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सिंधु घाटी सभ्यता - SindhuGhati-Sabhyata-IAS & UPSC exams

सिंधु घाटी सभ्यता - यूपीएससी आईएएस और यूपीपीएससी मुख्य परीक्षा के लिए समसामयिकी लेख
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सन्दर्भ

हाल ही में हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश के सात सिंधुघाटी स्थलों की खुदाई की गई। वहां के चीनीमिट्टी के वर्तनो में मवेशियों तथा भैंस के मांस सहित पशु उत्पादों के अवयव पाए गए हैं।

परिचय

● भारतीय इतिहास का प्रारम्भ सिंधु घाटी सभ्यता से माना जाता है ।यह सभ्यता लगभग 2500 ईसवी पूर्व भारत ,पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान के क्षेत्रो में फैली थी।

● हाल ही में भारत के हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश के सात सिंधुघाटी स्थलों की खुदाई की गई। जहाँ बड़ी संख्या में हड्डियां तथा चीनीमिट्टी के वर्तनो में मवेशियों तथा भैंस के मांस सहित पशु उत्पादों के अवयव पाए गए हैं। इसप्रकार सिंधु घाटी सभ्यता के लोगों के मांसाहारी होने के साक्ष्य पुष्ट हुए हैं।

सिंधु सभ्यता का विस्तार

पूर्वी पश्चिमी विस्तार :-

यह सभ्यता पश्चिम में सुत्कांगेदोर से पूर्व में आलमगीरपुर (उत्तर प्रदेश ) तक विस्तारित थी

उत्तरी दक्षिणी विस्तार

यह सभ्यता चिनाब नदी के किनारे मांडा से दक्षिण में भगतराव तक विस्तारित है। यद्यपि कुछ इतिहासकार सबसे दक्षिणी क्षेत्र के रूप मे दैमाबाद को मानते हैं।

सभ्यता का समय

3300 ई॰पू॰ से 1700 ई॰पू॰ तक, परिपक्व काल: 2550 ई॰पू॰ से 1750 ई॰पू। परन्तु ब्रिटेन स्थित नेचर पत्रिका में प्रकाशित शोध के अनुसार यह सभ्यता कम से कम 8000 वर्ष पुरानी है।

सिंधु सभ्यता की खोज

इस सभ्यता की खोज 1921 में जॉन मार्शल के नेतृत्व में दयाराम साहनी तथा माधवस्वरूप वत्स ने की थी।

सिधु घाटी सभ्यता के कुछ महत्वपूर्ण स्थल और उनकी पुरातात्विक प्राप्तिया :

● सिन्धु घाटी सभ्यता के लगभग 1100 केन्द्रों में से 924 केन्द्र भारत में है। इसके कुछ महत्वपूर्ण स्थल निम्न हैं।

● हड़प्पा (रावी नदी के तट पर ) - यह पाकिस्तान में अवस्थित है। यहाँ विशाल चबूतरों वाले छह अन्नागारों की 2 कतारें , लिंग और योनि के पाषाण प्रतीक , मातृदेवी की मूर्ति , लकड़ी की ओखली में गेहूं और जौ , पासा , ताम्र तुला और दर्पण पाए गए हैं । इसके अतिरिक्त यहाँ कांस्य धातु की बनी हिरण का पीछा करते हुए कुत्ते की मूर्ति और लाल बालुआ पत्थर से बना पुरुष धड़ भी पाया गया है।

● मोहनजोदड़ो (सिंधु नदी के तट पर ) :-यह भी पाकिस्तान में अवस्थित है। यहाँ वृहत् स्नानागार , शवाधान , दाढ़ी वाले पुजारी की मूर्ति , नर्तकी की प्रसिद्ध कास्य मूर्ति और पशुपति मोहर पाई गई है।

● स्टुवर्ट पिग्गाट ने हड़प्पा तथा मोहेंजोदड़ो को एक विस्तृत साम्राज्य की दो राजधानिया कहा है।

● धौलावीरा - यह भारत के गुजरात में स्थित है। यहाँ विशाल पानी के कुंड अद्वितीय जलदोहन प्रणाली , स्टेडियम , बाध और तटबध , विज्ञापन पट्टिका की भांति 10 बड़े आकार के संकेताक्षरों वाला अभिलेख पाया गया है। यह सबसे नवीनतम खोजा गया IVC शहर है । हाल ही में भारत सरकार ने इसे यूनेस्को में विश्व धरोहर स्थल में सम्मिलित करने का प्रस्ताव भेजा है।

● लोथल - गुजरात में स्थित यह नगर सिंधु सभ्यता के मैनचेस्टर के रूप में जाना जाता है। यह समुद्री व्यापार का महत्वपूर्ण स्थल था। यहाँ , गोदीवाड़ा , ( जहाज बनाने का स्थान ) , धान की भूसी , अग्नि वेदिकाए , चित्रित मृाण्ड , आधुनिक शतरंज , घोड़े और जहाज की टेराकोटा आकृति , कोण मापने वाले उपकरण इत्यादि प्राप्त हुए हैं ।

● राखीगढ़ी :- यह हरियाणा में स्थित है। यहां अन्नागार , कब्रिस्तान , नालियां , टेराकोटा की ईंटे मिली हैं । इसे हड़प्पा सभ्यता की प्रातीय राजधानी कहा जाता है । .

