जरूरत से 300 से 400 ज्यादा कैलोरी लें. जिससे वजन बढ़ाने में मदद मिल सके. 


7- छोटे छोटे आहार लें- वजन बढ़ाने के लिए आप एक बार में ज्यादा खाने की बजाय छोटे-छोटे मील लें. एक साथ ज्यादा खाने से आपको अपच या ब्लोटिंग की भी समस्या हो सकती है. 

8- एक्सरसाइज के बाद प्रोटीन- वजन बढ़ाने के लिए एक्सरसाइज के बाद आपको फुल ऑफ प्रोटीन डाइट लेनी चाहिए. इससे मांसपेशियां बढ़ाने में मदद मिलती है. आप लो फैट पनीर, उबले अंडे या बॉयल्ड चिकेन खा सकते हैं.

वजन बढ़ाने का रामबाण इलाज,
जीवनशैलi में करें ये बदलाव

वजन बढ़ाने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव
1 मोटा होने के लिए एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी है. इससे मासपेशियां बढ़ती हैं, शरीर को मजबूती मिलती है और बॉडी की टोनिंग होती है.
2 योग से भूख खुलती है. तनाव दूर भगाने, मेटाबोलिज्म को अच्छा बनाने और स्टामिना को बढ़ाने के लिए आप योग कर सकते हैं.
20:24
3 हेल्दी वजन बढ़ाने के लिए जरूरी है, कि आप बाहर का जंक फूड का सेवन कम से कम करें. इससे गलत तरीके से वजन बढ़ता है.
4 नियमित रूप से अपना वेट किसी डायरी या ऐप में लिखते रहें. इससे आपको अपने लक्ष्य को पाने में मोटिवेशन मिलेगा.
5 वजन बढ़ाने में भी वक्त लगता है. इसलिए मोटा होने के लिए धैर्य के साथ प्रयास करते रहें.



Next post kis disease pe honi chahiye comment fast
11 January 2023
20:55
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


12 January 2023
08:06
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
बढ़ने से जुड़ा तनाव हार्मोन) की मात्रा कम हो सकती है। माइंडफुलनेस बढ़ाने का एक और तरीका है धीरे-धीरे और चुपचाप खाना। कितना खाना है और कब बंद करना है, इसके बारे में अपने शरीर के संकेतों को सुनें।
दिन में अपना सबसे बड़ा भोजन करें, रात में नहीं। में पढ़ता हैविश्वसनीय स्रोत दिखाएँ कि दिन में देर से कैलोरी का सेवन मोटापे का कारण बन सकता है।
अपने दिन की शुरुआत करने के लिए गर्म नींबू पानी पिएं। क्लीवलैंड क्लिनिक के डॉक्टर सहमत हैं: नींबू पानी पाचन में मदद करता है।
व्यायाम। खाने की तरह, आप कैसे और कब व्यायाम करते हैं, यह आपके दोष के अनुकूल होना चाहिए। लेकिन आयुर्वेदिक और एलोपैथिक (पश्चिमी) चिकित्सा दोनों में डॉक्टर सहमत हैं: यदि वजन घटाना आपका लक्ष्य है, तो व्यायाम योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
अच्छे से सो। शोध से पता चलता है कि खराब नींद वजन बढ़ने से जुड़ी है।
Join more  Health_Beautys_Tips@vkmagzine

अगली पोस्ट किस रोग पर सेंड की जाए मैं कमेंट बॉक्स में बताएं
13 January 2023
14:21
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


14 January 2023
19:05
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

औषधीय गुणों से भरपूर पत्थरचट्टा एक ऐसा पौधा है, जिसका प्रयोग किडनी और पेट से जुड़ी बीमारियों को दूर करने में किया जाता है। यह एक ऐसा पौधा है, जिसको पूरे भारत में उगाया जाता है। अगर आप पथरी की समस्या  से परेशान हैं तो आपको पत्थरचट्टा का सेवन आपके लिए किसी रामबाण नुस्खे से कम नहीं है।


गिलोय👇
गिलोय, जिसे गुड़ूची नाम से भी जाना जाता है, पथरी और पथरी से जुड़े दूसरे रोगों  के उपचार में बेहद कारगर माना गया है। अगर आपको पेशाब करते वक्त जलन महसूस होती है तो गिलोय का सेवन आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है। आपको सिर्फ इसके 10 ग्राम चूर्ण को आंवला के चूर्ण (10 ग्राम) , सोंठ चूर्ण (5 ग्राम) , गोखरु के बीजों का चूर्ण (3 ग्राम) और अश्वगंधा का चूर्ण (5 ग्राम) में मिलाकर और 100 मिली पानी में उबालना है। दिन में एक बार रोजाना पीने से कुछ ही दिनों में पथरी खुद ब खुद टूटकर निकल जाती है।

पुनर्नवा 👇
पुनर्नवा का पौधा गुर्दे की पथरी जैसी समस्या में बड़ा लाभकारी माना गया है। इतना ही नहीं ये पौधा पथरी की वजह से होने वाले कमर और पेट में दर्द को भी दूर करने की माद्दा रखता है। ऐसी स्थिति में आपको पुनर्नवा,कचूर और अदरक की समान मात्रा को मिलाकर रोगी को खिलानी चाहिए। ऐसा करने से दर्द में आराम मिलता है।

आंवला
पेशाब में जलन या फिर पेशाब न आने की समस्या में आंवला बेहद गुणकारी माना गया है। इस स्थिति में आंवला का रस, शुगर और घी का मिश्रण आपके लिए बेहद कारगर साबित हो सकता है। अगर आपको पथरी की समस्या है तो आपको आंवले के रस के साथ इलायची के दानों को मिलाना है और गुनगुने पानी में डालकर पीना चाहिए। इस मिश्रण को पीने से उल्टियां, चक्कर या पेट दर्द जैसी समस्याओं में राहत मिलती है।

अश्वगंधा
पथरी के दर्द को कम करने के साथ-साथ उसे टोड़कर बाहर निकालने के लिए आपको अश्वगंधा की जड़ों का गुनगुना रस पीने से बहुत फायदा मिलेगा। ज्यादा राहत पाने के लिए आप अश्वगंधा की जड़ों का रस और आंवला का रस समान मात्रा में मिलाकर करीब आधा कप पी लें। ऐसा करने से मूत्राशय और मूत्र मार्ग में होने वाली जलन की समस्या कम हो जाती है। इतना ही नहीं ये मिश्रण यह पथरी को गलाकर पेशाब मार्ग से बाहर भी निकाल फेंकता है।

Health_Beautys_Tips@vkmagzine

Next part fast fast emoji or cmnt 🙏
16 January 2023
20:47
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


17 January 2023
06:51
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
मुश्किल हो जाता है। पेट पर जमे इस फैट को कम करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है।
कई लोग वर्कआउट और डाइट कंट्रोल की मदद से भी पेट की चर्बी को कम करने में असमर्थ होते हैं। इसके पीछे जेनेटिक फैक्टर भी हो सकता है, लेकिन आयुर्वेद के अनुसार अगर आप लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करेंगे तो पेट की चर्बी को कम किया जा सकता है।

health_beautys_tips@vkmagzine

तो आइए जानते हैं, कि बेली फैट को कम करने के लिए कुछ आयुर्वेदिक टिप्स के बारे में:

1. गुनगुना पानी पिएं👇

दिनभर गुनगुना पानी ही पिएं। जब भी प्यास लगे तो फ्रिज के ठंडे पानी की जगह गुनगुना पानी पीने की ही कोशिश करें। असल में, गुनगुने पानी से मेटाबोलिज्म एक्टिवेट होता है, जिससे वज़न कम करने में मदद मिलती है। इससे न सिर्फ बॉडी हाइड्रेट होती है, बल्कि पेट पर जमा फैट्स भी घटते हैं। पानी के अलावा फल और जूस का भी सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। फलों से पाचन को बढ़ावा मिलता है और वजन कम करने में मदद मिलती है।

अगले 6 टिप्स पेट की चर्बी को कम करने के लिए इस पोस्ट पर 20+ इमोजी आने के बाद बताए जाएंगे🙏

Join more 👇

18 January 2023
05:39
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

दिनभर गुनगुना पानी ही पिएं। जब भी प्यास लगे तो फ्रिज के ठंडे पानी की जगह गुनगुना पानी पीने की ही कोशिश करें। असल में, गुनगुने पानी से मेटाबोलिज्म एक्टिवेट होता है, जिससे वज़न कम करने में मदद मिलती है। इससे न सिर्फ बॉडी हाइड्रेट होती है, बल्कि पेट पर जमा फैट्स भी घटते हैं। पानी के अलावा फल और जूस का भी सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। फलों से पाचन को बढ़ावा मिलता है और वजन कम करने में मदद मिलती है।

​2. खाना अच्छी तरह चबाएं
अक्सर लोग खाना जल्दी में खाते हैं और 1. गुनगुना पानी पिएं
दिनभर गुनगुना पानी ही पिएं। जब भी प्यास लगे तो फ्रिज के ठंडे पानी की जगह गुनगुना पानी पीने की ही कोशिश करें। असल में, गुनगुने पानी से मेटाबोलिज्म एक्टिवेट होता है, जिससे वज़न कम करने में मदद मिलती है। इससे न सिर्फ बॉडी हाइड्रेट होती है, बल्कि पेट पर जमा फैट्स भी घटते हैं। पानी के अलावा फल और जूस का भी सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। फलों से पाचन को बढ़ावा मिलता है और वजन कम करने में मदद मिलती है।

​2. खाना अच्छी तरह चबाएं
अक्सर लोग खाना जल्दी में खाते हैं और इस चक्कर में ठीक से चबाते नहीं हैं। जबकि खाना अच्छी तरह पच जाए इसके लिए इसे ठीक से चबाकर खाना ज़रूरी है।
जब मुंह के लार में कार्बोहाइड्रेट मिलता है, तो पाचन शुरू होता है। इसलिए खाने को अच्छी तरह चबाकर खाना चाहिए। इससे सैटिटी हार्मोन भी बढ़ता है, जिससे आपका पेट भरा हुआ महसूस होता है।
करने में काफी मदद मिलती है।

​4. तेज़ी से चलें👇

पेट के फैट्स को कम करने में रोज़ाना वॉक भी आपके काफी काम आ सकती है। रोज़ कम से कम 30 मिनट तक तेज़ी से चलें। इसके अलावा आप योग, एरोबिक्स और पिलाटेस की मदद से भी बेली फैट कम कर सकते हैं।

health_beautys_tips@vkmagzine
​5. अदरक का पानी पिएं👇

सूखे अदरक के पाउडर में थर्मोजेनिक एजेंट होता है, जो चर्बी को कम करने में मददगार साबित होता है। पानी में सूखे अदरक के पाउडर को उबालें और गुनगुना पी लें। यह मेटाबोलिज्म को बढ़ाने के साथ अतिरिक्त फैट को बर्न करता है।

health_beautys_tips@vkmagzine
7. हल्का डिनर करें

सुबह का नाश्ता और लंच अच्छा करें ताकि दिन में आपको पर्याप्त एनर्जी मिलती रहे। लेकिन रात के खाने को हल्का रखें और शाम को 7 या 8 बजे के बाद कुछ न खाएं। इससे बेली फैट नहीं बढ़ता। साथ ही रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट जैसे मिठाई, मीठी ड्रिंक्स और तैलीय खाद्य पदार्थों से दूर रहें



​4. तेज़ी से चलें👇

पेट के फैट्स को कम करने में रोज़ाना वॉक भी आपके काफी काम आ सकती है। रोज़ कम से कम 30 मिनट तक तेज़ी से चलें। इसके अलावा आप योग, एरोबिक्स और पिलाटेस की मदद से भी बेली फैट कम कर सकते हैं।

health_beautys_tips@vkmagzine
​5. अदरक का पानी पिएं
सूखे अदरक के पाउडर में थर्मोजेनिक एजेंट होता है, जो चर्बी को कम करने में मददगार साबित होता है। पानी में सूखे अदरक के पाउडर को उबालें और गुनगुना पी लें। यह मेटाबोलिज्म को बढ़ाने के साथ अतिरिक्त फैट को बर्न करता है।

​6. त्रिफला का सेवन करें👇

त्रिफला शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है और पाचन तंत्र को मज़बूत करता है। यह पेट की चर्बी घटाने में भी मदद करता है। इसके नियमित सेवन से कब्ज़ की समस्या दूर रही है। आप गर्म पानी में एक चम्मच त्रिफला चूर्ण मिलाकर रोज़ पी सकते हैं।

health_beautys_tips@vkmagzine


22:47
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


आजकल व्यंजनों में, खासकर चायनीज वैरायटी में,
एक सफेद पाउडर या क्रिस्टल के रूप में
*मोनो सोडियम ग्लुटामेट* (M.S.G.) नामक रसायन
जिसे दुनिया *अजीनोमोटो* के नाम से जानती है,
का प्रयोग बहुत बढ़ गया है,
बिना यह जाने कि यह वास्तव में क्या है?
*अजीनोमोटो* नाम तो असल में इसे बनाने वाली मूल चायनीज कम्पनी का है !
यह एक ऐसा रसायन है, जिसके जीभ पर स्पर्श के बाद जीभ भ्रमित हो जाती है और मस्तिष्क को झूठे संदेश भेजने लगती है।
जिस सें *सड़ा-गला* या *बेस्वाद* खाना भी अच्छा महसूस होता है।
इस रसायन के प्रयोग से शरीर के अंगों-उपांगों और मस्तिष्क के बीच *न्यूरोंस* का नैटवर्क बाधित हो जाता है, जिसके दूरगामी दुष्परिणाम होते हैं।
health_beautys_tips@vkmagzine
चिकित्सकों के अनुसार *अजीनोमोटो* के प्रयोग से
1-एलर्जी,
2-पेट में अफारा,
3-सिरदर्द,
4-सीने में जलन,
5-बाॅडीे टिश्यूज में सूजन,
6-माइग्रेन आदि हो सकते है।
*अजीनोमोटो* से होने वाले रोग इतने व्यापक हो गये हैं कि अब इन्हें ‘*चाइनीज रेस्टोरेंट सिंड्रोम* कहा जाता है। दीर्घकाल में *मस्तिष्काघात* (Brain Hemorrhage)
हो सकता है जिसकी वजह से *लकवा* होता है।
अमेरिका आदि बहुत से देशों में *अजीनोमोटो* पर प्रतिबंध है।
न जाने
*फूड सेफ्टी एण्ड स्टैन्डर्ड अथाॅरिटी आॅफ इंडिया’* ने भारत में *अजीनोमोटो* को प्रतिबंधित क्यों नहीं किया है?
health_beautys_tips@vkmagzine
* दावतों में हलवाई द्वारा मंगाये जाने पर उसे *अजीनोमोटो* लाकर ना देवें। हलवाई कहेगा कि चाट में मजा नहीं आयेगा,
फिर भी इसका पूर्ण बहिष्कार करें।
कुछ भी हो (AFTER ALL) दावत खाने वाले आपके *प्रियजन* हैं, आपके यहां दावत खाकर वे बीमार नही पड़ने चाहिए !
जब आपने बाकि सारा बढ़िया सामान लाकर दिया है तो लोगों को *अजीनोमोटो* के बिना भी खाने में, चाट में पूरा मजा आयेगा, आप निश्चिंत रहें।
*अजीनोमोटो* तो *हलवाई की अयोग्यता* को छिपाने व होटलों, ढाबों, कैटरर्स, स्ट्रीट फूड वैंडर्स द्वारा सड़े-गले सामान को आपके *दिमाग* को पागल बनाकर स्वादिष्ट महसूस कराने के लिए डाला जाता है।
क्या *हलवाई की अयोग्यता* का दंड अपने *प्रियजनों*
को देंगे  ????

Next post किस बारे में चाहते हैं? Running🏃💨💨 टिप्स पर अगली पोस्ट कर दें?
20 January 2023
11:01
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


22:22
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

आपकी सांस का अत्यधिक महत्व है, खासकर जब आप दौड़ रहे हों, जिससे आपको सांस की कमी महसूस हो सकती है। अपने प्रदर्शन को अधिकतम करने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि आप अपनी सांस के साथ ट्यून करें और उचित सुधार करें।
यह आपको आसानी और दक्षता को बढ़ावा देने की अनुमति देता है ताकि आप अपनी पूरी क्षमता तक पहुंच सकें। प्रारंभ में, नए तरीके असहज या अप्राकृतिक लग सकते हैं। समय के साथ, आप समायोजन के लिए अभ्यस्त हो जाएंगे और अपने रन को और अधिक मनोरंजक बनाने के लिए अपनी सांस को अनुकूलित करने में सक्षम होंगे।
अपने दौड़ने के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए इन सरल, प्रभावी साँस लेने की तकनीकों को आज़माएँ। एक बार में इन सभी युक्तियों को अपनी दिनचर्या में शामिल करने की कोशिश करने के बजाय धीरे-धीरे शुरू करें।
एक समय में एक तकनीक सीखें और एक और नया तरीका आजमाने से पहले अपने आप को कम से कम एक सप्ताह के लिए इस पर काम करने दे।


Tips 💡 after 20 emoji 😁 ⚡⚡

22 January 2023
05:16
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

फेसपैक क्या है, करने व बनाने का तरीका-

👉सदा जवां और खूबसूरत दिखना हर किसी का सपना होता है, और त्‍वचा को जवां रखने के लिए आप बहुत कुछ करती भी होंगी। लेकिन क्‍या कभी आपने घर में बना फेस पैक ट्राई किया है। शायद नहीं, लेकिन अगर आप भी जवां, खूबसूरत और गोरी रंगत चाहिए तो हमारे बताये इस नुस्‍खे को आजमायें। इससे आपकी त्‍वचा बिना दाग धब्‍बों और झुर्रियों के दिखने लगती है। अगर आप भी अपनी बढ़ती हुई उम्र और चेहरे की चमक खो जाने से डरती हैं तो यह फेस पैक आपके लिए फायदेमंद हो सकता है और इस उपाय को 2 हफ्ते लगातार आजमाने के बाद आपको खुद ही फर्क महसूस होने लगेगा। आइए जानें, चेहरे का ग्लो बढ़ाने और त्वचा में कसाव लाने के लिए घर पर कैसे तैयार करें फेसपैक...👇👇👇🥰

🔰नींबू और आलू से बना-    

नींबू में पाए जानें वाले अद्भुत गुण विटामिन सी और सिट्रिक एसिड त्वचा में निखार प्रदान करने के साथ अन्य समस्याओं का समाधान करता है।इसके साथ यदि आलू का उपयोग किया जाए, तो आलू भी त्वचा के रंग को साफ कर सुंदर, गोरा और चमकदार बनाने में अहम भूमिका निभाता है।

इस पैक को बनाने के लिए आप एक कच्चे आलू को कस लें।

कसे हुए आलू का रस निकालकर उसमें आधा नींबू का रस मिला लें।

फिर रूई के टुकड़े की मदद लेकर मिश्रण को चेहरे एवं गर्दन पर लगाए और 20 मिनट तक लगा रहने दें।

इसके बाद त्वचा को सादे पानी से धो लें।

🔰चावल के आटे का फेस पैक-
health_beautys_tips@vkmagzine
चावल केवल खाने के लिए ही नहीं बल्कि खूबसूरती बढ़ाने में भी मददगार है। चेहरे पर चावल का फेसपैक लगाने से सनबर्न, ब्लैकहैड्स और टैनिंग जैसी समस्याओं से राहत मिलेगी। स्किन को बिना नुकसान पहुंचाए यह मृत कोशिकाओं को निकाल देता है। चावल का फेसपैक लगाने से चेहरे पर निखार आता है।

इस फेसपैक को बनाने के लिए आधा कप चावल ले,और उसे अच्छे से पीस लें|

फिर इसमें 4-5 बूंदे नारियल तेल की मिलाकर चेहरे पर लगाएं।

सूखने पर धो लें। इस पैक से स्किन निखर जाएगी।
health_beautys_tips@vkmagzine
🔰ठंडे दूध का फेस पैक-

 दूध में भरपूर कैल्शियम और विटामिन डी होता है|ठंडे दूध से तैयार फेस पैक चेहरे पर कलींजर की तरह काम करता है और बहुत सी स्किन प्रॉब्लम से राहत दिलाता है।ठंडा दूध मुंह पर लगाने से स्किन चमकने लगती है और काफी नरम हो जाती है।

इस पैक को तैयार करने के लिए 2 tbsps. ठंडे दूध में 1 Tsp. शहद मिलाये|

इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं और फिर सूखने के बाद चेहरे को धो लें।
13:56
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
पर नियमित तौर पर लगाने से कुछ ही दिनों में बवासीर की समस्या गायब हो जाएगी! health_beautys_tips@vkmagzine
बवासीर पर आयुर्वेदिक उपचार विस्तृत रूप से और बवासीर के प्रकार इस पोस्ट पर 20 प्लस इमोजी के बाद शेयर कर दिए जाएंगे🙏


23 January 2023
21:52
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

गुदा के आसपास तीव्र खुजली
दर्दनाक या खुजली वाली सूजन या आपके गुदा के पास गांठ
दर्दनाक मल त्याग
मल त्याग के दौरान या बाद में आपकी गुदा से रक्तस्राव
जलन और गुदा के आसपास दर्द
मल का रिसाव
यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आपको बवासीर है, इसलिए अन्य समस्याओं का पता लगाने के लिए अपने चिकित्सक से निदान की तलाश करें।
डॉक्टर इस मुद्दे के लिए ओवर-द-काउंटर उत्पादों की सिफारिश कर सकते हैं। गंभीर बवासीर के लिए अधिक उपचार की आवश्यकता होगी।
बवासीर के इलाज के लिए कुछ आयुर्वेदिक तरीके हैं जिन्हें आप भी आजमा सकते हैं👇👇
health_beautys_tips@vkmagzine
health_beautys_tips@vkmagzine

दोष के अनुसार बवासीर के प्रकार
आयुर्वेदिक मान्यता में, आपका प्रमुख दोष यह निर्धारित करता है कि आप किस प्रकार के बवासीर का अनुभव कर रहे हैं:

जो लोग पित्त हैं वे सूजन, खून बहने वाले बवासीर का अनुभव कर सकते हैं जो नरम और लाल होते हैं। अन्य लक्षणों में बुखार, दस्त और प्यास की भावना शामिल है।
जो लोग वात हैं वे उच्च स्तर के दर्द, कब्ज और खुरदरी, सख्त बनावट के साथ काले बवासीर का अनुभव कर सकते हैं।
जो लोग कफ हैं उनका पाचन खराब हो सकता है और बवासीर जो फिसलन भरा, हल्का या सफेद रंग का, मुलायम और आकार में बड़ा होता है।
बवासीर के आयुर्वेदिक उपाय
बवासीर के उपचार के लिए आयुर्वेदिक दृष्टिकोण को समग्र माना जाता है। बवासीर का अनुभव करने वाले लोग जो आयुर्वेदिक दवाओं के साथ उनका इलाज करने की कोशिश करना चाहते हैं, उन्हें अपनी उपचार योजना के हिस्से के रूप में हर्बल उपचार, जीवन शैली में बदलाव और संभवतः न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रियाओं की अपेक्षा करनी चाहिए।

आपका आयुर्वेदिक चिकित्सक उपचार सुझाव देने से पहले आपके प्रमुख दोष को निर्धारित करने के लिए आपके समग्र स्वास्थ्य का मूल्यांकन करेगा। यह अनुशंसा की जाती है कि आप उचित निदान और उपचार के दृष्टिकोण के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।

यदि आप बवासीर का अनुभव कर रहे हैं और उपचार के लिए आयुर्वेदिक 👇👇

health_beautys_tips@vkmagzine

Next post tomorrow after emoji 20+
24 January 2023
21:20
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
health_beautys_tips@vkmagzine
इंटरनल बवासीर यानी अंदरूनी बवासीर - यह प्रकार का बवासीर व्यक्ति के मलाशय यानी रेक्टम में मौजूद होता है. इन्हें देखा या महसूस नहीं किया जा सकता, लेकिन मल त्याग के दौरान दर्द रहित ब्लीडिंग हो सकती है.
बवासीर के लक्षण -
बवासीर में व्यक्ति को मल त्यागने में परेशानी होती है. बवासीर की समस्या ज्यादा होने पर व्यक्ति को बैठने में भी समस्या होने लगती है. इसके अलावा कई ऐसे लक्षण हैं जो बवासीर की ओर संकेत करते हैं.
बवासीर के लक्षण, क्यों होता है, जड़ से खत्म कैसे करें और रामबाण आयुर्वेदिक👇 इलाज⚡
एक्सटर्नल बवासीर में व्यक्ति ब्लीडिंग का अनुभव कर सकता है.
एक्सर्टनल बवासीर में गुदा या मल मार्ग के आसपास सूजन हो सकती है.
एक्सर्टनल बवासीर काफी कष्टदायक और असुविधाजनक होता है.
एक्सर्टनल बवासीर में गुदा मार्ग के आसपास खुजली और जलन महसूस हो सकती है.
इंटरनल बवासीर में सूजन हो सकती है
इंटरनल बवासीर में गुदा के पास गांठ महसूस हो सकती है
इंटरनल बवासीर में कई बार गंभीर दर्द का अनुभव हो सकता है.
कई मामलों में इंटरनल बवासीर के दौरान दर्द रहित ब्लीडिंग हो सकती है.
बार-बार मल त्यागने की इच्छा होना, लेकिन मल न निकलना
बवासीर के कारण -
आयुर्वेद में बवासीर को 'अर्श' कहा गया है. वात, पित्त और कफ तीनों दोषों के दूषित होने की वजह से बवासीर (Bawaseer kaise hoti hai) होता है. यही वजह है कि आयुर्वेद में इसे त्रिदोषज रोग भी कहा गया है. कई लोगों में बवासीर पीढ़ी दर पीढ़ी चलता है. इसके कई अन्य कारण भी होते हैं.
health_beautys_tips@vkmagzine
कई लोगों को अपनी जॉब के कारण कई घंटों तक खड़े रहना पड़ता है, और लंबे समय तक खड़े रहने से भी बवासीर हो सकता है.
भारी वजन उठाना भी बवासीर का एक कारण हो सकता है.
कब्ज बवासीर का एक प्रमुख कारण है. कब्ज में मल सूखा और कठोर हो जाता है, जिसके कारण व्यक्ति को मल त्यागने में दिक्कत होती है. काफी देर तक उकड़ू बैठे रहने के कारण वहां की रक्तवाहिनियों पर जोर पड़ता है. जिसके कारण वह फूलकर लटक जाती हैं और उन्हें ही बवासीर का मस्सा कहा जाता है.
ज्यादा तला-भुना और मिर्च मसाले युक्त भोजन भी बवासीर का कारण बनता है.
ठीक से शौच न होना और फाइबर युक्त भोजन का सेवन न करना भी बवासीर का कारण हो सकता है.
महिलाओं में प्रसव के दौरान गुदा क्षेत्र पर अधिक दबाव पड़ने से भी बवासीर का खतरा रहता है.
शारीरिक गतिविधि की कमी के कारण भी बवासीर हो सकता है.
धूम्रपान और शराब के सेवन के चलते भी बवासीर हो सकता है.
बवासीर में तुरंत आराम के लिए क्या करें?
इप्सम साल्ट और ग्लिसरीन की दो-दो चम्मच लेकर मिलाएं और प्रभावित जगह पर 15-20 मिनट तक लगा रहने दें. यह घरेलू उपचार दर्दनाक बवासीर को कम करने में मदद करता और तुरंत आराम मिल सकता है. इससे सूजन में भी आराम मिलता है.
बवासीर का घरेलू इलाज -
बवासीर के लिए कई तरह के घरेलू उपाय (Piles Treatment At Home) मौजूद हैं. उनमें से एक हल्दी भी है. हल्दी को गुणों की खान माना जाता है. हल्दी से बवासीर में बहुत उपयोगी साबित हो सकती है. ऐसे ही कई अन्य घरेलू उपाय (Bawasir Ke Gharelu Upchar) हैं, जिनका इस्तेमाल करके आप बवासीर में राहत पा सकते हैं.
हल्दी पाउडर और नारियल तेल
आयुर्वेदिक के अनुसार नारियल का तेल (Coconut Oil For Piles Treatment) कई बीमारियों के इलाज में अहम भूमिका निभाता है. नारियल के तेल में चुटकीभर हल्दी पाउडर मिलाकर बवासीर की जगह पर हल्के हाथों या कॉटन ले लगा लें. इससे आपको गुदा के बाहरी हिस्से में होने वाले बवासीर में राहत मिल सकती है.
हल्दी और एलोवेरा जेल
एलोवेरा को उसकी ठंडी तासीर के लिए जाना जाता है. एलोवेरा जेल में हल्दी पाउडर (Aloevera Gel With Haldi) मिलाकर रात में नियमित तौर पर सोने से पहले गुदा मार्ग के बवासीर वाली जगह पर लेप लगाने से राहत मिलती है. इस उपाय को कम से कम दो हफ्तों तक लगातार करें. health_beautys_tips@vkmagzine
देसी घी और हल्दी है रामबाण इलाज
देसी घी अपने गुणों के लिए जाना जाता है. अगर आप नियमित रूप से देसी घी का सेवन करते हैं तो कई समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है. बवासीर की समस्या से निजात पाने के लिए देसी घी में चुटकीभर हल्दी मिलाकर एक मिश्रण तैयार करें और बवासीर वाली जगह पर नियमित तौर पर लगाने से कुछ ही दिनों में बवासीर की समस्या गायब हो जाएगी.
21:20
हल्दी, बकरी का दूध और काला नमक का उपाय
बसासीन के लक्षणों से आराम पाने के लिए एक कप बकरी के दूध में एक चम्मच हल्दी और आधा चम्मच काला नमक मिलाकर कुछ दिन तक सेवन करें. नियमित तौर पर सेवन करने से कुछ दिनों में ही बवासीर में राहत मिलेगी.
नहाने के टब में हल्दी का उपाय
नहाने के टब दो चम्मच हल्दी मिला लें और फिर उसमें 15 मिनट के लिए बैठें. नियमित तौर पर कुछ दिन तक ऐसा करने से बवासीर में राहत मिल सकती है.

25 January 2023
21:55
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

ह्दय संबंधी समस्याअों या हार्ट अटैक आ जाने की स्थि‍ति में पीपल के पत्तों का काढ़ा बेहद लाभप्रद सिद्ध होता है। आइए जानते हैं, इसे बनाने और पीने का तरीका -
health_beautys_tips@vkmagzine
1  सबसे पहले पीपल के 15 पत्ते तोड़ लें, जो हरे, आकार में बड़े और पूरी तरह से विकसित हो।
2  इन सभी पत्तों के ऊपर व नीचे का भाग कैंची से काटकर अलग कर दें।
3  अब पत्तों को पानी से धो लें और लगभग एक गिलास पानी में धीमी आंच पर पकाएं।
4  जब यह पानी उबलकर एक-तिहाई रह जाए, तब उसे ठंडा करके छान लें, और फ्रीज या अन्य किसी ठंडे स्थान पर रख दें।

कैसे करें सेवन -
इस पानी को तीन भागों में बांट लें, और हर तीन घंटे में इसका सेवन करें।
इस दवा का प्रतिदिन सेवन करने से हार्ट अटैक के बाद भी हृदय पहले की तरह स्वस्थ हो जाएगा और दोबारा दिल के दौरे की संभावना भी खत्म हो जाएगी। हृदय रोगियों के लिए यह सबसे अच्छा, सरल और सुलभ उपाय है, जिससे दिल के सभी रोग  ठीक हो जाते हैं। इस काढ़े के सेवन से दिल मजबूत होता है, और आप बेहद ठंडक और शांति महसूस करते हैं।

इस काढ़ेे का प्रयोग कम से कम 15 दिनों तक करें। पर्याप्त आराम न होने पर इसे लगभग 1 महीने तक जारी रख सकते हैं। इस बीच डॉक्टर से चेकअप अवश्य कराते रहें।
health_beautys_tips@vkmagzine
क्या रखें सावधानी- 👇
1  काढ़े का सेवन करते समय याद रखें, कि इसे लेते समय आपका पेट एकदम खाली न हो। हल्का नाश्ता करने के बाद ही इस काढ़े का सेवन करें।

2  जब तक आप इस काढ़े का सेवन कर रहे हों, तब तक तली हुई चीजों, चावल, मछली, अंडा, शराब, धूम्रपान आदि का प्रयोग न करें। इसके अलावा नमक व अधिक चिकनाई यु्क्त चीजों से भी दूरी बना कर रखें।3  वहीं कुछ चीजों का सेवन इस दौरान आपके लिए लाभदायक हो सकता है, जैसे - अनार, पपीता, आंवला, मौसंबी, बथुआ, मैथी-दाना, भीगे हुए काले चने, किशमिश, सेब का मुरब्बा, दही, छाछ आदि। इस प्रयोग से आपके हृदय की समस्या समाप्त होती है, और आप बिल्कुल स्वस्थ व उर्जावान महसूस करते हैं।

नोट : इस प्रयोग को करने से पहलेे एक बार अपने डॉक्टर से अवश्य संपर्क करें..


27 January 2023
11:18
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

त्वचा में निखार लाने के लिए लगाएं हल्दी
हल्दी में तीनों दोषों को दूर करने के गुण होते हैं. आप हल्दी के पाउडर में कोई भी एसेंशियल ऑयल मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें. इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं और बाद में पानी से मुंह धो लें. इस उपाय को करने से टैनिंग, एक्ने की समस्या को कम किया जा सकता है. इसमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट एंजिंग और डल स्किन से छुटकारा दिलाने में मदद करता है.
health_beautys_tips@vkmagzine
चंदन और दही का मास्क
अगर आपकी स्किन ऑयली है तो चंदन और दही का मिश्रण बनाएं. इस फेस मास्क को अपने चेहरे पर लगाएं. ये आपके पोर्स को साफ कर त्वचा को मॉश्चराइज करने में मदद करता है. ये त्वचा में सीबम को कंट्रोल करने में मदद करता है. इसके अलावा मुंहासों से भी छुटकारा दिलाता है.
नीम का फेस पैक
आयुर्वेद में नीम बहुत महत्पूर्ण माना गया है. इसका इस्तेमाल स्किन प्रॉब्लम्स को दूर करने के लिए कर सकते हैं. नीम में एंटी बैक्टीरियल, एंटी सेप्टिक और एंटी फंगल गुण होते हैं जो त्वचा को साफ कर ग्लोइंग रखने में मदद करता है. त्वचा से मुंहासे और ब्लेमिश हटाने के लिए रोजाना नीम वाला पानी पिएं. इसके अलावा नीम वाला साबुन और स्क्रब का इस्तेमाल कर त्वचा को स्वस्थ रख सकते हैं.
health_beautys_tips@vkmagzine
एलोवेरा
आयुर्वेद में एलोवेरा को कुमारी कहा जाता है. त्वचा की समस्याओं को दूर करने के लिए एलोवेरा का इस्तेमाल कर सकते हैं. ये सनबर्न और एजिंग के लक्षणों को कम करने में मदद करता है. रोजाना ऐलोवेरा का इस्तेमाल करने से त्वचा को ग्लोइंग और फ्लॉलेस बना सकते हैं.
चमेली और मुल्तानी मिट्टी
चमेली एक्ने की समस्या को दूर रखने में मदद करती हैं और मुल्तानी मिट्टी एक्सट्रा ऑयल के उत्पादन को कम करता है. त्वचा को ग्लोइंग रखने के लिए आधा कप चमेली की चाय बिना चिनी की और उसमें 3 चम्मच मुल्तानी मिट्टी मिलाकर पेस्ट तैयार कर लें. इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं. इस फेस पैक को 5 से 10 मिनट के लिए छोड़ दें और बाद में पानी से धो लें.



21:28
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

आपको उन आयुर्वेदिक उपचार से फायदा हो रहा है या नहीं यह घरेलू नुस्खे आपके लिए लाभकारी सिद्ध हो रहे हैं या नहीं और आप किन रोगों के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं कमेंट करके बताते रहा कीजिए जिससे कि आपको उचित समय पर रोग की आयुर्वेदिक चिकित्सा के बारे में बताया जा सके!
कृपया पोस्ट पसंद आए तो इमोजी अवश्य प्रदान किया कीजिए उससे हमें मोटिवेशन प्राप्त होता है🙏
🇮🇳💞 जय हिंद मित्रों 💞🇮🇳
28 January 2023
22:07
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

⚡सिर में रूसी यानी डेंड्रफ होना आम बात है। गर्मी का मौसम हो, बरसात का या सर्दियों का, बालों में रूसी के समस्या बहुत परेशान करती है। इतना ही नहीं गलत खानपान, फंगल इन्फेक्शन के चलते ज्यादातर लोग रूसी की समस्या से परेशान रहते हैं।
जानिए क्यों होता है सिर में डेंड्रफ, ये 5 कारण हैं जिम्मेदार👇
 
अगर सिर में ज्यादा रूसी हो रही हो तो दवाइयों की बजाय कुछ घरेलू उपाय अपनाने बेहतर होते हैं। ऐसे में एलोपैथिक दवाओं की बजाय अगर आप अपनी रसोई में मौजूद कुछ लाभकारी चीजों का इस्तेमाल करेंगे तो रूसी छूमंतर हो जाएगी और आपके बाल भी लंबे और मजबूत रहेंगे।👇

इस पोस्ट पर 20 प्लस इमोजी आने के बाद आयुर्वेदिक उपचार वह घरेलू नुक्से शेयर कर दिए जाएंगे🙏🇮🇳



29 January 2023
08:28
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
परेशान करती है
जानिए क्यों होता है सिर में डेंड्रफ, ये 5 कारण हैं जिम्मेदार👇
 
अगर सिर में ज्यादा रूसी हो रही हो तो दवाइयों की बजाय कुछ घरेलू उपाय अपनाने बेहतर होते हैं। ऐसे में एलोपैथिक दवाओं की बजाय अगर आप अपनी रसोई में मौजूद कुछ लाभकारी चीजों का इस्तेमाल करेंगे तो रूसी छूमंतर हो जाएगी और आपके बाल भी लंबे और मजबूत रहेंगे।
 
आइए जानते हैं रूसी हटाने के कुछ घरेलू उपाय जिनसे आपका सिर से डेंड्रफ छूमंतर हो जाएगा।
 
रूसी भगाने के 19 कारगर घरेलू तरीके 
 health_beautys_tips@vkmagzine
1.  चार चम्मच खसखस दूध में पीस कर बालों की जड़ों में लगाएं। आधे घंटे बाद सिर धोएं। धोने में शैम्पू का इस्तेमाल करें। सप्ताह में दो बार इस तरह बाल धो लें।
2.  चार बड़े चम्मच बेसन एक बड़े गिलास पानी में घोलकर बालों पर मलें और सिर धो लें। डैंड्रफ खत्म हो जाएगा।
3.  रात को छिलके सहित अरहर की दाल पानी में भिगो दें। सुबह इसे पीसकर सिर में लगा लें। आधे घंटे बाद सिर धोएं। फिर गीले बालों में ही कंघी करें।
4. सप्ताह में दो बार दही से बालों को धोने से डैंड्रफ मिट जाती है।
5.  पांच चम्मच पिसे आंवले को रात को आधा कप पानी में भिगो दें, सुबह इस पानी से सिर धो लें। 
6.  चुकंदर के पत्तों को पानी में उबालकर सिर धोने से डैंड्रफ दूर हो जाती है।
7. रीठे से सिर धोने पर भी डैंड्रफ से छुटकारा मिल जाता है।
8. नारियल के तेल में कपूर मिलाएं और यह तेल अच्छी तरह बालों में तथा सिर पर लगाएं।
9. नींबू के रस को बालों में लगाएं। कुछ समय बाद सिर धो लें।
10. बालों में तेल लगाने के बाद अच्छे से शैंपू करें और उसके बाद किसी भी अच्छे माउथवॉश को स्केल्प पर लगाएं। 5-10 मिनट लगाए रखने के बाद इसे पानी से धो लें।
11.  नींबू में हल्का-सा बेसन और दही मिलाकर स्केल्प पर लगाएं। इसके अलावा, नींबू में लहसुन का पेस्ट मिलाकर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
12. दो टेबल स्पून बेकिंग सोडा में उतना ही पानी मिलाएं जिससे वो जैल की तरह दिखने लगे। इस जैल को सिर में लगाकर 15.  मिनट के लिए छोड़ दें। उसके बाद सिर को अच्छी तरह धो लें।
13. पानी में सिरका मिलाकर सिर को अच्छी तरह धोएं। इस उपाय को सप्ताह में दो बार जरूर करें।
14. सिर की त्वचा पर अंडे का पेस्ट लगाकर आधा घंटे के लिए छोड़ दें, इसके बाद सिर को अच्छी तरह धो लें। 
15. चार से पांच चम्मच नींबू का रस लें औऱ इसमें उतनी ही मात्रा में नारियल तेल मिला लें। इससे स्कल्प पर अच्छी तरह से मालिश करें और सिर पर गीला तौलिया लपेट लें। आधे घंटे बाद सिर धो लें।
16. मेथी के कुछ दाने लेकर रात भर के लिए भिगो दें। सुबह इनको पीसकर इनका लेप सिर की त्वचा पर लगाएं।
17. मुल्तानी मिट्टी को रात भर पानी में भिगोकर रख दें। सुबह इसका लेप बनाकर उसमें नींबू का रस मिलाएं और बालों पर 20 मिनट के लिए लगाएं। फिर सिर धो दें।
18. सरसों के तेल से रात को सिर की अच्छी तरह मालिश करें। रात को गर्म पानी में भिगोया हुआ तौलियां सिर पर कुछ देर के लिए लपेटें औऱ सो जाएं। अगले दिन सिर को धो लें।
19. एलोवेरा का जैल बाजार में मिलता है। इस जैल से  सिर की अच्छी तरह मालिश करें और घंटे भर बाद सिर धो लें।
 
इन उपायों के बल पर आपके सिर से रूसी छूमंतर हो जाएगी और आपके बाल भी मुलायम और रेशमी बने रहेंगे। ये सभी उपाय बालों को लंबे समय तक मजबूती भी प्रदान करते हैं।
health_beautys_tips@vkmagzine
👉आपको हमारी पोस्ट कैसी लगती हैं और उनका कोई फायदा आपको हो रहा है या नहीं कमेंट करके अवश्य बताएं!
health_beautys_tips@vkmagzine
30 January 2023
18:10
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

हमेशा साफ कपड़े पहनें। साथ ही अपने कपड़ों को गुनगुने पानी में धोएं।
अपने तकिए के कवर को समय समय पर बदलते रहें।
सोफे और गद्दे को भी साफ करना न भूलें।
किसी भी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें जिन्हें जुओं की समस्या हों। साथ ही ऐसे लोगों के कंघी, हेयर ब्रश, टोपी, तौलिया, तकिया या फिर बिस्तर शेयर न करें।
health_beautys_tips@vkmagzine
जुए खत्म करने के घरेलू नुक्से कल पोस्ट कर दिए जाएंगे!
❤‍🔥 इमोजी के रूप में अपना प्यार बनाए रखें !
जय हिंद 🇮🇳🇮🇳

31 January 2023
07:29
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

ध्यान से एक बार सुनिएगा- गुस्से पर काबू कैसे करें?
आपको सुनकर बहुत अच्छा लगेगा !
मैं भी अपने गुस्से पर कंट्रोल नहीं कर पाती थी!
फिर मैंने इसे सुना तो काफी अच्छा लगा मुझे!
सुबह की राम राम आप सभी को 🙏🇮🇳जय हिंद🇮🇳

health_beautys_tips@vkmagzine
22:57
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

जूँ क्या है या किसे कहते हैं? (What Are Lice?)
सिर के जूँ छोटे परजीवी होते हैं जो स्कैल्प में मौजूद होते हैं। यह बालों को संक्रमित करते हैं। इसके छोटे-छोटे अंडे डैंड्रफ के गुच्छे की तरह दिखते हैं। ये जुएं सिर के अलावा आइब्रो और पलकों में भी पाए जा सकते है। साथ ही यह एक दूसरे के संपर्क में आने से फैलते हैं (1)।
स्किन क्राफ्ट टिप्स:
बालों के जुएं हटाने के लिए रात में सोने से पहले जैतून के तेल से स्कैल्प और बालों की मालिश करें और फिर अगली सुबह बाल धो लें।
जूँ क्यों होते हैं? (What Causes Lice?)
जूँ निम्नलिखित कारणों से हो सकती है:
जूँ का मुख्य कारण संक्रमण को माना जाता है। इसे मेडिकल भाषा में पेडिक्युलोसिस कैपिटिस कहा जाता है।
ये जूँ किसी प्रभावित व्यक्ति के संपर्क में आने से भी फैल सकती है।
अगर कोई जूँ से प्रभावित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की गई टोपी, तौलिया या फिर कंघी का उपयोग करता है, तो उसे भी जूँ होने की संभावना बढ़ सकती है।
जूँ होने के लक्षण (Symptoms Of Lice)
सिर में जूँ होने के लक्षण निम्नलिखित हैं:
स्कैल्प में खुजली होना
स्कैल्प, गर्दन और कंधों पर छोटे दाने होना
प्रत्येक बाल के नीचे छोटे सफेद अंडे दिखना
सिर में किसी चीज के रेंगने जैसा महसूस होना
बालों से जूँ निकालने के घरेलू नुस्खे
1. प्याज का रस लगाएं (Use Onion Juice)
बालों के जुएं हटाने के लिए प्याज का रस लगाना लाभकारी साबित हो सकता है। रिसर्च गेट की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में यह बताया गया है कि प्याज के रस में एंटी माइक्रोबियल गुण मौजूद होते हैं, जो जूँ को मारने में मददगार साबित हो सकते हैं। बालों में प्याज का रस इस प्रकार से लगा सकते हैं:
दो से तीन प्याज लें और मिक्सी में पीसकर उसका रस निकालें।
अब उसमें एक छोटी चम्मच हल्दी डालें और अच्छी तरह से मिलाएं।
फिर इस पेस्ट को अपने स्कैल्प पर अच्छी तरह से लगाएं और 20 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें।
समय पूरा होने के बाद बालों को शैंपू से धो लें। 
2. नींबू का रस (Lemon Juice)
बालों से जुएं हटाने के घरेलू नुस्खे में नींबू का रस भी शामिल है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ फार्मटेक रिसर्च की मानें तो नींबू के रस में जुओं को मारने के गुण मौजूद होते हैं। खासकर यह बड़े जूओं के खिलाफ अत्यधिक प्रभावी माना गया है। इसके लिए नीचे बताए गए तरीकों को अपना सकते हैं:
8 से 10 नींबू को अच्छी तरह से निचोड़ लें।
फिर उसे स्कैल्प पर अच्छी तरह से लगाएं और 15 मिनट के लिए रहने दें।
15 मिनट बाद बालों को धो लें।
क्या आप जानती हैं?
अगर बालों में जुएं अधिक दिनों तक रहें तो इससे सिर में घाव या फिर मुंहासे हो सकते हैं। साथ ही स्कैल्प पर संक्रमण फैलने का भी खतरा बढ़ सकता है।
3. लहसुन और नींबू का पेस्ट
लहसुन और नींबू का पेस्ट भी बालों से जुएं खत्म कर सकता है। इससे संबंधित एक रिसर्च में यह बताया गया है कि लहसुन में 8% सांद्रता के साथ इथेनॉल होता है,जो 0.030 घंटे के भीतर सिर के जूँ को मारने में कारगर साबित हो सकता है (2)।
वहीं, नींबू के बारे में हम बता ही चुके हैं कि इसमें जुओं को मारने के गुण मौजूद होते हैं। ऐसे में आप सिर की जुओं को हटाने के लिए लहसुन और नींबू के पेस्ट को निम्नलिखित तरीके से अपना सकते हैं:
एक जार में 10 से 12 लहसुन की कलियां लें। 
अब इसमें नींबू निचोड़ कर उसे पीस लें।
फिर इस पेस्ट को बालों में लगाकर आधे घंटे के लिए छोड़ दें।
अंत में गुनगुने पानी से अपने बालों को धो लें।
health_beautys_tips@vkmagzine
1 February 2023
23:32
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
निभा सकता है। बताया जाता है कि नीम में जुओं को नष्ट करने की क्षमता होती है (3)। ऐसे में नीम का इस्तेमाल कुछ इस प्रकार से किया जा सकता है:
अपने शैम्पू में एक चम्मच नीम का तेल या रस मिला लें।
अब उस शैम्पू से अपने बालों को धोएं।
अंत में बालों को कंघी कर लें।
5. टी ट्री ऑयल (Tea Tree Oil)
जुओं को मारने के लिए घरेलू नुस्खे के तौर पर टी ट्री ऑयल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। दरअसल, टी ट्री ऑयल में परजीवों और उनके अंडों को नष्ट करने की क्षमता होती है (4)। इस आधार पर बालों से जुओं को हटाने के लिए टी ट्री ऑयल के उपयोग की भी सलाह दी जा सकती है। बालों के लिए टी ट्री ऑयल को इस प्रकार से इस्तेमाल कर सकते हैं:
टी ट्री ऑयल की कुछ बूंदें रात में सोने से पहले अपने बालों में लगाएं।
फिर तकिये पर एक तौलिया बिछा कर सो जाएं। 
सुबह उठते ही बालों को कंघी करें और मरी हुए जूँ को निकाल लें।
6. कंघी जूँ निकालने में फायदेमंद

बालों से जुएं को health_beautys_tips@vkmagzine के लिए कंघी को भी फायदेमंद माना गया है। इसके लिए सबसे पहले अपने बालों को गीला कर लें। फिर उसे पतले दांत वाली कंघी से ऊपर से नीचे की ओर झाड़ें। इस प्रक्रिया को दिन में कम से कम दो बार जरूर करें। ऐसा करने से बालों से जूँ आसानी से निकल जाएंगे।
7. नमक और सिरके का घोल (Salt And Vinegar Solution)
बालों से जुएं को निकालने के लिए नमक को भी बेहद कारगर माना गया है। बताया जाता है कि नमक यानी सोडियम क्लोराइड, जूँ और उनके अंडों की बाहरी सुरक्षात्मक परत को हटा देता है और निर्जलीकरण से उनकी मृत्यु हो जाती है (5)। इस आधार पर हम कह सकते हैं कि नमक का इस्तेमाल कर के भी बालों से जूँ निकाली जा सकता है। जूँ निकालने के लिए नमक का इस्तेमाल इस प्रकार से कर सकते हैं:
एक स्प्रे बोतल में 3 से 4 चम्मच सिरका डालकर उसमें नमक अच्छी तरह से मिलाएं।
फिर उस घोल को अपने बालों पर स्प्रे करें।
अब बालों को शॉवर कैप से ढक कर दो घंटे के लिए छोड़ दें।
अंत में बालों को शैंपू कर लें।
8. मेथी का पानी health_beautys_tips@vkmagzine
मेथी का पानी भी बालों के जुओं को मार कर नष्ट कर सकता है। मेथी में ऐसे कई गुण होते हैं, जो बालों के लिए लाभकारी माने जाते हैं। उन्हीं में से एक गुण है एंटी माइक्रोबियल गुण जो कई प्रकार के बैक्टीरिया और जीवों को मार सकता है (6)। इस आधार पर देखा जाए तो मेथी भी बालों के जुएं हटाने के घरेलू नुस्खे में शामिल किया जा सकता है। मेथी पानी बनाने का तरीका:
एक ग्लास पानी में एक चम्मच मेथी दाना रात भर भिगोने के लिए रख दें।
अगली सुबह उसका पेस्ट बनाएं और अपने बालों में लगाएं।
आधे घंटे बाद बालों को शैंपू से धो लें।
9. बेकिंग सोडा (Baking Soda)
जूँ को नष्ट करने के लिए बेकिंग सोडा को भी कारगर माना जा सकता है। दरअसल, बेकिंग सोडा में एसिडिक प्रभाव होता है। इसका यह एसिडिक गुण जुओं को मार सकता है। इसलिए निम्नलिखित तरीके से बेकिंग सोडा का इस्तेमाल किया जा सकता है:
अपने कंडीशनर में बेकिंग सोडा मिलाएं और उसे बालों में लगाएं।
5 से 7 मिनट बाद बालों को पतली कंघी से झाड़ें।
अंत में बालों को शैंपू से धो लें।
10. दही (Yogurt)
बालों के लिए दही को बेहद लाभकारी माना गया है। यह बालों को कंडीशन करने के साथ-साथ जुओं से भी छुटकारा दिला सकता है। बता दें कि दही एंटी माइक्रोबियल गुण से समृद्ध होता है, जो कई तरह के बैक्टीरिया और परजीवियों को मारने में सक्षम होते है (7)। बालों से जुएं हटाने के लिए दही का इस्तेमाल इस प्रकार से कर सकते हैं:
एक छोटी कटोरी में 3 से 4 चम्मच दही निकालें।
फिर उसे अपने स्कैल्प और बालों में अच्छी तरह से लगाएं।
अब 30 मिनट के लिए उसे वैसे ही छोड़ दें।
अंत में अपने बालों को शैंपू कर लें।
बालों से जूँ निकालने के मेडिकल विकल्प
अगर घरेलू उपाय करने पर भी जुओं से छुटकारा नहीं मिलता है तो ऐसे में मेडिकल ट्रीटमेंट की आवश्यकता पड़ सकती है। 1 प्रतिशत पर्मेथ्रिन (निक्स) युक्त लोशन और शैंपू जूँ से राहत दिला सकते हैं। ये शैम्पू बिना प्रिस्क्रिप्शन के स्टोर पर खरीदे जा सकते हैं। हालांकि, हमारी सलाह है कि इसके लिए एक बार डॉक्टरी सलाह जरूर लें।:
2 February 2023
21:57
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
दवा का प्रयोग करते हैं, लेकिन आप जुकाम का इलाज घरेलू उपायों से भी कर सकते हैं।
एक-दो नहीं बल्कि अनेक घरेलू नुस्खे हैं, जिनसे आप जुकाम से राहत पा सकते हैं।
health_beautys_tips@vkmagzine
health_beautys_tips@vkmagzine

जुकाम क्या है? (What is Common Cold in Hindi ?)
जुकाम को नजला (Rhinitis या Nasopharyngitis) भी कहते हैं। यह श्वसन तंत्र का संक्रमण के कारण होने वाला रोग है। इसमें व्यक्ति की नाक प्रभावित होती है। सामान्य जुकाम वायरस के संक्रमण के कारण होता है। जुकाम होने का सबसे आम कारण राइनोवायरस का संक्रमण है। जुकाम में व्यक्ति को नाक से पानी बहने (Behti naak), छींक आने, गले की खराश, नाक बन्द होना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
जुकाम होने के लक्षण (Common Cold Symptoms in Hindi)
जुकाम में लोगों को ऐसी परेशानियां होती हैंः-
नाक से पानी बहना (Behti naak)
नाक में खुजली होना (Itching in Nose)
गले में खराश
नाक बंद होना
सिर में दर्द एवं भारीपन
आँखों में जलन
खाँसी
बुखार
छींक आना

जुकाम सही करने के घरेलू उपचार👇



Next tomorrow
After 20 emojis
3 February 2023
20:53
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

आप जुकाम को ठीक करने के लिए ये घरेलू उपचार कर सकते हैंः-
हल्दी और दूध से जुकाम का इलाज (Turmeric and Milk:Home Remedies for Common Cold Treatment in Hindi)
एक गिलास गर्म दूध में दो चम्मच हल्दी पाउडर डालकर पिएं। इससे बंद नाक और गले की खराश में आराम मिलता है। नाक से पानी बहना (Behti naak) बंद हो जाता है।
तुलसी के सेवन से जुकाम का उपचार (Tulsi: Home Remedy to Cure Common Cold in Hindi)
जुकाम में तुलसी अमृत के समान फल देती है। खाँसी और जुकाम होने पर 5-7 पत्तियें को पीसकर पानी में डालकर काढ़ा बना लें। इस काढ़ा को पिएं।
नाक बंद होने पर तुलसी की मंजरियों को रुमाल में सूंघने से नाक खुल कर आराम मिलता है।
छोटे बच्चों में जुकाम हेने पर 6-7 बूंद अदरक एवं तुलसी का रस शहद में मिलाकर चटाएं। यह बंद नाक को खोलने और बहती नाक (Behti Naak) को रोकने दोनों में सहायक है।
जुकाम का घरेलू इलाज मेथी और अलसी से
health_beautys_tips@vkmagzine
मेथी और अलसी को 3-4 ग्राम की मात्रा में लेकर 1 गिलास पानी में उबालें। जब अच्छी तरह उबल जाए, तब इसकी 3-4 बूंद को दोनों नाक में डालें। इससे जुकाम में आराम मिलता है।
और पढ़ें – जुकाम में अलसी के फायदे
जुकाम का घरेलू इलाज हल्दी और अजवायन से👇
दस ग्राम हल्दी और दस ग्राम अजवायन को एक कप पानी में डालकर पकाएं। जब पानी आधा रह जाए, तब इसमें थोड़ा सा गुड़ मिलाकर पिएं। इससे जुकाम में तुरंत आराम मिलता है, और नाक से पानी बहना कम हो जाता है।
health_beautys_tips@vkmagzine
काली मिर्च का प्रयोग जुकाम में लाभदायक
काली मिर्च के चूर्ण को शहद के साथ चाटने से जुकाम में आराम मिलता है, और नाक से पानी बहना कम होता है।
आधा चम्मच काली मिर्च का चूर्ण और एक चम्मच मिश्री मिलाकर एक गिलास गर्म दूध के साथ दिन में दो बार पिएं।
सरसों का तेल जुकाम में फायदेमंद👇
सोते समय दोनों नाक के दोनों छिद्र में 2-2 बूंदे बादाम रोगन या सरसों के तेल की डालकर सोएं। इससे नाक का किसी भी प्रकार का रोग नहीं होता।

अदरक के प्रयोग से जुकाम में लाभ
कफयुक्त खाँसी में दूध में अदरक उबालकर पिएं।
अदरक के रस में शहद मिलाकर चाटने से भी जुकाम में आराम मिलता है।
1-2 अदरक के छोटे-टुकड़े, 2 काली मिर्च, 4 लौंग और 5-7 तुलसी की ताजी पत्तियां पीसकर एक गिलास पानी में उबालें। जब यह उबलकर आधा गिलास रह जाए, तब इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर पिएं।
अदरक के छोटे-छोटे टुकड़ों को देसी घी में भूनकर दिन में 3-4 बार पीसकर खाएं। इससे नाक से पानी बहने (Behti Naak) की समस्या से आराम मिलता है.
4 February 2023

19:23
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

अपनी दृष्टि में परिवर्तन के चेतावनी संकेतों के लिए सजग रहें। ...
अक्सर व्यायाम करें। ...
अपनी आँखों को हानिकारक यूवी लाइट से बचाएं। ...
स्वस्थ और संतुलित आहार लें।
health_beautys_tips@vkmagzine
9 February 2023
18:26
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


सोंठ⚡
सोंठ याने के सूखा हुआ अदरक यह फेफड़ो में संक्रमण के कारण होनेवाली सूजन को कम करती है | सोंठ श्वसन नली को साफ रखकर श्वसन की प्रक्रिया को सुगम बनाने में मदद करती हैं । सोंठ गले की सूजन कम करके गले की खराश और खांसी में भी आराम देती है । सोंठ अपने शरीर की रोगप्रतिकारकक्षमता को बढ़ाकर फेफड़ों को प्रभावित करनेवाले संक्रमणों को दूर रखने में मदद करती है!
health_beautys_tips@vkmagzine
बिभीतकी(बेहड़ा)⚡
बिभीतकी याने के बेहड़ा यह जनमानस में प्रसिद्ध त्रिफला इस आयुर्वेदिक औषधी का एक घटक द्रव्य है। यह फल सूखी खांसी, जुकाम और गले की खराश में लाभदायक है। आयुर्वेद के अनुसार बिभीतकी सभी प्रकार के खांसी और श्वसन प्रणाली के रोगो में लाभदायक है। यह गले की सूजन कम करता है और बढ़े हुए कफ को बाहर निकलकर श्वसनमार्ग के रोगों में आराम देता है ।
health_beautys_tips@vkmagzine
तुलसी⚡
तुलसी बहुत ही गुणकारी औषधि है जिसका श्वसन संबंधी कई बीमारियों में प्रयोग फायदेमंद होता है। तुलसी के पत्तों में यूजेनॉल नामक तत्व पाया जाता है जो श्वसनप्रणाली में होनेवाली सर्दी, खांसी जैसी समस्याओं को रोकने में बहुत प्रभावी होता है। रोजाना तुलसी के पत्तों का सेवन करने से शरीर की रोगप्रतिकारक्षमता बढ़कर श्वसन संक्रमण और फेफड़ों की अन्य कई बीमारियों से बचा जा सकता है।

आपको हमारी पोस्टों से कितना लाभ मिल रहा है अपने कमेंट के माध्यम से अवश्य बताएं!
पोस्ट पसंद आई हो तो एक इमोजी अवश्य दीजिए🙏
🇮🇳जय हिंद🇮🇳
11 February 2023
23:03
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

960×1280, 198.9 KB
🔰Depression क्या है??

👉Depression एक ऐसी बीमारी है जिसमें इंसान मुर्दे के समान बन जाता है, काम करना तो दूर खाने पीने का भी मन नहीं करता, और  नींद तक नहीं आती।

👉 depression की वजह से लाखों लोग sucide कर लेते है! ज्यादातर 18 से 35 साल तक के लोगों में होता है।

🔰Depression के कारण!

• किसी के प्यार में धोका मिलना!
• कुछ अलग करना है लेकिन घर वालों और समाज का डर, अगर सफल नहीं हुआ तो मेरे घरवाले और समाज क्या कहेगा!
• जेब में एक भी पैसा न होना जो की सबसे बड़ा depression है!
• Bad habits को छोड़ना है लेकिन छोड़ नहीं पा रहे!
• कैरियर का depression!
• घर की जिम्मेदारियां उसका depression!

