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जन्माष्टमी -Krishna Janmashtami

* जन्माष्टमी - 06/07 सितम्बर 2023*

*इस साल जन्माष्टमी दो दिन मनाई जाएगी । दरअसल 6 सितम्बर को जन्माष्टमी दोपहर को शुरू हो रही है । इसलिए 6 सितम्बर को और 7 सितंबर को भी जन्माष्टमी मनाई जाएगी । इस साल जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र और अष्टमी तिथि रात में पड़ रही है । अष्टमी तिथि 06 सितम्बर 2023 को शाम 15:37 बजे शुरू होगी और 07 सितम्बर को शाम 4:14 बजे समाप्त होगी, इसलिए भक्त दोनों दिन जन्माष्टमी मना सकते हैं । कहते हैं कि भगवान कृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था, इस बार भी रोहिणी नक्षत्र पड़ रहा है । रोहिणी नक्षत्र 6 सितम्बर को जन्माष्टमी के दिन सुबह 09:20 बजे प्रारम्भ होगा और अगले दिन 7 सितम्बर को सुबह 10:25 पर समाप्त होगा ।*

*जन्माष्टमी व्रत-उपवास की महिमा*

*जन्माष्टमी का व्रत रखना चाहिए, बड़ा लाभ होता है ।इससे सात जन्मों के पाप-ताप मिटते हैं ।*

*जन्माष्टमी एक तो उत्सव है, दूसरा महान पर्व है, तीसरा महान व्रत-उपवास और पावन दिन भी है ।*

*'वायु पुराण' में और कई ग्रंथों में जन्माष्टमी के दिन की महिमा लिखी है । 'जो जन्माष्टमी की रात्रि को उत्सव के पहले अन्न खाता है, भोजन कर लेता है वह नराधम है' - ऐसा भी लिखा है, और जो उपवास करता है, जप-ध्यान करके उत्सव मना के फिर खाता है, वह अपने कुल की 21 पीढ़ियाँ तार लेता है और वह मनुष्य परमात्मा को साकार रूप में अथवा निराकार तत्त्व में पाने में सक्षमता की तरफ बहुत आगे बढ़ जाता है । इसका मतलब यह नहीं कि व्रत की महिमा सुनकर मधुमेह वाले या कमजोर लोग भी पूरा व्रत रखें ।*

*बालक, अति कमजोर तथा बूढ़े लोग अनुकूलता के अनुसार थोड़ा फल आदि खायें ।*

*जन्माष्टमी के दिन किया हुआ जप अनंत गुना फल देता है ।*

*उसमें भी जन्माष्टमी की पूरी रात जागरण करके जप-ध्यान का विशेष महत्त्व है । जिसको क्लीं कृष्णाय नमः मंत्र का और अपने गुरु मंत्र का थोड़ा जप करने को भी मिल जाय, उसके त्रिताप नष्ट होने में देर नहीं लगती ।*

*'भविष्य पुराण' के अनुसार जन्माष्टमी का व्रत संसार में सुख-शांति और प्राणीवर्ग को रोगरहित जीवन देनेवाला, अकाल मृत्यु को टालनेवाला, गर्भपात के कष्टों से बचानेवाला तथा दुर्भाग्य और कलह को दूर भगानेवाला होता है ।*

आज का हिन्दू पंचांग - 04 जून 2023

आज का हिन्दू पंचांग - 04 जून 2023

*दिनांक - 04 जून 2023*
*दिन - रविवार*
*विक्रम संवत् - 2080*
*शक संवत् - 1945*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - ग्रीष्म*

आज का हिन्दू पंचांग - 03 जून (June) 2023

आज का हिन्दू पंचांग - 03 जून 2023


*दिनांक - 03 जून 2023*
*दिन - शनिवार*
*विक्रम संवत् - 2080*
*शक संवत् - 1945*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - ग्रीष्म*
*मास - ज्येष्ठ*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - चतुर्दशी सुबह 11:16 तक तत्पश्चात पूर्णिमा*
*नक्षत्र - विशाखा सुबह 06:16 तक तत्पश्चात अनुराधा*
*योग - शिव दोपहर 02:48 तक तत्पश्चात सिद्ध*
*राहु काल - सुबह 09:16 से 10:57 तक*
*सूर्योदय - 05:54*
*सूर्यास्त - 07:22*
*दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:29 से 05:12 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:17 से 12:59 तक*
*व्रत पर्व विवरण - वट पूर्णिमा, वटसावित्री व्रत (पूर्णिमांत)*
*विशेष - चतुर्दशी एवं पूर्णिमा के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

* वट पूर्णिमा / वटसावित्री व्रत - 03 जून 2023 🌹*

* व्रत-विधि : इसमें वटवृक्ष की पूजा की जाती है । विशेषकर सौभाग्यवती महिलाएँ श्रद्धा के साथ ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी से पूर्णिमा तक अथवा कृष्ण त्रयोदशी से अमावास्या तक तीनों दिन अथवा मात्र अंतिम दिन व्रत-उपवास रखती हैं । यह कल्याणकारक व्रत विधवा, सधवा, बालिका, वृद्धा, सपुत्रा, अपुत्रा सभी स्त्रियों को करना चाहिए ऐसा ‘स्कंद पुराण’ में आता है ।*

* प्रथम दिन संकल्प करें कि ‘मैं मेरे पति और पुत्रों की आयु, आरोग्य व सम्पत्ति की प्राप्ति के लिए एवं जन्म-जन्म में सौभाग्य की प्राप्ति के लिए वट-सावित्री व्रत करती हूँ ।’*

* वट के समीप भगवान ब्रह्माजी, उनकी अर्धांगिनी सावित्री देवी तथा सत्यवान व सती सावित्री के साथ यमराज का पूजन कर ‘नमो वैवस्वताय’ इस मंत्र को जपते हुए वट की परिक्रमा करें । इस समय वट को 108 बार या यथाशक्ति सूत का धागा लपेटें । फिर निम्न मंत्र से सावित्री को अर्घ्य दें ।*

* अवैधव्यं च सौभाग्यं देहि त्वं मम सुव्रते ।* *पुत्रान् पौत्रांश्च सौख्यं च गृहाणार्घ्यं नमोऽस्तु ते ।।*

* निम्न श्लोक से वटवृक्ष की प्रार्थना कर गंध, फूल, अक्षत से उसका पूजन करें ।*

*वट सिंचामि ते मूलं सलिलैरमृतोपमैः । यथा शाखाप्रशाखाभिर्वृद्धोऽसि त्वं महीतले ।*
*तथा पुत्रैश्च पौत्रैश्च सम्पन्नं कुरु मां सदा ।।*
* ऋषि प्रसाद - जून 20087*

*इस गलती से घेर लेंगी बीमारियाँ*

*आइसक्रीम तो वैसे ही हानि करती है लेकिन भोजन के बाद आइसक्रीम खाना तो अत्यंत हानिकारक है। जो भोजन के बाद आइसक्रीम खाते हैं उन्हें जवानी में तो पता नहीं चलता परंतु ४० साल की उम्र के बाद उन्हें अस्पताल जाना पड़ता है ।*

*अरे, तवे पर तो रोटी डाली है और ऊपर से ठंडा पानी डालें तो क्या रोटी का सत्यानाश नहीं होगा ? ऐसे ही भोजन किया है, पेट में तो जठराग्नि खाना पचा रही है और फिर पेट में कुछ ठंडा डाला तो जठराग्नि मंद होगी । भोजन के साथ ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए, गुनगुना पानी पीना चाहिए । ठंडा पानी, कोल्ड ड्रिंक्स आदि भोजन के समय पीते हैं तो बीमारियाँ होती हैं ।*


* शनिवार के दिन विशेष प्रयोग 🌹*

* शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)*

* हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)*

*आर्थिक कष्ट निवारण हेतु*

*एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।*
* ऋषि प्रसाद - मई 2018 से*

आज का हिन्दू पंचांग - 02 जून (June) 2023

आज का हिन्दू पंचांग - 02 जून 2023

*दिनांक - 02 जून 2023*
*दिन - शुक्रवार*
*विक्रम संवत् - 2080*
*शक संवत् - 1945*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - ग्रीष्म*
*मास - ज्येष्ठ*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - त्रयोदशी दोपहर 12:48 तक तत्पश्चात चतुर्दशी*
*नक्षत्र - स्वाती सुबह 06:53 तक तत्पश्चात विशाखा*
*योग - परिघ शाम 05:10 तक तत्पश्चात शिव*
*राहु काल - सुबह 10:57 से दोपहर 12:38 तक*
*सूर्योदय - 05:54*
*सूर्यास्त - 07:22*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:29 से 05:12 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:17 से 12:59 तक*
*व्रत पर्व विवरण -*
*विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*चतुर्दशी के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