● रोपड - पंजाब में सतलज नदी के तट पर स्थित है । यहां अंडाकार गड्ढे में मानव शव के साथ दफन कुत्ता तथा तांबे की कुल्हाड़ी के साक्ष्य मिले हैं । यह स्वातंत्रयोत्तर खोजा गया पहला हड़प्पा स्थल है ।

● बालाथल और कालीबंगा - यह भारत के राजस्थान में स्थित है। यहाँ चूड़ी कारखाना , खिलौने , ऊंट की हड्डियां , अलंकृत ईटें , तथा अग्नि वेदिकाएं पाई गईं हैं ।

● सुरकोटदा - गुजरात अवस्थित इस नगर में घोड़े की हड्डियों का पहला वास्तविक अवशेष पाया गया है ।

● हरियाणा में बनवाली - यह सरस्वती नदी के तट पर अवस्थित था। यहाँ खिलौना हल , जौ , लाजवर्द , अग्नि वेदिया , अंडाकार आकार की बस्ती पाई गई है। यह अरीय गलियों वाला एकमात्र हड़प्पाई नगर है ।

● आलमगीरपुर - यमुना के तट पर स्थित यह नगर आधुनिक उत्तर प्रदेश का मेरठ क्षेत्र है। यह सिंधु घाटी सभ्यता का सबसे पूर्वी स्थल है । यहाँ तांबे के बने हुए टूटे फलक , मिट्टी की बनी वस्तुएं पाईं गईं हैं।

● चनहुदड़ो :- यह बिना गढ़ बाला अकेला सिंध शहर । यह वर्तमान में पाकिस्तान में स्थित है । यहाँ लिपस्टिक का उपयोग पाया गया है ।

● कोट दीजी :- यह वर्तमान पाकिस्तान में स्थित है। यहाँ से टार , बैल और मां देवी की मूर्तियां खुदाई में पाई गई हैं ।

विश्व पर्यावरण दिवस (world environment day) - 5 जून

विश्व पर्यावरण दिवस ( ) - 5 जून

  प्रतिवर्ष 5 जून को पर्यावरण की रक्षा हेतु सम्पूर्ण विश्व में जागरूकता और कार्रवाई को प्रोत्साहित करने के लिए विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) मनाया जाता है।

  इस कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 1972 में खराब पर्यावरणीय परिस्थितियों और उसके बढ़ते दुष्प्रभाव के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए की गई थी।

  वर्तमान में यह प्रदूषण की समस्या पर चर्चा करने के लिए एक वैश्विक मंच बन गया है तथा 100 से अधिक देशों में इसका आयोजन किया जाता है।

  वर्ष 2023 के लिए पर्यावरण दिवस की थीम " Solutions to Plastic Pollution" है तथा इसका वैश्विक मेज़बान कोत दिव्वार (आईवरी कोस्ट) है।

  वर्ष 2018 में भारत ने 'बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन' (Beat Plastic Pollution) थीम के साथ विश्व पर्यावरण दिवस के अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम की मेज़बानी की थी।

  वायु (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 [Air (Prevention and Control of Pollution) Act, 1981] 'वायु प्रदूषक' को वातावरण में मौजूद किसी भी ठोस, तरल या गैसीय पदार्थ के रूप में परिभाषित करता है, जो मनुष्य या अन्य जीवित प्राणियों या पौधों या संपत्ति या वातावरण के लिए हानिकारक हो सकता है।

  वायु प्रदूषण हार्ट अटैक अथवा हृदयघात के कारण होनी वाली मौतों में से एक चौथाई मौतों तथा स्ट्रोक, श्वसन संबंधी बीमारियों, फेफड़ों के कैंसर के कारण होने वाली कुल मौतों में से एक तिहाई के लिए ज़िम्मेदार है।

  दुनिया भर में लगभग 92 प्रतिशत लोग दूषित हवा में सांस लेने को विवश है। वायु प्रदूषण के कारण हर साल स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च से वैश्विक अर्थव्यवस्था पर 5 ट्रिलियन डॉलर का बोझ पड़ता है।

  सतही ओज़ोन प्रदूषण (Ground-level ozone pollution) के कारण वर्ष 2030 तक फसलों की पैदावार लगभग 26 प्रतिशत तक कम होने की आशंका है।

