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नीलम संजीव रेड्डी (Neelam Sanjeev Reddy) - 19 मई, 1913

नीलम संजीव रेड्डी - 19 मई, 1913

नीलम संजीव रेड्डी का जन्म 19 मई, 1913 को आंध्र प्रदेश के अनंतपुर ज़िले के इल्लुर ग्राम में हुआ।

नीलम संजीव रेड्डी की प्राथमिक शिक्षा 'थियोसोफिकल हाई स्कूल' अडयार, मद्रास में हुई तथा आगे की शिक्षा आर्ट्स कॉलेज, अनंतपुर में हुई।

महात्मा गाँधी के आह्वान पर जब लाखों युवा पढ़ाई और नौकरी का त्याग कर स्वाधीनता संग्राम में जुड़ रहे थे, तभी नीलम संजीव रेड्डी मात्र 18 वर्ष की उम्र में ही इस आंदोलन में कूद पड़े थे।

संजीव रेड्डी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन में भी भाग लिया था।

रेड्डी वर्ष 1936 में आंध्र प्रदेश कांग्रेस समिति के सामान्य सचिव निर्वाचित हुए और इस पद पर 10 वर्ष से अधिक समय गुजारा।

नीलम संजीव रेड्डी संयुक्त मद्रास राज्य में कुमारास्वामी राजा के मंत्रिमंडल में आवासीय वन एवं मद्य निषेध मंत्रालय के कार्यों का भी सम्पादन करते थे।

वर्ष 1951 में इन्होंने आंध्र प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष पद के चुनाव में भाग लेने हेतु मंत्री पद से त्यागपत्र दे दिया तथा प्रोफेसर एन.जी. रंगा को हराकर अध्यक्ष निर्वाचित हुए।

वर्ष 1956 में जब राज्यों के पुनर्गठन का कार्य किया गया तो नीलम संजीव रेड्डी आंध्र प्रदेश के 'प्रथम मुख्यमंत्री' बने।

9 जून, 1964 को रेड्डी राष्ट्रीय राजनीति में आए और प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने इन्हें केन्द्र में स्टील एवं खान मंत्रालय प्रदान किया।

वर्ष 1964 में रेड्डी राज्यसभा के लिए मनोतीत हुए और वर्ष 1967 तक इसके सदस्य बने रहे।

जनवरी, 1966 से मार्च, 1967 तक वह प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी के मंत्रिमंडल में रहे। इन्होंने यातायात, जहाजरानी, नागरिक उड्डयन एवं टूरिज्म का कार्य कैबिनेट मंत्री के रूप में देखा।

वर्ष 1971 में जब लोकसभा के चुनाव आहूत हुए तो नीलम संजीव रेड्डी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे लेकिन इन्हें हार का सामना करना पड़ा।

जनवरी, 1977 में यह जनता पार्टी की कार्य समिति के सदस्य बनाए गए और छठवीं लोकसभा चुनाव में जनता पार्टी की ओर से आंध्र प्रदेश की नंड्याल सीट से उन्होंने अपना नामांकन पत्र भरा। जब चुनाव के नतीजे आए तो वह आंध्र प्रदेश से अकेले गैर-कांग्रेसी उम्मीदवार थे, जो विजयी हुए थे।

नीलम संजीव रेड्डी को वर्ष 1958 में वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय, त्रिमूर्ति द्वारा सम्मानार्थ डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई।

रेड्डी 25 जुलाई, 1977 को भारत के निर्विरोध राष्ट्रपति निर्वाचित हुए तथा तथा 25 जुलाई, 1982 को अपना कार्यकाल पूरा करने के पश्चात् नीलम संजीव रेड्डी राष्ट्रपति पद के दायित्व से मुक्त हो गए।

1 जून, 1996 को इनका निधन हो गया।