*जून मास - पुण्यदायी तिथियाँ एवं योग*

*03 जून - वट पूर्णिमा, वटसावित्री व्रत (पूर्णिमांत)*

*04 जून - ज्येष्ठ पूर्णिमा, देवस्नान पूर्णिमा, संत कबीरजी जयंती*

*05  जून - गुरु हरगोविंद सिंहजी जयंती( ति.अ ), विश्व पर्यावरण दिवस*

*06 जून - विद्यालभ योग (पूर्णिमांत) - रात्रि ११:१३ से रात्रि ११:४५ तक १०८ बार जप लें और फिर मंत्रजप के बाद रात्रि ११:३० से १२ बजे के बीच जीभ पर लाल चंदन से 'ह्रीं' मंत्र लिख दें ।*

*07 जून - विद्यालभ योग (पूर्णिमांत)*
*प्रातः ३ से रात्रि ९:०२ बजे तक १०८ बार मंत्र जप लें और रात्रि ११ से १२ बजे के बीच जीभ पर लाल चंदन से 'ह्रीं' मंत्र लिख दें ।*

*विद्यालाभ के लिए मंत्र : ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं वाग्वादिनि सरस्वति मम जिह्वाग्रे वद वद ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं नमः स्वाहा ।'*

*14 जून - योगिनी एकादशी*

*15 जून - षडशीति संक्रांति (पुण्यकाल : शाम ६:२९ से सूर्यास्त तक) (इस दिन किये गये ध्यान, जप आदि पुण्यकर्मों का ८६ हजार गुना फल होता है । - पद्म पुराण)*

*16 जून - मासिक शिवरात्रि*

*18 जून - आषाढ़ अमावस्या*

*20 जून - भगवान जगन्नाथ रथयात्रा*

*21 जून - वर्षा ऋतु (21 जून से 23 अगस्त ) प्रारम्भ*

*23 जून - श्री बल्लभाचार्य वैकुण्ठ-गमन, संत टेऊँरामजी जयंती*

*25 जून : रविवारी सप्तमी (सूर्योदय से रात्रि १२-२५ तक), विजया सप्तमी*

*29 जून - देवशयनी एकादशी, चातुर्मास (29 जून से 23 नवम्बर) प्रारम्भ*

*वास्तु शास्त्र*

*घर की रसोई हमेशा अग्नि कोण में हो, गैस चूल्हा भी अग्नि कोण (साऊथ ईस्ट) में, खाना पूर्व की ओर मुंह करके बनाएं, शैंक (बर्तन धोने वाला) हमेशा नार्थ ईस्ट (ईशान कोण) में रखें । शयन कक्ष या रसोई में रात को जूठे बर्तन मत छोड़ें । हमेशा धो-मांज कर रखें ।*

*मृतक की सद्गति के लिए*

*जिस किसी के घर में किसी की मृत्यु हो, तो वो चाहे विदेश में रहते हो तो उसकी हड्डियां हरिद्वार भेज न पाएँ लेकिन, आंवले के रस में उसकी हड्डियां धो लें, और वहीं किसी नदी में डाल दे तो दुबारा उस मृतक आत्मा का जन्म नहीं होगा, उसकी सद्गति होगी, ऐसा पुराणों में लिखा है ।*

आज का हिन्दू पंचांग - 01 जून(June) 2023

आज का हिन्दू पंचांग - 01 जून 2023

*दिनांक - 01 जून 2023*
*दिन - गुरुवार*
*विक्रम संवत् - 2080*
*शक संवत् - 1945*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - ग्रीष्म*
*मास - ज्येष्ठ*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - द्वादशी दोपहर 01:39 तक तत्पश्चात त्रयोदशी*
*नक्षत्र - चित्रा सुबह 06:48 तक तत्पश्चात स्वाती*
*योग - वरियान शाम 07:00 तक तत्पश्चात परिघ*
*राहु काल - दोपहर 02:18 से 03:49 तक*
*सूर्योदय - 05:54*
*सूर्यास्त - 07:21*
*दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:30 से 05:12 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:16 से 12:59 तक*
*व्रत पर्व विवरण - प्रदोष व्रत*
*विशेष - द्वादशी को पूतिका (पोई) एवं त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*द्वादशी को तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित है ।*

*निर्जला एकादशी व्रत तोड़ने की विधि:-*

* 01 जून को सुबह जल्दी उठकर स्नान करके अपना जप का नियम करके फिर सूर्य को लाल फूल डालकर अर्ध्य दें ।*

* 7 भुने हुए चने को बीच से तोड़कर कुल 14 टुकड़े हाथ मे लेकर खड़े हो जाये*

* (14 टुकड़ों को ) एक टुकड़ा आगे एक पीछे फेंकते जाएं, कि मेरे समस्त पाप संतापों का नाश हो, अंतःकरण शुद्ध हो ॐ ॐ ॐ*

* कुछ भुने हुए चने खा लें, जिससे जमा हुआ कफ चने के साथ शरीर से बाहर आ जाये ।*

* उसके बाद गुनगुने पानी मे नीबू की शिकंजी (सेंधा नमक भी अल्प मात्रा में डालें) बनाकर पियें*

* एक डेढ़ घण्टे बाद बहुत पतली मूँग (बगैर मिर्च मसाले के हल्दी-धनिया डालकर) अथवा मूंग का पानी एक चम्मच घी डालकर खाएं ।*

* 01 जून को पूरे दिन गुनगुना पानी ही पियें तो अच्छा होगा, कोई भी भारी चीज न खाएं, पूरा दिन मूँग ही खाएं तो अतिउत्तम होगा ।*

*धंधे में बरकत एवं घर के क्लेश मिटाने हेतु*

*घर में अगर कोई मुसीबत है, कोई चिंता है, कोई भूत-प्रेत का साया है, बेरोजगारी है अथवा  कुछ गड़बड़ है तो ताबीजों में, डोरे-धागों में और अला बाँधू, बला बाँधू.... भूत बाँधू  इन झाड़-फूँक करनेवालों के चक्कर में मत पड़ो । पानी सामने रखो और गुरुगीता का पाठ करके पानी में देखो, फिर 'ॐ गुरु, ॐ गुरु...' जप करके वह पानी घर में छिड़को और तुम पियो । इससे काम-धंधे में बरकत चाहिए तो बरकत होती है, घर के क्लेश मिटाने हैं उसमें भी लाभ होता है तथा तुम्हें और कोई विघ्न-बाधा है तो वह भी दूर होती है ।*
    *ऋषि प्रसाद - जून 2023*

*गुरुवार विशेष *

*हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में शुद्ध कच्चा दूध गाय का थोड़ा-सा ही डाले तो, उस घर में लक्ष्मी स्थायी होती है और गुरूवार को व्रत उपवास करके गुरु की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती है ।*

*गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की निम्न प्रकार से पूजा करें :*

*एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं ।*
 
*ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः ।*

* फिर उपरोक्त मंत्र बोलते हुए आम के वृक्ष की पांच परिक्रमा करें और गुरुभक्ति, गुरुप्रीति बढ़े ऐसी प्रार्थना करें । थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को डाल दें ।*

*( लोक कल्याण सेतु , अंक - ११६ )*

*गुरुवार को बाल कटवाने से लक्ष्मी और मान की हानि होती है ।*

*गुरुवार के दिन तेल मालिश हानि करती है । यदि निषिद्ध दिनों में मालिश करनी ही है तो ऋषियों ने उसकी भी व्यवस्था दी है । तेल में दूर्वा डाल के मालिश करें तो वह दोष चला जायेगा ।*

आज का हिन्दू पंचांग - 31 मई 2023

आज का हिन्दू पंचांग - 31 मई 2023

*दिनांक - 31 मई 2023*
*दिन - बुधवार*
*विक्रम संवत् - 2080*
*शक संवत् - 1945*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - ग्रीष्म*
*मास - ज्येष्ठ*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - एकादशी दोपहर 01:45 तक तत्पश्चात द्वादशी*
*नक्षत्र - हस्त सुबह 06:00 तक तत्पश्चात चित्रा*
*योग - व्यतिपात रात्रि 08:15 तक तत्पश्चात वरियान*
*राहु काल - दोपहर 12:37 से 02:18 तक*
*सूर्योदय - 05:54*
*सूर्यास्त - 07:21*
*दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:30 से 05:12 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:16 से 12:58 तक*
*व्रत पर्व विवरण - निर्जला-भीम एकादशी, गायत्री माता जयंती, रुक्मणी विवाह, विश्व तम्बाकू निषेध दिवस, व्यतिपात योग (रात्रि 08:15 तक)*
*विशेष - एकादशी को शिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*एकादशी तिथि में चावल खाना वर्जित है ।*

* निर्जला एकादशी - 31 मई 2023 *

*निर्जला एकादशी आसानी से कैसे करें ?🔸*

*सूर्योदय से पहले नींबू व मिश्री मिलाकर पानी पी लें तो प्यास कम लगेगी ।*

*अगर घर में देशी गाय का घी है तो सूर्योदय से पहले ही 25 से 50 ग्राम गुनगुने पानी के साथ ले लें । इससे भूख-प्यास की उग्रता कम होगी, व्रत करने में आसानी होगी ।*

*दोपहर या शाम के समय मुल्तानी मिट्टी शरीर पर लगाकर आधा या एक घण्टे रखकर स्नान करें तो प्यास नही सताएगी । मुल्तानी में अगर पलाश के पाउडर अथवा छाछ, नींबू मिला ले अथवा इसमे से कोई भी एक चीज मिला ले तो प्यास नहीं सताएगी ।*