  भारत ने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (National Clean Air Programme-NCAP) का प्रारूप तैयार कर इसे लॉन्च किया, जिसका उद्देश्य वायु गुणवत्ता निगरानी नेटवर्क को बढ़ाने के अलावा वायु प्रदूषण की रोकथाम, नियंत्रण और उन्मूलन करना है।

  वायु (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 में शीर्ष स्तर पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board- CPCB) की स्थापना और राज्य स्तर पर राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (State Pollution Control Boards-SPCB) को वायु गुणवत्ता में सुधार नियंत्रण एवं वायु प्रदूषण के उन्मूलन से संबंधित किसी भी मामले पर सरकार को सलाह देने का प्रावधान किया गया है।

  CPCB वायु की गुणवत्ता के लिए मानक भी तय करता है तथा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को तकनीकी सहायता और मार्गदर्शन प्रदान करता है।

कठफोड़वा (woodpecker) - Amazing Facts

कठफोड़वा (Woodpecker) : Amazing Facts

कठफोड़वा की शारीरिक बनावट और विशेषतायें
कठफोड़वा का आकार

1.कठफोड़वा के आकार में भिन्नता होती है. अधिकांश कठफोड़वा लगभग 7 सेमी (2.8 इंच) तक लंबे और 7 ग्राम भारी होते हैं. हालांकि इनकी कुछ प्रजातियाँ 50 सेमी (20 इंच) तक लंबी भी होती हैं.
कठफोड़वा की चोंच

2. कठफोड़वा की चोंच काफ़ी मजबूत होती है, जो पेड़ों पर प्रहार करने और उसकी छालों में छेद कर आहार प्राप्त करने में सहायक है.
कठफोड़वा की जीभ

3. कठफोड़वा की जीभ 10 सेंटीमीटर (4 इंच) लंबी होती है, जो उसकी चोंच से तीन गुनी है.

4. कठफोड़वाओं की जीभ लंबी, संकरी और कांटेदार होती है, उनमें स्पाइन होते हैं, ताकि उन्हें पेड़ों की छाल से कीड़े निकालने में आसानी हो.

5. इसकी चिपचिपी लार भी कीटों को पकड़ने में सहायक होती हैं.
कठफोड़वा के पैर

6. कठफोड़वा के पैरों की दो उँगलियाँ सामने की ओर होती हैं और दो पीछे की ओर. इसे जाइगोडैक्टल पैर (zygodactyl feet) कहते हैं. पैरों की ये संरचना उन्हें पेड़ पर चढ़ते समय और उस पर प्रहार कर छेद बनाते समय पकड़ और संतुलन बनाने में मदद करती है.

7. कई कठफोड़वाओं के नाखून अन्य पक्षियों की तुलना में अधिक लंबे और मोटे होते हैं, तो उन्हें पेड़ों पर बेहतर पकड़ देते हैं.


कठफोड़वा का रंग कैसा होता है?

8. प्रजाति अनुसार कठफोड़वा के रंग में भिन्नता देखने को मिलती है. कई प्रजाति के कठफोड़वा के पंखों का रंग भूरा, जैतून के रंग का और चितकबरा होता है. वहीं कई प्रजातियों में काले, लाल और पीले रंग के पंख होते हैं. कुछ प्रजातियों के पंखों का पैटर्न नारंगी, हरा, भूरा, मैरून और सुनहरे रंग का होता है.

9. मादा और नर कठफोड़वा में बहुत मामूली अंतर होता है (williamson’s sapsucker और orange-backed woodpecker इसका अपवाद हैं, जिनमें काफ़ी अंतर होता है.). मादा और नर को रंग के आधार पर पहचाना जा सकता है. नर कठफोड़वा के माथे और गर्दन का हिस्सा काले रंग का होता है, वहीं मादा की छाती का रंग सफ़ेद होता है.


कठफोड़वा पक्षी की आवाज़ कैसी होती है?

10. कठफोड़वा की आवाज़ तेज और कर्कश होती है.

11. उड़ान भरते समय यह तीखी आवाज़ करता है.

12. वसंत ऋतु में भी कठफोड़वा काफ़ी तेज आवाज़ निकालते हैं, जो खोखले तने या कभी-कभी किसी धातुई सतह पर अपनी चोंच/सिर ठोकने से निकली आवाज़ से मिलकर और तेज सुनाई पड़ती है. ये मुख्यतः नर कठफोड़वा की आवाज़ होती है. इसके द्वारा वह अपने क्षेत्र पर अधिकार प्रदर्शित करता है. अन्य ऋतुओं में वे सामान्यतः शांत रहते हैं.


कठफोड़वा के बारे में जानकारी | Amazing Facts About Woodpecker In Hindi
कठफोड़वा को इंग्लिश में क्या कहते है?

