बंगाल की सियासत में 'मोदी चोर' पर बवाल

आज की बड़ी खबरें: बंगाल से बिहार तक सियासी बवाल

इसको और बेहतर ढंग से समझने के लिए, नीचे दिए गए वीडियो को देखना न भूलें।


1. बंगाल की सियासत में 'मोदी चोर' पर बवाल: विधानसभा से सड़क तक सियासी घमासान
2. PM मोदी की मां के अपमान पर बिहार की राजनीति में हंगामा, क्या 2025 चुनावों में होगा असर?
3. 'द बंगाल फाइल्स' क्यों बनी विवादों का केंद्र? जानें 1946 के उस नरसंहार की पूरी कहानी

बंगाल की सियासत में 'मोदी चोर' पर बवाल: विधानसभा से सड़क तक सियासी घमासान 

"देश बचाओ, बीजेपी हटाओ, देश बचाओ।

मोदी चोर मोदी चोर, मोदी चोर बीजेपी चोर।"

नरेंद्र मोदी को अपशब्द कहना इनडी गठबंधन का फैशन बनता जा रहा है। बंगाल में विधानसभा के अंदर आज नरेंद्र मोदी के नाम पर बड़ा बवाल हो गया। ममता बनर्जी ने पीएम मोदी पर डायरेक्ट अटैक करना शुरू कर दिया। खुद मुख्यमंत्री होते हुए विधानसभा के अंदर ना सिर्फ देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ नारेबाजी की, सीधा देश के प्रधानमंत्री को चोर कह दिया बॉस। बल्कि अपनी पार्टी के विधायकों को भी नारेबाजी के लिए उकसाया। सो अलग।

दरअसल, अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में ममता बनर्जी अवैध घुसपैठियों पर हो रहे एक्शन को बंगाली प्रवासियों पर अत्याचार साबित करने में जुटी हैं। इसी नैरेटिव को सेट करने के लिए बंगाल विधानसभा के विशेष सत्र की चर्चा रखी गई। और जब आज सीएम ममता बनर्जी इस प्रस्ताव पर बोलना शुरू की तो बीजेपी के विधायकों ने विरोध शुरू किया। इस पर ममता बनर्जी भड़क गई और उन्होंने पीएम मोदी पर पर्सनल अटैक शुरू कर दिया। आप सुनिए ममता बनर्जी कैसे विधानसभा के अंदर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चोर बुला रही हैं। खुद भी नारे लगा रही हैं औरों से भी लगवा रही हैं। कैसे विधानसभा में बवाल हुआ है? एक बार देखिए जरा।


बंगाल विधानसभा में 'मोदी चोर' के नारे, TMC-BJP में बढ़ा सियासी संग्राम

"हम बोली समस्त लोग

मोदी चोर मोदी चोर मोदी चोर बीजेपी चोर

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बीजेपी चोर अमित शाह चोर अमित शाह चोर  शाह चोर

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बीजेपी चोर मोदी चोर बीजेपी चोर मोदी चोर

बीजेपी चोर मोदी चोर बीजेपी चोर मोदी चोर

बीजेपी चोर मोदी चोर बीजेपी चोर मोदी चोर

बीजेपी चोर सबको चोर"

अब सोचिए क्या इस देश की पॉलिटिक्स का लेवल हो गया है। एक प्रदेश की मुख्यमंत्री विधानसभा में खड़े होकर देश के प्रधानमंत्री को चोर बुला रही है और वह मुख्यमंत्री बुला रही हैं जिनकी तीन बार से बंगाल में सरकार है। अगर बीजेपी वोट चुराती है, नरेंद्र मोदी वोट चुराते हैं तो ममता बनर्जी तीन बार से बंगाल में मुख्यमंत्री कैसे हैं? इसका जवाब नहीं दे रही हैं। लेकिन अगर अवैध घुसपैठियों पर कारवाई हो रही है तो सदन में खड़े होकर नरेंद्र मोदी को चोर बुला रही हैं।

सीएम ममता बनर्जी की पीएम मोदी के खिलाफ नारेबाजी से विधानसभा में हंगामा बढ़ गया। बीजेपी के विधायकों ने भी नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामा बढ़ा तो विधानसभा के स्पीकर ने सीएम के भाषण में बाधा डालने के लिए बीजेपी के विप शंकर घोष को सदन से सस्पेंड कर दिया। इसके बाद तो बीजेपी के विधायक और ज्यादा भड़क गए।