🔰Depression से कैसे बचे:-

• Negative लोगों से दूर रहें।
• depression के बारे में ज्यादा पढ़े क्यूंकि अगर आप इसके बारे में पढ़ेंगे तो इसको समझेंगे
• नए दोस्त बनाएं और हमेशा postive लोगों के साथ रहें।
• आज ही से बुक पढ़ना start कर दो।
• music सुने मगर sad song बहुत कम।
• meditation करें
music सुने।
• past में जो हुआ उसे भूल जाओ क्यूंकि उसे याद करने से आपको कुछ भी नहीं मिलेगा।
health_beautys_tips@vkmagzine

🕉❤‍🔥emoji & cmnt plz❤‍🔥🕉
12 February 2023
22:38
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

👉आधा टब गुनगुने पानी में शैम्पू, दो चम्मच नमक और दो निम्बू का रस डालकर 20 मिनट पैरों को डुबोयें।

👉चावल का आटा, बेसन, कॉफी
हल्दी और दही का स्क्रब बनाकर 5 मिनट पैरों को स्क्रब करें।

👉ऐसा सप्ताह में दो बार करने से पैरों का कालापन दूर होगा और
पैर साफ व गोरे होंगें।

👉स्क्रब करने के बाद इसे 20 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें। और फिर सादे पानी से पैरों को धो लें।

13 February 2023
15:39
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


21:12
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


14 February 2023
14:44
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


23:08
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
बार बढ़ जाए, तो उसे कम करना सभी के लिए आसान नहीं होता। खासतौर पर पेट के आसपास जमी ज़िद्दी चर्बी से छुटकारा पाना बेहद मुश्किल हो जाता है। पेट पर जमे इस फैट को कम करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है।
कई लोग वर्कआउट और डाइट कंट्रोल की मदद से भी पेट की चर्बी को कम करने में असमर्थ होते हैं। इसके पीछे जेनेटिक फैक्टर भी हो सकता है, लेकिन आयुर्वेद के अनुसार अगर आप लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करेंगे तो पेट की चर्बी को कम किया जा सकता है।

health_beautys_tips@vkmagzine

तो आइए जानते हैं, कि बेली फैट को कम करने के लिए कुछ आयुर्वेदिक टिप्स के बारे में:

1. गुनगुना पानी पिएं👇

दिनभर गुनगुना पानी ही पिएं। जब भी प्यास लगे तो फ्रिज के ठंडे पानी की जगह गुनगुना पानी पीने की ही कोशिश करें। असल में, गुनगुने पानी से मेटाबोलिज्म एक्टिवेट होता है, जिससे वज़न कम करने में मदद मिलती है। इससे न सिर्फ बॉडी हाइड्रेट होती है, बल्कि पेट पर जमा फैट्स भी घटते हैं। पानी के अलावा फल और जूस का भी सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। फलों से पाचन को बढ़ावा मिलता है और वजन कम करने में मदद मिलती है।

अगले 6 टिप्स पेट की चर्बी को कम करने के लिए इस पोस्ट पर 20+ इमोजी आने के बाद बताए जाएंगे🙏

Join more 👇

15 February 2023
18:43
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

दिनभर गुनगुना पानी ही पिएं। जब भी प्यास लगे तो फ्रिज के ठंडे पानी की जगह गुनगुना पानी पीने की ही कोशिश करें। असल में, गुनगुने पानी से मेटाबोलिज्म एक्टिवेट होता है, जिससे वज़न कम करने में मदद मिलती है। इससे न सिर्फ बॉडी हाइड्रेट होती है, बल्कि पेट पर जमा फैट्स भी घटते हैं। पानी के अलावा फल और जूस का भी सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। फलों से पाचन को बढ़ावा मिलता है और वजन कम करने में मदद मिलती है।

​2. खाना अच्छी तरह चबाएं
अक्सर लोग खाना जल्दी में खाते हैं और 1. गुनगुना पानी पिएं
दिनभर गुनगुना पानी ही पिएं। जब भी प्यास लगे तो फ्रिज के ठंडे पानी की जगह गुनगुना पानी पीने की ही कोशिश करें। असल में, गुनगुने पानी से मेटाबोलिज्म एक्टिवेट होता है, जिससे वज़न कम करने में मदद मिलती है। इससे न सिर्फ बॉडी हाइड्रेट होती है, बल्कि पेट पर जमा फैट्स भी घटते हैं। पानी के अलावा फल और जूस का भी सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। फलों से पाचन को बढ़ावा मिलता है और वजन कम करने में मदद मिलती है।

​2. खाना अच्छी तरह चबाएं
अक्सर लोग खाना जल्दी में खाते हैं और इस चक्कर में ठीक से चबाते नहीं हैं। जबकि खाना अच्छी तरह पच जाए इसके लिए इसे ठीक से चबाकर खाना ज़रूरी है।
जब मुंह के लार में कार्बोहाइड्रेट मिलता है, तो पाचन शुरू होता है। इसलिए खाने को अच्छी तरह चबाकर खाना चाहिए। इससे सैटिटी हार्मोन भी बढ़ता है, जिससे आपका पेट भरा हुआ महसूस होता है।
करने में काफी मदद मिलती है।

​4. तेज़ी से चलें👇

पेट के फैट्स को कम करने में रोज़ाना वॉक भी आपके काफी काम आ सकती है। रोज़ कम से कम 30 मिनट तक तेज़ी से चलें। इसके अलावा आप योग, एरोबिक्स और पिलाटेस की मदद से भी बेली फैट कम कर सकते हैं।

health_beautys_tips@vkmagzine
​5. अदरक का पानी पिएं👇

सूखे अदरक के पाउडर में थर्मोजेनिक एजेंट होता है, जो चर्बी को कम करने में मददगार साबित होता है। पानी में सूखे अदरक के पाउडर को उबालें और गुनगुना पी लें। यह मेटाबोलिज्म को बढ़ाने के साथ अतिरिक्त फैट को बर्न करता है।

health_beautys_tips@vkmagzine
7. हल्का डिनर करें

सुबह का नाश्ता और लंच अच्छा करें ताकि दिन में आपको पर्याप्त एनर्जी मिलती रहे। लेकिन रात के खाने को हल्का रखें और शाम को 7 या 8 बजे के बाद कुछ न खाएं। इससे बेली फैट नहीं बढ़ता। साथ ही रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट जैसे मिठाई, मीठी ड्रिंक्स और तैलीय खाद्य पदार्थों से दूर रहें



​4. तेज़ी से चलें👇

पेट के फैट्स को कम करने में रोज़ाना वॉक भी आपके काफी काम आ सकती है। रोज़ कम से कम 30 मिनट तक तेज़ी से चलें। इसके अलावा आप योग, एरोबिक्स और पिलाटेस की मदद से भी बेली फैट कम कर सकते हैं।

health_beautys_tips@vkmagzine
​5. अदरक का पानी पिएं
सूखे अदरक के पाउडर में थर्मोजेनिक एजेंट होता है, जो चर्बी को कम करने में मददगार साबित होता है। पानी में सूखे अदरक के पाउडर को उबालें और गुनगुना पी लें। यह मेटाबोलिज्म को बढ़ाने के साथ अतिरिक्त फैट को बर्न करता है।

​6. त्रिफला का सेवन करें👇

त्रिफला शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है और पाचन तंत्र को मज़बूत करता है। यह पेट की चर्बी घटाने में भी मदद करता है। इसके नियमित सेवन से कब्ज़ की समस्या दूर रही है। आप गर्म पानी में एक चम्मच त्रिफला चूर्ण मिलाकर रोज़ पी सकते हैं।

health_beautys_tips@vkmagzine




18 February 2023
12:16
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

विटामिन बी12 का सप्लीमेंट लेना

एक्सरसाइज करना

धूम्रपान छोड़ना

योगा करना

तनाव ना लेना

ताजे फल व सब्जियां खाना
⚡⚡⚡⚡⚡⚡⚡
health_beautys_tipS@vkmagzine
करी पत्ते के इस्तेमाल से बालों को काला बनाया जा सकता है. ऐसे में आप करी पत्ते के साथ आंवले का पाउडर और ब्राह्मी पाउडर को अच्छे से मिलाएं और बनें मिश्रण को तकरीबन आधे घंटे के लिए अपने बालों पर लगाएं. ऐसा करने से सफेद बालों की समस्या से राहत मिल सकते हैं. आंवला पाउडर के इस्तेमाल से भी बालों को काला किया जा सकता है!
health_beautys_tipS@vkmagzine
अगली पोस्ट किस प्रकार के रोग पर हो कमेंट करके बताएं, और पोस्ट पसंद आई हो तो अपना एक इमोजी अवश्य प्रदान करें🙏
health_beautys_tipS@vkmagzine
19 February 2023
22:16
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

​मेथी से सफेद पानी का इलाज👇

तीन चम्‍मच मेथीदाना को आधे घंटे तक एक लीटर पानी में उबालें। इसके बाद पानी को छानकर पानी को ठंडा होने के लिए रख दें और फिर इस पानी को पीएं। लिकोरिया में मेथीदान योनि के माइक्रोफ्लोरा और पीएच के स्‍तर को संतुलित रखने में मदद करता है।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
केले से सफेद पानी का इलाज 👇
रोज सुबह एक पका केला खाएं और बेहतर परिणाम के लिए केले के साथ घी लें। चीनी या गुड़ के साथ केला लेना भी फायदेमंद रहता है। केला योनि से हानिकारक सूक्ष्‍मजीवों को बाहर निकालता है।

धनिए के बीज👇
10 ग्राम धनिया के बीजों को रातभर के लिए 100 मि.ली पानी में भिगो दें। सुबह खाली पेट इस पानी को छानकर पी लें। धनिये के बीजों का पानी पीने से शरीर से विषाक्‍त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं और शरीर स्‍वस्‍थ रहता है। आप एक हफ्ते तक ये नुस्‍खा आजमा कर देख सकती हैं।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
​ चावल और पानी का काढ़ा👇
सदियों से योनि से सफेद पानी आने के घरेलू उपाय के रूप में चावल और पानी के काढ़े का इस्‍तेमाल किया जाता रहा है। एक लीटर पानी में चावल उबाल लें और फिर इसे ठंडा होने के लिए रख दें। अब इस पानी को पी लें। बेहतर और जल्‍दी परिणाम पाने के लिए चावल के पानी में जंबुल ( जामुन) के बीजों का पाउडर भी मिला सकती हैं। Health_Beautys_Tips@vkmagzine

​ आंवला👇
एक से दो चम्‍मच आंवले पाउडर को शहद में मिलाकर एक गाढ़ा पेस्‍ट बना लें। आपको इसे दिन में दो बार खाना है। इसके अलावा एक कप पानी में एक चम्‍मच आंवले का पाउडर डालकर आधा होने तब उबाल लें। स्‍वाद के लिए इस काढ़े में शहद या चीनी भी मिला सकते हैं। रोज सुबह खाली पेट कच्‍चा आंवला खाना भी लाभकारी होता है।

​लिकोरिया बीमारी का घरेलू नुस्खा
पानी पीना👇
ज्‍यादा पानी पीने से संक्रमित बैक्‍टीरिया शरीर से बाहर निकल जाता है। दिनभर में कम से कम 2 से 3 लीटर पानी पीएं। जब भी जरूरत लगे पेशाब करने जरूर जाएं। ज्‍यादा देर तक पेशाब करने रोकने से बैक्‍टीरिया जमने लगते हैं। नींबू मूत्रवर्द्धक होता है इसलिए आप नींबू पानी भी पी सकती हैं।
👇 Health_Beautys_Tips@vkmagzine
अगर आपको वजाइना में इंफेक्‍शन के कारण योनि से अधिक डिस्‍चार्ज हो रहा है तो इस स्थिति में आपको तुरंत स्‍त्री रोग विशेषज्ञ को दिखाना 🙏
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
अगर पोस्ट पसंद आई है तो एक प्यारा सा इमोजी अवश्य प्रदान करें!
🇮🇳🇮🇳 जय हिंद 🇮🇳🇮🇳



सफेद पानी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें आपको बताई जाएंगी next post -: पोस्ट पर 30+ इमोजी 🙏
20 February 2023
20:02
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

और आप लोग ऐसा बार-बार करते रहते हैं तो ऐसा करने से भी आपको सफेद पानी की समस्या बन सकती है!
👉 अगर आप हस्तमैथुन एक हद से ज्यादा करती हैं तो भी आप को सफेद पानी की समस्या हो सकती है!
धीरे-धीरे यह समस्या एक गंभीर रूप धारण कर लेगी इसलिए आपको फिजिकल रिलेशन के बारे में ज्यादा नहीं सोचना चाहिए और ना ही हद से ज्यादा हस्तमैथुन करना चाहिए!
👉 अगर आप गलत वीडियो देखते हैं तो वह भी आपको नहीं देखनी चाहिए!
-- अगर आपके अंदर यह तीनों☝ आदतें हैं तो उन्हें अभी छोड़ दीजिए यदि आप इन तीन habit को नहीं छोड़ते हैं तो सफेद पानी की कोई भी दवाई कारगर साबित नहीं होगी! Health_Beautys_Tips@vkmagzine
⚡Note -: आप से उम्मीद की जाती है कि आप पोस्ट पर कोई गलत कमेंट नहीं करेंगे यदि आपको इन सभी पोस्ट से लाभ हो रहा है तो अपने मित्रों को ज्यादा से ज्यादा इस चैनल से जोड़ें!
और हमारी पोस्ट को अच्छे-अच्छे इमोजी दें जिससे कि हमें भी पोस्ट करना अच्छा लगे हम आपके लिए इतनी सारी पोस्ट लेकर आते हैं उसके बावजूद आप लोग एक इमोजी देने में भी संकोच करते हैं!
हमें प्रोत्साहित करने के लिए आपका एक इमोजी ही काफी है !
आपको अगली पोस्ट किस बारे में चाहिए कमेंट करके बताएं !
🇮🇳जय हिंद🇮🇳
Join our free study channel👇


23 February 2023
21:25
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

●●मानो या मानो, लेकिन यही सच है●●

●●●जहर है फ्रिज का पानी●●●
● अगर आप भी फ्रीज का पानी पीते है तो ये समस्या आपको भी जरुर होगी।
● कितनी भी गर्मी पड़े फ्रिज का ठंडा पानी या बर्फ मिलाया हुआ पानी कभी मत पियो।

पहले ये जान लें...
● आयुर्वेद के अनुसार ठंडे पानी की परिभाषा.??
● शरीर का तापमान होता है
●● 37°सेल्सियस या
●● 98.6°फारेनहाइट।

●● 27℃ से नीचे पानी ठंडा है।
●● 27℃ तक का पानी शरीर सहन कर सकता है।
● जब भी आप फ्रिज का ठंडा पानी पीते है तो गर्म पेट मे ठंडा पानी जाता है।
● अब पेट आपका गर्म है और पानी ठंडा, तो अंदर जाकर झगड़ा होता है या तो पेट पानी को गर्म करता है या पानी पेट को ठंडा करता है।

● एक मिनट के लिए मान लें कि आपने बहुत ठंडा पानी पिया है और पानी ने पेट को ठंडा कर दिया।
● पेट ठंडा होते ही हार्ट (Heart) ठंडा हो जाएगा क्योंकि पेट और हार्ट का आपस मे कनेक्शन है।

● हार्ट के ठंडा होते ही मस्तिष्क (Brain) ठंडा हो जाएगा क्योंकि इन दोनों का भी आपस मे कनेक्शन है और मस्तिष्क के ठंडा होते ही शरीर ठंडा हो जाएगा और शरीर के ठंडा होते ही आपको घर के बाहर निकालकर फेंक दिया जाएगा।
● वो सब लोग जो आपको लिपट कर प्रेम करते है वो आपको छूना भी पसंद नहीं करेंगे क्योंकि शरीर ठंडा हो गया और वो एक ही बात बोलेंगे जल्दी लेकर जाओ क्यों रखा हुआ है ??
● अंतिम संस्कार कब है क्योंकि शरीर के ठंडा होते ही सिर्फ राम नाम सत्य होता है।

तो मित्रो ये ठंडा पानी पीने की गलती मत करिए।
●●अब इस सारी बात का दूसरा पार्ट भी समझिए●●
● जब बहुत ठंडा पानी आप पीएंगे तो पेट उस पानी को गर्म करेगा क्योंकि उसे आपको जिंदा रखना है तो ये भगवान की व्यवस्था बनाई हुई है लेकिन गर्म करने के लिए उसको ऊर्जा (energy) चाहिए।
● अब ऊर्जा कहाँ से आएगी ??
● ऊर्जा आएगी रक्त (blood) मे से तो सारे शरीर का खून पेट मे आएगा।
● अब आप थोड़ी देर के लिए कल्पना करिए सारे मस्तिष्क का खून पेट मे चला गया और हार्ट (Heart) का खून पेट मे चला गया, आंतों का खून पेट मे आ गया तो हरेक अंग को खून की कमी आएगी।
● मस्तिष्क को 3 मिनट अगर ब्लड सप्लाई रुक गई या कम हो गई तो ब्रेन डेड हो जायेगा और इस तरह हार्ट को एक से डेढ़ मिनट ब्लड सप्लाई रुक गई तो हार्ट डेड हो जाएगा।
● बाकी सभी अंग तो ऐसे ही खत्म हो जाएंगे, इसलिए कहा गया है ठंडा पानी पीना बहुत बड़ा रिस्क लेने के बराबर है।
●●अब इस सारी बात का तीसरा पार्ट भी समझ लीजिये.!●●
● हमारे शरीर मे दो आंत होती है छोटी आंत और बड़ी आंत।
● बड़ी आंत का काम है हमारे शरीर मे से मल को बाहर निकालना है अर्थात जो भी हम खाते है पचने के बाद जो बेकार बचता है वो मल के रूप मे बड़ी आंत द्वारा बाहर निकलता है।
● बड़ी आंत देखने मे बिलकुल एक खुले पाइप की तरह होती है। अब जैसे ही एक दम से आप ठंडा पानी पीते है तो ये बड़ी आंत एक दम से सिकुड़ के बंद हो जाती है और बार-बार आपने ठंडा पानी पी पी कर इसे पूरा बंद कर दिया तो सुबह आपको स्टूल पास नहीं होगा टॉयलेट नहीं आएगी।
● आप जोर लगा लगा कर पागल हो जायेंगे लेकिन पेट साफ फिर भी नहीं होगा।
● अर्थात आपको कब्जियत का रोग हो जाएगा और आयुर्वेद मे कब्जियत को सब बीमारियों की जड़ या mother of disease कहते है।
● अगर आपको कब्जियत का रोग हो गया और कुछ लंबे समय तक रहा तो एक एक करके आपको सभी बीमारियाँ आएंगी।
● यूरिक एसिड, कोलोस्ट्रोल, हार्ट ब्लोकेज, शुगर वगैरह वगैरह।
इस लिए ये फ्रिज का ठंडा पानी आपके शरीर के लिए बहुत ही ज्यादा खतरनाक है।
● पश्चिमी देशों के लोग बहुत अधिक ठंडा पानी पीते हैँ।
● 5-6 दिन फ्रिज मे रखकर फिर उसमे आइस क्यूब डाल-डाल कर पीते है और परिणाम क्या होता है.?
● सुबह 1-1 घंटा टॉयलेट मे बिताते है क्योंकि पेट साफ ही नहीं होता और कभी आप उनसे पूछिये की भाई आपने अपनी टॉयलेट सीट ये बैठने वाली कमोड सीट क्यों बनवाई है.?
● तो जवाब आएगा कि भारतीय वाली सीट पर आप 5 मिनट से ज्यादा बैठ नहीं सकते क्योंकि बैठने की जो पोजीशन है वो आपको 5 मिनट मे ही थका देती है और हमको घंटो घंटो बैठना पड़ता है क्योंकि पेट साफ ही नहीं होता।
● इसलिए कुर्सी जैसा बना लेते है और बैठे रहते है !
● और तो और उनके toilet मे आपको लाइब्रेरी मिलेगी, किताबे, न्यूज़ पेपर, मैगजीन सब कुछ मिलेगा क्योंकि घंटो घंटो बैठना है तो बिना इसके टाइम कैसा पास होगा??
● अभी टॉयलेट तो किताब पढ़ने के लिए नहीं बना है ??
● लेकिन उनकी मजबूरी है।
● अब हमारे देश के कुछ पढे लिखे नकलचियों ने उनकी नकल कर टॉयलेट मे अखबार लेकर जाना, किताबे लेकर जाना शुरू कर दिया है और साथ मे छोटी सी लाइब्रेरी भी बनाना शुरू कर दिया है और ऐसा करके अपने आप को आधुनिक समझने लगे है।
● बिना सोचे समझे जब नकल की जाती है तो ऐसा ही होता है।
● उनकी मजबूरी को हम अपना फैशन बना रहे


25 February 2023
23:02
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

⚡माहवारी दर्द का घरेलू उपचार



आम तौर पर मासिक धर्मचक्र के दौरान होने वाले दर्द के परेशानी से निजात पाने के लिए सबसे पहले घरेलू नुस्ख़ों को ही अपनाया जाता है। यहां हम पतंजली के विशेषज्ञों द्वारा पारित कुछ ऐसे घरेलू उपायों के बारे में बात करेंगे जिनके प्रयोग से दर्द को कम किया जा सकता है।

जीरा, शहद, हल्दी का मिश्रण माहवारी के दर्द से दिलाये आराम :-
माहवारी का दर्द कम करने के लिए एक बर्तन में 1 ग्लास पानी उबालकर उसमें 2 चम्मच जीरा, 1 चम्मच शहद और 1 चम्मच हल्दी मिलाएँ और गाढ़ा होने तक उबालें। इस काढ़े को बिना छाने 1 कप पीजिए। इसे दिन में दो बार पीने से दर्द कम हो जाता है

दालचीनी माहवारी के दर्द से दिलाये आराम:-
दालचीनी में कैल्शियम, आयरन और फाइबर काफी मात्रा में पाए जाते हैं। इनके साथ इसमें कई ऐसे गुण होते हैं जो पीरियड्स के समय सूजन और दर्द में राहत पहुंचाते हैं, मासिक धर्म में होने वाले दर्द से निजात पाने के लिए एक गिलास गरम पानी में एक चम्मच दालचीनी और एक चम्मच शहद मिलाकर माहवारी के पहले दिन दो से तीन बार पीना लाभकारी होता है।

हल्दी दूध माहवारी के दर्द से दिलाये राहत:-
मासिक धर्म में होने वाले दर्द को कम करने के लिए 1 चम्मच हल्दी का पाउडर एक गिलास हल्के गरम दूध में मिलाकर पिएं। हल्दी से शरीर में गर्मी बढ़ती है। जिससे पीरियड्स में होने वाली समस्याएं और दर्द से आराम मिलता है। पीरियड्स के दौरान जो महिलाएं आम दिनों की तरह रहना चाहती है हल्दी वाला दूध उनके लिए बहुत फायदेमंद है। 
पपीते का सेवन माहवारी के दर्द से दिलाये आराम
पीरियड्स में पेट दर्द से छुटकारा पाने के लिए पपीता फल बहुत असरदार है। इस फल में आयरन, विटामिन-ए, कैरोटीन और कैल्शियम भरपूर होता है। मासिक धर्म में होने वाले दर्द से छुटकारा पाने के लिए आप इसका सेवन कर सकती हैं। कई बार ब्लड का फ्लो ठीक तरह से नहीं हो पाने के कारण भी पेट में दर्द होने लगता है। पपीता इस फ्लो को ठीक करने में मदद करता है। जिससे दर्द में राहत मिलती है।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
गाजर माहवारी के दर्द से दिलाये आराम
हलवा बनाने के लिए ही नहीं अपितु यह सब्जी आपके दर्द को ठीक करने में भी आपकी मदद कर सकती है। स्त्री रोग विशेषज्ञ का कहना है, पीरियड्स के दिनों में गाजर का रस पीने से ब्लड का फ्लो अच्छे से होता है जिससे दर्द में भी आराम मिलता है। सर्दियों में पालक, चुकंदर और गाजर शरीर को स्वस्थ रखते हैं।

लैवंडर तेल की मालिश माहवारी के दर्द से दिलाये आराम
पीरियड्स के समय में लैवेंडर के तेल से पेट की मालिश करने में बहुत आराम मिलता है। इसके लिए थोड़ा सा लैवेंडर एसेंशियल ऑयल लें और उससे 10 से 15 मिनट के लिए पेट की मालिश करें।

तुलसी माहवारी के दर्द से दिलाये आराम
चम्मच तुलसी के पत्ते उबलते पानी में डाले और उसे अच्छी तरह ढक के रख दे, ठंडा होने पर इसे पिए। दिन में 3–4 बार इसका सेवन करें। तुलसी एक आयुर्वेदिक औषधि के रूप में काम करती है जो दर्द कम करने में मदद करती है। इन पत्तों को मिलाकर बनाई गई चाय, दर्द से आराम देने में मदद करती है। इसमें मौजूद तत्व दुःख रही मांसपेशियों को आराम देने का काम करते हैं।

अदरक और शहद माहवारी के दर्द से दिलाये आराम
मासिक धर्म के दौरान होने  वाले दर्द से राहत पाने के लिए कटी हुई अदरक को एक कप पानी में डालकर उबाल लें। आप चाहे तो इसमें शहद भी मिला सकती हैं। अच्छे से उबलने के बाद छान कर पी लें। दिन में तीन बार भोजन के बाद इसका सेवन करने से दर्द में राहत मिलेगी।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
सौंफ का सेवन माहवारी के दर्द से दिलाये आराम
सौंफ गर्भाशय में होने वाले ऐंठन को शांत करके बेचैनी और दर्द को कम करती है जिससे ब्लड फ्लो में प्रॉब्लम नहीं आती। एक कप उबलते पानी में एक चम्मच सौंफ को डाले, अब धीमी आंच पर 5 मिनट तक इस मिश्रण को रहने दें।अब थोड़ा ठंडा करके एक चम्मच शहद की मिला लें, इस हर्बल चाय का दिन में 2 बार पीरियड्स के शुरूआती दो-तीन दिन तक सेवन करें। इसके सेवन से कुछ ही देर में दर्द से आराम मिल जाएगा।

डॉक्टर के पास कब जाना चाहिए ?

यदि स्व-उपचार या घरेलू उपचार से लगातार तीन महीने में दर्द ठीक न हो या रक्त के बड़े-बड़े थक्के निकलते हों तो डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। यदि माहवारी होने के पांच से अधिक दिन पहले से दर्द होने लगे और माहवारी के बाद भी होती रहे तब भी डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
26 February 2023
22:32
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


हर किसी की चाहत होती है कि उसके बाल सुंदर और घने हों, लेकिन बढ़ते प्रदूषण, स्ट्रेस और अन्य शारीरिक स्थितियों के कारण बाल जल्दी झड़ना शुरू हो जाते हैं. कुछ लोगों के बाल तो इतने झड़ते हैं कि सिर पर गंजेपन के धब्बे दिखने लगते हैं. बालों को दोबारा लंबे और हेल्दी बनाने के लिए आयुर्वेदिक उपचार का प्रयोग करना अच्छा विकल्प है.
आयुर्वेद के अनुसार मनुष्य शरीर में वात, पित्त और कफ जैसे दोष होते हैं. जब इन दोषों में असंतुलन होता है, तब ही बीमारियां उत्पन्न होती हैं, जिसमें से एक है बाल झड़ना. ग्रीन टी, गुलाब की पत्तियां या नीम का प्रयोग झड़ते बालों का एक कारगर आयुर्वेदिक इलाज है.
आज लेख में जानिए झड़ते बालों का कारगर आयुर्वेदिक इलाज -

बाल झड़ने से बचाते हैं ये आयुर्वेदिक उपचार-

A. शिकाकाई
B. रीठा
C. आंवला
D. गुलाब का तेल
E. नीम
F. ग्रीन टी
E. तुलसी


A. शिकाकाई👉
शिकाकाई से बालों की अधिकतर समस्याओं को सुलझाया जा सकता है. बाल झड़ने में शिकाकाई को हल्के गर्म पानी में मिला कर एक शैंपू की तरह प्रयोग किया जाता है. शिकाकाई का करने से बालों की ग्रोथ होती है और किसी भी तरह का इंफेक्शन है, तो वह भी खत्म होता है. शिकाकाई से बालों में नमी बनी रहती है और बाल ड्राई होने से भी बचते हैं

रीठा👉
रीठा में एंटी-फंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जिनसे बालों में होने वाले इंफेक्शन से बचा जा सकता है. इंफेक्शन के कारण झड़ने वाले बालों से रीठा निजात दिला सकता है. रीठा बालों में चमक लाता है. रीठा का प्रयोग भी गर्म पानी में मिला कर एक शैंपू की तरह ही किया जाता है. इससे डैंड्रफ की समस्या भी कम होती है.
health_beautys_tipS@vkmagzine

आंवला👉
आंवला बालों के लिए काफी अच्छा होता है. आंवले के तेल का प्रयोग बाल झड़ने की समस्या को रोकने के लिए किया जाता है. अगर बाल कमजोर हो रहे हैं या पतले होते जा रहे हैं, तो भी आंवला उन्हें मजबूत करने में सहायक है. आंवला में विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो बालों को मजबूती और चमक वापस पाने में मदद करते हैं. आंवला से बनने वाले हेयर-केयर प्रोडक्ट्स बालों में प्रयोग करने से बाल जल्दी सफेद भी नहीं होते.
health_beautys_tipS@vkmagzine

गुलाब का तेल👉
आयुर्वेद के मुताबिक गुलाब के तेल का बालों में प्रयोग करने से सारे दोष संतुलित हो सकते हैं. नहाते समय गुलाब का एसेंशियल ऑयल गर्म पानी में मिलाकर प्रयोग किया जा सकता है. अगर गुलाब का तेल नहीं है, तो गुलाब की पत्तियों के पानी से बाल धोये जा सकते हैं. इससे बाल झड़ने की समस्या कम हो सकती है.

नीम👉
नीम में एंटी-माइक्रोबियल व एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं. यही नहीं इसमें कूलिंग प्रॉपर्टी भी होती हैं, जो बालों को झड़ने से रोक सकती हैं. नीम की पत्तियों से न केवल हेयर रिंस बनाया जा सकता है, बल्कि नीम के पाउडर को पानी में मिलाकर पेस्ट भी बनाया जा सकता है. इस पेस्ट को बालों में लगाने से स्कैल्प इंफेक्शन से भी राहत मिलती है. नीम के प्रयोग से बाल हेल्दी और मजबूत बनते हैं

ग्रीन टी👉 health_beautys_tipS@vkmagzine
ग्रीन टी के माध्यम से कफ दोष को कम किया जाता है. यही नहीं चमकदार बाल पाने के लिए भी ग्रीन टी हेयर रिंस का प्रयोग किया जा सकता है. जब ग्रीन टी पाउडर को गुलाब जल में मिलाकर सिर पर मास्क की तरह लगाया जाता है, तो इससे बालों की जड़ें काफी मजबूत बनती हैं और बालों का घनत्व भी बेहतर होता है. कुछ रिसर्च के मुताबिक ग्रीन टी का प्रयोग करने से नए बाल भी जल्दी बढ़ते हैं. 
health_beautys_tipS@vkmagzine

तुलसी👉
तुलसी के पत्तों को ग्रीन टी के साथ पानी में मिलाने से बालों के लिए काफी प्रभावी रिंस बनाया जा सकता है. इस रिंस से ड्राई बाल और कमजोर बालों की समस्या हल होती है. अगर गर्मियों का मौसम है, तो इस में एलोवेरा जेल का भी प्रयोग किया जा सकता है. इससे बालों में एक कूलिंग इफेक्ट मिलता है.


सारांश👉
झड़ते बालों के लिए आयुर्वेद बेहतरीन उपचार है. इसके साथ ही बालों के लिए अरोमा थेरेपी और कुछ खास हेयर मास्क का प्रयोग करना भी झड़ते बालों की समस्या को कम कर सकता है. आयुर्वेद के मुताबिक बालों को नियमित रूप से शैंपू करना और उनमें तेल लगाना भी काफी जरूरी है. दरअसल, बालों को भी हमारे शरीर की तरह ही पोषण की आवश्यकता होती है. अगर घरेलू उपचार ट्राई करने के बाद भी बाल झड़ने की समस्या ठीक नहीं होती है, तो डॉक्टर से संपर्क करें.

health_beautys_tipS@vkmagzine
27 February 2023
19:29
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

आपको पता है - क्यों होता है घुटनों का दर्द ??
*

जो व्यक्ति एक घुटना मोड़ता है उसका वही घुटना दर्द करता है और दूसरा ठीक रहता है. इसके अलावा दैनिक जीवन में चलने-फिरने, चढ़ाव चढ़ने, सैर करने, व्यायाम करने, व्यायाम करने से घुटनों के जोड़ों में स्थित कारटीलेज का क्षय होता है इसकी क्षतिपूर्ति रात्रि को घुटनों के सीधे रखने एवं रक्तसंचार सुचारू रूप से संभव है कारटीलेज में द्रव या कोलोजन रक्त प्रवाह के अभाव में आपस में जुड़ने लगती है. रोगी को खडे होने पर अपना वजन ढोना और चलते समय संतुलन बनाना मुश्किल लगता है. हड्डियां आपस में टकराकर टेढ़ी होने लगती हैं. रोगियों को घुटनों पर नीकैप या क्रेप बैंडेज बांधकर रात्रि सोने की सलाह दी जाती है. घुटनों के अधिक दर्द में वज्रासन या पद्मासन वर्जित माना जाता है |

कारण
-------

* घुटने के दर्द की मुख्य वजह, खून में युरिक एसिड के लेविल का बढना है| इसे शरीर से बाहर निकालने के लिये रोगी को दो बातों का अनुसरण करना हितकर होता है -

1- मौसम के मुताबिक तीन से छ: लिटर पानी पीने की आदत बनानी चाहिये |

2- हरी सब्जी और फल या इनका जूस का सेवन |

दर्द के अन्य कारण
-------------------

* घुटने पर बार-बार दबाव से सूजन (जैसे लंबे समय के लिए घुटने के बल बैठना, घुटने का अधिक उपयोग करना अथवा घुटने में चोट) बरसाइटिस कहते हैं |

* आपके घुटने में सामने की ओर दर्द जो सीढ़ियों अथवा चढ़ाव पर चढ़ते और उतरते समय बढ़ जाता है. यह धावकों, और साइकिल चलाने वालों को होता है | टेन्टीनाइटिस घुटने के पीछे पानी के भरने से सूजन, साथ आथर्राइटिस जैसे अन्य कारणों से सूजन भी हो सकती है | यदि सिस्ट फट जाती है तो आपके घुटने के पीछे का दर्द नीचे आपकी पिंडली तक पहुंच सकता है |

* घिसा हुआ काटिर्लेज घुटने के जोड़ के अंदर की ओर अथवा बाहर की ओर दर्द पैदा कर सकता है |

* झटका लगना अथवा मोच- अचानक अथवा अप्राकृतिक ढंग से मुड़ जाने के कारण लिगमेंट में मामूली चोट |

* जोड़ में संक्रमण (इंनफेक्शन)

* घुटने की चोट- आपके घुटने में रक्त स्राव हो सकता है जिससे दर्द अधिक होता है |

घरेलू देखभाल
----------------

1- आराम करें और ऐसे कार्यों से बचे जो दर्द बढ़ा देते हैं, विशेष रूप से वजन उठाने वाले कर्यों से बचें |

2- किसी भी प्रकार की सूजन को कम करने के लिए अपने घुटने को जहां तक संभव हो ऊपर उठा कर रखें |

3- कोई ऐसा बैंडेज अथवा एलास्टिक स्लीव पहनकर घुटने को धीरे धीरे दबाएं | (ये दोनों वस्तुएं लगभग सभी दवाइयों की दुकानों पर मिलती है) यह सूजन को कम कर सकता है और सहारा भी देता है (नी कैप की तरह)

4- अपने घुटनों के नीचे अथवा बीच में एक तकिया रखकर सोयें |

घुटनों के व्यायाम
------------------

1- घुटनों का संचालन जंघा से पैर को दोनों हाथों से ऊपर उठाकर घुटने से पैर को आगे-पीछे दस पंद्रह बार चलाना |

2- वहीं पकडे़ हुए घुटने के निचले हिस्से से गोल घुमाना 10-10 बार सीधे-उलटे |

3- पैर लंबे करके बैठें और टखनों को आगे-पीछे दस बार चलाना और सीधे-उलटे घुमाना |

4- घुटनों की कटोरियां की मांसपेशियों को खींचना और ढीला छोड़ना - 100 बार |

5- अधिक दर्द न हो तो गद्दे पर 5 मिनट पद्मासन या वज्रासन करें |

6- पेट के बल लेटकर मकरासन की स्थिति बनाकर एक पैर का घुटना मोड़कर ऊपर हिस्से को गोल 10-10 बार सीधे-उलटे घुमाएं |

7- पीठ के बल लेटकर एक-एक पैर बिना घुटने से मोड़े 90 डिग्री पर उठाने का प्रयत्न करें पांच-पांच बार एक-एक पैर उठाएं |

यौगिक साइकिलिंग-
---------------------

1- पीठ के बल लेटकर एक-एक पैर को साइकिल जैसे चलाएं. अभ्यस्त हो जाने पर दोनों पैरों से लेटे-लेटे साइकिलिंग सीधे-उलटे 25 से 50 बार करें, उपरांत शवासन करें |

2- सवेरे भूखे पेट तीन चार अखरोट की गिरियां निकालकर कुछ दिन खाने मात्र से घुटन का दर्द समाप्त हो जाता है |




1 March 2023
17:30
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

●●ऐसी जड़ी बूटियां जिनसे दिमाग को कम्प्यूटर से भी तेज बना सकते हैं,
जानिये उन 5 जड़ी बूटियों के बारे में..
(1).●●●हल्दी●●●करक्यूमिन
हल्दी का इस्तेमाल कैंसर के इलाज में अचूक औषधि है। कैलीफोर्निया यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध में पाया है की हल्दी में कुरकुमीन नामक एक रसायन पाया जाता है। जो की हमारे दिमाग को सवस्थ रखता है। और दिमाग की मृत यूपीpet निष्क्रिय कोशिकाओं को सक्रीय कर दिमाग को तेज बनता है।

(2). ●●●शंख पुष्पी●●●
शंख पुष्पी दिमाग की शक्ति बढ़ाने के लिए बढ़िया औषधि है। अगर आप चाहते की आपका दिमाग तेज हो जाये तो आधा चम्मच शंख पुष्पी को एक कप गर्म पानी में मिला कर लें। इसका सेवन करने से रक्त का सही संचार होता है। जिससे याद करने और सिखने की क्षमता बढ़ती है।

(3). ●●●दालचीनी●●●
दालचीनी को हम एक मसाले के रूप में जानते है। लेकिन ये एक जड़ी बूटी भी है। शहद में एक चुटकी दालचीनी का पाउडर डालकर रात को सोने से पहले नियमित रूप से सेवन करें। इससे मानसिक तनाव में राहत मिलती है और दिमाग तेज होता है।

(4). ●●●ब्राह्मी●●●
ब्राह्मी दिमाग को स्वस्थ रखने और तेज करने के उत्तम औषधि में से एक है। इस औषधि का नियमित प्रयोग करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है। आधा ब्राह्मी और एक चम्मच शहद को गर्म पानी में मिलाकर पीने से दिमाग तेज होता है।

(5). ●●●तुलसी●●●
तुलसी के बारे में तो सभी लोग जानते है की ये एक एंटीबॉयोटिक जड़ी बूटी है। तुलसी में मौजूद शक्तिशाली एंटी ऑक्सीडेंट तत्व जो मस्तिष्क और ह्रदय में रक्त के प्रवाह को सही करता है जिससे दिमाग अच्छी तरह कार्य करता है।




2 March 2023
23:41
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


"दाद, खाज, खुजली की समस्या को करें बाय-बाय इन घरेलू नुस्खों को आजमाकर"
------------------------------------------
🪵🍃🪵🍃🪵🍃🪵

📒 हल्दी

एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होती है हल्दी। जो इस संक्रमण को बढ़ने से रोकती है। तो हल्दी में पानी मिलाकर गाढ़ा सा पेस्ट तैयार कर दाद वाली जगह पर लगाकर छोड़ दें, सूखने पर धो लें। बहुत जल्द इसका असर नजर आता है…


📕 टमाटर और नींबू

खूबसूरती बढ़ाने के अलावा दाद से छुटकारा दिलाने में भी टमाटर और नींबू का रस है बेहद कारगर, क्योंकि इसमें विटामिन सी पाया जाता है। जो स्किन से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है और बचाता भी है। तो टमाटर के जूस का सेवन करें। और नींबू के रस के साथ इमली के बीज को पीस कर दाद पर लगाएं…


📗 नारियल तेल

नारियल के तेल में माइक्रोबियल और एंटीफंगल तत्व होते है। बरसों से नारियल तेल का इस्तेमाल स्किन से जुड़ी समस्याओं में ही नहीं बल्कि दाद के इलाज में भी किया जाता रहा है। तो इस्तेमाल से पहले इसे हल्का गर्म कर लें और फिर प्रभावित जगह पर लगाएं। दिन में दो से तीन बार यूज करें…


📘 नीम

नीम का तेल हो या इसकी पत्तियां का पेस्ट, दोनों ही दाद खत्म करने का सटीक इलाज हैं। आधे चम्मच नीम के पत्ते के पाउडर में एक चम्मच गर्म पानी मिलाकर पेस्ट बना लीजिए और इसे दाद पर लगाएं….


📙 लहसुन

लहसुन में एंटीफंगल गुण मौजूद होता है जो फंगल इंफेक्शन दूर करने में मदद करता है। लहसुन की दो से तीन कलियों का पेस्ट बनाएं। इसमें थोड़ा शहद और ऑलिव ऑयल भी मिला लें और दाद पर लगाएं। बेहद असरदार है ये नुस्खा...
___
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


आलू-
आलू में विटामिन तथा खनिज पाए जाते हैं। एक आलू का रस निकाल लें और उसे स्ट्रेच मार्क्स पर लगाएं। 1-2 हफ्ते तक निरन्तर लगाने से स्ट्रेच मार्क्स, निशान, दाग-धब्बे आदि से छुटकारा मिलने में लाभ होता है।

एलोवेरा-
एलोवेरा आपकी स्किन को होने वाले नुकसान की मरम्मत के लिए काफी प्रभावी है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं जो इन मार्क्स से निजात दिलाने में मदद करते हैं। इसके लिए प्रभावित जगह पर एलोवेरा जेल लगा लें। करीब 10 मिनट लगा रहने के बाद साफ पानी से धो लें। अच्छे रिजल्ट के लिए इसका इस्तेमाल रोजाना करें।
health_beautys_tips@vkmagzine



23:36
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine



आप सुबह सबसे पहले हर्बल चाय ले सकते हैं और फिर 10-15 रात को भीगी हुई किशमिश का सेवन कर सकते हैं। यह माइग्रेन के सिरदर्द से राहत दिलाने में कमाल का काम करता है।
आयुर्वेद विशेषज्ञ बाताती हैं कि लगातार 12 सप्ताह तक इसका सेवन बढ़े हुए वात के साथ शरीर में अतिरिक्त पित्त को कम करने का काम करता है। इसके साथ ही माइग्रेन से जुड़े सभी लक्षणों जैसे अम्लता, मतली, जलन, एकतरफा सिरदर्द, गर्मी के प्रति असहिष्णुता आदि को शांत करता है।
माइग्रेन में फायदेमंद है जीरा-इलायची
जीरा इलायची से तैयार चाय का सेवन लंच या डिनर के एक घंटे बाद या जब भी माइग्रेन के लक्षण दिखने पर किया जा सकता है। यह मतली और तनाव से राहत दिलाने का काम करता है।
कैसे करें तैयार
इसे बनाने के लिए आधा गिलास पानी लें, उसमें 1 छोटी चम्मच जीरा और 1 इलायची डालकर 3 मिनट तक उबालें, फिर छानकर इस स्वादिष्ट माइग्रेन को शांत करने वाली चाय का आनंद लें।
माइग्रेन का घरेलू उपचार- घी खाएं
आयुर्वेद विशेषज्ञ बताती हैं कि माइग्रेन में घी दवा जैसा काम करता है। इसके साथ ही घी शरीर और दिमाग में अतिरिक्त पित्त को संतुलित का काम करता है।

इसका उपयोग आप कई तरीकों से कर सकते हैं। जैसे खाने में, सोते समय दूध के साथ,नस्य के रूप में, और माइग्रेन में ली जाने वाली कुछ जड़ी-बूटियों ब्राह्मी, शंखपुष्पी, यस्तिमधु आदि घी के साथ ली जा सकती हैं।
Next part after 21emoji
8 March 2023
07:37
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

*Best Book For RPF AND RPSF Constable Exam 2023*
*Buy Now- bit.ly/3J3Pncm*
*Buy Now- amzn.to/3kD9YdZ*
*(Also Available in Your Nearest Book Store)!*
07:41
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


यदि आप स्किन की एलर्जी से घर पर ही तुरंत राहत पाना चाहते हैं, तो इन 3 टिप्स को आजमाएं -

नीम की पत्तियों को 6 से 8 घंटे के लिए पानी में भिगो कर पीस रखें। ...

त्वचा पर हल्का गर्म नारियल तेल लगाएं और रातभर लगा रहने दें। ...

जब भी आपको त्वचा पर कोई एलर्जी महसूस हो, तो आप ठंडे पानी से नहा लिजीए।

health_beautys_tips@vkmagzine
07:54
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


22:49
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


9 March 2023
13:18
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

एक्सटर्नल पाइल्स यानी बाह्य बवासीर - इस तरह का बवासीर गुदा मार्ग यानी मल मार्ग के आसपास की त्वचा के नीचे होता है. health_beautys_tips@vkmagzine
इंटरनल बवासीर यानी अंदरूनी बवासीर - यह प्रकार का बवासीर व्यक्ति के मलाशय यानी रेक्टम में मौजूद होता है. इन्हें देखा या महसूस नहीं किया जा सकता, लेकिन मल त्याग के दौरान दर्द रहित ब्लीडिंग हो सकती है.
बवासीर के लक्षण -
बवासीर में व्यक्ति को मल त्यागने में परेशानी होती है. बवासीर की समस्या ज्यादा होने पर व्यक्ति को बैठने में भी समस्या होने लगती है. इसके अलावा कई ऐसे लक्षण हैं जो बवासीर की ओर संकेत करते हैं.
बवासीर के लक्षण, क्यों होता है, जड़ से खत्म कैसे करें और रामबाण आयुर्वेदिक👇 इलाज⚡
एक्सटर्नल बवासीर में व्यक्ति ब्लीडिंग का अनुभव कर सकता है.
एक्सर्टनल बवासीर में गुदा या मल मार्ग के आसपास सूजन हो सकती है.
एक्सर्टनल बवासीर काफी कष्टदायक और असुविधाजनक होता है.
एक्सर्टनल बवासीर में गुदा मार्ग के आसपास खुजली और जलन महसूस हो सकती है.
इंटरनल बवासीर में सूजन हो सकती है
इंटरनल बवासीर में गुदा के पास गांठ महसूस हो सकती है
इंटरनल बवासीर में कई बार गंभीर दर्द का अनुभव हो सकता है.
कई मामलों में इंटरनल बवासीर के दौरान दर्द रहित ब्लीडिंग हो सकती है.
बार-बार मल त्यागने की इच्छा होना, लेकिन मल न निकलना
बवासीर के कारण -
आयुर्वेद में बवासीर को 'अर्श' कहा गया है. वात, पित्त और कफ तीनों दोषों के दूषित होने की वजह से बवासीर (Bawaseer kaise hoti hai) होता है. यही वजह है कि आयुर्वेद में इसे त्रिदोषज रोग भी कहा गया है. कई लोगों में बवासीर पीढ़ी दर पीढ़ी चलता है. इसके कई अन्य कारण भी होते हैं.
health_beautys_tips@vkmagzine
कई लोगों को अपनी जॉब के कारण कई घंटों तक खड़े रहना पड़ता है, और लंबे समय तक खड़े रहने से भी बवासीर हो सकता है.
भारी वजन उठाना भी बवासीर का एक कारण हो सकता है.
कब्ज बवासीर का एक प्रमुख कारण है. कब्ज में मल सूखा और कठोर हो जाता है, जिसके कारण व्यक्ति को मल त्यागने में दिक्कत होती है. काफी देर तक उकड़ू बैठे रहने के कारण वहां की रक्तवाहिनियों पर जोर पड़ता है. जिसके कारण वह फूलकर लटक जाती हैं और उन्हें ही बवासीर का मस्सा कहा जाता है.
ज्यादा तला-भुना और मिर्च मसाले युक्त भोजन भी बवासीर का कारण बनता है.
ठीक से शौच न होना और फाइबर युक्त भोजन का सेवन न करना भी बवासीर का कारण हो सकता है.
महिलाओं में प्रसव के दौरान गुदा क्षेत्र पर अधिक दबाव पड़ने से भी बवासीर का खतरा रहता है.
शारीरिक गतिविधि की कमी के कारण भी बवासीर हो सकता है.
धूम्रपान और शराब के सेवन के चलते भी बवासीर हो सकता है.
बवासीर में तुरंत आराम के लिए क्या करें?
इप्सम साल्ट और ग्लिसरीन की दो-दो चम्मच लेकर मिलाएं और प्रभावित जगह पर 15-20 मिनट तक लगा रहने दें. यह घरेलू उपचार दर्दनाक बवासीर को कम करने में मदद करता और तुरंत आराम मिल सकता है. इससे सूजन में भी आराम मिलता है.
बवासीर का घरेलू इलाज -
बवासीर के लिए कई तरह के घरेलू उपाय (Piles Treatment At Home) मौजूद हैं. उनमें से एक हल्दी भी है. हल्दी को गुणों की खान माना जाता है. हल्दी से बवासीर में बहुत उपयोगी साबित हो सकती है. ऐसे ही कई अन्य घरेलू उपाय (Bawasir Ke Gharelu Upchar) हैं, जिनका इस्तेमाल करके आप बवासीर में राहत पा सकते हैं.
हल्दी पाउडर और नारियल तेल
आयुर्वेदिक के अनुसार नारियल का तेल (Coconut Oil For Piles Treatment) कई बीमारियों के इलाज में अहम भूमिका निभाता है. नारियल के तेल में चुटकीभर हल्दी पाउडर मिलाकर बवासीर की जगह पर हल्के हाथों या कॉटन ले लगा लें. इससे आपको गुदा के बाहरी हिस्से में होने वाले बवासीर में राहत मिल सकती है.
हल्दी और एलोवेरा जेल
एलोवेरा को उसकी ठंडी तासीर के लिए जाना जाता है. एलोवेरा जेल में हल्दी पाउडर (Aloevera Gel With Haldi) मिलाकर रात में नियमित तौर पर सोने से पहले गुदा मार्ग के बवासीर वाली जगह पर लेप लगाने से राहत मिलती है. इस उपाय को कम से कम दो हफ्तों तक लगातार करें. health_beautys_tips@vkmagzine
देसी घी और हल्दी है रामबाण इलाज
देसी घी अपने गुणों के लिए जाना जाता है. अगर आप नियमित रूप से देसी घी का सेवन करते हैं तो कई समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है. बवासीर की समस्या से निजात पाने के लिए देसी घी में चुटकीभर हल्दी मिलाकर एक मिश्रण तैयार करें और बवासीर वाली जगह पर नियमित तौर पर लगाने से कुछ ही दिनों में बवासीर की समस्या गायब हो जाएगी.
13:18
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine करें. नियमित तौर पर सेवन करने से कुछ दिनों में ही बवासीर में राहत मिलेगी.
नहाने के टब में हल्दी का उपाय
नहाने के टब दो चम्मच हल्दी मिला लें और फिर उसमें 15 मिनट के लिए बैठें. नियमित तौर पर कुछ दिन तक ऐसा करने से बवासीर में राहत मिल सकती है.

10 March 2023
18:07
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

12 March 2023
22:52
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

जय हिंद मित्रों


13 March 2023
23:02
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
परेशानी हो सकती है.
मुंहासों की परेशानी को दूर करने के लिए मार्केट में कई केमिकल्स युक्त प्रोडक्ट्स मौजूद हैं. इन प्रोडक्ट्स से आपकी स्किन से मुंहासे दूर तो हो जाते हैं, लेकिन इससे स्किन पर कई अन्य तरह की परेशानियां होने की संभावना बढ़ जाती है.
ऐसे में इन परेशानियों से बचने के लिए हमें आयुर्वेदिक इलाज की ओर रुख रखना चाहिए. आयुर्वेद में मुंहासों की परेशानी को दूर करने के कई बेहतरीन उपाय हैं, जिससे आपकी स्किन से न सिर्फ मुंहासे दूर होंगे बल्कि कई अन्य समस्याएं भी दूर होंगी. आज हम इस लेख में आपको मुंहासों का आयुर्वेदिक इलाज बताएंगे.
मंजिष्ठा
आयुर्वेद में मंजिष्ठा (Rubia cordifolia) का विशेष महत्व है. आयुर्वेद की कई दवाइयों को तैयार करने के लिए मंजिष्ठा का इस्तेमाल किया जाता है. मंजिष्ठा के इस्तेमाल से लसीका तंत्र (lymphatic system) में सुधार आता है, जो स्किन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. रिसर्च में बताया गया है कि मंजिष्ठा में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल और एंटीएंड्रोजेनिक गुण मौजूद होते हैं, जो मुंहासों को रोकने में मददगार हो सकते हैं. अगर आप मुंहासों का आयुर्वेदिक तरीके से इलाज करना चाहते हैं, तो मंजिष्ठा का इस्तेमाल करें. इससे आपको काफी फायदा हो सकता
 
 मुंहासे
पिम्पल्स की आयुर्वेदिक दवा और इलाज - Ayurvedic medicine and treatment for Pimples in Hind
पिंपल्स की समस्या बहुत ही सामान्य समस्या है. एक स्टडी के मुताबिक, मुंहासे दुनिया में सबसे आम त्वचा से जुड़ी परेशानी है, जिससे लगभग 85% युवा वर्ग प्रभावित होते हैं.
धूल-मिट्टी और ऑयली स्किन के कारण मुंहासों की समस्या सबसे अधिक होती है. वहीं, तनाव की वजह से भी एक्ने यानि मुंहासों की परेशानी हो सकती है.
मुंहासों की परेशानी को दूर करने के लिए मार्केट में कई केमिकल्स युक्त प्रोडक्ट्स मौजूद हैं. इन प्रोडक्ट्स से आपकी स्किन से मुंहासे दूर तो हो जाते हैं, लेकिन इससे स्किन पर कई अन्य तरह की परेशानियां होने की संभावना बढ़ जाती है.
ऐसे में इन परेशानियों से बचने के लिए हमें आयुर्वेदिक इलाज की ओर रुख रखना चाहिए. आयुर्वेद में मुंहासों की परेशानी को दूर करने के कई बेहतरीन उपाय हैं, जिससे आपकी स्किन से न सिर्फ मुंहासे दूर होंगे बल्कि कई अन्य समस्याएं भी दूर हो
शहद और दालचीनी
पिम्पल्स के कुछ अन्य आयुर्वेदिक इलाज - पिम्पल्स की आयुर्वेदिक दवा और इलाज
मुंहासों का आयुर्वेदिक ilaj
पिम्पल्स के आयुर्वेदिक इलाज में मंजिष्ठा, नीम, टी-ट्री, विच हैज़ल, हल्दी और शहद-दालचीनी काफी कारगर होते हैं। इस लेख में हम आपको ये बताया गया है कि इन्हें मुंहासों के आयुर्वेदिक उपचार के लिए कैसे इस्तेमाल
मंजिष्ठा
आयुर्वेद में मंजिष्ठा (Rubia cordifolia) का विशेष महत्व है. आयुर्वेद की कई दवाइयों को तैयार करने के लिए मंजिष्ठा का इस्तेमाल किया जाता है. मंजिष्ठा के इस्तेमाल से लसीका तंत्र (lymphatic system) में सुधार आता है, जो स्किन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. रिसर्च में बताया गया है कि मंजिष्ठा में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल और एंटीएंड्रोजेनिक गुण मौजूद होते हैं, जो मुंहासों को रोकने में मददगार हो सकते हैं. अगर आप मुंहासों का आयुर्वेदिक तरीके से इलाज करना चाहते हैं, तो मंजिष्ठा का इस्तेमाल करें. इससे आपको काफी फायदा हो सकता है.


15 March 2023
22:30
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

कब्ज एक छोटा-सा शब्द है लेकिन जिन लोगों को अक्सर कब्ज की समस्या रहती है, वो बेहतर तरीके से जानते हैं कि यह किस तरह आपकी लाइफ डिस्टर्ब करती है। पेट साफ न होने से शारीरिक परेशानियों के साथ कई स्किन प्रॉब्लम्स भी हो जाती हैं। ऐसे में आपको अपना ख्याल रखने के लिए अपनी कुछ आदतों में सुधार करना चाहिए। कुछ ऐसी आदतें होती हैं, जिसकी वजह से आपको कब्ज की परेशानी होती रहती है। कब्ज की बात करें, तो आम कब्ज से लेकर गंभीर तरह की कब्ज की बीमारी इसमें शामिल है. जैसे कभी-कभार होने वाला कब्ज, क्रॉनिक कॉन्स्टिपेशन (कब्ज बहुत ज्यादा बढ़ जाने पर), यात्रा या उम्र से संबंधित कब्ज। कब्ज में हमारी आंतें मल को छोड़ नहीं पातीं। 
नींबू पानी health_beautys_tipS@vkmagzine
नींबू हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। अगर कभी कब्ज हो जाए तो एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू का रस और शहद मिलाएं और पी लें।

दूध और दही
कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए पेट में अच्छे बैक्टीरिया का भी होना जरूरी है। सादे दही से आपको प्रोबायोटिक मिलेगा, इसलिए आप दिन में एक से दो कप दही जरूर खाएं। इसके अलावा यदि बहुत परेशान हैं तो एक गिलास दूध में एक से दो चम्मच घी मिलाकर रात को सोते समय पिएं, लाभ होगा।
health_beautys_tipS@vkmagzine
आयुर्वेदिक दवा
सोने से पहले दो या तीन त्रिफला टैबलेट गर्म पानी के साथ लें। त्रिफला हरड़, बहेड़ा और आंवले से बना होता है। ये तीनों पेट के लिए लाभकारी हैं। त्रिफला रात में अपना काम शुरू कर देता है।
 health_beautys_tipS@vkmagzine
खाने में फाइबर
एक दिन में एक महिला को औसतन 25 ग्राम फाइबर की जरूरत होती है, वहीं एक पुरुष को 30 से 35 ग्राम फाइबर की आवश्यकता होती है। अपने पाचन तंत्र को दोबारा ट्रैक पर लाने के लिए आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप हर दिन अपनी जरूरत के अनुसार फाइबर की खुराक ले रहे हैं।

Emoji:- हमारी इस पोस्ट को आप इमोजी अवश्य प्रदान करें अगर आपको यह पोस्ट पसंद आई है! Health_Beautys_Tips@vkmagzine
16 March 2023
11:58
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


हर किसी की चाहत होती है कि उसके बाल सुंदर और घने हों, लेकिन बढ़ते प्रदूषण, स्ट्रेस और अन्य शारीरिक स्थितियों के कारण बाल जल्दी झड़ना शुरू हो जाते हैं. कुछ लोगों के बाल तो इतने झड़ते हैं कि सिर पर गंजेपन के धब्बे दिखने लगते हैं. बालों को दोबारा लंबे और हेल्दी बनाने के लिए आयुर्वेदिक उपचार का प्रयोग करना अच्छा विकल्प है.
आयुर्वेद के अनुसार मनुष्य शरीर में वात, पित्त और कफ जैसे दोष होते हैं. जब इन दोषों में असंतुलन होता है, तब ही बीमारियां उत्पन्न होती हैं, जिसमें से एक है बाल झड़ना. ग्रीन टी, गुलाब की पत्तियां या नीम का प्रयोग झड़ते बालों का एक कारगर आयुर्वेदिक इलाज है.
आज लेख में जानिए झड़ते बालों का कारगर आयुर्वेदिक इलाज -

बाल झड़ने से बचाते हैं ये आयुर्वेदिक उपचार-

A. शिकाकाई
B. रीठा
C. आंवला
D. गुलाब का तेल
E. नीम
F. ग्रीन टी
E. तुलसी


A. शिकाकाई👉
शिकाकाई से बालों की अधिकतर समस्याओं को सुलझाया जा सकता है. बाल झड़ने में शिकाकाई को हल्के गर्म पानी में मिला कर एक शैंपू की तरह प्रयोग किया जाता है. शिकाकाई का करने से बालों की ग्रोथ होती है और किसी भी तरह का इंफेक्शन है, तो वह भी खत्म होता है. शिकाकाई से बालों में नमी बनी रहती है और बाल ड्राई होने से भी बचते हैं

रीठा👉
रीठा में एंटी-फंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जिनसे बालों में होने वाले इंफेक्शन से बचा जा सकता है. इंफेक्शन के कारण झड़ने वाले बालों से रीठा निजात दिला सकता है. रीठा बालों में चमक लाता है. रीठा का प्रयोग भी गर्म पानी में मिला कर एक शैंपू की तरह ही किया जाता है. इससे डैंड्रफ की समस्या भी कम होती है.
health_beautys_tipS@vkmagzine

आंवला👉
आंवला बालों के लिए काफी अच्छा होता है. आंवले के तेल का प्रयोग बाल झड़ने की समस्या को रोकने के लिए किया जाता है. अगर बाल कमजोर हो रहे हैं या पतले होते जा रहे हैं, तो भी आंवला उन्हें मजबूत करने में सहायक है. आंवला में विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो बालों को मजबूती और चमक वापस पाने में मदद करते हैं. आंवला से बनने वाले हेयर-केयर प्रोडक्ट्स बालों में प्रयोग करने से बाल जल्दी सफेद भी नहीं होते.
health_beautys_tipS@vkmagzine

गुलाब का तेल👉
आयुर्वेद के मुताबिक गुलाब के तेल का बालों में प्रयोग करने से सारे दोष संतुलित हो सकते हैं. नहाते समय गुलाब का एसेंशियल ऑयल गर्म पानी में मिलाकर प्रयोग किया जा सकता है. अगर गुलाब का तेल नहीं है, तो गुलाब की पत्तियों के पानी से बाल धोये जा सकते हैं. इससे बाल झड़ने की समस्या कम हो सकती है.

नीम👉
नीम में एंटी-माइक्रोबियल व एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं. यही नहीं इसमें कूलिंग प्रॉपर्टी भी होती हैं, जो बालों को झड़ने से रोक सकती हैं. नीम की पत्तियों से न केवल हेयर रिंस बनाया जा सकता है, बल्कि नीम के पाउडर को पानी में मिलाकर पेस्ट भी बनाया जा सकता है. इस पेस्ट को बालों में लगाने से स्कैल्प इंफेक्शन से भी राहत मिलती है. नीम के प्रयोग से बाल हेल्दी और मजबूत बनते हैं

ग्रीन टी👉 health_beautys_tipS@vkmagzine
ग्रीन टी के माध्यम से कफ दोष को कम किया जाता है. यही नहीं चमकदार बाल पाने के लिए भी ग्रीन टी हेयर रिंस का प्रयोग किया जा सकता है. जब ग्रीन टी पाउडर को गुलाब जल में मिलाकर सिर पर मास्क की तरह लगाया जाता है, तो इससे बालों की जड़ें काफी मजबूत बनती हैं और बालों का घनत्व भी बेहतर होता है. कुछ रिसर्च के मुताबिक ग्रीन टी का प्रयोग करने से नए बाल भी जल्दी बढ़ते हैं. 
health_beautys_tipS@vkmagzine

तुलसी👉
तुलसी के पत्तों को ग्रीन टी के साथ पानी में मिलाने से बालों के लिए काफी प्रभावी रिंस बनाया जा सकता है. इस रिंस से ड्राई बाल और कमजोर बालों की समस्या हल होती है. अगर गर्मियों का मौसम है, तो इस में एलोवेरा जेल का भी प्रयोग किया जा सकता है. इससे बालों में एक कूलिंग इफेक्ट मिलता है.