13. कठफोड़वा को इंग्लिश में woodpecker कहते हैं.
कठफोड़वा पक्षी का वैज्ञानिक नाम क्या है?

14. कठफोड़वा का वैज्ञानिक नाम पिकिडे (Picidae) है.
दुनिया में कठफोड़वा की कितनी प्रजातियाँ हैं?

15. दुनिया में कठफोड़वा की लगभग 200 विभिन्न प्रजातियाँ हैं.
कठफोड़वा कहाँ पाए जाते हैं? (Where do woodpeckers live?)

16. ऑस्ट्रेलिया, न्यू गिनी, न्यूजीलैंड, मेडागास्कर और ध्रुवीय क्षेत्रों को छोड़कर कठफोड़वा दुनिया में लगभग हर जगह पाए जाते हैं.
दुनिया में कठफोड़वा की सबसे बड़ी प्रजाति कौन सी है?

17. दुनिया में दो सबसे बड़े कठफोड़वे इम्पीरियल वुडपेकर (Imperial woodpecker) और आइवरी-बिल्ड वुडपेकर (Ivory-billed woodpecker) हैं. वर्तमान में दोनों ही विलुप्तिप्राय हैं.

18. वर्तमान में ज्ञात कठफोड़वा की सबसे बड़ी प्रजाति  ‘ग्रेट स्लैटी कठफोड़वा’ (The great slaty woodpecker) है, जिसका वैज्ञानिक नाम ‘मुलरिपिकस पुल्वरुलेंटस’ (Mulleripicus pulverulentus) है.

19. ‘ग्रेट स्लैटी कठफोड़वा’ की लंबाई 48-58 सेंटीमीटर (19–23 इंच) और वजन 360-563 ग्राम (0.794–1.241 पौंड) होता है.

20. ‘ग्रेट स्लैटी कठफोड़वा’ मुख्यतः भारतीय उप-महाद्वीप और दक्षिण पूर्व एशिया में पाया जाता है.
दुनिया में कठफोड़वा की सबसे छोटी प्रजाति कौन सी है?

21. दुनिया में कठफोड़वे की सबसे छोटी प्रजाति ‘बार-ब्रेस्टेड पिचुलेट’ (Bar-breasted piculet) है, जिसका वैज्ञानिक नाम Picumnus aurifrons है.

22. इसकी लंबाई 7.5 सेमी (3 इंच) और वजन 8 से 10 ग्राम (०.28 से 0.35 oz) होता है.

23. यह बोलिविया, कोलंबिया, इक्वाडोर और पेरू में पाया जाता है.
कठफोड़वा का जीवनकाल कितना होता है?

24. प्रजातियों के आधार पर जंगल में कठफोड़वा का औसत जीवनकाल 4 से 12 साल तक होता है.
कठफोड़वा क्या खाता है?

25. कठफोड़वाओं का आहार मुख्य रूप से सजीव और मृत वृक्षों में पाए जाने वाले कीट और कीटडिंभ हैं. इनके आहार में चींटी, दीमक, झींगुर और उनके लार्वा, मकड़ी, इल्ली, अन्य आर्थ्रोपोड्स, चिड़ियों के अंडे, छोटे रोडेंट, गिरगिट, फल, नट्स, पौधों का रस शामिल हैं.


कठफोड़वा पक्षी के आवास के बारे में जानकारी/ कठफोड़वा कहाँ रहता है? कठफोड़वा का घोंसला

26. कठफोड़वा की अधिकांश प्रजातियाँ जंगलों या जंगली इलाकों में रहती हैं, हालांकि कुछ प्रजातियाँ जंगलों से दूर चट्टानी पहाड़ियों और रेगिस्तान जैसे इलाकों में रहने के लिए भी जानी जाती हैं.

27. कठफोड़वा सूखे पेड़ के तने को खोदकर अपना घोंसला बनाते हैं. इस प्रक्रिया में 10 से 28 दिन का समय लगता है. घोंसला बनाने का कार्य नर और मादा दोनों मिलकर करते हैं.

28. कठफोड़वा अपने द्वारा पिछले वर्ष बनाये घोंसले का दोबारा इस्तेमाल नहीं करते/या बहुत ही कम करते हैं.

29. wrynecks woodpecker कभी अपना घोंसला नहीं बनाते, वे पहले से ही किसी पेड़ में बने कोटर में जाकर रहते हैं.
कठफोड़वा का प्रजनन

30. कठफोड़वा का प्रजनन काल मार्च से मई के दौरान होता है. इस अवधि में वे अपने लिए घोंसला बनाते हैं.

31. मादा कठफोड़वा एक बार में 2 से 5 अंडे देती हैं.

32. अंडों को सेने की अवधि 11 से 14 दिनों तक की होती है.

