अमेरिका-चीन 'ट्रेड वॉर' का भड़का नया बवंडर: ट्रंप ने दिया 100% टैरिफ़ का 'डबल धमाका'!

अमेरिका-चीन 'ट्रेड वॉर' का भड़का नया बवंडर: ट्रंप ने दिया 100% टैरिफ़ का 'डबल धमाका'!

A new explosive storm of US-China 'trade war': 'Double Dhamaka' of 100% tariff!

नमस्कार! दुनिया में आजकल जो ड्रामा चल रहा है, उसे सुनकर आप कहेंगे कि बॉस, यह तो फिर से 'बिग बॉस' वाला माहौल हो गया! अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वॉर की जो आग ठंडी पड़ रही थी, उसे प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर फुल वॉल्यूम पर भड़का दिया है। खबर यह है कि ट्रंप ने शुक्रवार को चीन के आयात पर सीधा 100% टैरिफ़ ठोकने का ऐलान कर दिया है!

और सिर्फ़ टैरिफ़ ही नहीं! ट्रंप ने शी जिनपिंग के साथ अपनी आने वाली शिखर वार्ता (Summit) को भी रद्द करने का बड़ा हिंट दे दिया है। ऐसा लगता है कि ट्रंप ने लक्ष्मण रेखा खींच दी है, और अब चीन को 'जैसे को तैसा' वाला जवाब मिलेगा।

ट्रंप ने साफ़ कहा है कि यह नया 100% टैरिफ़, साथ ही 'क्रिटिकल सॉफ्टवेयर' पर एक्सपोर्ट कंट्रोल भी, 1 नवंबर से लागू हो जाएगा। इस बैलेंस्ड अप्रोच को वो बीजिंग के 'असाधारण रूप से आक्रामक' व्यापारिक एक्शन का सीधा जवाब बता रहे हैं।

ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल पर जो लिखा है, उसे सुनकर अमेरिका-चीन संबंधों की लुटिया डूबती दिख रही है:

"यह मानना असंभव है कि चीन ऐसा कदम उठाएगा, लेकिन उन्होंने ऐसा किया, और बाकी सब इतिहास है।"


बाज़ार में मची भगदड़: ट्रंप ने किया 'खेल खत्म'!

बॉस, यह ख़बर महज़ ख़बर नहीं है, बल्कि ग्लोबल मार्केट्स पर बम बनकर गिरी है! अनाउंसमेंट होते ही अमेरिकी बाज़ार चारों खाने चित्त हो गए। नैस्डैक 3.6% और S&P 500 2.7% लुढ़क गए! निवेशकों को यह साफ़ हो गया है कि वॉशिंगटन और बीजिंग के बीच आर्थिक टकराव का एक और दौर शुरू हो चुका है।

पहले से ही, चीन के निर्यात पर ट्रंप के पिछले कार्यकाल से लगा 30% टैरिफ़ चल ही रहा था। चीन भी 10% प्रतिशोधी टैरिफ़ लगाए बैठा था। लेकिन अब यह नया डबल धमाका आया है, जिसने बाज़ार को हिलाकर रख दिया है।

इस बार टकराव का ट्रिगर क्या है? वो है दुर्लभ पृथ्वी खनिज (Rare Earth Minerals)। ये वो क्रिटिकल एलिमेंट हैं जो स्मार्टफोन, इलेक्ट्रिक व्हीकल, यहाँ तक कि डिफेंस सिस्टम बनाने के लिए प्राणवायु जैसे ज़रूरी हैं। और इस सेक्टर पर दुनिया को मालूम है, चीन का एकाधिकार (dominance) चलता है।

ट्रंप ने बीजिंग के इस रुख को 'बहुत शत्रुतापूर्ण' बताते हुए दहाड़ लगाई:

"चीन को दुनिया को बंधक बनाने की इजाज़त किसी भी हाल में नहीं दी जा सकती।"


जिनपिंग की मुलाकात पर सवाल: ट्रंप ने मोड़ दिया 'यू-टर्न'!