सारांश👉
झड़ते बालों के लिए आयुर्वेद बेहतरीन उपचार है. इसके साथ ही बालों के लिए अरोमा थेरेपी और कुछ खास हेयर मास्क का प्रयोग करना भी झड़ते बालों की समस्या को कम कर सकता है. आयुर्वेद के मुताबिक बालों को नियमित रूप से शैंपू करना और उनमें तेल लगाना भी काफी जरूरी है. दरअसल, बालों को भी हमारे शरीर की तरह ही पोषण की आवश्यकता होती है. अगर घरेलू उपचार ट्राई करने के बाद भी बाल झड़ने की समस्या ठीक नहीं होती है, तो डॉक्टर से संपर्क करें.

health_beautys_tipS@vkmagzine
17 March 2023
21:42
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

यदि इस पृथ्वी पर उपलब्ध सर्वोत्तम खाद्य पदार्थों की बात की जाए तो तिल के तेल का नाम अवश्य आएगा और यही सर्वोत्तम पदार्थ बाजार में उपलब्ध नहीं है. और ना ही आने वाली पीढ़ियों को इसके गुण पता हैं. health_beautys_tipS@vkmagzine

🔹 क्योंकि नई पीढ़ी तो टी वी के इश्तिहार देख कर ही सारा सामान ख़रीदती है.
और तिल के तेल का प्रचार कंपनियाँ इसलिए नहीं करती क्योंकि इसके गुण जान लेने के बाद आप उन द्वारा बेचा जाने वाला तरल चिकना पदार्थ जिसे वह तेल कहते हैं लेना बंद कर देंगे.

🔹तिल के तेल में इतनी ताकत होती है कि यह पत्थर को भी चीर देता है. प्रयोग करके देखें....
🔹आप पर्वत का पत्थर लिजिए और उसमे कटोरी के जैसा खडडा बना लिजिए, उसमे पानी, दुध, धी या तेजाब संसार में कोई सा भी कैमिकल, ऐसिड डाल दीजिए, पत्थर में वैसा की वैसा ही रहेगा, कही नहीं जायेगा...
🔹लेकिन... अगर आप ने उस कटोरी नुमा पत्थर में तिल का तेल डाल दीजिए, उस खड्डे में भर दिजिये.. 2 दिन बाद आप देखेंगे कि, तिल का तेल... पत्थर के अन्दर भी प्रवेश करके, पत्थर के नीचे आ जायेगा. यह होती है तेल की ताकत, इस तेल की मालिश करने से हड्डियों को पार करता हुआ, हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है.

🔹 तिल के तेल के अन्दर फास्फोरस होता है जो कि हड्डियों की मजबूती का अहम भूमिका अदा करता है.
health_beautys_tipS@vkmagzine
🔹और तिल का तेल ऐसी वस्तु है जो अगर कोई भी भारतीय चाहे तो थोड़ी सी मेहनत के बाद आसानी से प्राप्त कर सकता है. तब उसे किसी भी कंपनी का तेल खरीदने की आवश्यकता ही नही होगी.

🔹तिल खरीद लीजिए और किसी भी तेल निकालने वाले से उनका तेल निकलवा लीजिए. लेकिन सावधान तिल का तेल सिर्फ कच्ची घाणी (लकडी की बनी हुई) का ही प्रयोग करना चाहिए.
🔷तैल शब्द की व्युत्पत्ति तिल शब्द से ही हुई है। जो तिल से निकलता वह है तैल। अर्थात तेल का असली अर्थ ही है "तिल का तेल" health_beautys_tipS@vkmagzine
🔹तिल के तेल का सबसे बड़ा गुण यह है की यह शरीर के लिए आयुषधि का काम करता है.. चाहे आपको कोई भी रोग हो यह उससे लड़ने की क्षमता शरीर में विकसित करना आरंभ कर देता है. यह गुण इस पृथ्वी के अन्य किसी खाद्य पदार्थ में नहीं पाया जाता.
🔹सौ ग्राम सफेद तिल 1000 मिलीग्राम कैल्शियम प्राप्त होता हैं। बादाम की अपेक्षा तिल में छः गुना से भी अधिक कैल्शियम है।
काले और लाल तिल में लौह तत्वों की भरपूर मात्रा होती है जो रक्तअल्पता के इलाज़ में कारगर साबित होती है।
🔷तिल में उपस्थित लेसिथिन नामक रसायन कोलेस्ट्रोल के बहाव को रक्त नलिकाओं में बनाए रखने में मददगार होता है। health_beautys_tipS@vkmagzine
तिल के तेल में प्राकृतिक रूप में उपस्थित सिस्मोल एक ऐसा एंटी-ऑक्सीडेंट है जो इसे ऊँचे तापमान पर भी बहुत जल्दी खराब नहीं होने देता। आयुर्वेद चरक संहित में इसे पकाने के लिए सबसे अच्छा तेल माना गया है।
health_beautys_tipS@vkmagzine
🔷तिल में विटामिन  सी छोड़कर वे सभी आवश्यक पौष्टिक पदार्थ होते हैं जो अच्छे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं। तिल विटामिन बी और आवश्यक फैटी एसिड्स से भरपूर है।
इसमें मीथोनाइन और ट्रायप्टोफन नामक दो बहुत महत्त्वपूर्ण एमिनो एसिड्स होते हैं जो चना, मूँगफली, राजमा, चौला और सोयाबीन जैसे अधिकांश शाकाहारी खाद्य पदार्थों में नहीं होते।
health_beautys_tipS@vkmagzine
🔹ट्रायोप्टोफन को शांति प्रदान करने वाला तत्व भी कहा जाता है जो गहरी नींद लाने में सक्षम है। यही त्वचा और बालों को भी स्वस्थ रखता है। मीथोनाइन लीवर को दुरुस्त रखता है और कॉलेस्ट्रोल को भी नियंत्रित रखता है।

🔷तिलबीज स्वास्थ्यवर्द्धक वसा का बड़ा स्त्रोत है जो चयापचय को बढ़ाता है।
यह कब्ज भी नहीं होने देता।
तिलबीजों में उपस्थित पौष्टिक तत्व,जैसे-कैल्शियम और आयरन त्वचा को कांतिमय बनाए रखते हैं।
health_beautys_tipS@vkmagzine
🔷तिल में न्यूनतम सैचुरेटेड फैट होते हैं इसलिए इससे बने खाद्य पदार्थ उच्च रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है।
सीधा अर्थ यह है की यदि आप नियमित रूप से स्वयं द्वारा निकलवाए हुए शुद्ध तिल के तेल का सेवन करते हैं तो आप के बीमार होने की संभावना ही ना के बराबर रह जाएगी.
health_beautys_tipS@vkmagzine
🔹 जब शरीर बीमार ही नही होगा तो उपचार की भी आवश्यकता नही होगी. यही तो आयुर्वेद है.. आयुर्वेद का मूल सीधांत यही है की उचित आहार विहार से ही शरीर को स्वस्थ रखिए ताकि शरीर को आयुषधि की आवश्यकता ही ना पड़े.

🔹एक बात का ध्यान अवश्य रखिएगा की बाजार में कुछ लोग तिल के तेल के नाम पर अन्य कोई तेल बेच रहे हैं.. जिसकी पहचान करना मुश्किल होगा. ऐसे में अपने सामने निकाले हुए तेल का ही भरोसा करें. यह काम थोड़ा सा मुश्किल ज़रूर है किंतु पहली बार की मेहनत के प्रयास स्वरूप यह शुद्ध तेल आपकी पहुँच में हो जाएगा. जब चाहें जाएँ और तेल निकलवा कर ले आएँ.
health_beautys_tipS@vkmagzine
19 March 2023
22:19
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
लिए अनचाहे बाल (Unwanted Hair) हटा सकते हैं. क्योंकि बार-बार पार्लर जाना, वहां जाकर ब्लीच कराने से न केवल समय बल्कि आपके बजट पर भी असर पड़ता है. तो परेशान न हो हम यहा आपको बता रहे हैं कुछ घरेलू नुस्खे जो समय की कमी होने पर या पार्लर जाने में आलस महसूस करने पर आपके काम आएंगे. 
 
अनचाहे बालों को हटाने में मददगार हैं ये आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे
Join fast for read full post 👇🙏


20 March 2023
22:19
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

कार्न फ्लोर का स्‍क्रब यहां आपके बहुत काम आ सकता है. यह त्वचा में चमक तो लाएगा ही साथ ही साथ अनचाहे बालों को भी दूर करने में मदद कर सकता है.
कैसे इस्तेमाल करेंः

एक अंडे का सफेद भाग, चीनी और कार्न फ्लोर को मिला लें. अब हल्के हाथ से उस जगह मसाज दें जहां से आप अनचाहे बालों को हटाना चाहते हैं. कुछ देर बाद इसे छोड़ दें और सूखने पर धो लें. हफ्ते में दो बार इसे करें.
कार्न फ्लोर का स्‍क्रब यहां आपके बहुत काम आ सकता है. 

2. हल्दीः
हल्दी एक ऐसा मसाला है जिसे लगभग हर घर में हर दिन पकवानों के स्वाद और रंग को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. हल्दी को आप अनचाहे बालों से निजात पाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं.

कैसे इस्तेमाल करेंः

हल्दी में एंटीसेप्टिक गुण पाया जाता है, जो अनचाहे बालों को भी दूर कर सकती है. हल्दी लगाने से चेहरे पर बाल नहीं उगते. इसके साथ ही साथ यह आपकी स्किन टोन को भी सुधारने में मदद कर सकती है.
3. बेसनः
हर भारतीय किचन में आसानी से मिलने वाले बेसन को पकवान के लिए ही नहीं बल्कि सुंदरता के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं. बेसन की लोई को अनचाहे बाल हटाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.

कैसे करें बेसन का इस्तेमाल

बेसन में एक चुटकी हल्दी और पानी मिलाकर पैक तैयार करें. इसे चेहरे पर या उस जगह जहां से आप अनचाहे बाल हटाना चाहते हैं वहां लगाएं. इसके नियमित इस्तेमाल से अनचाहे बाल कुछ समय में बिलकुल गायब हो सकते हैं.
Join more
health_beautys_tipS@vkmagzine
21 March 2023
21:41
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

22 March 2023
22:29
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

जब शरीर की नसों में खून का प्रवाह सुचारु रूप से नहीं हो पाता है तो ऐसे में खून जमने की समस्या या क्लॉटिंग होना शुरू हो जाती है। इस क्लॉटिंग की वजह से खून हृदय तक पहुँचने में असमर्थ होता है। इसी के साथ हृदय को ऑक्सीजन मिलनी बंद हो जाती है। यह स्थिति हार्ट अटैक की होती है।
हार्ट अटैक को मायोकार्डियल इन्फ़्रैक्शन भी कहते हैं। एक हार्ड अटैक की स्थिति किसी भी व्यक्ति के लिए जानलेवा हो सकती है लेकिन यदि तुरंत उपचार मिल जाए तो व्यक्ति को बचाया जा सकता है।
 
हार्ट अटैक के सामान्य लक्षण
 
1.) कोल्ड स्वैट (शरीर से पसीना आता है लेकिन ठंड भी लगती है।)
2.) थकान महसूस होती है 
3.) साँस लेने में परेशानी होती है
4.) शरीर का भार कम महसूस होता है 
5.) चक्कर आते हैं
6.) बाएँ हाथ में दर्द होता है 
7.) उल्टी महसूस होती है 
8.) अपच की समस्या भी हो सकती है
9.) सीने में जलन होती है
 
हर व्यक्ति में हार्ट अटैक के लक्षण अलग अलग हो सकते हैं। कुछ लोगों में हार्ट अटैक के समय काफ़ी तेज़ दर्द होता है तो वहीं कुछ लोगों को हार्ट अटैक के दौरान दर्द कम होता है। कुछ मामलों में यह भी देखा गया है कि हार्ट अटैक से पहले किसी व्यक्ति के बाएँ हाथ में दर्द शुरू हो जाता है।
कुछ लोगों को हार्ट अटैक बिना किसी चेतावनी के आता है तो वहीं कुछ लोगों को हार्ट अटैक से पूर्व कुछ लक्षण देखने को मिल जाते हैं। 
ऐसा भी देखा गया है कि कुछ लोगों को हार्ट अटैक से पहले अचानक से सीने में दर्द उठता है जो आराम करने पर ख़त्म हो जाता है। इसी तरह कुछ लोगों को कुछ घंटे, कुछ दिन पहले या कुछ हफ़्ते पहले से ही हार्ट अटैक के लक्षण दिखाई देते हैं। सीने में दर्द का कारण रक्त के प्रवाह में आयी कमी होती है। हार्ट अटैक के कुछ कारण होते हैं जिन्हें जानना बेहद ज़रूरी है। आइए देखते हैं कि वे क्या हैं।
 
हार्ट अटैक का प्रमुख कारण नसों में रक्त का ज़मना होता है। ब्लड क्लॉटिंग एक ख़तरनाक समस्या है जो हार्ट अटैक को जन्म दे सकती है। इसके साथ साथ हार्ट अटैक की कुछ निम्न कारण हो सकते हैं जिनसे हार्ट अटैक की संभावना काफ़ी बढ़ जाती है।
 
1.) अधिक उम्र
हार्ट अटैक का एक कारण अधिक उम्र भी हो सकती है। पुरुषों में 45 साल से अधिक तथा महिलाओं में 55 साल से अधिक की उम्र में हार्ट अटैक या ह्रदयाघात की संभावना बढ़ जाती है।
 
2.) मानसिक स्थिति
जी हाँ, ये बात भले ही सुनने में थोड़ी सी अजीब लगे लेकिन मानसिक स्थिति के कारण भी हृदय को नुक़सान पहुँच सकता है। कई मामलों में डिप्रेशन या तनाव के चलते भी हार्ट अटैक की समस्या देखने को मिलती है। 
 
3.) तम्बाकू या धूम्रपान
जो लोग तंबाकू का सेवन करते हैं या फिर वे सिगरेट के द्वारा धूम्रपान करते हैं तो ऐसे में उन्हें हार्ट अटैक की संभावना काफ़ी बढ़ जाती है। इसी के साथ साथ ऐसे लोग जो सिगरेट पीने वालों के साथ रहते हैं उन्हें भी हार्ट अटैक की संभावना रहती है। लंबे समय तक सेकेंड हैंड स्मोक अर्थात सिगरेट पीने वाले के द्वारा छोड़े गए धुएं के संपर्क में रहने से हार्ट अटैक की संभावना काफ़ी बढ़ जाती है।
 
4.) मोटापा
मोटापा ना सिर्फ़ हार्ट अटैक को ही जन्म देता है बल्कि इसके साथ ही ये व्यक्ति को अवसाद और अन्य बीमारियां भी देता है। दरअसल हमारे शरीर में फ़ैट या वसा की एक उचित मात्रा होना ही ज़रूरी है। जब हम कोई चीज़ खाते हैं तो उसमें से फ़ैट हमारे शरीर में आता है। कई बार ये फ़ैट अधिक होने के कारण शरीर में जमा होने लगता है। 
वैसे तो वसा शरीर को ऊर्जा देता है लेकिन अधिक मात्रा में लिया गया फ़ैट या वसा नसों के किनारों पर जमने लगता है। इस तरह नसें संकरी होने लगती है। इससे नसों में रक्त का प्रवाह सुचारु रूप से नहीं होता और वह बाधित होने लगता है। ऐसी स्थिति में कभी कभी नसों में क्लॉटिंग भी हो सकती है। अब हम कह सकते हैं कि यह स्थिति हार्ट अटैक को जन्म दे सकती है।
 
5.) उच्च रक्तचाप
हमारे शरीर में होने वाली समस्त प्रक्रियाएं सामान्य ही होनी चाहिए। उदाहरण के तौर पर हमारी नसों में रक्त का प्रवाह एक निश्चित गति से होता है और यह निश्चित ही होना चाहिए। यदि नसों में रक्त का प्रवाह धीमा या ज़्यादा हो जाता है तो ऐसे में हृदय रोग की संभावना काफ़ी बढ़ जाती है। 
ऐसे लोग जो काफ़ी समय से उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे हैं उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ज़्यादा लंबे समय तक रहने वाला उच्च रक्तचाप हार्ट अटैक जैसी ख़तरनाक बीमारी को जन्म दे सकता है।
Next part - tomorrow

health_beautys_tipS@vkmagzine
23 March 2023
20:37
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


6.) मेटाबॉलिक सिंड्रोम

जब  कोई व्यक्ति मोटापे, हाई ब्लडप्रेशर और हाई ब्लड शुगर (उच्च रक्त वसा) की समस्या से लगातार जूझ रहा होता है तो इस स्थिति को मेटाबोलिक सिंड्रोम के नाम से जानते हैं। यह स्थिति भी हार्ट अटैक के ख़तरे को बढ़ाती है।
 
7.) पारिवारिक इतिहास
यदि परिवार के किसी सदस्य को पहले कभी हार्ट अटैक आया हो तो ऐसे में अगली पीढ़ी में के लोगों में हार्ट अटैक की संभावना काफ़ी बढ़ जाती है। यदि पहले कभी आपके परिवार में किसी पुरुष को 55 की उम्र में तथा महिला को 65 साल की उम्र में हार्ट अटैक आया हो तो ऐसे में आप पर भी हार्ट अटैक का ख़तरा बढ़ जाता है। यह एक रिसर्च की पुष्टि है लेकिन ज़रूरी नहीं कि ये बात हर बार हर व्यक्ति पर लागू हो। वैसे तो पारिवारिक इतिहास के चलते हार्ट अटैक के ख़तरे की संभावना को व्यक्त किया जाता है लेकिन यदि व्यक्ति अपना ख़याल रखें तो ऐसे में वो इस ख़तरे से बच सकता है।
 
8.) फ़िटनेस की कमी
जैसा कि हम ने बताया कि शरीर में वसा के जमाव के कारण हार्ट अटैक की संभावना बढ़ जाती है। यदि आप अपने आहार में कैलोरी की अधिक मात्रा लेते हैं और इसके बावजूद फ़िटनेस या कोई अन्य शारीरिक गतिविधि नहीं करते हैं तो ऐसे में हार्ट अटैक का ख़तरा काफ़ी बढ़ जाता है।
 
9.) अन्य कारण
इसके अलावा ज़्यादा मात्रा में शराब का सेवन, किसी प्रकार की दवाई का सेवन, नशे की लत इत्यादि से भी हार्ट अटैक का ख़तरा बढ़ सकता है।
 health_beautys_tips@vkmagzine
हार्ट अटैक से बचने के लिए ध्यान दें निम्नलिखित बिंदुओं पर-
 
1.) शरीर में दिख रहे किसी भी प्रकार के कोई भी लक्षण को अनदेखा न करें। 
2.) यदि आपके शरीर में किसी भी जगह पर कोई दर्द या सूजन हो तो ऐसे में तुरंत इसका उपचार करवायें। सीने में दर्द या जलन तथा बाएँ हाथ में लगातार दर्द होने पर डॉक्टर के पास जाएं।
3.) अपने आहार में अच्छी चीज़ों को शामिल करें। आहार को संतुलित रखें। ज़्यादा कैलोरीयुक्त भोजन न करें। प्रतिदिन फल तथा जूस का भी सेवन करते रहें।
4.) फ़िटनेस पर ध्यान दे। शरीर पर अतिरिक्त वसा को जमने ना दें। जितना हो सके पैदल चलने की कोशिश करें।
5.) नकारात्मक विचारों को स्वयं से दूर रखें। यदि आपको किसी प्रकार का डिप्रेशन या तनाव है तो उससे छुटकारा पाने की कोशिश करें।
6.) किसी भी प्रकार की समस्या होने पर सिर्फ़ डॉक्टर के परामर्श को ही अपनाएं। इधर उधर से जानकारी एकत्र करके उसे स्वयं पर लागू ना करें। यह ख़तरे से ख़ाली नहीं है।
 health_beautys_tips@vkmagzine
निष्कर्ष
अपनी सेहत का ख़याल रखना बहुत ज़रूरी है। यह जीवन हर व्यक्ति को एक बार ही मिलता है और इसलिए यह ज़रूरी है कि इस जीवन की क़द्र की जाए। बीमारियों के प्रति कभी भी लापरवाही न रखें। जितना हो सके इनके बारे में जानने की कोशिश करें। इसी के साथ यह ख़याल रखें कि आप जिन जगहों से ज्ञान हासिल कर रहे हैं वे सही हैं। 

health_beautys_tips@vkmagzine
25 March 2023
17:24
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine




21:32
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
दिमाग में घूमता रहता है। मुंहासों के बीच ना तो ग्लॉस ही नजर आता और न ही रूज व फाउंडेशन का मजा रह जाता है। यह सभी चीजें चेहरे को रूखा और बेजान कर देती हैं। यकीन मानिए पिम्पल्स का उपाय केवल एक ही है, और वो है घरेलू इलाज। बाहर आप इसके ट्रीटमेंट के लिए जाएंगे तो हजारों पैसे खर्च होंगे। बावजूद इसके पिम्पल्स ठीक होने की गारंटी भी नही है। बेहतर होगा कि घर पर ही रहकर और घर की चीजों से ही पिम्पल्स का उपाय किया जाए

पिम्पल्स क्या हैं? 👇

साधारण भाषा में समझाएं तो यह कहा जा सकता है कि त्वचा में इंफेक्शन के कारण तेल की ग्रंथियां भर जाती हैं, उससे चेहरे पर दाने निकल आते हैं। आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि यह इंफेक्शन कैसे होता है? दरसअल त्वचा से निकलने वाला अत्याधिक तेल (सीबम), मृत त्वचा (डेड स्किन) के साथ मिलकर रोमछिद्रों को बंद कर देता है [1], जिससे वहां बैक्टीरिया पनपनेलगते हैं, जो मुंहासों का कारण बनते हैं।

𝙉𝙚𝙭𝙩 𝙥𝙖𝙧𝙩 𝙖𝙛𝙩𝙚𝙧 21 𝙀𝙢𝙤𝙟𝙞 🥰🙏


27 March 2023
22:25
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

19:02
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
साथ कई बार खून भी निकलता है। त्वचा पर होने वाले ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स को भी मुंहासे ही कहा जाता है। यूं तो इसमें दर्द नही होता है, लेकिन कील लंबी जो तो निकालते समय ये भी कई बार दर्द करते हैं। इस तरह के मुंहासे [2] चेहरे पर ही नही, बल्कि पीठ और बगल {आर्मपिट्स} पर भी होते हैं। बहरहाल पिम्पल्स का उपाय भी आप तभी कर पाएंगे कि जबकि उसके सभी प्रकारों से अवगत होंगे-
1. दाना या फुंसी मुंहासे (Pustule)
आमतौर पर फुंसी का ताल्लुक उम्र से कम और खानपान से ज्यादा रहता है। छोटे बच्चों से लेकर जवान और बूढ़ों तक को फुंसी हो जाती है, लेकिन हां चेहरे पर फुंसी ज्यादातर किशोरावस्था में ही निकलती है। 15 से 30 साल की आयु तक फुंसी वाले दाने निकलते रहते हैं, लेकिन बाद में यह धीरे-धीरे ठीक भी होने लगते हैं। यह पहले लाल और गुलाबी रंग की होती हैं और पकने के बाद इसमें से पीले रंग का मवाद निकलता है। मवाद भरने के बाद इनमें दर्द भी बहुत होता है। फुंसी गहरी और थोड़े बड़े आकार की हो तो फूटने के बाद उस जगह पर गढ्डे पड़ जाते हैं।
2. ब्लैकहेड्स (Blackheads)
ब्लैकहेड्स एक प्रकार की कील होती है। यह धागे के रेशे जैसा दिखता है, लेकिन छूने में थोड़ा सख्त होता है। अक्सर यह नाक और अपरलिप्स पर ज्यादा होते हैं। किसी-किसी के पूरे चेहरे पर ब्लैकहेड्स हो जाते हैं। यह किसीभी उम्र में हो जाते हैं। इनका मुख्य कारण रोमछिद्रों में धूल-मिट्टी का भरण होता है। हालांकि, इन्हें स्क्रब द्वारा आसानी से निकला जा सकता है, लेकिन अगर यह बड़े हों तो इसे ब्लैकहैड रिमूवर टूल से ही निकलना चाहिए।
3. व्हाइटहेड्स (Whiteheads)
ब्लैकहेड्स की तरह यह भी एक तरह की कील ही होती है, लेकिन यह सफेद रंग की होती है। यह नाक के आसपास वाली जगह, माथा और होंठ पर ज्यादा होते है। ब्लैकहेड्स की तुलना में यह छोटी और मुलायम होती है।
4. पेपुल्स (Papules)
पेपुल्स का हमारी त्वचा संबंधी किसी समस्या से लेन-देना नही है, बल्कि किसी कीड़े के काटने से हो जाता है। कई बार किसी खाद्य पदार्थ की एलर्जी से पेपुल्स हो जाता है। यह हल्का गुलाबी रंग का होता है।
5. नोड्यूल्स (Nodules)
नोड्यूल्स आकार में दूसरे पिम्पल्स के बड़े और चपटे होते हैं। यह बाहर की तुलना में भीतर की ओर बढ़ते जाते हैं। इन्हें छूने भर से ही काफी दर्द होता है। यह पिम्पल्स अक्सर स्टेरॉयड लेने से हो जाते हैं।
6. गांठ (Cystic Pimples)
इन्हें आप सिस्ट भी कह सकते हैं। यह एक ही जगह पर कई सारे भी हो सके हैं या एक बड़े आकार में भी यह हो सकता है। इसमें दर्द के साथ सूजन भी होती है।
पिम्पल्स (मुंहासे) होने के कारण - ( What Causes Pimple In Hindi )
पिम्पल्स होने के चार मुख्य कारण है-
अत्याधिक सीबम का उत्पादन
हेयर [3] फॉलिकल्स में मृत त्वचा और सीबम का जमा होना,
बैक्टीरिया
चोट के कारण होने वाली सूजन।
इसके अतिरिक्त हार्मोंस में होने वाले बदलाव, स्टेरॉयड और खराब खानपान के कारण भी पिम्पल्स हो जाते हैं। यहाँ आपको विस्तार से बताया गया है-
1. हार्मोनल बदलाव
किशोरावस्था में आते ही वसामय ग्रंथियां फैल जाती हैं, जिसकी वजह से यह अधिक तेल का उत्पादन करने लगता है। सेक्स हार्मोन्स के कारण वसामय ग्रंथियां अतिसक्रिय हो जाती हैं। तनाव के कारण भी हार्मोन्स में बदलाव होते हैं, जो पिम्पल्स का कारण बनते हैं।
2. स्टेरॉयड्स
फर्टिलिटी बढ़ाने वाली दवाओं से भी पिम्पल्स हो जाते हैं। बॉडी बिल्डिंग के उद्देश्य से लिए जाने वाले स्टेरॉयड्स से भी मुंहासे होते हैं। खराब खानपान की खराब आदतों की वजह से पेट में कब्ज हो जाती है, जिससे पिम्पल्स हो जाते हैं।
3. खराब खानपान
मुंहासे होने का एक मुख्य कारण खराब खानपान भी है। कई बार त्वचा रोगों में असंतुलित भोजन और जंक फूड लेना इसकी सबसे बड़ी वजह बन जाती है।
4. तनाव
तनाव के कारण कई तरह के हार्मोन्स रिसने लगते हैं, जिससे वसामय ग्रंथियां से अतिरिक्त तेल निकलने लगती हैं।
Next part after 21 emoji



31 March 2023
06:11
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

1. मुल्तानी मिट्टी
पिम्पल्स के लिए मुल्तानी मिट्टी वरदान है। त्वचा से अत्याधिक तेल और गंदगी हटाने में मुल्तानी मिट्टी बेहद कारगर है। इसे रोज नहाते समय गुलाबजल में मिलाकर चेहरे पर लगाएं। पिम्पल्स चेहरे से यूं गायब होंगे जैसे कभी थे ही नही। यदि आप खड़ी मुल्तानी मिट्टी ले रहे हैं तो उसे रातभर गुलाबजल में भीगकर रखें। लगते समय उसमें थोड़ा नींबू मिला लीजिए। इस मिश्रण से आपके पिम्पल्स बहुत जल्दी सूख जाएंगे।
2. टूथपेस्ट
पिम्पल्स को हटाने के लिए वाइट टूथपेस्ट काफी असरदार है। यह बर्फ की तरह काम करता है। त्वचा जलने पर भी इसे लगाया जाता है। मगर ध्यान रहे कि टूथपेस्ट जेल वाला न हो अन्यथा आपको जलन हो सकती है। इसमें बेकिंग सोडा, हाइड्रोजन पेरोक्साइड और ट्राइक्लोसैन जैसे पदार्थ मौजूद होते हैं, जिसकी वजह से मुंहासें जल्दी सूख जाते हैं। इसे प्रतिदिन दो बार लगाएं। उसके बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें।
3. ओटमील
ओटमील स्वास्थ्यवर्धक है। यह पेट को ठंडा रखने के साथ आपको देता है भरपूर फाइबर। ओटमील फेसपैक से पिम्पल्स बहुत जल्दी ठीक होते हैं। शायद आप नही जानते होंगे कि यह हमारी त्वचा के रोमछिद्रों को शुद्ध करने साथ उससे अतिरिक्त तेल को अवशोषित करने में भी मददगार है। इसे शहद और नींबू के रस के साथ मिलाकर लगाएं, निश्चित रूप से पिम्पल्स जल्दी खत्म हो जाएंगे।
4. एलोवेरा जेल
एलोवेरा के एक नहीं, कई आयुर्वेदिक गुण हैं। इसे खाया भी जा सकता है और लगाया भी जा सकता है। त्वचा संबंधी रोगों के लिए यह अतिउत्तम है। इसका नियमित रूप से इस्तेमाल करने से पिम्पल्स को जड़ से खत्म किया सकता है। यह एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है। इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण पिम्पल्स को बहुत जल्दी ठीक करने में सहायता करते हैं। एलोवेरा को रात में सोते वक्त लगाएं। यदि आपके पास विटामिन ई के कैप्सूल उपलब्ध हैं तो उसे इसमें मिलाकर लगाएं।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
5. नीम
पिम्पल्स ठीक करने के लिए यह एक बेहद प्रभावी औषधि है। इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीइंफ्लेमेटरी तीनों ही गुण पाए जाते हैं। नीम को पीसकर उनका पेस्ट तैयार कर लें और एप्पल साइडर विनेगर व शहद के साथ मिलाकर लगाएं। विनेगर की जगह नींबू भी इस्तेमाल कर सकते हैं। घर पर जो आसानी से मिल जाए उसे ही इस्तेमाल करें। इसे रोजाना चेहरे पर लगाएं,पिम्पल्स बहुत जल्दी ठीक हो जाएंगे। इसके अलावा आप नीम का पानी भी तैयार कर सकते हैं। इसे आइसट्रे में डाल दें और उन क्यूब्स को चेहरे पर हल्के हाथ से रगड़ें।
पिम्पल्स से बचाव - ( Pimples Prevention Tips In Hindi)
पिम्पल्स का उपाय का सबसे बेहतर तरीका है उससे बचाव। बचाव के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है-
रोजाना चेहरे को कम से कम तीन बार 5 मिनट तक ठंडे पानी से धोएं।
दिनभर में लगभग 10 से 12 गिलास पानी पीएं।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
संतुलित आहार लें। वसायुक्त भोजन और जंकफूड से परहेज करें।
चेहरे के लिए योग और कसरत करें।
ग्रीजी और ऑयली मेकअप से बचें।
15 दिन में एक बार फ्रूट क्रीम से मसाज करें और हर हफ्ते स्क्रब करें।
मसाज से ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स मुलायम हो जाएं और मुलायम पड़ने पर यह आसानी से निकल जाते हैं।
फ्रूट क्रीम के लिए मलाई को पपीते और शहद के साथ मिलाकर पेस्ट तैयार करें। वहीं स्क्रब के लिए चीनी और कॉफी का इस्तेमाल करें।
ध्यान रहे कि मवाद और पानी वाले मुंहासों पर मसाज न करें। उनके लिए होममेड पेस्ट ही उपयोग में लाएं।
धूप में ज्यादा देर तक न रहें।
टी ट्री ऑयल लगा सकते हैं।
तनाव से दूर रहें।
पिम्पल्स से बचाव के लिए क्या खाएं और क्या न खाएं - ( Diet For Pimples In Hindi)
पिम्पल्स के लिए पीले और नारंगी रंग के फल व सब्जियां ही खाएं। अत्याधिक कैलोरी वाले फलों से परहेज करें। हालांकि आम पीला फल है, लेकिन उसमें कैलोरी बहुत ज्यादा होती है। टमाटर को त्वचा पर लगाकर जितना फायदा है उतना खाने में भी है। पालक और दाल जरूर खाएं। इनमें फाइबर होता है। कद्दू और लौकी खाएं। फलों में चीकू, आम और केला नही खाने हैं आपको, बाकी सब खा सकते हैं। कद्दू के बीज भी इसमें फायदा पहुंचता है। तरल पदार्थ ज्यादा से ज्यादा लें। ऑ यली फूड, चॉकलेट और जंक फूड न खाएं। हाई फैट फूड और ज्यादा मीठी चीज़ों से परहेज करें।

Emoji plzz 21+


हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine 


1 April 2023
20:11
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

●●मानो या मानो, लेकिन यही सच है●●

●●●जहर है फ्रिज का पानी●●●
● अगर आप भी फ्रीज का पानी पीते है तो ये समस्या आपको भी जरुर होगी।
● कितनी भी गर्मी पड़े फ्रिज का ठंडा पानी या बर्फ मिलाया हुआ पानी कभी मत पियो।

पहले ये जान लें...
● आयुर्वेद के अनुसार ठंडे पानी की परिभाषा.??
● शरीर का तापमान होता है
●● 37°सेल्सियस या
●● 98.6°फारेनहाइट।

●● 27℃ से नीचे पानी ठंडा है।
●● 27℃ तक का पानी शरीर सहन कर सकता है।
● जब भी आप फ्रिज का ठंडा पानी पीते है तो गर्म पेट मे ठंडा पानी जाता है।
● अब पेट आपका गर्म है और पानी ठंडा, तो अंदर जाकर झगड़ा होता है या तो पेट पानी को गर्म करता है या पानी पेट को ठंडा करता है।

● एक मिनट के लिए मान लें कि आपने बहुत ठंडा पानी पिया है और पानी ने पेट को ठंडा कर दिया।
● पेट ठंडा होते ही हार्ट (Heart) ठंडा हो जाएगा क्योंकि पेट और हार्ट का आपस मे कनेक्शन है।

● हार्ट के ठंडा होते ही मस्तिष्क (Brain) ठंडा हो जाएगा क्योंकि इन दोनों का भी आपस मे कनेक्शन है और मस्तिष्क के ठंडा होते ही शरीर ठंडा हो जाएगा और शरीर के ठंडा होते ही आपको घर के बाहर निकालकर फेंक दिया जाएगा।
● वो सब लोग जो आपको लिपट कर प्रेम करते है वो आपको छूना भी पसंद नहीं करेंगे क्योंकि शरीर ठंडा हो गया और वो एक ही बात बोलेंगे जल्दी लेकर जाओ क्यों रखा हुआ है ??
● अंतिम संस्कार कब है क्योंकि शरीर के ठंडा होते ही सिर्फ राम नाम सत्य होता है।

तो मित्रो ये ठंडा पानी पीने की गलती मत करिए।
●●अब इस सारी बात का दूसरा पार्ट भी समझिए●●
● जब बहुत ठंडा पानी आप पीएंगे तो पेट उस पानी को गर्म करेगा क्योंकि उसे आपको जिंदा रखना है तो ये भगवान की व्यवस्था बनाई हुई है लेकिन गर्म करने के लिए उसको ऊर्जा (energy) चाहिए।
● अब ऊर्जा कहाँ से आएगी ??
● ऊर्जा आएगी रक्त (blood) मे से तो सारे शरीर का खून पेट मे आएगा।
● अब आप थोड़ी देर के लिए कल्पना करिए सारे मस्तिष्क का खून पेट मे चला गया और हार्ट (Heart) का खून पेट मे चला गया, आंतों का खून पेट मे आ गया तो हरेक अंग को खून की कमी आएगी।
● मस्तिष्क को 3 मिनट अगर ब्लड सप्लाई रुक गई या कम हो गई तो ब्रेन डेड हो जायेगा और इस तरह हार्ट को एक से डेढ़ मिनट ब्लड सप्लाई रुक गई तो हार्ट डेड हो जाएगा।
● बाकी सभी अंग तो ऐसे ही खत्म हो जाएंगे, इसलिए कहा गया है ठंडा पानी पीना बहुत बड़ा रिस्क लेने के बराबर है।
●●अब इस सारी बात का तीसरा पार्ट भी समझ लीजिये.!●●
● हमारे शरीर मे दो आंत होती है छोटी आंत और बड़ी आंत।
● बड़ी आंत का काम है हमारे शरीर मे से मल को बाहर निकालना है अर्थात जो भी हम खाते है पचने के बाद जो बेकार बचता है वो मल के रूप मे बड़ी आंत द्वारा बाहर निकलता है।
● बड़ी आंत देखने मे बिलकुल एक खुले पाइप की तरह होती है। अब जैसे ही एक दम से आप ठंडा पानी पीते है तो ये बड़ी आंत एक दम से सिकुड़ के बंद हो जाती है और बार-बार आपने ठंडा पानी पी पी कर इसे पूरा बंद कर दिया तो सुबह आपको स्टूल पास नहीं होगा टॉयलेट नहीं आएगी।
● आप जोर लगा लगा कर पागल हो जायेंगे लेकिन पेट साफ फिर भी नहीं होगा।
● अर्थात आपको कब्जियत का रोग हो जाएगा और आयुर्वेद मे कब्जियत को सब बीमारियों की जड़ या mother of disease कहते है।
● अगर आपको कब्जियत का रोग हो गया और कुछ लंबे समय तक रहा तो एक एक करके आपको सभी बीमारियाँ आएंगी।
● यूरिक एसिड, कोलोस्ट्रोल, हार्ट ब्लोकेज, शुगर वगैरह वगैरह।
इस लिए ये फ्रिज का ठंडा पानी आपके शरीर के लिए बहुत ही ज्यादा खतरनाक है।
● पश्चिमी देशों के लोग बहुत अधिक ठंडा पानी पीते हैँ।
● 5-6 दिन फ्रिज मे रखकर फिर उसमे आइस क्यूब डाल-डाल कर पीते है और परिणाम क्या होता है.?
● सुबह 1-1 घंटा टॉयलेट मे बिताते है क्योंकि पेट साफ ही नहीं होता और कभी आप उनसे पूछिये की भाई आपने अपनी टॉयलेट सीट ये बैठने वाली कमोड सीट क्यों बनवाई है.?
● तो जवाब आएगा कि भारतीय वाली सीट पर आप 5 मिनट से ज्यादा बैठ नहीं सकते क्योंकि बैठने की जो पोजीशन है वो आपको 5 मिनट मे ही थका देती है और हमको घंटो घंटो बैठना पड़ता है क्योंकि पेट साफ ही नहीं होता।
● इसलिए कुर्सी जैसा बना लेते है और बैठे रहते है !
● और तो और उनके toilet मे आपको लाइब्रेरी मिलेगी, किताबे, न्यूज़ पेपर, मैगजीन सब कुछ मिलेगा क्योंकि घंटो घंटो बैठना है तो बिना इसके टाइम कैसा पास होगा??
● अभी टॉयलेट तो किताब पढ़ने के लिए नहीं बना है ??
● लेकिन उनकी मजबूरी है।
● अब हमारे देश के कुछ पढे लिखे नकलचियों ने उनकी नकल कर टॉयलेट मे अखबार लेकर जाना, किताबे लेकर जाना शुरू कर दिया है और साथ मे छोटी सी लाइब्रेरी भी बनाना शुरू कर दिया है और ऐसा करके अपने आप को आधुनिक समझने लगे है।
● बिना सोचे समझे जब नकल की जाती है तो ऐसा ही होता है।
● उनकी मजबूरी को हम अपना फैशन बना रहे


2 April 2023
21:53
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

जो व्यक्ति एक घुटना मोड़ता है उसका वही घुटना दर्द करता है और दूसरा ठीक रहता है. इसके अलावा दैनिक जीवन में चलने-फिरने, चढ़ाव चढ़ने, सैर करने, व्यायाम करने, व्यायाम करने से घुटनों के जोड़ों में स्थित कारटीलेज का क्षय होता है इसकी क्षतिपूर्ति रात्रि को घुटनों के सीधे रखने एवं रक्तसंचार सुचारू रूप से संभव है कारटीलेज में द्रव या कोलोजन रक्त प्रवाह के अभाव में आपस में जुड़ने लगती है. रोगी को खडे होने पर अपना वजन ढोना और चलते समय संतुलन बनाना मुश्किल लगता है. हड्डियां आपस में टकराकर टेढ़ी होने लगती हैं. रोगियों को घुटनों पर नीकैप या क्रेप बैंडेज बांधकर रात्रि सोने की सलाह दी जाती है. घुटनों के अधिक दर्द में वज्रासन या पद्मासन वर्जित माना जाता है |

कारण
-------

* घुटने के दर्द की मुख्य वजह, खून में युरिक एसिड के लेविल का बढना है| इसे शरीर से बाहर निकालने के लिये रोगी को दो बातों का अनुसरण करना हितकर होता है -

1- मौसम के मुताबिक तीन से छ: लिटर पानी पीने की आदत बनानी चाहिये |

2- हरी सब्जी और फल या इनका जूस का सेवन |

दर्द के अन्य कारण
-------------------

* घुटने पर बार-बार दबाव से सूजन (जैसे लंबे समय के लिए घुटने के बल बैठना, घुटने का अधिक उपयोग करना अथवा घुटने में चोट) बरसाइटिस कहते हैं |

* आपके घुटने में सामने की ओर दर्द जो सीढ़ियों अथवा चढ़ाव पर चढ़ते और उतरते समय बढ़ जाता है. यह धावकों, और साइकिल चलाने वालों को होता है | टेन्टीनाइटिस घुटने के पीछे पानी के भरने से सूजन, साथ आथर्राइटिस जैसे अन्य कारणों से सूजन भी हो सकती है | यदि सिस्ट फट जाती है तो आपके घुटने के पीछे का दर्द नीचे आपकी पिंडली तक पहुंच सकता है |

* घिसा हुआ काटिर्लेज घुटने के जोड़ के अंदर की ओर अथवा बाहर की ओर दर्द पैदा कर सकता है |

* झटका लगना अथवा मोच- अचानक अथवा अप्राकृतिक ढंग से मुड़ जाने के कारण लिगमेंट में मामूली चोट |

* जोड़ में संक्रमण (इंनफेक्शन)

* घुटने की चोट- आपके घुटने में रक्त स्राव हो सकता है जिससे दर्द अधिक होता है |

घरेलू देखभाल
----------------

1- आराम करें और ऐसे कार्यों से बचे जो दर्द बढ़ा देते हैं, विशेष रूप से वजन उठाने वाले कर्यों से बचें |

2- किसी भी प्रकार की सूजन को कम करने के लिए अपने घुटने को जहां तक संभव हो ऊपर उठा कर रखें |

3- कोई ऐसा बैंडेज अथवा एलास्टिक स्लीव पहनकर घुटने को धीरे धीरे दबाएं | (ये दोनों वस्तुएं लगभग सभी दवाइयों की दुकानों पर मिलती है) यह सूजन को कम कर सकता है और सहारा भी देता है (नी कैप की तरह)

4- अपने घुटनों के नीचे अथवा बीच में एक तकिया रखकर सोयें |

घुटनों के व्यायाम
------------------

1- घुटनों का संचालन जंघा से पैर को दोनों हाथों से ऊपर उठाकर घुटने से पैर को आगे-पीछे दस पंद्रह बार चलाना |

2- वहीं पकडे़ हुए घुटने के निचले हिस्से से गोल घुमाना 10-10 बार सीधे-उलटे |

3- पैर लंबे करके बैठें और टखनों को आगे-पीछे दस बार चलाना और सीधे-उलटे घुमाना |

4- घुटनों की कटोरियां की मांसपेशियों को खींचना और ढीला छोड़ना - 100 बार |

5- अधिक दर्द न हो तो गद्दे पर 5 मिनट पद्मासन या वज्रासन करें |

6- पेट के बल लेटकर मकरासन की स्थिति बनाकर एक पैर का घुटना मोड़कर ऊपर हिस्से को गोल 10-10 बार सीधे-उलटे घुमाएं |

7- पीठ के बल लेटकर एक-एक पैर बिना घुटने से मोड़े 90 डिग्री पर उठाने का प्रयत्न करें पांच-पांच बार एक-एक पैर उठाएं |

यौगिक साइकिलिंग-
---------------------

1- पीठ के बल लेटकर एक-एक पैर को साइकिल जैसे चलाएं. अभ्यस्त हो जाने पर दोनों पैरों से लेटे-लेटे साइकिलिंग सीधे-उलटे 25 से 50 बार करें, उपरांत शवासन करें |

2- सवेरे भूखे पेट तीन चार अखरोट की गिरियां निकालकर कुछ दिन खाने मात्र से घुटन का दर्द समाप्त हो जाता है |






शरीर और साँसों में बदबू आने के आंतरिक और बाह्य दोनों तरह के कारण हो सकते हैं। एक तो खान-पान की गड़बड़ी या किसी रोग की वजह से बदबू आ सकती है, दूसरे शरीर और दाँतों व मुँह की साफ़-सफ़ाई में की जा रही लापरवाही से भी बदबू की समस्या पैदा हो सकती है। बदबू की समस्या के यदि शारीरिक विकार, जैसे कि -दाँतों, मसूड़ों की ख़्ाराबी, पेट की गड़बड़ी, टॉन्सिल की सूजन-पस, नाक व साइनस विकार, श्वासनली व फेफड़ों के विकार, मुँह के छाले, रक्त की कमी, मधुमेह, यकृत-गुर्दों की बीमारी, पीनस आदि कारण हों तो आहार-विहार ठीक रखते हुए आवश्यक उपचार करना चाहिए और यदि बाह्य कारण हों, तो साफ़-सफ़ाई का ध्यान रखते हुए निम्न उपाय अपनाए जा सकते हैं-
**
बेलपत्र, आँवला, हरड़ चूर्ण मिलाकर शरीर में लेप करके कुछ देर बाद धो दें। इससे शरीर और पसीने की दुर्गंध से छुटकारा मिलता है।
**
सुपारी, जायफल, शीतलचीनी, कपूर, लौंग तथा लता कस्तूरी को पान में रखकर ज़रा सा चूना लगाकर चबाने से मुख शुद्धि होती है तथा दुर्गंध ख़त्म होती है। यह पान मसूड़े, दाँत तथा जीभ के लिए भी हितकारी है। ध्यान रखने योग्य इतना सा है कि रक्त-पित्त के रोगियों, बहुत दुर्बल, भूखे, प्यासे तथा मूच्र्छा से पीड़ित लोगों के लिये पान सेवन वर्जित है।
**
साँस में बदबू आती हो तो ऐसे लोगों को नीम की दातून नियमित करनी चाहिए। इसके अलावा खाने के बाद मुँह अच्छी तरह साफ़ रखें।
**
दो चम्मच शहद को 1 गिलास पानी में घोलकर गरारा करने से हफ्ते भर में मुँह की दुर्गन्ध से आसानी से छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ दाँत की सफ़ाई और खान-पान पर भी ध्यान दें तो उत्तम है।
**
मुँह की दुर्गंध दूर करने के लिए दोनों समय भोजन के बाद अथवा यदा-कदा सौंफ़ चबाना चाहिए। इससे हाज़मा भी दुरुस्त होता है।
**
चंदन, मुक्ता, हरड़, नागरमोथा, उशीर व लोध्र का लेप बनाकर शरीर में लगाने से दुर्गंध की समस्या से निजात मिलती है।
**  
कूठ, हरड़ और नागरपान समान मात्रा में पीसकर पानी के साथ लेप बनाकर शरीर में लगाने से दुर्गंध आनी बंद होती है।
**
वच, कूठ, तज, छोटी इलायची, कमल की जड़, नागकेसर सभी सममात्रा में लेकर कपड़छन चूर्ण बनाएं और शहद में मिलाकर 250 मि. ग्रा. की गोलियाँ बना लें।
इन गोलियों को चूसने से मुँह की दुर्गंध दूर होकर सुगंध आने लगती है।
**
लोध्र, अनार का छिलका, रीठे के पत्ते, धाय के फूल एक में मिलाकर पीसकर लेप करने से शरीर की दुर्गंध मिटती है
***



13 April 2023
20:27
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

​मेथी से सफेद पानी का इलाज👇

तीन चम्‍मच मेथीदाना को आधे घंटे तक एक लीटर पानी में उबालें। इसके बाद पानी को छानकर पानी को ठंडा होने के लिए रख दें और फिर इस पानी को पीएं। लिकोरिया में मेथीदान योनि के माइक्रोफ्लोरा और पीएच के स्‍तर को संतुलित रखने में मदद करता है।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
केले से सफेद पानी का इलाज 👇
रोज सुबह एक पका केला खाएं और बेहतर परिणाम के लिए केले के साथ घी लें। चीनी या गुड़ के साथ केला लेना भी फायदेमंद रहता है। केला योनि से हानिकारक सूक्ष्‍मजीवों को बाहर निकालता है।

धनिए के बीज👇
10 ग्राम धनिया के बीजों को रातभर के लिए 100 मि.ली पानी में भिगो दें। सुबह खाली पेट इस पानी को छानकर पी लें। धनिये के बीजों का पानी पीने से शरीर से विषाक्‍त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं और शरीर स्‍वस्‍थ रहता है। आप एक हफ्ते तक ये नुस्‍खा आजमा कर देख सकती हैं।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
​ चावल और पानी का काढ़ा👇
सदियों से योनि से सफेद पानी आने के घरेलू उपाय के रूप में चावल और पानी के काढ़े का इस्‍तेमाल किया जाता रहा है। एक लीटर पानी में चावल उबाल लें और फिर इसे ठंडा होने के लिए रख दें। अब इस पानी को पी लें। बेहतर और जल्‍दी परिणाम पाने के लिए चावल के पानी में जंबुल ( जामुन) के बीजों का पाउडर भी मिला सकती हैं। Health_Beautys_Tips@vkmagzine

​ आंवला👇
एक से दो चम्‍मच आंवले पाउडर को शहद में मिलाकर एक गाढ़ा पेस्‍ट बना लें। आपको इसे दिन में दो बार खाना है। इसके अलावा एक कप पानी में एक चम्‍मच आंवले का पाउडर डालकर आधा होने तब उबाल लें। स्‍वाद के लिए इस काढ़े में शहद या चीनी भी मिला सकते हैं। रोज सुबह खाली पेट कच्‍चा आंवला खाना भी लाभकारी होता है।

​लिकोरिया बीमारी का घरेलू नुस्खा
पानी पीना👇
ज्‍यादा पानी पीने से संक्रमित बैक्‍टीरिया शरीर से बाहर निकल जाता है। दिनभर में कम से कम 2 से 3 लीटर पानी पीएं। जब भी जरूरत लगे पेशाब करने जरूर जाएं। ज्‍यादा देर तक पेशाब करने रोकने से बैक्‍टीरिया जमने लगते हैं। नींबू मूत्रवर्द्धक होता है इसलिए आप नींबू पानी भी पी सकती हैं।
👇 Health_Beautys_Tips@vkmagzine
अगर आपको वजाइना में इंफेक्‍शन के कारण योनि से अधिक डिस्‍चार्ज हो रहा है तो इस स्थिति में आपको तुरंत स्‍त्री रोग विशेषज्ञ को दिखाना 🙏
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
अगर पोस्ट पसंद आई है तो एक प्यारा सा इमोजी अवश्य प्रदान करें!
🇮🇳🇮🇳 जय हिंद 🇮🇳🇮🇳



सफेद पानी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें आपको बताई जाएंगी next post -: पोस्ट पर 30+ इमोजी 🙏
14 April 2023
22:50
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


15 April 2023
22:35
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

और आप लोग ऐसा बार-बार करते रहते हैं तो ऐसा करने से भी आपको सफेद पानी की समस्या बन सकती है!
👉 अगर आप हस्तमैथुन एक हद से ज्यादा करती हैं तो भी आप को सफेद पानी की समस्या हो सकती है!
धीरे-धीरे यह समस्या एक गंभीर रूप धारण कर लेगी इसलिए आपको फिजिकल रिलेशन के बारे में ज्यादा नहीं सोचना चाहिए और ना ही हद से ज्यादा हस्तमैथुन करना चाहिए!
👉 अगर आप गलत वीडियो देखते हैं तो वह भी आपको नहीं देखनी चाहिए!
-- अगर आपके अंदर यह तीनों☝ आदतें हैं तो उन्हें अभी छोड़ दीजिए यदि आप इन तीन habit को नहीं छोड़ते हैं तो सफेद पानी की कोई भी दवाई कारगर साबित नहीं होगी! Health_Beautys_Tips@vkmagzine
⚡Note -: आप से उम्मीद की जाती है कि आप पोस्ट पर कोई गलत कमेंट नहीं करेंगे यदि आपको इन सभी पोस्ट से लाभ हो रहा है तो अपने मित्रों को ज्यादा से ज्यादा इस चैनल से जोड़ें!
और हमारी पोस्ट को अच्छे-अच्छे इमोजी दें जिससे कि हमें भी पोस्ट करना अच्छा लगे हम आपके लिए इतनी सारी पोस्ट लेकर आते हैं उसके बावजूद आप लोग एक इमोजी देने में भी संकोच करते हैं!
हमें प्रोत्साहित करने के लिए आपका एक इमोजी ही काफी है !
आपको अगली पोस्ट किस बारे में चाहिए कमेंट करके बताएं !
🇮🇳जय हिंद🇮🇳
Join our free study channel👇

16 April 2023
22:18
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

👉आधा टब गुनगुने पानी में शैम्पू, दो चम्मच नमक और दो निम्बू का रस डालकर 20 मिनट पैरों को डुबोयें।

👉चावल का आटा, बेसन, कॉफी
हल्दी और दही का स्क्रब बनाकर 5 मिनट पैरों को स्क्रब करें।

👉ऐसा सप्ताह में दो बार करने से पैरों का कालापन दूर होगा और
पैर साफ व गोरे होंगें।

👉स्क्रब करने के बाद इसे 20 मिनट के लिए ऐसे ही छोड़ दें। और फिर सादे पानी से पैरों को धो लें।



17 April 2023
21:28
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

1. नींबू

सामग्री :

एक ताजा नींबू का रस

तीन-चार चम्मच पानी

विधि :

दोनों सामग्रियों को मिलाकर चेहरे पर लगाएं।

कुछ देर बाद चेहरे को ठंडे पानी से धो लें।

कैसे फायदेमंद है :

रंग साफ करने के आसान घरेलू उपाय में पहला नाम नींबू का है। बताया जाता है कि नींबू का अर्क प्राकृतिक स्किन वाइटनिंग एजेंट की तरह काम कर सकता है। इसमें ब्लीचिंग गुण होता है, जो त्वचा का रंग हल्का करने में सहायक हो सकता है। इस कारण नींबू का उपयोग कई स्किन लाइटनिंग उत्पादों में किया जाता है (1)। ध्यान दें कि नींबू के पैक को त्वचा पर लगाने के बाद कभी भी कुछ घंटे धूप में न निकलें।



18 April 2023
23:03
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


19 April 2023
16:12
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


20 April 2023
21:52
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


21:52
Photo
://t.me/+gQAzkdGnSABmMTQ1
21 April 2023
12:54
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

पढ़ा हुआ याद कैसे रहेगा⚡
21:19
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


22 April 2023
18:05
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

चंदन, गुलाब जल, पोदीने का रस एवं अंगूर का रस मिलाकर पेस्ट पेस्ट बनाएं और उसे चेहरे पर लगाएं।

कुछ देर बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें। इस फेस पैक से चेहरे की झुर्रियां मिटती है!