33. लगभग 18 से 35 दिन में कठफोड़वा के बच्चे घोंसला छोड़ने लायक हो जाते हैं.
पेड़ को लगातार ठोंकने पर भी कठफोड़वा के मष्तिष्क को नुकसान न पहुँचने का कारण

34. कठफोड़वा पेड़ के तने पर लगातार अपनी चोंच ठोंकता और बजाता है, फिर भी इसके मस्तिष्क को कोई नुकसान नहीं पहुँचता, इसका कारण इसकी शारीरिक विशेषतायें हैं.

35. कठफोड़वा का मस्तिष्क छोटा और कोमल होता है, जिसके आसपास संकरा सबडूरल स्पेस (subdural space) होता है, जिसमें Cerebrospinl fluid भरा होता है, जिससे कठफोड़वा के पेड़ पर चोंच ठोकने के दौरान मस्तिष्क खोपड़ी में आगे-पीछे गति नहीं करता, बल्कि अपने स्थान पर रहता है. खोपड़ी में मजबूत और स्पंज जैसी हड्डियाँ होती हैं.

36. कठफोड़वा में काफ़ी लंबी हाईपोइड हड्डी (hyoid bone or tongue bone – गले के बीच में स्थित हड्डी) होती है, जो उपविभाजित होती हैं और रीढ़ की हड्डी के स्तंभ के दोनों ओर से गुजरती है और मस्तिष्क के चारों ओर लिपटी होती है. जो एक सेफ्टी बेल्ट के जैसे होती है.

37. पेड़ को ठोकने के दौरान उत्पन्न 99.7 प्रतिशत ऊर्जा strain energy के रूप में संग्रहित होती है, जो पूरे शरीर में वितरित होती है और बहुत कम भाग मस्तिष्क में जा पाता है और उसे वहां कम आघात पहुँचता है.


कठफोड़वा के बारे में अन्य रोचक तथ्य | Amazing Facts about Woodpecker In Hindi

38. कठफोड़वा प्रति सेकंड 20 बार अपना सिर पेड़ पर ठोकता है. यह प्रति दिन 8,000 से 12,000 बार अपना सिर पेड़ पर ठोकता है.

39. कठफोड़वा 24 किलोमीटर/घंटे की रफ़्तार से उड़ान भरता है.

40. कठफोड़वा किसी भी पेड़ के तने में उर्ध्व (vertically) चढ़ सकता है और फिर उतर भी जाता है. ऐसा इसके जाइगोडैक्टल पैर (zygodactly feet) के कारण है, जिसमें चार उँगलियाँ होती है. पहली और चौथी उंगली पीछे की और और दूसरी और तीसरी उंगली आगे की ओर होती है. इससे उसके पेड़ का तना पकड़ने में आसानी होती है और ये सीधा पेड़ पर चढ़ पाते हैं.

41. कठफोड़वा के पंख उसके नथुने को एक हेयर-ब्रश की तरह ढके रहते हैं. इस तरह वह पेड़ को ठोकते/कुरेदते समय लकड़ी ने महीन अंश साँस लेते समय उसके नथुने में नहीं जा पाते.

42. साल में एक बार कठफोड़वा अपने पंख झड़ा देते हैं. इसका अपवाद wrynecks woodpecker हैं, जिनमें प्रजनन के पूर्व आंशिक रूप से पंख झड़ जाते हैं.

43. कठफोड़वा एक एकांतप्रिय और असामाजिक जीव है, जो भीड़-भाड़ से अलग अकेले या अपने जोड़े के साथ घूमना पसंद करता है.

44. कठफोड़वा मोनोगैमस होते हैं और एक ही साथी के साथ जीवन भर रहते हैं.

45. कठफोड़वा के मुख्य शिकारियों में जंगली बिल्लियाँ, लोमड़ियाँ, कोयोट्स, साँप और बड़े पक्षी शामिल हैं.

46. कई बार लोग हुदहुद और कठफोड़वे को एक समझने की भूल कर देते हैं. दोनों भिन्न पक्षी है, हुदहुद की चोंच नुकीली, तीखी और पतली होती है, वहीं कठफोड़वा की चोंच मजबूत, मोटी और तीखी होती है.

बिल्लियों ‌(Cat) से संबन्धित रोचक बातें 4 - Amazing Facts

बिल्लियों ‌(Cat) से संबन्धित रोचक बातें 4 - Amazing Facts

. बिल्ली के नाखून काटना उसके लिए बहुत तकलीफ़देह होता है. इसलिए विश्व के 22 देशों ने इनके नाखून काटने पर प्रतिबंध लगा रखा है. लेकिन अमेरिका के कुछ देशों में बिल्ली के नाखून काटने को कानूनी मान्यता प्राप्त है.