मतलब आप लेवल देखिए कि देश के पीएम को चोर बुलाया जा रहा है उन पे कोई कारवाई नहीं हो रही। जो विधायक भड़क गए सुन के पीएम मोदी को चोर बुलाया जा रहा है इस पर तो उन पर एक्शन हो गया। टीएमसी विधायकों से तीखी झड़प भी हो गई बाद में। इसके बाद स्पीकर ने बीजेपी के चार और विधायक सस्पेंड कर दिए और जब बीजेपी के चीफ विप और बीजेपी विधायकों ने सदन से बाहर जाने से इंकार किया तो स्पीकर ने उन्हें बाहर करने के लिए मार्शल बुला लिया।

बीजेपी का आरोप है कि मार्शल्स ने बीजेपी के चीफ विप शंकर घोष को घसीटते हुए बाहर निकाला जिसकी वजह से वह बेहोश हो गए और उन्हें चोट भी आई। बीजेपी के चीफ विप विधानसभा परिसर में एक सोफे पर बैठे नजर आए। इस दौरान बीजेपी के विधायक उन्हें संभालते दिखे। लेकिन जब तबीयत ज्यादा बिगड़ गई तो आननफानन में उन्हें एंबुलेंस की मदद से नजदीक के अस्पताल ले जाया गया। बीजेपी के चीफ विप के साथ धक्कामुक्की से भड़के नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने सदन में तैनात मार्शल्स को टीएमसी का गुंडा बता दिया। सुनिए शुभेंदु अधिकारी को एक बार।

"मार्शल एंड द सिक्योरिटी पर्सनल ऑल आर गुंडा। टीएमसी कैडर गणतंत्र ब्रूटली अटैक एंड फिजिकली असल्टेड एंड इंजर्ड चीफ अपोजिशन शंकर घोष।"

बीजेपी के चीफ वेपी नहीं दूसरे सस्पेंड किए गए विधायकों को भी मार्शल की मदद से उठाकर विधानसभा से बाहर कर दिया गया। बीजेपी विधायकों पर हुई कारवाही से भड़की बीजेपी ने शुभेंदु अधिकारी की अगुवाई में विधानसभा भवन के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया। बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने पीएम मोदी के खिलाफ सीएम ममता बनर्जी के बयान को पूरी तरह मोदी कम्युनिटी का अपमान बताया और उनके खिलाफ केस करने की बात कही। सुनिए शुभेंदु अधिकारी।

"मोदी कम्युनिटी को गाली दिया राजस्थान और गुजरात मध्य प्रदेश में दिल्ली में ममता को जाना पड़ेगा। केस होगा उनके खिलाफ।"

यानी शुभेंदु अधिकारी कह रहे हैं कि जो ममता बनर्जी नारे लगा रही थी मोदी चोर मोदी चोर वो पूरी मोदी कम्युनिटी के खिलाफ है और इसलिए ममता बनर्जी पर केस होगा। अब यह समझना भी जरूरी है कि बंगाल विधानसभा में हुए बवाल की शुरुआत हुई कैसे? ममता सरकार ने 1 सितंबर से 3 सितंबर तक विधानसभा का तीन दिनों का विशेष सत्र बुलाया था। इस सत्र में अवैध घुसपैठियों पर हो रहे एक्शन पर चर्चा का प्रस्ताव रखा गया था। आरोप लगाया गया था कि कारवाही के बहाने बंगाली प्रवासियों पर अत्याचार हो रहा है। 2 सितंबर को चर्चा के दौरान नेता विपक्ष और बीजेपी विधायक शुभेंदु अधिकारी ने टीएमसी को पाकिस्तान का एजेंट बताया जिसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया। आज जब सीएम ममता बनर्जी के भाषण के दौरान बीजेपी विधायकों ने शुभेंदु अधिकारी को सस्पेंड किए जाने का विरोध किया तो बवाल शुरू हो गया। और जब हंगामे की वजह से सीएम ममता बनर्जी भाषण शुरू नहीं कर पाई तो उन्होंने पीएम मोदी ही नहीं पूरी बीजेपी के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। आप भी ममता बनर्जी को सुनिए। फिर बताऊंगा पीएम मोदी और बीजेपी पर ममता बनर्जी के अटैक पर बीजेपी क्या कह रही है।

"बीजेपी हटाओ, देश बचाओ।

बीजेपी हटाओ, देश बचाओ। बीजेपी हटाओ, देश बचाओ, बीजेपी हटाओ, देश बचाओ, बीजेपी चोर है।

चोर है, चोर है।

बीजेपी चोर है।

चोर है, चोर है।

बीजेपी चोर है।

चोर है, चोर है।

बीजेपी चोर है।"