23 April 2023
18:08
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
सकते हैं-
1. मुल्तानी मिट्टी
पिम्पल्स के लिए मुल्तानी मिट्टी वरदान है। त्वचा से अत्याधिक तेल और गंदगी हटाने में मुल्तानी मिट्टी बेहद कारगर है। इसे रोज नहाते समय गुलाबजल में मिलाकर चेहरे पर लगाएं। पिम्पल्स चेहरे से यूं गायब होंगे जैसे कभी थे ही नही। यदि आप खड़ी मुल्तानी मिट्टी ले रहे हैं तो उसे रातभर गुलाबजल में भीगकर रखें। लगते समय उसमें थोड़ा नींबू मिला लीजिए। इस मिश्रण से आपके पिम्पल्स बहुत जल्दी सूख जाएंगे।
2. टूथपेस्ट
पिम्पल्स को हटाने के लिए वाइट टूथपेस्ट काफी असरदार है। यह बर्फ की तरह काम करता है। त्वचा जलने पर भी इसे लगाया जाता है। मगर ध्यान रहे कि टूथपेस्ट जेल वाला न हो अन्यथा आपको जलन हो सकती है। इसमें बेकिंग सोडा, हाइड्रोजन पेरोक्साइड और ट्राइक्लोसैन जैसे पदार्थ मौजूद होते हैं, जिसकी वजह से मुंहासें जल्दी सूख जाते हैं। इसे प्रतिदिन दो बार लगाएं। उसके बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें।
3. ओटमील
ओटमील स्वास्थ्यवर्धक है। यह पेट को ठंडा रखने के साथ आपको देता है भरपूर फाइबर। ओटमील फेसपैक से पिम्पल्स बहुत जल्दी ठीक होते हैं। शायद आप नही जानते होंगे कि यह हमारी त्वचा के रोमछिद्रों को शुद्ध करने साथ उससे अतिरिक्त तेल को अवशोषित करने में भी मददगार है। इसे शहद और नींबू के रस के साथ मिलाकर लगाएं, निश्चित रूप से पिम्पल्स जल्दी खत्म हो जाएंगे।
4. एलोवेरा जेल
एलोवेरा के एक नहीं, कई आयुर्वेदिक गुण हैं। इसे खाया भी जा सकता है और लगाया भी जा सकता है। त्वचा संबंधी रोगों के लिए यह अतिउत्तम है। इसका नियमित रूप से इस्तेमाल करने से पिम्पल्स को जड़ से खत्म किया सकता है। यह एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है। इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण पिम्पल्स को बहुत जल्दी ठीक करने में सहायता करते हैं। एलोवेरा को रात में सोते वक्त लगाएं। यदि आपके पास विटामिन ई के कैप्सूल उपलब्ध हैं तो उसे इसमें मिलाकर लगाएं।
5. नीम
पिम्पल्स ठीक करने के लिए यह एक बेहद प्रभावी औषधि है। इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीइंफ्लेमेटरी तीनों ही गुण पाए जाते हैं। नीम को पीसकर उनका पेस्ट तैयार कर लें और एप्पल साइडर विनेगर व शहद के साथ मिलाकर लगाएं। विनेगर की जगह नींबू भी इस्तेमाल कर सकते हैं। घर पर जो आसानी से मिल जाए उसे ही इस्तेमाल करें। इसे रोजाना चेहरे पर लगाएं,पिम्पल्स बहुत जल्दी ठीक हो जाएंगे। इसके अलावा आप नीम का पानी भी तैयार कर सकते हैं। इसे आइसट्रे में डाल दें और उन क्यूब्स को चेहरे पर हल्के हाथ से रगड़ें।
पिम्पल्स से बचाव - ( Pimples Prevention Tips In Hindi)
पिम्पल्स का उपाय का सबसे बेहतर तरीका है उससे बचाव। बचाव के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है-
रोजाना चेहरे को कम से कम तीन बार 5 मिनट तक ठंडे पानी से धोएं।
दिनभर में लगभग 10 से 12 गिलास पानी पीएं।
संतुलित आहार लें। वसायुक्त भोजन और जंकफूड से परहेज करें।
चेहरे के लिए योग और कसरत करें।
ग्रीजी और ऑयली मेकअप से बचें।
15 दिन में एक बार फ्रूट क्रीम से मसाज करें और हर हफ्ते स्क्रब करें।
मसाज से ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स मुलायम हो जाएं और मुलायम पड़ने पर यह आसानी से निकल जाते हैं।
फ्रूट क्रीम के लिए मलाई को पपीते और शहद के साथ मिलाकर पेस्ट तैयार करें। वहीं स्क्रब के लिए चीनी और कॉफी का इस्तेमाल करें।
ध्यान रहे कि मवाद और पानी वाले मुंहासों पर मसाज न करें। उनके लिए होममेड पेस्ट ही उपयोग में लाएं।
धूप में ज्यादा देर तक न रहें।
टी ट्री ऑयल लगा सकते हैं।
तनाव से दूर रहें।
पिम्पल्स से बचाव के लिए क्या खाएं और क्या न खाएं - ( Diet For Pimples In Hindi)
पिम्पल्स के लिए पीले और नारंगी रंग के फल व सब्जियां ही खाएं। अत्याधिक कैलोरी वाले फलों से परहेज करें। हालांकि आम पीला फल है, लेकिन उसमें कैलोरी बहुत ज्यादा होती है। टमाटर को त्वचा पर लगाकर जितना फायदा है उतना खाने में भी है। पालक और दाल जरूर खाएं। इनमें फाइबर होता है। कद्दू और लौकी खाएं। फलों में चीकू, आम और केला नही खाने हैं आपको, बाकी सब खा सकते हैं। कद्दू के बीज भी इसमें फायदा पहुंचता है। तरल पदार्थ ज्यादा से ज्यादा लें। ऑयली फूड, चॉकलेट [5] और जंक फूड न खाएं। हाई फैट फूड और ज्यादा मीठी चीज़ों से परहेज करें।


24 April 2023
22:46
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


25 April 2023
22:30
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

26 April 2023
20:51
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

ताजा प्याज और लहसुन आपके रक्त (और हृदय स्वास्थ्य) के लिए क्यों अच्छे हैं

वैज्ञानिकों ने साबित किया है कि ताजा प्याज और लहसुन रक्त को पतला करने में सफलतापूर्वक मदद करते हैं जो उच्च धमनी दबाव वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है (या जब यह बहुत अस्थिर होता है)। ये सब्जियाँ तथाकथित खराब रक्त को भी कम करती हैं और "अच्छे" कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाती हैं। इसमें से अधिक फ्री रेडिकल क्षति से एंजाइम सिस्टम के लिए एक बड़ी सुरक्षा है।

तो कितनी बार प्याज और लहसुन खाना चाहिए? बेशक, यह आपके अपने स्वाद और शरीर की जरूरतों पर निर्भर करता है। लेकिन आप निश्चित रूप से अपने स्वास्थ्य में सुधार की उम्मीद कर सकते हैं, भले ही आप अपने सलाद में डाल दें (आप उन्हें वैसे भी खाते हैं, है ना?) आधा छोटा प्याज या एक लहसुन लौंग (स्लाइस किया जा सकता है या तोड़ा जा सकता है)। हर रोज किसी भी तरह के सलाद के साथ या आप एक टेस्टी सैंडविच भी बना सकते हैं. यदि आप इसकी गंध से डरते हैं (या किसी और को इससे डराना नहीं चाहते हैं) तो इनकैप्सुलेटेड लहसुन सप्लीमेंट्स का उपयोग करें।


27 April 2023
20:31
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


28 April 2023
22:18
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


29 April 2023
23:07
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


30 April 2023
22:28
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

शरीर और साँसों की बदबू भगाइए

शरीर और साँसों में बदबू आने के आंतरिक और बाह्य दोनों तरह के कारण हो सकते हैं। एक तो खान-पान की गड़बड़ी या किसी रोग की वजह से बदबू आ सकती है, दूसरे शरीर और दाँतों व मुँह की साफ़-सफ़ाई में की जा रही लापरवाही से भी बदबू की समस्या पैदा हो सकती है। बदबू की समस्या के यदि शारीरिक विकार, जैसे कि -दाँतों, मसूड़ों की ख़्ाराबी, पेट की गड़बड़ी, टॉन्सिल की सूजन-पस, नाक व साइनस विकार, श्वासनली व फेफड़ों के विकार, मुँह के छाले, रक्त की कमी, मधुमेह, यकृत-गुर्दों की बीमारी, पीनस आदि कारण हों तो आहार-विहार ठीक रखते हुए आवश्यक उपचार करना चाहिए और यदि बाह्य कारण हों, तो साफ़-सफ़ाई का ध्यान रखते हुए निम्न उपाय अपनाए जा सकते हैं-
**
बेलपत्र, आँवला, हरड़ चूर्ण मिलाकर शरीर में लेप करके कुछ देर बाद धो दें। इससे शरीर और पसीने की दुर्गंध से छुटकारा मिलता है।
**
सुपारी, जायफल, शीतलचीनी, कपूर, लौंग तथा लता कस्तूरी को पान में रखकर ज़रा सा चूना लगाकर चबाने से मुख शुद्धि होती है तथा दुर्गंध ख़त्म होती है। यह पान मसूड़े, दाँत तथा जीभ के लिए भी हितकारी है। ध्यान रखने योग्य इतना सा है कि रक्त-पित्त के रोगियों, बहुत दुर्बल, भूखे, प्यासे तथा मूच्र्छा से पीड़ित लोगों के लिये पान सेवन वर्जित है।
**
साँस में बदबू आती हो तो ऐसे लोगों को नीम की दातून नियमित करनी चाहिए। इसके अलावा खाने के बाद मुँह अच्छी तरह साफ़ रखें।
**
दो चम्मच शहद को 1 गिलास पानी में घोलकर गरारा करने से हफ्ते भर में मुँह की दुर्गन्ध से आसानी से छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ दाँत की सफ़ाई और खान-पान पर भी ध्यान दें तो उत्तम है।
**
मुँह की दुर्गंध दूर करने के लिए दोनों समय भोजन के बाद अथवा यदा-कदा सौंफ़ चबाना चाहिए। इससे हाज़मा भी दुरुस्त होता है।
**
चंदन, मुक्ता, हरड़, नागरमोथा, उशीर व लोध्र का लेप बनाकर शरीर में लगाने से दुर्गंध की समस्या से निजात मिलती है।
**  
कूठ, हरड़ और नागरपान समान मात्रा में पीसकर पानी के साथ लेप बनाकर शरीर में लगाने से दुर्गंध आनी बंद होती है।
**
वच, कूठ, तज, छोटी इलायची, कमल की जड़, नागकेसर सभी सममात्रा में लेकर कपड़छन चूर्ण बनाएं और शहद में मिलाकर 250 मि. ग्रा. की गोलियाँ बना लें।
इन गोलियों को चूसने से मुँह की दुर्गंध दूर होकर सुगंध आने लगती है।
**
लोध्र, अनार का छिलका, रीठे के पत्ते, धाय के फूल एक में मिलाकर पीसकर लेप करने से शरीर की दुर्गंध मिटती है
***



health_beautys_tipS@vkmagzine
1 May 2023
22:11
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
नीचे की तरफ गिरे और सफेद निशान बन जाए तो दूध पूरी तरह से शुद्ध है।

2 दूध में डिटर्जेंट की मिलावट को पहचानने के लिए, दूध की कुछ मात्रा को एक कांच की शीशी में लेकर जोर से हिलाइए। अगर दूध में झाग निकलने लगे तो इस दूध में डिटरर्जेंट मिला हुआ है। अगर यह झाग देर तक बना रहे, तो दूध के नकली होने में कोई संशय नही है।

3 दूध को सूंघकर देखें। अगर दूध नकली है, तो उसमें साबुन की तरह गंध आएगी, और अगर दूध असली है, तो उसमें इस तरह की गंध नहीं आती।

4 दूध को दोनों हाथों में लेकर रगड़कर देखें। अगर दूध असली है, तो सामान्य तौर पर चिकनाहट महसूस नहीं होगी। लेकिन अगर दूध नकली है, तो इसे रगड़ने पर बिल्कुल वैसी ही चिकनाहट महसूस होगी, जैसी कि डिटर्जेंट को रगड़ने पर होती है।

5 दूध को देर तक रखने पर, असली दूध अपना रंग नहीं बदलता है। जबकि दूध अगर नकली है, तो वह कुछ समय बाद पीला पड़ने लगेगा।

6 असली दूध को उबालने पर उसका रंग बिल्कुल नहीं बदलेगा, लेकिन नकली दूध का रंग उबलने पर पीला हो जाएगा।

7 सिंथेटिक दूध में अगर यूरिया मिला हुआ है, तो वह गाढ़े पीले रंग का हो जाता है।

8 स्वाद के मामले में असली दूध हल्का-सा मीठा स्वाद लिए हुए होता है, जबकि नकली दूध का स्वाद डिटर्जेंट और सोडा मिला होने की वजह से कड़वा हो जाता है।
Emoji plzz 30+
Join fast 👇👇


2 May 2023
22:01
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


*"अलसी एक अमृतमयी चमत्कारी औलषधी :"*

 
*विविध नाम :*
अलसी, फ्लेक्स सीड्स, लिन सिड्स वगैरा ईसके नाम हैं।

दोस्तों,
अलसी से सभी परिचित होंगे लेकिन ईसके चमत्कारी फायदे से बहुत ही कम लोग जानते हैं।

हम आज अलसी के फायदे के बारे में जो बता रहें हैं उनके बारे में जानकर और अपनाकर आप जरुर रोग मुक्त हो जायेगें।

अलसी शरीर को स्वस्थ रखती है व आयु बढ़ाती है। अलसी में 23℅ ओमेगा-3 फेटी एसिड, 20℅ प्रोटीन, 27℅ फाइबर, लिगनेन, विटामिन बी ग्रुप, सेलेनियम, पोटेशियम, मेगनीशियम, जिंक आदि होते हैं।

अलसी में रेशे भरपूर 27% पर शर्करा 1.8% यानी नगण्य होती है। इसलिए यह शून्य-शर्करा आहार कहलाती है और मधुमेह रोगियों के लिए आदर्श आहार है।

*ब्लड शुगर :*
अगर किसीको ब्लड शुगर, (डायाबिटिज) की तकलीफ है तो आपके लिये अलसी किसी वरदान से कम नहीं है।

सुबह खाली पेट २ चमच अलसी लेकर, २ ग्लास पानी में उबालें जब आधा पानी बचे तब छानकर पियें।

*थाईराईड :*
सुबह खाली पेट २ चमच अलसी लेकर २ ग्लास पानी में उबालें, जब आधा पानी बचे तब छानकर पियें।

यह दोनों प्रकार के थाईराईड में बढ़िया काम करती है।

*हार्ट ब्लोकेज :*
३ महिना अलसी का काढ़ा उपर बताई गई विधि के अनुसार करने से आपको ऐन्जियोप्लास्टि कराने की जरुरत नहीं पड़ती।

*लकवा, पैरालिसीस :*
पैरालिसीस होने पर ऊपर बताई गई विधि से काढ़ा पीने से लकवा ठीक हो जाता है।

*बालों का गिरना :*
अलसी को आधा चम्मच रोज सुबह खाली पेट सेवन करने से बाल गिरने बंद हो जाते हैं।

   *जोडों का दर्द :*
अलसी का काढ़ा पीने से जोड़ों का दर्द दूर हो जाता है। साईटिका, नस का दबना वगैरा में लाभकारी।

*अतिरिक्त वजन :*
अलसी का काढ़ा पीने से शरीर का अतिरिक्त वजन दूर होता है।  नित़्य इसका सेवन करें, निरोगी रहें।

*केन्सर :*
किसी भी प्रकार के केन्सर में अलसी का काढ़ा सुबह-शाम दो बार पिऐं जिससे असाधारण लाभ निश्चीत है।

*पेट की समस्या :*
जिन लोगों को बार-बार पेट के जुड़े रोग होते हैं उनके लिये अलसी रामबाण ईलाज है। अलसी कब्ज, पेट का दर्द आदि में फायदाकारक है।

*बालों का सफेद होना :*
१ व्यक्ति ने मुझे बताया कि उसने मेरे बताने के अनुसार ३ महिने अलसी का काढा पीया तो उसके सफेद बाल भी धीरे-धीरे काले होने लगे।

*सुस्ति, आलस, कमजोरी*
अलसी का काढा पीने से सुस्ती, थकान, कमजोरी दूर होती है।

*किसी भी प्रकार की गांठ :*
सुबह शाम दो समय अलसी का काढ़ा बनाकर पीने से शरीर में होने वाली किसी भी प्रकार की गांठ ठीक हो जाती है।

*श्वास-दमा कफ, ऐलर्जीँ :*
अलसी का काढ़ा रोज सुबह शाम २ बार लेने से श्वास, दमा, कफ, ऐलर्जीँ के रोग ठीक हो जाते हैं।

*ह्दय की कमजोरी :*
ह्दय से जुड़ी किसी भी समस़्या में अलसी का काढ़ा रामबाण ईलाज है।

जिन लोगों को ऊपर बताई गई समस़्या में से १ भी तकलीफ है तो आपके पास ईसका रामबाण ईलाज के रुप में अलसी का काढा है। कृप्या आप इसका सेवन करें आैर स्वस्थ रहें।

*कैसे बनायें काढा :*
2 चमच अलसी + 3 ग्लास पानी मिक्स करके उबालें। जब अाधा पानी बचे तब छानकर पियें।

इस प्रयोग से असंख्य लोगों को बहुत ही लाभ मिला है।
Next post after 31 emojis


5 May 2023
06:20
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


6 May 2023
23:43
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

3-- बबासीर होने की सम्भावना लगती हो तो पथरचटे के हरे पत्ते रोजाना सबेरे चबा कर खाएँ .
4-- किडनी फेल होने का डर हो तो हरे धनिये का रस प्रात: खाली  पेट पिएँ.
5-- पित्त की शिकायत का भय हो तो रोज़ाना सुबह शाम आंवले का रस पिएँ.
6-- सर्दी - जुकाम की सम्भावना हो तो नियमित कुछ दिन गुनगुने पानी में थोड़ा सा हल्दी चूर्ण डालकर पिएँ.
7-- गंजा होने का भय हो तो बड़ की जटाएँ कुचल कर नारियल के तेल में उबाल कर छान कर,रोज़ाना स्नान के पहले उस तेल की मालिश करें.
8-- दाँत गिरने से बचाने हों तो फ्रिज और कूलर का पानी पीना बंद कर दें .
9-- डायबिटीज से बचाव के लिए तनावमुक्त रहें, व्यायाम करें, रात को जल्दी सो जाएँ, चीनी नहीं खाएँ , गुड़ खाएँ.
10--किसी चिन्ता या डर के कारण नींद नहीं आती हो तो रोज़ाना भोजन के दो घन्टे पूर्व 20 या 25 मि. ली. अश्वगन्धारिष्ट ,200 मि. ली. पानी में मिला कर पिएँ .
          किसी बीमारी का भय नहीं हो तो भी -- 15 मिनिट अनुलोम - विलोम,  15 मिनिट कपालभाती, 12 बार सूर्य नमस्कार करें.
          स्वयं के स्वास्थ्य के लिए इतना तो करें .✍🏻


7 May 2023
22:36
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


11 May 2023
23:37
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
सीधे बालों की जड़ों में लगाएं। आप करी पत्तों को खा भी सकते हैं, इससे आपके बाल काले, लंबे और घने हो जाएंगें। साथ ही,बालों की जड़ें भी मज़बूत होंगी। करी पत्ता में विटामिन बी1, बी3, बी9, और सी होता है। इसके अलावा इसमें आयरन, कैल्शियम और फॉस्फोरस पाया जाता है। इसके रोज़ाना सेवन से आपके बाल काले लंबे और घने होने लगेंगे। यही नहीं डैंड्रफ की समस्या भी नहीं होगी।

करी पत्ता का इस्तेमाल
🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿
करी पत्तों को सूखा लें। सूखने के बाद पत्तों का पाउडर बना लें। अब 200 एम एल नारियल के तेल में या फिर जैतून के तेल में लगभग 4 से 5 चम्मच करी पत्तों का पाउडर मिक्स कर के उबाल लें। अच्छे से उबलने के बाद तेल को ठंडा होने के लिए रख दें। फिर तेल को छानकर किसी एयर टाइट बोतल में भर कर रख लें। सोने से पहले रोज रात को यह तेल लगाएं। यदि इस तेल को गुनगुना कर लगाया जाए तो जल्दी असर दिखेगा। अगली सुबह बालों को नेचुरल शैंपू से धो लें।बहुत लाभ मिलेगा।

बालों के लिए बनाएं मास्क
🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿
करी पत्तों को पीसकर पेस्ट बना लें।इसमें थोड़ा दही मिलाएं और अपने बालों पर लगाएं। अब मिश्रण को बालों में 20-25मिनट के लिए छोड़ दें, फिर शैंपू से बालों को धो दें। ऐसा नियमित रूप से करने पर बाल काले और घने हो होने लगेंगे।

करी पत्ते की चाय बनाएं
🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿
करी पत्ते को पानी में उबाल लें। अब इसमें एक नींबू निचोड़ लें और चीनी मिलाएं। इस तरह चाय बनाकर एक हफ्ते तक पिएं। यह चाय आपके बालों लंबा, घना, बनाएगी। साथ ही, बालों को सफ़ेद होने से बचाएगी। साथ ही, डायजेस्टिव सिस्टम को भी स्वस्थ रखेगी।
करी पत्तों का तेल बनाने का तरीका
करी पत्तों को पहले सूखा लें। अब नारियल का तेल लें उसे गरम करें। फिर सुखे हुए करी पत्तों को गरम नारियल तेल में डालें और इसे तब तक गरम होने दें जब तक नारियल तेल का रंग न बदलने लगे। अब इसे ठंडा कर लें। और करी पत्तों को इस तेल में हाथों से मैश करें। इस तेल को छानकर आप इसे किसी बोतल में रख लें। और इसका इस्तेमाल करें।

करी पत्ता से चेहरे की चमक बढ़ाना
🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿
पुराने समय से ही चेहरे पर प्राकृतिक ग्लो लाने के लिए करी पत्तों का इस्तेमाल किया जाता रहा है। करी पत्ते चेहरे की रौनक और रंगत को बढ़ाते हैं। इसका इस्तेमाल आप फेस पैक के रूप में भी कर सकते हो। यह चेहरे की समस्याएं जैसे चेहरे का रूखापन और फाइन लाइन को दूर करता है।
करी पत्तों का फेस पैक बनाने का तरीका
धूप में करी पत्तों को सुखा लें और उन्हें महीन पीसकर इसका पाउडर बना लें। अब इसमें गुलाबजल और थोड़ी सी मुलतानी मिट्टी को मिला लें और नारियल तेल या कोई भी तेल इसमें मिला लें। अब आप इसे चेहरे पर लगाकर 20 मिनट के लिए छोड़ दें। फिर ठंडे पानी से चेहरा साफ कर लें।

करी पत्ता पिंपल और एक्ने से दिलाए निजात
🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿
ज्यादातर महिलाएं पिंपल्स से परेशान रहती हैं और इस वजह से वे कहीं नहीं जा पाती हैं। लेकिन अब करी पत्ते आपको इस समस्या से ज्लद ही छुटकारा दिलवाएगें और चेहरा साफ और सुंदर भी बनेगा।

करी पत्ता कैसे करें प्रयोग
🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿
हरी करी पत्तों को पानी से अच्छे से साफ करें और इसे मिक्सर ग्राइंडर में डालकर पीस लें। अब इस पेस्ट में थोड़ा सा नींबू का रस मिलाएं। और चेहरे पर पिंपल व एक्ने वाली जगह पर लगाएं। 15 मिनट तक लगाकर इसे पानी से धो लें। कुछ दिनों तक एैसा करने से एक्ने और पिंपल की समस्या जड़ से खत्म हो जाएगी।

रूसी और झड़ते बालों के लिए
🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿
थोड़े से करी पत्ते लें और दूध के साथ घोटकर उसका लेप तैयार कर लें फिर इस लेप को सिर के बीचों बीच यनि स्कैल्प पर से लगाना शूरू कर दें। अब इसे 20 मिनट तक सूखने दें। फिर साधे पानी से सिर धो लें। एैसा कुछ हप्तों तक करने से बाल वापस उगने लगेगें और रूसी भी खत्म हो जाएगी।

करी पत्ता (का भोजन में प्रयोग) के फायदे
🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿
1. पेट संबंधी रोगों में करी पत्तों का इस्तेमाल फायदेमंद होता है। इसके लिए इसे दाल मे तड़का लगाते समय या साउथ इंडियन फूड बनाते समय भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

2. भोजन में करी पत्ते के प्रयोग से पाचन क्रिया भी दुरूस्त रहती है।

3. करी पत्ता मोटापे की समस्या को दूर करता है। रोजाना इन पत्तों को चबाने से वजन कम होता है।

4. मुंह में छाले और सिरदर्द की समस्या में ताजा करी पत्तों को चबाने से लाभ होता है।

5. करी पत्ते में आयरन, कैल्शियम और फॉस्फोरस भरपूर मात्रा में होता है जिससे इन्हें प्रयोग करने से बाल सफेद नहीं होते।

6. यह सीने से कफ को बाहर निकालता है। लाभ के लिए एक चम्मच शहद को एक चम्मच करी पत्ते के रस में मिलाकर प्रयोग करें।
13 May 2023
10:53
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


17 May 2023
19:36
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

जो व्यक्ति एक घुटना मोड़ता है उसका वही घुटना दर्द करता है और दूसरा ठीक रहता है. इसके अलावा दैनिक जीवन में चलने-फिरने, चढ़ाव चढ़ने, सैर करने, व्यायाम करने, व्यायाम करने से घुटनों के जोड़ों में स्थित कारटीलेज का क्षय होता है इसकी क्षतिपूर्ति रात्रि को घुटनों के सीधे रखने एवं रक्तसंचार सुचारू रूप से संभव है कारटीलेज में द्रव या कोलोजन रक्त प्रवाह के अभाव में आपस में जुड़ने लगती है. रोगी को खडे होने पर अपना वजन ढोना और चलते समय संतुलन बनाना मुश्किल लगता है. हड्डियां आपस में टकराकर टेढ़ी होने लगती हैं. रोगियों को घुटनों पर नीकैप या क्रेप बैंडेज बांधकर रात्रि सोने की सलाह दी जाती है. घुटनों के अधिक दर्द में वज्रासन या पद्मासन वर्जित माना जाता है |

कारण
-------

* घुटने के दर्द की मुख्य वजह, खून में युरिक एसिड के लेविल का बढना है| इसे शरीर से बाहर निकालने के लिये रोगी को दो बातों का अनुसरण करना हितकर होता है -

1- मौसम के मुताबिक तीन से छ: लिटर पानी पीने की आदत बनानी चाहिये |

2- हरी सब्जी और फल या इनका जूस का सेवन |

दर्द के अन्य कारण
-------------------

* घुटने पर बार-बार दबाव से सूजन (जैसे लंबे समय के लिए घुटने के बल बैठना, घुटने का अधिक उपयोग करना अथवा घुटने में चोट) बरसाइटिस कहते हैं |

* आपके घुटने में सामने की ओर दर्द जो सीढ़ियों अथवा चढ़ाव पर चढ़ते और उतरते समय बढ़ जाता है. यह धावकों, और साइकिल चलाने वालों को होता है | टेन्टीनाइटिस घुटने के पीछे पानी के भरने से सूजन, साथ आथर्राइटिस जैसे अन्य कारणों से सूजन भी हो सकती है | यदि सिस्ट फट जाती है तो आपके घुटने के पीछे का दर्द नीचे आपकी पिंडली तक पहुंच सकता है |

* घिसा हुआ काटिर्लेज घुटने के जोड़ के अंदर की ओर अथवा बाहर की ओर दर्द पैदा कर सकता है |

* झटका लगना अथवा मोच- अचानक अथवा अप्राकृतिक ढंग से मुड़ जाने के कारण लिगमेंट में मामूली चोट |

* जोड़ में संक्रमण (इंनफेक्शन)

* घुटने की चोट- आपके घुटने में रक्त स्राव हो सकता है जिससे दर्द अधिक होता है |

घरेलू देखभाल
----------------

1- आराम करें और ऐसे कार्यों से बचे जो दर्द बढ़ा देते हैं, विशेष रूप से वजन उठाने वाले कर्यों से बचें |

2- किसी भी प्रकार की सूजन को कम करने के लिए अपने घुटने को जहां तक संभव हो ऊपर उठा कर रखें |

3- कोई ऐसा बैंडेज अथवा एलास्टिक स्लीव पहनकर घुटने को धीरे धीरे दबाएं | (ये दोनों वस्तुएं लगभग सभी दवाइयों की दुकानों पर मिलती है) यह सूजन को कम कर सकता है और सहारा भी देता है (नी कैप की तरह)

4- अपने घुटनों के नीचे अथवा बीच में एक तकिया रखकर सोयें |

घुटनों के व्यायाम
------------------

1- घुटनों का संचालन जंघा से पैर को दोनों हाथों से ऊपर उठाकर घुटने से पैर को आगे-पीछे दस पंद्रह बार चलाना |

2- वहीं पकडे़ हुए घुटने के निचले हिस्से से गोल घुमाना 10-10 बार सीधे-उलटे |

3- पैर लंबे करके बैठें और टखनों को आगे-पीछे दस बार चलाना और सीधे-उलटे घुमाना |

4- घुटनों की कटोरियां की मांसपेशियों को खींचना और ढीला छोड़ना - 100 बार |

5- अधिक दर्द न हो तो गद्दे पर 5 मिनट पद्मासन या वज्रासन करें |

6- पेट के बल लेटकर मकरासन की स्थिति बनाकर एक पैर का घुटना मोड़कर ऊपर हिस्से को गोल 10-10 बार सीधे-उलटे घुमाएं |

7- पीठ के बल लेटकर एक-एक पैर बिना घुटने से मोड़े 90 डिग्री पर उठाने का प्रयत्न करें पांच-पांच बार एक-एक पैर उठाएं |

यौगिक साइकिलिंग-
---------------------

1- पीठ के बल लेटकर एक-एक पैर को साइकिल जैसे चलाएं. अभ्यस्त हो जाने पर दोनों पैरों से लेटे-लेटे साइकिलिंग सीधे-उलटे 25 से 50 बार करें, उपरांत शवासन करें |

2- सवेरे भूखे पेट तीन चार अखरोट की गिरियां निकालकर कुछ दिन खाने मात्र से घुटन का दर्द समाप्त हो जाता है |


19 May 2023
20:18
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

वजन को कम करने के आयुर्वेदिक एंड वैज्ञानिक उपाय


20 May 2023
07:21
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

3-- बबासीर होने की सम्भावना लगती हो तो पथरचटे के हरे पत्ते रोजाना सबेरे चबा कर खाएँ .
4-- किडनी फेल होने का डर हो तो हरे धनिये का रस प्रात: खाली  पेट पिएँ.
5-- पित्त की शिकायत का भय हो तो रोज़ाना सुबह शाम आंवले का रस पिएँ.
6-- सर्दी - जुकाम की सम्भावना हो तो नियमित कुछ दिन गुनगुने पानी में थोड़ा सा हल्दी चूर्ण डालकर पिएँ.
7-- गंजा होने का भय हो तो बड़ की जटाएँ कुचल कर नारियल के तेल में उबाल कर छान कर,रोज़ाना स्नान के पहले उस तेल की मालिश करें.
8-- दाँत गिरने से बचाने हों तो फ्रिज और कूलर का पानी पीना बंद कर दें .
9-- डायबिटीज से बचाव के लिए तनावमुक्त रहें, व्यायाम करें, रात को जल्दी सो जाएँ, चीनी नहीं खाएँ , गुड़ खाएँ.
10--किसी चिन्ता या डर के कारण नींद नहीं आती हो तो रोज़ाना भोजन के दो घन्टे पूर्व 20 या 25 मि. ली. अश्वगन्धारिष्ट ,200 मि. ली. पानी में मिला कर पिएँ .
          किसी बीमारी का भय नहीं हो तो भी -- 15 मिनिट अनुलोम - विलोम,  15 मिनिट कपालभाती, 12 बार सूर्य नमस्कार करें.
          स्वयं के स्वास्थ्य के लिए इतना तो करें .✍🏻




21:00
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

------------------------------------------
🪵🍃🪵🍃🪵🍃🪵

📒 हल्दी

एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होती है हल्दी। जो इस संक्रमण को बढ़ने से रोकती है। तो हल्दी में पानी मिलाकर गाढ़ा सा पेस्ट तैयार कर दाद वाली जगह पर लगाकर छोड़ दें, सूखने पर धो लें। बहुत जल्द इसका असर नजर आता है…


📕 टमाटर और नींबू

खूबसूरती बढ़ाने के अलावा दाद से छुटकारा दिलाने में भी टमाटर और नींबू का रस है बेहद कारगर, क्योंकि इसमें विटामिन सी पाया जाता है। जो स्किन से जुड़ी समस्याओं को दूर करता है और बचाता भी है। तो टमाटर के जूस का सेवन करें। और नींबू के रस के साथ इमली के बीज को पीस कर दाद पर लगाएं…


📗 नारियल तेल

नारियल के तेल में माइक्रोबियल और एंटीफंगल तत्व होते है। बरसों से नारियल तेल का इस्तेमाल स्किन से जुड़ी समस्याओं में ही नहीं बल्कि दाद के इलाज में भी किया जाता रहा है। तो इस्तेमाल से पहले इसे हल्का गर्म कर लें और फिर प्रभावित जगह पर लगाएं। दिन में दो से तीन बार यूज करें…


📘 नीम

नीम का तेल हो या इसकी पत्तियां का पेस्ट, दोनों ही दाद खत्म करने का सटीक इलाज हैं। आधे चम्मच नीम के पत्ते के पाउडर में एक चम्मच गर्म पानी मिलाकर पेस्ट बना लीजिए और इसे दाद पर लगाएं….


📙 लहसुन

लहसुन में एंटीफंगल गुण मौजूद होता है जो फंगल इंफेक्शन दूर करने में मदद करता है। लहसुन की दो से तीन कलियों का पेस्ट बनाएं। इसमें थोड़ा शहद और ऑलिव ऑयल भी मिला लें और दाद पर लगाएं। बेहद असरदार है ये नुस्खा...
___


हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
और शुगर की मात्रा कम हो जाती है। फिर धीरे-धीरे शुगर रोग भी खत्म हो जाता है।*

*सेवन की विधि*
अगर आप जल्द से जल्द मधुमेह को खत्म करना चाहते है तो सुबह खाली पेट चार दाने मखाने खाएं। इनका सेवन कुछ दिनों तक लगातार करें। इससे मधुमेह का रोग तेजी से खत्म होगा।

*दिल के लिए फायदेमंद*
मखाना केवल शुगर के मरीज के लिए ही नहीं बल्कि हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियों में भी फायदेमंद है। इनके सेवन से दिल स्वस्थ रहता है और पाचन क्रिया भी दुरूस्त रहती है।

*तनाव कम*
मखाने के सेवन से तनाव दूर होता है और अनिद्रा की समस्या भी दूर रहती है। रात को सोने से पहले दूध के साथ मखानों का सेवन करें।

*जोड़ों का दर्द दूर*
मखाने में कैल्शियम भरपूर मात्रा में होता है। इनका सेवन जोड़ों के दर्द, गठिया जैसे मरीजों के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है।

*पाचन में सुधार*
मखाना एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होता है जो सभी आयु वर्ग के लोगों को आसानी से पच जाता है। इसके अलावा फूल मखाने में एस्‍ट्रीजन गुण भी होते हैं जिससे यह दस्त से राहत देता है और भूख में सुधार करने के लिए मददगार है।

*किडनी को मजबूत*
फूल मखाने में मीठा बहुत कम होने के कारण यह स्प्लीन को डिटॉक्‍सीफाइ करता है। किडनी को मजबूत बनाने और ब्‍लड को बेहतर रखने के लिए खानों का नियमित सेवन करें।

_*तालाब, झील, दलदली क्षेत्र के शांत पानी में उगने वाला मखाना पोषक तत्वों से भरपुर एक जलीय उत्पाद है।*_

🇫 🇴 🇽 🇳 🇺 🇹 *( मखाना )*


26 May 2023
11:50
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
अपनाकर आप जरुर रोग मुक्त हो जायेगें। अलसी शरीर को स्वस्थ रखती है व आयु बढ़ाती है। अलसी में 23℅ ओमेगा-3 फेटी एसिड, 20℅ प्रोटीन, 27℅ फाइबर, लिगनेन, विटामिन बी ग्रुप, सेलेनियम, पोटेशियम, मेगनीशियम, जिंक आदि होते हैं। अलसी में रेशे भरपूर 27% पर शर्करा 1.8% यानी नगण्य होती है। इसलिए यह शून्य-शर्करा आहार कहलाती है और मधुमेह रोगियों के लिए आदर्श आहार है। *ब्लड शुगर :* अगर किसीको ब्लड शुगर, (डायाबिटिज) की तकलीफ है तो आपके लिये अलसी किसी वरदान से कम नहीं है। सुबह खाली पेट २ चमच अलसी लेकर, २ ग्लास पानी में उबालें जब आधा पानी बचे तब छानकर पियें। *थाईराईड :* सुबह खाली पेट २ चमच अलसी लेकर २ ग्लास पानी में उबालें, जब आधा पानी बचे तब छानकर पियें। यह दोनों प्रकार के थाईराईड में बढ़िया काम करती है। *हार्ट ब्लोकेज :* ३ महिना अलसी का काढ़ा उपर बताई गई विधि के अनुसार करने से आपको ऐन्जियोप्लास्टि कराने की जरुरत नहीं पड़ती। *लकवा, पैरालिसीस :* पैरालिसीस होने पर ऊपर बताई गई विधि से काढ़ा पीने से लकवा ठीक हो जाता है। *बालों का गिरना :* अलसी को आधा चम्मच रोज सुबह खाली पेट सेवन करने से बाल गिरने बंद हो जाते हैं। *जोडों का दर्द :* अलसी का काढ़ा पीने से जोड़ों का दर्द दूर हो जाता है। साईटिका, नस का दबना वगैरा में लाभकारी। *अतिरिक्त वजन :* अलसी का काढ़ा पीने से शरीर का अतिरिक्त वजन दूर होता है। नित़्य इसका सेवन करें, निरोगी रहें। *केन्सर :* किसी भी प्रकार के केन्सर में अलसी का काढ़ा सुबह-शाम दो बार पिऐं जिससे असाधारण लाभ निश्चीत है। *पेट की समस्या :* जिन लोगों को बार-बार पेट के जुड़े रोग होते हैं उनके लिये अलसी रामबाण ईलाज है। अलसी कब्ज, पेट का दर्द आदि में फायदाकारक है। *बालों का सफेद होना :* १ व्यक्ति ने मुझे बताया कि उसने मेरे बताने के अनुसार ३ महिने अलसी का काढा पीया तो उसके सफेद बाल भी धीरे-धीरे काले होने लगे। *सुस्ति, आलस, कमजोरी* अलसी का काढा पीने से सुस्ती, थकान, कमजोरी दूर होती है। *किसी भी प्रकार की गांठ :* सुबह शाम दो समय अलसी का काढ़ा बनाकर पीने से शरीर में होने वाली किसी भी प्रकार की गांठ ठीक हो जाती है। *श्वास-दमा कफ, ऐलर्जीँ :* अलसी का काढ़ा रोज सुबह शाम २ बार लेने से श्वास, दमा, कफ, ऐलर्जीँ के रोग ठीक हो जाते हैं। *ह्दय की कमजोरी :* ह्दय से जुड़ी किसी भी समस़्या में अलसी का काढ़ा रामबाण ईलाज है। जिन लोगों को ऊपर बताई गई समस़्या में से १ भी तकलीफ है तो आपके पास ईसका रामबाण ईलाज के रुप में अलसी का काढा है। कृप्या आप इसका सेवन करें आैर स्वस्थ रहें। *कैसे बनायें काढा :* 2 चमच अलसी + 3 ग्लास पानी मिक्स करके उबालें। जब अाधा पानी बचे तब छानकर पियें। इस प्रयोग से असंख्य लोगों को बहुत ही लाभ मिला है।



27 May 2023
07:49
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


29 May 2023
09:47
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

● कितनी भी गर्मी पड़े फ्रिज का ठंडा पानी या बर्फ मिलाया हुआ पानी कभी मत पियो।

पहले ये जान लें...
● आयुर्वेद के अनुसार ठंडे पानी की परिभाषा.??
● शरीर का तापमान होता है
●● 37°सेल्सियस या
●● 98.6°फारेनहाइट।

●● 27℃ से नीचे पानी ठंडा है।
●● 27℃ तक का पानी शरीर सहन कर सकता है।
● जब भी आप फ्रिज का ठंडा पानी पीते है तो गर्म पेट मे ठंडा पानी जाता है।
● अब पेट आपका गर्म है और पानी ठंडा, तो अंदर जाकर झगड़ा होता है या तो पेट पानी को गर्म करता है या पानी पेट को ठंडा करता है।

● एक मिनट के लिए मान लें कि आपने बहुत ठंडा पानी पिया है और पानी ने पेट को ठंडा कर दिया।
● पेट ठंडा होते ही हार्ट (Heart) ठंडा हो जाएगा क्योंकि पेट और हार्ट का आपस मे कनेक्शन है।

● हार्ट के ठंडा होते ही मस्तिष्क (Brain) ठंडा हो जाएगा क्योंकि इन दोनों का भी आपस मे कनेक्शन है और मस्तिष्क के ठंडा होते ही शरीर ठंडा हो जाएगा और शरीर के ठंडा होते ही आपको घर के बाहर निकालकर फेंक दिया जाएगा।
● वो सब लोग जो आपको लिपट कर प्रेम करते है वो आपको छूना भी पसंद नहीं करेंगे क्योंकि शरीर ठंडा हो गया और वो एक ही बात बोलेंगे जल्दी लेकर जाओ क्यों रखा हुआ है ??
● अंतिम संस्कार कब है क्योंकि शरीर के ठंडा होते ही सिर्फ राम नाम सत्य होता है।

तो मित्रो ये ठंडा पानी पीने की गलती मत करिए।
●●अब इस सारी बात का दूसरा पार्ट भी समझिए●●
● जब बहुत ठंडा पानी आप पीएंगे तो पेट उस पानी को गर्म करेगा क्योंकि उसे आपको जिंदा रखना है तो ये भगवान की व्यवस्था बनाई हुई है लेकिन गर्म करने के लिए उसको ऊर्जा (energy) चाहिए।
● अब ऊर्जा कहाँ से आएगी ??
● ऊर्जा आएगी रक्त (blood) मे से तो सारे शरीर का खून पेट मे आएगा।
● अब आप थोड़ी देर के लिए कल्पना करिए सारे मस्तिष्क का खून पेट मे चला गया और हार्ट (Heart) का खून पेट मे चला गया, आंतों का खून पेट मे आ गया तो हरेक अंग को खून की कमी आएगी।
● मस्तिष्क को 3 मिनट अगर ब्लड सप्लाई रुक गई या कम हो गई तो ब्रेन डेड हो जायेगा और इस तरह हार्ट को एक से डेढ़ मिनट ब्लड सप्लाई रुक गई तो हार्ट डेड हो जाएगा।
● बाकी सभी अंग तो ऐसे ही खत्म हो जाएंगे, इसलिए कहा गया है ठंडा पानी पीना बहुत बड़ा रिस्क लेने के बराबर है।
●●अब इस सारी बात का तीसरा पार्ट भी समझ लीजिये.!●●
● हमारे शरीर मे दो आंत होती है छोटी आंत और बड़ी आंत।
● बड़ी आंत का काम है हमारे शरीर मे से मल को बाहर निकालना है अर्थात जो भी हम खाते है पचने के बाद जो बेकार बचता है वो मल के रूप मे बड़ी आंत द्वारा बाहर निकलता है।
● बड़ी आंत देखने मे बिलकुल एक खुले पाइप की तरह होती है। अब जैसे ही एक दम से आप ठंडा पानी पीते है तो ये बड़ी आंत एक दम से सिकुड़ के बंद हो जाती है और बार-बार आपने ठंडा पानी पी पी कर इसे पूरा बंद कर दिया तो सुबह आपको स्टूल पास नहीं होगा टॉयलेट नहीं आएगी।
● आप जोर लगा लगा कर पागल हो जायेंगे लेकिन पेट साफ फिर भी नहीं होगा।
● अर्थात आपको कब्जियत का रोग हो जाएगा और आयुर्वेद मे कब्जियत को सब बीमारियों की जड़ या mother of disease कहते है।
● अगर आपको कब्जियत का रोग हो गया और कुछ लंबे समय तक रहा तो एक एक करके आपको सभी बीमारियाँ आएंगी।
● यूरिक एसिड, कोलोस्ट्रोल, हार्ट ब्लोकेज, शुगर वगैरह वगैरह।
इस लिए ये फ्रिज का ठंडा पानी आपके शरीर के लिए बहुत ही ज्यादा खतरनाक है।
● पश्चिमी देशों के लोग बहुत अधिक ठंडा पानी पीते हैँ।
● 5-6 दिन फ्रिज मे रखकर फिर उसमे आइस क्यूब डाल-डाल कर पीते है और परिणाम क्या होता है.?
● सुबह 1-1 घंटा टॉयलेट मे बिताते है क्योंकि पेट साफ ही नहीं होता और कभी आप उनसे पूछिये की भाई आपने अपनी टॉयलेट सीट ये बैठने वाली कमोड सीट क्यों बनवाई है.?
● तो जवाब आएगा कि भारतीय वाली सीट पर आप 5 मिनट से ज्यादा बैठ नहीं सकते क्योंकि बैठने की जो पोजीशन है वो आपको 5 मिनट मे ही थका देती है और हमको घंटो घंटो बैठना पड़ता है क्योंकि पेट साफ ही नहीं होता।
● इसलिए कुर्सी जैसा बना लेते है और बैठे रहते है !
● और हम भारतीय खामखा उन पश्चिमी लोगों के नकल किए जा रहे हैं नकल यूं ही बिना सोचे समझे नहीं करनी चाहिए!




9 June 2023
07:08
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


आजकल व्यंजनों में, खासकर चायनीज वैरायटी में,
एक सफेद पाउडर या क्रिस्टल के रूप में
*मोनो सोडियम ग्लुटामेट* (M.S.G.) नामक रसायन
जिसे दुनिया *अजीनोमोटो* के नाम से जानती है,
का प्रयोग बहुत बढ़ गया है,
बिना यह जाने कि यह वास्तव में क्या है?
*अजीनोमोटो* नाम तो असल में इसे बनाने वाली मूल चायनीज कम्पनी का है !
यह एक ऐसा रसायन है, जिसके जीभ पर स्पर्श के बाद जीभ भ्रमित हो जाती है और मस्तिष्क को झूठे संदेश भेजने लगती है।
जिस सें *सड़ा-गला* या *बेस्वाद* खाना भी अच्छा महसूस होता है।
इस रसायन के प्रयोग से शरीर के अंगों-उपांगों और मस्तिष्क के बीच *न्यूरोंस* का नैटवर्क बाधित हो जाता है, जिसके दूरगामी दुष्परिणाम होते हैं।

चिकित्सकों के अनुसार *अजीनोमोटो* के प्रयोग से
1-एलर्जी,
2-पेट में अफारा,
3-सिरदर्द,
4-सीने में जलन,
5-बाॅडीे टिश्यूज में सूजन,
6-माइग्रेन आदि हो सकते है।
*अजीनोमोटो* से होने वाले रोग इतने व्यापक हो गये हैं कि अब इन्हें ‘*चाइनीज रेस्टोरेंट सिंड्रोम* कहा जाता है। दीर्घकाल में *मस्तिष्काघात* (Brain Hemorrhage)
हो सकता है जिसकी वजह से *लकवा* होता है।
अमेरिका आदि बहुत से देशों में *अजीनोमोटो* पर प्रतिबंध है।
न जाने
*फूड सेफ्टी एण्ड स्टैन्डर्ड अथाॅरिटी आॅफ इंडिया’* ने भारत में *अजीनोमोटो* को प्रतिबंधित क्यों नहीं किया है?

* दावतों में हलवाई द्वारा मंगाये जाने पर उसे *अजीनोमोटो* लाकर ना देवें। हलवाई कहेगा कि चाट में मजा नहीं आयेगा,
फिर भी इसका पूर्ण बहिष्कार करें।
कुछ भी हो (AFTER ALL) दावत खाने वाले आपके *प्रियजन* हैं, आपके यहां दावत खाकर वे बीमार नही पड़ने चाहिए !
जब आपने बाकि सारा बढ़िया सामान लाकर दिया है तो लोगों को *अजीनोमोटो* के बिना भी खाने में, चाट में पूरा मजा आयेगा, आप निश्चिंत रहें।
*अजीनोमोटो* तो *हलवाई की अयोग्यता* को छिपाने व होटलों, ढाबों, कैटरर्स, स्ट्रीट फूड वैंडर्स द्वारा सड़े-गले सामान को आपके *दिमाग* को पागल बनाकर स्वादिष्ट महसूस कराने के लिए डाला जाता है।
क्या *हलवाई की अयोग्यता* का दंड अपने *प्रियजनों*
को देंगे  ????
Join for psychological facts in life 👇


10 June 2023
20:57
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

👉खूबसूरत त्वचा के लिए जरूरी है कि आप दिन में कम से कम 6 से 7 ग्लास पानी पिएं। इससे आपका पेट साफ रहेगा और त्वचा टोन्ड रहेगी। इसके अलावा ऐसे
फलों को खाएं, जिनमें पानी की मात्रा ज्यादा होती है, जैसे -खीरा, ककड़ी, कच्चा टमाटर, संतरा. इससे
आपकी बॉडी में पानी की कमी नहीं होगी।

👉स्किन को टैनिंग और सनबर्न से बचाने के लिए ठंडी तासीर की चीजें खाने के साथ ही त्वचा पर उन चीजों को लगाना
भी होता है, जो त्वचा को ठंडक दें। ऐलोवेरा जेल, चंदन पाउडर, नींबू और दही, कच्चा आलू के अलावा केला और गुलाब-जल को चेहरे पर लगाकर चेहरे को ठंडा बनाकर रख सकते हैं। इससे चेहरे की स्किन सॉफ्ट बनी रहेगी।
और सूरज की गर्मी से जलेगी नहीं।

👉गेहूं को धुलने के बाद रात को पानी में भिगोकर रख दें। भीगे हुए गेहूं को पानी से निकालकर गुलाबजल के साथ पीसकर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट में 2 चुटकी हल्दी मिलाएं और सूखने तक इसे चेहरे पर लगा लें। उसके बाद ताजे पानी से धोकर मॉइश्चराइजर लगाएं।

👉धूप में निकलने से पहले सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। लेकिन ध्यान रहे कि इसे घर से निकलने के 15 मिनट पहले लगाना होता है। सनस्क्रीन लगाने के तुरंत बाद धूप में ना निकलें।
13 June 2023
11:58
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine



24 June 2023
09:04
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

👉खूबसूरत त्वचा के लिए जरूरी है कि आप दिन में कम से कम 6 से 7 ग्लास पानी पिएं। इससे आपका पेट साफ रहेगा और त्वचा टोन्ड रहेगी। इसके अलावा ऐसे
फलों को खाएं, जिनमें पानी की मात्रा ज्यादा होती है, जैसे -खीरा, ककड़ी, कच्चा टमाटर, संतरा. इससे
आपकी बॉडी में पानी की कमी नहीं होगी।

👉स्किन को टैनिंग और सनबर्न से बचाने के लिए ठंडी तासीर की चीजें खाने के साथ ही त्वचा पर उन चीजों को लगाना
भी होता है, जो त्वचा को ठंडक दें। ऐलोवेरा जेल, चंदन पाउडर, नींबू और दही, कच्चा आलू के अलावा केला और गुलाब-जल को चेहरे पर लगाकर चेहरे को ठंडा बनाकर रख सकते हैं। इससे चेहरे की स्किन सॉफ्ट बनी रहेगी।
और सूरज की गर्मी से जलेगी नहीं।
लगाएं

👉गेहूं को धुलने के बाद रात को पानी में भिगोकर रख दें। भीगे हुए गेहूं को पानी से निकालकर गुलाबजल के साथ पीसकर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट में 2 चुटकी हल्दी मिलाएं और सूखने तक इसे चेहरे पर लगा लें। उसके बाद ताजे पानी से धोकर मॉइश्चराइजर लगाएं।

👉धूप में निकलने से पहले सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें। लेकिन ध्यान रहे कि इसे घर से निकलने के 15 मिनट पहले लगाना होता है। सनस्क्रीन लगाने के तुरंत बाद धूप में ना निकलें
25 June 2023
15:10
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


27 June 2023
21:39
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

कृत्रिम सौन्दर्य प्रसाधनों से सावधान:-(२)

महिलाओं के होठों के काले पड़ जाने के पीछे भी सबसे बड़ा कारण रसायन मिश्रित लिपिस्टिक ही है। लिपिस्टिक में कई तरह के अघुलनशील एवं अखाद्य रंग आदि पदार्थ मिले होते हैं। इनमें मिलाए जाने वाले मोम, सीसा और कैडमियम जैसे पदार्थ भी शरीर के लिए नुकसानदेह ही होते हैं। ये पदार्थ होठों के सहारे पेट में पहुँचते हैं तो शारीरिक विकृतियों, एलर्जी तथा कैंसर जैसे रोगों के कारण बनते हैं। एओसिन, एमरेन्थ, बिस्मथ, रोडोगाइन-बी, टारटूजीन, लैनोनिन सरीखे तत्त्व भी हर तरह से हानिकारक ही हैं। एमरेन्थ तो प्रजजन प्रणाली तक में विकृतियाँ पैदा कर देता है।
यह भी एक भ्रम है कि सख़्त नाखुनो के ऊपर लगे होने के कारण नेल पालिश से कोई नुकसान नहीं हो पाता। वास्तव में नेल पालिश में कई तरह के जटिल रसायन मिले होते हैं। ऐसे में इसके नियमित इस्तेमाल से नाख़ून रोगग्रस्त हो सकते हैं। नेल पालिश नाखुनो की प्राकृतिक चमक को तो नष्ट करता ही है, वे कमज़ोर होकर टूटने लगते हैं और खुरदुरेपन के शिकार भी हो सकते हैं। इसी तरह नेल पालिश रिमूवर के इस्तेमाल से भी नाख़ून और समीप की त्वचा पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
सुहाग के प्रतीक के तौर पर प्रयोग किया जाने वाला सिन्दूर आज जिस तरह से बनाया जाता है वह भी कम घातक नहीं है। सिन्दूर में प्राय: बेहद ख़तरनाक क़िस्म का रसायन लेड आक्साइड मिला होता है। इसका विषैला प्रभाव कैंसरकारक तो है ही, यह रक्त में पहुँचकर हीमोग्लोबिन के निर्माण को प्रभावित करके रक्ताल्पता भी पैदा कर सकता है। गर्भस्थ शिशु भी इससे प्रभावित हो सकता है। इसलिए एक तो महिलाएं रसायन मिश्रित सिन्दूर की जगह माँग में प्राकृतिक लालिमा लगाएं तो अति उत्तम; अन्यथा, सिन्दूर लगाएं भी तो कम से कम मात्रा में लगाएं और जिस हाथ से लगाएं उस हाथ को अच्छी तरह से अवश्य धो लें। सिन्दूर की ही भाँति आजकल बाज़ारों में बिकने वाला सुरमा भी अक्सर अपमिश्रित होता है। आजकल के सुरमा निर्माता कम लागत में ज़्यादा मुनाफ़ा बटोरने के लोभ में प्राकृतिक उपादानों के बजाय लेड सल्फाइड जैसे ज़हरीले रसायन इस्तेमाल करने लगे हैं। लगभग ऐसा ही हाल काजल का भी है। आँखें कजरारी करने के चक्कर में कई बार आँखों की रोशनी तक चली जा सकती है। बेहतर है कि काजल या सुरमा घर में ही शुद्धता से बना लिया जाय। बाज़ार से ख़्ारीदना पड़े तो विश्वसनीय आयुर्वेदिक सुरमा या काजल ही लेना चाहिए। माथे पर लगाई जाने वाली छोटी सी बिन्दी के पीछे चिपकाने के लिए लगा गोंद अगर अच्छे दजऱ्ें का न हो तो वह भी नुकसानदेह हो सकता है। जहाँ बिन्दी चिपकाई जाती है वहाँ की खाल उधड़ सकती है, खुजली हो सकती है और दूसरे क़िस्म के चर्मरोग भी हो सकते हैं। इसलिए बिन्दी लगाने में भी सावधानी बरतने की ज़रूरत है।
तमाम तरह के सुगन्धित सौन्दर्य प्रसाधन शरीर के लिए हानिकारक होते हैं। इस तरह के प्रसाधनों के निर्माण में लगभग 5000 प्रकार के घटक द्रव्य इस्तेमाल किए जाते हैं। इनमें से कोई भी घटक त्वचा में एलर्जी, जलन या विकार पैदा कर सकता है। आजकल पसीना निरोधक प्रसाधनों का व्यापक उपयोग होने लगा है। ऐसे प्रसाधनों को लगाने से त्वचा के रोमछिद्र बन्द हो जाते हैं और पसीने के जरिए शरीर के विजातीय तत्त्व बाहर नहीं निकल पाते। नतीजन ,त्वचा पर बुरा असर तो होता ही है, गुर्दों पर भी अतिरिक्त बोझ पड़ता है और वे विकारग्रस्त हो सकते हैं। ऐसे प्रसाधनों में प्राय: आक्सीक्विनोलिन सल्फा नामक रसायन मिला रहता है जो केन्द्रीय नाड़ी संस्थान पर बुरा प्रभाव डालता है। इसके अलावा इस तरह के प्रसाधनों में जिंक सल्फोकार्बोनेट, प्रोपेलिन ग्लाइकोल, कास्टिक, बेंजोइक अम्ल, फ्लोरल हाइड्रेट तथा फार्मेल्डिहाइड जैसे हानिकारक रसायन भी मिले होते हैं, जो त्वचा में जलन, एलर्जी या दूसरी समस्याएं पैदा कर सकते हैं। इनमें से फार्मेल्डिहाइड शैम्पू, एण्टिसेप्टिक क्रीम, प्रिजर्वेटिव, नाखुनो को सख़्त बनाने वाले घोलों, स्नानघर में प्रयुक्त होने वाले पदार्थों आदि में भी मिलाया जाता है। इसका विषैला प्रभाव कैंसर रोगियों की संख्या में बढ़ोत्तरी कर रहा है।(२)



हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

चेहरे पर पिम्पल्स हों तो कुछ भी करने को जी नहीं चाहता है।मेकअप तो बिलकुल नहीं। कहीं रिएक्शन हो गया तो! यही ख्याल दिन भर दिमाग में घूमता रहता है। मुंहासों के बीच ना तो ग्लॉस ही नजर आता और न ही रूज व फाउंडेशन का मजा रह जाता है। यह सभी चीजें चेहरे को रूखा और बेजान कर देती हैं। यकीन मानिए पिम्पल्स का उपाय केवल एक ही है, और वो है घरेलू इलाज। बाहर आप इसके ट्रीटमेंट के लिए जाएंगे तो हजारों पैसे खर्च होंगे। बावजूद इसके पिम्पल्स ठीक होने की गारंटी भी नही है। बेहतर होगा कि घर पर ही रहकर और घर की चीजों से ही पिम्पल्स का उपाय किया जाए

पिम्पल्स क्या हैं? 👇

साधारण भाषा में समझाएं तो यह कहा जा सकता है कि त्वचा में इंफेक्शन के कारण तेल की ग्रंथियां भर जाती हैं, उससे चेहरे पर दाने निकल आते हैं। आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि यह इंफेक्शन कैसे होता है? दरसअल त्वचा से निकलने वाला अत्याधिक तेल (सीबम), मृत त्वचा (डेड स्किन) के साथ मिलकर रोमछिद्रों को बंद कर देता है [1], जिससे वहां बैक्टीरिया पनपनेलगते हैं, जो मुंहासों का कारण बनते हैं।

𝙉𝙚𝙭𝙩 𝙥𝙖𝙧𝙩 𝙖𝙛𝙩𝙚𝙧 21 𝙀𝙢𝙤𝙟𝙞 🥰🙏


13 July 2023
22:34
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

पिम्पल्स छोटे और बड़े दोनों आकार में हो सकते हैं। इसमें पानी और पस दोनों ही तरह की फुंसियां होती हैं। इनमें तेज दर्द के साथ कई बार खून भी निकलता है। त्वचा पर होने वाले ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स को भी मुंहासे ही कहा जाता है। यूं तो इसमें दर्द नही होता है, लेकिन कील लंबी जो तो निकालते समय ये भी कई बार दर्द करते हैं। इस तरह के मुंहासे [2] चेहरे पर ही नही, बल्कि पीठ और बगल {आर्मपिट्स} पर भी होते हैं। बहरहाल पिम्पल्स का उपाय भी आप तभी कर पाएंगे कि जबकि उसके सभी प्रकारों से अवगत होंगे-
1. दाना या फुंसी मुंहासे (Pustule)
आमतौर पर फुंसी का ताल्लुक उम्र से कम और खानपान से ज्यादा रहता है। छोटे बच्चों से लेकर जवान और बूढ़ों तक को फुंसी हो जाती है, लेकिन हां चेहरे पर फुंसी ज्यादातर किशोरावस्था में ही निकलती है। 15 से 30 साल की आयु तक फुंसी वाले दाने निकलते रहते हैं, लेकिन बाद में यह धीरे-धीरे ठीक भी होने लगते हैं। यह पहले लाल और गुलाबी रंग की होती हैं और पकने के बाद इसमें से पीले रंग का मवाद निकलता है। मवाद भरने के बाद इनमें दर्द भी बहुत होता है। फुंसी गहरी और थोड़े बड़े आकार की हो तो फूटने के बाद उस जगह पर गढ्डे पड़ जाते हैं।
2. ब्लैकहेड्स (Blackheads)
ब्लैकहेड्स एक प्रकार की कील होती है। यह धागे के रेशे जैसा दिखता है, लेकिन छूने में थोड़ा सख्त होता है। अक्सर यह नाक और अपरलिप्स पर ज्यादा होते हैं। किसी-किसी के पूरे चेहरे पर ब्लैकहेड्स हो जाते हैं। यह किसीभी उम्र में हो जाते हैं। इनका मुख्य कारण रोमछिद्रों में धूल-मिट्टी का भरण होता है। हालांकि, इन्हें स्क्रब द्वारा आसानी से निकला जा सकता है, लेकिन अगर यह बड़े हों तो इसे ब्लैकहैड रिमूवर टूल से ही निकलना चाहिए।
3. व्हाइटहेड्स (Whiteheads)
ब्लैकहेड्स की तरह यह भी एक तरह की कील ही होती है, लेकिन यह सफेद रंग की होती है। यह नाक के आसपास वाली जगह, माथा और होंठ पर ज्यादा होते है। ब्लैकहेड्स की तुलना में यह छोटी और मुलायम होती है।
4. पेपुल्स (Papules)
पेपुल्स का हमारी त्वचा संबंधी किसी समस्या से लेन-देना नही है, बल्कि किसी कीड़े के काटने से हो जाता है। कई बार किसी खाद्य पदार्थ की एलर्जी से पेपुल्स हो जाता है। यह हल्का गुलाबी रंग का होता है।
5. नोड्यूल्स (Nodules)
नोड्यूल्स आकार में दूसरे पिम्पल्स के बड़े और चपटे होते हैं। यह बाहर की तुलना में भीतर की ओर बढ़ते जाते हैं। इन्हें छूने भर से ही काफी दर्द होता है। यह पिम्पल्स अक्सर स्टेरॉयड लेने से हो जाते हैं।
6. गांठ (Cystic Pimples)
इन्हें आप सिस्ट भी कह सकते हैं। यह एक ही जगह पर कई सारे भी हो सके हैं या एक बड़े आकार में भी यह हो सकता है। इसमें दर्द के साथ सूजन भी होती है।
पिम्पल्स (मुंहासे) होने के कारण - ( What Causes Pimple In Hindi )
पिम्पल्स होने के चार मुख्य कारण है-
अत्याधिक सीबम का उत्पादन
हेयर [3] फॉलिकल्स में मृत त्वचा और सीबम का जमा होना,
बैक्टीरिया
चोट के कारण होने वाली सूजन।
इसके अतिरिक्त हार्मोंस में होने वाले बदलाव, स्टेरॉयड और खराब खानपान के कारण भी पिम्पल्स हो जाते हैं। यहाँ आपको विस्तार से बताया गया है-
1. हार्मोनल बदलाव
किशोरावस्था में आते ही वसामय ग्रंथियां फैल जाती हैं, जिसकी वजह से यह अधिक तेल का उत्पादन करने लगता है। सेक्स हार्मोन्स के कारण वसामय ग्रंथियां अतिसक्रिय हो जाती हैं। तनाव के कारण भी हार्मोन्स में बदलाव होते हैं, जो पिम्पल्स का कारण बनते हैं।
2. स्टेरॉयड्स
फर्टिलिटी बढ़ाने वाली दवाओं से भी पिम्पल्स हो जाते हैं। बॉडी बिल्डिंग के उद्देश्य से लिए जाने वाले स्टेरॉयड्स से भी मुंहासे होते हैं। खराब खानपान की खराब आदतों की वजह से पेट में कब्ज हो जाती है, जिससे पिम्पल्स हो जाते हैं।
3. खराब खानपान
मुंहासे होने का एक मुख्य कारण खराब खानपान भी है। कई बार त्वचा रोगों में असंतुलित भोजन और जंक फूड लेना इसकी सबसे बड़ी वजह बन जाती है।
4. तनाव
तनाव के कारण कई तरह के हार्मोन्स रिसने लगते हैं, जिससे वसामय ग्रंथियां से अतिरिक्त तेल निकलने लगती हैं।
Next part after 21 emoji

15 July 2023
22:18
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
साइडइफेक्ट के पिम्पल्स को हमेशा के लिए ठीक कर सकते हैं-
1. मुल्तानी मिट्टी
पिम्पल्स के लिए मुल्तानी मिट्टी वरदान है। त्वचा से अत्याधिक तेल और गंदगी हटाने में मुल्तानी मिट्टी बेहद कारगर है। इसे रोज नहाते समय गुलाबजल में मिलाकर चेहरे पर लगाएं। पिम्पल्स चेहरे से यूं गायब होंगे जैसे कभी थे ही नही। यदि आप खड़ी मुल्तानी मिट्टी ले रहे हैं तो उसे रातभर गुलाबजल में भीगकर रखें। लगते समय उसमें थोड़ा नींबू मिला लीजिए। इस मिश्रण से आपके पिम्पल्स बहुत जल्दी सूख जाएंगे।
2. टूथपेस्ट
पिम्पल्स को हटाने के लिए वाइट टूथपेस्ट काफी असरदार है। यह बर्फ की तरह काम करता है। त्वचा जलने पर भी इसे लगाया जाता है। मगर ध्यान रहे कि टूथपेस्ट जेल वाला न हो अन्यथा आपको जलन हो सकती है। इसमें बेकिंग सोडा, हाइड्रोजन पेरोक्साइड और ट्राइक्लोसैन जैसे पदार्थ मौजूद होते हैं, जिसकी वजह से मुंहासें जल्दी सूख जाते हैं। इसे प्रतिदिन दो बार लगाएं। उसके बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें।
3. ओटमील
ओटमील स्वास्थ्यवर्धक है। यह पेट को ठंडा रखने के साथ आपको देता है भरपूर फाइबर। ओटमील फेसपैक से पिम्पल्स बहुत जल्दी ठीक होते हैं। शायद आप नही जानते होंगे कि यह हमारी त्वचा के रोमछिद्रों को शुद्ध करने साथ उससे अतिरिक्त तेल को अवशोषित करने में भी मददगार है। इसे शहद और नींबू के रस के साथ मिलाकर लगाएं, निश्चित रूप से पिम्पल्स जल्दी खत्म हो जाएंगे।
4. एलोवेरा जेल
एलोवेरा के एक नहीं, कई आयुर्वेदिक गुण हैं। इसे खाया भी जा सकता है और लगाया भी जा सकता है। त्वचा संबंधी रोगों के लिए यह अतिउत्तम है। इसका नियमित रूप से इस्तेमाल करने से पिम्पल्स को जड़ से खत्म किया सकता है। यह एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है। इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण पिम्पल्स को बहुत जल्दी ठीक करने में सहायता करते हैं। एलोवेरा को रात में सोते वक्त लगाएं। यदि आपके पास विटामिन ई के कैप्सूल उपलब्ध हैं तो उसे इसमें मिलाकर लगाएं।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
5. नीम
पिम्पल्स ठीक करने के लिए यह एक बेहद प्रभावी औषधि है। इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीइंफ्लेमेटरी तीनों ही गुण पाए जाते हैं। नीम को पीसकर उनका पेस्ट तैयार कर लें और एप्पल साइडर विनेगर व शहद के साथ मिलाकर लगाएं। विनेगर की जगह नींबू भी इस्तेमाल कर सकते हैं। घर पर जो आसानी से मिल जाए उसे ही इस्तेमाल करें। इसे रोजाना चेहरे पर लगाएं,पिम्पल्स बहुत जल्दी ठीक हो जाएंगे। इसके अलावा आप नीम का पानी भी तैयार कर सकते हैं। इसे आइसट्रे में डाल दें और उन क्यूब्स को चेहरे पर हल्के हाथ से रगड़ें।
पिम्पल्स से बचाव - ( Pimples Prevention Tips In Hindi)
पिम्पल्स का उपाय का सबसे बेहतर तरीका है उससे बचाव। बचाव के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है-
रोजाना चेहरे को कम से कम तीन बार 5 मिनट तक ठंडे पानी से धोएं।
दिनभर में लगभग 10 से 12 गिलास पानी पीएं।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
संतुलित आहार लें। वसायुक्त भोजन और जंकफूड से परहेज करें।
चेहरे के लिए योग और कसरत करें।
ग्रीजी और ऑयली मेकअप से बचें।
15 दिन में एक बार फ्रूट क्रीम से मसाज करें और हर हफ्ते स्क्रब करें।
मसाज से ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स मुलायम हो जाएं और मुलायम पड़ने पर यह आसानी से निकल जाते हैं।
फ्रूट क्रीम के लिए मलाई को पपीते और शहद के साथ मिलाकर पेस्ट तैयार करें। वहीं स्क्रब के लिए चीनी और कॉफी का इस्तेमाल करें।
ध्यान रहे कि मवाद और पानी वाले मुंहासों पर मसाज न करें। उनके लिए होममेड पेस्ट ही उपयोग में लाएं।
धूप में ज्यादा देर तक न रहें।
टी ट्री ऑयल लगा सकते हैं।
तनाव से दूर रहें।
पिम्पल्स से बचाव के लिए क्या खाएं और क्या न खाएं - ( Diet For Pimples In Hindi)
पिम्पल्स के लिए पीले और नारंगी रंग के फल व सब्जियां ही खाएं। अत्याधिक कैलोरी वाले फलों से परहेज करें। हालांकि आम पीला फल है, लेकिन उसमें कैलोरी बहुत ज्यादा होती है। टमाटर को त्वचा पर लगाकर जितना फायदा है उतना खाने में भी है। पालक और दाल जरूर खाएं। इनमें फाइबर होता है। कद्दू और लौकी खाएं। फलों में चीकू, आम और केला नही खाने हैं आपको, बाकी सब खा सकते हैं। कद्दू के बीज भी इसमें फायदा पहुंचता है। तरल पदार्थ ज्यादा से ज्यादा लें। ऑ यली फूड, चॉकलेट और जंक फूड न खाएं। हाई फैट फूड और ज्यादा मीठी चीज़ों से परहेज करें।

Emoji plzz 21+


16 July 2023
14:06
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


18 July 2023
09:09
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


जो व्यक्ति एक घुटना मोड़ता है उसका वही घुटना दर्द करता है और दूसरा ठीक रहता है. इसके अलावा दैनिक जीवन में चलने-फिरने, चढ़ाव चढ़ने, सैर करने, व्यायाम करने, व्यायाम करने से घुटनों के जोड़ों में स्थित कारटीलेज का क्षय होता है इसकी क्षतिपूर्ति रात्रि को घुटनों के सीधे रखने एवं रक्तसंचार सुचारू रूप से संभव है कारटीलेज में द्रव या कोलोजन रक्त प्रवाह के अभाव में आपस में जुड़ने लगती है. रोगी को खडे होने पर अपना वजन ढोना और चलते समय संतुलन बनाना मुश्किल लगता है. हड्डियां आपस में टकराकर टेढ़ी होने लगती हैं. रोगियों को घुटनों पर नीकैप या क्रेप बैंडेज बांधकर रात्रि सोने की सलाह दी जाती है. घुटनों के अधिक दर्द में वज्रासन या पद्मासन वर्जित माना जाता है |

कारण
-------

* घुटने के दर्द की मुख्य वजह, खून में युरिक एसिड के लेविल का बढना है| इसे शरीर से बाहर निकालने के लिये रोगी को दो बातों का अनुसरण करना हितकर होता है -

1- मौसम के मुताबिक तीन से छ: लिटर पानी पीने की आदत बनानी चाहिये |

2- हरी सब्जी और फल या इनका जूस का सेवन |

दर्द के अन्य कारण
-------------------

* घुटने पर बार-बार दबाव से सूजन (जैसे लंबे समय के लिए घुटने के बल बैठना, घुटने का अधिक उपयोग करना अथवा घुटने में चोट) बरसाइटिस कहते हैं |

* आपके घुटने में सामने की ओर दर्द जो सीढ़ियों अथवा चढ़ाव पर चढ़ते और उतरते समय बढ़ जाता है. यह धावकों, और साइकिल चलाने वालों को होता है | टेन्टीनाइटिस घुटने के पीछे पानी के भरने से सूजन, साथ आथर्राइटिस जैसे अन्य कारणों से सूजन भी हो सकती है | यदि सिस्ट फट जाती है तो आपके घुटने के पीछे का दर्द नीचे आपकी पिंडली तक पहुंच सकता है |

* घिसा हुआ काटिर्लेज घुटने के जोड़ के अंदर की ओर अथवा बाहर की ओर दर्द पैदा कर सकता है |

* झटका लगना अथवा मोच- अचानक अथवा अप्राकृतिक ढंग से मुड़ जाने के कारण लिगमेंट में मामूली चोट |

* जोड़ में संक्रमण (इंनफेक्शन)

* घुटने की चोट- आपके घुटने में रक्त स्राव हो सकता है जिससे दर्द अधिक होता है |

घरेलू देखभाल
----------------

1- आराम करें और ऐसे कार्यों से बचे जो दर्द बढ़ा देते हैं, विशेष रूप से वजन उठाने वाले कर्यों से बचें |

2- किसी भी प्रकार की सूजन को कम करने के लिए अपने घुटने को जहां तक संभव हो ऊपर उठा कर रखें |

3- कोई ऐसा बैंडेज अथवा एलास्टिक स्लीव पहनकर घुटने को धीरे धीरे दबाएं | (ये दोनों वस्तुएं लगभग सभी दवाइयों की दुकानों पर मिलती है) यह सूजन को कम कर सकता है और सहारा भी देता है (नी कैप की तरह)

4- अपने घुटनों के नीचे अथवा बीच में एक तकिया रखकर सोयें |

घुटनों के व्यायाम
------------------

1- घुटनों का संचालन जंघा से पैर को दोनों हाथों से ऊपर उठाकर घुटने से पैर को आगे-पीछे दस पंद्रह बार चलाना |

2- वहीं पकडे़ हुए घुटने के निचले हिस्से से गोल घुमाना 10-10 बार सीधे-उलटे |

3- पैर लंबे करके बैठें और टखनों को आगे-पीछे दस बार चलाना और सीधे-उलटे घुमाना |

4- घुटनों की कटोरियां की मांसपेशियों को खींचना और ढीला छोड़ना - 100 बार |

5- अधिक दर्द न हो तो गद्दे पर 5 मिनट पद्मासन या वज्रासन करें |

6- पेट के बल लेटकर मकरासन की स्थिति बनाकर एक पैर का घुटना मोड़कर ऊपर हिस्से को गोल 10-10 बार सीधे-उलटे घुमाएं |

7- पीठ के बल लेटकर एक-एक पैर बिना घुटने से मोड़े 90 डिग्री पर उठाने का प्रयत्न करें पांच-पांच बार एक-एक पैर उठाएं |

यौगिक साइकिलिंग-
---------------------

1- पीठ के बल लेटकर एक-एक पैर को साइकिल जैसे चलाएं. अभ्यस्त हो जाने पर दोनों पैरों से लेटे-लेटे साइकिलिंग सीधे-उलटे 25 से 50 बार करें, उपरांत शवासन करें |

2- सवेरे भूखे पेट तीन चार अखरोट की गिरियां निकालकर कुछ दिन खाने मात्र से घुटन का दर्द समाप्त हो जाता है |




22 July 2023
06:01
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine



आजकल व्यंजनों में, खासकर चायनीज वैरायटी में,
एक सफेद पाउडर या क्रिस्टल के रूप में
*मोनो सोडियम ग्लुटामेट* (M.S.G.) नामक रसायन
जिसे दुनिया *अजीनोमोटो* के नाम से जानती है,
का प्रयोग बहुत बढ़ गया है,
बिना यह जाने कि यह वास्तव में क्या है?
*अजीनोमोटो* नाम तो असल में इसे बनाने वाली मूल चायनीज कम्पनी का है !
यह एक ऐसा रसायन है, जिसके जीभ पर स्पर्श के बाद जीभ भ्रमित हो जाती है और मस्तिष्क को झूठे संदेश भेजने लगती है।
जिस सें *सड़ा-गला* या *बेस्वाद* खाना भी अच्छा महसूस होता है।
इस रसायन के प्रयोग से शरीर के अंगों-उपांगों और मस्तिष्क के बीच *न्यूरोंस* का नैटवर्क बाधित हो जाता है, जिसके दूरगामी दुष्परिणाम होते हैं।

चिकित्सकों के अनुसार *अजीनोमोटो* के प्रयोग से
1-एलर्जी,
2-पेट में अफारा,
3-सिरदर्द,
4-सीने में जलन,
5-बाॅडीे टिश्यूज में सूजन,
6-माइग्रेन आदि हो सकते है।
*अजीनोमोटो* से होने वाले रोग इतने व्यापक हो गये हैं कि अब इन्हें ‘*चाइनीज रेस्टोरेंट सिंड्रोम* कहा जाता है। दीर्घकाल में *मस्तिष्काघात* (Brain Hemorrhage)
हो सकता है जिसकी वजह से *लकवा* होता है।
अमेरिका आदि बहुत से देशों में *अजीनोमोटो* पर प्रतिबंध है।
न जाने
*फूड सेफ्टी एण्ड स्टैन्डर्ड अथाॅरिटी आॅफ इंडिया’* ने भारत में *अजीनोमोटो* को प्रतिबंधित क्यों नहीं किया है?