. 1995 में डेनमार्क में एक हरे रंग की बिल्ली ने जन्म लिया था. ऐसा कहा जाता था कि पानी में अत्यधिक कॉपर की मात्रा इसका कारण थी.

. बिल्ली के पंजे हिलाने का अर्थ है कि उसे कुछ अप्रिय लग रहा है.

Amazing Cats Facts In Hindi
. जब बिल्ली किसी दूसरे क्ष्रेत्र में जाती हैं और वहाँ किसी दूसरी बिल्ली से मिलती है, तो अपने कदमों की गति धीमी कर लेती है.

. बिल्लियों से फैलने वाली एलर्जी उनके बालों के कारण नहीं फैलती. उसका श्रोत एफ.ई.ल.डी. – 1 प्रोटीन होता है, जो बालों की सहायता से फैलता है.

. मांस बिल्लियों के लिए अति-आवश्यक आहार है. मांस में अमीनो एसिड होता है, जो उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है. इसके बिना वे स्वस्थ अपना जीवन नहीं जी सकती.

. बिल्ली में आईपोड की तुलना में 1000 गुना अधिक डेटा स्टोरेज होता है.

. अमेरिका में हर साल लगभग 40,000 लोग बिल्ली के काटने का शिकार होते हैं.

. मादा बिल्ली 4 माह की होने के बाद गर्भवती हो सकती है.

Interesting Cats Facts In Hindi
बिल्लियों ‌से संबन्धित रोचक बातें

. मादा बिल्ली एक साथ 1 से लेकर 9 बच्चों को जन्म दे सकती है.

. अब तक बिल्ली द्वारा एक ही बार में सबसे ज्यादा पैदा किये गये बच्चों की संख्या 19 है. इनमें से मात्र 15 जीवित बच पाए थे.

. एक साथ जन्मे बिल्ली के बच्चों के पिता अलग-अलग हो सकते हैं.

. सबसे ज्यादा बच्चे देने का वर्ल्ड रिकॉर्ड 'डस्टी' नामक बिल्ली के नाम है. इसने अपने जीवनकाल में कुल 420 बच्चों को जन्म दिया था.

. बिल्ली इंसानों की तरह सपने देखती है. जन्म लेने के1 सप्ताह बाद से बिल्ली के बच्चे सपने देखने लगते हैं.

. बिल्लियों के बच्चों के समूह (a group of kittens) को 'Kindle' कहते हैं.

. जब कुत्ते अपनी पूंछ हिलाते हैं, तो एक तरह से वे अपनी ख़ुशी व्यक्त करते हैं. लेकिन बिल्लियों के साथ ऐसा नहीं है. यदि वे आपको देखकर अपनी पूंछ हिला रही हैं, तो इसका मतलब है कि वो आपको अपना गुस्सा दिखा रही हैं.

. बिल्ली की मूंछें (Whiskers) उनके मूड को दर्शाती हैं. यदि वह डरी हुई है, तो अपनी मूंछें पीछे कर लेगी. यदि वे आक्रामक मूड में है, तो वे अपनी मूंछे आगे कर लेगी.

. जब बिल्ली अपनी पूंछ किसी दूसरी बिल्ली, कुत्ते या इंसानों पर लपेटती है, तो यह दोस्ती का संकेत है.

. बिल्ली ऊँट और जिराफ़ की तरह चलती हैं. वह पहले अपने दोनों दायें पैर आगे बढ़ाती हैं, बाद में बाएं पैर. इसके अलावा कोई भी दूसरा जानवर इस तरह नहीं चलता.

Interesting Cats Facts In Hindi
बिल्लियों ‌से संबन्धित रोचक बातें

. बिल्ली को toilet-trained किया जा सकता है.

. बिल्ली को खट्टी गंध पसंद नहीं होती.

. शोध के अनुसार बिल्ली पालने से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा 1/3 गुना कम हो जाता है.

. बिल्ली अपने मूंछों (Whiskers) का इस्तेमाल यह जानने के लिए करती है कि कोई छेद या रास्ता कितना चौड़ा है और वह उसमें से निकल पायेगी या नहीं.

. स्कॉटलैंड में Towser नामक बिल्ली ने अपने जीवकाल में 30,000 चूहों को पकड़ा था. उसे श्रद्धांजली देने के लिए एक टावर बनाया गया है.

. सबसे पहला Cat Show 1871 में लंदन (London) में आयोजित किया गया था.

. विश्व में 500 मिलियन से भी अधिक पालतू बिल्लियाँ हैं, जिनमें से लगभग 40 breed की पहचान हो चुकी है.

. दुनिया में सबसे ज्यादा बिल्लियाँ उत्तरी अमरीका (North America) में पाली जाती है. यहाँ 63 मिलियन कुत्तों के मुकाबले 73 मिलियन बिल्लियाँ पाली जाती हैं.