*अनावश्यक घर से बाहर न जाए, भागदौड़ न करें जिससे पसीना न बहे । जितना कम पसीना बहेगा उतनी प्यास कम लगेगी, सम्भव हो तो मौन रखें, जप ध्यान करें, सत्संग सुनें, शास्त्र पढ़ें ।*

*एकादशी में क्या करें, क्या न करें ?*

*1. एकादशी को लकड़ी का दातुन तथा पेस्ट का उपयोग न करें । नींबू, जामुन या आम के पत्ते लेकर चबा लें और उँगली से कंठ शुद्ध कर लें । वृक्ष से पत्ता तोड़ना भी वर्जित है, अत: स्वयं गिरे हुए पत्ते का सेवन करें ।*

*2. स्नानादि कर के गीता पाठ करें, श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें ।*

*हर एकादशी को श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*
*राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे ।*
*सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने ।।*

*एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से श्री विष्णुसहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l*

*3. `ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का जप करना चाहिए ।*

*4. चोर, पाखण्डी और दुराचारी मनुष्य से बात नहीं करना चाहिए, यथा संभव मौन रहें ।*

*5. एकादशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए । इस दिन फलाहार अथवा घर में निकाला हुआ फल का रस अथवा दूध या जल पर रहना लाभदायक है ।*

*6. व्रत के (दशमी, एकादशी और द्वादशी) - इन तीन दिनों में काँसे के बर्तन, मांस, प्याज, लहसुन, मसूर, उड़द, चने, कोदो (एक प्रकार का धान), शाक, शहद, तेल और अत्यम्बुपान (अधिक जल का सेवन) - इनका सेवन न करें ।*

*7. फलाहारी को गोभी, गाजर, शलजम, पालक, कुलफा का साग इत्यादि सेवन नहीं करना चाहिए । आम, अंगूर, केला, बादाम, पिस्ता इत्यादि अमृत फलों का सेवन करना चाहिए ।*

*8. जुआ, निद्रा, पान, परायी निन्दा, चुगली, चोरी, हिंसा, मैथुन, क्रोध तथा झूठ, कपटादि अन्य कुकर्मों से नितान्त दूर रहना चाहिए ।*

*9. भूलवश किसी निन्दक से बात हो जाय तो इस दोष को दूर करने के लिए भगवान सूर्य के दर्शन तथा धूप-दीप से श्रीहरि की पूजा कर क्षमा माँग लेनी चाहिए ।*

*10. एकादशी के दिन घर में झाडू नहीं लगायें । इससे चींटी आदि सूक्ष्म जीवों की मृत्यु का भय रहता है ।*

*11. इस दिन बाल नहीं कटायें ।*

*12. इस दिन यथाशक्ति अन्नदान करें किन्तु स्वयं किसीका दिया हुआ अन्न कदापि ग्रहण न करें ।*

*13. एकादशी की रात में भगवान विष्णु के आगे जागरण करना चाहिए (जागरण रात्र 1 बजे तक) ।*

*14. जो श्रीहरि के समीप जागरण करते समय रात में दीपक जलाता है, उसका पुण्य सौ कल्पों में भी नष्ट नहीं होता है ।*

* इस विधि से व्रत करनेवाला उत्तम फल को प्राप्त करता है ।*

आज का हिन्दू पंचांग - 30 मई (May) 2023

आज का हिन्दू पंचांग - 30 मई 2023

*दिनांक - 30 मई 2023*
*दिन - मंगलवार*
*विक्रम संवत् - 2080*
*शक संवत् - 1945*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - ग्रीष्म*
*मास - ज्येष्ठ*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - दशमी दोपहर 01:07 तक तत्पश्चात एकादशी*
*नक्षत्र - हस्त पूर्ण रात्रि तक*
*योग - सिद्धि रात्रि 08:55 तक तत्पश्चात व्यतिपात*

*राहु काल - शाम 03:49 से 05:40 तक*
*सूर्योदय - 05:54*
*सूर्यास्त - 07:20*
*दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*ब्रह्ममुहूर्त - प्रातः 04:30 से 05:12 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:16 से 12:58 तक*
*व्रत पर्व विवरण - गंगा दशहरा समाप्त, व्यतिपात योग (रात्रि 08:55 से 31 मई रात्रि 08:15 तक)*

*विशेष - दशमी को कलंबी शाक त्याज्य है । एकादशी को शिम्बी (सेम) खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
*एकादशी तिथि में चावल खाना वर्जित है ।*

* गंगा दशहरा (समाप्त) - 30 मई 2023 *

* गंगा स्नान का फल *

* "जो मनुष्य आँवले के फल और तुलसीदल से मिश्रित जल से स्नान करता है, उसे गंगा स्नान का फल मिलता है ।" (पद्म पुराण , उत्तर खंड)*

*- लोक कल्याण सेतु - दिसंबर 2012*

*गंगा स्नान का *
*गंगा स्नान के लिए रोज हरिद्वार तो जा नहीं सकते, घर में ही गंगा स्नान का पुण्य पाने के लिए एक छोटा सा मन्त्र है..*

*ॐ ह्रीं गंगायै ॐ ह्रीं स्वाहा*

*ये मन्त्र बोलते हुए स्नान करें तो गंगा स्नान का लाभ होता है । गंगा दशहरा के दिन इसका लाभ जरुर लें...*

*व्यतिपात योग*

*समय अवधि : 30 मई रात्रि 08:55 से 31 मई रात्रि 08:15 तक*

*व्यतिपात योग में किया हुआ जप, तप, मौन, दान व ध्यान का फल १ लाख गुना होता है । - वराह पुराण*

*निर्जला एकादशी - 31 मई 2023 *

*एकादशी 30 मई दोपहर 01:07 से 31 मई दोपहर 01:45 तक ।*

*व्रत उपवास 31 मई बुधवार को रखा जायेगा ।*

*एकादशी व्रत के लाभ*

* एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।*

* जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*

* जो पुण्य गौ-दान, सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*

* एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं । इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*

*धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।*

* कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।*

* परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है । पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ । भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।*

आज का हिन्दू पंचांग - 29 मई (May) 2023 & माउंट एवरेस्ट दिवस

आज का हिन्दू पंचांग - 29 मई 2023


*दिनांक - 29 मई 2023*
*दिन - सोमवार *
*विक्रम संवत् - 2080*
*शक संवत् - 1945*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - ग्रीष्म*
*मास - ज्येष्ठ*
*पक्ष - शुक्ल नवमी *
*सुबह 11.49 बजे तक फिर दशमी तिथि*
*उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र
चंद्रमा- सिंह में सुबह 8.55 बजे तक फिर कन्या में,
सूर्य- वृष राशि
अभिजित मुहूर्त- सुबह 11.51 बजे से दोपहर 12.46 बजे तक
राहुकाल- सुबह 07.08 बजे से 08.52 बजे तक, दिशा शूल- पूर्व*

माउंट एवरेस्ट दिवस ( Mount Everest Day) - 29 मई

प्रतिवर्ष 29 मई को 'माउंट एवरेस्ट दिवस' का आयोजन किया जाता है।

29 मई, 1953 को न्यूज़ीलैंड के पर्वतारोही एडमंड हिलेरी (Edmund Hillary) और उनके तिब्बती गाइड तेनज़िंग नोर्गे (Tenzing Norgay) द्वारा पहली बार माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई की गई थी।

इस पर्वत को तिब्बत में 'चोमोलुंग्मा', नेपाल में 'सागरमाथा' तथा चीन में 'माउंट कोमोलंगमा' के नाम से जाना जाता है।

माउंट एवरेस्ट दिवस नेपाल के पर्वतीय पर्यटन को बढ़ावा देने का भी एक महत्त्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है।

नेपाल और तिब्बत (चीन का एक स्वायत्त क्षेत्र) के बीच स्थित तकरीबन 8,848 मीटर (29,035 फीट) ऊँचा माउंट एवरेस्ट हिमालय पर्वत शृंखला की एक चोटी है, जिसे पृथ्वी का सबसे ऊँचा बिंदु माना जाता है।

इसकी ऊँचाई 8,848 मीटर है, जो कि भारत के 'पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर' (PoK) में स्थित विश्व के दूसरे सबसे ऊँचे पर्वत के-2 (K-2) से 200 मीटर अधिक है।

वर्ष 2020 में नेपाल और चीन ने माउंट एवरेस्ट की संशोधित ऊँचाई 8,848.86 मीटर घोषित की है। नई ऊँचाई पिछली माप से 86 सेमी. अधिक है।

पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में स्थित K-2 पर्वत की आधिकारिक ऊँचाई 8,611 मीटर है। इस पर्वत का नाम भारत के पूर्व महासर्वेक्षक 'जॉर्ज एवरेस्ट' के नाम पर रखा गया था।