* दावतों में हलवाई द्वारा मंगाये जाने पर उसे *अजीनोमोटो* लाकर ना देवें। हलवाई कहेगा कि चाट में मजा नहीं आयेगा,
फिर भी इसका पूर्ण बहिष्कार करें।
कुछ भी हो (AFTER ALL) दावत खाने वाले आपके *प्रियजन* हैं, आपके यहां दावत खाकर वे बीमार नही पड़ने चाहिए !
जब आपने बाकि सारा बढ़िया सामान लाकर दिया है तो लोगों को *अजीनोमोटो* के बिना भी खाने में, चाट में पूरा मजा आयेगा, आप निश्चिंत रहें।
*अजीनोमोटो* तो *हलवाई की अयोग्यता* को छिपाने व होटलों, ढाबों, कैटरर्स, स्ट्रीट फूड वैंडर्स द्वारा सड़े-गले सामान को आपके *दिमाग* को पागल बनाकर स्वादिष्ट महसूस कराने के लिए डाला जाता है।
क्या *हलवाई की अयोग्यता* का दंड अपने *प्रियजनों*
को देंगे ????
27 July 2023
20:42
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


3 August 2023
06:20
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

Jᴏɪɴ➠ 
5 August 2023
08:50
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


7 August 2023
08:04
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

Jᴏɪɴ➠ 
8 August 2023
07:08
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
साइडइफेक्ट के पिम्पल्स को हमेशा के लिए ठीक कर सकते हैं-
1. मुल्तानी मिट्टी
पिम्पल्स के लिए मुल्तानी मिट्टी वरदान है। त्वचा से अत्याधिक तेल और गंदगी हटाने में मुल्तानी मिट्टी बेहद कारगर है। इसे रोज नहाते समय गुलाबजल में मिलाकर चेहरे पर लगाएं। पिम्पल्स चेहरे से यूं गायब होंगे जैसे कभी थे ही नही। यदि आप खड़ी मुल्तानी मिट्टी ले रहे हैं तो उसे रातभर गुलाबजल में भीगकर रखें। लगते समय उसमें थोड़ा नींबू मिला लीजिए। इस मिश्रण से आपके पिम्पल्स बहुत जल्दी सूख जाएंगे।
2. टूथपेस्ट
पिम्पल्स को हटाने के लिए वाइट टूथपेस्ट काफी असरदार है। यह बर्फ की तरह काम करता है। त्वचा जलने पर भी इसे लगाया जाता है। मगर ध्यान रहे कि टूथपेस्ट जेल वाला न हो अन्यथा आपको जलन हो सकती है। इसमें बेकिंग सोडा, हाइड्रोजन पेरोक्साइड और ट्राइक्लोसैन जैसे पदार्थ मौजूद होते हैं, जिसकी वजह से मुंहासें जल्दी सूख जाते हैं। इसे प्रतिदिन दो बार लगाएं। उसके बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें।
3. ओटमील
ओटमील स्वास्थ्यवर्धक है। यह पेट को ठंडा रखने के साथ आपको देता है भरपूर फाइबर। ओटमील फेसपैक से पिम्पल्स बहुत जल्दी ठीक होते हैं। शायद आप नही जानते होंगे कि यह हमारी त्वचा के रोमछिद्रों को शुद्ध करने साथ उससे अतिरिक्त तेल को अवशोषित करने में भी मददगार है। इसे शहद और नींबू के रस के साथ मिलाकर लगाएं, निश्चित रूप से पिम्पल्स जल्दी खत्म हो जाएंगे।
4. एलोवेरा जेल
एलोवेरा के एक नहीं, कई आयुर्वेदिक गुण हैं। इसे खाया भी जा सकता है और लगाया भी जा सकता है। त्वचा संबंधी रोगों के लिए यह अतिउत्तम है। इसका नियमित रूप से इस्तेमाल करने से पिम्पल्स को जड़ से खत्म किया सकता है। यह एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है। इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण पिम्पल्स को बहुत जल्दी ठीक करने में सहायता करते हैं। एलोवेरा को रात में सोते वक्त लगाएं। यदि आपके पास विटामिन ई के कैप्सूल उपलब्ध हैं तो उसे इसमें मिलाकर लगाएं।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
5. नीम
पिम्पल्स ठीक करने के लिए यह एक बेहद प्रभावी औषधि है। इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीइंफ्लेमेटरी तीनों ही गुण पाए जाते हैं। नीम को पीसकर उनका पेस्ट तैयार कर लें और एप्पल साइडर विनेगर व शहद के साथ मिलाकर लगाएं। विनेगर की जगह नींबू भी इस्तेमाल कर सकते हैं। घर पर जो आसानी से मिल जाए उसे ही इस्तेमाल करें। इसे रोजाना चेहरे पर लगाएं,पिम्पल्स बहुत जल्दी ठीक हो जाएंगे। इसके अलावा आप नीम का पानी भी तैयार कर सकते हैं। इसे आइसट्रे में डाल दें और उन क्यूब्स को चेहरे पर हल्के हाथ से रगड़ें।
पिम्पल्स से बचाव - ( Pimples Prevention Tips In Hindi)
पिम्पल्स का उपाय का सबसे बेहतर तरीका है उससे बचाव। बचाव के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है-
रोजाना चेहरे को कम से कम तीन बार 5 मिनट तक ठंडे पानी से धोएं।
दिनभर में लगभग 10 से 12 गिलास पानी पीएं।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
संतुलित आहार लें। वसायुक्त भोजन और जंकफूड से परहेज करें।
चेहरे के लिए योग और कसरत करें।
ग्रीजी और ऑयली मेकअप से बचें।
15 दिन में एक बार फ्रूट क्रीम से मसाज करें और हर हफ्ते स्क्रब करें।
मसाज से ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स मुलायम हो जाएं और मुलायम पड़ने पर यह आसानी से निकल जाते हैं।
फ्रूट क्रीम के लिए मलाई को पपीते और शहद के साथ मिलाकर पेस्ट तैयार करें। वहीं स्क्रब के लिए चीनी और कॉफी का इस्तेमाल करें।
ध्यान रहे कि मवाद और पानी वाले मुंहासों पर मसाज न करें। उनके लिए होममेड पेस्ट ही उपयोग में लाएं।
धूप में ज्यादा देर तक न रहें।
टी ट्री ऑयल लगा सकते हैं।
तनाव से दूर रहें।
पिम्पल्स से बचाव के लिए क्या खाएं और क्या न खाएं - ( Diet For Pimples In Hindi)
पिम्पल्स के लिए पीले और नारंगी रंग के फल व सब्जियां ही खाएं। अत्याधिक कैलोरी वाले फलों से परहेज करें। हालांकि आम पीला फल है, लेकिन उसमें कैलोरी बहुत ज्यादा होती है। टमाटर को त्वचा पर लगाकर जितना फायदा है उतना खाने में भी है। पालक और दाल जरूर खाएं। इनमें फाइबर होता है। कद्दू और लौकी खाएं। फलों में चीकू, आम और केला नही खाने हैं आपको, बाकी सब खा सकते हैं। कद्दू के बीज भी इसमें फायदा पहुंचता है। तरल पदार्थ ज्यादा से ज्यादा लें। ऑ यली फूड, चॉकलेट और जंक फूड न खाएं। हाई फैट फूड और ज्यादा मीठी चीज़ों से परहेज करें।

Emoji plzz 21+


9 August 2023
07:34
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

लहसुन चेहरे से तिल को हटाना का कारगर उपाय है। इसके लिए बस आप लहसुन की दो-तीन कलियां छील लें और उन्हें पीसकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को तिल पर लगाएं और उसके ऊपर कॉटन का एक कपड़ा बांध ,दें। ऐसे ही रातभर के लिए बंधा रहने दें। इस तरीके को हफ्ते में तीन बार जरूर करें। धीरे-धीरे तिल पर पपड़ी बनने लगेगी और आकार कम होने लगेगा और कुछ ही दिनों में तिल पूरी तरह से चेहरे से साफ हो जाएगा।
सेब का सिरका
सेब का सिरका भी चेहरे पर मौजूद तिल की भरमार को दूर करने में आपकी मदद करेगा। इसके लिए बस आप सिरके में रुई के एक टुकड़े को डुबोएं। अब इसे तिल पर रखें। अब इस रुई को तिल पर टिकाए रखने के लिए इसे आप किसी चीज से बांध दें। करीब 5-6 घंटे ऐसे ही रहने दें। सेब के सिरके में मौजूद एसिड तिल को कुछ ही दिन में सुखा देगा। ऐसा रोजाना करने से तिल एक हफ्ते के अंदर गायब हो सकता है। 
अलसी का तेल
अलसी का तेल भी चेहरे से तिल को हटा सकता है। इसके लिए बस आप दो बूंद अलसी का तेल और दो से तीन बूंद शहद की बूंदों को मिला लें। इसे तिल के ऊपर करीब एक 1 घंटे तक लगाए रखें। रोजाना ऐसा करने से कुछ ही दिनों में तिल चेहरे से गायब हो जाएगा। 
अनानास का जूस 
अनानास के जूस से भी चेहरे के तिल को हटाया जा सकता है। इसके लिए बस आप अनानास का एक छोटा सा टुकड़ा लें। इसे कुछ मिनट तक जहां पर तिल वहां पर हल्के हाथ से रगड़ें। तिल पर लगे जूस को कुछ मिनट तक ऐसे ही छोड़ दें। फिर पानी से धो लें। ऐसा दिन में कई बार करें। जल्दी ही तिल चेहरे से साफ हो जाएगा। 
प्याज का रस
तिल से निजात पाने के लिए प्याज काफी असरदार होता है। इसके लिए बस आप प्याज को घिसकर या फिर मिक्सी में पीस लें। इसे छानने के बाद इसका रस निकाल लें। इस रस को तिल पर रोजाना लगाने से कुछ ही दिन में तिल अपने आप सूखकर गायब हो जाएगा।
एलोवेरा
एलोवेरा भी तिल को हटाने का रामबाण तरीका है। इसके लिए बस आप एलोवेरा को तिल वाली जगह पर लगाएं। इसके साथ ही उस जगह को तीन से चार घंटे के लिए किसी चीज से बांध दें या फिर ढक दें। इस तरह से दिन में दो बार करें। ऐसा रोजाना करने से कुछ ही दिन में तिल अपने आप गायब हो जाएगा। 



13 August 2023
08:27
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

लहसुन

आयुर्वेद में लहसुन के अनेक फायदे बताए गए हैं। लहसुन का इस्तेमाल मस्से हटाने के लिए भी किया जाता है। इसमें मौजूद एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण त्वचा से मस्से हटाने में मदद क hvर ते हैं। ये मस्से को पहले मुलायम करके हटा देता है। इसके अलावा आयुर्वेद में लहसुन से कई चर्म रोगों का इलाज किया जाता रहा है।
मस्से को हटाने के लिए दो लहसुन कलियों का पेस्ट बनाकर मस्से पर एक घंटे के लिए रख दें। थोड़ी देर बाद त्वचा को पानी से धो लें। लहसुन का यह उपाय दिन में दो बार करें। ऐसा करने से जल्द ही आपको मस्से से छुटकारा मिलेगा। 

केले का छिलका
स्किन को ग्लोइंग बनाने के लिए कई बार आपने कई बार केले का इस्तेमाल किया होगा। इसके अलावा केले का छिलका आपको मस्से से निजात दिला सकता है। दरअसल, केले के छिलके में मस्से को सुखाने की क्षमता होती है। इसके लिए आप केले के छिलके को रातभर मस्से वाली जगह पर रखकर उस पर एक कपड़ा बांध लें। ऐसा तब तक करें जब तक मस्सा साफ न हो जाए।
प्याज का रस
प्याज का रस भी मस्से से छुटकारा दिलाने का काम करता है। इसके लिए आप घर पर ही प्याज का रस निकालकर एक शीशी में भर लें। नियमित रूप से इस रस को अपने मस्से पर लगाएं। ऐसा कुछ दिनों तक करने से आप मस्से से निजात पा सकेंगे।  



14 August 2023
07:15
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

health_beautys_tips@vkmagzine
15 August 2023
08:06
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


जो व्यक्ति एक घुटना मोड़ता है उसका वही घुटना दर्द करता है और दूसरा ठीक रहता है. इसके अलावा दैनिक जीवन में चलने-फिरने, चढ़ाव चढ़ने, सैर करने, व्यायाम करने, व्यायाम करने से घुटनों के जोड़ों में स्थित कारटीलेज का क्षय होता है इसकी क्षतिपूर्ति रात्रि को घुटनों के सीधे रखने एवं रक्तसंचार सुचारू रूप से संभव है कारटीलेज में द्रव या कोलोजन रक्त प्रवाह के अभाव में आपस में जुड़ने लगती है. रोगी को खडे होने पर अपना वजन ढोना और चलते समय संतुलन बनाना मुश्किल लगता है. हड्डियां आपस में टकराकर टेढ़ी होने लगती हैं. रोगियों को घुटनों पर नीकैप या क्रेप बैंडेज बांधकर रात्रि सोने की सलाह दी जाती है. घुटनों के अधिक दर्द में वज्रासन या पद्मासन वर्जित माना जाता है |

कारण
-------

* घुटने के दर्द की मुख्य वजह, खून में युरिक एसिड के लेविल का बढना है| इसे शरीर से बाहर निकालने के लिये रोगी को दो बातों का अनुसरण करना हितकर होता है -

1- मौसम के मुताबिक तीन से छ: लिटर पानी पीने की आदत बनानी चाहिये |

2- हरी सब्जी और फल या इनका जूस का सेवन |

दर्द के अन्य कारण
-------------------

* घुटने पर बार-बार दबाव से सूजन (जैसे लंबे समय के लिए घुटने के बल बैठना, घुटने का अधिक उपयोग करना अथवा घुटने में चोट) बरसाइटिस कहते हैं |

* आपके घुटने में सामने की ओर दर्द जो सीढ़ियों अथवा चढ़ाव पर चढ़ते और उतरते समय बढ़ जाता है. यह धावकों, और साइकिल चलाने वालों को होता है | टेन्टीनाइटिस घुटने के पीछे पानी के भरने से सूजन, साथ आथर्राइटिस जैसे अन्य कारणों से सूजन भी हो सकती है | यदि सिस्ट फट जाती है तो आपके घुटने के पीछे का दर्द नीचे आपकी पिंडली तक पहुंच सकता है |

* घिसा हुआ काटिर्लेज घुटने के जोड़ के अंदर की ओर अथवा बाहर की ओर दर्द पैदा कर सकता है |

* झटका लगना अथवा मोच- अचानक अथवा अप्राकृतिक ढंग से मुड़ जाने के कारण लिगमेंट में मामूली चोट |

* जोड़ में संक्रमण (इंनफेक्शन)

* घुटने की चोट- आपके घुटने में रक्त स्राव हो सकता है जिससे दर्द अधिक होता है |

घरेलू देखभाल
----------------

1- आराम करें और ऐसे कार्यों से बचे जो दर्द बढ़ा देते हैं, विशेष रूप से वजन उठाने वाले कर्यों से बचें |

2- किसी भी प्रकार की सूजन को कम करने के लिए अपने घुटने को जहां तक संभव हो ऊपर उठा कर रखें |

3- कोई ऐसा बैंडेज अथवा एलास्टिक स्लीव पहनकर घुटने को धीरे धीरे दबाएं | (ये दोनों वस्तुएं लगभग सभी दवाइयों की दुकानों पर मिलती है) यह सूजन को कम कर सकता है और सहारा भी देता है (नी कैप की तरह)

4- अपने घुटनों के नीचे अथवा बीच में एक तकिया रखकर सोयें |

घुटनों के व्यायाम
------------------

1- घुटनों का संचालन जंघा से पैर को दोनों हाथों से ऊपर उठाकर घुटने से पैर को आगे-पीछे दस पंद्रह बार चलाना |

2- वहीं पकडे़ हुए घुटने के निचले हिस्से से गोल घुमाना 10-10 बार सीधे-उलटे |

3- पैर लंबे करके बैठें और टखनों को आगे-पीछे दस बार चलाना और सीधे-उलटे घुमाना |

4- घुटनों की कटोरियां की मांसपेशियों को खींचना और ढीला छोड़ना - 100 बार |

5- अधिक दर्द न हो तो गद्दे पर 5 मिनट पद्मासन या वज्रासन करें |

6- पेट के बल लेटकर मकरासन की स्थिति बनाकर एक पैर का घुटना मोड़कर ऊपर हिस्से को गोल 10-10 बार सीधे-उलटे घुमाएं |

7- पीठ के बल लेटकर एक-एक पैर बिना घुटने से मोड़े 90 डिग्री पर उठाने का प्रयत्न करें पांच-पांच बार एक-एक पैर उठाएं |

यौगिक साइकिलिंग-
---------------------

1- पीठ के बल लेटकर एक-एक पैर को साइकिल जैसे चलाएं. अभ्यस्त हो जाने पर दोनों पैरों से लेटे-लेटे साइकिलिंग सीधे-उलटे 25 से 50 बार करें, उपरांत शवासन करें |

2- सवेरे भूखे पेट तीन चार अखरोट की गिरियां निकालकर कुछ दिन खाने मात्र से घुटन का दर्द समाप्त हो जाता है |




Jᴏɪɴ 
22 August 2023
07:13
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

1. पढ़ाई के लिए सही जगह चुनें
आपकी पढ़ाई आपके परिवेश और वातावरण पर निर्भर करता है। इसलिए सही जगह का चुनाव बहुत आवश्यक है। जगह का चुनाव करते समय इन बातों का ध्‍यान रखे।
पढ़ाई के लिए शांत वातावरण हो।
बैठने के लिए एक अच्छी कुर्सी और टेबल रखें।
किताबों को अच्छे से रखने की सुविधा हो।
उस कमरे के बाहर “Do Not Disturb” का बोर्ड लगायें।
पढ़ाई करते समय परिवार वालों से कहें की वह आपके कमरे में बार-बार ना आयें।

2. पढ़ाई को अपना रूटीन कार्य बनायें

पढ़ाई के लिए एक योजना होना जरूरी है। एकाग्र हो कर पढ़ाई करने के लिए इस तरह का योजना बना सकते हैं।
हर दिन पढ़ाई करने के लिए टाइम टेबल चार्ट बनायें और उसके अनुसार पढ़ाई करें।
पढ़ाई को दैनिक कार्य से अलग ना समझें।
पढ़ाई करने के लिए हमेशा उत्साहित रहें।
45 मिनट से ज्यादा लगातार पढ़ाई न करें।
जिस समय पढने में आसानी होती है उसी के अनुसार अपना समय चार्ट बनायें।

3. ध्यान भटकाने वाली चीजों को दूर रखें (Keep all distracting devices away)
अगर आप लंबे समय तक पढ़ना चाहते हैं, तो सबसे पहले ध्यान हाटाने वाली चीजों से दूर रहें। क्‍योंकि इन चीजों की वजह से आप अपना कीमती समय बर्बाद कर देते हैं और पढ़ाई में याद किए हुए पाठ्य भूल जाते हैं। इसलिए अगर पढ़ाई करना है तो इन इलेक्ट्रॉनिक यंत्रों से दूर रहें।

4. अच्छे से पढ़े (Read properly)
अगर आपको अपने पाठ्यक्रम को समझना और याद करना है तो अपने सिलेबस को अच्छे से पढने की जरूरत होती है। जब आप पढ़ाई करें तो पहले लक्ष्‍य निर्धारित कर दें और लक्ष्‍य पूरा होने पर अपनी मेहनत के लिए स्वयं को शाबाशी दें। हमेशा सकारात्मक विचारों के साथ जुड़े रहें और खाली समय में अच्छी प्रेरणादायक किताबें पढ़ें। भले ही काम-काम कर के पढ़ें पर समझ कर पढ़ें

5. अनुशासित रहें (Be Disciplined)
लंबे समय तक पढ़ाई के मूलमंत्रों में अनुशासन भी शामिल है। अगर पढ़ाई में ध्यान लगाना है तो अनुशासन बनाये रखना बहुत आवश्यक है। आपका मन भले ही एक तरफ से दूसरी और जाने लगे परन्तु अनुशासन ही वो चीज है जो आपका ध्यान से पढ़ने में मदद करता है। इसलिए जब कभी भी आपका ध्यान भटकने लगे तो उसे रोकें और अपने टाइम टेबल पर फोकस करें। इसके लिए आप अपने पढ़ाई वाली जगह पर एक कागज़ पर लिख कर चिपका दें “मैं पढ़ाई के समय मात्र पढ़ाई में ध्यान दूंगा और कुछ भी नहीं करूंगा”। पढ़ाई को मज़ा समझ कर पढ़ें ना की बोझ के जैसे।
6. जानिए आपको कब आराम करना है (Know when to have a Rest)
अगर आप बिना रूके कोई काम करते हैं तो वह आपको बोझ लगने लगेगा। इसलिए पढ़ाई के बीच-बीच में ब्रेक होना बहुत जरूरी है। सोचिये की ब्रेक एक अच्छा चीज है और उस समय कुछ सकारात्मक कार्य करें जिससे की पढ़ाई के दौरान याद किया हुआ चीज़ आप ना भूलें। आप प्रति 45-60 मिनट में 5-10 मिनट का ब्रेक ज़रूर लें, इससे दिमाग ताज़ा रहता है।
7. अपनी प्रगति की समीक्षा करें (Monitor your progress)
अपने पढ़ाई के तरीकों में सुधार के साथ अपनी प्रगति को भी देखें। इससे आपको ज़रूर प्रेरणा मिलेगा और आप सही रूप से पढ़ाई करने में सफल हो पाएंगे। इसके लिए आप खुद से सवाल पूछें कि क्‍या आपने अपने लक्ष्‍य को हासिल किया, अगर नहीं तो क्‍यों।

8. अपने शरीर को समझें (Understand Your Body)
सभी छात्रों का पढ़ाई का अलग तरीका और समय होता है। कुछ लोग सुबह के समय अच्छा पढ़ते हैं या अपने कार्य में अच्छे होते हैं तो कुछ लोग रात के समय अच्छा पढने में मन लगाते हैं। आप को अपने शारीर को समझना होगा की आपका दिमाग कब ज्यादा पढने का मन कर रहा है रात को या दिन के समय। सही समय में ही सही कार्य करने को ही सफलता कहते हैं।

9. पर्याप्त और अच्छी नींद लें (Get enough and Good sleep)
मन लगाकर पढ़ाई करने के लिए अच्‍छी नींद बहुत जरूरी है। जब कोई व्यक्ति अच्छे से सोता है तो उसके हॉर्मोन सही तरीके से रेगुलेट होते हैं जो दिमाग को मजबूत बनाते हैं और शरीर को आराम भी देते हैं। इससे छात्रों को पढ़ाई किए हुए पाठ को याद करने में मदद मिलती है। थके हुए शरीर से कभी भी पढ़ाई पर ध्यान या मन लगाना बहुत मुश्किल होता है और कभी-कभी नामुमकिन भी है। इसलिए जरूरत के हिसाब से प्रतिदिन 7-8 घंटा रात को ज़रूर सोना चाहिए।

10. हेल्‍दी खाना खाएं (Eat Healthy Food)
स्‍वस्‍थ रहने और पढ़ाई के लिए अच्छा खाना भी जरूरी है। अच्छा फल, सब्जियों, और अनाज खाने से दिमाग की शक्ति बढती है। पौष्टिक और संतुलित आहार से पढ़ाई में मन भी लगता है। ज्यादा वसा युक्त, मीठा, कार्बोहायड्रेट युक्त खाना न खाएं क्योंकि इससे आपके शरीर को हानी पहुंचाता है।
health_beautys_tips@vkmagzine





2.अदरक वाली चाय पिएं

3. कम वसा वाला आहार लें

4. योग का अभ्यास करें

5.त्रिफला चूर्ण का प्रयोग करें.

Join our authentic study📚✏ channel👇


17 September 2023
16:58
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

​मेथी से सफेद पानी का इलाज👇

तीन चम्‍मच मेथीदाना को आधे घंटे तक एक लीटर पानी में उबालें। इसके बाद पानी को छानकर पानी को ठंडा होने के लिए रख दें और फिर इस पानी को पीएं। लिकोरिया में मेथीदान योनि के माइक्रोफ्लोरा और पीएच के स्‍तर को संतुलित रखने में मदद करता है।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
केले से सफेद पानी का इलाज 👇
रोज सुबह एक पका केला खाएं और बेहतर परिणाम के लिए केले के साथ घी लें। चीनी या गुड़ के साथ केला लेना भी फायदेमंद रहता है। केला योनि से हानिकारक सूक्ष्‍मजीवों को बाहर निकालता है।

धनिए के बीज👇
10 ग्राम धनिया के बीजों को रातभर के लिए 100 मि.ली पानी में भिगो दें। सुबह खाली पेट इस पानी को छानकर पी लें। धनिये के बीजों का पानी पीने से शरीर से विषाक्‍त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं और शरीर स्‍वस्‍थ रहता है। आप एक हफ्ते तक ये नुस्‍खा आजमा कर देख सकती हैं।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
​ चावल और पानी का काढ़ा👇
सदियों से योनि से सफेद पानी आने के घरेलू उपाय के रूप में चावल और पानी के काढ़े का इस्‍तेमाल किया जाता रहा है। एक लीटर पानी में चावल उबाल लें और फिर इसे ठंडा होने के लिए रख दें। अब इस पानी को पी लें। बेहतर और जल्‍दी परिणाम पाने के लिए चावल के पानी में जंबुल ( जामुन) के बीजों का पाउडर भी मिला सकती हैं। Health_Beautys_Tips@vkmagzine

​ आंवला👇
एक से दो चम्‍मच आंवले पाउडर को शहद में मिलाकर एक गाढ़ा पेस्‍ट बना लें। आपको इसे दिन में दो बार खाना है। इसके अलावा एक कप पानी में एक चम्‍मच आंवले का पाउडर डालकर आधा होने तब उबाल लें। स्‍वाद के लिए इस काढ़े में शहद या चीनी भी मिला सकते हैं। रोज सुबह खाली पेट कच्‍चा आंवला खाना भी लाभकारी होता है।

​लिकोरिया बीमारी का घरेलू नुस्खा
पानी पीना👇
ज्‍यादा पानी पीने से संक्रमित बैक्‍टीरिया शरीर से बाहर निकल जाता है। दिनभर में कम से कम 2 से 3 लीटर पानी पीएं। जब भी जरूरत लगे पेशाब करने जरूर जाएं। ज्‍यादा देर तक पेशाब करने रोकने से बैक्‍टीरिया जमने लगते हैं। नींबू मूत्रवर्द्धक होता है इसलिए आप नींबू पानी भी पी सकती हैं।
👇 Health_Beautys_Tips@vkmagzine
अगर आपको वजाइना में इंफेक्‍शन के कारण योनि से अधिक डिस्‍चार्ज हो रहा है तो इस स्थिति में आपको तुरंत स्‍त्री रोग विशेषज्ञ को दिखाना 🙏
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
अगर पोस्ट पसंद आई है तो एक प्यारा सा इमोजी अवश्य प्रदान करें!
🇮🇳🇮🇳 जय हिंद 🇮🇳🇮🇳



सफेद पानी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें आपको बताई जाएंगी next post -: पोस्ट पर 30+ इमोजी 🙏
19 September 2023
19:38
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

सफेद पानी क्या है और क्यों होता है जानकारी👇
महिलाओं में अक्सर सफेद पानी आने की समस्या आम हो चुकी है और इससे लगभग हर महिला परेशान है। इस व्हाइट डिस्चार्ज के नाम से भी जाना जाता है। महिलाओं के पीरियड आने के पहले और पीरियड के बाद अक्सर इस तरह की परेशानी देखने को मिलती है तो इसे सामान्य प्रक्रिया माना जाता है। परंतु अगर अधिक मात्रा में सफेद पानी योनि से निकलता है तो यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है।
सफेद पानी आने के समस्या शरीर के किसी विकार के कारण हो सकती है। आयुर्वेद के व्हाइट डिस्चार्ज की समस्या को श्वेद प्रदर कहा जाता है। श्वेत प्रदर का आयुर्वेद में सबसे अच्छा उपचार उपलब्ध है। श्वेत प्रदर होने का सबसे बड़ा कारण गलत खानपान माना गया है और जीवनशैली भी इसकी बड़ी वजह मानी जाती है।
सफेद पानी आने के कारण शारीरिक कमजोरी, जोड़ों में पीड़ा, अल्प आयु में विवाह, जल्दी गर्भवती होना, पेचिश, अनियमित माहवारी, गर्म औषधियों का प्रयोग गर्भाशय में करना, ओवरी कैंसर, ओवरी में बवासीर, ओवरी में सूजन इत्यादि की वजह से सफेद पानी आता है।
सफेद पानी आने के अन्य कारण –
गुप्तांगों की ठीक से सफाई न करना।
अधिक घबराहट होना।
बार-बार गर्भपात होने ही स्थिति बनना।
योनि संक्रमण या फिर किसी प्रकार की सर्जरी Health_Beautys_Tips@vkmagzine
संतुलित भोजन एवं पौष्टिक आहार का अभाव ।
महिलाओं की योनि में चर्म रोग की समस्या होती है तो ऐसे में बहुत तेजी खुजली महसूस होती है और खुजली करने पर योनि में गर्म सुरसुराहट होती है और फिर योनि से कफ के जैसा सफेद गीला द्रव्य निकलना शुरू हो जाता है।
जिन महिलाओं को व्हाइट डिस्चार्ज आने की समस्या है उन्हें कुछ इस तरह के लक्षण महसूस होते है जिसके आधार पर आकलन कर सकती है कि उन्हें की लिकोरिया की समस्या है और जल्दी से इसका उपचार करवा कर समाधान प्राप्त कर सकती है।
श्वेत प्रदर की समस्या होने पर 24 घंटे महिला की योनि से पानी के जैसा सफेद पदार्थ निकलता रहता है जिससे सदैव योनि और उसके आसपास गीलापन बन रहता है। योनि से निकलने वाला सफेद पानी कभी सफेद तो कभी मटमैला रहता है। कभी इसका बहाव कम तो कभी ज्यादा भी हो सकता है।
इस कारण के महिला तथा युवतियों के वस्त्र भी गीले हो जाते है और उन्हें शर्मिंदगी का भी सामना करना पड़ता है। इस कारण से योनि में गंध भी आ सकती है। Health_Beautys_Tips@vkmagzine
सफेद पानी आने के अन्य लक्षण –
पेट के निचले हिस्से में भारीपन बना रहना ।
उठने बैठने में जांघों में दिक्कत होना और दर्द ।
भूख में कमी आना तथा चक्कर आना।
बार-बार पेशाब लगना।
जैसा मासिक धर्म के दौरान दर्द रहता है उसी प्रकार का दर्द बना रहना।
चिड़चिड़ापन होना ।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
ल्यूकोरिया को दूर करने के आयुर्वेदिक उपाय –
श्वेत प्रदर की समस्या का जड़ से खत्म करने के लिए आयुर्वेदिक औषधियां सबसे प्रभावी होती है। आयुर्वेदिक औषधि रोगों की जड़ में असर करती है और उसे हमेशा के लिए समाप्त कर देती है।
आयुर्वेद में औषधि के अलावा खानपान, जीवनशैली एवं प्राणायाम पर अधिक जोर दिया जाता है जिससे शरीर में होेने वाले दोषों से मुक्ति होती है और शरीर निरोगी बनता है।
सफेद पानी को दूर करने वाली आयुर्वेदिक दवाएं –
गोखरू छोटा
समुद्र शोख
सफेद मूसली
गोंद
पिस्ता
नाग भस्म
बंग भस्म
यशद भस्म
लौह भस्म
प्रवाल पिष्टी
गुरुची सत्व
लोध्र
नोट – बिना किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक के औषधि का सेवन न करें
⚡ Note - कल घरेलू नुक्से बताए जाएंगे यदि आप इमोजी 20+ कर देते हैं !

आप  सभी से उम्मीद की जाती है कोई गलत कमेंट नहीं करेगा🙏




30 September 2023
12:31
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

हर किसी की चाहत होती है कि उसके बाल सुंदर और घने हों, लेकिन बढ़ते प्रदूषण, स्ट्रेस और अन्य शारीरिक स्थितियों के कारण बाल जल्दी झड़ना शुरू हो जाते हैं. कुछ लोगों के बाल तो इतने झड़ते हैं कि सिर पर गंजेपन के धब्बे दिखने लगते हैं. बालों को दोबारा लंबे और हेल्दी बनाने के लिए आयुर्वेदिक उपचार का प्रयोग करना अच्छा विकल्प है.
आयुर्वेद के अनुसार मनुष्य शरीर में वात, पित्त और कफ जैसे दोष होते हैं. जब इन दोषों में असंतुलन होता है, तब ही बीमारियां उत्पन्न होती हैं, जिसमें से एक है बाल झड़ना. ग्रीन टी, गुलाब की पत्तियां या नीम का प्रयोग झड़ते बालों का एक कारगर आयुर्वेदिक इलाज है.
आज लेख में जानिए झड़ते बालों का कारगर आयुर्वेदिक इलाज - 

बाल झड़ने से बचाते हैं ये आयुर्वेदिक उपचार-

A. शिकाकाई
B. रीठा
C. आंवला
D. गुलाब का तेल
E. नीम
F. ग्रीन टी
E. तुलसी


A. शिकाकाई👉
शिकाकाई से बालों की अधिकतर समस्याओं को सुलझाया जा सकता है. बाल झड़ने में शिकाकाई को हल्के गर्म पानी में मिला कर एक शैंपू की तरह प्रयोग किया जाता है. शिकाकाई का करने से बालों की ग्रोथ होती है और किसी भी तरह का इंफेक्शन है, तो वह भी खत्म होता है. शिकाकाई से बालों में नमी बनी रहती है और बाल ड्राई होने से भी बचते हैं

रीठा👉
रीठा में एंटी-फंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जिनसे बालों में होने वाले इंफेक्शन से बचा जा सकता है. इंफेक्शन के कारण झड़ने वाले बालों से रीठा निजात दिला सकता है. रीठा बालों में चमक लाता है. रीठा का प्रयोग भी गर्म पानी में मिला कर एक शैंपू की तरह ही किया जाता है. इससे डैंड्रफ की समस्या भी कम होती है.
health_beautys_tipS@vkmagzine

आंवला👉
आंवला बालों के लिए काफी अच्छा होता है. आंवले के तेल का प्रयोग बाल झड़ने की समस्या को रोकने के लिए किया जाता है. अगर बाल कमजोर हो रहे हैं या पतले होते जा रहे हैं, तो भी आंवला उन्हें मजबूत करने में सहायक है. आंवला में विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो बालों को मजबूती और चमक वापस पाने में मदद करते हैं. आंवला से बनने वाले हेयर-केयर प्रोडक्ट्स बालों में प्रयोग करने से बाल जल्दी सफेद भी नहीं होते.
health_beautys_tipS@vkmagzine

गुलाब का तेल👉
आयुर्वेद के मुताबिक गुलाब के तेल का बालों में प्रयोग करने से सारे दोष संतुलित हो सकते हैं. नहाते समय गुलाब का एसेंशियल ऑयल गर्म पानी में मिलाकर प्रयोग किया जा सकता है. अगर गुलाब का तेल नहीं है, तो गुलाब की पत्तियों के पानी से बाल धोये जा सकते हैं. इससे बाल झड़ने की समस्या कम हो सकती है.

नीम👉
नीम में एंटी-माइक्रोबियल व एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं. यही नहीं इसमें कूलिंग प्रॉपर्टी भी होती हैं, जो बालों को झड़ने से रोक सकती हैं. नीम की पत्तियों से न केवल हेयर रिंस बनाया जा सकता है, बल्कि नीम के पाउडर को पानी में मिलाकर पेस्ट भी बनाया जा सकता है. इस पेस्ट को बालों में लगाने से स्कैल्प इंफेक्शन से भी राहत मिलती है. नीम के प्रयोग से बाल हेल्दी और मजबूत बनते हैं

ग्रीन टी👉 health_beautys_tipS@vkmagzine
ग्रीन टी के माध्यम से कफ दोष को कम किया जाता है. यही नहीं चमकदार बाल पाने के लिए भी ग्रीन टी हेयर रिंस का प्रयोग किया जा सकता है. जब ग्रीन टी पाउडर को गुलाब जल में मिलाकर सिर पर मास्क की तरह लगाया जाता है, तो इससे बालों की जड़ें काफी मजबूत बनती हैं और बालों का घनत्व भी बेहतर होता है. कुछ रिसर्च के मुताबिक ग्रीन टी का प्रयोग करने से नए बाल भी जल्दी बढ़ते हैं. 
health_beautys_tipS@vkmagzine 

तुलसी👉
तुलसी के पत्तों को ग्रीन टी के साथ पानी में मिलाने से बालों के लिए काफी प्रभावी रिंस बनाया जा सकता है. इस रिंस से ड्राई बाल और कमजोर बालों की समस्या हल होती है. अगर गर्मियों का मौसम है, तो इस  में एलोवेरा जेल का भी प्रयोग किया जा सकता है. इससे बालों में एक कूलिंग इफेक्ट मिलता है.


सारांश👉
झड़ते बालों के लिए आयुर्वेद बेहतरीन उपचार है. इसके साथ ही बालों के लिए अरोमा थेरेपी और कुछ खास हेयर मास्क का प्रयोग करना भी झड़ते बालों की समस्या को कम कर सकता है. आयुर्वेद के मुताबिक बालों को नियमित रूप से शैंपू करना और उनमें तेल लगाना भी काफी जरूरी है. दरअसल, बालों को भी हमारे शरीर की तरह ही पोषण की आवश्यकता होती है. अगर घरेलू उपचार ट्राई करने के बाद भी बाल झड़ने की समस्या ठीक नहीं होती है, तो डॉक्टर से संपर्क करें.

health_beautys_tipS@vkmagzine
@i_m_so_cool
14:52
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

𝚄𝙿𝚂𝙲/𝙿𝚂𝙲/𝙽𝙴𝚃 𝙹𝚁𝙵 /𝙿𝚈𝚀
4 October 2023
15:49
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
शर्मिंदा होना पड़ता है। तो आपको कुछ तरीके आजमाकर अपने दांत साफ़ करने चाहिए। यह तरीके गुटखा, तंबाकू से या अन्य कारणों की वजह से हुए खराब दांत को वाइट कर देंगे।

दांत साफ करने का तरीका👇

१. संतरे का छिलका है कारगार
संतरे के छिलके में विटामिन सी होता है जो दांतों के लिए बहुत उत्तम है। संतरे के छिलके को अपने दांतों पर हल्के हाथों से रगड़े। ५ मिनट तक रगड़े और फिर १० मिनट के लिए ऐसे ही लगा रहने दे। अब ब्रश कर लें, इस उपाय को आप रात में सोने के पहले करें। इससे आपके दांतो की सफेदी फिर से आ जाएगी।
२. हाइड्रोजन पेरोक्साइड से करे दांत साफ़
हाइड्रोजन पेरोक्साइड एक प्राकृतिक ब्लीचिंग एजेंट होता है। जो मुँह में जमा गंदगी और बैक्टीरिया को जड़ से खत्म कर देता है। हाइड्रोजन पेरोक्साइड को बेकिंग सोडा में मिलाकर टूथपेस्ट करे। इस उपाय को आपको दिन में २ बार करना है। आप खुद ही देखेंगे की आपके दाँत पहले से अब अच्छे साफ़ दिख रहे है।
३. सरसों का तेल और नमक
सरसों का तेल और नमक का मिश्रण दाँतों के लिए बहुत अच्छा होता है। १ चम्मच सरसों का तेल लें। इसमें आधा चम्मच नमक मिलाकर एक मिश्रण तैयार कर लें। अब इससे अपने दातों पर हल्के - हल्के मालिश करे। मालिश करने के बाद ब्रश कर लें दातों पर लगे दाग दूर हो जाएंगे।
४. नींबू का रस चमकाएं आपके दांत
एक चम्मच निम्बू का रस लें इसमें आधा चम्मच बेकिंग सोडा मिक्स कर लें। इस मिश्रण से अपने दातों को मलें। ५ मिनट तक ऐसा करने के बाद निम्बू और बेकिंग सोडे के पेस्ट को ऐसे ही दातों पर लगा छोड़ दें और फिर ब्रश करें।
५. बेकिंग सोडा है प्राकृतिक तरीका
प्राकृतिक रूप से दांत साफ करने का तरीका है बेकिंग सोडा। आप जिस टूथपेस्ट का इस्तेमाल करते है उनमें भी बेकिंग सोडा होता है दांतो पर लगे गंदे पीले दाग को साफ़ कर यह उनकी खोयी हुई चमक को वापस लौटा देता है।  १ चम्मच बेकिंग सोडा में जरा सा पानी मिलाकर पेस्ट जैसा बना लें। इससे अपने दातों की मसाज करें। यह मुँह के बैक्टीरिया और सतह के दाग को खत्म कर देता है।
६. सेब का सिरका
इसका इस्तेमाल आपको बहुत सावधानी से करना है। ज्यादा इस्तेमाल करने पर यह उल्टा प्रभाव डाल सकता है। इसे जैतून के तेल में मिलाकर ही प्रयोग करें। सेब के सिरका और जैतून का तेल मिला लें। अब इसमें अपने टूथब्रश को थोड़ी देर के लिए डालकर रख दें। अपने टूथब्रश पर टूथपेस्ट लगाकर ब्रश कर लें।
७. नीम से करे दांत साफ़
दाँतों के बीच में फंसी गंदगी को साफ़ करने के लिए नीम का उपयोग करे। ८-१० नीम के पत्ते ले लीजिये इसे पानी में उबालें। अब इस नीम के पानी से कुल्ला करें। एक ग्लास पानी जितना लें। कुल्ला करने के बाद ब्रश जरूर करें। इस विधि को रात में सोने के पहले करें। आपके दांत स्वस्थ और मजबूत भी हो जाएंगे।
८. हल्दी का प्रयोग
अगर आप सोच रहे है की हल्दी दांतो को पीला कर देगी तो यह गलत अवधारणा है। जी नहीं हल्दी दातों को साफ़ करने के लिए बहुत अच्छी औषधि है। इसमें एंटीसेप्टिक और रोगाणुरोधी गुण होते है। हल्दी से अपने दातों को मलें। इसमें सरसों का तेल या निम्बू भी मिला सकते है। इसके बाद पानी से कुल्ला कर लें। हफ्ते में २-३ बार यह विधि जरूर ट्राई करें।
९. केले के छिलके है गुणकारी
केले के छिलके बहुत से पोषक तत्व जैसे :- मैग्नीशियम, पोटेशियम और मैंगनीज पाए जाते है। जिससे दाँत चमकदार हो जाते है केले के छिलके से ५ मिनट तक अपने दातों को रगड़े। केले के अवशेष को हटाने के लिए इसके बाद ब्रश जरूर करें। यह उपाय दांतों के पीलेपन को दूर कर दांतों को सफेद कर देगा।
१०. नारियल तेल से चमकाएं दांत
१ चम्मच ऑर्गेनिक नारियल तेल ले लीजिये। इसे अपने मुहं में १० मिनट तक घुमाएं। फिर इसे थूक दें निगलना नहीं हैं। अब पानी से अपने मुहं को अच्छी तरह से साफ़ कर लें। इस प्रयोग को रोज सुबह उठते ही करें। आपको कुछ ही दिनों में फर्क दिखाई देने लगेगा।

निष्कर्ष :
दातों का पीलापन उम्र बढ़ने की वजह से भी होता है और जो लोग गुटखा, तंबाकू का सेवन करते है उनके दांत तो खराब हो ही जाते है। अपने दातों को नियमित रूप से दिन में ३ बार ब्रश करें और अच्छे भोज्य पदार्थ खाएं जिनसे आपके दांत पीले ना हो। इसके साथ ही ऊपर बताये गए तरीके आजमाएं।
पोस्ट अच्छी लगी हो तो, दोस्तों लाइक शेयर कमेंट जरुर करें!
आपके सुझाव हमारे लिए महत्वपूर्ण है😊
5 October 2023
20:21
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

6 October 2023
12:38
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
कर चुके हैं!
आप पोस्ट को सर्च कर लिया कीजिए, और हमारी पोस्ट पर अपना बहुमूल्य रिएक्शन, कमेंट, और शेयर अवश्य किया कीजिए उससे हमें मोटिवेशन मिलता है! धन्यवाद🥰
7 October 2023
06:23
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
बवासीर (या ढेर) के कुछ लक्षणों में शामिल हैं:
गुदा के आसपास तीव्र खुजली
दर्दनाक या खुजली वाली सूजन या आपके गुदा के पास गांठ
दर्दनाक मल त्याग
मल त्याग के दौरान या बाद में आपकी गुदा से रक्तस्राव
जलन और गुदा के आसपास दर्द
मल का रिसाव
यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि आपको बवासीर है, इसलिए अन्य समस्याओं का पता लगाने के लिए अपने चिकित्सक से निदान की तलाश करें।
डॉक्टर इस मुद्दे के लिए ओवर-द-काउंटर उत्पादों की सिफारिश कर सकते हैं। गंभीर बवासीर के लिए अधिक उपचार की आवश्यकता होगी।
बवासीर के इलाज के लिए कुछ आयुर्वेदिक तरीके हैं जिन्हें आप भी आजमा सकते हैं👇👇
health_beautys_tips@vkmagzine
health_beautys_tips@vkmagzine

दोष के अनुसार बवासीर के प्रकार
आयुर्वेदिक मान्यता में, आपका प्रमुख दोष यह निर्धारित करता है कि आप किस प्रकार के बवासीर का अनुभव कर रहे हैं:

जो लोग पित्त हैं वे सूजन, खून बहने वाले बवासीर का अनुभव कर सकते हैं जो नरम और लाल होते हैं। अन्य लक्षणों में बुखार, दस्त और प्यास की भावना शामिल है।
जो लोग वात हैं वे उच्च स्तर के दर्द, कब्ज और खुरदरी, सख्त बनावट के साथ काले बवासीर का अनुभव कर सकते हैं।
जो लोग कफ हैं उनका पाचन खराब हो सकता है और बवासीर जो फिसलन भरा, हल्का या सफेद रंग का, मुलायम और आकार में बड़ा होता है।
बवासीर के आयुर्वेदिक उपाय
बवासीर के उपचार के लिए आयुर्वेदिक दृष्टिकोण को समग्र माना जाता है। बवासीर का अनुभव करने वाले लोग जो आयुर्वेदिक दवाओं के साथ उनका इलाज करने की कोशिश करना चाहते हैं, उन्हें अपनी उपचार योजना के हिस्से के रूप में हर्बल उपचार, जीवन शैली में बदलाव और संभवतः न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रियाओं की अपेक्षा करनी चाहिए।

आपका आयुर्वेदिक चिकित्सक उपचार सुझाव देने से पहले आपके प्रमुख दोष को निर्धारित करने के लिए आपके समग्र स्वास्थ्य का मूल्यांकन करेगा। यह अनुशंसा की जाती है कि आप उचित निदान और उपचार के दृष्टिकोण के लिए अपने डॉक्टर से बात करें।

यदि आप बवासीर का अनुभव कर रहे हैं और उपचार के लिए आयुर्वेदिक 👇👇

health_beautys_tips@vkmagzine

Next post tomorrow after emoji 20+
8 October 2023
21:38
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

एक्सटर्नल पाइल्स यानी बाह्य बवासीर - इस तरह का बवासीर गुदा मार्ग यानी मल मार्ग के आसपास की त्वचा के नीचे होता है. health_beautys_tips@vkmagzine
इंटरनल बवासीर यानी अंदरूनी बवासीर - यह प्रकार का बवासीर व्यक्ति के मलाशय यानी रेक्टम में मौजूद होता है. इन्हें देखा या महसूस नहीं किया जा सकता, लेकिन मल त्याग के दौरान दर्द रहित ब्लीडिंग हो सकती है.
बवासीर के लक्षण -
बवासीर में व्यक्ति को मल त्यागने में परेशानी होती है. बवासीर की समस्या ज्यादा होने पर व्यक्ति को बैठने में भी समस्या होने लगती है. इसके अलावा कई ऐसे लक्षण हैं जो बवासीर की ओर संकेत करते हैं.
बवासीर के लक्षण, क्यों होता है, जड़ से खत्म कैसे करें और रामबाण आयुर्वेदिक👇 इलाज⚡
एक्सटर्नल बवासीर में व्यक्ति ब्लीडिंग का अनुभव कर सकता है.
एक्सर्टनल बवासीर में गुदा या मल मार्ग के आसपास सूजन हो सकती है.
एक्सर्टनल बवासीर काफी कष्टदायक और असुविधाजनक होता है.
एक्सर्टनल बवासीर में गुदा मार्ग के आसपास खुजली और जलन महसूस हो सकती है.
इंटरनल बवासीर में सूजन हो सकती है
इंटरनल बवासीर में गुदा के पास गांठ महसूस हो सकती है
इंटरनल बवासीर में कई बार गंभीर दर्द का अनुभव हो सकता है.
कई मामलों में इंटरनल बवासीर के दौरान दर्द रहित ब्लीडिंग हो सकती है.
बार-बार मल त्यागने की इच्छा होना, लेकिन मल न निकलना
बवासीर के कारण -
आयुर्वेद में बवासीर को 'अर्श' कहा गया है. वात, पित्त और कफ तीनों दोषों के दूषित होने की वजह से बवासीर (Bawaseer kaise hoti hai) होता है. यही वजह है कि आयुर्वेद में इसे त्रिदोषज रोग भी कहा गया है. कई लोगों में बवासीर पीढ़ी दर पीढ़ी चलता है. इसके कई अन्य कारण भी होते हैं.
health_beautys_tips@vkmagzine
कई लोगों को अपनी जॉब के कारण कई घंटों तक खड़े रहना पड़ता है, और लंबे समय तक खड़े रहने से भी बवासीर हो सकता है.
भारी वजन उठाना भी बवासीर का एक कारण हो सकता है.
कब्ज बवासीर का एक प्रमुख कारण है. कब्ज में मल सूखा और कठोर हो जाता है, जिसके कारण व्यक्ति को मल त्यागने में दिक्कत होती है. काफी देर तक उकड़ू बैठे रहने के कारण वहां की रक्तवाहिनियों पर जोर पड़ता है. जिसके कारण वह फूलकर लटक जाती हैं और उन्हें ही बवासीर का मस्सा कहा जाता है.
ज्यादा तला-भुना और मिर्च मसाले युक्त भोजन भी बवासीर का कारण बनता है.
ठीक से शौच न होना और फाइबर युक्त भोजन का सेवन न करना भी बवासीर का कारण हो सकता है.
महिलाओं में प्रसव के दौरान गुदा क्षेत्र पर अधिक दबाव पड़ने से भी बवासीर का खतरा रहता है.
शारीरिक गतिविधि की कमी के कारण भी बवासीर हो सकता है.
धूम्रपान और शराब के सेवन के चलते भी बवासीर हो सकता है.
बवासीर में तुरंत आराम के लिए क्या करें?
इप्सम साल्ट और ग्लिसरीन की दो-दो चम्मच लेकर मिलाएं और प्रभावित जगह पर 15-20 मिनट तक लगा रहने दें. यह घरेलू उपचार दर्दनाक बवासीर को कम करने में मदद करता और तुरंत आराम मिल सकता है. इससे सूजन में भी आराम मिलता है.
बवासीर का घरेलू इलाज -
बवासीर के लिए कई तरह के घरेलू उपाय (Piles Treatment At Home) मौजूद हैं. उनमें से एक हल्दी भी है. हल्दी को गुणों की खान माना जाता है. हल्दी से बवासीर में बहुत उपयोगी साबित हो सकती है. ऐसे ही कई अन्य घरेलू उपाय (Bawasir Ke Gharelu Upchar) हैं, जिनका इस्तेमाल करके आप बवासीर में राहत पा सकते हैं.
हल्दी पाउडर और नारियल तेल
आयुर्वेदिक के अनुसार नारियल का तेल (Coconut Oil For Piles Treatment) कई बीमारियों के इलाज में अहम भूमिका निभाता है. नारियल के तेल में चुटकीभर हल्दी पाउडर मिलाकर बवासीर की जगह पर हल्के हाथों या कॉटन ले लगा लें. इससे आपको गुदा के बाहरी हिस्से में होने वाले बवासीर में राहत मिल सकती है.
हल्दी और एलोवेरा जेल
एलोवेरा को उसकी ठंडी तासीर के लिए जाना जाता है. एलोवेरा जेल में हल्दी पाउडर (Aloevera Gel With Haldi) मिलाकर रात में नियमित तौर पर सोने से पहले गुदा मार्ग के बवासीर वाली जगह पर लेप लगाने से राहत मिलती है. इस उपाय को कम से कम दो हफ्तों तक लगातार करें. health_beautys_tips@vkmagzine
देसी घी और हल्दी है रामबाण इलाज
देसी घी अपने गुणों के लिए जाना जाता है. अगर आप नियमित रूप से देसी घी का सेवन करते हैं तो कई समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है. बवासीर की समस्या से निजात पाने के लिए देसी घी में चुटकीभर हल्दी मिलाकर एक मिश्रण तैयार करें और बवासीर वाली जगह पर नियमित तौर पर लगाने से कुछ ही दिनों में बवासीर की समस्या गायब हो जाएगी.
9 October 2023
23:36
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


Next post :- hair fall & height increase⬆
10 October 2023
21:42
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

मेथी या सौंफ को रात भर पानी या उबले चावल के पानी में डालकर छोड़ दें।
सुबह इसे पीस कर अपने स्कैल्प और बालों पर लगा लें।
आधे घंटे बाद बाल साफ कर लें।
आंवला, रीठा, शिकाकाई, नीम, सौंफ को रात भर भिगों दें। इसे पीसकर लगा लें या इसके पानी से बालों को धो लें।
आधे घंटे बाद बालों की सफाई कर लें।