. बिल्लियों में अपने घर का रास्ता ढूंढ लेने की क्षमता होती है, जिसे "Psi-Traveling' कहते हैं. कई विशेषज्ञों का मानना है कि बिल्लियों के दिमाग में magnetized cells होते हैं, जो compasses की तरह कार्य करते हैं और उनके दिशाबोध कराते हैं.

बिल्लियों ‌(Cat) से संबन्धित रोचक बातें 3 - Amazing Facts in Hindi

बिल्लियों ‌से संबन्धित रोचक बातें 3 - Amazing Facts

बिल्ली मूत्र अँधेरे में चमकता है.

. बिल्लियाँ 100 तरह की आवाजें निकाल सकती हैं, वहीं कुत्ते मात्र 10 तरह की आवाजें ही निकाल पाते हैं.

. बिल्ली एकमात्र स्तनधारी है, जो मीठे का स्वाद नहीं ले पाती.

. बिल्लियों के लिए अदरक, लहसुन, प्याज, कच्चे आलू, टमाटर और चॉकलेट जहर के समान हैं.

. एक कोट तैयार करने में लगभग 24 बिल्लियों की खाल लगती है.

Amazing Cat Facts In Hindi

. एशिया (Asia) में इंसान प्रतिवर्ष लगभग 40 लाख बिल्लियों को मारकर खा जाते हैं.

. अपने शिकार का पीछा करते समय या दौड़ते समय बिल्लियाँ कभी अपना सिर नहीं हिलाती. ये अपना सिर एक लेवल पर रखकर दौड़ती हैं. लेकिन इंसान और कुत्ते अपना सिर हिलाते हुए दौड़ते हैं.

. बिल्लियाँ स्वयं को साफ़-सुथरा रखना पसंद करती हैं और इसके लिए ये रोज़ाना काफ़ी समय देती हैं. ये जीभ द्वारा अपने शरीर को चाटकर साफ़ किया करती हैं.

. बिल्ली समुद्र का पानी पी सकती है, क्योंकि इसकी किडनी समुद्री पानी को भी रि-हाईड्रेट कर सकती है.

. बिल्ली मूत्र अँधेरे में चमकता है.

. अब तक पाई गई सबसे बड़ी बिल्ली की ऊँचाई 48.5 इंच (1.23 मीटर) थी, जिसका नाम "stewie' था.

Interesting Cat Information In Hindi
बिल्लियों ‌से संबन्धित रोचक बातें

. दूध में पाए जाने वाले लैकटोज़ को बिल्ली आसानी से पचा नहीं पाती. इसलिए दूध पीना उसके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है.

. कई बार बिल्लियों की कीमत 10,000 डॉलर से भी अधिक होती है.

. बिल्लियों से संबंधित अंधविश्वास का जन्म ईराक (Iraq) में हुआ था.

.  मिश्र के लोग Goddess Bast की पूजा करते थे, जिसका धड़ महिला का होता था और सिर बिल्ली का.

. प्राचीन मिश्र (Egypt) में बिल्ली की मौत हो जाने पर लोग अपने भौहें मुंडवाकर शोक व्यक्त करते थे.

. मिश्र (Egypt) में बिल्ली को मारने पर मौत की सजा दी जाती है. उसे जानबूझकर न भी मारा गया हो, तब भी यही सजा दी जाती है.

. बिल्लियों की तस्करी पर भी प्राचीन मिश्र (Egypt) में मौत की सजा दी जाती थी.

. एक बार स्कॉटलैंड की प्रसिद्ध डिस्टलरी में 'टॉसर' नामक बिल्ली को चूहों के शिकार के लिए रखा गया. उसने अपने जीवनकाल में 28,899 चूहों का शिकार किया. यह एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है. इस वर्ल्ड रिकॉर्ड के लिए 'टॉसर' का नाम 'गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड' (Guinness Book Of World Records) में दर्ज है. लेकिन आश्चर्य की बात ये है कि इसी काम के लिए रखी गई 'अंबर' नामक बिल्ली २० वर्ष के अपने जीवनकाल में 1 चूहा भी पकड़ नहीं पाई.

. अलास्का (Alaska) के शहर तल्कीतना (Talkeetna) में 'Stubbs' नाम की एक बिल्ली 15 वर्ष तक मेयर के पद पर नियुक्त रही.

1963 में Felicette नामक एक फ्रांसीसी बिल्ली अंतरिक्ष में जाने वाली पहली बिल्ली बनी.

Interesting Cat Information In Hindi
बिल्लियों ‌से संबन्धित रोचक बातें

. दुनिया की सबसे अमीर बिल्ली इटली (Italy) की थी, जिसका नाम Blackie था. उसके मालिक ने अपनी मौत के बाद उसके नाम 13 मिलियन डॉलर की संपत्ति छोड़ी थी.

