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आज का हिन्दू पंचांग - 14 मई 2023

आज का हिन्दू पंचांग - 14 मई 2023

*दिनांक - 14 मई 2023*
*दिन - रविवार*
*विक्रम संवत् - 2080*
*शक संवत् - 1945*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - ग्रीष्म*
*मास - ज्येष्ठ (गुजरात एवं महाराष्ट्र में वैशाख)*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - दशमी रात्रि 02:46 तक तत्पश्चात एकादशी*
*नक्षत्र - शतभिषा सुबह 10:16 तक तत्पश्चात पूर्व भाद्रपद*
*योग - इन्द्र सुबह 06:35 तक तत्पश्चात वैधृति*
*राहु काल - शाम 05:34 से 07:13 तक*
*सूर्योदय - 05:59*
*सूर्यास्त - 07:13*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:33 से 05:16 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:14 से 12:57 तक*
*व्रत पर्व विवरण -*
*विशेष - दशमी को कलंबी शाक त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

अपरा एकादशी - 15 मई 2023

*एकादशी 15 मई 02:46 ए.एम से रात्रि 01:03 तक*

एकादशी व्रत के लाभ

* एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।*

* जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*

*जो पुण्य गौ-दान, सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*

* एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं । इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*

*धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।*

*कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।*

*परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है । पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ । भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।*

रविवार विशेष

* रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

* रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*

* रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*

* रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।*

* रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।*

* स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।*

* रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।*

* रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित है ।*

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