विधानसभा को जैसे रैली का मंच बना दिया। वहां इस तरह की भाषा का इस्तेमाल हुआ। ममता बनर्जी ने जिस तरह विधानसभा के अंदर पीएम मोदी पर पर्सनल अटैक किया पूरी बीजेपी को निशाने पर लिया उसे बीजेपी ने ममता बनर्जी की बौखलाहट बताया। ममता बनर्जी को अराजकता का प्रतीक बता दिया। बीजेपी प्रवक्ता प्रदीप भंडारी और गौरव भाटिया भाटिया को सुनिए दोनों ने क्या कहा है।

प्रदीप भंडारी: देखिए ममता बनर्जी बौखला चुकी है क्योंकि जमीन ममता बनर्जी के पैरों के नीचे से खिसक रही है। इसीलिए एक अलोकतांत्रिक रूप से बंगाल की असेंबली के अंदर ममता बनर्जी ने भारतीय जनता पार्टी के तमाम एमएलए को उनके इंस्ट्रक्शंस पे असेंबली से बाहर हटा दिया गया।

गौरव भाटिया: ममता अराजक बनर्जी जंगल राज का प्रतीक जिन्होंने संविधान की शपथ ली है। अब विधानसभा के पटल पर पूरी तरह से संविधान को तारतार करती है। और गुंडागर्दी क्या होती है यह लाइव टीवी पर दिखाती है।


बिहार में 'मां की गाली' पर महासंग्राम, रविशंकर प्रसाद ने उठाए सवाल

एक तरफ बंगाल में ममता बनर्जी की जमीन खिसकती दिख रही है। दूसरी तरफ बिहार में पीएम मोदी को दी गई मां की गाली के खिलाफ आज गजब हंगामा हुआ। इस हंगामे ने दिखा दिया कि पीएम मोदी की मां के अपमान का मुद्दा बिहार चुनाव में बड़ा मुद्दा बन चुका है। जिससे एनडी गठबंधन के नेताओं को कुछ सूझ नहीं रहा क्योंकि पीएम मोदी खुद इसे बिहार की हर मां और बेटी का अपमान बता चुके और उन्होंने गाली देने वालों को सबक सिखाने की भावुक अपील की। पीएम मोदी की इस अपील का असर आज एनडीए के बिहार बंद में दिखा। बंद में शामिल लोगों ने साफ कर दिया कि प्रधानमंत्री मोदी को दी गई मां की गाली सहन नहीं की जाएगी।


बिहार की राजधानी पटना, समस्तीपुर, कटिहार समेत सभी शहरों में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे और पीएम मोदी को दी गई मां की गाली पर विरोध जताया। पटना में बंद में शामिल हुए बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने इस बात पर हैरानी जताई कि अब तक इस घटना के लिए राहुल गांधी और तेजस्वी यादव दोनों ने माफी क्यों नहीं मांगी? तेजस्वी यादव हालांकि कह चुके हैं कि भाई एक इंटरव्यू में कि ऐसा नहीं होना चाहिए था। लेकिन यह मामला अब गमा चुका है।



'कश्मीर फाइल्स' के बाद 'बंगाल फाइल्स', क्यों रिलीज से पहले ही मचा है हंगामा?

अब अगला चैप्टर जिसमें आपको बताने जा रहा हूं कश्मीर फाइल्स के बाद बंगाल फाइल्स। फिल्म में हिंदुओं का कौन सा दर्द दिखाया गया है कि हंगामा मच गया है। मारा काटा जलाया बंगाल के नोआ खाली में हिंदू नरसंहार का वो चैप्टर जिसे सुनकर रोंगटे खड़े हो जाएंगे। कश्मीर फाइल्स के बाद एक और फिल्म ने आजकल हड़कंप मचा रखा है और यह फिल्म अभी आई नहीं है। कल रिलीज हो रही है और इस फिल्म पर जबरदस्त बवाल हो रहा है। यह फिल्म कल रिलीज होगी जिसका नाम है बंगाल फाइल्स जिसे कश्मीर फाइल्स के मशहूर डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने बनाया है। लेकिन कश्मीर फाइल्स की तरह ही बंगाल फाइल्स पर जबरदस्त हंगामा हो रहा है। खासतौर पर बंगाल में तो फिल्म का भयंकर विरोध हो रहा है। कोलकाता में फिल्म की रिलीज़ पर खतरा मंडरा रहा है। कई मल्टीप्लेक्स इस फिल्म की स्क्रीनिंग से इंकार कर चुके हैं। यह आरोप लग रहा है।


हालात यह हैं कि फिल्म की प्रोड्यूसर पल्लवी जोशी ने राष्ट्रपति से दखल देने की अपील की।