आज का हिन्दू पंचांग : 28 मई (May) 2023

आज का हिन्दू पंचांग : 28 मई 2023

*दिनांक - 28 मई 2023*
*दिन - रविवार*
*विक्रम संवत् - 2080*
*शक संवत् - 1945*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - ग्रीष्म*
*मास - ज्येष्ठ*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - अष्टमी सुबह 09:56 तक तत्पश्चात नवमी*
*नक्षत्र - पूर्वाफाल्गुनी रात्रि 02:20 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी*
*योग - हर्षण रात्रि 08:40 तक तत्पश्चात वज्र*
*राहु काल - शाम 05:39 से 07:19 तक*
*सूर्योदय - 05:55*
*सूर्यास्त - 07:19*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:30 से 05:12 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:16 से 12:58 तक*
*व्रत पर्व विवरण -*
*विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है । नवमी को लौकी खाना त्याज्य है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*काम धंधे में सफलता एवं राज योग के लिए🔹*

*28 मई 2023 रविवार को शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि है ।*

*अगर काम धंधा करते समय सफलता नहीं मिलती हो या विघ्न आते हों तो शुक्ल पक्ष की अष्टमी को बेल के कोमल कोमल पत्तों पर लाल चन्दन लगा कर माँ जगदम्बा को निम्न मंत्र बोलते हुए अर्पण करें ।*

*मंत्र :- "ॐ ह्रीं नमः । ॐ श्रीं नमः ।" और थोड़ी देर बैठ कर प्रार्थना और जप करने से राज योग बनता है । गुरु मंत्र का जप करें और कभी कभी ये प्रयोग करें ।*

* सुख समृद्धि और सौभाग्य की बढ़ोत्तरी के लिए*

* जेष्ट मास में सुहागन देवियों के लिए "उमा ब्रह्मणि व्रत" करने का विधान है । भविष्‍योत्‍तर पुराण के अनुसार ज्‍येष्ठ शुक्ल नवमी (29 मई 2023) को हो सके तो आसपास कन्याएं - बेटियां छोटी - छोटी हो तो उनको दूध और चावल की खीर का भोजन करायें । खुद भी खायें और माँ पार्वती के नाम का थोड़ा जप कर दें ये मंत्र बोल कर ।*
* ॐ पार्वत्‍यै नमः*
* ॐ शंकरप्रियायै नमः*
* ॐ गौरियै नमः*
* ॐ उमायै नमः*

*ये बोल कर माँ पार्वती को प्रणाम करें तो उस सुहागन देवी के घर में सुख समृद्धि और सौभाग्य की बढ़ोत्तरी होती है ।*

* रविवार विशेष*

* रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

* रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*

* रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*

* रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।*

* रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।*

*स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।*

*रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।*

* रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित है ।*

आज का हिन्दू पंचांग - 27 मई 2023

आज का हिन्दू पंचांग  - 27 मई 2023

*दिनांक - 27 मई 2023*
*दिन - शनिवार*
*विक्रम संवत् - 2080*
*शक संवत् - 1945*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - ग्रीष्म*
*मास - ज्येष्ठ*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - सप्तमी सुबह 07:42 तक तत्पश्चात अष्टमी*
*नक्षत्र - मघा रात्रि 11:43 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी*
*योग - व्याघात शाम रात्रि 07:58 तक तत्पश्चात हर्षण*
*राहु काल - सुबह 09:16 से 10:56 तक*
*सूर्योदय - 05:55*
*सूर्यास्त - 07:19*
*दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:30 से 05:12 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:16 से 12:58 तक*
*व्रत पर्व विवरण -*
*विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाया जाय तो वह रोग बढ़ानेवाला तथा शरीर का नाशक होता है । अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*नींबू रस के चौकानेवाले फायदे :*

*शरीर में अम्लता (खटाई) के कारण जो विष उत्पन्न होता है उसे नींबू में स्थित पोटेशियम अम्ल नष्ट करता है I*

*नींबू में स्थित विटामिन सी शरीर की रोगप्रतिकारक शक्ति को बढ़ाता है और स्कर्वी रोग में उपयोगी है I नींबू ह्रदय को स्वस्थ रखता है I*

*विपरीत आहार विहार के कारण शरीर में "यूरिक एसिड" बनता है, उसका नाश करने के लिए प्रात: खाली पेट गर्म पानी में नींबू का रस लेना चाहिए I*

*कब्ज, पेशाब में जलन, मन्दाग्नि, रक्तविकार, यकृत की शुद्धि, अजीर्ण, संग्रहणी, आदि रोगों में लाभकारी है I*

*गर्म पानी में नींबू का रस एवं शहद मिलाकर लेने से सर्दी और इन्फ्लूएंजा आदि में पूरी राहत मिलती है I*

*सावधानी : कफ, खाँसी, दमा, सिरदर्द और शरीर में दर्द के स्थाई रोगियों को नींबू का सेवन नहीं करना चाहिए I*

* - लोक कल्याण सेतु - मार्च से अप्रैल 2001*

*भारतीय संस्कृति के आधारभूत तथ्य*

*ग्यारह*

*एकादश रुद्र :*
*कपाली पिंगलो भीमो विरूपाक्षो विलोहितः ।* *अजकः शासनः शास्ता शम्भुश्चण्डो भवस्तथा ॥* *कपाली, पिंगल, भीम, विरूपाक्ष, विलोहित, अजक, शासन, शास्ता, शम्भु, चण्ड और भवः ।*

*बारह🔹*
*बारहखड़ी : देवनागरी वर्णमाला के १२ स्वर अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अः ।*

*बारह आदित्य : धाता, मित्र, अर्यमा, शक्र, वरुण, अंशु, भग, विवस्वान्, पूषा, सविता, त्वष्टा और विष्णु ।*

*बारह मास : चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक, मार्गशीर्ष, पौष, माघ और फाल्गुन ।*

*द्वादश ज्योतिर्लिंग सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर (महाकाल), ओंकारेश्वर (अमरेश्वर), केदारनाथ (केदार), भीमशंकर, विश्वनाथ, त्र्यम्बकेश्वर, वैद्यनाथ, रामेश्वर व घुश्मेश्वर ।*

*द्वादश मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुम्भ और मीन ।*

*ऋषिप्रसाद - जनवरी 2012*

* शनिवार के दिन विशेष प्रयोग *

*शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)*

* हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)*

*आर्थिक कष्ट निवारण हेतु🔹*

*एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।*
*📖 ऋषि प्रसाद - मई 2018 से*

आज का हिन्दू पंचांग - 26 मई 2023

आज का हिन्दू पंचांग - 26 मई 2023

*दिनांक - 26 मई 2023*
*दिन - शुक्रवार*
*विक्रम संवत् - 2080*
*शक संवत् - 1945*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - ग्रीष्म*
*मास - ज्येष्ठ*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - सप्तमी (वृद्धि तिथि) पूर्ण रात्रि तक*
*नक्षत्र - अश्लेषा रात्रि 08:50 तक तत्पश्चात मघा*
*योग - ध्रुव शाम 07:04 तक तत्पश्चात व्याघात*
*राहु काल - सुबह 10:56 से 12:37 तक*
*सूर्योदय - 05:55*
*सूर्यास्त - 07:18*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:30 से 05:13 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:15 से 12:58 तक*
*व्रत पर्व विवरण -*
*विशेष -सप्तमी को ताड़ का फल खाया जाय तो वह रोग बढ़ानेवाला तथा शरीर का नाशक होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*तिलक का महत्त्व*

*ललाट पर दोनों भौंहों के बीच विचारशक्ति का केन्द्र है । योगी इसे आज्ञाचक्र कहते हैं । इसे शिवनेत्र अर्थात् कल्याणकारी विचारों का केन्द्र कहा जाता है ।*

*दोनों भौहों के बीच ललाट पर चंदन या सिंदूर आदि का तिलक आज्ञाचक्र और उसके नजदीक की पीनियल और पीयूष ग्रंथियों को पोषण देता है । यह बुद्धिबल व सत्त्वबलवर्धक है तथा विचारशक्ति को भी विकसित करता है । अतः तिलक लगाना आध्यात्मिक तथा वैज्ञानिक, दोनों दृष्टिकोणों से बहुत लाभदायक है । इसलिए हिन्दू धर्म में कोई भी शुभ कार्य करते समय ललाट पर तिलक लगाते हैं ।*

*अधिकांश स्त्रियों का मन स्वाधिष्ठान और मणिपुर केन्द्र में ही रहता है । इन केन्द्रों में भय, भाव और कल्पना की अधिकता होती है । वे भावनाओं और कल्पनाओं में न बह जायें, उनका शिवनेत्र, विचारशक्ति का केन्द्र विकसित हो, इस उद्देश्य से ऋषियों ने स्त्रियों के लिए तिलक लगाने का विधान रखा है ।*

*चंदन, सिंदूर के तिलक से जो फायदा होता है, वह आजकल की केमिकल युक्त बिंदियों से नहीं होता ।*

