अंतर्राष्ट्रीय अभिलेख दिवस - 9 जून : Antarrashtriya-abhilekh-divas-9June

अंतर्राष्ट्रीय अभिलेख दिवस - 9 जून

▪️ प्रतिवर्ष 9 जून को अभिलेखों और अभिलेखागार के महत्त्व के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने, सुशासन और विकास के लिए रिकॉर्ड प्रबंधन के लाभों के बारे में वरिष्ठ निर्णयकर्ताओं के बीच जागरूकता बढ़ाने, दीर्घकालिक अभिलेखीय संरक्षण और पहुँच की आवश्यकता के बारे में सार्वजनिक, निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों की समझ में सुधार एवं अभिलेखीय संस्थानों में संरक्षित अद्वितीय, असाधारण और दुर्लभ दस्तावेजों का प्रदर्शन और विश्व स्तर पर उनकी दृश्यता बढ़ाने के लिए अभिलेखों और अभिलेखागार की छवि को आगे बढ़ाने हेतु अंतर्राष्ट्रीय अभिलेख दिवस का आयोजन किया जाता है।

▪️ वर्ष 2005 में, संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) ने  पेरिस, फ्रांस में आयोजित यूनेस्को सामान्य सम्मेलन के 33वें सत्र के दौरान 27 अक्टूबर को ऑडियो-विज़ुअल हेरिटेज (WDAH) के लिए विश्व दिवस के रूप में घोषित किया।

▪️ WDAH हमारी साझा विरासत और स्मृति के प्रतिनिधित्व के रूप में तत्काल उपाय करने और ऑडियो-विजुअल दस्तावेजों के महत्त्व को स्वीकार करने की आवश्यकता के बारे में व्यापक जागरूकता बढ़ाने का एक अवसर बनाता है।

▪️ ऑडियो-विजुअल दस्तावेज हमारी दस्तावेजी विरासत का केवल एक हिस्सा है जो अंतर्राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित करते हैं।

▪️ कालांतर में वर्ष 2007 की आईसीए वार्षिक आम बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 9 जून को अंतर्राष्ट्रीय अभिलेखागार दिवस के रूप में मनाया जाएगा।

▪️ भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत एक संबद्ध कार्यालय है।

▪️ इसकी स्‍थापना 11 मार्च, 1891 को कोलकाता (कलकत्ता) में इंपीरियल रिकॉर्ड विभाग के रूप में की गई थी।

▪️ वर्ष 1911 में राजधानी के कलकत्ता से दिल्ली स्थानांतरण के बाद भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार के इस वर्तमान भवन का निर्माण वर्ष 1926 में किया गया था।

▪️ इसे सर एडविन लुटियन द्वारा डिज़ाइन किया गया था। कलकत्ता से नई दिल्ली में सभी अभिलेखों के हस्तांतरण का कार्य वर्ष 1937 में पूरा हुआ।

▪️ यह सार्वजनिक रिकॉर्ड अधिनियम, 1993 (Public Records Act, 1993) और सार्वजनिक रिकॉर्ड नियमावली, 1997 (Public Record Rules, 1997) के कार्यांवयन के लिए एक नोडल एजेंसी है।