Vkmagzine
Online
Welcome to Vk Magzine.

आज का हिन्दू पंचांग - 19 मई 2023

आज का हिन्दू पंचांग  - 19 मई 2023

*दिनांक - 19 मई 2023*
*दिन - शुक्रवार*
*विक्रम संवत् - 2080*
*शक संवत् - 1945*
*अयन - उत्तरायण*
*ऋतु - ग्रीष्म*
*मास - ज्येष्ठ (गुजरात एवं महाराष्ट्र में वैशाख)*
*पक्ष - कृष्ण*
*तिथि - अमावस्या रात्रि 09:22 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*
*नक्षत्र - भरणी सुबह 07:29 तक तत्पश्चात कृतिका*
*योग - शोभन शाम 06:17 तक तत्पश्चात अतिगण्ड*
*राहु काल - सुबह 10:58 से 12:36 तक*
*सूर्योदय - 05:57*
*सूर्यास्त - 07:15*
*दिशा शूल - पश्चिम दिशा में*
*ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 04:32 से 05:14 तक*
*निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:15 से 12:57 तक*
*व्रत पर्व विवरण - वटसावित्री व्रत (अमावस्यांत), ज्येष्ठ अमावस्या, शनैश्चर जयंती*
*विशेष - अमावस्या के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

*वटसावित्री व्रत - 19 मई 2023 *

* व्रत-विधि : इसमें वटवृक्ष की पूजा की जाती है । विशेषकर सौभाग्यवती महिलाएँ श्रद्धा के साथ ज्येष्ठ शुक्ल त्रयोदशी से पूर्णिमा तक अथवा कृष्ण त्रयोदशी से अमावास्या तक तीनों दिन अथवा मात्र अंतिम दिन व्रत-उपवास रखती हैं । यह कल्याणकारक व्रत विधवा, सधवा, बालिका, वृद्धा, सपुत्रा, अपुत्रा सभी स्त्रियों को करना चाहिए ऐसा 'स्कंद पुराण' में आता है ।*

* प्रथम दिन संकल्प करें कि 'मैं मेरे पति और पुत्रों की आयु, आरोग्य व सम्पत्ति की प्राप्ति के लिए एवं जन्म-जन्म में सौभाग्य की प्राप्ति के लिए वट-सावित्री व्रत करती हूँ ।'*

* वट के समीप भगवान ब्रह्माजी, उनकी अर्धांगिनी सावित्री देवी तथा सत्यवान व सती सावित्री के साथ यमराज का पूजन कर 'नमो वैवस्वताय' इस मंत्र को जपते हुए वट की परिक्रमा करें । इस समय वट को 108 बार या यथाशक्ति सूत का धागा लपेटें । फिर निम्न मंत्र से सावित्री को अर्घ्य दें ।*

*अवैधव्यं च सौभाग्यं देहि त्वं मम सुव्रते ।* *पुत्रान् पौत्रांश्च सौख्यं च गृहाणार्घ्यं नमोऽस्तु ते ।।*

* निम्न श्लोक से वटवृक्ष की प्रार्थना कर गंध, फूल, अक्षत से उसका पूजन करें ।*

*वट सिंचामि ते मूलं सलिलैरमृतोपमैः । यथा शाखाप्रशाखाभिर्वृद्धोऽसि त्वं महीतले ।*
*तथा पुत्रैश्च पौत्रैश्च सम्पन्नं कुरु मां सदा ।।*
*📖 ऋषि प्रसाद - जून 20087*

*ज्येष्ठ अमावस्या - 19 मई 2023*

*🔸18 मई रात्रि 09:42 से 19 मई रात्रि 09:22 तक अमावस्या है ।*

*अमावस्या विशेष*

*1. जो व्यक्ति अमावस्या को दूसरे का अन्न खाता है उसका महीने भर का किया हुआ पुण्य दूसरे को (अन्नदाता को) मिल जाता है ।*
*(स्कंद पुराण, प्रभास खं. 207.11.13)*

*2. अमावस्या के दिन पेड़-पौधों से फूल-पत्ते, तिनके आदि नहीं तोड़ने चाहिए, इससे ब्रह्महत्या का पाप लगता है ! (विष्णु पुराण)*

*4. अमावस्या के दिन खेती का काम न करें, न मजदूर से करवाएं ।*

*5. अमावस्या के दिन श्रीमद्भगवद्गीता का सातवाँ अध्याय पढ़ें और उस पाठ का पुण्य अपने पितरों को अर्पण करें । सूर्य को अर्घ्य दें और प्रार्थना करें । आज जो मैंने पाठ किया मेरे घर में जो गुजर गए हैं, उनको उसका पुण्य मिल जाए । इससे उनका आर्शीवाद हमें मिलेगा और घर में सुख-सम्पत्ति बढ़ेगी ।*

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Type here