. पहली क्लोन बिल्ली का नाम CC (Copy Cat or Carbon Copy) था.

. अमरीका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन (Bill Clinton) की बिल्ली 'Socks' मीडिया की बहुत दुलारी थी. उसे राष्ट्रपति बिल क्लिंटन से भी ज्यादा पत्र भेजे जाते थे.

. रूस (Russia) में एक ऐसा भी थियेटर है, जहाँ अभिनय करने वाले समस्त कलाकार बिल्लियाँ हैं.

. CIA द्वारा साठ के दशक में बिल्लियों का जासूस के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था. इस काम में बिल्लियों पर 20 मिलियन डॉलर खर्च किया गया था. उनसे सोवियत संघ में जासूसी कराई जाती थी. पहली जासूस बिल्ली एक टैक्सी के नीचे दबकर मर गई थी.

. Youtube पर सबसे पुराना बिल्ली का विडियो 1894 में फ़िल्माया गया विडियो है.

. दुनिया की सबसे छोटी बिल्ली 'टिंकर टॉय' नामक बिल्ली थी. इसकी लंबाई महज़ 7 सेंटी मीटर (2.75 इंच) थी.

. ऑस्ट्रेलिया (Australia) एक ऐसा देश है, जहाँ 90% घरों में बिल्ली पाली जाती है.

. नार्थ अमेरिका (North America) में काली बिल्ली देखना अशुभ माना जाता है, जबकि ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और जापान में काली बिल्ली देखना शुभ माना जाता है.

बिल्लियों ‌से संबन्धित रोचक बातें 1 - Amazing Facts

बिल्लियों ‌से संबन्धित रोचक बातें 1 - Amazing Facts

. बिल्ली (Cat) विश्व में सबसे ज्यादा पाले जाने वाली जानवर है.

. बिल्लियों के समूह को 'Clowder' कहते हैं.

. सामान्यतः बिल्लियों का जीवनकाल 12 से 15 वर्ष तक का होता है.

. घर में पाली जाने वाली बिल्लियों का जीवनकाल दूसरी बिल्लियों की तुलना में लंबा होता है.

. बिल्ली को पानी से नफ़रत होती है, क्योंकि पानी में भीगने के बाद इसके फ़र ठीक से अलग-अलग नहीं हो पाते. मात्र Turkish Van ब्रीड की बिल्लियाँ ही पानी में तैरना पसंद करती हैं.

. बिल्ली की दाई और बांयी मूंछों पर 12-12 बाल होते हैं.

. बिल्ली का दिमाग इंसानों के दिमाग से 90% तक मेल खाता है.

. बिल्ली का DNA 95% तक बाघ के DNA से मेल खाता है.

. बिल्ली पूरे दिन में लगभग 16 घंटे सोती है. इस तरह ये अपने दिन का दो-तिहाई हिस्सा और 70% ज़िंदगी सोने में बिता देती है.

. बिल्लियों के ज्यादा सोने का एक कारण यह है कि वे सोते समय growth hormone रिलीज़ करती हैं.

Interesting Facts About Cat In Hindi
बिल्लियों ‌से संबन्धित रोचक बातें

. बिल्ली का जबड़ा दायें या बाएं नहीं घूम पाता. इस वजह से वह खाने का बड़ा टुकड़ा नहीं चबा पाती.

. बिल्ली की 3 पलकें (eyelids) होती है. तीसरी पलक एक छोटा गुलाबी और सफ़ेद त्रिकोण होता है, जो उसकी आँखों के कोनों में देखा सकता है.

. दूर की दृष्टि की तुलना में बिल्ली निकट की दृष्टि अधिक तेज होती हैं. उसकी रात्रि की दृष्टि भी बहुत तेज होती है.

. बिल्ली रंगों को ठीक तरह से नहीं देख पाती. उसे घास लाल रंग की दिखाई पड़ती है.

. बिल्लियाँ भी इंसानों की तरह लेफ्ट और राईट हैंडेड (Left & Right Handed) होती हैं.

. बिल्ली के शरीर में 230 हड्डियाँ होती हैं, जबकि इंसानों के शरीर में 206 हड्डियाँ होती हैं.

. बिल्ली के सूंघने की क्षमता इंसानों की तुलना में 14 गुना तेज होती है.

. बिल्ली के पीछे के पैरों में चार पंजे होते हैं, जबकि आगे के पैरों में पाँच.

. बिल्ली को सिर्फ़ पंजों पर ही पसीना आता है. उसके शरीर के अन्य भागों में पसीना नहीं आता.

. जहाँ इंसानों का दिल एक मिनट में 72 बार धड़कता है, वहीं बिल्ली का दिल एक मिनट में 110 से 140 बार धड़कता है.

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