*ललाट पर प्लास्टिक की बिंदी चिपकाना हानिकारक है, इसे दूर से ही त्याग दें ।*

*तुलसी या पीपल की जड़ की मिट्टी अथवा गाय के खुर की मिट्टी पुण्यदायी, कार्यसाफल्यदायी व सात्त्विक होती है। उसका या हल्दी या चंदन का अथवा हल्दी-चंदन के मिश्रण का तिलक हितकारी है ।*

*भाइयों को भी तिलक करना चाहिए । इससे आज्ञाचक्र (जिसे वैज्ञानिक पीनियल ग्रंथि कहते हैं) का विकास होता है और निर्णयशक्ति बढ़ती है ।*

*गर्मी में विशेष लाभकारी - पुदीना*

*पुदीना गर्मियों में विशेष उपयोगी एक सुगंधित औषध है। यह रुचिकर, पचने में हलका, तीक्ष्ण, हृदय - उत्तेजक, विकृत कफ को बाहर लानेवाला, गर्भाशय व चित्त को प्रसन्न करनेवाला है । पुदीने के सेवन से भूख खुलकर लगती है और वायु का शमन होता है । यह पेट के विकारों में विशेष लाभकारी है। श्वास, मूत्राल्पता तथा त्वचा के रोगों में भी यह उपयुक्त है ।*

*औषधि-प्रयोग*

*पेट के रोग : अजीर्ण, अरुचि, मंदाग्नि, अफरा, पेचिश, पेट में मरोड़, अतिसार, उलटियाँ, खट्टी डकारें आदि में पुदीने के रस में जीरे का चूर्ण व आधे नींबू का रस मिलाकर पीने से लाभ होता है ।*

*मासिक धर्म : पुदीने को उबालकर पीने से मासिक धर्म की पीड़ा तथा अल्प मासिक स्राव में लाभ होता है । अधिक मासिक स्राव में यह प्रयोग न करें ।*

*गर्मियों में : गर्मी के कारण व्याकुलता बढ़ने पर एक गिलास ठंडे पानी में पुदीने का रस तथा मिश्री मिलाकर पीने से शीतलता आती है ।*

*पाचक चटनी : ताजा पुदीना, काली मिर्च, अदरक, सेंधा नमक, काली द्राक्ष और जीरा- इन सबकी चटनी बनाकर उसमें नींबू का रस निचोड़कर खाने से रुचि उत्पन्न होती है, वायु दूर होकर पाचनशक्ति तेज होती है । पेट के अन्य रोगों में भी लाभकारी है ।*

*उलटी-दस्त, हैजा : पुदीने के रस में नींबू का अदरक का रस एवं शहद मिलाकर पिलाने से लाभ होता है ।*

*सिरदर्द : पुदीना पीसकर ललाट पर लेप करें तथा पुदीने का शरबत पियें ।*

*ज्वर आदि गर्मी में जुकाम, खाँसी व ज्वर होने पर पुदीना के पीने से लाभ होता है ।*

*नकसीर : नाक में पुदीने के रस की ३ बूँद डालने से रक्तस्राव बंद हो जाता है ।*

*मूत्र- अवरोध पुदीने के पत्ते और मिश्री पीसकर १ गिलास ठंडे पानी में मिलाकर पियें ।*

*गर्मी की फुंसियाँ : समान मात्रा में सूखा पुदीना एवं मिश्री पीसकर रख लें । रोज प्रातः आधा गिलास पानी में ४ चम्मच मिलाकर पियें ।*

*हिचकी : पुदीने या नींबू के रस सेवन से राहत मिलती है ।*

*मात्रा : रस ५ से २० मि.ली. । अर्क - १० से २० मि.ली. (उपरोक्त प्रयोगों पुदीना रस की जगह अर्क का भी उपयोग किया जा सकता है) । पत्तों का चूर्ण - २ से ४ ग्राम (चूर्ण बनाने के लिए पत्तों को छाया में सुखाना चाहिए)।*

आज का हिन्दू पंचांग - 25 मई 2023

आज का हिन्दू पंचांग - 25 मई 2023

*दिनांक - 25 मई 2023*
*दिन - गुरुवार*
*विक्रम संवत् - 2080*
*शक संवत् - 1945*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - ग्रीष्म*
*मास - ज्येष्ठ*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - षष्ठी 26 मई प्रातः 05:19 तक तत्पश्चात सप्तमी*
*नक्षत्र - पुष्य शाम 05:54 तक तत्पश्चात अश्लेषा*
*योग - वॄद्धि शाम 06:08 तक तत्पश्चात ध्रुव*
*राहु काल - दोपहर 02:17 से 03:57 तक*
*सूर्योदय - 05:55*
*सूर्यास्त - 07:18*
*दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:30 से 05:13 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:15 से 12:58 तक*
*व्रत पर्व विवरण - स्कंद षष्ठी, अरण्य षष्ठी, संत टेऊँरामजी पुण्यतिथि, महारानी लक्ष्मीबाई बलिदान दिवस (झाँसी), गुरुपुष्यामृत योग (सूर्योदय से शाम ५-५४ तक)*
*विशेष -षष्ठी को नीम की पत्ती, फल या दातुन मुँह में डालने से नीच योनियों की प्राप्ति होती है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

* 25 मई 2023 : गुरुपुष्यामृत योग *

*🔹पुण्य काल - 25 मई सूर्योदय से शाम 05:54 तक*

* पुष्य नक्षत्र का गुरुवार से योग होने पर वह अति दुर्लभ 'गुरुपुष्यामृत योग' कहलाता है ।*

* गुरुपुष्यामृत योग व्यापारिक कार्यों के लिए तो विशेष लाभदायी माना गया है ।*

*गुरुपुष्यामृत योग में किया गया जप, ध्यान, दान, पुण्य महाफलदायी होता है ।*

*गुरुपुष्यामृत योग में विद्या एवं धार्मिक अनुष्ठान प्रारम्भ करना, आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करना शुभ होता है ।*

*गुरुपुष्यामृत योग में विवाह व उससे संबंधित सभी मांगलिक कार्य वर्जित है ।*

*कैसे बदले दुर्भाग्य को सौभाग्य में🔹*

* बरगद के पत्ते पर गुरुपुष्य या रविपुष्य योग में हल्दी से स्वस्तिक बनाकर घर में रखें ।*
*-लोक कल्याण सेतु – जून २०१४ से*

*गुरुवार विशेष 🔹*

*हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में शुद्ध कच्चा दूध गाय का थोड़ा-सा ही डाले तो, उस घर में लक्ष्मी स्थायी होती है और गुरूवार को व्रत उपवास करके गुरु की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती है ।*

*गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की निम्न प्रकार से पूजा करें :*

*एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं ।*
 
*ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः ।*
* फिर उपरोक्त मंत्र बोलते हुए आम के वृक्ष की पांच परिक्रमा करें और गुरुभक्ति, गुरुप्रीति बढ़े ऐसी प्रार्थना करें । थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को डाल दें ।*

*( लोक कल्याण सेतु , अंक - ११६ )*

*गुरुवार को बाल कटवाने से लक्ष्मी और मान की हानि होती है ।*

*गुरुवार के दिन तेल मालिश हानि करती है । यदि निषिद्ध दिनों में मालिश करनी ही है तो ऋषियों ने उसकी भी व्यवस्था दी है । तेल में दूर्वा डाल के मालिश करें तो वह दोष चला जायेगा ।*

आज का हिन्दू पंचांग - 24 मई 2023

आज का हिन्दू पंचांग - 24 मई 2023

*दिनांक - 24 मई 2023*
*दिन - बुधवार*
*विक्रम संवत् - 2080*
*शक संवत् - 1945*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - ग्रीष्म*
*मास - ज्येष्ठ*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - पंचमी 25 मई प्रातः 03:00 तक तत्पश्चात षष्ठी*
*नक्षत्र - पुनर्वसु दोपहर 03:06 तक तत्पश्चात पुष्य*
*योग - गण्ड शाम 05:20 तक तत्पश्चात वॄद्धि*
*राहु काल - दोपहर 12:37 से 02:17 तक*
*सूर्योदय - 05:56*
*सूर्यास्त - 07:18*
*दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:30 से 05:13 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:15 से 12:58 तक*
*व्रत पर्व विवरण - महादेव विवाह (ओडिशा)*
*विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*विद्यालाभ व अद्भुत विद्वत्ता की प्राप्ति हेतु*

* विद्यालाभ के लिए मंत्र : ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं वाग्वादिनि सरस्वति मम जिह्वाग्रे वद वद ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं नमः स्वाहा ।'*

*विधि : जिन राज्यों में पूर्णिमा को माह का अंत माना जाता है वहाँ यह मंत्र ६ जून को रात्रि ११:१३ से रात्रि ११:४५ तक १०८ बार जप लें और फिर मंत्रजप के बाद रात्रि ११-३० से १२ बजे के बीच जीभ पर लाल चंदन से 'ह्रीं' मंत्र लिख दें । अथवा ७ जून को प्रातः ३ से रात्रि ९:०२ बजे तक १०८ बार मंत्र जप लें और रात्रि ११ से १२ बजे के बीच जीभ पर लाल चंदन से 'ह्रीं' मंत्र लिख दें ।*