2_ गुनगने तेल से स्कैल्प और बालों की मालिश👇

बालों को झड़ने से रोकने के लिए हल्के गर्म तेल से मसाज कारगर आयुर्वेदिक इलाज है। इससे स्कैल्प में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है। जिससे बाल जड़ों से मजबूत हो जाते हैं। 
कैसे करें प्रयोग
सरसों, तिल या आंवले के तेल को हल्का गर्म करें।
 बालों के टूटने-झड़ने से बचाने के लिए ऑयल मसाज बेहद जरूरी है।
उंगलियों के पैरो में लगाकर हल्के हाथों से स्कैल्प की मालिश करें।
3_ करी पत्ता, आंवला, मेथी जैसे हर्ब बालों के लिए कारगर
एलोवेरा, करी पत्ता, आंवला, मेथी, हिबिस्कस आदि बालों के लिए काफी असरकारक हैं।
कैसे करें प्रयोग
आप चाहें, तो हेयर पैक केे रूप में इनका इस्तेमाल कर सकती हैं, बालों की क्लींजिंग कर सकती हैं।
 
4 आहार और व्यायाम पर दें ध्यान
बालों के स्वास्थ्य के लिए सिर्फ ऊपरी देखभाल ही जरूरी नहीं है, बल्कि बालों को अंदर से पोषण दिया जाना भी जरूरी है। इसके लिए डॉ. कहते हैं कि आयुर्वेद मानता है कि हेयर केयर के लिए पौष्टिक भोजन भी उतना ही जरूरी है। इसके साथ ही योग और प्राणायाम से जब आपका स्वास्थ्य भीतर से मजबूत होता है, तो बाल भी मजबूत हाेते जाते हैं और वे कम झड़ते हैं।
🌞Next post height increase⬆... After 21emoji this post
Like share cmnt plz support 💪 kro... Jay hind
12 October 2023
20:30
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

यह हाइट बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक औषधि है । औषधीय गुण जो शरीर में हड्डियों और ऊतकों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। आसान उपभोग के लिए अश्वगंधा टैबलेट और कैप्सूल के रूप में उपलब्ध है।

2. केले
यदि आप एक स्वादिष्ट व्यंजन चाहते हैं जो आपको घर पर प्राकृतिक रूप से लंबाई बढ़ाने में मदद करेगा , तो अपने दैनिक आहार में एक केला शामिल करें। इनमें पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम उच्च मात्रा में होते हैं और विकास को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।

3. हरी पत्तेदार सब्जियाँ
ये हाइट बढ़ाने वाली जड़ी-बूटियों की श्रेणी में आते हैं । उच्च मात्रा में फाइबर के अलावा, ये हमारे आहार में कई सूक्ष्म पोषक तत्व जोड़ते हैं। ये सूक्ष्म पोषक तत्व प्रणालियों के समुचित कार्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं और इस प्रकार बेहतर विकास को बढ़ावा देते हैं।

4. व्यायाम करना
लंबाई बढ़ाने के लिए सुबह के समय हल्का वर्कआउट बहुत फायदेमंद हो सकता है। व्यायाम करने से रक्त संचार बेहतर होता है और पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर होता है। यह हानिकारक वसा के संचय को भी नियंत्रित रखता है। इस प्रकार, यह ऊंचाई की वृद्धि में तेजी लाने का एक सरल तरीका है।

5. सोया खाना
सोया दूध, आटा और तेल को व्यापक रूप से ऊंचाई बढ़ाने में सहायक माना जाता है। ये अत्यधिक पौष्टिक होते हैं और इनमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। अपने आहार में समय-समय पर सोया भोजन लेने से ऊंचाई बढ़ाने में मदद मिल सकती है।

6. दलिया
यह हाइट बढ़ाने के लिए सबसे आसान घरेलू उपचारों में से एक माना जाता है । इन्हें बनाना आसान है और आप इन्हें लगभग हर रोज अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। सर्वोत्तम परिणामों के लिए नाश्ते के दौरान फलों के साथ एक कटोरी दलिया खाएं। वे प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होते हैं जो शारीरिक विकास को बढ़ावा देते हैं।

7. मेवे और बीज
मेवे और खाने योग्य बीज दुनिया के लगभग हर बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं। वे पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं जो चयापचय को अच्छी तरह से काम करने में मदद कर सकते हैं। इनका अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए। आहार में हर सप्ताह छोटे-छोटे अनुपात के परिणामस्वरूप लंबाई बढ़ सकती है।

8. विटामिन डी युक्त भोजन
विटामिन डी एक महत्वपूर्ण घटक है जो ऊंचाई में वृद्धि को बढ़ावा देता है। ये विभिन्न सब्जियों और दालों में पाए जाते हैं। दालों और सलाद से बना भोजन लंबाई बढ़ाने के लिए आवश्यक मात्रा में विटामिन डी की आपूर्ति कर सकता है।

10. पर्याप्त पानी पियें
प्रतिदिन 4 से 5 लीटर पानी पीने से लंबाई में बेहतर वृद्धि को बढ़ावा मिल सकता है। पानी शरीर के मुख्य ईंधन के रूप में कार्य करता है जो पचे हुए भोजन से पोषक तत्वों के उचित परिसंचरण और अवशोषण को सुनिश्चित करता है।

ये उपाय आपको बिना किसी हानिकारक दुष्प्रभाव के घर पर प्राकृतिक रूप से लंबाई बढ़ाने में मदद करेंगे।
🔥लंबाई बढ़ाने में रनिंग करना भी बेहद लाभप्रद रहेगा
𝙇𝙞𝙠𝙚 🔥 𝙨𝙝𝙖𝙧𝙚 🇮🇳 𝙘𝙤𝙢𝙢𝙚𝙣𝙩 🕉
13 October 2023
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine 

चेहरे पर पिम्पल्स हों तो कुछ भी करने को जी नहीं चाहता है।मेकअप तो बिलकुल नहीं। कहीं रिएक्शन हो गया तो! यही ख्याल दिन भर दिमाग में घूमता रहता है। मुंहासों के बीच ना तो ग्लॉस ही नजर आता और न ही रूज व फाउंडेशन का मजा रह जाता है। यह सभी चीजें चेहरे को रूखा और बेजान कर देती हैं। यकीन मानिए पिम्पल्स का उपाय केवल एक ही है, और वो है घरेलू इलाज। बाहर आप इसके ट्रीटमेंट के लिए जाएंगे तो हजारों पैसे खर्च होंगे। बावजूद इसके पिम्पल्स ठीक होने की गारंटी भी नही है। बेहतर होगा कि घर पर ही रहकर और घर की चीजों से ही पिम्पल्स का उपाय किया जाए

पिम्पल्स क्या हैं? 👇

साधारण भाषा में समझाएं तो यह कहा जा सकता है कि त्वचा में इंफेक्शन के कारण तेल की ग्रंथियां भर जाती हैं, उससे चेहरे पर दाने निकल आते हैं। आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि यह इंफेक्शन कैसे होता है? दरसअल त्वचा से निकलने वाला अत्याधिक तेल (सीबम), मृत त्वचा (डेड स्किन) के साथ मिलकर रोमछिद्रों को बंद कर देता है [1], जिससे वहां बैक्टीरिया पनपनेलगते हैं, जो मुंहासों का कारण बनते हैं।

𝙉𝙚𝙭𝙩 𝙥𝙖𝙧𝙩 𝙖𝙛𝙩𝙚𝙧 21 𝙀𝙢𝙤𝙟𝙞 🥰🙏


14 October 2023
07:14
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

पिम्पल्स छोटे और बड़े दोनों आकार में हो सकते हैं। इसमें पानी और पस दोनों ही तरह की फुंसियां होती हैं। इनमें तेज दर्द के साथ कई बार खून भी निकलता है। त्वचा पर होने वाले ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स को भी मुंहासे ही कहा जाता है। यूं तो इसमें दर्द नही होता है, लेकिन कील लंबी जो तो निकालते समय ये भी कई बार दर्द करते हैं। इस तरह के मुंहासे [2] चेहरे पर ही नही, बल्कि पीठ और बगल {आर्मपिट्स} पर भी होते हैं। बहरहाल पिम्पल्स का उपाय भी आप तभी कर पाएंगे कि जबकि उसके सभी प्रकारों से अवगत होंगे-
1. दाना या फुंसी मुंहासे (Pustule)
आमतौर पर फुंसी का ताल्लुक उम्र से कम और खानपान से ज्यादा रहता है। छोटे बच्चों से लेकर जवान और बूढ़ों तक को फुंसी हो जाती है, लेकिन हां चेहरे पर फुंसी ज्यादातर किशोरावस्था में ही निकलती है। 15 से 30 साल की आयु तक फुंसी वाले दाने निकलते रहते हैं, लेकिन बाद में यह धीरे-धीरे ठीक भी होने लगते हैं। यह पहले लाल और गुलाबी रंग की होती हैं और पकने के बाद इसमें से पीले रंग का मवाद निकलता है। मवाद भरने के बाद इनमें दर्द भी बहुत होता है। फुंसी गहरी और थोड़े बड़े आकार की हो तो फूटने के बाद उस जगह पर गढ्डे पड़ जाते हैं।
2. ब्लैकहेड्स (Blackheads)
ब्लैकहेड्स एक प्रकार की कील होती है। यह धागे के रेशे जैसा दिखता है, लेकिन छूने में थोड़ा सख्त होता है। अक्सर यह नाक और अपरलिप्स पर ज्यादा होते हैं। किसी-किसी के पूरे चेहरे पर ब्लैकहेड्स हो जाते हैं। यह किसीभी उम्र में हो जाते हैं। इनका मुख्य कारण रोमछिद्रों में धूल-मिट्टी का भरण होता है। हालांकि, इन्हें स्क्रब द्वारा आसानी से निकला जा सकता है, लेकिन अगर यह बड़े हों तो इसे ब्लैकहैड रिमूवर टूल से ही निकलना चाहिए।
3. व्हाइटहेड्स (Whiteheads)
ब्लैकहेड्स की तरह यह भी एक तरह की कील ही होती है, लेकिन यह सफेद रंग की होती है। यह नाक के आसपास वाली जगह, माथा और होंठ पर ज्यादा होते है। ब्लैकहेड्स की तुलना में यह छोटी और मुलायम होती है।
4. पेपुल्स (Papules)
पेपुल्स का हमारी त्वचा संबंधी किसी समस्या से लेन-देना नही है, बल्कि किसी कीड़े के काटने से हो जाता है। कई बार किसी खाद्य पदार्थ की एलर्जी से पेपुल्स हो जाता है। यह हल्का गुलाबी रंग का होता है।
5. नोड्यूल्स (Nodules)
नोड्यूल्स आकार में दूसरे पिम्पल्स के बड़े और चपटे होते हैं। यह बाहर की तुलना में भीतर की ओर बढ़ते जाते हैं। इन्हें छूने भर से ही काफी दर्द होता है। यह पिम्पल्स अक्सर स्टेरॉयड लेने से हो जाते हैं।
6. गांठ (Cystic Pimples)
इन्हें आप सिस्ट भी कह सकते हैं। यह एक ही जगह पर कई सारे भी हो सके हैं या एक बड़े आकार में भी यह हो सकता है। इसमें दर्द के साथ सूजन भी होती है।
पिम्पल्स (मुंहासे) होने के कारण - ( What Causes Pimple In Hindi )
पिम्पल्स होने के चार मुख्य कारण है-
अत्याधिक सीबम का उत्पादन
हेयर [3] फॉलिकल्स में मृत त्वचा और सीबम का जमा होना,
बैक्टीरिया
चोट के कारण होने वाली सूजन।
इसके अतिरिक्त हार्मोंस में होने वाले बदलाव, स्टेरॉयड और खराब खानपान के कारण भी पिम्पल्स हो जाते हैं। यहाँ आपको विस्तार से बताया गया है-
1. हार्मोनल बदलाव
किशोरावस्था में आते ही वसामय ग्रंथियां फैल जाती हैं, जिसकी वजह से यह अधिक तेल का उत्पादन करने लगता है। सेक्स हार्मोन्स के कारण वसामय ग्रंथियां अतिसक्रिय हो जाती हैं। तनाव के कारण भी हार्मोन्स में बदलाव होते हैं, जो पिम्पल्स का कारण बनते हैं।
2. स्टेरॉयड्स
फर्टिलिटी बढ़ाने वाली दवाओं से भी पिम्पल्स हो जाते हैं। बॉडी बिल्डिंग के उद्देश्य से लिए जाने वाले स्टेरॉयड्स से भी मुंहासे होते हैं। खराब खानपान की खराब आदतों की वजह से पेट में कब्ज हो जाती है, जिससे पिम्पल्स हो जाते हैं।
3. खराब खानपान
मुंहासे होने का एक मुख्य कारण खराब खानपान भी है। कई बार त्वचा रोगों में असंतुलित भोजन और जंक फूड लेना इसकी सबसे बड़ी वजह बन जाती है।
4. तनाव
तनाव के कारण कई तरह के हार्मोन्स रिसने लगते हैं, जिससे वसामय ग्रंथियां से अतिरिक्त तेल निकलने लगती हैं।
Next part after 21 emoji

17 October 2023
18:05
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
साइडइफेक्ट के पिम्पल्स को हमेशा के लिए ठीक कर सकते हैं-
1. मुल्तानी मिट्टी
पिम्पल्स के लिए मुल्तानी मिट्टी वरदान है। त्वचा से अत्याधिक तेल और गंदगी हटाने में मुल्तानी मिट्टी बेहद कारगर है। इसे रोज नहाते समय गुलाबजल में मिलाकर चेहरे पर लगाएं। पिम्पल्स चेहरे से यूं गायब होंगे जैसे कभी थे ही नही। यदि आप खड़ी मुल्तानी मिट्टी ले रहे हैं तो उसे रातभर गुलाबजल में भीगकर रखें। लगते समय उसमें थोड़ा नींबू मिला लीजिए। इस मिश्रण से आपके पिम्पल्स बहुत जल्दी सूख जाएंगे।
2. टूथपेस्ट
पिम्पल्स को हटाने के लिए वाइट टूथपेस्ट काफी असरदार है। यह बर्फ की तरह काम करता है। त्वचा जलने पर भी इसे लगाया जाता है। मगर ध्यान रहे कि टूथपेस्ट जेल वाला न हो अन्यथा आपको जलन हो सकती है। इसमें बेकिंग सोडा, हाइड्रोजन पेरोक्साइड और ट्राइक्लोसैन जैसे पदार्थ मौजूद होते हैं, जिसकी वजह से मुंहासें जल्दी सूख जाते हैं। इसे प्रतिदिन दो बार लगाएं। उसके बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें।
3. ओटमील
ओटमील स्वास्थ्यवर्धक है। यह पेट को ठंडा रखने के साथ आपको देता है भरपूर फाइबर। ओटमील फेसपैक से पिम्पल्स बहुत जल्दी ठीक होते हैं। शायद आप नही जानते होंगे कि यह हमारी त्वचा के रोमछिद्रों को शुद्ध करने साथ उससे अतिरिक्त तेल को अवशोषित करने में भी मददगार है। इसे शहद और नींबू के रस के साथ मिलाकर लगाएं, निश्चित रूप से पिम्पल्स जल्दी खत्म हो जाएंगे।
4. एलोवेरा जेल
एलोवेरा के एक नहीं, कई आयुर्वेदिक गुण हैं। इसे खाया भी जा सकता है और लगाया भी जा सकता है। त्वचा संबंधी रोगों के लिए यह अतिउत्तम है। इसका नियमित रूप से इस्तेमाल करने से पिम्पल्स को जड़ से खत्म किया सकता है। यह एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है। इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण पिम्पल्स को बहुत जल्दी ठीक करने में सहायता करते हैं। एलोवेरा को रात में सोते वक्त लगाएं। यदि आपके पास विटामिन ई के कैप्सूल उपलब्ध हैं तो उसे इसमें मिलाकर लगाएं।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
5. नीम
पिम्पल्स ठीक करने के लिए यह एक बेहद प्रभावी औषधि है। इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीइंफ्लेमेटरी तीनों ही गुण पाए जाते हैं। नीम को पीसकर उनका पेस्ट तैयार कर लें और एप्पल साइडर विनेगर व शहद के साथ मिलाकर लगाएं। विनेगर की जगह नींबू भी इस्तेमाल कर सकते हैं। घर पर जो आसानी से मिल जाए उसे ही इस्तेमाल करें। इसे रोजाना चेहरे पर लगाएं,पिम्पल्स बहुत जल्दी ठीक हो जाएंगे। इसके अलावा आप नीम का पानी भी तैयार कर सकते हैं। इसे आइसट्रे में डाल दें और उन क्यूब्स को चेहरे पर हल्के हाथ से रगड़ें।
पिम्पल्स से बचाव - ( Pimples Prevention Tips In Hindi)
पिम्पल्स का उपाय का सबसे बेहतर तरीका है उससे बचाव। बचाव के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है-
रोजाना चेहरे को कम से कम तीन बार 5 मिनट तक ठंडे पानी से धोएं।
दिनभर में लगभग 10 से 12 गिलास पानी पीएं।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
संतुलित आहार लें। वसायुक्त भोजन और जंकफूड से परहेज करें।
चेहरे के लिए योग और कसरत करें।
ग्रीजी और ऑयली मेकअप से बचें।
15 दिन में एक बार फ्रूट क्रीम से मसाज करें और हर हफ्ते स्क्रब करें।
मसाज से ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स मुलायम हो जाएं और मुलायम पड़ने पर यह आसानी से निकल जाते हैं।
फ्रूट क्रीम के लिए मलाई को पपीते और शहद के साथ मिलाकर पेस्ट तैयार करें। वहीं स्क्रब के लिए चीनी और कॉफी का इस्तेमाल करें।
ध्यान रहे कि मवाद और पानी वाले मुंहासों पर मसाज न करें। उनके लिए होममेड पेस्ट ही उपयोग में लाएं।
धूप में ज्यादा देर तक न रहें।
टी ट्री ऑयल लगा सकते हैं।
तनाव से दूर रहें।
पिम्पल्स से बचाव के लिए क्या खाएं और क्या न खाएं - ( Diet For Pimples In Hindi)
पिम्पल्स के लिए पीले और नारंगी रंग के फल व सब्जियां ही खाएं। अत्याधिक कैलोरी वाले फलों से परहेज करें। हालांकि आम पीला फल है, लेकिन उसमें कैलोरी बहुत ज्यादा होती है। टमाटर को त्वचा पर लगाकर जितना फायदा है उतना खाने में भी है। पालक और दाल जरूर खाएं। इनमें फाइबर होता है। कद्दू और लौकी खाएं। फलों में चीकू, आम और केला नही खाने हैं आपको, बाकी सब खा सकते हैं। कद्दू के बीज भी इसमें फायदा पहुंचता है। तरल पदार्थ ज्यादा से ज्यादा लें। ऑ यली फूड, चॉकलेट और जंक फूड न खाएं। हाई फैट फूड और ज्यादा मीठी चीज़ों से परहेज करें।

Emoji plzz 21+


18 October 2023
09:14
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

20:20
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
याददाश्त, एकाग्रता, नींद, ज्ञान और बहुत कुछ के लिए अद्भुत तरीके से काम करता है।
यदि गाय का घी आपके काम नहीं आता है तो अणु-तेल, शदबिंदु तेल आदि जैसे आयुर्वेदिक तेलों का उपयोग बालों और साइनसाइटिस, सिरदर्द आदि जैसी अन्य समस्याओं के लिए अद्भुत काम करता है, लेकिन आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श करने के बाद ही इसका उपयोग किया जाना चाहिए!

2.आंवला 👇
सेहत के अलावा बालों के झड़ने की समस्या को रोकने के लिए आंवला काफी असरदार है। ये ना केवल बालों की ग्रोथ करता है बल्कि बालों को मजबूती भी देता है। इसके लिए बस आप आंवले के पाउडर में शिकाकाई और रीठा डालकर उसका पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को बालों पर लगाएं और सूखने तक रहने दें। इसके बाद बालों को पानी से धो लें। कुछ ही दिनों में आपको फर्क दिखने लगेगा।

3. बालों का झड़ना रोकने वाली चाय
इस चाय की चुस्की लेने से पित्त और वात कम होता है और आपके बालों को पोषण मिलता है।

सामग्री
करी पत्ते- 7-10
पानी- 1 गिलास
गुड़हल का फूल- 1
विधि
करी पत्ते लें और इसे 300 मिली (1 गिलास) पानी में 3 मिनट तक उबालें।
फिर पानी में 1 गुड़हल का फूल डालें।
इसे 3 मिनट तक ऐसे ही रहने दें।
फिर छान लें और इस सुपर कूलिंग और बालों को पोषण देनेवाली चाय को पिएं।

आप चाय ले सकती हैं:
सुबह सबसे पहले
शाम को
सोते समय
𝙇𝙞𝙠𝙚👍 𝙨𝙝𝙖𝙧𝙚 🥰 𝙘𝙤𝙢𝙢𝙚𝙣𝙩𝙨💬


हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

बाल झड़ने के कई कारण हो सकते हैं:

खराब पोषण
अनियमित और अनियमित जीवनशैली - देर रात और लंबे समय तक रहना
पर्यावरणीय कारक जैसे प्रदूषण और जलवायु
तनाव , चिंता और तनाव और अपर्याप्त नींद या आराम

बाल झड़ने से रोकने के आयुर्वेदिक उपाय👇
आयुर्वेदिक अस्पतालों में विभिन्न उपचार उपलब्ध हैं। विभिन्न तेलों से अच्छी तरह सफाई करने से भी आपको मदद मिल सकती है। आपको एक सुसंपन्न सिर देने के लिए यहां कुछ प्रक्रियाएं दी गई हैं!

1. शिरोधारा :
'शिरो' का अर्थ है सिर और ' धारा ' का अर्थ है प्रवाह। यहां आपके सिर पर गर्म तेल डाला जाता है और आपके सिर की मालिश की जाती है। इससे सर्कुलेशन बढ़ता है और बालों का विकास बेहतर होता है। यह बालों के झड़ने के लिए सबसे प्रभावी आयुर्वेदिक उपचारों में से एक है!

अन्य आयुर्वेदिक उपाय अगली पोस्ट में

𝙇𝙞𝙠𝙚 🇮🇳 𝙨𝙝𝙖𝙧𝙚 ⚡ 𝙘𝙤𝙢𝙢𝙚𝙣𝙩𝙨 💬

𝙅𝙖𝙮 𝙝𝙞𝙣𝙙 🇮🇳
30 October 2023
20:11
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
को पोषण देता है। यह सिर की त्वचा को गर्म होने से बचाने में मदद करेगा, बालों को सफेद होने से रोकेगा और आपके संवेदी अंगों को पोषण देगा। आपका सिर ठंडा रहता है. यह बालों के रोमों को भी सहारा देता है और तंत्रिका अंत को पोषण देता है। निकलने वाले हार्मोन आपको खुश रखते हैं। बालों के झड़ने के लिए यह आयुर्वेदिक उपाय आपके तंत्रिका सिरों में रक्त परिसंचरण को बढ़ाकर बालों के झड़ने की समस्या से निपटने में आपकी मदद करता है।

3.  शिरोलेपा  हेयर पैक:
यहां, सिर को ठंडा करने में मदद के लिए आपके सिर की पूरी खोपड़ी पर एक पेस्ट लगाया जाता है। बालों के विकास के लिए यह आयुर्वेदिक उपाय रूसी को खत्म करने, बालों के झड़ने को नियंत्रित करने, दोमुंहे बालों की मरम्मत करने और बालों का गिरना कम करने में मदद करता है। यह माइग्रेन, अनिद्रा और सिरदर्द जैसी कई बीमारियों के इलाज में भी उपयोगी है। बेहतर रक्त परिसंचरण के साथ, यह आपके शरीर में विषाक्त पदार्थों को खत्म करने में मदद करता है, और, आपकी त्वचा की बनावट में सुधार करने में भी मदद करता है।
बालों के झड़ने की समस्या के लिए हेयर पैक बहुत प्रभावी आयुर्वेदिक उपचार हो सकता है। इनमें से कुछ पेस्ट आज़माएं.
 उबले हुए चावल के पानी में मेथी या मेथी के दानों को रात भर भिगोकर रखें  । इसे पीसो। फिर, पूरे स्कैल्प पर लगाएं और अपने बाल धो लें। आप इसे दही के साथ भी मिला सकते हैं.
बेसन, नींबू और नारियल पानी का पेस्ट बना लें।
बेसन को  आंवला,  रीठा  और  शिकाकाई के साथ मिलाएं  ।
अखरोट और  आंवले को  दही या पानी के साथ मिला लें. 
आंवले को दही में भिगोकर पीस लें. इसमें रीठा ,  शिकाकाई , नीम और मेथी मिलाएं  ।
4त्वरित सुझाव:
गीले होने पर अपने बालों को ब्रश न करें।
खूब सारा पानी पीओ।
धूम्रपान और शराब पीने जैसी अस्वास्थ्यकर आदतों से बचें।
नियमित रूप से कच्ची सब्जियां और सलाद का सेवन करें।
पर्याप्त नींद लें और अधिमानतः रात में।
यहां, विभिन्न बीमारियों से राहत दिलाने के लिए दैनिक अभ्यास के रूप में नाक के माध्यम से तेल डाला जाता है। देसी घी  और  अणु तैलम को  नाक में डाला जा सकता है।


4 November 2023
15:31
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

ग्रीन टी से कई तरह के हेल्थ बेनिफिट्स मिलते हैं। यह किसी वरदान से कम नहीं है। इसके सेवन से मोटापा, मधुमेह जैसे कई बीमारियों में फायदा मिलता है। इसके अलावा, यह कमर दर्द में भी राहत देने का कार्य करता है। अगर आप रोजाना ग्रीन टी का सेवन कर रहे हैं, तो आपको कमर दर्द की समस्या से राहत मिल सकती है।

सेंधा नमक से कमर दर्द में राहत

सेंध नमक भी कमर दर्द की समस्या को कम करने में मददगार होता है। अगर आप कमर दर्द से परेशान हैं तो एक बाल्टी पानी में एक चम्मच सेंधा नमक मिलाकर उससे स्नान करें। इस उपाय को करने से कुछ ही दिनों में आपको कमर दर्द में आराम महसूस होने लगेगा। दरअसल, सेंधा नमक में मैग्नीशियम सल्फेट पाया जाता है, जो कमर दर्द में राहत देने का काम करता है।

कमर दर्द से हैं परेशान तो खूब खाएं अनार

अगर आप कमर दर्द से परेशान हैं, तो अनार का रोजाना सेवन जरूर करें। अनार शरीर में आयरन की कमी को दूर करता है। साथ ही अनार में एनाल्जेसिक तत्व भी पाया जाता है, जो कमर दर्द को दूर करने में सहायक माना जाता है। आप अनार को चबा कर या उसका जूस निकालकर सेवन कर सकते हैं।

कमर दर्द में मेथी तेल से करें मालिश
कमर दर्द में मालिश बहुत फायदेमंद होती है। वहीं, अगर यह मालिश मेथी के तेल से की जाए तो जल्‍द राहत मिल सकती है। मेथी दानों को सरसों के तेल में डालकर पहले उसे अच्‍छे से भून लें। जब ये मेथी अपना असर छोड़ दें, तो इसे छान कर एक शीशी में डाल लें। अब इस तेल से रोजाना कमर की मालिश करें, कमर दर्द गायब हो सकता है।

कमर दर्द में अजवाइन खाएं

कमर दर्द से राहत पाने में अजवाइन में अच्‍छा घरेलू उपाय है। आप थोड़ी-सी अजवाइन को तवे पर थोड़ा गर्म कर लें और इसे चबाकर खाएं। इससे आपको दर्द से तुरंत राहत मिल सकती है। रात में अजवाइन खाने से जकड़न में आराम मिल सकती है।

कमर दर्द में तिल के तेल से मालिश

अगर आप कमर दर्द से परेशान है तो इससे शरीर की मालिश करा सकते हैं। इससे कमर की जकड़न और सूजन में राहत मिलती है। यह मांसपेशियों में खिंचाव कम करने का काम करता है। जिससे दर्द में राहत महसूस होती है।




8 November 2023
21:16
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


जो व्यक्ति एक घुटना मोड़ता है उसका वही घुटना दर्द करता है और दूसरा ठीक रहता है. इसके अलावा दैनिक जीवन में चलने-फिरने, चढ़ाव चढ़ने, सैर करने, व्यायाम करने, व्यायाम करने से घुटनों के जोड़ों में स्थित कारटीलेज का क्षय होता है इसकी क्षतिपूर्ति रात्रि को घुटनों के सीधे रखने एवं रक्तसंचार सुचारू रूप से संभव है कारटीलेज में द्रव या कोलोजन रक्त प्रवाह के अभाव में आपस में जुड़ने लगती है. रोगी को खडे होने पर अपना वजन ढोना और चलते समय संतुलन बनाना मुश्किल लगता है. हड्डियां आपस में टकराकर टेढ़ी होने लगती हैं. रोगियों को घुटनों पर नीकैप या क्रेप बैंडेज बांधकर रात्रि सोने की सलाह दी जाती है. घुटनों के अधिक दर्द में वज्रासन या पद्मासन वर्जित माना जाता है |

कारण
-------

* घुटने के दर्द की मुख्य वजह, खून में युरिक एसिड के लेविल का बढना है| इसे शरीर से बाहर निकालने के लिये रोगी को दो बातों का अनुसरण करना हितकर होता है -

1- मौसम के मुताबिक तीन से छ: लिटर पानी पीने की आदत बनानी चाहिये |

2- हरी सब्जी और फल या इनका जूस का सेवन |

दर्द के अन्य कारण
-------------------

* घुटने पर बार-बार दबाव से सूजन (जैसे लंबे समय के लिए घुटने के बल बैठना, घुटने का अधिक उपयोग करना अथवा घुटने में चोट) बरसाइटिस कहते हैं |

* आपके घुटने में सामने की ओर दर्द जो सीढ़ियों अथवा चढ़ाव पर चढ़ते और उतरते समय बढ़ जाता है. यह धावकों, और साइकिल चलाने वालों को होता है | टेन्टीनाइटिस घुटने के पीछे पानी के भरने से सूजन, साथ आथर्राइटिस जैसे अन्य कारणों से सूजन भी हो सकती है | यदि सिस्ट फट जाती है तो आपके घुटने के पीछे का दर्द नीचे आपकी पिंडली तक पहुंच सकता है |

* घिसा हुआ काटिर्लेज घुटने के जोड़ के अंदर की ओर अथवा बाहर की ओर दर्द पैदा कर सकता है |

* झटका लगना अथवा मोच- अचानक अथवा अप्राकृतिक ढंग से मुड़ जाने के कारण लिगमेंट में मामूली चोट |

* जोड़ में संक्रमण (इंनफेक्शन)

* घुटने की चोट- आपके घुटने में रक्त स्राव हो सकता है जिससे दर्द अधिक होता है |

घरेलू देखभाल
----------------

1- आराम करें और ऐसे कार्यों से बचे जो दर्द बढ़ा देते हैं, विशेष रूप से वजन उठाने वाले कर्यों से बचें |

2- किसी भी प्रकार की सूजन को कम करने के लिए अपने घुटने को जहां तक संभव हो ऊपर उठा कर रखें |

3- कोई ऐसा बैंडेज अथवा एलास्टिक स्लीव पहनकर घुटने को धीरे धीरे दबाएं | (ये दोनों वस्तुएं लगभग सभी दवाइयों की दुकानों पर मिलती है) यह सूजन को कम कर सकता है और सहारा भी देता है (नी कैप की तरह)

4- अपने घुटनों के नीचे अथवा बीच में एक तकिया रखकर सोयें |

घुटनों के व्यायाम
------------------

1- घुटनों का संचालन जंघा से पैर को दोनों हाथों से ऊपर उठाकर घुटने से पैर को आगे-पीछे दस पंद्रह बार चलाना |

2- वहीं पकडे़ हुए घुटने के निचले हिस्से से गोल घुमाना 10-10 बार सीधे-उलटे |

3- पैर लंबे करके बैठें और टखनों को आगे-पीछे दस बार चलाना और सीधे-उलटे घुमाना |

4- घुटनों की कटोरियां की मांसपेशियों को खींचना और ढीला छोड़ना - 100 बार |

5- अधिक दर्द न हो तो गद्दे पर 5 मिनट पद्मासन या वज्रासन करें |

6- पेट के बल लेटकर मकरासन की स्थिति बनाकर एक पैर का घुटना मोड़कर ऊपर हिस्से को गोल 10-10 बार सीधे-उलटे घुमाएं |

7- पीठ के बल लेटकर एक-एक पैर बिना घुटने से मोड़े 90 डिग्री पर उठाने का प्रयत्न करें पांच-पांच बार एक-एक पैर उठाएं |

यौगिक साइकिलिंग-
---------------------

1- पीठ के बल लेटकर एक-एक पैर को साइकिल जैसे चलाएं. अभ्यस्त हो जाने पर दोनों पैरों से लेटे-लेटे साइकिलिंग सीधे-उलटे 25 से 50 बार करें, उपरांत शवासन करें |

2- सवेरे भूखे पेट तीन चार अखरोट की गिरियां निकालकर कुछ दिन खाने मात्र से घुटन का दर्द समाप्त हो जाता है |




12 November 2023
07:29
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

आप सभी को दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं
16 November 2023
16:01
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

मुंह के छाले दूर करने के लिए घरेलू उपाय
1. नमक से माउथवॉश करें
मुंह के छालों को डिसइन्फेक्ट और जल्दी ठीक करने के लिए नमक के पानी से कुल्ला करें। नमक में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण माइक्रो-ऑर्गैनिज़्म को खत्म करते हैं। इसे बनाने के लिए एक कप गुनगुने पानी में एक चम्मच नमक मिलाएं। अब इससे दिन में दो बार कुछ मिनट के लिए कुल्ला करें।
2. ब्लैक-टी से सिकाई
मुंह के छालों पर जब सीधे काली चाय से सिखाई की जाती है, तो इससे जल्दी राहत मिलती है। काली चाय में मौजूद टैनिन्स हीलिंग प्रोसेस को तेज़ी देता है। एक कप गर्म पानी में टी-बैग को भिगो कर रख दें। कुछ देर बाद जब बैग ठंडा हो जाए, तो इससे छालों पर सिकाई करें।



Next part after 21emoji
21 November 2023
19:40
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
दूध मिलाएं और उससे कुछ देर कुल्ला कर लें।
4. मुंह में लौंग का उपयोग
मुंह में छाले हो जाने से दर्द भी काफी होता है। इस दर्द से राहत पाने के लिए आप लौंग चबा सकते हैं। लौंग में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और एनाल्जेसिक गुण छाले को कीटाणुओं से बचाते हैं, उसे जल्दी ठीक होने में मदद करते हैं और दर्द से राहत देते हैं।
5. दही खाएं
दही एक प्रोबायोटिक है। इसका सेवन करने से आपका बोअल मूवमेंट और इंटेस्टाइन की सेहत बेहतर होती है। इससे शरीर का प्राकृतिक डिफेंस मजबूत होता है, जिससे मुंह के छाले ठीक होते हैं।

मुंह के छालों से कैसे बचाव करें
दिन में दो बार दांतों को ब्रश करें ओरल हाइजीन के लिए फ्लॉस जरूर करें डाइट में ऐसी चीजें भी लें जो मुंह के स्वास्थ्य को बढ़ावा देती हैं टिशू को नुकसान न पहुंचे इसके लिए मुलायम टूथ ब्रेश का ही उपयोग करें दिन में कम से कम 2-3 लीटर पानी पिएं मसालेदार और मिर्च वाले खाने से बचें गुनगुने पानी से रोजाना गरारे करें डेंटल हेल्थ चेकअप कराते रहें
मुंह के छालों के लिए डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
मुंह के छाले आमतौर पर संक्रामक नहीं होते, लेकिन अगर यह दो हफ्ते में भी ठीक नहीं होते, या फिर एक छाला काफी बड़े आकार का है, तो आपको दांतों के डॉक्टर को दिखाना चाहिए। अगर आप और शराब का सेवन करते हैं, और आपका मुंह का छाला दो हफ्ते से ज्यादा समय तक परेशान कर रहा है, तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें। कई बार यह मुंह के कैंसर की वजह से भी हो सकता है।


30 November 2023
09:21
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

नीम को खुजली पर बेहद असरदार माना जाता है. आप शरीर पर नीम की पत्तियों को पीस कर भी लगा सकते हैं या इसके तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं. नीम के एंटी बैक्टीरियल गुण खुजली को कम करते हैं
.हल्दी (Turmeric)
हल्दी को नीम के तेल में मिलाकर पेस्ट तैयार करें और इस पेस्ट को खुजली वाली जगह पर लगाएं. कुछ देर रखने के बाद धो लें, आपको आराम महसूस होगा.

3.एलोवेरा (Aloe Vera)
खुजली वाली जगह पर एलोवेरा लगाने पर राहत महसूस होती है. यह खुजली को फैलने से रोकता है. एलोवेरा को स्किन पर लगभग आधा घंटा लगाए रखने के बाद धो लें. इसे गुनगुने पानी से ही धोएं. आप रोजाना 2-3 बार इसे लगा सकते हैं.

4.लौंग का तेल (Clove Oil)
लौंग में पाए जाने वाले एंटी बैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण खुजली के दानों को कम करने में मदद करते हैं. लेकिन, इसे लगाते समय सावधानी बरतनी चाहिए. आप लौंग के तेल को नारियल के तेल में मिलाकर लगा सकते हैं.

5.नारियल का तेल (Coconut Oil)
शरीर पर नारियल का तेल लगाने पर खुजली में आराम मिलता है. इसके साथ ही नारियल का तेल लगाने पर आपको ठंडक भी महसूस होगी. 

Note :- अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें!
Join for more post 👇


3 December 2023

हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

अलसी का काढ़ा दें 101℅ बिना-चिरफाड़ यानी ऑप्रेशन के बिल्कुल स्वस्थ हो जाएँगे.

*"अलसी एक अमृतमयी चमत्कारी औलषधी :"*

 
*विविध नाम :*
अलसी, फ्लेक्स सीड्स, लिन सिड्स वगैरा ईसके नाम हैं।

दोस्तों,
अलसी से सभी परिचित होंगे लेकिन ईसके चमत्कारी फायदे से बहुत ही कम लोग जानते हैं।

हम आज अलसी के फायदे के बारे में जो बता रहें हैं उनके बारे में जानकर और अपनाकर आप जरुर रोग मुक्त हो जायेगें।

अलसी शरीर को स्वस्थ रखती है व आयु बढ़ाती है। अलसी में 23℅ ओमेगा-3 फेटी एसिड, 20℅ प्रोटीन, 27℅ फाइबर, लिगनेन, विटामिन बी ग्रुप, सेलेनियम, पोटेशियम, मेगनीशियम, जिंक आदि होते हैं।

अलसी में रेशे भरपूर 27% पर शर्करा 1.8% यानी नगण्य होती है। इसलिए यह शून्य-शर्करा आहार कहलाती है और मधुमेह रोगियों के लिए आदर्श आहार है।

*ब्लड शुगर :*
अगर किसीको ब्लड शुगर, (डायाबिटिज) की तकलीफ है तो आपके लिये अलसी किसी वरदान से कम नहीं है।

सुबह खाली पेट २ चमच अलसी लेकर, २ ग्लास पानी में उबालें जब आधा पानी बचे तब छानकर पियें।

*थाईराईड :*
सुबह खाली पेट २ चमच अलसी लेकर २ ग्लास पानी में उबालें, जब आधा पानी बचे तब छानकर पियें।

यह दोनों प्रकार के थाईराईड में बढ़िया काम करती है।

*हार्ट ब्लोकेज :*
३ महिना अलसी का काढ़ा उपर बताई गई विधि के अनुसार करने से आपको ऐन्जियोप्लास्टि कराने की जरुरत नहीं पड़ती।

*लकवा, पैरालिसीस :*
पैरालिसीस होने पर ऊपर बताई गई विधि से काढ़ा पीने से लकवा ठीक हो जाता है।

*बालों का गिरना :*
अलसी को आधा चम्मच रोज सुबह खाली पेट सेवन करने से बाल गिरने बंद हो जाते हैं।

   *जोडों का दर्द :*
अलसी का काढ़ा पीने से जोड़ों का दर्द दूर हो जाता है। साईटिका, नस का दबना वगैरा में लाभकारी।

*अतिरिक्त वजन :*
अलसी का काढ़ा पीने से शरीर का अतिरिक्त वजन दूर होता है।  नित़्य इसका सेवन करें, निरोगी रहें।

*केन्सर :*
किसी भी प्रकार के केन्सर में अलसी का काढ़ा सुबह-शाम दो बार पिऐं जिससे असाधारण लाभ निश्चीत है।

*पेट की समस्या :*
जिन लोगों को बार-बार पेट के जुड़े रोग होते हैं उनके लिये अलसी रामबाण ईलाज है। अलसी कब्ज, पेट का दर्द आदि में फायदाकारक है।

*बालों का सफेद होना :*
१ व्यक्ति ने मुझे बताया कि उसने मेरे बताने के अनुसार ३ महिने अलसी का काढा पीया तो उसके सफेद बाल भी धीरे-धीरे काले होने लगे।

*सुस्ति, आलस, कमजोरी*
अलसी का काढा पीने से सुस्ती, थकान, कमजोरी दूर होती है।

*किसी भी प्रकार की गांठ :*
सुबह शाम दो समय अलसी का काढ़ा बनाकर पीने से शरीर में होने वाली किसी भी प्रकार की गांठ ठीक हो जाती है।

*श्वास-दमा कफ, ऐलर्जीँ :*
अलसी का काढ़ा रोज सुबह शाम २ बार लेने से श्वास, दमा, कफ, ऐलर्जीँ के रोग ठीक हो जाते हैं।

*ह्दय की कमजोरी :*
ह्दय से जुड़ी किसी भी समस़्या में अलसी का काढ़ा रामबाण ईलाज है।

जिन लोगों को ऊपर बताई गई समस़्या में से १ भी तकलीफ है तो आपके पास ईसका रामबाण ईलाज के रुप में अलसी का काढा है। कृप्या आप इसका सेवन करें आैर स्वस्थ रहें।

*कैसे बनायें काढा :*
2 चमच अलसी + 3 ग्लास पानी मिक्स करके उबालें। जब अाधा पानी बचे तब छानकर पियें।

इस प्रयोग से असंख्य लोगों को बहुत ही लाभ मिला है।
Next post after 31 emojis


23 December 2023
12:06
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

1 सबसे पहले दूध में पानी की मिलावट को परखने के लिए किसी लकड़ी या पत्थर पर दूध की एक या दो बूंद गिराइए। अगर दूध बहकर नीचे की तरफ गिरे और सफेद निशान बन जाए तो दूध पूरी तरह से शुद्ध है।

2 दूध में डिटर्जेंट की मिलावट को पहचानने के लिए, दूध की कुछ मात्रा को एक कांच की शीशी में लेकर जोर से हिलाइए। अगर दूध में झाग निकलने लगे तो इस दूध में डिटरर्जेंट मिला हुआ है। अगर यह झाग देर तक बना रहे, तो दूध के नकली होने में कोई संशय नही है।

3 दूध को सूंघकर देखें। अगर दूध नकली है, तो उसमें साबुन की तरह गंध आएगी, और अगर दूध असली है, तो उसमें इस तरह की गंध नहीं आती।

4 दूध को दोनों हाथों में लेकर रगड़कर देखें। अगर दूध असली है, तो सामान्य तौर पर चिकनाहट महसूस नहीं होगी। लेकिन अगर दूध नकली है, तो इसे रगड़ने पर बिल्कुल वैसी ही चिकनाहट महसूस होगी, जैसी कि डिटर्जेंट को रगड़ने पर होती है।

5 दूध को देर तक रखने पर, असली दूध अपना रंग नहीं बदलता है। जबकि दूध अगर नकली है, तो वह कुछ समय बाद पीला पड़ने लगेगा।

6 असली दूध को उबालने पर उसका रंग बिल्कुल नहीं बदलेगा, लेकिन नकली दूध का रंग उबलने पर पीला हो जाएगा।

7 सिंथेटिक दूध में अगर यूरिया मिला हुआ है, तो वह गाढ़े पीले रंग का हो जाता है।

8 स्वाद के मामले में असली दूध हल्का-सा मीठा स्वाद लिए हुए होता है, जबकि नकली दूध का स्वाद डिटर्जेंट और सोडा मिला होने की वजह से कड़वा हो जाता है।
Emoji plzz 30+
Join fast 👇👇


27 December 2023
16:39
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
रंग काला हो जाता है. अगर आप भी इस समस्या से जूझ रहे हैं तो हम बता दें कि आपके घर में ही ऐसे कई उपाय मौजूद हैं, जिनके इस्तेमाल आप आसानी से इनसे छुटकारा पा सकते हैं. 
उपाय 👇👇👇

19:05
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
लेने की कोशिश करें.

2. हाइड्रेटेड रहें: डिहाइड्रेशन के कारण भी काले घेरे हो सकते हैं. इसलिए दिन भर खूब पानी पिएं और खुद को हाइड्रेटेड रखें. 

3. एलर्जी: एलर्जी की वजह से आंखों के आसपास सूजन और मलिनकिरण हो सकता है. अगर आपको एलर्जी है तो इससे बचने की कोशिश करें और एंटीहिस्टामाइन लें.

4. स्किन को धूप से बचाएं: धूप के कॉन्टैक्ट में आने से भी डार्क सर्कल हो सकते हैं. इसलिए अपनी स्किन की सुरक्षा के लिए 30 या फिर ज्यादा एसपीएफ वाला सनस्क्रीन लगाएं.

5. कोल्ड कंप्रेस का यूज़ करें: आंखों पर कोल्ड कंप्रेस लगाने से भी सूजन और डार्क सर्कल को ठीक किया जा सकता है
Part 3.



31 December 2023
18:19
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

1. खीरा: खीरे की ठंडी स्लाइस को अपनी आंखों पर 10-15 मिनट के लिए रखने से इस समस्या को कम किया जा सकता है. खीरे में एंटी इन्फ्लेमेटरी और प्राकृतिक रूप से स्किन को गोरा करने वाले गुण पाए जाते हैं, जो डार्क सर्कल को कम करने में मदद करते हैं. 

2. टी बैग्स: इस्तेमाल किए हुए ठंडे टी बैग्स को अपनी आंखों पर 10 से 15 मिनट के लिए रखें. चाय में कैफीन और एंटीऑक्सीडेंट की मौजूदगी होती है, जो आंखों के आसपास की सूजन और कालेपन को कम करने में मददगार हैं. 

3. कोल्ड कंप्रेस: डार्क सर्कल और आंखों के आसपास की सूजन को कम करने के लिए ठंडे पानी में डूबा हुआ तौलिया इस्तेमाल करें. 

4. बादाम का तेल: अपनी आंखों के नीचे बादाम के तेल की कुछ बूंदों को लगाएं और कुछ मिनट तक धीरे-धीरे मालिश करें. बादाम का तेल विटामिन E से भरपूर होता है. यही वजह है कि ये काले घेरों को कम करने मदद कर सकते हैं.

5. टमाटर और नींबू का रस: टमाटर और नींबू के रस को लगाने से भी आंखों के नीचे काले घेरे को कम किया जा सकता है. दोनों को बराबर मात्रा में मिलाकर कॉटन से आंखों के काले हिस्से पर लगाएं और 10-15 मिनट के लिए छोड़ दें, फिर पानी से धो लें. टमाटर के रस में लाइकोपीन होता है. यह एक एंटीऑक्सिडेंट है, जो स्किन के डार्क कॉम्प्लेक्शन को कम करने में मदद करता है. 

6. गुलाब जल: गुलाब जल को आंखों पर 10-15 मिनट के लिए लगाएं. गुलाब जल स्किन पर कूलिंग इफेक्ट छोड़ता है. यह आंखों के आसपास की सूजन और काले घेरे को कम करने में सहायता कर सकता है.


2 January 2024
09:51
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

8 January 2024
02:17
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
मॉइश्चराइजर का काम करता है ऐसे में आप इस पेस्ट को लगा सकते हैं.एक कटोरे में एक चम्मच नींबू का रस और एक चम्मच शहद मिलाकर लिप्स पर लगाएं. करीब 1 घंटे बाद इसे साफ कर दें. दिन में दो बार इसे इस्तेमाल करने से आपके लिप्स का कलर काफी हद तक लाइट हो जाएगा.
चुकंदर -होठों की डार्कनेस कम करने के लिए आप चुकंदर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इसमें बीटा लेंस गुण पाए जाते हैं जो नेचुरल लाल रंग देता है. चुकंदर के एक स्लाइस को 15 से 20 मिनट तक के लिए फ्रिज में ठंडा होने के लिए रख दीजिए. फिर इस टुकड़े से करीब 5 मिनट तक होठों की मसाज कीजिए. ऐसा करने से आपके होंठ पिंक होने लगते हैं. इसके अलावा आप एक चम्मच चुकंदर के जूस में आधा चम्मच चीनी मिक्स करके होठों को स्क्रब करेंगे, तो भी आपके लिप्स को फायदा पहुंचेगा.
केसर-केसर चेहरे की रंगत निखारने के लिए जाना जाता है ऐसे में आप इसका इस्तेमाल करके होठों का कालापन भी दूर कर सकते हैं आप कच्चे दूध में केसर पीसकर होठों पर वाले इसके इस्तेमाल से होठों का कालापन दूर होता है.इसके अलावा मक्खन में थोड़ा सा केसर मिलाकर होठों पर लगाने से काले होंठ गुलाबी हो सकते हैं.
खीरे का जूस-
खीरे का जूस-स्टाइल क्रेज वेबसाइट के मुताबिक खरे का जूस एंटीऑक्सीडेंट और सिलिका रिच कंपाउंड से भरपूर होता है. ये कंपाउंड पिगमेंटेशन को कम कर होठों के डार्क कलर को लाइट करते हैं. अगर आप नियमित रूप से खीरे के पेस्ट को 15 से 20 मिनट तक हर रोज होठों पर लगाएं तो आपके होठों का कालापन नेचुरली दूर हो सकता है.
बादाम का तेल-अगर आप रात में सोने से पहले बादाम का तेल अपने होठों पर अप्लाई करें और इसे रात भर के लिए छोड़ दें तो इससे भी आपके होंठ गुलाबी हो सकते हैं.लेकिन आपको कम से कम इसे 15 दिन रेगुलर फॉलो करना होगा.
बर्फ -अगर आप रोजाना लिप्स की बर्फ से सिंकाई करते हैं तो इससे होठों पर ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है. लिप्स के डेड सेल्स बाहर निकलते हैं और होठों का गुलाबी पान भी बढ़ता है.



27 January 2024
22:12
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

आपकी नाक, गाल और माथे पर खुले छिद्र आपकी उम्र बढ़ने के साथ अधिक प्रमुख दिखाई दे सकते हैं। त्वचा को साफ रखना और धूप से बचना, खुले छिद्रों की उपस्थिति को कम करने के दो सबसे अच्छे तरीके हैं।
खुले छिद्र क्या हैं?
'ओपन पोर्स' शब्द का तात्पर्य बढ़े हुए त्वचा छिद्रों से है जो समय के साथ अधिक स्पष्ट रूप से विकसित हुए हैं।  विशेष रूप से चेहरे के 'टी-ज़ोन' में। परिणामस्वरूप, वे त्वचा की सतह पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं और तैलीय या मिश्रित त्वचा वाले पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए एक सौंदर्य समस्या बन जाते हैं।
त्वचा की समस्या हार्मोनल परिवर्तन का अनुभव करने वाले किशोरों और वृद्ध त्वचा या हार्मोनल समस्याओं वाले वयस्कों को भी प्रभावित करती है! 
उन्हें कम करने के लिए प्रभावी उपचार👇👇

After 31emoji next part 💗


28 January 2024
18:13
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
छुटकारा दिलाने में मददगार होते हैं जिनमें से एक यह भी है. एक कटोरी में एक चम्मच हल्दी लें और उसमें एक चम्मच ही गुलाबजल डालकर पेस्ट बना लें. इस पेस्ट को ओपन पोर्स पर 10 से 15 मिनट लगाए रखने के बाद ठंडे पानी से धो लें. हफ्ते में एक बार इस नुस्खे को आजमाय
🕉एलोवेरा 
ओपन पोर्स पर एलोवेरा का भी कुछ कम असर नहीं दिखता है. एक कटोरी में ताजा एलोवेरा का गूदा लें या फिर एलोवेरा जैल डालें. इसे फ्रिज में तकरीबन एक घंटे रखने के बाद बाहर निकालें और चेहरे पर 10 मिनट लगाकर रखने के बाद चेहरा धोएं. यह जैल बड़े छिद्रों को छोटा करने में मददगार है. 

🕉टमाटर
टमाटर (Tomato) और शहद ओपन पोर्स पर लगाया जा सकता है. कटोरी में आधा चम्मच शहद लेकर उसमें 2 चम्मच भरकर टमाटर का गूदा मिलाएं. इसे पूरे चेहरे पर 15 से 20 मिनट लगाए रखें. ओपन पोर्स कम करने में यह नुस्खा असर दिखाता है. 
🕉मुल्तानी मिट्टी 
निखरी त्वचा के लिए ही नहीं बल्कि ओपन पोर्स कम करने के लिए भी मुल्तानी मिट्टी लगाई जा सकती है. इसके लिए 2 चम्मच मुल्तानी मिट्टी का पाउडर लें और उसमें 2 चम्मच दूध मिला लें. इस मिश्रण को अच्छे से मिलाकर घोल बनाएं और चेहरे पर 15 मिनट के लिए लगाकर छोड़ दें. ठंडे पानी से चेहरा धोने के बाद मॉइश्चराइजर लगाना ना भूलें. मुल्तानी मिट्टी त्वचा से एक्सेस ऑयल कंट्रोल करने में भी असर दिखाएगी. 

🕉चीनी 
ओपन पोर्स में चीनी का स्क्रब (Sugar Scrub) भी अच्छा असर दिखाता है. इसके लिए एक कटोरी में चीनी, नींबू का रस और ऑलिव ऑयल मिला लें. इसे उंगलियों में लेकर हल्के हाथों से मलें और 2 से 3 मिनट बाद चेहरा धो लें. इस स्क्रब से चेहरे की गंदगी भी दूर होगी और ओपन पोर्स कम होने लगेंगे


31 January 2024
10:38
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

🔰पुदीने का फेस पैक:-

चेहरे के लिए फेसपैक

👉पुदीने की पत्तियों में सैलीसिलिक एसिड पाया जाता है और इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण भी पाए जाते है |यह फेस पैक आपकी स्किन को ठंडक प्रदान करता है| 

👉यह फेस पैक हर तरह की स्किन पर सूट करता है।

👉इस पैक को बनाने के लिए पुदीने के पत्तों को धोकर पीस लें |

फिर इसमें 1 चुटकी हल्दी मिक्स करके इसे अच्छे से मिलाए|

इस पेस्ट को चेहरे पर सामान रूप से लगाएं और सूखने पर धो लें।

👉अच्छे परिणाम के लिए इस पैक को सप्ताह में दो बार उपयोग करें।

Next post kis disease pr cmnt m bataye... Or emoji k rup m feedback jarur de
1 February 2024
20:00
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


3 February 2024
09:48
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

चेहरे के दाग-धब्बों से बचने के लिए सबसे पहले जीवनशैली और आहार शैली पर ध्यान देने की ज़रूरत होती है। इनको संतुलित रखने पर कुछ हद तक इससे बचा जा सकता है।
जैसे-

आहार-

-रोजाना खूब पानी पिएं। 7 से 8 गिलास पानी प्रतिदिन पिएं।

-हरी ताजी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें।

-ताजे फलों का सेवन रोज करें।

-संतुलित आहार का सेवन करें।

-आहार में विटामिन पर्याप्त मात्रा में हों।

-अधिक मसालेदार भोजन का सेवन न करें।

-मिर्च और अधिक तले पकवान का त्याग करें।तनाव मुक्त जीवन जीने की कोशिश करें।

-नूडल्स, मोमोज, पिज्जा आदि जंक पदार्थों का सेवन अधिक न करें।

-बादाम, काजू, अखरोट आदि मेवों का सेवन करें।

-नींबू पानी या शर्बत पिएं।

-खान-पान की सही आदतों को अपनाएं। ऐसी चीजों को अपने भोजन में शामिल करें, जिसमें विटामिन-ए, विटामिन-बी, विटामिन-सी और अन्य पोषक तत्व प्रचूर मात्रा में मौजूद हों।

घरेलू उपचार 👇 next post m.. After 31 emoji this post💗


7 February 2024
08:20
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

नींबू विटामिन सी से भरपूर होता है. ये त्वचा पर काले धब्बे को हल्का करने में मदद कर सकता है. स्पॉट ट्रीटमेंट की कोशिश कर सकते हैं और प्रभावित क्षेत्र पर कुछ सेकंड के लिए नींबू का रस मल सकते हैं. एक बार सूखने के बाद ठंडे पानी से धो लें. दाग-धब्बों को हटाने के लिए इसका आप हफ्ते में 3 से 4 बार इस्तेमाल कर सकते हैं.

एलोवेरा जेल👇
अगर आप डार्क स्पॉट और दाग-धब्बों का इलाज करना चाहते हैं तो प्रभावित जगह पर एलोवेरा जेल लगाएं. कुछ मिनट के लिए इससे मसाज करें और इसे सूखने दें.सफेद अंडे
एक अंडे के सिर्फ सफेद हिस्से को अपनी त्वचा पर लगाएं. एक बार सूखने के बाद इसे ठंडे पानी से धो लें. काले धब्बों को दूर करने के लिए आप सप्ताह में दो बार इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.

टमाटर
टमाटर में विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं.  टमाटर की प्यूरी बना लें और इससे अपनी त्वचा पर 15 मिनट तक मालिश करें और ठंडे पानी से धो लें. ये दाग-धब्बों को दूर करने में मदद करेगा.  इसे आप महीने में दो बार कर सकते हैं.

आलू👇
काले धब्बों को हल्का करने के लिए आप आलू का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए आपको आलू को काटकर काले धब्बों पर रखना होगा. अपने चेहरे को हल्के गर्म पानी से धोने से पहले इसे कुछ मिनट के लिए छोड़ दें. आलू को शहद के साथ मिलाकर फेसमास्क की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है. इसलिए एक आलू कद्दूकस कर लें और इसमें 1 चम्मच शहद मिला ले. इसे प्रभावित जगह पर  15 मिनट के लिए छोड़ दें और साफ पानी से चेहरा धो लें.

ओट्स👇
ओट्स न केवल स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है बल्कि ये त्वचा के लिए भी फायदेमंद है. काले धब्बों को दूर करने के लिए भी आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए आपको आधा कप ओट्स को पीसकर उसमें 1-2 चम्मच नींबू का रस मिलाकर पेस्ट बनाना होगा. इस पेस्ट को अपनी त्वचा पर स्क्रब करें. इसे 15 मिनट के लिए छोड़ दें और गर्म पानी से धो लें. सप्ताह में एक या दो बार इसका इस्तेमाल कर सकते हैं.

छाछ👇
छाछ काले धब्बों को दूर करने में मदद करती है. इसके लिए आपको 4 चम्मच छाछ और 2 चम्मच टमाटर का रस साथ मिलाकर पेस्ट बनाना होगा. इसे 15 मिनट के लिए चेहरे पर लगाएं और पानी से धो लें.
13 February 2024
06:49
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

आधी चम्मच हल्दी गर्म दूध में मिला लें। 15 दिनों तक दिन में दो बार पियें। यह खाँसी को कम करके बलगम को गले से निकाल देता है। यह सर्वश्रेष्ठ उपायों में से एक उपाय है।

10 चम्मच हल्दी पाउडर को 5 चम्मच गुड़ में अच्छी तरह मिलाकर करौंदे के आकार की गोलियाँ बना लें। दिन में दो बार लें।
यदि आपको बलगम बहुत अधिक हो गया है तो, एक चम्मच देसी घी गर्म दूध में मिलाकर पिएं।

एक बड़ा चम्मच अजवाइन और एक बड़ा चम्मच हल्दी पाउडर एक गिलास पानी के साथ उबालें। जब पानी आधा रह जाए तो गैस से उतार कर ठंडा होने दें। थोड़ा शहद इसमें मिला लें। इस सिरप को दिन में दो-तीन बार पिएं। यह छाती में जकड़न को समाप्त करके खुलकर सांस लेने में सहायता करेगा।

काली मिर्च👇
खाँसी का कोई भी उपचार काली मिर्च द्वारा किया जा सकता है। यह बलगम की झिल्ली को ढीला करता है तथा छाती के जमाव को कम करता है और खोलता है।

आप दो तीन साबुत काली मिर्च आधे घंटे तक धीरे धीरे चबाएं (निगले नहीं) उसके ऊपर एक चम्मच शहद खा लें, फिर धीरे-धीरे चबाई हुई इस काली मिर्च को निगल लें।
यदि काली मिर्च के तीखे स्वाद के कारण आपको इस को चबाने में तकलीफ हो रही है तो दो तीन काली मिर्च एक गिलास दूध में मिलाकर पी लें।

Next part 👇


21 February 2024
13:41
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

धूप से हुआ कालापन सिर्फ 30min मे गायब😍👇

pack रेसिपी ✅👇

एक बड़ा चम्मच बेसन
एक बड़ा चम्मच दही
एक चुटकी हल्दी
एक छोटा चम्मच शहद
आधा चम्मच चंदन पाउडर
एक चम्मच गुलाब जल

इन सभी चीजों को एक साथ कटोरी अच्छी तरह से मिला दे, और जहा आपको sun tan हुआ है वहा लगा कर हल्के हाथों से मसाज करे और 20 से 30 मिनट लगे रहने देने के बाद इसे धो ले👍...

