किसान हुए 'खुशहाल': सरकार ने किए बंपर ऐलान, ड्रोन दीदी और दाल मिशन पर फुल फोकस!
खेती-किसानी की बात है, तो खबर भी खेतों की मिट्टी जितनी ताज़ा होनी चाहिए! यहाँ आपके लिए भारत की कृषि से जुड़ी सबसे नई और गरम खबरें, एकदम कड़क.......
बॉस, इस हफ़्ते किसानों की थाली में खुशियाँ और सरकारी योजनाएँ दोनों एक साथ आई हैं! प्रधानमंत्री ने खुद कृषि क्षेत्र के लिए कई बड़े फ़ैसले लिए हैं, जिससे लग रहा है कि सरकार अब सिर्फ़ गेहूँ-धान से आगे बढ़कर किसानों को 'लखपति' बनाने के मिशन पर है!
1. PM धन-धान्य कृषि योजना: ₹35,000 करोड़ का 'बंपर' पैकेज!
- सबसे बड़ी खबर यह है कि प्रधानमंत्री ने हाल ही में 'PM धन-धान्य कृषि योजना' समेत ₹35,000 करोड़ से ज़्यादा की कृषि योजनाएँ लॉन्च की हैं!
- मकसद: साफ़ है—बीज से लेकर बाज़ार तक पूरे कृषि इकोसिस्टम में बड़ा सुधार करना।
- फोकस: अब सिर्फ़ खेती पर निर्भर नहीं रहना है, बल्कि उन इलाकों पर ध्यान देना है जहाँ खेती संभव नहीं है। वहाँ पशुपालन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन और तटीय इलाकों में सीवीड फार्मिंग को बढ़ावा दिया जाएगा! यह किसान की आय को मल्टीप्लाई करने का 'मास्टरप्लान' है।
2. लखपति दीदी और 'नमो ड्रोन दीदी' का जलवा
- 'नारी शक्ति' अब खेतों में टेक्नोलॉजी की कप्तान बन रही है!
- 'लखपति दीदी' अभियान के तहत 3 करोड़ महिलाओं को सशक्त बनाया जा रहा है, जिसका सीधा फ़ायदा खेती को मिल रहा है।
- ड्रोन दीदियाँ: गाँवों में 'नमो ड्रोन दीदी' अब खाद और कीटनाशक छिड़काव के आधुनिक तरीक़ों का नेतृत्व कर रही हैं। इससे उनकी हज़ारों रुपए की कमाई हो रही है, और खेती की लागत भी कम हो रही है! यानी, खेती अब सिर्फ़ पुरुषों का काम नहीं रहा, बल्कि 'टेक-सैवी' महिलाओं का भी है!
3. दालों पर सरकार का 'दबाव': MSP और आत्मनिर्भरता मिशन
- दालों की कमी को दूर करने के लिए सरकार एक्शन मोड में है!
- नया मिशन: सरकार ने दाल उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए एक बड़ा मिशन शुरू किया है।
- किसानों को लाभ: इस मिशन के तहत पंजीकृत किसानों की तूर (अरहर), उड़द और मसूर जैसी दालों की 100% ख़रीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर की जाएगी। यह किसानों की आय को स्थिर करने का गारंटीड फॉर्मूला है!
4. PM किसान की 21वीं किस्त: सबको मिली या नहीं?
- किसानों के खाते में ₹2,000 वाली PM किसान सम्मान निधि योजना की 21वीं किस्त का इंतज़ार जारी है!
- स्टेटस अपडेट: कुछ राज्यों (जैसे पंजाब, हिमाचल, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर) के किसानों को 21वीं किस्त मिलनी शुरू हो गई है।
- 'चेतावनी': जो किसान ई-केवाईसी और भूलेखों का सत्यापन नहीं करवाएंगे, या जिनका आधार-बैंक लिंक नहीं होगा, उनकी किस्त अटक सकती है! इसलिए स्टेटस चेक करना ज़रूरी है।
5. कृषि यंत्रों पर 'बल्ले-बल्ले' वाली सब्सिडी!
- किसानों की लागत कम करने के लिए राज्यों में सब्सिडी की बहार आई है!
- जैसे, बिहार में खुरपी से लेकर ट्रैक्टर तक 91 प्रकार के कृषि यंत्रों की ख़रीद पर सब्सिडी मिल रही है।
- नए नियम: अब फ़र्ज़ीवाड़े को रोकने के लिए कई राज्यों में यह नियम बनाया गया है कि किसान पहले पूरा पैसा देकर यंत्र ख़रीदेंगे, और फिर जाँच-पड़ताल के बाद सब्सिडी की राशि सीधे उनके खाते में आएगी।
6. 'ई-नाम' पर अब और भी ज़्यादा व्यापार!
- डिजिटल मंडी यानी e-NAM (नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट) प्लेटफॉर्म पर अब व्यापार योग्य कृषि वस्तुओं की संख्या बढ़कर 247 हो गई है।
- फायदा: इससे किसानों को व्यापक बाज़ारों तक पहुँचने, लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने और अच्छी क्वालिटी के मानकों से फायदा उठाने का मौक़ा मिलेगा। ग्रीन टी और अश्वगंधा की सूखी जड़ें जैसी 9 नई वस्तुएँ भी इसमें जोड़ी गई हैं।
तो, बॉस! खेती अब सिर्फ़ परंपरा नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी, महिला सशक्तिकरण और सरकारी सपोर्ट से चलने वाला मल्टी-मिलियन डॉलर का मिशन बन गया है!
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