*महाराष्ट्र, गुजरात आदि जहाँ अमावस्या को माह का अंत माना जाता है वहाँ ४ जुलाई को सुबह ८:२५ से रात्रि ११:४५ बजे तक १०८ बार मंत्र जप लें और रात्रि ११ से १२ बजे के बीच जीभ पर लाल चंदन 'ह्रीं' मंत्र लिख दें ।*

*जिसकी जीभ पर यह मंत्र इस विधि से लिखा जायेगा उसे विद्यालाभ व अद्भुत विद्वत्ता की प्राप्ति होगी ।*

*रिटायर लाइफ में सुखी रहने के लिए मुख्य बिन्दु*

* १. बिना मांगे सलाह न दें ।*
* २. कम बोलें, मौन रहें ।*
* 3. सहनशीलता बढ़ाएं ।*
* ४. निक्कमे न रहें, कुछ न कुछ काम में व्यस्त रहें ।*

   

आज का हिन्दू पंचांग - 23 मई 2023

आज का हिन्दू पंचांग - 23 मई 2023

*दिनांक - 23मई 2023*
दिन        मंगलवार 
तिथि - शुक्ल चतुर्थी
नक्षत्र    पुनर्वसु
करण   विष्टि
पक्ष   शुक्ल पक्ष
योग गंड till 41:19:19
दिन        मंगलवार 

सूर्य एवं चन्द्र गणना
सूर्योदय - सूर्यास्त       5:27:30 -19:0:46
चंद्र उदय - चन्द्रास्त    8:9:35 - 22:37:21
चंद्र राशि     मिथुन
ऋतु              ग्रीष्म

हिन्दू मास एवं वर्ष
शक संवत्          1945
विक्रम संवत्       2080
माह-अमान्ता        ज्येष्ठ
माह-पुर्निमान्ता     ज्येष्ठ
अशुभ मुहूर्त
राहु कालं          5:37:27 to 17:19:06
यंमघन्त कालं    08:50:49 to 10:32:28
गुलिकालं     12:14:08 to 13:55:47

शुभ मुहूर्त
अभिजीत मुहूर्त  11:47 to 12:41

आज का हिन्दू पंचांग - 22 मई 2023

आज का हिन्दू पंचांग - 22 मई 2023
*दिनांक - 22 मई 2023*
*दिन - सोमवार*
*विक्रम संवत् - 2080*
*शक संवत् - 1945*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - ग्रीष्म*
*मास - ज्येष्ठ*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - तृतीया रात्रि 11:18 तक तत्पश्चात चतुर्थी*
*नक्षत्र - मृगशिरा सुबह 10:37 तक तत्पश्चात आर्द्रा*
*योग - धृति शाम 04:34 तक तत्पश्चात शूल*
*राहु काल - सुबह 07:36 से 09:16 तक*
*सूर्योदय - 05:56*
*सूर्यास्त - 07:17*
*दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:14 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:15 से 12:58 तक*
*व्रत पर्व विवरण - रम्भा तृतीया, महाराणा प्रताप जयंती, वीर छत्रसाल जयंती*
*विशेष - तृतीया को परवल खाना शत्रुओं की वृद्धि करने वाला है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*गर्मी के प्रभाव से सुरक्षा हेतु – प्रकृति के उपहार*

*नारियल पानी :-  नारियल का पानी पित्तशामक, स्वादिष्ट, स्निग्ध और ताजगी प्रदान करनेवाला है । यह प्यास को शांत कर ग्रीष्म ऋतू की उष्णता से सुरक्षा करता है । अत: गर्मियों में नारियल पानी का सेवन विशेष लाभदायी हैं ।*

*लू लगने पर नारियल पानी के साथ काला जीरा पीस के शरीर पर लेप करने से लाभ होता है ।*

*प्रतिदिन नारियल खाने व नारियल पानी पीने से शारीरिक शक्ति का विकास होता है, वीर्य की तेजी से वृद्धि होती है । ( अष्टमी को नारियल न खायें । )*

*मूत्र में जलन होने पर पिसा हरा धनिया तथा मिश्री नारियल पानी में मिला के पीने से जलन दूर होती है ।*

*खीरा : -  खीरा शरीर को शीतलता प्रदान करता है । इसमें बड़ी मात्रा में पानी और खनिज तत्त्व पाये जाते हैं ।*
*अत: इसके सेवन से शरीर में खनिज तत्त्वों का संतुलन बना रहता हैं । यह मूत्र की जलन शांत करता है एवं यकृत ( लीवर ) के लिए भी हितकारी है । खीरा भूख बढाने के साथ ही आँतों को सक्रिय करता हैं ।*

* अधिक पढने – लिखने, चित्रकला, संगणक व सिलाई का काम करने से आँखों में थकावट होने पर खीरे के दुकड़े काटकर आँखों पर रखें । इससे उनको आराम मिलता है तथा थकावट दूर होती है ।*

*नींबू  और खीरे का रस मिलाकर लगाने से धूप से झुलसी हुई त्वचा ठीक होती है ।*

*तरबूज : ग्रीष्म ऋतू में प्यास की अधिकता से मुक्ति दिलाता है तरबूज । इसके सेवन से शरीर में लू का प्रकोप कम होता है और बेचैनी से रक्षा होती है ।*

* तरबूज के रस में सेंधा नमक और नींबू का रस मिलाकर पीने से लू से सुरक्षा होती है ।*

* गर्मी के प्रकोप से मूत्रावरोध होने पर तरबूज का रस पिलाने से मूत्र शीघ्र निष्कासित होता है ।*

* तरबूज के छोटे – छोटे टुकड़ों पर थोडा – सा  जीरा चूर्ण और मिश्री डाल के सेवन करने से शरीर की उष्णता दूर होती है ।*

*धनिया : - धनिया ग्रीष्म ऋतू में अधिक प्यास के प्रकोप को शांत करता है ।*

*१० ग्राम सूखा धनिया व ५ ग्राम आँवला चूर्ण रात को मिटटी के पात्र में  १ गिलास पानी में भिगो दें । प्रात: मसलकर मिश्री मिला के छान के पियें । यह गर्मी के कारण होनेवाले सिरदर्द व मूँह के छालों में हितकर हैं । धनिया पीसकर सिर पर लेप करने से भी आशातीत लाभ होगा । इससे पेशाब की जलन, गर्मी के कारण चक्कर आना तथा उलटी होना आदि समस्याएँ दूर होती हैं ।*

*📖स्त्रोत – लोककल्याण सेतु – अप्रैल  २०१६ से*

* सोमवार विशेष *

*कार्यों में सफलता-प्राप्ति हेतु*

*जो व्यक्ति बार-बार प्रयत्नों के बावजूद सफलता प्राप्त न कर पा रहा हो अथवा सफलता-प्राप्ति के प्रति पूर्णतया निराश हो चुका हो, उसे प्रत्येक सोमवार को पीपल वृक्ष के नीचे सायंकाल के समय एक दीपक जला के उस वृक्ष की ५ परिक्रमा करनी चाहिए । इस प्रयोग को कुछ ही दिनों तक सम्पन्न करनेवाले को उसके कार्यों में धीरे-धीरे सफलता प्राप्त होने लगती है ।*

*ऋषिप्रसाद – जनवरी २०२१ से*

*सोमवार को बाल कटवाने से शिवभक्ति की हानि होती है ।*

*सोमवार को तथा दोपहर के बाद बिल्वपत्र न तोड़ें ।

आज का हिन्दू पंचांग - 21 मई 2023

आज का हिन्दू पंचांग - 21 मई 2023

*दिनांक - 21 मई 2023*
*दिन - रविवार*
*विक्रम संवत् - 2080*
*शक संवत् - 1945*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - ग्रीष्म*
*मास - ज्येष्ठ*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - द्वितीया रात्रि 10:09 तक तत्पश्चात तृतीया*
*नक्षत्र - रोहिणी सुबह 09:05 तक तत्पश्चात मृगशिरा*
*योग - सुकर्मा शाम 05:44 तक तत्पश्चात धृति*
*राहु काल - शाम 05:36 से 07:16 तक*
*सूर्योदय - 05:57*
*सूर्यास्त - 07:16*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:14 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:15 से 12:58 तक*
*व्रत पर्व विवरण -*
*विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*धन व विद्या प्रदायक मंत्र*

*श्रीहरि भगवान सदाशिव से कहते हैं : "हे रूद्र ! भगवान श्री गणेश का यह मंत्र 'ॐ गं गणपतये नम: ।' धन और विद्या प्रदान करनेवाला है । १०० बार इसका जप करनेवाला प्राणी अन्य लोगों का प्रिय बन जाता है ।"  (गरुड़ पुराण, आचार कांड, अध्याय:१८५ )*

*वह अन्य लोगों का प्रिय तो होगा किंतु ईश्वर का प्रिय होने के लिए जपे तो कितना अच्छा !*

*ऋषि प्रसाद – मार्च २०२०*

*गौमाता रोग-दोष निवारिणी*

*कमजोर बच्चों के लिए : अत्यधिक निर्बल, रोगी तथा सूखाग्रस्त बच्चों को गाय के थन से सीधे ही धार बच्चे के मुँह में डालें । प्रतिदिन दो-चार धार बच्चे के मुँह में डालने से बच्चे का स्वास्थ्य धीरे-धीरे ठीक होने लगेगा ।*