ट्रंप ने एक और मास्टरस्ट्रोक खेला है। उन्होंने दक्षिण कोरिया में होने वाली APEC शिखर बैठक में शी जिनपिंग से मिलने की अपनी योजना पर ही पानी फेर दिया है। यह इस साल व्हाइट हाउस लौटने के बाद उनकी पहली आमने-सामने की मुलाकात होने वाली थी।

ट्रंप का पोस्ट स्पष्ट था:

"मुझे दो हफ्ते में APEC में राष्ट्रपति शी से मिलना था, लेकिन अब ऐसा करने का कोई कारण नहीं दिखता।"

इससे पहले दिन में, ट्रंप ने झुनझुना बजाते हुए कहा था कि "चीन में कुछ बहुत अजीब हो रहा है।" उन्होंने बीजिंग पर छह महीने के अपेक्षाकृत अच्छे संबंधों के बावजूद 'बहुत शत्रुतापूर्ण' होने का आरोप लगाया। ट्रंप का कट्टर राष्ट्रहित वाला रुख एकदम शीशे की तरह साफ़ है। उनका आरोप है कि चीन 'घात लगाकर बैठा था' और चुपचाप दुर्लभ पृथ्वी के निर्यात पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रहा था—एक चाल जिसे उन्होंने 'दुष्ट और शत्रुतापूर्ण' करार दिया।

लेकिन बॉस! ट्रंप ने एक कड़क बात और कही कि अमेरिका के पास चीन से भी ज़्यादा मजबूत 'एकाधिकार वाली स्थितियाँ' हैं, और अब वह उन्हें इस्तेमाल करने को तैयार हैं! यह सीधी चुनौती है!


व्यापक प्रभाव: 'कॉलोनियल माइंडसेट' को जवाब!

ट्रंप की यह नई टैरिफ़ नीति सिर्फ़ ट्रेड तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके राजनीतिक साइड-इफ़ेक्ट भी हैं। उन्होंने अपने वोटर बेस अमेरिकी किसानों को रिझाने के लिए सोयाबीन खरीद के मुद्दे पर शी को दबाव में लाने की कसम खाई थी।

उधर, चीन ने भी पलटवार किया है। अमेरिका के चीनी जहाजों पर शुल्क लगाने के बाद चीन ने अमेरिकी-निर्मित जहाजों पर नए 'विशेष बंदरगाह शुल्क' लगा दिए हैं। साथ ही, अमेरिकी एफसीसी (FCC) ने भी ऑनलाइन बाज़ारों से 'लाखों' प्रतिबंधित चीनी उपकरणों को हटा दिया है।

FCC कमिश्नर की कड़क चेतावनी भी आई:

"चीन की कम्युनिस्ट पार्टी अमेरिकियों के घरों और व्यवसायों में असुरक्षित उपकरण डालने के लिए एक बहुआयामी प्रयास में लगी हुई है।"

यानी, बात साफ़ है। यह ट्रेड वॉर अब टेक्नोलॉजी और जियोपॉलिटिक्स का क्रैश कोर्स बन चुका है। ट्रंप ने अपनी ज़िद दिखा दी है, लेकिन दुनिया यह भी देख रही है कि चीन की औपनिवेशिक मानसिकता अब और नहीं चलेगी। मोदी नीति की तरह, अमेरिका ने भी दिखा दिया है कि 'ना झुकेंगे, ना रुकेंगे'!

तो, अब देखना यह है कि जिनपिंग का अगला दाँव क्या होगा? क्या यह ट्रेड वॉर वैश्विक अर्थव्यवस्था को मंदी के कगार पर धकेल देगा, या ट्रंप का यू-टर्न एक बार फिर कामयाब होगा?


A new explosive storm of US-China 'trade war': 'Double Dhamaka' of 100% tariff!

source: msn.com