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आज का हिन्दू पंचांग - 18 मई 2023

आज का हिन्दू पंचांग - 18 मई 2023

*दिनांक - 18 मई 2023*
*दिन - गुरुवार*
*विक्रम संवत् - 2080*
*शक संवत् - 1945*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - ग्रीष्म*
*मास - ज्येष्ठ (गुजरात एवं महाराष्ट्र में वैशाख)*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - चतुर्दशी रात्रि 09:42 तक तत्पश्चात अमावस्या*
*नक्षत्र - अश्विनी सुबह 07:22 तक तत्पश्चात भरणी*
*योग - सौभाग्य शाम 07:37 तक तत्पश्चात शोभन*
*राहु काल - दोपहर 02:16 से 03:55 तक*
*सूर्योदय - 05:58*
*सूर्यास्त - 07:15*
*दिशा शूल - दक्षिण दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:32 से 05:15 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:15 से 12:57 तक*
*व्रत पर्व विवरण - सवित्री चतुर्दशी (बंगाल)*
*विशेष - चतुर्दशी के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

*नकारात्मक ऊर्जा मिटाने के लिए🔹*

*18 मई रात्रि 09:42 से 19 मई रात्रि 09:22 तक अमावस्या है ।*

*घर में हर अमावस्या अथवा हर १५ दिन में पानी में खड़ा नमक (१ लीटर पानी में ५० ग्राम खड़ा नमक) डालकर पोछा लगायें । इससे नेगेटिव एनर्जी चली जाएगी । अथवा खड़ा नमक के स्थान पर गौझरण अर्क भी डाल सकते हैं ।*
      *lपूज्य बापूजी - रजोकरी, ३० नवम्बर २०१०*

*🔹कुछ देर 'ॐकार ' का कीर्तन करें-करायें । ऐसा करने से समस्त प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है तथा ऊपरी एवं बुरी शक्तियों का प्रभाव भी दूर हो जाता है ।*

*आरोग्यप्रदायक - सूर्य मन्त्र🔹*

*ॐ नमोऽस्तु दिवाकराय अग्नि तत्वप्रवर्धकाय शमय शमय शोषय शोषय अग्नितत्वं समतां कुरु कुरु ॐ ।*

*गर्मी से उत्पन्न शारीरिक रोग, बुद्धि की विकलता ( उन्माद ,पागलपन ) अथवा दुर्बलता, दृष्टि-रोग, अग्नि- तत्व की बिषमता, शरीर में जलन आदि हो तो इनके निवारण के लिए सूर्य मन्त्र हैं । किसी भी अमावस्या को 40 बार जप करने से यह मन्त्र सिद्ध हो जाता हैं ।  - पूज्य बापूजी*

*गुरुवार विशेष 🔹*

*हर गुरुवार को तुलसी के पौधे में शुद्ध कच्चा दूध गाय का थोड़ा-सा ही डाले तो, उस घर में लक्ष्मी स्थायी होती है और गुरूवार को व्रत उपवास करके गुरु की पूजा करने वाले के दिल में गुरु की भक्ति स्थायी हो जाती है ।*

*गुरुवार के दिन देवगुरु बृहस्पति के प्रतीक आम के पेड़ की निम्न प्रकार से पूजा करें :*

*एक लोटा जल लेकर उसमें चने की दाल, गुड़, कुमकुम, हल्दी व चावल डालकर निम्नलिखित मंत्र बोलते हुए आम के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं ।*
 

*ॐ ऐं क्लीं बृहस्पतये नमः ।*
* फिर उपरोक्त मंत्र बोलते हुए आम के वृक्ष की पांच परिक्रमा करें और गुरुभक्ति, गुरुप्रीति बढ़े ऐसी प्रार्थना करें । थोड़ा सा गुड़ या बेसन की मिठाई चींटियों को डाल दें ।*

*( लोक कल्याण सेतु , अंक - ११६ )*

*गुरुवार को बाल कटवाने से लक्ष्मी और मान की हानि होती है ।*

*गुरुवार के दिन तेल मालिश हानि करती है । यदि निषिद्ध दिनों में मालिश करनी ही है तो ऋषियों ने उसकी भी व्यवस्था दी है । तेल में दूर्वा डाल के मालिश करें तो वह दोष चला जायेगा ।*

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