*निर्बल तथा रोगी व्यक्तियों को गाय के धारोष्ण दूध (तुरंत निकाला गया दूध) का झाग चाट चाटकर धीरे-धीरे पीना चाहिए । इस प्रकार मात्र २० मिलिलिटर दूध पीने से ही एक लिटर दूध के बराबर लाभ मिलता है ।*

*चक्कर आना तथा प्यास लगना : गोदुग्ध चक्कर आना, अधिक प्यास लगना, पुराना ज्वर, रक्त विकार आदि तकलीफों को दूर करता है तथा क्रोध को शांत करता है ।*

*आँख में चमक लगना या गर्मी के कारण आँख लाल होना : वैल्डिंग की चमक से या गर्मी के दिनों में तेज धूप से कभी-कभी आँखों में चमक लग जाती है, आँखें लाल हो जाती हैं तथा दर्द करने लगती हैं । इसके निवारण के लिए गाय के दूध में फिटकरी डालकर उसे उबालें ताकि दूध फट जाय । फटे दूध का छैना साफ-स्वच्छ रूई के फाहे पर रख लें । उस छैने को फाहेसहित आँखों पर बाँधकर आराम से लेट जायें । आँखें बहुत जल्दी ठीक हो जाएँगी ।*

*दुग्ध वर्जित : बासी दूध, ठंडा, खट्टा, दुर्गंधयुक्त, फटा, खराब रंग का दूध नहीं पीना चाहिए । कफ, खाँसी, अतिसार, श्वास और गैस के रोगी दूध का प्रयोग न करें । अगर करें तो बताई गई विधि और दवा के साथ ही प्रयोग करें ।*

* रविवार विशेष*

*रविवार के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

* रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)*

* रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)*

* रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।*

*रविवार को आँवले का सेवन नहीं करना चाहिए ।*

* स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।*

*रविवार के दिन पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।*

* रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना वर्जित है ।*

आज का हिन्दू पंचांग - 20 मई 2023

आज का हिन्दू पंचांग - 20 मई 2023

*दिनांक - 20 मई 2023*
*दिन - शनिवार*
*विक्रम संवत् - 2080*
*शक संवत् - 1945*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - ग्रीष्म*
*मास - ज्येष्ठ*
*पक्ष - शुक्ल*
*तिथि - प्रतिपदा रात्रि 09:30 तक तत्पश्चात द्वितीया*
*नक्षत्र - कृतिका सुबह 08:03 तक तत्पश्चात रोहिणी*
*योग - अतिगण्ड शाम 05:18 तक तत्पश्चात सुकर्मा*
*राहु काल - सुबह 09:17 से 10:56 तक*
*सूर्योदय - 05:57*
*सूर्यास्त - 07:16*
*दिशा शूल - पूर्व दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:31 से 05:14 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:15 से 12:57 तक*
*व्रत पर्व विवरण - गंगा दशहरा प्रारंभ, चन्द्र-दर्शन (शाम 07:16 से 08:03 तक)*
*विशेष - प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा, पेठा) न खाये, क्योंकि यह धन का नाश करने वाला है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

*गंगा दशहरा प्रारंभ - 20 मई 2023*

* जो गंगास्नान न कर पायें, वे 3 ढक्कन गंगाजल बाल्टी में डालकर गंगाजी की भावना करते हुए स्नान करें और शाम को गंगाजी के निमित्त दीपदान करें ।*

* गंगा स्नान का फल *

* "जो मनुष्य आँवले के फल और तुलसीदल से मिश्रित जल से स्नान करता है, उसे गंगा स्नान का फल मिलता है ।" (पद्म पुराण , उत्तर खंड)*

*- लोक कल्याण सेतु - दिसंबर 2012*

*गंगा स्नान का मंत्र*

*गंगा स्नान के लिए रोज हरिद्वार तो जा नहीं सकते, घर में ही गंगा स्नान का पुण्य पाने के लिए एक छोटा सा मन्त्र है..*

*ॐ ह्रीं गंगायै ॐ ह्रीं स्वाहा*

*ये मन्त्र बोलते हुए स्नान करें तो गंगा स्नान का लाभ होता है । गंगा दशहरा के दिन इसका लाभ जरुर लें...*

* गंगाजी का मूल मंत्र *

* वेद व्यासजी कहते थे कि गंगाजी का एक गोपनीय मंत्र है । और वो गंगाजी का मूल मंत्र एक बार भी जप करो तो तुम निष्पाप होने लगोगे ।*

*गंगाजी का मंत्र - ॐ नमो गंगायै विश्वरुपिणी नारायणी नमो नम: ।*

* जीभ तालू में लगाओ और मन में खाली एक बार बोलो । एक बार जपने से आप का मन पवित्र हो जायेगा । गंगा मैया !! आप विश्वरुपिनी हो, नर नारायण स्वरूपी हो, गंगामाई तुमको नमस्कार !!*

* शनिवार के दिन विशेष प्रयोग *

* शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)*

* हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)*

*आर्थिक कष्ट निवारण हेतु*

*एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।*

* ऋषि प्रसाद - मई 2018 से*

*अकाल मृत्यु व घर में बार बार मृत्यु होने पर🔹*

*जिसे मौत का भय होता है या घर में मौतें बार-बार होती हों, तो शनिवार को "ॐ नमः शिवाय" का जप करें और पीपल को दोनों हाथों से स्पर्श करें । खाली १०८ बार जप करें तो दीर्घायुष्य का धनी होगा । अकाल मृत्यु व एक्सिडेंट आदि नहीं होगा । ऐसा १० शनिवार या २५ शनिवार करें, नहीं तो कम से कम ७ शनिवार तो जरूर करें ।*

आज का हिन्दू पंचांग - 19 मई 2023

आज का हिन्दू पंचांग  - 19 मई 2023

*दिनांक - 19 मई 2023*
*दिन - शुक्रवार*
*विक्रम संवत् - 2080*
*शक संवत् - 1945*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - ग्रीष्म*
*मास - ज्येष्ठ (गुजरात एवं महाराष्ट्र में वैशाख)*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - अमावस्या रात्रि 09:22 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
*नक्षत्र - भरणी सुबह 07:29 तक तत्पश्चात कृतिका*
*योग - शोभन शाम 06:17 तक तत्पश्चात अतिगण्ड*
*राहु काल - सुबह 10:58 से 12:36 तक*
*सूर्योदय - 05:57*
*सूर्यास्त - 07:15*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:32 से 05:14 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:15 से 12:57 तक*
*व्रत पर्व विवरण - वटसावित्री व्रत (अमावस्यांत), ज्येष्ठ अमावस्या, शनैश्चर जयंती*
*विशेष - अमावस्या के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

*वटसावित्री व्रत - 19 मई 2023 *

* व्रत-विधि : इसमें वटवृक्ष की पूजा की जाती है । विशेषकर सौभाग्यवती महिलाएँ श्रद्धा के साथ ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी से पूर्णिमा तक अथवा कृष्ण त्रयोदशी से अमावास्या तक तीनों दिन अथवा मात्र अंतिम दिन व्रत-उपवास रखती हैं । यह कल्याणकारक व्रत विधवा, सधवा, बालिका, वृद्धा, सपुत्रा, अपुत्रा सभी स्त्रियों को करना चाहिए ऐसा 'स्कंद पुराण' में आता है ।*

* प्रथम दिन संकल्प करें कि 'मैं मेरे पति और पुत्रों की आयु, आरोग्य व सम्पत्ति की प्राप्ति के लिए एवं जन्म-जन्म में सौभाग्य की प्राप्ति के लिए वट-सावित्री व्रत करती हूँ ।'*

* वट के समीप भगवान ब्रह्माजी, उनकी अर्धांगिनी सावित्री देवी तथा सत्यवान व सती सावित्री के साथ यमराज का पूजन कर 'नमो वैवस्वताय' इस मंत्र को जपते हुए वट की परिक्रमा करें । इस समय वट को 108 बार या यथाशक्ति सूत का धागा लपेटें । फिर निम्न मंत्र से सावित्री को अर्घ्य दें ।*

*अवैधव्यं च सौभाग्यं देहि त्वं मम सुव्रते ।* *पुत्रान् पौत्रांश्च सौख्यं च गृहाणार्घ्यं नमोऽस्तु ते ।।*

* निम्न श्लोक से वटवृक्ष की प्रार्थना कर गंध, फूल, अक्षत से उसका पूजन करें ।*

*वट सिंचामि ते मूलं सलिलैरमृतोपमैः । यथा शाखाप्रशाखाभिर्वृद्धोऽसि त्वं महीतले ।*
*तथा पुत्रैश्च पौत्रैश्च सम्पन्नं कुरु मां सदा ।।*
*📖 ऋषि प्रसाद - जून 20087*