इतना बवाल इस फिल्म को लेकर हो रहा है कि लोगों की उत्सुकता बढ़ गई कि फिल्म में ऐसा बंगाल को लेकर क्या दिखा दिया गया है? बंगाल का कौन सा इतिहास दिखाया गया है जो हिंदुओं से छुपाया गया था? और जब इस इतिहास के पन्ने खुल रहे हैं तो विरोध क्यों हो रहा है? पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले ही फिल्म का विरोध कर चुकी हैं। जब कोलकाता में फिल्म की स्क्रीनिंग की गई तो पुलिस ने उसे जबरन रुकवा दिया। बंगाल में फिल्म को रोकने के लिए क्या-क्या किया जा रहा है वो भी देखिए। बंगाल में फिल्म के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की गई। बंगाल में थिएटर मालिकों को धमकियों दे धमकियां देने का आरोप लग रहा है। टीएमसी पर राजनीतिक दबाव बनाने का आरोप लगाया गया है और फिल्म की टीम मेंबर्स पर हमले की आशंका जताई गई है। फिल्म के ट्रेलर तक को बंगाल में ब्लॉक कर दिया गया है। यह विवेक अग्निहोत्री खुद आरोप लगा रहे हैं। लेकिन इतना होने के बाद भी द बंगाल फाइल्स मूवी कल रिलीज हो रही है देश भर में। जरा सा इसका ट्रेलर देखिए। फिर आपको दिखाता हूं कि फिल्म ने हिंदुओं का कौन सा दर्द दिखाया है। नोआ खाली में क्या हुआ था? वो कौन सा नरसंहार था हिंदुओं का जिसे सुनकर रोंगटे खड़े हो जाएंगे।

विवेक अग्निहोत्री की इस फिल्म में 1946 के उस भयंकर नरसंहार की कहानी है जिसे ग्रेट कोलकाता किलिंग कहा जाता है। इसके अलावा नोआखाली में हुए हिंदुओं के नरसंहार को भी दिखाया गया है। फिल्म में पल्लवी जोशी, अनुपम खेर, दर्शन कुमार और मिथुन चक्रवर्ती की एक्टिंग है। लेकिन सबसे ज्यादा चर्चा फिल्म की स्क्रिप्ट यानी कहानी की है। फिल्म में जिस तरह से हिंदुओं के नरसंहार को दिखाया गया है। हिंदुओं पर हुए अत्याचार के इतिहास को पर्दे पर उतारा गया है। उसके बारे में बहुत लोगों को शायद पता ही नहीं होगा। 16 अगस्त को जब कोलकाता में फिल्म की स्क्रीनिंग की गई तब भी जमकर बवाल हुआ था। एक होटल में जब स्क्रीनिंग चल रही थी तो कोलकाता पुलिस पहुंच गई थी और स्क्रीनिंग को बीच में ही रोक दिया गया था। इस दौरान पुलिस की टीम से बहसबाजी हुई थी विवेक अग्निहोत्री और बाकी लोगों की लेकिन कोलकाता पुलिस ने किसी की नहीं सुनी। पुलिस के अधिकारियों के साथ विवेक अग्निहोत्री की जमकर बहस हुई थी जो बड़ी वायरल भी हुई थी।

फिल्म का विरोध क्या इसलिए हो रहा है क्योंकि इसमें वो दिखाया गया है जो अब तक देश से छिपाया गया था। इसलिए यह जानना भी जरूरी है कि कोलकाता और नोवा खाली में आखिर हुआ क्या था। भारत के विभाजन के लिए मुस्लिम लीग ने 16 अगस्त 1946 को डायरेक्ट एक्शन डे करार दिया था। इस दिन कोलकाता के मुसलमान सड़क पर उतरे थे और अपने लिए अलग पाकिस्तान की मांग की थी। इसके बाद कोलकाता में भड़के दंगों में हजारों लोग मारे गए। जिसमें ज्यादातर हिंदू थे। कोलकाता दंगों के बाद बंगाल के ही नोआखाली और तिपेरा में भी तनाव बढ़ गया। अफवाह फैला दी गई कि हिंदुओं ने मुसलमानों पर हमला किया और हथियार जमा किए। इसके बाद 10 अक्टूबर 1946 को लक्ष्मी पूजा के दिन नोआखाली में दंगे शुरू हुए। मुस्लिम लीग के नेताओं ने मियार फौज और कासिमर फौज के साथ शाहपुर बाजार पर हमला किया। इसके बाद पूरे नोआखाली में हिंदुओं का नरसंहार किया गया।

कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक नोवाखाली में 5000 से ज्यादा हिंदुओं को मार दिया गया। हजारों हिंदू महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ। अपहरण की घटनाएं हुई। कई महिलाओं को जबरन इस्लाम कबूल करने और मुस्लिम पुरुषों से विवाह करने के लिए मजबूर किया गया। हजारों हिंदुओं को जबरन इस्लाम कबूल करवाया गया। उन्हें नमाज पढ़ने और गाय का मांस खाने के लिए मजबूर किया गया। हिंदुओं के घरों, दुकानों और मंदिरों को लूटा गया, जलाया गया। स्वतंत्रता सेनानी लालमोहन सेन, राजेंद्र लाल राय चौधरी और सुरेंद्रनाथ बसू हिंदुओं को मार दिया गया। हिंसा के बाद महात्मा गांधी ने नवंबर 1946 से मार्च 1947 तक नोवाखाली में 4 महीने बिताए। गांधी जी ने गांव-गांव घूमकर शांति और सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देने की कोशिश भी की। लेकिन कहा जाता है कि गांधी जी ने भी सिर्फ हिंदुओं से कहा कि तुम शांत रहो, तुम शांत रहो। उन पे भी एक तरीके से एक वर्ग है जो आरोप लगाता है। लेकिन हिंदुओं के इस नरसंहार को आप में से कितने लोग जानते हैं। और कहा जा रहा है कि वही सच्चाई फिल्म में दिखा दी गई है जो कि बंगाल को किस तरह से टारगेट किया गया, हिंदुओं को टारगेट किया गया, ये कई लोगों को पसंद नहीं आ रहा। कोलकाता और नोवाखाली में हिंदुओं के साथ हुए नरसंहार का यही इतिहास अब विवेक अग्निहोत्री सामने लेकर आए हैं तो बवाल मच रहा है। एक बार सुनिए उनको।

विवेक अग्निहोत्री: भारत दुनिया का वो देश है जो सबसे ज्यादा समय तक प्रताड़ित हुआ और गुलाम रहा। ना सिर्फ जमीन का लेकिन अपनी आत्मा का भी, अपने संस्कृति का भी, अपने धर्म का भी। पूरे 1200 साल हमारी संस्कृति, हमारे धर्म, हमारी पहचान को, हमारे साहित्य को, हमारी कला को, हमारे आर्किटेक्चर को दंडित और खंडित किया गया। और उसमें एक सबसे भयानक और सबसे दर्दनाक चैप्टर है बंगाल का जहां डायरेक्ट एक्शन डे और नोवाखाली जैसा हिंदू जेनोसाइड हुआ। और अगर वो नहीं होता तो शायद भारत का विभाजन भी नहीं होता। लेकिन यह सब भुला दिया गया हो या शायद छुपा दिया गया हो।

अब बंगाल में इसको लेकर पॉलिटिक्स इसलिए भी हो रही है क्योंकि विवेक अग्निहोत्री का कहना है कि बंगाल आज तक आजाद नहीं हुआ। बंगाल में आज भी वैसे ही हालात हैं और फिल्म उस पुराने जख्म को कुरेद रही है। यह भी उन पर आरोप लग रहा है। फिल्म की रिलीज शांति से हो सके इसके लिए फिल्म की प्रोड्यूसर पल्लवी जोशी ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू तक को चिट्ठी लिखी। चिट्ठी में टीएमसी के राजनीतिक दबाव और धमकियों का जिक्र है। प्रोड्यूसर ने अपनी टीम के लिए सुरक्षा की मांग की है।

पल्लवी जोशी ने राष्ट्रपति से अपील की है कि यह फिल्म डायरेक्ट एक्शन डे के हिंदू नरसंहार, नोवाखाली की भयावहता और विभाजन के आघात की लंबे समय से दबी सच्चाई को बयां करती है। लेकिन पश्चिम बंगाल में सच्चाई कटघरे में है। फिल्म पूरी होने से कई साल पहले मुख्यमंत्री ने फिल्म का मजाक उड़ाया था। तभी से बेबुनियाद एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस ने हमारे ट्रेलर को रोक दिया है और अखबार भी अखबारों में ऐड भी देने से बचते हैं। अखबार भी ऐड देने से बचते हैं। यानी फिल्म के प्रोड्यूसर जो हैं, डायरेक्टर जो हैं उनका आरोप है कि जानबूझकर ममता बनर्जी इस फिल्म को बंगाल में नहीं आने देना चाहिए। जबकि उन पर आरोप है कि वह पॉलिटिक्स कर रहे हैं। प्रोपगेंडा फिल्म बना रहे हैं। अब फिल्म कल रिलीज हो जाएगी। पब्लिक खुद देखकर तय कर सकती है कि प्रोपेगेंडा है या...



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