Fully working घरेलू नुस्खा है एक बार जरूर try करे आपको फर्क खुद दिखेगा
23 February 2024
19:33
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

कब्ज एक छोटा-सा शब्द है लेकिन जिन लोगों को अक्सर कब्ज की समस्या रहती है, वो बेहतर तरीके से जानते हैं कि यह किस तरह आपकी लाइफ डिस्टर्ब करती है। पेट साफ न होने से शारीरिक परेशानियों के साथ कई स्किन प्रॉब्लम्स भी हो जाती हैं। ऐसे में आपको अपना ख्याल रखने के लिए अपनी कुछ आदतों में सुधार करना चाहिए। कुछ ऐसी आदतें होती हैं, जिसकी वजह से आपको कब्ज की परेशानी होती रहती है। कब्ज की बात करें, तो आम कब्ज से लेकर गंभीर तरह की कब्ज की बीमारी इसमें शामिल है. जैसे कभी-कभार होने वाला कब्ज, क्रॉनिक कॉन्स्टिपेशन (कब्ज बहुत ज्यादा बढ़ जाने पर), यात्रा या उम्र से संबंधित कब्ज। कब्ज में हमारी आंतें मल को छोड़ नहीं पातीं। 
नींबू पानी health_beautys_tipS@vkmagzine
नींबू हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। अगर कभी कब्ज हो जाए तो एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू का रस और शहद मिलाएं और पी लें।

दूध और दही
कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए पेट में अच्छे बैक्टीरिया का भी होना जरूरी है। सादे दही से आपको प्रोबायोटिक मिलेगा, इसलिए आप दिन में एक से दो कप दही जरूर खाएं। इसके अलावा यदि बहुत परेशान हैं तो एक गिलास दूध में एक से दो चम्मच घी मिलाकर रात को सोते समय पिएं, लाभ होगा।
health_beautys_tipS@vkmagzine
आयुर्वेदिक दवा
सोने से पहले दो या तीन त्रिफला टैबलेट गर्म पानी के साथ लें। त्रिफला हरड़, बहेड़ा और आंवले से बना होता है। ये तीनों पेट के लिए लाभकारी हैं। त्रिफला रात में अपना काम शुरू कर देता है।
 
खाने में फाइबर
एक दिन में एक महिला को औसतन 25 ग्राम फाइबर की जरूरत होती है, वहीं एक पुरुष को 30 से 35 ग्राम फाइबर की आवश्यकता होती है। अपने पाचन तंत्र को दोबारा ट्रैक पर लाने के लिए आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप हर दिन अपनी जरूरत के अनुसार फाइबर की खुराक ले रहे हैं।



26 February 2024
18:43
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

1190×1280, 147.9 KB
👁‍🗨साइकोलॉजी के अनुसार🧠🤏:-

🔰इंसान को परखना सीख जाओगे:-

👉किसी की फितरत देखनी हो तो उसे आज़ादी दो

👉किसी की अच्छाई देखना हो तो उसकी सलाह लो

👉किसी की आदत देखनी हो तो उसे इज्ज़त दो ।

👉किसी की नियत देखनी हो तो उसे कर्जा देकर देखो

👉किसी के गुण देखने हो तो उसके साथ खाओ

👉किसी का सब्र देखना
हैं तो उसे हिदायत देकर
देख लो

👉 किसी की सोच पर रखी है तो उसे पर विश्वास कर कर देख लो

👉 किसी का दुख समझना है तो उसको अपना दुख समझाओ
━──────────────────━
Jᴏɪɴ➠ health_beautys_tips@vkmagzine
28 February 2024
16:11
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

लंबाई या हाईट बढ़ाने के लिए आंवला खाना बहुत फायदेमंद होता है। आंवले में मौजूद विटामिन, कैल्शियम और फॉस्फोरस जैसे पोषक तत्व शरीर को हेल्दी रखने और हाईट बढ़ाने में बहुत उपयोगी माने जाते हैं। आप आंवले को डाइट में कई तरह से शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा सूखे आंवले का चूर्ण बनाकर इसका सेवन करने से भी आपको बहुत फायदा मिलता है।

2.हाईट बढ़ाने के लिए अश्वगंधा के फायदे👇



Next part after 31 emojis👍❤
3 March 2024
20:07
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
जाता है। अश्वगंधा पाउडर को दूध में डालकर पीने से भी आपकी हाईट बढ़ सकती है।

अन्य महत्वपूर्ण लंबाई बढ़ने से संबंधित👇
लंबाई बढ़ाने के लिए आपका खानपान और जीवनशैली अच्छी होनी चाहिए। संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लेने और नियमित रूप से लटकने वाले व्यायाम आदि का अभ्यास करने से आपको लंबाई बढ़ाने में मदद मिलती है।

गाजर शकरकंद संतरा पालक फलीदार सब्जी आदि का सेवन करें

👉लंबाई बढ़ाने में दौड़ (race)का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है

👉लंबाई बढ़ाने में लटकाने वाले व्यायाम(exercise) लाभदायक सिद्ध होते हैं!

Noteप्राकृतिक रूप से लंबाई 21 वर्ष तक बढ़ती है परंतु कुछ विभिन्न एक्सरसाइज और खानपान के द्वारा अपनी लंबाई को थोड़ा बढ़ाया जा सकता है!

Ye उपाय 25 वर्ष तक लाभकारी है

आप सभी को हमारी पोस्ट अगर अच्छी लगी हो तो कृपया करके अपना एक इमोजी अवश्य दीजिएगा अपने दोस्तों को शेयर करके हमारे ग्रुप से जोडे जिससे हमारा यह परिवार बड़े

हमारेwtsapp grp se Jude


10 March 2024
21:09
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


●●●जहर है फ्रिज का पानी●●●
● अगर आप भी फ्रीज का पानी पीते है तो ये समस्या आपको भी जरुर होगी।
● कितनी भी गर्मी पड़े फ्रिज का ठंडा पानी या बर्फ मिलाया हुआ पानी कभी मत पियो।

पहले ये जान लें...
● आयुर्वेद के अनुसार ठंडे पानी की परिभाषा.??
● शरीर का तापमान होता है
●● 37°सेल्सियस या
●● 98.6°फारेनहाइट।

●● 27℃ से नीचे पानी ठंडा है।
●● 27℃ तक का पानी शरीर सहन कर सकता है।
● जब भी आप फ्रिज का ठंडा पानी पीते है तो गर्म पेट मे ठंडा पानी जाता है।
● अब पेट आपका गर्म है और पानी ठंडा, तो अंदर जाकर झगड़ा होता है या तो पेट पानी को गर्म करता है या पानी पेट को ठंडा करता है।

● एक मिनट के लिए मान लें कि आपने बहुत ठंडा पानी पिया है और पानी ने पेट को ठंडा कर दिया।
● पेट ठंडा होते ही हार्ट (Heart) ठंडा हो जाएगा क्योंकि पेट और हार्ट का आपस मे कनेक्शन है।

● हार्ट के ठंडा होते ही मस्तिष्क (Brain) ठंडा हो जाएगा क्योंकि इन दोनों का भी आपस मे कनेक्शन है और मस्तिष्क के ठंडा होते ही शरीर ठंडा हो जाएगा और शरीर के ठंडा होते ही आपको घर के बाहर निकालकर फेंक दिया जाएगा।
● वो सब लोग जो आपको लिपट कर प्रेम करते है वो आपको छूना भी पसंद नहीं करेंगे क्योंकि शरीर ठंडा हो गया और वो एक ही बात बोलेंगे जल्दी लेकर जाओ क्यों रखा हुआ है ??
● अंतिम संस्कार कब है क्योंकि शरीर के ठंडा होते ही सिर्फ राम नाम सत्य होता है।

तो मित्रो ये ठंडा पानी पीने की गलती मत करिए।
●●अब इस सारी बात का दूसरा पार्ट भी समझिए●●
● जब बहुत ठंडा पानी आप पीएंगे तो पेट उस पानी को गर्म करेगा क्योंकि उसे आपको जिंदा रखना है तो ये भगवान की व्यवस्था बनाई हुई है लेकिन गर्म करने के लिए उसको ऊर्जा (energy) चाहिए।
● अब ऊर्जा कहाँ से आएगी ??
● ऊर्जा आएगी रक्त (blood) मे से तो सारे शरीर का खून पेट मे आएगा।
● अब आप थोड़ी देर के लिए कल्पना करिए सारे मस्तिष्क का खून पेट मे चला गया और हार्ट (Heart) का खून पेट मे चला गया, आंतों का खून पेट मे आ गया तो हरेक अंग को खून की कमी आएगी।
● मस्तिष्क को 3 मिनट अगर ब्लड सप्लाई रुक गई या कम हो गई तो ब्रेन डेड हो जायेगा और इस तरह हार्ट को एक से डेढ़ मिनट ब्लड सप्लाई रुक गई तो हार्ट डेड हो जाएगा।
● बाकी सभी अंग तो ऐसे ही खत्म हो जाएंगे, इसलिए कहा गया है ठंडा पानी पीना बहुत बड़ा रिस्क लेने के बराबर है।
●●अब इस सारी बात का तीसरा पार्ट भी समझ लीजिये.!●●
● हमारे शरीर मे दो आंत होती है छोटी आंत और बड़ी आंत।
● बड़ी आंत का काम है हमारे शरीर मे से मल को बाहर निकालना है अर्थात जो भी हम खाते है पचने के बाद जो बेकार बचता है वो मल के रूप मे बड़ी आंत द्वारा बाहर निकलता है।
● बड़ी आंत देखने मे बिलकुल एक खुले पाइप की तरह होती है। अब जैसे ही एक दम से आप ठंडा पानी पीते है तो ये बड़ी आंत एक दम से सिकुड़ के बंद हो जाती है और बार-बार आपने ठंडा पानी पी पी कर इसे पूरा बंद कर दिया तो सुबह आपको स्टूल पास नहीं होगा टॉयलेट नहीं आएगी।
● आप जोर लगा लगा कर पागल हो जायेंगे लेकिन पेट साफ फिर भी नहीं होगा।
● अर्थात आपको कब्जियत का रोग हो जाएगा और आयुर्वेद मे कब्जियत को सब बीमारियों की जड़ या mother of disease कहते है।
● अगर आपको कब्जियत का रोग हो गया और कुछ लंबे समय तक रहा तो एक एक करके आपको सभी बीमारियाँ आएंगी।
● यूरिक एसिड, कोलोस्ट्रोल, हार्ट ब्लोकेज, शुगर वगैरह वगैरह।
इस लिए ये फ्रिज का ठंडा पानी आपके शरीर के लिए बहुत ही ज्यादा खतरनाक है।
● पश्चिमी देशों के लोग बहुत अधिक ठंडा पानी पीते हैँ।
● 5-6 दिन फ्रिज मे रखकर फिर उसमे आइस क्यूब डाल-डाल कर पीते है और परिणाम क्या होता है.?
● सुबह 1-1 घंटा टॉयलेट मे बिताते है क्योंकि पेट साफ ही नहीं होता और कभी आप उनसे पूछिये की भाई आपने अपनी टॉयलेट सीट ये बैठने वाली कमोड सीट क्यों बनवाई है.?
● तो जवाब आएगा कि भारतीय वाली सीट पर आप 5 मिनट से ज्यादा बैठ नहीं सकते क्योंकि बैठने की जो पोजीशन है वो आपको 5 मिनट मे ही थका देती है और हमको घंटो घंटो बैठना पड़ता है क्योंकि पेट साफ ही नहीं होता।
● इसलिए कुर्सी जैसा बना लेते है और बैठे रहते है !
● और तो और उनके toilet मे आपको लाइब्रेरी मिलेगी, किताबे, न्यूज़ पेपर, मैगजीन सब कुछ मिलेगा क्योंकि घंटो घंटो बैठना है तो बिना इसके टाइम कैसा पास होगा??
● अभी टॉयलेट तो किताब पढ़ने के लिए नहीं बना है ??
● लेकिन उनकी मजबूरी है।
● अब हमारे देश के कुछ पढे लिखे नकलचियों ने उनकी नकल कर टॉयलेट मे अखबार लेकर जाना, किताबे लेकर जाना शुरू कर दिया है और साथ मे छोटी सी लाइब्रेरी भी बनाना शुरू कर दिया है और ऐसा करके अपने आप को आधुनिक समझने लगे है।
● बिना सोचे समझे जब नकल की जाती है तो ऐसा ही होता है।
● उनकी मजबूरी को हम अपना फैशन बना रहे


14 March 2024
14:48
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

19 March 2024
09:53
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
का बहुत ख्याल रखें. खाने में ऐसी चीजों को शामिल करें जिससे शरीर को एनर्जी मिले और थकान-कमजोरी दूर हो. आइये जानते हैं महिलाओं को थकान और कमजोरी दूर करने के लिए क्या खाना चाहिए?
👇👇👇👇👇

Next part after 31 emoji 😄❤✌🇮🇳


20 March 2024
19:44
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


2-दूध पिएं- महिलाओं को डाइट में दूध जरूर शामिल करना चाहिए. इससे सभी जरूरी पोषक तत्व मिल जाते हैं. दूध पीने से शरीर को कैल्शियम मिलता है और हड्डियां मजबूत बनती हैं. महिलाओं को दूध और दूध से बनी चीजें जैसे दही, पनीर या फिर छाछ जरूर पीनी चाहिए. दूध पीने से मांसपेशियों का दर्द कम होता है. रात में एक गिलास दूध पीने से महिलाओं को शारीरिक कमजोरी और थकान कम होती है.

3- आयरन- अगर शरीर में आयरन की कमी हो जाए तो इससे थकान और कमजोरी ज्यादा महसूस होती है. आयरन हमारे शरीर में कोशिकाओं को ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है. जिसकी वजह से थकान और कमजोरी बनी रहती है. इसलिए डाइट में आयरन से भरपूर चीजें जैसे पालक, चुकंदर, अनार, बीन्स, मटर, ब्रोकली और शकरकंद शामिल करनी चाहिए.

4- खूब पानी पिएं- शरीर में पानी की कमी होने पर भी महिलाओं में थकान और कमजोरी की समस्या बढ़ जाती है. इसलिए शरीर को हमेसा हाइड्रेट रखने की कोशिश करें. डिहाइड्रेशन से कई तरह की बीमारियां होने लगती है. थकान और कमजोरी दूर करने के लिए दिन में कम से कम 2-3 लीटर पानी जरूर पिएं. इससे पाचन भी अच्छा रहता है.

5- खूब फल खाएं- महिलाओं को डाइट में फलों की मात्रा बढ़ानी चाहिए. रोजाना 1 केला जरूर खाएं. केला खाने से शरीर को तुरंत एनर्जी मिलती है. इसमें अच्छी मात्रा में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है, जो शरीर को ऊर्जा देता है. केला खाने से थकान दूर करने में मदद मिलती है. आपको डाइट में सेब, अनार और अन्य सीजन फल जरूर शामिल करने चाहिए.



2 April 2024
12:22
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

1. मुल्तानी मिट्टी
पिम्पल्स के लिए मुल्तानी मिट्टी वरदान है। त्वचा से अत्याधिक तेल और गंदगी हटाने में मुल्तानी मिट्टी बेहद कारगर है। इसे रोज नहाते समय गुलाबजल में मिलाकर चेहरे पर लगाएं। पिम्पल्स चेहरे से यूं गायब होंगे जैसे कभी थे ही नही। यदि आप खड़ी मुल्तानी मिट्टी ले रहे हैं तो उसे रातभर गुलाबजल में भीगकर रखें। लगते समय उसमें थोड़ा नींबू मिला लीजिए। इस मिश्रण से आपके पिम्पल्स बहुत जल्दी सूख जाएंगे।
2. टूथपेस्ट
पिम्पल्स को हटाने के लिए वाइट टूथपेस्ट काफी असरदार है। यह बर्फ की तरह काम करता है। त्वचा जलने पर भी इसे लगाया जाता है। मगर ध्यान रहे कि टूथपेस्ट जेल वाला न हो अन्यथा आपको जलन हो सकती है। इसमें बेकिंग सोडा, हाइड्रोजन पेरोक्साइड और ट्राइक्लोसैन जैसे पदार्थ मौजूद होते हैं, जिसकी वजह से मुंहासें जल्दी सूख जाते हैं। इसे प्रतिदिन दो बार लगाएं। उसके बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें।
3. ओटमील
ओटमील स्वास्थ्यवर्धक है। यह पेट को ठंडा रखने के साथ आपको देता है भरपूर फाइबर। ओटमील फेसपैक से पिम्पल्स बहुत जल्दी ठीक होते हैं। शायद आप नही जानते होंगे कि यह हमारी त्वचा के रोमछिद्रों को शुद्ध करने साथ उससे अतिरिक्त तेल को अवशोषित करने में भी मददगार है। इसे शहद और नींबू के रस के साथ मिलाकर लगाएं, निश्चित रूप से पिम्पल्स जल्दी खत्म हो जाएंगे।
4. एलोवेरा जेल
एलोवेरा के एक नहीं, कई आयुर्वेदिक गुण हैं। इसे खाया भी जा सकता है और लगाया भी जा सकता है। त्वचा संबंधी रोगों के लिए यह अतिउत्तम है। इसका नियमित रूप से इस्तेमाल करने से पिम्पल्स को जड़ से खत्म किया सकता है। यह एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है। इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण पिम्पल्स को बहुत जल्दी ठीक करने में सहायता करते हैं। एलोवेरा को रात में सोते वक्त लगाएं। यदि आपके पास विटामिन ई के कैप्सूल उपलब्ध हैं तो उसे इसमें मिलाकर लगाएं।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
5. नीम
पिम्पल्स ठीक करने के लिए यह एक बेहद प्रभावी औषधि है। इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीइंफ्लेमेटरी तीनों ही गुण पाए जाते हैं। नीम को पीसकर उनका पेस्ट तैयार कर लें और एप्पल साइडर विनेगर व शहद के साथ मिलाकर लगाएं। विनेगर की जगह नींबू भी इस्तेमाल कर सकते हैं। घर पर जो आसानी से मिल जाए उसे ही इस्तेमाल करें। इसे रोजाना चेहरे पर लगाएं,पिम्पल्स बहुत जल्दी ठीक हो जाएंगे। इसके अलावा आप नीम का पानी भी तैयार कर सकते हैं। इसे आइसट्रे में डाल दें और उन क्यूब्स को चेहरे पर हल्के हाथ से रगड़ें।
पिम्पल्स से बचाव - ( Pimples Prevention Tips In Hindi)
पिम्पल्स का उपाय का सबसे बेहतर तरीका है उससे बचाव। बचाव के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है-
रोजाना चेहरे को कम से कम तीन बार 5 मिनट तक ठंडे पानी से धोएं।
दिनभर में लगभग 10 से 12 गिलास पानी पीएं।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
संतुलित आहार लें। वसायुक्त भोजन और जंकफूड से परहेज करें।
चेहरे के लिए योग और कसरत करें।
ग्रीजी और ऑयली मेकअप से बचें।
15 दिन में एक बार फ्रूट क्रीम से मसाज करें और हर हफ्ते स्क्रब करें।
मसाज से ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स मुलायम हो जाएं और मुलायम पड़ने पर यह आसानी से निकल जाते हैं।
फ्रूट क्रीम के लिए मलाई को पपीते और शहद के साथ मिलाकर पेस्ट तैयार करें। वहीं स्क्रब के लिए चीनी और कॉफी का इस्तेमाल करें।
ध्यान रहे कि मवाद और पानी वाले मुंहासों पर मसाज न करें। उनके लिए होममेड पेस्ट ही उपयोग में लाएं।
धूप में ज्यादा देर तक न रहें।
टी ट्री ऑयल लगा सकते हैं।
तनाव से दूर रहें।
पिम्पल्स से बचाव के लिए क्या खाएं और क्या न खाएं - ( Diet For Pimples In Hindi)
पिम्पल्स के लिए पीले और नारंगी रंग के फल व सब्जियां ही खाएं। अत्याधिक कैलोरी वाले फलों से परहेज करें। हालांकि आम पीला फल है, लेकिन उसमें कैलोरी बहुत ज्यादा होती है। टमाटर को त्वचा पर लगाकर जितना फायदा है उतना खाने में भी है। पालक और दाल जरूर खाएं। इनमें फाइबर होता है। कद्दू और लौकी खाएं। फलों में चीकू, आम और केला नही खाने हैं आपको, बाकी सब खा सकते हैं। कद्दू के बीज भी इसमें फायदा पहुंचता है। तरल पदार्थ ज्यादा से ज्यादा लें। ऑ यली फूड, चॉकलेट और जंक फूड न खाएं। हाई फैट फूड और ज्यादा मीठी चीज़ों से परहेज करें।

Next part...Emoji plzz 31+


7 April 2024
11:52
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

14:56
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

याददाश्त को मजबूत बनाने के लिए अक्सर हेल्दी डाइट लेने और साथ ही टेंशन फ्री रहकर रोजाना एक्सरसाइज करने की सलाह दी जाती है।

दिमाग की याद्दाश्त बढ़ाने वाली इन चीजों का करें सेवन 👇👇

दिमाग हो जाएगा कंप्यूटर से भी तेज
Next part after इमोजी 31


22 April 2024
15:31
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

घर में अक्सर बड़े-बुजुर्ग बच्चों को हरी पत्तेदार सब्जियां खाने की सलाह देते हैं क्योंकि हरी सब्जी शारीरिक विकास के साथ ही हमारे दिमाग के विकास के लिए भी बहुत जरूरी हैं. पालक, पत्ता गोभी, फूल गोभी, कोलार्ड (एक प्रकार की पत्ता गोभी), ब्रॉकली, केल समेत सभी प्रकार की हरी सब्जियां दिमाग की सेहत के लिए अच्छी होती हैं. ये सब्जियां दिमाग तेज करने वाले बीटा-कैरोटीन, फोलिक एसिड, ल्यूटिन और विटामिन समेत कई पोषक तत्वों से भरपूर होती है. शोध से पता चला है कि प्लांट बेस्ड प्रॉडक्ट अक्सर याद्दाश्त को बेहतर करने के लिए जाने जाते हैं. कितनी मात्रा में खाएं -
आपको रोजाना कम से कम एक चौथाई कटोरी भरकर हरी सब्जी या सप्ताह में डेढ़ से दो कटोरी हरी सब्जी खानी ही चाहिए.

2-नट्स
नट्स को प्रोटीन और स्वस्थ वसा के स्रोत के रूप में जाना जाता है लेकिन ये भी ब्रेन बूस्टर खाद्य पदार्थों की लिस्ट में शामिल है. सभी प्रकार के नट्स जैसे अखरोट, पिस्ता, बादाम, मैकाडामिया को अपने आहार में शामिल कर आप अपने ब्रेन की रोजाना की खुराक पूरी कर सकते हैं. लेकिन इनमें भी दिमाग के लिए सबसे ज्यादा फायदेमंद अखरोट है क्योंकि ये ओमेगा -3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है जो दिमाग को कमजोर होने से रोकता है.

कितनी मात्रा में खाएं
2021 के एक अध्ययन में पाया गया कि जिन वयस्कों ने प्रतिदिन 15 से 30 ग्राम ड्राई फ्रूट्स का सेवन किया, उनकी मेंटल हेल्थ और याद्दाश्त बाकी लोगों के मुकाबले बेहतर पाई गई. इसका मतलब है कि आपको रोजाना इस मात्रा के आसपास ड्राईफ्रूट्स का सेवन करना ही चाहिए.कॉफ़ी और ब्लैक टी
कैफीनयुक्त चाय और कॉफी जैसे पेय पदार्थ दिमाग की इन्फॉर्मेशन प्रॉसेस करने की क्षमता को बढ़ाते हैं. कॉफी में कई शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट भी होते हैं जो मस्तिष्क के स्वास्थ्य का समर्थन करने में मदद कर सकते हैं. इन दोनों के अलावा ग्रीन टी L-theanine से भरपूर होती है. ये शक्तिशाली अमीनो एसिड तनाव और चिंता को दूर करने मदद कर सकता है जो मस्तिष्क के ठीक तरह से काम करने के लिए जरूरी है.

कितनी मात्रा में खाएं
आमतौर पर वयस्कों के लिए प्रतिदिन 400 मिलीग्राम तक कैफीन (लगभग चार कप कॉफी या ब्लैक टी) सुरक्षित माना जाता है.

3-टमाटर
टमाटर मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छे खाद्य पदार्थों में एक है. ये लाइकोपीन से समृद्ध होते हैं. लाइकोपीन एक प्रकार का प्राकृतिक पिगमेंट है जिसे कैरोटीनॉयड कहा जाता है. ये शक्तिशाली कैरोटीनॉयड अल्जाइमर और पार्किंसंस रोग जैसी मेमोरी से जुड़ी बीमारियों को दूर रखने में मदद करते हैं. एक ताजा मध्यम आकार के टमाटर में लगभग 3.2 मिलीग्राम लाइकोपीन होता है और आप टमाटर सॉस, पेस्ट और केचप इससे भी अधिक लाइकोपीन प्राप्त कर सकते हैं.

कितनी मात्रा में खाएं
अध्ययनों से पता चलता है कि प्रतिदिन नौ से 21 मिलीग्राम लाइकोपीन शरीर के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है4-साबुत अनाज
साबुत अनाज जैसे साबुत गेहूं, दलिया, जौ और ब्राउन राइस एक संतुलित आहार का अहम हिस्सा है. और ये हृदय के स्वास्थ्य का समर्थन करने के लिए भी जाने जाते हैं. लेकिन बहुत कम लोग ही जानते हैं कि कई साबुत अनाज विटामिन ई से भी भरपूर होते हैं. ये दिमाग के लिए एक महत्वपूर्ण एंटीऑक्सिडेंट है जो तंत्रिका तंत्र की क्षति को रोकने में मदद करता है. हेल्थ एक्सपर्ट्स विटामिन ई की सप्लीमेंट के बजाय उसको साबुत अनाज के जरिए अपनी डाइट में शामिल करने की सलाह देते हैं.

कितनी मात्रा में खाएं
प्रतिदिन हर व्यक्ति को कम से कम 48 ग्राम साबुत अनाज का सेवन करना चाहिए.

5-साल्मन और टूना मछली
साल्मन और टूना मछली ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होती हैं जो दिमाग की सेहत के अलावा आपकी ओवरऑल हेल्थ के लिए भी जरूरी है. इनमें पाया जाने वाला हेल्दी फैट ब्लड में बीटा-एमिलॉइड को कम करता है. बीटा-एमिलॉइड मस्तिष्क में हानिकारक प्रोटीन के गुच्छे बनाते हैं. इससे सेल्स फंक्शन बाधित होता है और आगे चलकर अल्जाइमर रोग का खतरा पैदा होता है.कितनी मात्रा में खाएं
हर व्यक्ति को कम से कम हफ्ते में एक बार आधा कप साल्मन और टूना मछली खानी चाहिए.

6-बेरीज
आपने 'एन ऐप्पल अ डे कीप डॉक्टर अवे' कहावत तो सुनी होगी जिस तरह रोजाना एक सेब का सेवन आपको शारीरिक परेशानियों से दूर रखता है उसी तरह अलग-अलग प्रकार की बेरीज आपके दिमाग की परेशानियों को भी दूर रखती हैं. रैस्पबेरीज, ब्लैकबेरी, स्ट्रॉबेरी और जामुन फ्लेवोनोइड्स से भरपूर होते हैं. ये प्राकृतिक रंग ना केवल बेरीज को रंग देते हैं बल्कि ये आपके ब्रेन फंक्शन्स को भी बेहतर करते हैं.
15:31
कितनी मात्रा में खाएं
हर व्यक्ति को कम से कम हफ्ते में एक बार अलग-अलग प्रकार की आधा कप बेरीज जरूर खानी चाहिए. कई रिसर्च में पाया गया कि बेरीज का सेवन करने वाले लोगों में याद्याश्त से जुड़ी परेशानियों बाकी लोगों की तुलना में दो से ढाई साल देरी से पाई गईं.

7-डार्क चॉकलेट

अगर आप ऐसे खाद्य पदार्थ की तलाश कर रहे हैं जिससे आपका दिमाग भी तेज हो और खाने में भी मजेदार हो तो डार्क चॉकलेट आपके लिए बेस्ट ऑप्शन है. आपको बता दें कि डार्क चॉकलेट इस लिस्ट में अन्य खाद्य पदार्थों की तुलना में ज्यादा फायदेमंद बताया गया है क्योंकि ये एंटीऑक्सिडेंट, फ्लेवोनोइड्स और कैफीन से भरपूर है जो बाकी ब्रेन बूस्टर खाद्य पदार्थों से ज्यादा बढ़िया है.




7 May 2024
09:02
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

​मेथी से सफेद पानी का इलाज👇

तीन चम्‍मच मेथीदाना को आधे घंटे तक एक लीटर पानी में उबालें। इसके बाद पानी को छानकर पानी को ठंडा होने के लिए रख दें और फिर इस पानी को पीएं। लिकोरिया में मेथीदान योनि के माइक्रोफ्लोरा और पीएच के स्‍तर को संतुलित रखने में मदद करता है।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
केले से सफेद पानी का इलाज 👇
रोज सुबह एक पका केला खाएं और बेहतर परिणाम के लिए केले के साथ घी लें। चीनी या गुड़ के साथ केला लेना भी फायदेमंद रहता है। केला योनि से हानिकारक सूक्ष्‍मजीवों को बाहर निकालता है।

धनिए के बीज👇
10 ग्राम धनिया के बीजों को रातभर के लिए 100 मि.ली पानी में भिगो दें। सुबह खाली पेट इस पानी को छानकर पी लें। धनिये के बीजों का पानी पीने से शरीर से विषाक्‍त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं और शरीर स्‍वस्‍थ रहता है। आप एक हफ्ते तक ये नुस्‍खा आजमा कर देख सकती हैं।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
​ चावल और पानी का काढ़ा👇
सदियों से योनि से सफेद पानी आने के घरेलू उपाय के रूप में चावल और पानी के काढ़े का इस्‍तेमाल किया जाता रहा है। एक लीटर पानी में चावल उबाल लें और फिर इसे ठंडा होने के लिए रख दें। अब इस पानी को पी लें। बेहतर और जल्‍दी परिणाम पाने के लिए चावल के पानी में जंबुल ( जामुन) के बीजों का पाउडर भी मिला सकती हैं। Health_Beautys_Tips@vkmagzine

​ आंवला👇
एक से दो चम्‍मच आंवले पाउडर को शहद में मिलाकर एक गाढ़ा पेस्‍ट बना लें। आपको इसे दिन में दो बार खाना है। इसके अलावा एक कप पानी में एक चम्‍मच आंवले का पाउडर डालकर आधा होने तब उबाल लें। स्‍वाद के लिए इस काढ़े में शहद या चीनी भी मिला सकते हैं। रोज सुबह खाली पेट कच्‍चा आंवला खाना भी लाभकारी होता है।

​लिकोरिया बीमारी का घरेलू नुस्खा
पानी पीना👇
ज्‍यादा पानी पीने से संक्रमित बैक्‍टीरिया शरीर से बाहर निकल जाता है। दिनभर में कम से कम 2 से 3 लीटर पानी पीएं। जब भी जरूरत लगे पेशाब करने जरूर जाएं। ज्‍यादा देर तक पेशाब करने रोकने से बैक्‍टीरिया जमने लगते हैं। नींबू मूत्रवर्द्धक होता है इसलिए आप नींबू पानी भी पी सकती हैं।
👇 Health_Beautys_Tips@vkmagzine
अगर आपको वजाइना में इंफेक्‍शन के कारण योनि से अधिक डिस्‍चार्ज हो रहा है तो इस स्थिति में आपको तुरंत स्‍त्री रोग विशेषज्ञ को दिखाना 🙏
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
अगर पोस्ट पसंद आई है तो एक प्यारा सा इमोजी अवश्य प्रदान करें!
🇮🇳🇮🇳 जय हिंद 🇮🇳🇮🇳



सफेद पानी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें आपको बताई जाएंगी next post -: पोस्ट पर 30+ इमोजी 🙏
8 May 2024
18:55
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


जो व्यक्ति एक घुटना मोड़ता है उसका वही घुटना दर्द करता है और दूसरा ठीक रहता है. इसके अलावा दैनिक जीवन में चलने-फिरने, चढ़ाव चढ़ने, सैर करने, व्यायाम करने, व्यायाम करने से घुटनों के जोड़ों में स्थित कारटीलेज का क्षय होता है इसकी क्षतिपूर्ति रात्रि को घुटनों के सीधे रखने एवं रक्तसंचार सुचारू रूप से संभव है कारटीलेज में द्रव या कोलोजन रक्त प्रवाह के अभाव में आपस में जुड़ने लगती है. रोगी को खडे होने पर अपना वजन ढोना और चलते समय संतुलन बनाना मुश्किल लगता है. हड्डियां आपस में टकराकर टेढ़ी होने लगती हैं. रोगियों को घुटनों पर नीकैप या क्रेप बैंडेज बांधकर रात्रि सोने की सलाह दी जाती है. घुटनों के अधिक दर्द में वज्रासन या पद्मासन वर्जित माना जाता है |

कारण
-------

* घुटने के दर्द की मुख्य वजह, खून में युरिक एसिड के लेविल का बढना है| इसे शरीर से बाहर निकालने के लिये रोगी को दो बातों का अनुसरण करना हितकर होता है -

1- मौसम के मुताबिक तीन से छ: लिटर पानी पीने की आदत बनानी चाहिये |

2- हरी सब्जी और फल या इनका जूस का सेवन |

दर्द के अन्य कारण
-------------------

* घुटने पर बार-बार दबाव से सूजन (जैसे लंबे समय के लिए घुटने के बल बैठना, घुटने का अधिक उपयोग करना अथवा घुटने में चोट) बरसाइटिस कहते हैं |

* आपके घुटने में सामने की ओर दर्द जो सीढ़ियों अथवा चढ़ाव पर चढ़ते और उतरते समय बढ़ जाता है. यह धावकों, और साइकिल चलाने वालों को होता है | टेन्टीनाइटिस घुटने के पीछे पानी के भरने से सूजन, साथ आथर्राइटिस जैसे अन्य कारणों से सूजन भी हो सकती है | यदि सिस्ट फट जाती है तो आपके घुटने के पीछे का दर्द नीचे आपकी पिंडली तक पहुंच सकता है |

* घिसा हुआ काटिर्लेज घुटने के जोड़ के अंदर की ओर अथवा बाहर की ओर दर्द पैदा कर सकता है |

* झटका लगना अथवा मोच- अचानक अथवा अप्राकृतिक ढंग से मुड़ जाने के कारण लिगमेंट में मामूली चोट |

* जोड़ में संक्रमण (इंनफेक्शन)

* घुटने की चोट- आपके घुटने में रक्त स्राव हो सकता है जिससे दर्द अधिक होता है |

घरेलू देखभाल
----------------

1- आराम करें और ऐसे कार्यों से बचे जो दर्द बढ़ा देते हैं, विशेष रूप से वजन उठाने वाले कर्यों से बचें |

2- किसी भी प्रकार की सूजन को कम करने के लिए अपने घुटने को जहां तक संभव हो ऊपर उठा कर रखें |

3- कोई ऐसा बैंडेज अथवा एलास्टिक स्लीव पहनकर घुटने को धीरे धीरे दबाएं | (ये दोनों वस्तुएं लगभग सभी दवाइयों की दुकानों पर मिलती है) यह सूजन को कम कर सकता है और सहारा भी देता है (नी कैप की तरह)

4- अपने घुटनों के नीचे अथवा बीच में एक तकिया रखकर सोयें |

घुटनों के व्यायाम
------------------

1- घुटनों का संचालन जंघा से पैर को दोनों हाथों से ऊपर उठाकर घुटने से पैर को आगे-पीछे दस पंद्रह बार चलाना |

2- वहीं पकडे़ हुए घुटने के निचले हिस्से से गोल घुमाना 10-10 बार सीधे-उलटे |

3- पैर लंबे करके बैठें और टखनों को आगे-पीछे दस बार चलाना और सीधे-उलटे घुमाना |

4- घुटनों की कटोरियां की मांसपेशियों को खींचना और ढीला छोड़ना - 100 बार |

5- अधिक दर्द न हो तो गद्दे पर 5 मिनट पद्मासन या वज्रासन करें |

6- पेट के बल लेटकर मकरासन की स्थिति बनाकर एक पैर का घुटना मोड़कर ऊपर हिस्से को गोल 10-10 बार सीधे-उलटे घुमाएं |

7- पीठ के बल लेटकर एक-एक पैर बिना घुटने से मोड़े 90 डिग्री पर उठाने का प्रयत्न करें पांच-पांच बार एक-एक पैर उठाएं |

यौगिक साइकिलिंग-
---------------------

1- पीठ के बल लेटकर एक-एक पैर को साइकिल जैसे चलाएं. अभ्यस्त हो जाने पर दोनों पैरों से लेटे-लेटे साइकिलिंग सीधे-उलटे 25 से 50 बार करें, उपरांत शवासन करें |

2- सवेरे भूखे पेट तीन चार अखरोट की गिरियां निकालकर कुछ दिन खाने मात्र से घुटन का दर्द समाप्त हो जाता है |




10 May 2024
20:47
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


कब्ज एक छोटा-सा शब्द है लेकिन जिन लोगों को अक्सर कब्ज की समस्या रहती है, वो बेहतर तरीके से जानते हैं कि यह किस तरह आपकी लाइफ डिस्टर्ब करती है। पेट साफ न होने से शारीरिक परेशानियों के साथ कई स्किन प्रॉब्लम्स भी हो जाती हैं। ऐसे में आपको अपना ख्याल रखने के लिए अपनी कुछ आदतों में सुधार करना चाहिए। कुछ ऐसी आदतें होती हैं, जिसकी वजह से आपको कब्ज की परेशानी होती रहती है। कब्ज की बात करें, तो आम कब्ज से लेकर गंभीर तरह की कब्ज की बीमारी इसमें शामिल है. जैसे कभी-कभार होने वाला कब्ज, क्रॉनिक कॉन्स्टिपेशन (कब्ज बहुत ज्यादा बढ़ जाने पर), यात्रा या उम्र से संबंधित कब्ज। कब्ज में हमारी आंतें मल को छोड़ नहीं पातीं। 
नींबू पानी health_beautys_tipS@vkmagzine
नींबू हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है। अगर कभी कब्ज हो जाए तो एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू का रस और शहद मिलाएं और पी लें।

दूध और दही
कब्ज की समस्या को दूर करने के लिए पेट में अच्छे बैक्टीरिया का भी होना जरूरी है। सादे दही से आपको प्रोबायोटिक मिलेगा, इसलिए आप दिन में एक से दो कप दही जरूर खाएं। इसके अलावा यदि बहुत परेशान हैं तो एक गिलास दूध में एक से दो चम्मच घी मिलाकर रात को सोते समय पिएं, लाभ होगा।
health_beautys_tipS@vkmagzine
आयुर्वेदिक दवा
सोने से पहले दो या तीन त्रिफला टैबलेट गर्म पानी के साथ लें। त्रिफला हरड़, बहेड़ा और आंवले से बना होता है। ये तीनों पेट के लिए लाभकारी हैं। त्रिफला रात में अपना काम शुरू कर देता है।
 
खाने में फाइबर
एक दिन में एक महिला को औसतन 25 ग्राम फाइबर की जरूरत होती है, वहीं एक पुरुष को 30 से 35 ग्राम फाइबर की आवश्यकता होती है। अपने पाचन तंत्र को दोबारा ट्रैक पर लाने के लिए आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप हर दिन अपनी जरूरत के अनुसार फाइबर की खुराक ले रहे हैं।



14 May 2024
06:42
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
जाती है। इस क्लॉटिंग की वजह से खून हृदय तक पहुँचने में असमर्थ होता है। इसी के साथ हृदय को ऑक्सीजन मिलनी बंद हो जाती है। यह स्थिति हार्ट अटैक की होती है।
हार्ट अटैक को मायोकार्डियल इन्फ़्रैक्शन भी कहते हैं। एक हार्ड अटैक की स्थिति किसी भी व्यक्ति के लिए जानलेवा हो सकती है लेकिन यदि तुरंत उपचार मिल जाए तो व्यक्ति को बचाया जा सकता है।
 
हार्ट अटैक के सामान्य लक्षण
 
1.) कोल्ड स्वैट (शरीर से पसीना आता है लेकिन ठंड भी लगती है।)
2.) थकान महसूस होती है 
3.) साँस लेने में परेशानी होती है
4.) शरीर का भार कम महसूस होता है 
5.) चक्कर आते हैं
6.) बाएँ हाथ में दर्द होता है 
7.) उल्टी महसूस होती है 
8.) अपच की समस्या भी हो सकती है
9.) सीने में जलन होती है
 
हर व्यक्ति में हार्ट अटैक के लक्षण अलग अलग हो सकते हैं। कुछ लोगों में हार्ट अटैक के समय काफ़ी तेज़ दर्द होता है तो वहीं कुछ लोगों को हार्ट अटैक के दौरान दर्द कम होता है। कुछ मामलों में यह भी देखा गया है कि हार्ट अटैक से पहले किसी व्यक्ति के बाएँ हाथ में दर्द शुरू हो जाता है।
कुछ लोगों को हार्ट अटैक बिना किसी चेतावनी के आता है तो वहीं कुछ लोगों को हार्ट अटैक से पूर्व कुछ लक्षण देखने को मिल जाते हैं। 
ऐसा भी देखा गया है कि कुछ लोगों को हार्ट अटैक से पहले अचानक से सीने में दर्द उठता है जो आराम करने पर ख़त्म हो जाता है। इसी तरह कुछ लोगों को कुछ घंटे, कुछ दिन पहले या कुछ हफ़्ते पहले से ही हार्ट अटैक के लक्षण दिखाई देते हैं। सीने में दर्द का कारण रक्त के प्रवाह में आयी कमी होती है। हार्ट अटैक के कुछ कारण होते हैं जिन्हें जानना बेहद ज़रूरी है। आइए देखते हैं कि वे क्या हैं।
 
हार्ट अटैक का प्रमुख कारण नसों में रक्त का ज़मना होता है। ब्लड क्लॉटिंग एक ख़तरनाक समस्या है जो हार्ट अटैक को जन्म दे सकती है। इसके साथ साथ हार्ट अटैक की कुछ निम्न कारण हो सकते हैं जिनसे हार्ट अटैक की संभावना काफ़ी बढ़ जाती है।
 
1.) अधिक उम्र
हार्ट अटैक का एक कारण अधिक उम्र भी हो सकती है। पुरुषों में 45 साल से अधिक तथा महिलाओं में 55 साल से अधिक की उम्र में हार्ट अटैक या ह्रदयाघात की संभावना बढ़ जाती है।
 
2.) मानसिक स्थिति
जी हाँ, ये बात भले ही सुनने में थोड़ी सी अजीब लगे लेकिन मानसिक स्थिति के कारण भी हृदय को नुक़सान पहुँच सकता है। कई मामलों में डिप्रेशन या तनाव के चलते भी हार्ट अटैक की समस्या देखने को मिलती है। 
 
3.) तम्बाकू या धूम्रपान
जो लोग तंबाकू का सेवन करते हैं या फिर वे सिगरेट के द्वारा धूम्रपान करते हैं तो ऐसे में उन्हें हार्ट अटैक की संभावना काफ़ी बढ़ जाती है। इसी के साथ साथ ऐसे लोग जो सिगरेट पीने वालों के साथ रहते हैं उन्हें भी हार्ट अटैक की संभावना रहती है। लंबे समय तक सेकेंड हैंड स्मोक अर्थात सिगरेट पीने वाले के द्वारा छोड़े गए धुएं के संपर्क में रहने से हार्ट अटैक की संभावना काफ़ी बढ़ जाती है।
 
4.) मोटापा
मोटापा ना सिर्फ़ हार्ट अटैक को ही जन्म देता है बल्कि इसके साथ ही ये व्यक्ति को अवसाद और अन्य बीमारियां भी देता है। दरअसल हमारे शरीर में फ़ैट या वसा की एक उचित मात्रा होना ही ज़रूरी है। जब हम कोई चीज़ खाते हैं तो उसमें से फ़ैट हमारे शरीर में आता है। कई बार ये फ़ैट अधिक होने के कारण शरीर में जमा होने लगता है। 
वैसे तो वसा शरीर को ऊर्जा देता है लेकिन अधिक मात्रा में लिया गया फ़ैट या वसा नसों के किनारों पर जमने लगता है। इस तरह नसें संकरी होने लगती है। इससे नसों में रक्त का प्रवाह सुचारु रूप से नहीं होता और वह बाधित होने लगता है। ऐसी स्थिति में कभी कभी नसों में क्लॉटिंग भी हो सकती है। अब हम कह सकते हैं कि यह स्थिति हार्ट अटैक को जन्म दे सकती है।
 
5.) उच्च रक्तचाप
हमारे शरीर में होने वाली समस्त प्रक्रियाएं सामान्य ही होनी चाहिए। उदाहरण के तौर पर हमारी नसों में रक्त का प्रवाह एक निश्चित गति से होता है और यह निश्चित ही होना चाहिए। यदि नसों में रक्त का प्रवाह धीमा या ज़्यादा हो जाता है तो ऐसे में हृदय रोग की संभावना काफ़ी बढ़ जाती है। 
ऐसे लोग जो काफ़ी समय से उच्च रक्तचाप या हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे हैं उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ज़्यादा लंबे समय तक रहने वाला उच्च रक्तचाप हार्ट अटैक जैसी ख़तरनाक बीमारी को जन्म दे सकता है।
Next part - after 31emoji❤



10:40
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine



घमौरियों के कारण त्वचा पर लगातार खुजली होती रहती है और त्वचा पर कांटे चुभने जैसा अहसास होता है।
इसके चलते किसी भी काम में फोकस कर पाना आसान नहीं होता है।
घमौरियों की समस्या बच्चों में ज्यादा होती है।घमौरियों से बचने का सबसे आसान तरीका होता है कि आप अपने शरीर को लगातार साफ करते रहें।
गर्मी के मौसम में कम से कम दो बार जरूर नहाएं।

घमोरियां भगाने के आयुर्वेदिक घरेलू उपचार👇👇👇


Next part after 31 emoji😄❤

28 May 2024
12:13
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

1. चंदन
आयुर्वेद में त्वचा संबंधी समस्याओं के इलाज के लिए चंदन का प्रयोग सदियों से किया जा रहा है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद करते हैं। इसकी तासीर ठंडी होती है, जिसकी वजह से यह त्वचा को ठंडक प्रदान करता है। घमौरियों से छुटकारा पाने के लिए आप चंदन पाउडर को गुलाब जल या सादे पानी के साथ मिला लें। अब इस मिश्रण को प्रभावित हिस्से पर लगाएं। जब सूख जाए, तो पानी से धो लें।

2. एलोवेरा
एलोवेरा औषधीय गुणों से भरपूर होता है। इसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। यह घमौरियों की जलन और सूजन से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। इसका प्रयोग करने के लिए एलोवेरा के पत्ते को काटकर इसका जेल निकाल लें। इसे घमौरियों पर लगाएं और सूखने दें। करीब 20-30 मिनट बाद सादे पानी से धो लें। दिन में एक से दो बार इस प्रक्रिया को दोहराएं। ऐसा करने से घमौरियों से जल्द राहत मिलेगी।

3. मुलेठी
आयुर्वेद में मुलेठी का प्रयोग एक शक्तिशाली औषधि के तौर पर किया जाता है। इसकी तासीर ठंडी होती है, इसलिए यह त्वचा को ठंडक पहुंचाने में मदद करती है। इसे त्वचा पर लगाने से मुंहासों और दानों की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। इसके लिए मुलेठी पाउडर को पानी में मिक्स करके प्रभावित हिस्से पर लगाएं। इससे कुछ ही दिनों में घमौरियां दूर हो जाएंगी।

4. मुल्तानी मिट्टी
मुल्तानी मिट्टी में एनाल्जेसिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो घमौरियों को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए आप 2 चम्मच मुल्तानी मिट्टी को गुलाब जल के साथ मिलाएं। इसे प्रभावित क्षेत्र पर समान रूप से लगाएं और सूखने दें। लगभग 20 मिनट बाद पानी से धो दें। इसके बाद मॉइश्चराइजर लगा लें।

5. घमौरियां जब बहुत अधिक परेशान कर रही हों तो तुरंत राहत पाने के लिए आप यह विधि अपनाएं👇

2 से 3 आइस क्यूब्स लें और इन्हें एक साफ सूती रूमाल में लपेटें। अब इन आइस क्यूब्स से घमौरियों पर धीरे-धीरे हल्के हाथों से मसाज करें।

आपको तुरंत राहत मिलेगी। एक दिन में आप दो बार इस प्रक्रिया को 5 से 10 मिनट के लिए अपना सकती हैं।


✍️ एक लाइक तो बनता है👍🥰😜


16 June 2024
12:45
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


शरीर और साँसों में बदबू आने के आंतरिक और बाह्य दोनों तरह के कारण हो सकते हैं। एक तो खान-पान की गड़बड़ी या किसी रोग की वजह से बदबू आ सकती है, दूसरे शरीर और दाँतों व मुँह की साफ़-सफ़ाई में की जा रही लापरवाही से भी बदबू की समस्या पैदा हो सकती है। बदबू की समस्या के यदि शारीरिक विकार, जैसे कि -दाँतों, मसूड़ों की ख़्ाराबी, पेट की गड़बड़ी, टॉन्सिल की सूजन-पस, नाक व साइनस विकार, श्वासनली व फेफड़ों के विकार, मुँह के छाले, रक्त की कमी, मधुमेह, यकृत-गुर्दों की बीमारी, पीनस आदि कारण हों तो आहार-विहार ठीक रखते हुए आवश्यक उपचार करना चाहिए और यदि बाह्य कारण हों, तो साफ़-सफ़ाई का ध्यान रखते हुए निम्न उपाय अपनाए जा सकते हैं-
**
बेलपत्र, आँवला, हरड़ चूर्ण मिलाकर शरीर में लेप करके कुछ देर बाद धो दें। इससे शरीर और पसीने की दुर्गंध से छुटकारा मिलता है।
**
सुपारी, जायफल, शीतलचीनी, कपूर, लौंग तथा लता कस्तूरी को पान में रखकर ज़रा सा चूना लगाकर चबाने से मुख शुद्धि होती है तथा दुर्गंध ख़त्म होती है। यह पान मसूड़े, दाँत तथा जीभ के लिए भी हितकारी है। ध्यान रखने योग्य इतना सा है कि रक्त-पित्त के रोगियों, बहुत दुर्बल, भूखे, प्यासे तथा मूच्र्छा से पीड़ित लोगों के लिये पान सेवन वर्जित है।
**
साँस में बदबू आती हो तो ऐसे लोगों को नीम की दातून नियमित करनी चाहिए। इसके अलावा खाने के बाद मुँह अच्छी तरह साफ़ रखें।
**
दो चम्मच शहद को 1 गिलास पानी में घोलकर गरारा करने से हफ्ते भर में मुँह की दुर्गन्ध से आसानी से छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ दाँत की सफ़ाई और खान-पान पर भी ध्यान दें तो उत्तम है।
**
मुँह की दुर्गंध दूर करने के लिए दोनों समय भोजन के बाद अथवा यदा-कदा सौंफ़ चबाना चाहिए। इससे हाज़मा भी दुरुस्त होता है।
**
चंदन, मुक्ता, हरड़, नागरमोथा, उशीर व लोध्र का लेप बनाकर शरीर में लगाने से दुर्गंध की समस्या से निजात मिलती है।
**  
कूठ, हरड़ और नागरपान समान मात्रा में पीसकर पानी के साथ लेप बनाकर शरीर में लगाने से दुर्गंध आनी बंद होती है।
**
वच, कूठ, तज, छोटी इलायची, कमल की जड़, नागकेसर सभी सममात्रा में लेकर कपड़छन चूर्ण बनाएं और शहद में मिलाकर 250 मि. ग्रा. की गोलियाँ बना लें।
इन गोलियों को चूसने से मुँह की दुर्गंध दूर होकर सुगंध आने लगती है।
**
लोध्र, अनार का छिलका, रीठे के पत्ते, धाय के फूल एक में मिलाकर पीसकर लेप करने से शरीर की दुर्गंध मिटती है
***



health_beautys_tipS@vkmagzine
19 June 2024
10:09
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

1. मुल्तानी मिट्टी
पिम्पल्स के लिए मुल्तानी मिट्टी वरदान है। त्वचा से अत्याधिक तेल और गंदगी हटाने में मुल्तानी मिट्टी बेहद कारगर है। इसे रोज नहाते समय गुलाबजल में मिलाकर चेहरे पर लगाएं। पिम्पल्स चेहरे से यूं गायब होंगे जैसे कभी थे ही नही। यदि आप खड़ी मुल्तानी मिट्टी ले रहे हैं तो उसे रातभर गुलाबजल में भीगकर रखें। लगते समय उसमें थोड़ा नींबू मिला लीजिए। इस मिश्रण से आपके पिम्पल्स बहुत जल्दी सूख जाएंगे।
2. टूथपेस्ट
पिम्पल्स को हटाने के लिए वाइट टूथपेस्ट काफी असरदार है। यह बर्फ की तरह काम करता है। त्वचा जलने पर भी इसे लगाया जाता है। मगर ध्यान रहे कि टूथपेस्ट जेल वाला न हो अन्यथा आपको जलन हो सकती है। इसमें बेकिंग सोडा, हाइड्रोजन पेरोक्साइड और ट्राइक्लोसैन जैसे पदार्थ मौजूद होते हैं, जिसकी वजह से मुंहासें जल्दी सूख जाते हैं। इसे प्रतिदिन दो बार लगाएं। उसके बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें।
3. ओटमील
ओटमील स्वास्थ्यवर्धक है। यह पेट को ठंडा रखने के साथ आपको देता है भरपूर फाइबर। ओटमील फेसपैक से पिम्पल्स बहुत जल्दी ठीक होते हैं। शायद आप नही जानते होंगे कि यह हमारी त्वचा के रोमछिद्रों को शुद्ध करने साथ उससे अतिरिक्त तेल को अवशोषित करने में भी मददगार है। इसे शहद और नींबू के रस के साथ मिलाकर लगाएं, निश्चित रूप से पिम्पल्स जल्दी खत्म हो जाएंगे।
4. एलोवेरा जेल
एलोवेरा के एक नहीं, कई आयुर्वेदिक गुण हैं। इसे खाया भी जा सकता है और लगाया भी जा सकता है। त्वचा संबंधी रोगों के लिए यह अतिउत्तम है। इसका नियमित रूप से इस्तेमाल करने से पिम्पल्स को जड़ से खत्म किया सकता है। यह एंटीऑक्सीडेंट की तरह काम करता है। इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण पिम्पल्स को बहुत जल्दी ठीक करने में सहायता करते हैं। एलोवेरा को रात में सोते वक्त लगाएं। यदि आपके पास विटामिन ई के कैप्सूल उपलब्ध हैं तो उसे इसमें मिलाकर लगाएं।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
5. नीम
पिम्पल्स ठीक करने के लिए यह एक बेहद प्रभावी औषधि है। इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीइंफ्लेमेटरी तीनों ही गुण पाए जाते हैं। नीम को पीसकर उनका पेस्ट तैयार कर लें और एप्पल साइडर विनेगर व शहद के साथ मिलाकर लगाएं। विनेगर की जगह नींबू भी इस्तेमाल कर सकते हैं। घर पर जो आसानी से मिल जाए उसे ही इस्तेमाल करें। इसे रोजाना चेहरे पर लगाएं,पिम्पल्स बहुत जल्दी ठीक हो जाएंगे। इसके अलावा आप नीम का पानी भी तैयार कर सकते हैं। इसे आइसट्रे में डाल दें और उन क्यूब्स को चेहरे पर हल्के हाथ से रगड़ें।
पिम्पल्स से बचाव - ( Pimples Prevention Tips In Hindi)
पिम्पल्स का उपाय का सबसे बेहतर तरीका है उससे बचाव। बचाव के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है-
रोजाना चेहरे को कम से कम तीन बार 5 मिनट तक ठंडे पानी से धोएं।
दिनभर में लगभग 10 से 12 गिलास पानी पीएं।
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
संतुलित आहार लें। वसायुक्त भोजन और जंकफूड से परहेज करें।
चेहरे के लिए योग और कसरत करें।
ग्रीजी और ऑयली मेकअप से बचें।
15 दिन में एक बार फ्रूट क्रीम से मसाज करें और हर हफ्ते स्क्रब करें।
मसाज से ब्लैकहेड्स और व्हाइटहेड्स मुलायम हो जाएं और मुलायम पड़ने पर यह आसानी से निकल जाते हैं।
फ्रूट क्रीम के लिए मलाई को पपीते और शहद के साथ मिलाकर पेस्ट तैयार करें। वहीं स्क्रब के लिए चीनी और कॉफी का इस्तेमाल करें।
ध्यान रहे कि मवाद और पानी वाले मुंहासों पर मसाज न करें। उनके लिए होममेड पेस्ट ही उपयोग में लाएं।
धूप में ज्यादा देर तक न रहें।
टी ट्री ऑयल लगा सकते हैं।
तनाव से दूर रहें।
पिम्पल्स से बचाव के लिए क्या खाएं और क्या न खाएं - ( Diet For Pimples In Hindi)
पिम्पल्स के लिए पीले और नारंगी रंग के फल व सब्जियां ही खाएं। अत्याधिक कैलोरी वाले फलों से परहेज करें। हालांकि आम पीला फल है, लेकिन उसमें कैलोरी बहुत ज्यादा होती है। टमाटर को त्वचा पर लगाकर जितना फायदा है उतना खाने में भी है। पालक और दाल जरूर खाएं। इनमें फाइबर होता है। कद्दू और लौकी खाएं। फलों में चीकू, आम और केला नही खाने हैं आपको, बाकी सब खा सकते हैं। कद्दू के बीज भी इसमें फायदा पहुंचता है। तरल पदार्थ ज्यादा से ज्यादा लें। ऑ यली फूड, चॉकलेट और जंक फूड न खाएं। हाई फैट फूड और ज्यादा मीठी चीज़ों से परहेज करें।

Emoji plzz 21+


25 June 2024
09:27
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


3 July 2024
09:10
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


7 July 2024
07:23
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

आपकी नाक, गाल और माथे पर खुले छिद्र आपकी उम्र बढ़ने के साथ अधिक प्रमुख दिखाई दे सकते हैं। त्वचा को साफ रखना और धूप से बचना, खुले छिद्रों की उपस्थिति को कम करने के दो सबसे अच्छे तरीके हैं।
खुले छिद्र क्या हैं?
'ओपन पोर्स' शब्द का तात्पर्य बढ़े हुए त्वचा छिद्रों से है जो समय के साथ अधिक स्पष्ट रूप से विकसित हुए हैं।  विशेष रूप से चेहरे के 'टी-ज़ोन' में। परिणामस्वरूप, वे त्वचा की सतह पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं और तैलीय या मिश्रित त्वचा वाले पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए एक सौंदर्य समस्या बन जाते हैं।
त्वचा की समस्या हार्मोनल परिवर्तन का अनुभव करने वाले किशोरों और वृद्ध त्वचा या हार्मोनल समस्याओं वाले वयस्कों को भी प्रभावित करती है! 
उन्हें कम करने के लिए प्रभावी उपचार👇👇

Reaction जरूर दे l


07:23
👀Open pores की समस्या से छुटकारा आयुर्वेदिक घरेलू उपचार 🥳
🕉हल्दी 
चेहरे पर दिखने वाले गहरे गड्ढों को कम करने में हल्दी काम आ सकती है. हल्दी के औषधीय गुण कई स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों से छुटकारा दिलाने में मददगार होते हैं जिनमें से एक यह भी है. एक कटोरी में एक चम्मच हल्दी लें और उसमें एक चम्मच ही गुलाबजल डालकर पेस्ट बना लें. इस पेस्ट को ओपन पोर्स पर 10 से 15 मिनट लगाए रखने के बाद ठंडे पानी से धो लें. हफ्ते में एक बार इस नुस्खे को आजमाय
🕉एलोवेरा 
ओपन पोर्स पर एलोवेरा का भी कुछ कम असर नहीं दिखता है. एक कटोरी में ताजा एलोवेरा का गूदा लें या फिर एलोवेरा जैल डालें. इसे फ्रिज में तकरीबन एक घंटे रखने के बाद बाहर निकालें और चेहरे पर 10 मिनट लगाकर रखने के बाद चेहरा धोएं. यह जैल बड़े छिद्रों को छोटा करने में मददगार है. 

🕉टमाटर
टमाटर (Tomato) और शहद ओपन पोर्स पर लगाया जा सकता है. कटोरी में आधा चम्मच शहद लेकर उसमें 2 चम्मच भरकर टमाटर का गूदा मिलाएं. इसे पूरे चेहरे पर 15 से 20 मिनट लगाए रखें. ओपन पोर्स कम करने में यह नुस्खा असर दिखाता है. 
🕉मुल्तानी मिट्टी 
निखरी त्वचा के लिए ही नहीं बल्कि ओपन पोर्स कम करने के लिए भी मुल्तानी मिट्टी लगाई जा सकती है. इसके लिए 2 चम्मच मुल्तानी मिट्टी का पाउडर लें और उसमें 2 चम्मच दूध मिला लें. इस मिश्रण को अच्छे से मिलाकर घोल बनाएं और चेहरे पर 15 मिनट के लिए लगाकर छोड़ दें. ठंडे पानी से चेहरा धोने के बाद मॉइश्चराइजर लगाना ना भूलें. मुल्तानी मिट्टी त्वचा से एक्सेस ऑयल कंट्रोल करने में भी असर दिखाएगी. 