*ज्येष्ठ अमावस्या - 19 मई 2023*

*🔸18 मई रात्रि 09:42 से 19 मई रात्रि 09:22 तक अमावस्या है ।*

*अमावस्या विशेष*

*1. जो व्यक्ति अमावस्या को दूसरे का अन्न खाता है उसका महीने भर का किया हुआ पुण्य दूसरे को (अन्नदाता को) मिल जाता है ।*
*(स्कंद पुराण, प्रभास खं. 207.11.13)*

*2. अमावस्या के दिन पेड़-पौधों से फूल-पत्ते, तिनके आदि नहीं तोड़ने चाहिए, इससे ब्रह्महत्या का पाप लगता है ! (विष्णु पुराण)*

*4. अमावस्या के दिन खेती का काम न करें, न मजदूर से करवाएं ।*

*5. अमावस्या के दिन श्रीमद्भगवद्गीता का सातवाँ अध्याय पढ़ें और उस पाठ का पुण्य अपने पितरों को अर्पण करें । सूर्य को अर्घ्य दें और प्रार्थना करें । आज जो मैंने पाठ किया मेरे घर में जो गुजर गए हैं, उनको उसका पुण्य मिल जाए । इससे उनका आर्शीवाद हमें मिलेगा और घर में सुख-सम्पत्ति बढ़ेगी ।*

आज का हिन्दू पंचांग - 18 मई 2023

आज का हिन्दू पंचांग - 18 मई 2023

*दिनांक - 18 मई 2023*
*दिन - गुरुवार*
*विक्रम संवत् - 2080*
*शक संवत् - 1945*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - ग्रीष्म*
*मास - ज्येष्ठ (गुजरात एवं महाराष्ट्र में वैशाख)*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - चतुर्दशी रात्रि 09:42 तक तत्पश्चात अमावस्या*
*नक्षत्र - अश्विनी सुबह 07:22 तक तत्पश्चात भरणी*
*योग - सौभाग्य शाम 07:37 तक तत्पश्चात शोभन*
*राहु काल - दोपहर 02:16 से 03:55 तक*
*सूर्योदय - 05:58*
*सूर्यास्त - 07:15*
*दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:32 से 05:15 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:15 से 12:57 तक*
*व्रत पर्व विवरण - सवित्री चतुर्दशी (बंगाल)*
*विशेष - चतुर्दशी के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

*नकारात्मक ऊर्जा मिटाने के लिए🔹*

*18 मई रात्रि 09:42 से 19 मई रात्रि 09:22 तक अमावस्या है ।*

*घर में हर अमावस्या अथवा हर १५ दिन में पानी में खड़ा नमक (१ लीटर पानी में ५० ग्राम खड़ा नमक) डालकर पोछा लगायें । इससे नेगेटिव एनर्जी चली जाएगी । अथवा खड़ा नमक के स्थान पर गौझरण अर्क भी डाल सकते हैं ।*
      *lपूज्य बापूजी - रजोकरी, ३० नवम्बर २०१०*

*🔹कुछ देर 'ॐकार ' का कीर्तन करें-करायें । ऐसा करने से समस्त प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है तथा ऊपरी एवं बुरी शक्तियों का प्रभाव भी दूर हो जाता है ।*

*आरोग्यप्रदायक - सूर्य मन्त्र🔹*

*ॐ नमोऽस्तु दिवाकराय अग्नि तत्वप्रवर्धकाय शमय शमय शोषय शोषय अग्नितत्वं समतां कुरु कुरु ॐ ।*

*गर्मी से उत्पन्न शारीरिक रोग, बुद्धि की विकलता ( उन्माद ,पागलपन ) अथवा दुर्बलता, दृष्टि-रोग, अग्नि- तत्व की बिषमता, शरीर में जलन आदि हो तो इनके निवारण के लिए सूर्य मन्त्र हैं । किसी भी अमावस्या को 40 बार जप करने से यह मन्त्र सिद्ध हो जाता हैं ।  - पूज्य बापूजी*

*गुरुवार विशेष 🔹*

*हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में शुद्ध कच्चा दूध गाय का थोड़ा-सा ही डाले तो, उस घर में लक्ष्मी स्थायी होती है और गुरूवार को व्रत उपवास करके गुरु की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती है ।*

*गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की निम्न प्रकार से पूजा करें :*

*एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं ।*
 

*ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः ।*
* फिर उपरोक्त मंत्र बोलते हुए आम के वृक्ष की पांच परिक्रमा करें और गुरुभक्ति, गुरुप्रीति बढ़े ऐसी प्रार्थना करें । थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को डाल दें ।*

*( लोक कल्याण सेतु , अंक - ११६ )*

*गुरुवार को बाल कटवाने से लक्ष्मी और मान की हानि होती है ।*

*गुरुवार के दिन तेल मालिश हानि करती है । यदि निषिद्ध दिनों में मालिश करनी ही है तो ऋषियों ने उसकी भी व्यवस्था दी है । तेल में दूर्वा डाल के मालिश करें तो वह दोष चला जायेगा ।*

आज का हिन्दू पंचांग - 17 मई 2023

आज का हिन्दू पंचांग - 17 मई 2023

*दिनांक - 17 मई 2023*
*दिन - बुधवार*
*विक्रम संवत् - 2080*
*शक संवत् - 1945*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - ग्रीष्म*
*मास - ज्येष्ठ (गुजरात एवं महाराष्ट्र में वैशाख)*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - त्रयोदशी रात्रि 10:28 तक तत्पश्चात चतुर्दशी*
*नक्षत्र - रेवती सुबह 07:39 तक तत्पश्चात अश्विनी*
*योग - आयुष्मान रात्रि 09:18 तक तत्पश्चात सौभाग्य*
*राहु काल - दोपहर 12:36 से 02:16 तक*
*सूर्योदय - 05:58*
*सूर्यास्त - 07:14*
*दिशा शूल - उत्तर दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:32 से 05:15 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:14 से 12:57 तक*
*व्रत पर्व विवरण - मासिक शिवरात्रि, प्रदोष व्रत*
*विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*

* मासिक शिवरात्रि : 17 मई 2023*

*कर्ज मुक्ति हेतु -*

* हर मासिक शिवरात्रि को सूर्यास्त के समय घर में बैठकर अपने गुरुदेव का स्मरण करके शिवजी का स्मरण करते-करते ये 17 मंत्र बोलें ! जिनके सिर पर कर्जा ज्यादा हो वो शिवजी के मंदिर में जाकर दिया जलाकर ये 17 मंत्र बोलें ! इससे कर्जे से मुक्ति मिलेगी ।*

1)  *ॐ शिवाय नमः*
2) *ॐ सर्वात्मने नमः*
3) *ॐ त्रिनेत्राय नमः*   
4) *ॐ हराय नमः*
5) *ॐ इन्द्रमुखाय नमः* 
6) *ॐ श्रीकंठाय नमः*
7) *ॐ सद्योजाताय नमः*
8) *ॐ वामदेवाय नमः*
9) *ॐ अघोरहृदयाय नम:*
10) *ॐ तत्पुरुषाय नमः*
11) *ॐ ईशानाय नमः*    
12) *ॐ अनंतधर्माय नमः*
13) *ॐ ज्ञानभूताय नमः*
14) *ॐ अनंतवैराग्यसिंघाय नमः*
15) *ॐ प्रधानाय नमः*  
16) *ॐ व्योमात्मने नमः*
17) *ॐ व्यूक्तकेशात्मरूपाय नम:*

*चेहरे की झुर्रियां व चमक बढ़ाने के लिए*

*चेहरे पर बुढ़ापे की झुर्रियां पड़ गयी हों तो कड़वे बादाम का तेल, सोने से पहले जरा चेहरे पर रगड़ दो तो बुढ़ापे की झुर्रियों में फायदा होता है ।*

*सरसों के तेल में दही मिलाकर मलें तो भी चेहरे की झुर्रियां व चेहरे का सूखापन हट जायेगा ।*

*आँख के नीचे झुर्रियां पड़ गयी हों तो दूध की ताजी मलाई वहां हलके-हलके मलने से झुर्रियां ठीक होने लगती हैं । अथवा शहद व नींबू का रस मलें ।*

*नींबू का रस व ग्लिसरीन मिलाकर चेहरे पर मलें तो चेहरे की चमक बढ़ेगी ।*

*मेधावी व निरोगी संतान हेतु अनुभूत प्रयोग🔹*

*गर्भवती महिला रोज श्रद्धापूर्वक गाय का पूजन कर उसकी कम-से-कम एक परिक्रमा करे, उसे अपने हाथ से रोटी तथा गुड़ खिलाये और सुबह-शाम गोदुग्ध का पान करे तो निश्चित ही आनेवाली संतान फुर्तीली, सशक्त, मेधावी एवं निरोगी होगी और प्रसव भी सहज ढंग से होगा ।*

*प्रसव-पीड़ा कम होगी । उपरोक्त लाभों के लिए यह प्रयोग प्रतिदिन करना अनिवार्य है । प्रतिदिन सम्भव न हो तो जितने दिन सम्भव हो करे, तब भी लाभ होगा ।*

* लोक कल्याण सेतु –अक्टूबर २०१९*