🕉चीनी 
ओपन पोर्स में चीनी का स्क्रब (Sugar Scrub) भी अच्छा असर दिखाता है. इसके लिए एक कटोरी में चीनी, नींबू का रस और ऑलिव ऑयल मिला लें. इसे उंगलियों में लेकर हल्के हाथों से मलें और 2 से 3 मिनट बाद चेहरा धो लें. इस स्क्रब से चेहरे की गंदगी भी दूर होगी और ओपन पोर्स कम होने लगेंगे


10:52
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


जिन सब्सक्राइबर्स के पास टेलीग्राम का प्रीमियम सब्सक्रिप्शन है वह कृपया ग्रुप को बूस्ट करें! हमारे बहुत मदद होगी


ज्यादा से ज्यादा ग्रुप की पोस्टों को शेयर करें और कमेंट करके बताएं आपको अगली पोस्ट किस रोग उपचार के लिए चाहिए🥰

आप सभी लोगों से अनुरोध है कि ग्रुप की पोस्ट पर इमोजी अवश्य दिया करें उसे हमारा मनोबल बढ़ता है

जय हिंद जय भारत
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳
10 July 2024
22:35
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
नीचे की तरफ गिरे और सफेद निशान बन जाए तो दूध पूरी तरह से शुद्ध है।

2 दूध में डिटर्जेंट की मिलावट को पहचानने के लिए, दूध की कुछ मात्रा को एक कांच की शीशी में लेकर जोर से हिलाइए। अगर दूध में झाग निकलने लगे तो इस दूध में डिटरर्जेंट मिला हुआ है। अगर यह झाग देर तक बना रहे, तो दूध के नकली होने में कोई संशय नही है।

3 दूध को सूंघकर देखें। अगर दूध नकली है, तो उसमें साबुन की तरह गंध आएगी, और अगर दूध असली है, तो उसमें इस तरह की गंध नहीं आती।

4 दूध को दोनों हाथों में लेकर रगड़कर देखें। अगर दूध असली है, तो सामान्य तौर पर चिकनाहट महसूस नहीं होगी। लेकिन अगर दूध नकली है, तो इसे रगड़ने पर बिल्कुल वैसी ही चिकनाहट महसूस होगी, जैसी कि डिटर्जेंट को रगड़ने पर होती है।

5 दूध को देर तक रखने पर, असली दूध अपना रंग नहीं बदलता है। जबकि दूध अगर नकली है, तो वह कुछ समय बाद पीला पड़ने लगेगा।

6 असली दूध को उबालने पर उसका रंग बिल्कुल नहीं बदलेगा, लेकिन नकली दूध का रंग उबलने पर पीला हो जाएगा।

7 सिंथेटिक दूध में अगर यूरिया मिला हुआ है, तो वह गाढ़े पीले रंग का हो जाता है।

8 स्वाद के मामले में असली दूध हल्का-सा मीठा स्वाद लिए हुए होता है, जबकि नकली दूध का स्वाद डिटर्जेंट और सोडा मिला होने की वजह से कड़वा हो जाता है।
Emoji plzz 30+
Join fast 👇👇


14 July 2024
11:52
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

हर किसी की चाहत होती है कि उसके बाल सुंदर और घने हों, लेकिन बढ़ते प्रदूषण, स्ट्रेस और अन्य शारीरिक स्थितियों के कारण बाल जल्दी झड़ना शुरू हो जाते हैं. कुछ लोगों के बाल तो इतने झड़ते हैं कि सिर पर गंजेपन के धब्बे दिखने लगते हैं. बालों को दोबारा लंबे और हेल्दी बनाने के लिए आयुर्वेदिक उपचार का प्रयोग करना अच्छा विकल्प है.
आयुर्वेद के अनुसार मनुष्य शरीर में वात, पित्त और कफ जैसे दोष होते हैं. जब इन दोषों में असंतुलन होता है, तब ही बीमारियां उत्पन्न होती हैं, जिसमें से एक है बाल झड़ना. ग्रीन टी, गुलाब की पत्तियां या नीम का प्रयोग झड़ते बालों का एक कारगर आयुर्वेदिक इलाज है.
आज लेख में जानिए झड़ते बालों का कारगर आयुर्वेदिक इलाज - 

बाल झड़ने से बचाते हैं ये आयुर्वेदिक उपचार-

A. शिकाकाई
B. रीठा
C. आंवला
D. गुलाब का तेल
E. नीम
F. ग्रीन टी
E. तुलसी


A. शिकाकाई👉
शिकाकाई से बालों की अधिकतर समस्याओं को सुलझाया जा सकता है. बाल झड़ने में शिकाकाई को हल्के गर्म पानी में मिला कर एक शैंपू की तरह प्रयोग किया जाता है. शिकाकाई का करने से बालों की ग्रोथ होती है और किसी भी तरह का इंफेक्शन है, तो वह भी खत्म होता है. शिकाकाई से बालों में नमी बनी रहती है और बाल ड्राई होने से भी बचते हैं

रीठा👉
रीठा में एंटी-फंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जिनसे बालों में होने वाले इंफेक्शन से बचा जा सकता है. इंफेक्शन के कारण झड़ने वाले बालों से रीठा निजात दिला सकता है. रीठा बालों में चमक लाता है. रीठा का प्रयोग भी गर्म पानी में मिला कर एक शैंपू की तरह ही किया जाता है. इससे डैंड्रफ की समस्या भी कम होती है.
health_beautys_tipS@vkmagzine

आंवला👉
आंवला बालों के लिए काफी अच्छा होता है. आंवले के तेल का प्रयोग बाल झड़ने की समस्या को रोकने के लिए किया जाता है. अगर बाल कमजोर हो रहे हैं या पतले होते जा रहे हैं, तो भी आंवला उन्हें मजबूत करने में सहायक है. आंवला में विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो बालों को मजबूती और चमक वापस पाने में मदद करते हैं. आंवला से बनने वाले हेयर-केयर प्रोडक्ट्स बालों में प्रयोग करने से बाल जल्दी सफेद भी नहीं होते.
health_beautys_tipS@vkmagzine

गुलाब का तेल👉
आयुर्वेद के मुताबिक गुलाब के तेल का बालों में प्रयोग करने से सारे दोष संतुलित हो सकते हैं. नहाते समय गुलाब का एसेंशियल ऑयल गर्म पानी में मिलाकर प्रयोग किया जा सकता है. अगर गुलाब का तेल नहीं है, तो गुलाब की पत्तियों के पानी से बाल धोये जा सकते हैं. इससे बाल झड़ने की समस्या कम हो सकती है.

नीम👉
नीम में एंटी-माइक्रोबियल व एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं. यही नहीं इसमें कूलिंग प्रॉपर्टी भी होती हैं, जो बालों को झड़ने से रोक सकती हैं. नीम की पत्तियों से न केवल हेयर रिंस बनाया जा सकता है, बल्कि नीम के पाउडर को पानी में मिलाकर पेस्ट भी बनाया जा सकता है. इस पेस्ट को बालों में लगाने से स्कैल्प इंफेक्शन से भी राहत मिलती है. नीम के प्रयोग से बाल हेल्दी और मजबूत बनते हैं

ग्रीन टी👉 health_beautys_tipS@vkmagzine
ग्रीन टी के माध्यम से कफ दोष को कम किया जाता है. यही नहीं चमकदार बाल पाने के लिए भी ग्रीन टी हेयर रिंस का प्रयोग किया जा सकता है. जब ग्रीन टी पाउडर को गुलाब जल में मिलाकर सिर पर मास्क की तरह लगाया जाता है, तो इससे बालों की जड़ें काफी मजबूत बनती हैं और बालों का घनत्व भी बेहतर होता है. कुछ रिसर्च के मुताबिक ग्रीन टी का प्रयोग करने से नए बाल भी जल्दी बढ़ते हैं. 
health_beautys_tipS@vkmagzine 

तुलसी👉
तुलसी के पत्तों को ग्रीन टी के साथ पानी में मिलाने से बालों के लिए काफी प्रभावी रिंस बनाया जा सकता है. इस रिंस से ड्राई बाल और कमजोर बालों की समस्या हल होती है. अगर गर्मियों का मौसम है, तो इस  में एलोवेरा जेल का भी प्रयोग किया जा सकता है. इससे बालों में एक कूलिंग इफेक्ट मिलता है.


सारांश👉
झड़ते बालों के लिए आयुर्वेद बेहतरीन उपचार है. इसके साथ ही बालों के लिए अरोमा थेरेपी और कुछ खास हेयर मास्क का प्रयोग करना भी झड़ते बालों की समस्या को कम कर सकता है. आयुर्वेद के मुताबिक बालों को नियमित रूप से शैंपू करना और उनमें तेल लगाना भी काफी जरूरी है. दरअसल, बालों को भी हमारे शरीर की तरह ही पोषण की आवश्यकता होती है. अगर घरेलू उपचार ट्राई करने के बाद भी बाल झड़ने की समस्या ठीक नहीं होती है, तो डॉक्टर से संपर्क करें.

health_beautys_tipS@vkmagzine



16 July 2024
19:40
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


17 July 2024
19:45
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
बढ़ने से जुड़ा तनाव हार्मोन) की मात्रा कम हो सकती है। माइंडफुलनेस बढ़ाने का एक और तरीका है धीरे-धीरे और चुपचाप खाना। कितना खाना है और कब बंद करना है, इसके बारे में अपने शरीर के संकेतों को सुनें।
दिन में अपना सबसे बड़ा भोजन करें, रात में नहीं। में पढ़ता हैविश्वसनीय स्रोत दिखाएँ कि दिन में देर से कैलोरी का सेवन मोटापे का कारण बन सकता है।
अपने दिन की शुरुआत करने के लिए गर्म नींबू पानी पिएं। क्लीवलैंड क्लिनिक के डॉक्टर सहमत हैं: नींबू पानी पाचन में मदद करता है।
व्यायाम। खाने की तरह, आप कैसे और कब व्यायाम करते हैं, यह आपके दोष के अनुकूल होना चाहिए। लेकिन आयुर्वेदिक और एलोपैथिक (पश्चिमी) चिकित्सा दोनों में डॉक्टर सहमत हैं: यदि वजन घटाना आपका लक्ष्य है, तो व्यायाम योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
अच्छे से सो। शोध से पता चलता है कि खराब नींद वजन बढ़ने से जुड़ी है।
Join more  Health_Beautys_Tips@vkmagzine

अगली पोस्ट किस रोग पर सेंड की जाए मैं कमेंट बॉक्स में बताएं
Reaction 🙏plz
18 July 2024
20:53
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


वजन बढ़ाने का रामबाण इलाज, जीवनशैली में करें ये बदलाव


वजन बढ़ाने का आयुर्वेदिक इलाज
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
1- अश्वागंधा चूर्ण और दूध- वजन बढ़ाने के लिए आप दूध का सेवन जरूर करें. दूध में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं. वहीं, अश्वागंधा चूर्ण का उपयोग आयुर्वेद में काफी किया जाता है. रोज दूध और अश्वागंधा साथ में लेने से वजन बढ़ाने में मदद मिलती है.


2- दही और केला- वजन बढ़ाने के लिए दूध केला बहुत ही फायदेमंद होता है, लेकिन जिन लोगों को सुबह के वक्त केला और दूध पचाने में परेशानी होती है वो सुबह के वक्त दही के साथ केले का सेवन कर सकते हैं. इससे वजन बढ़ जाएगा.

Health_Beautys_Tips@vkmagzine
3- दूध और शतावर चूर्ण- आयुर्वेद में शतावर चूर्ण को बहुत कारगर माना जाता है. इस औषधि को अगर आप दूध के साथ मिलाकर लेते हैं तो इससे वजन बढ़ाने में आसानी होगी. इसके सेवन के वक्त आपको हाई प्रोटीन डाइट लेना जरूरी है. आप इसके साथ दूध, दही, छाछ और सोयाबीन ले सकते हैं.
Health_Beautys_Tips@vkmagzine

4- खजूर- वजन बढ़ाने में खजूर बहुत कारगर साबित होता है. जो लोग मोटा होना चाहते हैं, उन्हें डेली 5 खजूर खाने चाहिए. आप खजूर को दूध के साथ भी खा सकते हैं. इससे आपका वजन तेजी से बढ़ने लगेगा.
वजन बढ़ाने का रामबाण इलाज, जीवनशैली में करें ये बदलाव

वजन बढ़ाने के लिए डाइट में बदलाव (Weight Gain Diet Plan)

Health_Beautys_Tips@vkmagzine
1- हाई कैलोरी- वजन बढ़ाने के लिए आपको हाई कैलोरी डाइट लेना जरूरी है. इसके लिए आप बिना चोकर वाला आटा, ब्रेड, चावल, आलू, शकरकंद, फुल क्रीम मिल्क अपनी डाइट में शामिल करें. दही, पनीर, सूजी, गुड़, चॉकलेट खाएं. इसके अलावा फलों में केला, आम, चीकू, लीची, खजूर जैसे फल खाएं. आप शहद घर पर बनी घी रोटी, मक्खन, दूध शहद या रोज सिरप या चॉकलेट डालकर पीएं. इनसे शरीर को हाई कैलोरी मिलेगी.

2- जल्दी जल्दी मील लें- आप अपने दो मील के बीच कुछ न कुछ खाते रहें जैसे आप घर पर बने लड्डू, मिल्कशेक, उबले चने, पनीर सैंडविच, साबूदाना खीर खा सकते हैं. इसके अलावा कॉर्न सलाद, खजूर, गुड़-चना, बादाम-किशमिश भी खा सकते हैं. इससे एनर्जी मिलेगी और वजन भी बढ़ेगा.
Health_Beautys_Tips@vkmagzine
3- हेल्दी फैट है जरूरी- वजन बढ़ाने के लिए आपको खाने में फैट वाली चीजें भी शामिल करनी होंगी. इससे आपको वजन बढ़ाने में मदद मिलेगी. आप इसके लिए मूंगफली, तिल, बादाम, अखरोट, पिस्ता, सूरजमुखी के बीज, अलसी के बीज, खरबूजे के बीज खा सकते हैं. ऑयल के लिए आप सरसो, जैतून, सूरजमुखी, तिल, घी या नारियल का तेल इस्तेमाल कर सकते हैं.

Health_Beautys_Tips@vkmagzine
4- वजन बढ़ाने के लिए फल-सब्जियों-  मोटा होने के लिए आप फलों में केला, आम, चीकू, लीची, अंगूर, शरीफा, खजूर खा सकते हैं. वहीं सब्जियों में जमीन में उगने वाली चीजें जैसे आलू, अरबी, शकरकंद और गाजर खा सकते हैं.

5- हाई प्रोटीन डाइट लें- वजन घटने से मांसपेशियां भी कमजोर हो जाती हैं ऐसे में आपको मसल्स को मजबूत बनाने के लिए हाई प्रोटीन वाली चीजें खानी चाहिए. आप दालें, राजमा, छोले, लोबिया, मछली, मीट, दही और अंडा जरूर खाएं.


6- अधिक ऊर्जा का सेवन करें-  वजन बढ़ाने के लिए अपनी दैनिक ऊर्जा के आहार से ज्यादा खाएं. कोशिश करें की अपनी डेली जरूरत से 300 से 400 ज्यादा कैलोरी लें. जिससे वजन बढ़ाने में मदद मिल सके. 


7- छोटे छोटे आहार लें- वजन बढ़ाने के लिए आप एक बार में ज्यादा खाने की बजाय छोटे-छोटे मील लें. एक साथ ज्यादा खाने से आपको अपच या ब्लोटिंग की भी समस्या हो सकती है. 

8- एक्सरसाइज के बाद प्रोटीन- वजन बढ़ाने के लिए एक्सरसाइज के बाद आपको फुल ऑफ प्रोटीन डाइट लेनी चाहिए. इससे मांसपेशियां बढ़ाने में मदद मिलती है. आप लो फैट पनीर, उबले अंडे या बॉयल्ड चिकेन खा सकते हैं.

वजन बढ़ाने का रामबाण इलाज,
जीवनशैलi में करें ये बदलाव

वजन बढ़ाने के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव
1 मोटा होने के लिए एक्सरसाइज करना बहुत जरूरी है. इससे मासपेशियां बढ़ती हैं, शरीर को मजबूती मिलती है और बॉडी की टोनिंग होती है.
2 योग से भूख खुलती है. तनाव दूर भगाने, मेटाबोलिज्म को अच्छा बनाने और स्टामिना को बढ़ाने के लिए आप योग कर सकते हैं.


20 July 2024
07:08
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
मुश्किल हो जाता है। पेट पर जमे इस फैट को कम करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है।
कई लोग वर्कआउट और डाइट कंट्रोल की मदद से भी पेट की चर्बी को कम करने में असमर्थ होते हैं। इसके पीछे जेनेटिक फैक्टर भी हो सकता है, लेकिन आयुर्वेद के अनुसार अगर आप लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव करेंगे तो पेट की चर्बी को कम किया जा सकता है।

health_beautys_tips@vkmagzine

तो आइए जानते हैं, कि बेली फैट को कम करने के लिए कुछ आयुर्वेदिक टिप्स के बारे में:

1. गुनगुना पानी पिएं👇

दिनभर गुनगुना पानी ही पिएं। जब भी प्यास लगे तो फ्रिज के ठंडे पानी की जगह गुनगुना पानी पीने की ही कोशिश करें। असल में, गुनगुने पानी से मेटाबोलिज्म एक्टिवेट होता है, जिससे वज़न कम करने में मदद मिलती है। इससे न सिर्फ बॉडी हाइड्रेट होती है, बल्कि पेट पर जमा फैट्स भी घटते हैं। पानी के अलावा फल और जूस का भी सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। फलों से पाचन को बढ़ावा मिलता है और वजन कम करने में मदद मिलती है।

अगले 6 टिप्स पेट की चर्बी को कम करने के लिए इस पोस्ट पर 31+ इमोजी आने के बाद बताए जाएंगे🙏

Join more 👇



21 July 2024
08:55
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
गुनगुने पानी से मेटाबोलिज्म एक्टिवेट होता है, जिससे वज़न कम करने में मदद मिलती है। इससे न सिर्फ बॉडी हाइड्रेट होती है, बल्कि पेट पर जमा फैट्स भी घटते हैं। पानी के अलावा फल और जूस का भी सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। फलों से पाचन को बढ़ावा मिलता है और वजन कम करने में मदद मिलती है।

​2. खाना अच्छी तरह चबाएं
अक्सर लोग खाना जल्दी में खाते हैं और 1. गुनगुना पानी पिएं
दिनभर गुनगुना पानी ही पिएं। जब भी प्यास लगे तो फ्रिज के ठंडे पानी की जगह गुनगुना पानी पीने की ही कोशिश करें। असल में, गुनगुने पानी से मेटाबोलिज्म एक्टिवेट होता है, जिससे वज़न कम करने में मदद मिलती है। इससे न सिर्फ बॉडी हाइड्रेट होती है, बल्कि पेट पर जमा फैट्स भी घटते हैं। पानी के अलावा फल और जूस का भी सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। फलों से पाचन को बढ़ावा मिलता है और वजन कम करने में मदद मिलती है।

​2. खाना अच्छी तरह चबाएं
अक्सर लोग खाना जल्दी में खाते हैं और इस चक्कर में ठीक से चबाते नहीं हैं। जबकि खाना अच्छी तरह पच जाए इसके लिए इसे ठीक से चबाकर खाना ज़रूरी है।
जब मुंह के लार में कार्बोहाइड्रेट मिलता है, तो पाचन शुरू होता है। इसलिए खाने को अच्छी तरह चबाकर खाना चाहिए। इससे सैटिटी हार्मोन भी बढ़ता है, जिससे आपका पेट भरा हुआ महसूस होता है।
करने में काफी मदद मिलती है।

​4. तेज़ी से चलें👇

पेट के फैट्स को कम करने में रोज़ाना वॉक भी आपके काफी काम आ सकती है। रोज़ कम से कम 30 मिनट तक तेज़ी से चलें। इसके अलावा आप योग, एरोबिक्स और पिलाटेस की मदद से भी बेली फैट कम कर सकते हैं।

health_beautys_tips@vkmagzine
​5. अदरक का पानी पिएं👇

सूखे अदरक के पाउडर में थर्मोजेनिक एजेंट होता है, जो चर्बी को कम करने में मददगार साबित होता है। पानी में सूखे अदरक के पाउडर को उबालें और गुनगुना पी लें। यह मेटाबोलिज्म को बढ़ाने के साथ अतिरिक्त फैट को बर्न करता है।

health_beautys_tips@vkmagzine
7. हल्का डिनर करें

सुबह का नाश्ता और लंच अच्छा करें ताकि दिन में आपको पर्याप्त एनर्जी मिलती रहे। लेकिन रात के खाने को हल्का रखें और शाम को 7 या 8 बजे के बाद कुछ न खाएं। इससे बेली फैट नहीं बढ़ता। साथ ही रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट जैसे मिठाई, मीठी ड्रिंक्स और तैलीय खाद्य पदार्थों से दूर रहें



​4. तेज़ी से चलें👇

पेट के फैट्स को कम करने में रोज़ाना वॉक भी आपके काफी काम आ सकती है। रोज़ कम से कम 30 मिनट तक तेज़ी से चलें। इसके अलावा आप योग, एरोबिक्स और पिलाटेस की मदद से भी बेली फैट कम कर सकते हैं।

health_beautys_tips@vkmagzine
​5. अदरक का पानी पिएं
सूखे अदरक के पाउडर में थर्मोजेनिक एजेंट होता है, जो चर्बी को कम करने में मददगार साबित होता है। पानी में सूखे अदरक के पाउडर को उबालें और गुनगुना पी लें। यह मेटाबोलिज्म को बढ़ाने के साथ अतिरिक्त फैट को बर्न करता है।

​6. त्रिफला का सेवन करें👇

त्रिफला शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है और पाचन तंत्र को मज़बूत करता है। यह पेट की चर्बी घटाने में भी मदद करता है। इसके नियमित सेवन से कब्ज़ की समस्या दूर रही है। आप गर्म पानी में एक चम्मच त्रिफला चूर्ण मिलाकर रोज़ पी सकते हैं।




25 July 2024
07:06
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

आजकल टेलीग्राम पर इस तरह के Ad (प्रचार) चैनल/ग्रुप में दिखाई दे रहे हैं।

यह पूरी तरह से टेलीग्राम प्रायोजित Ad है,
health_beautys_tips@vkmagzine का इस Ad से कोई संबंध नहीं है।


सबसे बड़ी बात यह है कि
इस ऐड को हटाने / बदलने का किसी भी प्रकार का विकल्प ADMIN के पास नहीं होता, न ही एडमिन को दिखता है।

इस तरह के प्रलोभन वाले लिंक पर क्लिक न करें, यह संभवत: फ्रॉड हो सकता है,आपका वित्तीय नुकसान संभावित है।
27 July 2024
13:31
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

नीम को खुजली पर बेहद असरदार माना जाता है. आप शरीर पर नीम की पत्तियों को पीस कर भी लगा सकते हैं या इसके तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं. नीम के एंटी बैक्टीरियल गुण खुजली को कम करते हैं
.हल्दी (Turmeric)
हल्दी को नीम के तेल में मिलाकर पेस्ट तैयार करें और इस पेस्ट को खुजली वाली जगह पर लगाएं. कुछ देर रखने के बाद धो लें, आपको आराम महसूस होगा.

3.एलोवेरा (Aloe Vera)
खुजली वाली जगह पर एलोवेरा लगाने पर राहत महसूस होती है. यह खुजली को फैलने से रोकता है. एलोवेरा को स्किन पर लगभग आधा घंटा लगाए रखने के बाद धो लें. इसे गुनगुने पानी से ही धोएं. आप रोजाना 2-3 बार इसे लगा सकते हैं.

4.लौंग का तेल (Clove Oil)
लौंग में पाए जाने वाले एंटी बैक्टीरियल और एंटीऑक्सीडेंट गुण खुजली के दानों को कम करने में मदद करते हैं. लेकिन, इसे लगाते समय सावधानी बरतनी चाहिए. आप लौंग के तेल को नारियल के तेल में मिलाकर लगा सकते हैं.

5.नारियल का तेल (Coconut Oil)
शरीर पर नारियल का तेल लगाने पर खुजली में आराम मिलता है. इसके साथ ही नारियल का तेल लगाने पर आपको ठंडक भी महसूस होगी. 

Note :- अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें!

 👇


29 July 2024
08:13
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

आप जुकाम को ठीक करने के लिए ये घरेलू उपचार कर सकते हैंः-
हल्दी और दूध से जुकाम का इलाज (Turmeric and Milk:Home Remedies for Common Cold Treatment in Hindi)
एक गिलास गर्म दूध में दो चम्मच हल्दी पाउडर डालकर पिएं। इससे बंद नाक और गले की खराश में आराम मिलता है। नाक से पानी बहना (Behti naak) बंद हो जाता है।
तुलसी के सेवन से जुकाम का उपचार (Tulsi: Home Remedy to Cure Common Cold in Hindi)
जुकाम में तुलसी अमृत के समान फल देती है। खाँसी और जुकाम होने पर 5-7 पत्तियें को पीसकर पानी में डालकर काढ़ा बना लें। इस काढ़ा को पिएं।
नाक बंद होने पर तुलसी की मंजरियों को रुमाल में सूंघने से नाक खुल कर आराम मिलता है।
छोटे बच्चों में जुकाम हेने पर 6-7 बूंद अदरक एवं तुलसी का रस शहद में मिलाकर चटाएं। यह बंद नाक को खोलने और बहती नाक (Behti Naak) को रोकने दोनों में सहायक है।
जुकाम का घरेलू इलाज मेथी और अलसी से
health_beautys_tips@vkmagzine
मेथी और अलसी को 3-4 ग्राम की मात्रा में लेकर 1 गिलास पानी में उबालें। जब अच्छी तरह उबल जाए, तब इसकी 3-4 बूंद को दोनों नाक में डालें। इससे जुकाम में आराम मिलता है।
और पढ़ें – जुकाम में अलसी के फायदे
जुकाम का घरेलू इलाज हल्दी और अजवायन से👇
दस ग्राम हल्दी और दस ग्राम अजवायन को एक कप पानी में डालकर पकाएं। जब पानी आधा रह जाए, तब इसमें थोड़ा सा गुड़ मिलाकर पिएं। इससे जुकाम में तुरंत आराम मिलता है, और नाक से पानी बहना कम हो जाता है।
health_beautys_tips@vkmagzine
काली मिर्च का प्रयोग जुकाम में लाभदायक
काली मिर्च के चूर्ण को शहद के साथ चाटने से जुकाम में आराम मिलता है, और नाक से पानी बहना कम होता है।
आधा चम्मच काली मिर्च का चूर्ण और एक चम्मच मिश्री मिलाकर एक गिलास गर्म दूध के साथ दिन में दो बार पिएं।
सरसों का तेल जुकाम में फायदेमंद👇
सोते समय दोनों नाक के दोनों छिद्र में 2-2 बूंदे बादाम रोगन या सरसों के तेल की डालकर सोएं। इससे नाक का किसी भी प्रकार का रोग नहीं होता।

अदरक के प्रयोग से जुकाम में लाभ
कफयुक्त खाँसी में दूध में अदरक उबालकर पिएं।
अदरक के रस में शहद मिलाकर चाटने से भी जुकाम में आराम मिलता है।
1-2 अदरक के छोटे-टुकड़े, 2 काली मिर्च, 4 लौंग और 5-7 तुलसी की ताजी पत्तियां पीसकर एक गिलास पानी में उबालें। जब यह उबलकर आधा गिलास रह जाए, तब इसमें एक चम्मच शहद मिलाकर पिएं।
अदरक के छोटे-छोटे टुकड़ों को देसी घी में भूनकर दिन में 3-4 बार पीसकर खाएं। इससे नाक से पानी बहने (Behti Naak) की समस्या से आराम मिलता है.



2 August 2024
09:20
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

सरसों या नारियल तेल से मालिश करना ज्यादा फायदेमंद होता है।

👉गीले बालों में कभी भी कंघी ना करें। ऐसा करने से बालों की जड़ें खिंच जाती हैं और वो कमजोर हो जाते हैं।

👉खान-पान सही रखें।

👉बालों को खोलकर ना रखें। जब जरूरी हो तभी खोलें।

👉हफ्ते में एक बार बालों को भाप जरूर दें।

👉टेंशन और स्ट्रेस ना लें।

👉नियमित योगा करें।

बालों को झड़ने से रोकने के लिए गंजेपन को दूर करने के लिए अपनाये यह आयुर्वेदिक उपाय👇👇

3 August 2024
19:26
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


नारियल के तेल का कमाल
नारियल का तेल बालों के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। इसके लिए करीब 20 ml नारियल के तेल में थोड़ा सा आंवले का तेल मिलाएं, दो चम्मच नींबू का रस मिलाएं और फिर इससे सिर की मालिश करें और थोड़ी देर रहने दें। इसके बाद सिर को अच्छे शैंपू से धो लें। हफ्ते में कम से कम 4 बार ऐसा करें। ऐसा करने से धीरे-धीरे बालों के झड़ने की समस्या खत्म हो जाएगी।
मेथी के दाने नारियल तेल में मिलाकर सिर में लगाने से भी बाल झड़ने रुक जाएंगे। इसके लिए थोड़े से मेथी दाने लें और उन्हें नारियल तेल में फ्राई करें। ठंडा होने के बाद इससे सिर के बालों की जड़ों तक मालिश करें। इस तरीको को हफ्ते में 2-3 बार करें।

मेहंदी के साथ सरसों का तेल


आमतौर पर लोग सिर में मेंहदी चमक और रंग पाने के लिए लगाते हैं लेकिन लोग कम ही जानते हैं कि मेंहदी बालों को झड़ने से भी रोकती है। इसके लिए मेंहदी के कुछ पत्तों को सरसों के तेल में उबालें और ठंडा होने पर उस तेल से सिर की मालिश करें। इस तरीके से हफ्ते में 2-3 बार मालिश करें और कुछ ही वक्त में बालों का झड़ना रुक जाएगा।



दही और बेसन का जादू


दही और बेसन को एक साथ मिक्स करें और उसमें थोड़ा सा नींबू मिलाकर सिर पर अच्छी तरह से लगाएं। 3 या 4 घंटे के लिए सिर को ऐसे ही छोड़ दें। इसके बाद गुनगुने पानी से धोकर अच्छी तरह शैंपू कर लें। हर हफ्ते ऐसा करें, कुछ वक्त में काफी फायदा देखने को मिलेगा।



शहद और जैतून का तेल


जैतून का तेल बालों के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है, लेकिन बालों के झड़ने की समस्या से परेशान हैं तो इसे शहद के साथ मिलाकर बालों की जड़ों तक लगाएं। हफ्ते में कम से कम 3-4 बार ऐसा करें, बालों का झड़ना रुक जाएगा।

Health_Beautys_Tips@vkmagzine

आंवला, रीठा और शिकाकाई


आंवला, रीठा और शिकाकाई को hair fall treatment में रामबाण माना जाता है। आजकल बाजार में इनसे बने शैंपू भी मौजूद हैं, लेकिन उनमें केमिकल्स होने की वजह से बालों पर नुकसान दिखता है। ऐसे में घर पर ही आंवला, रीठा और शिकाकाई का मिक्सचर बनाकर
बालों में लगा सकते हैं।

Health_Beautys_Tips@vkmagzine

घर पर बनाएं शैंपू
इसके लिए आंवला 250 ग्राम, रीठा और शिकाकाई भी 250-250 ग्राम लें और लोहे के एक बर्तन में रात भर के लिए भिगोकर रख दें। अगले दिन इसे एक साथ लोहे के बर्तन में ही उबाल लें (करीब डेढ़ लीटर पानी के साथ) तब तक उबालें जब तक पानी आधा ना रह जाए। ठंडा होने पर मिक्सचर को छान लें और स्टोर करके रख लें।
हर दूसरे दिन इससे सिर की मालिश करें और फिर चंद दिनों में जबरदस्त कमाल दिखेगा। बालों का झड़ना एकदम रुक जाएगा।
जादू से कम नहीं अमरूद की पत्तियां
Health_Beautys_Tips@vkmagzine

अमरूद की पत्तियों को एक लीटर पानी में उबालें और तब तक उबालें जब तक पानी का रंग काला ना पड़ जाए। इसके बाद पानी को छानकर, ठंडा कर बालों की जड़ों में लगाएं। लगातार ऐसा करने से कुछ ही वक्त में बालों के झड़ने की समस्या से निजात मिलेगी।



नींबू और केला


केले को मैश करके उसमें नींबू का रस मिलाएं और उसे बालों में जड़ों तक लगाएं। इससे बालों का झड़ना कम होगा। साथ ही यह तरीका गंजापन भी रोकने में सहायक है। सिर पर जहां बाल ना हों वहां केले और नींबू का पेस्ट लगाएं, रोजाना ऐसा करेंगे तो कुछ वक्त में वहां बाल उगने शुरू हो जाएंगे।


6 August 2024
10:03
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

एलोवेरा जेल एक हर्बल मैजिक की तरह है, जो इन गर्मियों में कई तरह की स्किन प्राेब्लम्स में मदद कर सकता है। बरसों से एलोवेरा इनका प्रभावी उपचार रहा है। यह एक नेचुरल एंटिबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लामेंटरी गुणों से भरपूर है। इसलिए इससे जलन और साइड इफैक्ट की बहुत कम संभावना होती है।”

इस तरह करें एलोवेरा का इस्तेमाल

इसका उपयोग करने के लिए एक बाउल में 1 बड़ा चम्मच एलोवेरा जेल, 1 बड़ा चम्मच शहद और 1 चम्मच दालचीनी लें। इन सभी चीजों को मिलाकर गाढ़ा पेस्ट तैयार कर लें। इसे अपनी स्किन पर रोज लगाएं। यह सभी जब एक साथ मिलाए जाते है, तो एक-दूसरे के पूरक की तरह काम करते है और एक्ने के लिए एक उपयोगी रेमेडी बन जाते हैं।

2. हल्दी
हल्दी एक बेहतरीन मसाला है। जब बात त्वचा की हो तो इसके एंटीइंफ्लामेंटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण मुहांसे को दूर करने में मदद करते हैं। वास्तव में, यह आपके चेहरे से दाग, धब्बे और झाइयों को कम करके आपके चेहरे पर ग्लो लाता है।इस तरह करें

हल्दी का इस्तेमाल
Health_Beautys_Tips@vkmagzine

इसका उपयोग करने के लिए एक साफ और सूखी कटोरी में एक चुटकी आर्गेनिक हल्दी पाउडर लें, और इसमें एक बड़ा चम्मच शहद मिलाएं।
इसे अच्छी तरह मिलाएं और इसमें 3-4 बूंद केस्टर ऑयल की मिलाएं।
इस मिश्रण को 10-15 मिनट के लिए फ्रिज में ठंडा होने के लिए रख दें।
फिर अपने चेहरे पर लगाएं। इसे 20 मिनट तक के लिए अपने चेहरे पर लगाएं रखें फिर धो लें।

3. सेब का सिरका
सेब का सिरका “शाकलाका बूम-बूम वाली पेंसिल” की तरह काम करता है। क्योंकि यह जादू की तरह काम करता है।
सेब के सिरके में ऑर्गेनिक एसिड जैसे कि सिट्रिक एसिड होता है, जो प्रोपियोनिबेक्टेरियम एक्ने और एक्ने पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मारने में मदद करते हैं।


Next part after 41 emoji ❤👍😍🥳


7 August 2024
17:51
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

इसे इस्तेमाल करने के लिए मुठ्ठी भर नीम की पत्तियां 5 कप पानी में डालकर धीमी आंच पर एक घंटे तक उबालें, इसे रात भर के लिए छोड़ दें।
अगली सुबह पानी को छानकर इन पत्तियों का पेस्ट बना लें।
अब इसे इफेक्टिव एरिया पर लगाएं। 15-20 मिनट तक लगा रहने दें, फिर गुनगुने पानी से धो लें।

5.इस तरह करें चंदन का इस्तेमाल
आप इसका इस्तेमाल स्किन इमप्योरिटिज को दूर करने और इवन स्किन टोन पाने के लिए कर सकती है।
इसका इस्तेमाल करने के लिए 3 बड़े चम्मच चंदन पाउडर, 1 बड़ा चम्मच दालचीनी पाउडर, आधा चम्मच मेथी पाउडर, नींबू का रस और शहद की कुछ बूंदे मिलाकर पेस्ट बनाएं।
यह एक स्टिकी पेस्ट बनना चाहिए। अब इसे सिर्फ पिंपल्स और एक्ने पर लगाएं और कुछ घंटे या रात भर के लिए रहने दें।
बाद में सादा पानी से धो लें।

6 ग्रीन टी
आपकी गुड मार्निंग ड्रिंक ग्रीन टी एक्ने के ट्रीटमेंट में भी सहायक है, क्योंकि इसमें पॉलीफेनोल्स होते है, जो एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेटरी होते हैं। वैसे तो ग्रीन टी को मौखिक रुप से लिया जा सकता है या इसके एक्सट्रेक्ट को टोपिकली इस्तेमाल किया जाता है।

पोस्ट पसंद आये तो like & share


10 August 2024
13:24
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

ताजा प्याज और लहसुन आपके रक्त (और हृदय स्वास्थ्य) के लिए क्यों अच्छे हैं

वैज्ञानिकों ने साबित किया है कि ताजा प्याज और लहसुन रक्त को पतला करने में सफलतापूर्वक मदद करते हैं जो उच्च धमनी दबाव वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है (या जब यह बहुत अस्थिर होता है)। ये सब्जियाँ तथाकथित खराब रक्त को भी कम करती हैं और "अच्छे" कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाती हैं। इसमें से अधिक फ्री रेडिकल क्षति से एंजाइम सिस्टम के लिए एक बड़ी सुरक्षा है।

तो कितनी बार प्याज और लहसुन खाना चाहिए? बेशक, यह आपके अपने स्वाद और शरीर की जरूरतों पर निर्भर करता है। लेकिन आप निश्चित रूप से अपने स्वास्थ्य में सुधार की उम्मीद कर सकते हैं, भले ही आप अपने सलाद में डाल दें (आप उन्हें वैसे भी खाते हैं, है ना?) आधा छोटा प्याज या एक लहसुन लौंग (स्लाइस किया जा सकता है या तोड़ा जा सकता है)। हर रोज किसी भी तरह के सलाद के साथ या आप एक टेस्टी सैंडविच भी बना सकते हैं. यदि आप इसकी गंध से डरते हैं (या किसी और को इससे डराना नहीं चाहते हैं) तो इनकैप्सुलेटेड लहसुन सप्लीमेंट्स का उपयोग करें।

Like 👍 share comment


11 August 2024
16:15
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


दांत साफ करने का तरीका👇

१. संतरे का छिलका है कारगार
संतरे के छिलके में विटामिन सी होता है जो दांतों के लिए बहुत उत्तम है। संतरे के छिलके को अपने दांतों पर हल्के हाथों से रगड़े। ५ मिनट तक रगड़े और फिर १० मिनट के लिए ऐसे ही लगा रहने दे। अब ब्रश कर लें, इस उपाय को आप रात में सोने के पहले करें। इससे आपके दांतो की सफेदी फिर से आ जाएगी।
२. हाइड्रोजन पेरोक्साइड से करे दांत साफ़
हाइड्रोजन पेरोक्साइड एक प्राकृतिक ब्लीचिंग एजेंट होता है। जो मुँह में जमा गंदगी और बैक्टीरिया को जड़ से खत्म कर देता है। हाइड्रोजन पेरोक्साइड को बेकिंग सोडा में मिलाकर टूथपेस्ट करे। इस उपाय को आपको दिन में २ बार करना है। आप खुद ही देखेंगे की आपके दाँत पहले से अब अच्छे साफ़ दिख रहे है।
३. सरसों का तेल और नमक
सरसों का तेल और नमक का मिश्रण दाँतों के लिए बहुत अच्छा होता है। १ चम्मच सरसों का तेल लें। इसमें आधा चम्मच नमक मिलाकर एक मिश्रण तैयार कर लें। अब इससे अपने दातों पर हल्के - हल्के मालिश करे। मालिश करने के बाद ब्रश कर लें दातों पर लगे दाग दूर हो जाएंगे।
४. नींबू का रस चमकाएं आपके दांत
एक चम्मच निम्बू का रस लें इसमें आधा चम्मच बेकिंग सोडा मिक्स कर लें। इस मिश्रण से अपने दातों को मलें। ५ मिनट तक ऐसा करने के बाद निम्बू और बेकिंग सोडे के पेस्ट को ऐसे ही दातों पर लगा छोड़ दें और फिर ब्रश करें।
५. बेकिंग सोडा है प्राकृतिक तरीका
प्राकृतिक रूप से दांत साफ करने का तरीका है बेकिंग सोडा। आप जिस टूथपेस्ट का इस्तेमाल करते है उनमें भी बेकिंग सोडा होता है दांतो पर लगे गंदे पीले दाग को साफ़ कर यह उनकी खोयी हुई चमक को वापस लौटा देता है।  १ चम्मच बेकिंग सोडा में जरा सा पानी मिलाकर पेस्ट जैसा बना लें। इससे अपने दातों की मसाज करें। यह मुँह के बैक्टीरिया और सतह के दाग को खत्म कर देता है।
६. सेब का सिरका
इसका इस्तेमाल आपको बहुत सावधानी से करना है। ज्यादा इस्तेमाल करने पर यह उल्टा प्रभाव डाल सकता है। इसे जैतून के तेल में मिलाकर ही प्रयोग करें। सेब के सिरका और जैतून का तेल मिला लें। अब इसमें अपने टूथब्रश को थोड़ी देर के लिए डालकर रख दें। अपने टूथब्रश पर टूथपेस्ट लगाकर ब्रश कर लें।
७. नीम से करे दांत साफ़
दाँतों के बीच में फंसी गंदगी को साफ़ करने के लिए नीम का उपयोग करे। ८-१० नीम के पत्ते ले लीजिये इसे पानी में उबालें। अब इस नीम के पानी से कुल्ला करें। एक ग्लास पानी जितना लें। कुल्ला करने के बाद ब्रश जरूर करें। इस विधि को रात में सोने के पहले करें। आपके दांत स्वस्थ और मजबूत भी हो जाएंगे।
८. हल्दी का प्रयोग
अगर आप सोच रहे है की हल्दी दांतो को पीला कर देगी तो यह गलत अवधारणा है। जी नहीं हल्दी दातों को साफ़ करने के लिए बहुत अच्छी औषधि है। इसमें एंटीसेप्टिक और रोगाणुरोधी गुण होते है। हल्दी से अपने दातों को मलें। इसमें सरसों का तेल या निम्बू भी मिला सकते है। इसके बाद पानी से कुल्ला कर लें। हफ्ते में २-३ बार यह विधि जरूर ट्राई करें।
९. केले के छिलके है गुणकारी
केले के छिलके बहुत से पोषक तत्व जैसे :- मैग्नीशियम, पोटेशियम और मैंगनीज पाए जाते है। जिससे दाँत चमकदार हो जाते है केले के छिलके से ५ मिनट तक अपने दातों को रगड़े। केले के अवशेष को हटाने के लिए इसके बाद ब्रश जरूर करें। यह उपाय दांतों के पीलेपन को दूर कर दांतों को सफेद कर देगा।
१०. नारियल तेल से चमकाएं दांत
१ चम्मच ऑर्गेनिक नारियल तेल ले लीजिये। इसे अपने मुहं में १० मिनट तक घुमाएं। फिर इसे थूक दें निगलना नहीं हैं। अब पानी से अपने मुहं को अच्छी तरह से साफ़ कर लें। इस प्रयोग को रोज सुबह उठते ही करें। आपको कुछ ही दिनों में फर्क दिखाई देने लगेगा।

निष्कर्ष :
दातों का पीलापन उम्र बढ़ने की वजह से भी होता है और जो लोग गुटखा, तंबाकू का सेवन करते है उनके दांत तो खराब हो ही जाते है। अपने दातों को नियमित रूप से दिन में ३ बार ब्रश करें और अच्छे भोज्य पदार्थ खाएं जिनसे आपके दांत पीले ना हो। इसके साथ ही ऊपर बताये गए तरीके आजमाएं।
पोस्ट अच्छी लगी हो तो, दोस्तों लाइक शेयर कमेंट जरुर करें!
आपके सुझाव हमारे लिए महत्वपूर्ण है😊

Like👍 share comment



हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine


1.तलवों की मसाज
आयुर्वेदिक तरीकों से दिमाग को शांत करने में मसाज भी एक कारगर तरीका माना जाता है. कई जड़ी-बूटियों से अलग-अलग तेल तैयार किए जाते हैं जिनके जरिए मसाज चुटकियों में हमारे दिमाग को शांत करती हैं. बाजार से आपको आयुर्वेदिक तेल मिल जाएगा. रात में सोने से पहले पैरों के तलवों की इस तेल से मालिश करें. इस तरीके से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार आएगा और थकान के दूर होने पर चैन की नींद भी आती है.

2.समय से खाना
आयुर्वेद में बताया गया है कि हमें हर काम को तय समय के अनुसार करना चाहिए. रात का खाना 7 से 7.30 के बीच करने की आदत डालें. आयुर्वेद ही नहीं एलोपैथी में भी कहा गया है कि सोने से करीब 3 घंटे पहले खाना खा लेना चाहिए. देर से खाना खाने के कारण दिमाग में एनर्जी बनी रहती है और नींद आने में दिक्कत होती है.

3.अश्वगंधा का नुस्खा
आयुर्वेद में अश्वगंधा को कई तरीकों से इस्तेमाल करने के नुस्खे बताए गए हैं. अश्वगंधा हमें चुस्ती-फुर्ती प्रदान करता है और इसमें ऐसे तत्व होते हैं जो दिमाग को शांत करने का काम करते हैं. बेहतर नींद के लिए आप अश्वगंधा और सर्पगंधा का नुस्खा आजमा सकते हैं. मार्केट में मिलने वाले अश्वगंधा और सर्पगंधा के पाउडर को मिलाकर चूर्ण बना लें. रोजाना सोने से पहले 5 ग्राम चूर्ण का गुनगुने पानी के साथ सेवन करें. ये एक तरह की आयुर्वेदिक दवा है जो दिमाग को शांत करने के अलावा कई शारीरिक लाभ भी पहुंचाती है.

4.शारीरिक गतिविधियां
बेहतर नींद के लिए शारीरिक गतिविधियां जैसे व्यायाम, मेडिटेशन या फिर योग करने की आदत डालें. ये तरीका हमारे दिमाग के स्वास्थ्य को दुरुस्त बनाता है और रात में नींद न आने की समस्या भी दूर होती है.

Note-ऐसा भी होता है कि प्रभावित व्यक्ति रात में अचानक उठ जाता है. इसे स्लीपिंग डिसऑर्डर या इनसोमेनिया पुकारा जाता है.


27 August 2024
12:01
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
इसके अलावा बार-बार रोने, कंप्यूटर या लैपटॉप के आगे लंबे समय तक बैठे रहने से भी आंखों के नीचे काले घेरे हो सकते हैं। जब ये काले घेरे गहरे हो जाते हैं, तो आंखों के नीचे गड्ढे की तरह नजर आते हैं। आंखों के नीचे गड्ढे महिलाओं की खूबसूरती को कम कर देते हैं। साथ ही पूरे लुक को भी खराब कर देते हैं। ऐसे में महिलाएं इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए कई उपाय आजमाती हैं। या फिर तरह-तरह के ट्रीटमेंट लेती हैं। आप चाहें तो कुछ घरेलू उपाय आजमाकर भी आंखों के नीचे होने वाले गड्ढ़ों से (how to get rid from dark circles naturally) छुटकारा पा सकती हैं

1.. अच्छी नींद लें👇
नींद की कमी का असर सबसे पहले हमारी आंखों पर देखने को मिलता है। नींद पूरी न होने पर आंखों के नीचे काले घेरे हो सकते हैं। ऐसे में इससे छुटकारा पाने के लिए सबसे जरूरी अच्छी नींद लेना है। आंखों के नीचे के गड्ढों को भरने के लिए आप रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद जरूरी लें। इस दौरान कोई डिर्स्टबेंस नहीं होनी चाहिए। आरामदायक नींद लेने से आंखों को स्वस्थ रखा जा सकता है।

अगले 6 आयुर्वेदिक उपचार पोस्ट पर 31 इमोजी आने के बाद 👌❤👍😍

Join wtsapp health channel
🔰टेलीग्राम को भारत सरकार किसी भी समय बैन कर सकती है इससे पहले सभी लोग  आफिशियल"व्हाट्सएप चैनल"को ज्वॉइन कर लीजिए...!!✨

👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻

           
28 August 2024
15:41
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

*2. आंखों को मॉयश्चराइज करें* (moisturizer for dark spots)
चेहरे की तरह ही आंखों के आस-पास के एरिया को भी मॉयश्चराइज करना जरूरी होता है। अगर आपके आंखों के नीचे गड्ढे हैं, तो आप विटामिन ई, हाइलूरोनिक एसिड युक्त मॉयश्चराइजर का इस्तेमाल कर सकती हैं। इससे आपके आंखों के आस-पास की त्वचा मुलायम होगी। साथ ही काले घेरों से भी छुटकारा मिलेगा।


*3. टी बैग* (tea bag for dark circles)
आंखों के काले घेरों या गड्ढों को ठीक करने के लिए टी बैग का यूज भी किया जा सकता है। इसके लिए आप पहले टी बैग को रेफ्रिजरेटर में ठंडा कर लें। इसके बाद इसे 10-15 मिनट के लिए अपनी आंखों पर रखें। इसके बाद इसे हटा दें और ठंडे पानी से धो लें। इससे आपकी आंखों को ठंडक मिलेगी, साथ ही डार्क सर्कल्स, काले घरों और गड्ढों से भी छुटकारा मिलेगा।

*4. बादाम का तेल (almond* oil for dark circles in hindi)
बादाम का तेल भी आंखों के गड्ढों को भरने के लिए एक अच्छा उपाय हो सकता है। बादाम के तेल में विटामिन ई होता है। विटामिन ई त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसके लिए आप बादाम का तेल लें। इसे सोते समय अपनी आंखों के काले घेरों पर लगाएं और धीरे-धीरे मालिश करें। सुबह आंखों के आस-पास की जगह को ठंडे पानी से धो लें। आप इस प्रक्रिया को रोजाना दोहरा सकती हैं। इससे काले घेरे (How to Remove Pits Under Eyes in Hindi) कुछ ही दिनों में ठीक होने लगेंगे। विटामिन ई त्वचा की कई समस्याओं को दूर करता है।


*5. खीरा (cucumber* for dark circles under eyes)
आंखों को स्वस्थ रखने के लिए खीरे का उपयोग करना काफी फायदेमंद हो सकता है। खीरा आंखों की कई समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है। आंखों के नीचे के गड्ढों को भरने के लिए भी आप खीरे का उपयोग कर सकती हैं। इसके लिए खीरे के मोटे स्लाइस काटें, इन्हें अपनी दोनों आंखों पर रखें। 10 मिनट बाद खीरे को हटा लें, फिर पानी से धो लें। आप ऐसा दिन में 2 बार कर सकती हैं। यह आंखों के नीचे डार्क सर्कल्स को ठीक करने का अच्छा उपाय हो सकता है।

*6. आंखों को धूप से बचाएं (* eye protection from sunlight)
अगर आपके आंखों पर काले घेरे, गड्ढे हो गए हैं, तो इस दौरान आपको आंखों को धूप के संपर्क में आने से बचाना चाहिए। साथ ही आंखों के नीचे गड्ढों पर धूप में निकलते समय सनस्क्रीन भी लगाएं। इससे आपको काफी आराम मिलेगा। साथ ही आंखों के नीचे के काले घेरे बढ़ेंगे नहीं।
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine:
👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻

           

31 August 2024
18:41
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
डॉक्टर से जांच जरूर कराएं और इसका मुख्य कारण जानें...👇👇

चक्कर आने के कारण 👇👇



एनीमिया यानी शरीर में खून की कमी होना

लो ब्लड शुगर

कान में संक्रमण होना

आंख संबंधी समस्या होना

माइग्रेन की समस्या होना

सिर में चोट लगने पर

एग्जाइटी की समस्या

स्ट्रोक के कारण

न्यूरोलजिकल डिसऑर्डर के कारण

बहुत अधिक व्यायाम करना

शरीर में हॉर्मोन्स का तेजी से बदलना

डिहाइड्रेशन के कारण

चक्कर आने पर तुरंत राहत पाने के लिए क्या करें?👇

Next part after 31 emoji ❤👌👍


3 September 2024
09:32
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

*चक्कर आने पर तुरंत राहत पाने के लिए क्या करें?👇*

👉सबसे पहले तो आप ठंडी जगह में आराम से बैठ जाएं या लेट जाएं. यदि सर्दी का समय है तो गर्म स्थान पर आराम करें, जैसे धूप में.

👉अब अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें. गहरी सांस लें.

👉मुंह से सांस भरते हुए पेट फुलाएं और फिर नाक से आराम से सांस छोड़ें.

👉मन को शांत रखें और नेगेटिव थॉट्स से बचें.

👉सांस भरते समय शरीर में प्रवेश करने वाली ऑक्सीजन पर ध्यान लगाएं. ये तरीके आपको मेंटली और फिजिकली शांत होने में मदद करते हैं.


*चक्कर आने पर क्या खाएं?*


अब बात करते हैं उन फूड्स की जिन्हें खाने से चक्कर आने की समस्या में तुरंत आराम मिलना शुरू हो जाता है...👇



👉ताजा पानी पिएं, कम से कम एक गिलास जरूर पिएं. दिनभर जरूरी मात्रा में पानी पिएं.

👉ब्लैक-टी पिएं. इसमें तुलसी और अदरक का उपयोग करें. यह तन और मन दोनों को शांत करती है.

👉चॉकलेट खाएं

👉केला खाएं

👉आइसक्रीम खाएं

👉ड्राइफ्रूट्स खाएं

👉दही-चीनी खाएं


*चक्कर के साथ मितली आने पर क्या खाएं?*


यदि आपको चक्कर के साथ में मितली आने की समस्या भी हो रही है तो आप इन चीजों का सेवन करें...👇



👉सौंफ और मिश्री

👉आंवला कैंडी

👉अदरक कैंडी

👉सादा अदरक के छोटे टुकड़े चूसें

👉अदरक की चाय पिएं

👉नींबू पानी पिएं- 1 गिलास पानी, 2 चम्मच चीनी, आधा नींबू

*Join girls study 📚✏ group*👇


10 September 2024
06:29
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

शरीर और साँसों की बदबू भगाइए

शरीर और साँसों में बदबू आने के आंतरिक और बाह्य दोनों तरह के कारण हो सकते हैं। एक तो खान-पान की गड़बड़ी या किसी रोग की वजह से बदबू आ सकती है, दूसरे शरीर और दाँतों व मुँह की साफ़-सफ़ाई में की जा रही लापरवाही से भी बदबू की समस्या पैदा हो सकती है। बदबू की समस्या के यदि शारीरिक विकार, जैसे कि -दाँतों, मसूड़ों की ख़्ाराबी, पेट की गड़बड़ी, टॉन्सिल की सूजन-पस, नाक व साइनस विकार, श्वासनली व फेफड़ों के विकार, मुँह के छाले, रक्त की कमी, मधुमेह, यकृत-गुर्दों की बीमारी, पीनस आदि कारण हों तो आहार-विहार ठीक रखते हुए आवश्यक उपचार करना चाहिए और यदि बाह्य कारण हों, तो साफ़-सफ़ाई का ध्यान रखते हुए निम्न उपाय अपनाए जा सकते हैं-
**
बेलपत्र, आँवला, हरड़ चूर्ण मिलाकर शरीर में लेप करके कुछ देर बाद धो दें। इससे शरीर और पसीने की दुर्गंध से छुटकारा मिलता है।
**
सुपारी, जायफल, शीतलचीनी, कपूर, लौंग तथा लता कस्तूरी को पान में रखकर ज़रा सा चूना लगाकर चबाने से मुख शुद्धि होती है तथा दुर्गंध ख़त्म होती है। यह पान मसूड़े, दाँत तथा जीभ के लिए भी हितकारी है। ध्यान रखने योग्य इतना सा है कि रक्त-पित्त के रोगियों, बहुत दुर्बल, भूखे, प्यासे तथा मूच्र्छा से पीड़ित लोगों के लिये पान सेवन वर्जित है।
**
साँस में बदबू आती हो तो ऐसे लोगों को नीम की दातून नियमित करनी चाहिए। इसके अलावा खाने के बाद मुँह अच्छी तरह साफ़ रखें।
**
दो चम्मच शहद को 1 गिलास पानी में घोलकर गरारा करने से हफ्ते भर में मुँह की दुर्गन्ध से आसानी से छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ दाँत की सफ़ाई और खान-पान पर भी ध्यान दें तो उत्तम है।
**
मुँह की दुर्गंध दूर करने के लिए दोनों समय भोजन के बाद अथवा यदा-कदा सौंफ़ चबाना चाहिए। इससे हाज़मा भी दुरुस्त होता है।
**
चंदन, मुक्ता, हरड़, नागरमोथा, उशीर व लोध्र का लेप बनाकर शरीर में लगाने से दुर्गंध की समस्या से निजात मिलती है।
**  
कूठ, हरड़ और नागरपान समान मात्रा में पीसकर पानी के साथ लेप बनाकर शरीर में लगाने से दुर्गंध आनी बंद होती है।
**
वच, कूठ, तज, छोटी इलायची, कमल की जड़, नागकेसर सभी सममात्रा में लेकर कपड़छन चूर्ण बनाएं और शहद में मिलाकर 250 मि. ग्रा. की गोलियाँ बना लें।
इन गोलियों को चूसने से मुँह की दुर्गंध दूर होकर सुगंध आने लगती है।
**
लोध्र, अनार का छिलका, रीठे के पत्ते, धाय के फूल एक में मिलाकर पीसकर लेप करने से शरीर की दुर्गंध मिटती है
***



health_beautys_tipS@vkmagzine
20:48
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

18 September 2024
19:38
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine
सीधे बालों की जड़ों में लगाएं। आप करी पत्तों को खा भी सकते हैं, इससे आपके बाल काले, लंबे और घने हो जाएंगें। साथ ही,बालों की जड़ें भी मज़बूत होंगी। करी पत्ता में विटामिन बी1, बी3, बी9, और सी होता है। इसके अलावा इसमें आयरन, कैल्शियम और फॉस्फोरस पाया जाता है। इसके रोज़ाना सेवन से आपके बाल काले लंबे और घने होने लगेंगे। यही नहीं डैंड्रफ की समस्या भी नहीं होगी।

करी पत्ता का इस्तेमाल
🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿
करी पत्तों को सूखा लें। सूखने के बाद पत्तों का पाउडर बना लें। अब 200 एम एल नारियल के तेल में या फिर जैतून के तेल में लगभग 4 से 5 चम्मच करी पत्तों का पाउडर मिक्स कर के उबाल लें। अच्छे से उबलने के बाद तेल को ठंडा होने के लिए रख दें। फिर तेल को छानकर किसी एयर टाइट बोतल में भर कर रख लें। सोने से पहले रोज रात को यह तेल लगाएं। यदि इस तेल को गुनगुना कर लगाया जाए तो जल्दी असर दिखेगा। अगली सुबह बालों को नेचुरल शैंपू से धो लें।बहुत लाभ मिलेगा।

बालों के लिए बनाएं मास्क
🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿
करी पत्तों को पीसकर पेस्ट बना लें।इसमें थोड़ा दही मिलाएं और अपने बालों पर लगाएं। अब मिश्रण को बालों में 20-25मिनट के लिए छोड़ दें, फिर शैंपू से बालों को धो दें। ऐसा नियमित रूप से करने पर बाल काले और घने हो होने लगेंगे।

करी पत्ते की चाय बनाएं
🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿
करी पत्ते को पानी में उबाल लें। अब इसमें एक नींबू निचोड़ लें और चीनी मिलाएं। इस तरह चाय बनाकर एक हफ्ते तक पिएं। यह चाय आपके बालों लंबा, घना, बनाएगी। साथ ही, बालों को सफ़ेद होने से बचाएगी। साथ ही, डायजेस्टिव सिस्टम को भी स्वस्थ रखेगी।
करी पत्तों का तेल बनाने का तरीका
करी पत्तों को पहले सूखा लें। अब नारियल का तेल लें उसे गरम करें। फिर सुखे हुए करी पत्तों को गरम नारियल तेल में डालें और इसे तब तक गरम होने दें जब तक नारियल तेल का रंग न बदलने लगे। अब इसे ठंडा कर लें। और करी पत्तों को इस तेल में हाथों से मैश करें। इस तेल को छानकर आप इसे किसी बोतल में रख लें। और इसका इस्तेमाल करें।

करी पत्ता से चेहरे की चमक बढ़ाना
🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿
पुराने समय से ही चेहरे पर प्राकृतिक ग्लो लाने के लिए करी पत्तों का इस्तेमाल किया जाता रहा है। करी पत्ते चेहरे की रौनक और रंगत को बढ़ाते हैं। इसका इस्तेमाल आप फेस पैक के रूप में भी कर सकते हो। यह चेहरे की समस्याएं जैसे चेहरे का रूखापन और फाइन लाइन को दूर करता है।
करी पत्तों का फेस पैक बनाने का तरीका
धूप में करी पत्तों को सुखा लें और उन्हें महीन पीसकर इसका पाउडर बना लें। अब इसमें गुलाबजल और थोड़ी सी मुलतानी मिट्टी को मिला लें और नारियल तेल या कोई भी तेल इसमें मिला लें। अब आप इसे चेहरे पर लगाकर 20 मिनट के लिए छोड़ दें। फिर ठंडे पानी से चेहरा साफ कर लें।

करी पत्ता पिंपल और एक्ने से दिलाए निजात
🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿
ज्यादातर महिलाएं पिंपल्स से परेशान रहती हैं और इस वजह से वे कहीं नहीं जा पाती हैं। लेकिन अब करी पत्ते आपको इस समस्या से ज्लद ही छुटकारा दिलवाएगें और चेहरा साफ और सुंदर भी बनेगा।

करी पत्ता कैसे करें प्रयोग
🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿
हरी करी पत्तों को पानी से अच्छे से साफ करें और इसे मिक्सर ग्राइंडर में डालकर पीस लें। अब इस पेस्ट में थोड़ा सा नींबू का रस मिलाएं। और चेहरे पर पिंपल व एक्ने वाली जगह पर लगाएं। 15 मिनट तक लगाकर इसे पानी से धो लें। कुछ दिनों तक एैसा करने से एक्ने और पिंपल की समस्या जड़ से खत्म हो जाएगी।

रूसी और झड़ते बालों के लिए
🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿
थोड़े से करी पत्ते लें और दूध के साथ घोटकर उसका लेप तैयार कर लें फिर इस लेप को सिर के बीचों बीच यनि स्कैल्प पर से लगाना शूरू कर दें। अब इसे 20 मिनट तक सूखने दें। फिर साधे पानी से सिर धो लें। एैसा कुछ हप्तों तक करने से बाल वापस उगने लगेगें और रूसी भी खत्म हो जाएगी।

करी पत्ता (का भोजन में प्रयोग) के फायदे
🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿
1. पेट संबंधी रोगों में करी पत्तों का इस्तेमाल फायदेमंद होता है। इसके लिए इसे दाल मे तड़का लगाते समय या साउथ इंडियन फूड बनाते समय भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

2. भोजन में करी पत्ते के प्रयोग से पाचन क्रिया भी दुरूस्त रहती है।

3. करी पत्ता मोटापे की समस्या को दूर करता है। रोजाना इन पत्तों को चबाने से वजन कम होता है।

4. मुंह में छाले और सिरदर्द की समस्या में ताजा करी पत्तों को चबाने से लाभ होता है।

5. करी पत्ते में आयरन, कैल्शियम और फॉस्फोरस भरपूर मात्रा में होता है जिससे इन्हें प्रयोग करने से बाल सफेद नहीं होते।

6. यह सीने से कफ को बाहर निकालता है। लाभ के लिए एक चम्मच शहद को एक चम्मच करी पत्ते के रस में मिलाकर प्रयोग करें।
21 September 2024
20:46
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

23 September 2024
06:34
हेल्थ & ब्यूटी facts@vkmagzine

खड़े होकर, हाथों को सिर के पीछे रखें और एक घुटने को ऊपर उठाएं. फिर विपरीत कोहनी को उस घुटने की ओर लाएं. इसी तरह दूसरी तरफ़ से भी दोहराएं.

प्‍लैंक
यह एक बेहतरीन एक्सरसाइज़ है. इसे करने से कमर के आस-पास की चर्बी कम होती है.

बाइसाइकिल क्रंचेज
कमर को पतला करने के लिए यह एक बेहतरीन एक्सरसाइज़ है. इसमें पैरों को स्थिर रखने की बजाए उन्हें साइकिल की तरह चलाना होता है.

कटिचक्रासन
यह आसन करने से कमर पतली होती है और डाइजेशन से जुड़ी समस्याओं में भी राहत मिलती है.

त्रिकोणासन
यह आसन करने से शरीर में स्थिरता आती है. इसके अलावा, हिप्स और कंधे में भी फैलाव लाने में यह आसन कारगर भूमिका निभाता है.

इसके अलावा, रोज़ाना 20 मिनट तक स्किपिंग करने से भी कमर और पेट की चर्बी कम होती है. वहीं, एरोबिक एक्सरसाइज़ जैसे कि दौड़ना और वॉकिंग करने से भी वज़न कम होता है और कमर की चर्बी कम करने में मदद मिलती हैं!

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Type here